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Good updateभाग - ३
कुछ ही देर में मां भी रेड्डी हो कर आई
मां - चलो रोजी चलते हैं
मैं - मां आपका ब्रेकफास्ट
मां - अरे मैं स्टाफ कैंटीन में कर लूंगी देर हो रहा है
मैं और मां एक साथ ही कॉलेज जाते थे बस में क्योंकि हमारे घर से कॉलेज के लिए कहीं चेंज नहीं करना पड़ता था
पर वापस अलग अलग आते थे दोनों की टाइमिंग अलग अलग थी कभी मॉम जल्दी घर आ जाती तो कभी कभी काफी लेट हो जाता था
मैं और मॉम बस स्टॉप पर आ गए थे अभी बस आने मे कुछ समाय था तो मैंने ईयर फ़ोन लगा कर मोबाइल से गाना सुनने लगी
और मम्मी ने किसी को कॉल किया और बाते करने लगी
बस स्टॉप पर कुछ लोग थे मैने गौर किया कि उनमें से 2 लड़के बार बार मां और मेरी ओर घूर घूर कर देख रहे थे
मां ने आज क्रीम कलर की बहुत ही डिप कट और स्लीवलैस ब्लाउज पहनी हुई थी
तो मां की कसी हुई चूचियां और गोरी चिकनी पीठ साफ तौर पर नज़र आ रहा था
साथ ही मां फ़ोन पर बातें करते करते टहल रही थी तो मां की नितम्ब थोड़े थिरक रहे थे
दोनों लडके मां को ही ज्यादा ताड़ रहे थे और मैं आज सिम्पल सलवार सूट में थी
मैं
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कुछ देर में बस आ गई बस बहुत भीड़ थी तभी पीछे से वही दोनो लड़के मेरे पीछे आ गए और धक्का देने लगे
चढ़ते हुए उन्होंने मेरी चूतड़ों तो दो तीन बार दबा दिया पर मैं कुछ बोल नहीं सकी डर सा गई थी
बस में सवार होकर मेने मां से कान में कहा की लेडीज साइड चलो
मां और मैं आगे की ओर चल दिए
अभी कुछ दूर ही बस चली थी की एक लगभग 50 साल का बुढा सा आदमी धीरे धीरे से आ कर मां से सट कर खड़ा हो गया
और जब जब झटका लगता अपनी केहूनी से मां की चूंची को रगड़ दे रहा था
पर मां इस बात को ध्यान नहीं दे रही थी या मजे ले रही थी पता नहीं
फिर उस बूढ़े ने बस में बस मे लगे रॉड को दोनों हाथों से ऐसे पकड़ा की मां उसके हाथों से बनाए घेरे की बीच में आ गई
और अचानक तबी ड्राईवर ने जोर का ब्रेक मारा तो मां उस बूढ़े की छाती पर जा गिरी और मां की चूंची बूढ़े की छाती से दब गई तभी उसने भी मौका का फायदा उठाया इस तरह से
उसने मां को अपनी बांहों में भर कर चूम लिया
मां (धीरे से)- उम्म्ह्ह्ह...........
करके कसमसा उठी
बस में भीड़ और बढ़ गई थी तो हमलोग हिल भी नहीं पा रहे थे
फिर उसने मां की चुचियों को पकड़ कर दबा दिया
मां - आउछ........ अअह्ह्ह्हह
मां की आवाज़ सब ने सुनी
तभी कंडक्टर बोला
क्या हुवा बहन जी
पर मां ने बात घुमा दिया
मां - कुछ नहीं, किसी ने मेरे पैर के उपर पैर रख दिया था
बस कंडक्टर - आगे आइए, आपका स्टॉप आने वाला है
हमारा कालेज आने ही वाला था
मैं और मां बस के दरवाजे की तरफ़ जानें लगे तभी वो खडूस बूढ़ा मेरी तरफ़ घुमा और जानबुझ कर मेरी चूचियों को भी रगड़ा मेरा हाथ एक मोटे से खीरे जैसे सख्त चीज पर लगा
फिर बस से बाहर आकर मैं मां के साथ जाने लगी और सोचने लगी की वो सख्त चीज क्या थी
सायद उसी आदमी का मोटा लन्ड
मैं तो सोच कर ही कांप उठी
बाप रे....
लगता है मौका मिलता तो वो आज मां को चो........... द
मैं - मैं भी क्या सोचने लगी
मॉम भी अपना क्लास लेने के लिए चली गई
और मैं अपने दोस्तों के साथ क्लास में
1 घण्टे बाद मैं स्टाफ रूम की तरफ़ जाने लगी देखा की मां अभी भी एक क्लास में लेक्चर दे रही थी और बहुत ही खुबसूरत लग रही थी
to be continued......