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Kuch to h jo uske mummy papa usse chupa rahe ,jisse iske padhai disturb n hoUPDATE 007
देर रात तक मै घर पहुंचा
ट्रेन में बैठने के बाद घर फोन कर दिया था कि आ रहा हूं तो खाना बना हुआ था
घर आकर मैने मम्मी पापा के पैर छुए
पापा सोफे पर थे और मम्मी किचन में
: मम्मी ( मैने उनको हग कर लिया पीछे से )
: हा बेटा ( कुछ उदास सी मुस्कुराई वो )
: क्या हुआ ? आप खुश नहीं हो ( मैने उन्हें अपनी ओर घुमाया )
उन्होंने मुझे बड़े गौर से देखा और एक फीकी मुस्कुराहट से मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी को छू कर : ये क्या , तू दाढ़ी बाल नहीं कटवाया ?
: वहा कौन देखेगा मुझे
: अच्छा और यहां कौन है ( अम्मी ने आंखे महीन करके मुझे देखने लगी )
: यहां मेरी प्यारी सी मम्मी है न हाहाहा ( मैने उनके नाक छू कर कहा और वो मुस्कुराई ) मै हूं न आपका हीरो बोलो
: हा मेरा लाला ( वो मेरे चेहरे को छू कर बोली ) जा हाथ मुंह धो ले और खाना निकाल दूं ।
मै मेरे कमरे में गया और सबसे पहले अपनी सोना को घर पहुंचने का मैसेज डाल दिया और मोबाइल चार्ज में लगा दिया । फिर फ्रेश होकर बाहर आया और पापा के पास बैठ गया
वो हाल में बैठे हुए न्यूज चैनल देख रहे थे , लगभग साल भर हो गया था कोरोना की खबरें सुनते हुए और खबर थी कि एक बार फिर अब देश के तेजी से केस बढ़ रहे है कोरोना के , कोई नया वेरिएंट आ गया है । पूरे आसार है कि फिर से लॉकडाउन लगने के । विदेशी यात्राओं पर रोक लगनी फिर से शुरू हो गई थी ।
आम तौर पर वैसे भी पापा और मेरी बहुत बात नहीं होती थी लेकिन इलाहाबाद से घर आने पर अक्सर वो मेरी पढ़ाई और परीक्षा को लेकर बातें करते थे लेकिन आज बहुत चुप थे ।
मुझे लगा कि कोई बात होगी और एक चीज मुझे अजीब लगी कि जब पापा जनवरी में ही वापस ड्यूटी पर गए थे तो होली से पहले वापस कैसे आ गए? सवाल लाजमी था लेकिन उनसे पूछताछ करने की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।
मम्मी से चर्चा कि वो बोली कि तबियत ठीक नहीं थी इसीलिए उन्हें बुलवा लिया है , ठीक हो जाएंगे तो वापस जाएंगे। मै फ़िक्र न करूं अपनी तैयारी पर ध्यान दूं ।
रात में खाने पीने के बाद मै मेरे कमरे में आया और अपनी जान को काल कर दिया
पहले तो स्पीकिंग टू समवन एल्स आया लेकिन आखिरी रिंग जाते जाते काल पिक हो ही गया
: हाय बाबू , क्या हो रहा है ?
: कुछ नहीं, बस आपको याद कर रही थी ( थोड़ी असहज होकर वो बोली )
: वैसे कल कितने बजे निकलोगे आप ? ( मै खुश होकर बोला )
: उम्मम, वही कालेज वाले टाइम पर आप कबतक आ जाओगे
: मुझे तो दुपहर हो जाएगी आते आते
: कोशिश करना कि जल्दी आ जाओ प्लीज , मुझे आपको हग करना है कस के
: मुझे भी , बाबू को मै खूब देर तक कडल करके रहूंगा और किस्सी भी दूंगा
: और मेरा गिफ्ट ?
: वो भी लाया हूं हीहीहीही
: चलो आप मुझे हग कर लो, मेरे सर में दर्द हो रहा है आज मुझे आपकी बाहों में सोना है ( वो बड़े प्यार से बोली )
: आजाओ मेरा बाबू , हग यू टाइटली मेरा सोना उम्माह , सो जाओ गुड नाइट लव यू
और कुछ ही देर में वो सो गई फिर मै भी
अगली सुबह
मै फ्रेश हुआ और ब्रश करके सलून चला गया और वापस आया तो पापा फोन पर किसी से बहस कर रहे थे
मामला थोड़ा गंभीर था , किसी की अम्मा बहन हो रही थी लेकिन मेरी असल समस्या ये थी कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे और लखनऊ जाने का बहाना मैने पहले ही सोच लिया था ।
नहाने जाने से पहले मैने मम्मी को किचन से अपने रूम में बुलाया
: क्या हुआ ?
