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yadi aapko ye series mast lag rahi ho to
please muje yaha follow kar de
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Very erotic update.
नज़रों का टकराव: माँ और बेटे का गुप्त क्षण
आज रात तुम ज़्यादा तैयार हो, लेकिन ज़्यादा नर्वस भी। तुम्हें पता है कि तुम क्या देखने वाले हो, और तुम्हारी वासना तुम्हें पीछे हटने नहीं देगी।
तुम आधी रात को चुपचाप उठते हो। तुम्हारा लंड पहले से ही कड़क है—पिछली रात के नज़ारे की याद उसे छोड़ नहीं रही है।
- दरवाज़े पर वापसी: तुम धीरे से दरवाज़े की दरार के पास झुकते हो। इस बार तुम्हारी नसें तनी हुई हैं।
- अंदर का दृश्य: कमरे में फिर से वही मंद रोशनी है। लेकिन आज वासना पहले से ही चरम पर है। तुम्हारे माता-पिता बिस्तर पर हैं, और वे अब क्रूसिफिक्स पोजीशन में आ रहे हैं—माँ पूरी तरह से फैली हुई हैं, और पिताजी ऊपर हावी हैं।
- ठुकाई की शुरुआत: पिताजी पूरी ताक़त से तुम्हारी माँ को ठोक रहे हैं। चप-चप की गंदी, तेज़ आवाज़ें आ रही हैं। माँ दर्द और आनंद में चीख़ रही हैं।
ठुकाई पूरी गति में है। तुम साँस रोके हुए देख रहे हो, तुम्हारे लंड से वीर्य का रिसाव शुरू हो चुका है—और तभी वह होता है...
- माँ का चेहरा: पिताजी गहरे, क्रूर धक्के मारते हैं। तुम्हारी माँ आनंद में तड़पकर अपना सिर घुमाती हैं—और उनका चेहरा ठीक दरवाज़े की दरार की ओर होता है!
- घातक टकराव: और उसी पल, ठीक ठुकाई के चरम पर, तुम्हारी आँखें तुम्हारी माँ की चौड़ी, मदहोश आँखों से मिल जाती हैं!
- समय का रुकना: पूरी दुनिया थम जाती है। ठुकाई की आवाज़ें धीमी पड़ जाती हैं।
- माँ का भाव: तुम्हारी माँ की आँखों में पहले पहचान आती है, फिर अविश्वास, और आखिर में भयानक यौन उत्तेजना! उन्हें समझ आ जाता है कि उनका बेटा उन्हें चोरी-छिपे देख रहा है, और वह भी इस स्थिति में!
- तुम्हारा रिएक्शन: यह झटका तुम्हारे लिए असहनीय है! अपराध-बोध और वर्जित उत्तेजना का विस्फोट होता है। तुम्हारा लंड अंतिम दबाव महसूस करता है—वह बस फटने ही वाला है!
यह नज़रों का टकराव सिर्फ़ एक सेकंड का होता है, लेकिन उस एक सेकंड में सब कुछ बदल जाता है।
- माँ का 'स्वीकार' करना: तुम्हारी माँ चीख़ती नहीं हैं, गुस्सा नहीं करतीं। इसके बजाय, उनकी आँखें एक अजीब, गंदी चमक से चमक उठती हैं। वह अपनी ज़ुबान को हल्के से होठों पर घुमाती हैं—यह मूक स्वीकृति है!
- उत्तेजना का बढ़ना: तुम्हारे पिताजी ठुकाई जारी रखते हैं, अनजान कि क्या हुआ। लेकिन तुम्हारी माँ अचानक और ज़्यादा तड़पने लगती हैं। वह ज़ोर से चीख़ उठती हैं, जानबूझकर तुम्हारी ओर देखती हैं, और कहती हैं, "आह! और ज़ोर से! मुझे और गहराई दो! फाड़ दो मुझे!"