: मम्मी , मुझे कुछ बुकस लेनी है और आज लखनऊ जाना है पैसे चाहिए ?
: बुक्स ठीक है लेकिन लखनऊ क्यों जाना है ? ( मम्मी फिक्र से बोली )
: अरे मम्मी ******* कोचिंग क्लास से का साल्व पेपर सेट लेना है , उससे मेरे एक्जाम में हेल्फ हो जाएगी ।
: अच्छा कितना चाहिए तुझे
: यही कोई 2500 ? ( मैने आज के खर्चे का पूरा हिसाब कर लिया था ) फिर मुझे अलाहाबाद के लिए खर्चा भी नहीं चाहिए होगा ।
: 2500 ? ( मम्मी चौकी और उनके चेहरे का रंग उड़ गया )
एक नजर उन्होंने पापा को फोन पर बात करते हुए देखा और फिर कुछ सोच कर वो अपने कमरे में गईं और 1500 लाकर मुझे दे दी
: ये ले पकड़ , जब वापस जायेगा तो 1000 और दे दूंगी , ठीक है और सुन टाइम से घर आ जाना
: ठीक है
फिर मै नहाने चला गया और मै अपनी फेवरेट ब्लैक शर्ट और डेनिम जींस के साथ कैजुअल शूज डाले और निकल गया ।
बस पकड़ कर लखनऊ और फिर मोहनलालगंज
ट्रैफिक और स्वारी बदल कर ढाई घंटे बाद मै मोहनलाल गंज तहसील पहुंचा ।
ये दूसरी बार था कि मै इस टाऊन में आया था , उतरते ही जैसे कितनी बेचैनी होने लगी और हाथ में लिए हुए एक पेपर बैग को लेकर मैने एक होटल का एड्रेस किसी से पूछा और उधर चल दिया ।
इस दौरान मैसेज से लगातार मेरी बात मेरी सोना से हो रही थी, वो घंटे भर पहले ही पहुंच गई थी अपने लोकेशन पर
मैने उसको काल लगाया और उसने काल उठाया
: हाय , किधर हो
: यही जहां बताया , आप किधर हो ( उसने पूछा)
: बस ये जो .... ओह माय गॉड ( आंखे बड़ी कर मैने सामने देखा उसे )
पलके झपका कर , गर्दन झटक कर
: क्या हुआ ( वो टेंशन में बोली )
: मै वापस जा रहा हूं
: अरे हुआ क्या ?
: सच सच बताओ , आप मुझे मारना चाहते हो न ( मैने उसको सताया )
: क्या ?
: यार इतना खूबसूरत दिखने की क्या जरूरत थी ( मैने उसे रेस्तरां के एक जगह बैठे हुए देखा )
ब्लैक सूट में फूल स्लीव
खुले बाल और मासूम सा चेहरा , जिसकी बेचैन निगाहे मुझे ही तलाश रही थी
: धत्त पागल, बताओ न कहा हो( वो खड़ी होकर मुझे खोजने लगी उस भीड़ में )
मै तो ठीक उसके सामने ही था और एकदम से उसकी नजरे मुझ पर गई
वो खुशी से चहक कर रेस्तरां से भागी और सीढ़ियां उतरती हुई मेरी ओर आने लगी , अपना घेरेदार फ्राकसूट को लहराती हुई ।
फिर एकदम से रुक गई और धीमी पड़ गई
: क्या हुआ ( उसने सामने 10 मीटर की दूरी पर खड़ा था मै )
: कोई देख लेगा तो ? ( उसका डर वाजिब था और ये था भी तो उसका ही शहर )
: फिर ?
: अंदर आओ बैठते है और वो घूम कर चली गई
इश्श उसके लचीले कमर के वो मादक झटके , मैने मेरी नजर को भटकने से रोका और मुस्कुरा कर उससे थोड़ी दूरी किए हुए अंदर चला गया ।
वो बैठी थी एक टेबल पर और मै उसकी ओर बढ़ा कि उसने मुझे फोन पर टोका
फोन मेरा चालू और नेकबैंड कनेक्ट , उसने शायद एयरबड्स लगाए थे
: वही बैठ जाओ , उसी टेबल पर
हम दोनो थे अब आमने सामने लेकिन हमारे टेबल अलग थे
मैने आंखों से उसकी आंखों में देखा और वो मेरी
: आई लव यू ( मैं उसके सामने से बोला )
वो मुस्कुरा दी और छिप कर मुंह पर हाथ रखते हुए बोली: लव यू सो मच मेरी जान, कितने हैंडसम लग रहे हो
: और आप कतई जहर ( एकदम से उसकी आंखे चमक उठी और गाल पूरे गुलाबी होठ शर्म से मुस्कुरा उठे )
: भक्क मार खाओगे आप
: मार ही डालो , अब और कितना तड़पाओगी उम्मम
हम दोनो एक दूसरे को निहार रहे थे और खो रहे थे
मेरी सांसे बेचैन होने लगी थी और वो समझ गई
: क्या हुआ बाबू
: मुझे हग करना है अभी ( मैने उसे अपनी बेचैनी बयान की )
वो भी अब अपना शरीर हिलाने लगी और इधर उधर देखने लगी
फिर उठ कर इशारे से मुझे अपने पीछे आने को कहा
मै अपना कैरीबैग लेकर चल दिया उसके पीछे
वो रेस्तरां के पीछे पार्किंग की जगह थी और आगे एक खाली और सुनसान जगह थी , दुनिया की भीड़ से अलग
मुझे डर भी लग रहा था और फिर मैं उसके सामने था और वो मेरे
इतने करीब आकर मेरे दिल की धड़कने तेज होने लगी और उसकी नजरे सीधा मेरे सीने पर
बिना कुछ बोले वो मेरी बाहों में हाथ घुसा कर अपना सर मेरे सीने पर रख दिया
अह्ह्ह्ह , एक लंबी सांस ले कर मानों उसकी रूह मुझसे जुड़ गई और पुरे जिस्म के एक बिजली सी दौड़ गई
मैने भी कस लिया उसे अपनी बाहों में और लिपट गया
: आई लव यू सोना
: मै भी बहुत ज्यादा मेरा बाबू ( वो दुबक आकर मेरी बाहों में बोली )
: आप सिर्फ मेरे हो , अब मत डरना ( मैने उसका चेहरा आगे कर उसकी आंखों में देखा )
वो मुझे देख रही थी पूरे विश्वास के साथ और मैने उसके माथे को चूम लिया , फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली
पास से और भी प्यारी लग रही थी वो , उसका वो नरमाहट भरा अहसास और मैने उसकी खूबसूरत आंखों को भी चूम लिया
सिहर कर वापस वो मेरे सीने से लग गई: मै आपको खोना नहीं चाहती, आई लव यू सो मच
: लव यू मेरा बच्चा ( मैने उसके बालों को सहलाया और फिर उसके गालों को अपने हथेली के भर उसका चेहरा आगे किया
उसके गुलाबी लब थोड़े सिकुड़ गए और बहुत नर्म दिख रहे थे और आंखे बंद कर मै उनकी ओर बढ़ा और उसने भी आंखे बंद कर ली
फिर हम दोनो के होठ आपस से टच हुए एक अलग ही तरह की ऊर्जा पूरे बदन में महसूस हुई और वो मुस्कुराई साथ में भी
वापस से मैने उसके लिप्स पर किस किया : आई लव यू सो मच
वो फिर से मेरे सीने से लग गई
: बाबू
: हम्म्म? ( वो मुझसे लिपटी हुई बोली )
: चलें
: उन्हूं, नहीं जाना मुझे कही ( वो मुझे पकड़े हुए अपने गर्दन को मेरे सीने ओर हिला कर बड़ी मासुमियत से बोली और मुझे उसपर पहले से ज्यादा प्यार आने लगा )
: कोई देख लेगा तो ?