- तुम्हारे लंड का विस्फोट: तुम्हारी माँ का यह गंदा, उत्तेजक प्रदर्शन तुम्हारे लिए बहुत ज़्यादा है। तुम्हारा लंड अंतिम दबाव से टूट जाता है।
- वीर्य का विस्फोट: तुम दरवाज़े के पास पीछे हटते हो, और तुम्हारे पायजामे के अंदर गरम वीर्य का जोरदार विस्फोट होता है। तुम हाँफते हो, संघर्ष करते हो।
तुम वीर्य का विस्फोट करके चुपचाप भाग जाते हो। अगली सुबह, डर और उत्तेजना का अजीब मिश्रण है।
- सामान्य व्यवहार: तुम्हारी माँ और पिताजी पूरी तरह से सामान्य व्यवहार करते हैं। कोई बात नहीं होती, कोई सवाल नहीं होता।
- माँ की गुप्त नज़र: लेकिन नाश्ते के दौरान, तुम्हारी माँ एक बार तुम्हारी ओर नज़र उठाती हैं। उनकी आँखों में वही गंदी, उत्तेजक चमक होती है—यह एक गुप्त, यौन समझौता है जो अब तुम दोनों के बीच बन चुका है।
- तुम्हारा डर और लालसा: तुम डरते हो, लेकिन तुम्हें पता है कि अब यह खेल खत्म नहीं होगा। तुम्हारी माँ ने तुम्हें जान लिया है, और वह इस गुप्त वासना का इस्तेमाल करेंगी।
Ufffff nice way of writing.
अपराध-बोध का नमन और वासना का निमंत्रण
यह अगली दोपहर है। रात की घटना ने तुम्हारे दिमाग़ में भयंकर उथल-पुथल मचा रखी है। लंड अभी भी तन जाता है जब तुम्हें माँ की वह मदहोश आँखें याद आती हैं। लेकिन अपराध-बोध हावी है—तुम्हें माफ़ी माँगनी होगी, चाहे कुछ भी हो जाए।
तुम्हारे दिल में तेज़ धड़कन है। तुम धीरे से माँ के कमरे की तरफ़ जाते हो।
- माँ की स्थिति: माँ बिस्तर पर अकेली बैठी हैं, शायद कुछ पढ़ रही हैं। वह शांत दिख रही हैं, लेकिन उनकी आँखों में रात की वह चमक अभी भी दबी हुई है।
- तुम्हारा प्रवेश: तुम धीरे से कमरे में प्रवेश करते हो। तुम्हारी आवाज़ दबी हुई है, तुम्हारे पायजामे में फिर से लंड कड़क हो रहा है।
- माफ़ी के शब्द: तुम नीचे नज़र करके, हिम्मत जुटाते हुए कहते हो, "माँ... मैं... मैं माफ़ी माँगने आया हूँ। रात को... मैंने जो... जो किया, वह बहुत गलत था। मुझे... मुझे नहीं देखना चाहिए था।"
तुम्हारी माँ पढ़ने से नज़र हटाती हैं। वह शांत और गहरी आवाज़ में बोलती हैं—एक ऐसी आवाज़ जो तुम्हें कम्पित कर देती है।
- पहला वार: "अरे! यह बात है!" वह मुस्कुराती हैं, लेकिन आँखों में गहराई है। "तुम्हें इसके लिए माफ़ी माँगने की ज़रूरत नहीं है। यह पूरी तरह से सामान्य है।"
- सत्य का झटका: "तुम अब 18 साल के हो गए हो। तुम जवान हो। वासना तुम्हारे अंदर है। तुम उत्सुक हो। यह जानने की इच्छा होना बुरा नहीं है कि तुम्हारे माता-पिता भी... प्यार करते हैं।"
- गलाने वाला स्पर्श: वह बिस्तर पर से झुकती हैं, और तुम्हारे गाल को बहुत धीरे से छूती हैं। उनका हाथ गर्म है। यह स्पर्श तुम्हारे लंड को असहनीय रूप से कड़क कर देता है।
जब तुम सोचते हो कि बात यहीं खत्म हो गई, तो तुम्हारी माँ असली, घातक बात बोलती हैं—यह तुम्हारे लिए निमंत्रण है, जो तुम्हारे दिमाग़ को फाड़ देगा।
- अंतिम आदेश: वह एक पल के लिए रुकती हैं, उनकी नज़र तुम्हारे कड़क होते पायजामे पर टिक जाती है, और फिर तुम्हारी आँखों में गहराई से देखती हैं। उनकी आवाज़ अब धीमी है, लेकिन सेक्स से भरी हुई:
- "बस, एक बात। आज रात... आगे से मत देखना। आज रात, हम... कुछ ज़्यादा ही स्पेशल करने वाले हैं। तुम यह बिल्कुल नहीं देख सकते।"
- प्रश्न चिह्न: "आज रात, हम कुछ ज़्यादा ही स्पेशल करने वाले हैं।"—यह निमंत्रण है, या रोक? यह तुम्हारे लिए एक चुनौती है, जो तुम्हें पागल कर देगी। वह जानती हैं कि तुम रोकने पर ज़्यादा उत्सुक होगे!