आंखे उठा कर उसने मुझे घूरा और मै मुस्कुरा रहा था अपनी नाराज शेरनी को देखकर
: अच्छा चलो फोटो निकालते है
और वो खुश हो गई
फिर हमने सेल्फी ली और मैं उसको एक ड्रेस , एक गुलाब और एक चाकलेट और एक छोटा सा टेडी वाला की- रिंग दिया ।
बदले में उसने मेरी कलाई पर एक घड़ी बांध दी
मैने मुस्कुरा कर उसकी निशानी को चूम लिया और फिर उसे भी ।
समय को देखते हुए मैने उसे जाने दिया और शाम होने से पहले पहले मै भी घर वापस आ गया ।
उस रात हमारी बातें देर रात चली वो भी रोमांटिक वाली , वो पहली किस का अहसास और पहला हग
सुकून से मै सो गया ।
अगले दिन घर में कुछ बहुत अच्छा माहौल नहीं दिखा , पापा की परेशानी समझ से परे थी , मम्मी भी कुछ साफ साफ बताने को राजी नहीं थी ।
इसीलिए 10 फरवरी को ही मै वापस इलाहाबाद लौट गया ।
रूम पर आने के बाद रात में प्रिया खाना लेकर आई थी ।
मैने उसे बैठने को कहा और उसकी नजर मेरी कलाई पर थी
: मतलब गिफ्ट मिल गया उम्मम
मै थोड़ा शर्माया
: बताए नहीं और फोन भी उठाए मेरा
: सॉरी घर में कुछ अच्छा नहीं चल रहा था ( मैंने उसे पापा के टेंशन में रहने की बात बताई )
: फोटो नहीं दिखाओगे ? ( थोड़ा हिचक कर वो बोली )
: अरे हा , रुको
मैने मोबाइल निकाल कर उसके पास बैठ गया सट कर इतना ही हमारे पैर आपस में टच हो रहे थे , वो थोड़ा असहज हुई लेकिन मै अपनी खुशी के नशे में था
गैलरी खोलकर उसको दिखाई
कुछ मस्ती भरी सेल्फी और मेरी सोना के सिंगल पोट्रेट
: वाव, कितनी प्यारी है ( फिर उसने अपनी कलाई मुंह के पास रख कर थोड़ा सा ऊपर थूथू किया )
: ये क्या था ( मै अचरज से )
: वो नजर न उसे मेरी इसीलिए करते हैं ( कुछ उदास आंखों से वो बोली )
: उसने ने तुम्हारे लिए भी कुछ भेजा है
: क्या सच में ? क्या ?
फिर मैने एक कंगन सेट निकाल कर अपने बैग से दिया
: ओह वाव , उससे बात हो तो कहना मुझे बहुत पसंद आया और सॉरी नेक्स्ट टाइम मै भी कुछ दूंगी लेते जाना
: हा क्यों नहीं ( उसकी खुशी देखने लायक थी उसने फौरन वो कंगन अपने कलाई में डाल दिए और मुझे दिखाने लगी )
: अच्छे है न ?
: हा बहुत सुंदर ( कुछ सोच कर मै थोड़ा उदास हुआ बोला )
: मैने न तुम्हारे लिए ये रखा था
उसने एक छोटा सा वॉटर बॉल दिया कांच का जिसमें एक सफेद टेडी था जिसके पेट पर एक रेड हार्ट पर लिखा था BEST FRIEND FOREVER
बहुत खूबसूरत तोहफा था लेकिन उससे बढ़ कर उसकी मेरी लिए परवाह
फिर वो खाना खाने को बोलकर चली गई
मैने खाना खाया और अपनी सोना के पास काल घुमाया
: चले गए न फिर से छोड़ कर ( वो थोड़ा इतराई )
: फिर आऊंगा न बाबू आपके बर्थडे पर
: अच्छा सुनो , इस बार आना आप तो विशाल से जरूर मिलना । वो तो उसी दिन मिलना चाहता था लेकिन मैने मना कर दिया । खास दिन था हमारा और फिर वो सब भी नहीं कर पाते हीही
मै उसकी बातों से मुस्कुराने लगा और फिर उससे बाते करता हुआ कब सो गया पता ही नहीं चला ।
अगली सुबह आज फिर मेरा टेस्ट था और नहाने के लिए मै नीचे आया
आज फिर वही संयोग लेकिन चीजें कुछ बदली हुई थी
वो बजाय लोवर टीशर्ट के टॉप और नीचे उसने तौलिया लपेटा था
जैसे ही मै जीने से नीचे आया एकदम से उसको देख कर सन्न रह गया उसकी गोरी दूधिया टांगे देख कर और वो भी झट से बाथरूम में ।