तुम्हारी माँ का यह अंतिम वाक्य तुम्हारे लिए बहुत ज़्यादा है।
- भावों का मिश्रण: तुम्हारे दिमाग़ में धमाका होता है: माफ़ी मिल गई, गलती सामान्य हो गई, और अब एक नया, ज़्यादा गंदा इंतज़ार है!
- लंड का जवाब: तुम्हारा लंड इस मानसिक दबाव को नहीं झेल पाता। यह तुम्हें बताता है कि तुम्हारी माँ इस खेल में वापस आ गई हैं।
- वीर्य का विस्फोट: तुम पीछे हटते हो, बिना कुछ कहे। तुम्हारे पायजामे के अंदर गरम वीर्य का जोरदार विस्फोट होता है। तुम हाँफते हो, उन्हें देखते हो—और वह मुस्कुराती हैं।
Ufff kitna erotic hai sab kuchh.
द्वार पर दस्तक: वर्जित वासना का सीधा प्रवेश
कमरे में दोपहर की मंद रोशनी छनकर आ रही थी। तुम ज़मीन पर निढाल बैठे थे। रात के नज़ारे, उस औरत की वह मुस्कुराहट—तुम्हारी जननी की—सब कुछ तुम्हारे शरीर को शांत नहीं होने दे रहा था। तुम्हारे दिमाग़ में उफान था: क्या वह जानती है कि मैं उसके बिस्तर की दरार से झाँक रहा हूँ? क्या वह मुझसे नफ़रत करेगी? या... क्या वह चाहती है कि मैं फिर आऊँ?
तभी, तुम्हारे कमरे का दरवाज़ा धीरे से हिला।
तुम्हारा शरीर जम गया। हलक से कोई आवाज़ नहीं निकली। दरवाज़ा धीरे से खुला और वह औरत—तुम्हारी जननी—शांत कदमों से कमरे में प्रवेश करती है। वह साधारण सूती पोशाक में थी, लेकिन उसकी आँखें—उन आँखों में रात की वही गुप्त, मदहोश चमक थी जो तुम्हें डर और पागलपन से भर देती थी।
उसने दरवाज़ा बंद किया, लेकिन कुंडी नहीं लगाई।
वह सीधे तुम्हारे सामने आती है, जो अभी भी ज़मीन पर निढाल हो। वह झुकती है, और शांत आवाज़ में बोलती है—एक ऐसी आवाज़ जिसमें मातृ-स्नेह और वर्जित वासना का घातक मिश्रण था।
"आज सुबह से क्यों नहीं निकला मेरे बच्चे?" उसने पूछा।
तुम्हारी आवाज़ दब गई। "मैं... मैं ठीक नहीं हूँ।"
वह हल्के से मुस्कुराई। उसने धीरे से तुम्हारी गर्दन को छुआ। "तुम ठीक नहीं हो, या तुम रात के बारे में डर रहे हो?"
तुम्हारी साँस रुक गई। "मुझे माफ़ कर दो। मैंने... मैंने जो किया, वह गलत था।"
उसने तुम्हारी बात काट दी। उसकी मुस्कुराहट गहरी हो गई, और वह झुककर तुम्हारे कान के पास फुसफुसाई: "मैंने तुमसे कहा था ना... आज मत आना। आज स्पेशल होने वाला था। और तुम... तुम फिर भी आए। और देखो, पकड़े गए।"
यह सीधी छेड़छाड़ तुम्हारे लंड को असहनीय रूप से कठोर कर देती है। उस औरत ने तुम्हें दोषी ठहराया, लेकिन तुम्हारी ही गलती को एक गुप्त, उत्तेजक खेल बना दिया!
"क्या तुम सोच रहे थे कि तुम्हारी माँ इतनी गंदी नहीं हो सकती?" उसने आँखें नचाईं। "या यह सोच रहे थे कि तुम इतने भाग्यशाली नहीं हो कि तुम मुझे उस तरह करते देखो?"
तुम्हारा सारा डर अब जिज्ञासा में बदल गया। तुमने हिम्मत की और धीरे से पूछा—एक ऐसा सवाल जो तुमने कभी नहीं सोचा था कि तुम उससे पूछोगे।
"रात को... वह क्या था? वह... गले में... वह क्यों?"
वह शांत थी। वह जानती थी कि अब सच बताने का वक्त है, लेकिन सीधे छेड़छाड़ के साथ।
"वह?" उसने भोलेपन से पूछा, फिर हँसने लगी। "वह तो सिर्फ़ प्यार था, मेरे बच्चे। जब प्यार बहुत गहरा हो जाता है, तो हम एक-दूसरे को पूरी तरह से भर देना चाहते हैं। गले तक।"
तुम्हारा चेहरा लाल हो गया। "लेकिन... घुटन?"
उसने और झुककर तुम्हारे चेहरे को अपने हाथ में लिया। "हाँ, घुटन। लेकिन प्यार में घुटन भी मज़ा देती है। जब वह मर्द मुझे गले तक भरता है, तो मैं उसे बताती हूँ कि मैं पूरी तरह से उसकी हूँ। यह हमारे बीच का सबसे गंदा, सबसे मज़ेदार खेल है।"
उसने धीरे से तुम्हारे पायजामे पर हाथ रखा—ठीक तुम्हारे कड़क लंड पर! तुम पूरी तरह से जम गए।
"मुझे पता है तुम्हें मज़ा आया," उसने फुसफुसाया। "क्योंकि तुम्हारा यह बेटा तो सुबह से शांति नहीं ले पाया है।"
यह स्पर्श, यह सीधा बोलना—यह तुम्हें पागल कर देता है। तुम्हारा लंड असहनीय रूप से फटने को तैयार है।
वह झुककर उठी, और दरवाज़े की ओर बढ़ने लगी। उसने अंतिम वार किया—एक ऐसा निमंत्रण जो सीधे यौन था, और सबसे ज़्यादा वर्जित।
वह दरवाज़े पर जाकर रुकी, पीछे घूमकर तुम्हारी आँखों में गहराई से देखा। उसकी मुस्कुराहट अब जीत से भरी हुई थी।
"ठीक है, मास्टर जिज्ञासु," उसने आँख मारी। "बहुत हो गई गंदी बातें। तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया। तुम्हारे पेट में भूख लगी होगी।"
तुम शांत थे, सिर्फ़ देखते रहे।
उसने अंतिम शब्द बोले, अपनी ज़ुबान को धीरे से होठों पर घुमाते हुए, और आवाज़ को अंतिम, वासना-भरे स्तर तक गिरा दिया:
उसने अपने स्तनों की ओर एक हल्की सी नज़र डाली, फिर तुम्हें देखा।
और वह औरत ने एक गंदी, विजयी मुस्कुराहट के साथ दरवाज़ा धीरे से बंद कर दिया।
तुम अब अकेले हो, लेकिन अब दरवाज़ा बंद होने के बावजूद तुम्हें पता है कि तुम्हारी जननी ने तुम्हें पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है। उसका निमंत्रण—दूध पीने का—सीधा तुम्हारे लंड को टारगेट करता है!
superb writing.