मै वापस रूम में आ गया , चीजे मुझे कुछ बेचैन सी कर गई थी । हालांकि मै पोर्न देखे हुए था , मगर इतने सालों में ये मेरा उसके साथ ऐसा पहला सामना था ।
कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था और मैने महसूस किया कि लोवर में कुछ हरकत सी हो रही है , मुझे समझ आ रहा था कि मै क्या महसूस कर रहा हूं लेकिन मुझे ये यकीन नहीं हो रहा था ये फीलिंग मुझे प्रिया के लिए कभी महसूस होगी ।
मैने झट से दरवाजा बंद किया और लोवर निकाल कर अंडर वियर सरका दिया
बड़ा सा काला मूसल सांस लेता हुआ पूरा फनकार मारता हुआ , याद है वो दिन जब पहली बार मैने मूठ लगाई थी , दसवीं की बात रही होगी
मुहल्ले में एक अंकल थे जिनके बारे में ये चर्चा थी कि वो ब्लू फिल्मों के शौकीन है और उनके मोबाइल में ये सब भरा रहता है । संयोग की बात थी कि उस दिन वो मेरे यहां इन्वर्टर में मोबाइल चार्ज लगाने आए थे और मौका देख कर मै उनका मोबाइल चलाने लगा ।
एक दो वीडियो भगा कर देखने के बाद जो पहली उत्तेजना मुझे महसूस हुई थी वहीं आज मुझे महसूस हुई जब मैने पहली बार मैने प्रिया की नंगी चिकनी गोरी दूधिया टांगे देखी
मेरा लंड मेरे हाथ में था और उसकी तपिश मुझे मेरे हथेली में महसूस हो रही थी , लंड की नशे फड़कने लगी थी ,
मैने महसूस किया कि पढ़ाई के चक्कर में मैने बहुत कुछ ऐसे रसों से खुद को किनारे कर लिया था जो शायद एक खास उम्र के दरमियान उनका भोग किया जाता है ।
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और मैने झट से अपना लंड पकड़ कर अंडरवियर में डाल कर लोवर ऊपर किया और फिर उसे सेट करते हुए दरवाजा खोला तो समझ आया कि प्रिया नहा चुकी थी और हाथो में कपड़े लेकर ऊपर जा रही थी
उसने बस दरवाजा इसीलिए खटखटाया कि मै समझ जाऊ कि बाथरूम अब खाली है ।
लेकिन मै जैसे ही नीचे जाने को हुआ कि जीने की सीढ़ी पर एक लाल ब्रा गिरी हुई दिखी , समझते देर नहीं लगी कि ये उसके कपड़ो के बीच से सरक गई थी ।
बड़ी दुविधा थी कि क्या करूं, एक ही दिन दो दो असहज पल वो ही उस लड़की से जो मुझे लेकर बहुत सॉफ्ट फिलिंग रखती आई हो ।
अगर मै नीचे नहाने जाता हूं और उसे वापस आते हुए ब्रा सीढ़ी पर दिखेगी तो उसे ये न लगे कि मै उसके कपड़ो को अछूत समझता हूं इसीलिए उठाया नहीं और अगर मै इसे उठाता हूं वापस ऊपर ले जाने के लिए तो उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी ।
फिलहाल दूसरा रास्ता ही सही था और मैने उसे उठाया , फिर जीने से ऊपर चला गया और वो एकदम से मुझे देख कर सकपका गई
: हम्मम ये गिर गया था ( मैंने ब्रा को हाथ में पकड़े हुए उसे दिया , जिसके पानी से मेरे हाथ गिले हो गए )
उसने बिना कुछ बोले ब्रा ले ली और घूम कर आर्गन पर कपड़े फैलाने लगी
मै नीचे जाने वाला था कि एकदम से उसकी आवाज आई
: आल द बेस्ट ( उसने मुझे मेरे टेस्ट के लिए बधाई दी थी )
मैने घूम कर उसे देखा और मुस्कुरा कर चला गया नीचे ।
टेस्ट के बाद वापस आया तो अपनी सोना के पास फोन करके बात करने लगा ।
: उम्मम धत्त गंदी बात नहीं
: अच्छा आपको कुछ फील नहीं हुआ था जब मैने आपको हग किया था ( मैने उसको छेड़ना शुरू किया )
: हा मुझे अच्छा अच्छा सा फिल हो रहा था और आपके सीने पर कितना सुकून था
: मान लो अगर मै शर्ट निकाल देता और फिर आपको हग करता तो ( मैने उसको लालच दिया )
एकदम से फोन पर उसकी सिहरन महसूस हुई
: अह्ह्ह्ह्ह बक्क ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगे हम लोग
: सोचो आपको मेरे साथ मेरे बिस्तर पर सोने को मिले मेरे सीने से लग कर और मै बिना शर्ट के हूं
: इईईह्ह्ह हीही नहीं सोचूंगी ( वो थोड़ा शर्मा रही थी )
: सोचो न मेरे गर्म धड़कते दिल को और करीब से सुन पाओगे
: बाबूऊऊ , बक्क मिलने का मन करेगा फिर से
: फिर मिल लेंगे न जानू , आऊंगा तो फिर से आपको हग कर लूंगा और कस कर अपने सीने से आपको चिपका लूंगा एकदम टाइट वाला , कितने सॉफ्टी से हो आप
: धत्त गंदा मारूंगी मै आपको गंदी बात नहीं करो न
: इसमें गंदी बात क्या है ? आप इतने गब्बू गब्बू से हो सॉफ्टी सॉफ्टी से जी करता है खा जाऊ
: हीही पागल हो आप हाहाहा ( वो खिलखिलाई )
: बताओ न करोगे न हग नंगू पंगु वाला
: हा लेकिन बस आप होना नंगू पंगु मै नहीं हीहीही
एकदम से मेरे बदन में हलचल होने लगी और लोवर में कुछ हरकत होने लगी हाथ नीचे ले गया तो पता चला जनाब उठ रहे थे
: क्यों आप क्यों नहीं , मै तो आपको भी कर दूंगा
: छीइइइ नहीं , गंदे हो आप, मुझे सोच कर ही अजीब लग रहा है । मै कभी भी आपके सामने नंगू नहीं होऊंगी समझे , हा नहीं तो
: लाइट बंद कर दूंगा न बाबू
: फिर भी नहीं ( थोड़ा रुक कर वो बोली )
: ठीक है फिर जब आप नहाने जाओगे तब चुपके से आपको देख लूंगा ( मै अपना लंड लोवर के ऊपर से सहला रहा था और आंखे बंद कर उसको अपनी कल्पनाओं में नंगा करना चाह रहा था )
: हीही मै तो कपड़े पहन कर नहाती हूं हाहाहाहाहा ( वो खिलखिलाई जैसे मुझे चित कर दिया हो )
: कपड़े बदलोगे न तब देख लूंगा हाहा
: भक्क आप बहुत गंदे हो , चलो मुझे काम है मम्मी बुला रही है , बाद में बात करते है ।
: ओके लव यू सोना मिस्सी मिस्सी
: हीही , लव यू गंदा बाबू मेरा , बाय
उसने फोन काट दिया , लेकिन आज हो हलचल मेरे अंडरवियर में मची थी वो ऐसे नहीं मिटने वाली थी ।
फिर सालों बाद मैने इंटरनेट पर पोर्न सर्च किया
लिस्ट लंबी थी साइट्स की और मन में एक डर भी था , साइबर ठगी का
लेकिन मन में उमंग थी कि आज कुछ हवस उतारी जाए और मैने एक साइट खोलकर एक वीडियो चालू की
अजीब सा लग रहा था , बदन में गर्मी बढ़ने लगी और मैने लंड बाहर निकाल दिया
सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
कितना हल्का महसूस हो रहा था आज वीडियो में ताबड़तोड़ तोड़ चुदाई चल रही थी , नेकबैंड कनेक्ट था और कानो में उन कपल की सिसकिया गूंज रही थी , मैने मोबाइल साइड रख दिया और बस उन कामुक आवाजों को महसूस करता हुआ लंड आगे पीछे कर हिला रहा था और सिसक रहा था
एकदम से मुझे प्रिया की नंगी टांगों का ख्याल आया और मेरे अंदर रोमांच उठ गया , ना जाने क्या था जो मै उसकी ओर खींच रहा था
बार बार उसका चेहरा आंखों के आगे आ रहा था और मै उससे अलग अपनी सोना को सोचना चाहता था , वो पल जब उसके नरम दूध मेरे सीने से स्पर्श हुए थे और मैने उसके लिप्स को चूमा था
ओह्ह्ह्ह मेरी बाबू उफ्फ कितने प्यारे हो और आपके चूतड़ उफ्फ कितना sexy झटके खा रहे थे सूट में वो भी अंदर से कितने गोरे होंगे
गोरा दूधिया रंग का ख्याल आते ही एक बार फिर प्रिया की नंगी टांगे आंखों के सामने आई और मै झटके से आंखे खोलकर बैठ गया । फिर मोबाइल बंद कर लंड अंदर कर दिया
मुझे ताजा हवा चाहिए था और मै ऊपर चला गया दोपहर के 3 बज रहे थे और धूप तो थोड़ी धीमी पड़ रही थी , पछुआ हवाएं तेज थी और गहरी सांस लेकर छत की रेलिंग से नीचे देख रहा था
ठीक मेरे पास में ही रस्सी पर टंगे हुए कपड़े उड़ रहे थे , अनायास मेरी निगाहे चिमटी ने दबे हुए एक कपड़े पर गई
वो प्रिया का सूट था और उसके नीचे उसने अपनी पैंटी छिपा कर सुखाने के लिए डाल रखी थी । लेकिन हवा से सूट हट गया था और उसकी पैंटी साफ दिख रही थी
मै खुद को रोक रहा था लेकिन आज कुछ बेकाबू सा तूफान था मेरे अंदर जो भड़क उठा , सालों की दबी हुई वासना का ज्वालामुखी गरज रहा था
फिर से बिना कुछ सोचे ही लोवर में लंड टाइट होने लगा
मैने मोबाइल को हाथ में पकड़ कर एक बार वापस अपनी जान को काल किया तो उसने काल काट दी , शायद बिजी थी ।
हर वो मुमकिन प्रयास था मेरे ओर कि मै खुद को रोक लूं , चेहरे पर अलग ही तनाव , नथुने फूलने लगे थे और रह रह कर नजर प्रिया की पैंटी पर जा रही थी
जिस तरह उसने उसे छिपा कर रखा था उसे टटोलने की मेरी कामना तीव्र हुई जा रही थी और फिर झटके के मैने वो पैंटी खींच ली, फिर टैरिस वाले बाथरूम में घुस गया
लंड पूरा विकराल हुआ था और मैने उसे आजाद कर दिया
आंखे बंद कर मैने प्रिया की पैंटी को अपने हथेली में मिजा और उसको लंड कर रख दिया
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
कितना नरम अहसास था मानो सच में उसके जिस्म का स्पर्श मिला हो मुझे और मैने अपना लंड हिलाने लगा
मैने अब अपनी कल्पनाओं को छूट दे दी और कुछ झलकियां आंखों के उठने लगी जब अतीत में मैने प्रिया को लेगिंग्स में देखा था और उसकी पैंटी उसके चूतड़ों पर उभरी हुई थी वो चर्बीदार नर्म अहसास और उसकी दूधिया टांगे
अह्ह्ह्ह फुट पड़ा मेरे सब्र का फब्बारा और एक के बाद एक मोटी थक्केदार व्हाइट लिक्विड , टॉयलेट सीट पर
झड़ता रहा उसकी पैंटी से अपना लंड पकड़े हुए जबतक कि वासना की आखिरी बूंद तक निचोड़ नहीं दी मैने और सिहरता हुआ हांफने लगा बाथरूम की दिवाल का सहारा लेकर
अंदर से पूरा पसीना पसीना हुआ था
मैने फ्लश चलाया और अपना लंड धूल कर बाहर आया कि एकदम से मेरी फट गई , प्रिया कपड़े उतार रही थी और मैं वो पैंटी अपने जेब में रख दी फिर बिना कुछ बोले नीचे अपने कमरे में चला आया ।
वासना का खुमार उतरते ही गाड़ फट कर चार हो गई , मन में डर था कि उसने अपनी पैंटी खोजी तो जरूर होगी । एक काम करता हूं छत पर कही ऐसी जगह रख दूंगा कि उसे लगे कि हवा से उड़ कर गया होगा ।
इधर थकावट से शरीर सुस्त हो गया था और मैने भी एक झपकी लेना सही समझा ।
जारी रहेगी
थैंक्स bro , कहानी तो इरोटिक होनी ही है ,इतनी अच्छी चलती हुई कहानी में भी वासना आ ही गई
चलो अब कुछ रीडर जिनको मसाला चाहिए था वो भी ख़ुश हो जाएँगे। !
बहुत ही उम्दा सॉफ्ट रोमांटिक कहानी है !