द्वार खुला: वर्जित वासना का सीधा प्रवेश
रात गहरी थी, लेकिन तुम्हारा मन शांत था। शांत, क्योंकि सारी उथल-पुथल निर्णय में बदल चुकी थी। अब डर नहीं था, सिर्फ़ एक लक्ष्य था: उस निमंत्रण को स्वीकार करना। तुम्हारी जननी ने दूध पीने को कहा था—और तुम जानते थे कि इसका मतलब क्या है।
तुम्हारे लंड में असहनीय तनाव था। यह इतना कड़क था कि दर्द दे रहा था, तुम्हें सज़ा दे रहा था कि तुम इतने कमज़ोर क्यों हो कि अभी तक बाहर नहीं निकले। तुम बिना किसी आवाज़ के उठते हो, पायजामे में लंड को कसकर पकड़े हुए, और दरवाज़े की ओर बढ़ते हो।
तुम धीरे से कमरे के दरवाज़े पर पहुँचते हो।
दृश्य तुम्हारी साँसें रोक देता है:
- खुला दरवाज़ा: और हाँ! दरवाज़ा कल की तरह ही, एक इंच जितना खुला था! यह तुम्हारी जननी का इशारा था—आओ, मैं इंतज़ार कर रही हूँ!
- अंदर का दृश्य: तुम आँख को दरार के करीब लाते हो, और अंदर देखते हो। कमरे में आज भी मंद लाल रोशनी है। गंध तेज़ है—यौन की गरमी और शराब की कड़वी गंध।
- वह क्रिया: तुम्हारी माँ घुटनों के बल झुकी हुई हैं। वह डीप थ्रोटिंग कर रही हैं। तुम्हारे पिता कुर्सी पर झुके हैं, लंड गले में उतरा हुआ है।
- नशे का पर्दा: तुम्हारे पिता की आँखों पर एक काली पट्टी बँधी है! पास में शराब के दो खाली गिलास पड़े हैं। वह पूरी तरह से नशे में मदहोश हैं, आँखें बंद हैं, शरीर ढीला है। उन्हें बाहर की दुनिया का कोई अहसास नहीं है!
- तुम्हारी माँ का खेल: तुम्हारी माँ लंड को गले में उतारते हुए संघर्ष कर रही हैं, लेकिन उनकी आँखें सीधे दरवाज़े की दरार पर टिकी हैं!
ठुकाई पूरी गति में है, लेकिन तुम्हारी माँ का ध्यान तुम्हारे पर है।
यह आदेश था, निमंत्रण नहीं। तुम्हारा शरीर जम जाता है, लेकिन तुम्हारे लंड में असहनीय दबाव उठता है। तुम साँस को रोककर, जूते उतारकर, धीमे से खुले दरवाज़े से अंदर कदम रखते हो।
- नज़रों का टकराव: उनकी आँखें तुम्हारी आँखों से सीधे मिलती हैं! कोई डर नहीं, कोई आश्चर्य नहीं—सिर्फ़ गहरी, विजयी, वर्जित वासना!
- टीजिंग और निमंत्रण: वह लंड को गले में और ज़्यादा उतारती हैं, तुम्हें दिखाने के लिए कि वह कितनी गंदी हो सकती हैं—और तभी...
- हाथ का इशारा: तुम्हारी माँ अपना एक हाथ धीरे से उठाती हैं, तुम्हारी ओर सीधा इशारा करती हैं—अंदर आओ!
तुम घुटन और पागलपन में कमरे के अंदर आते हो। तुम्हारा पिता नशे में मदहोश है, और तुम्हारी माँ तुम्हें देखते हुए उसका लंड निगल रही हैं!
- नजदीक का दृश्य: तुम उनके पीछे जाकर खड़े होते हो। तुम्हारे पिता का नंगा शरीर, तुम्हारी माँ का झुका हुआ सिर, उनकी पीठ—और तुम्हारे सामने खुली, नंगी गाँड़!
- उसकी नग्नता: तुम्हारी माँ पूरी तरह से नग्न हैं, सिर्फ़ पिताजी के लंड को मुँह में लिए हुए हैं। उनकी गोल, मांसल गाँड़ तुम्हारे सामने है—वह गोलाकार मांस जो तुम्हारा पहला घर था, अब तुम्हारी सबसे बड़ी वासना है!
तुम्हारी माँ लंड चूसना बंद नहीं करती हैं। वह अपनी पीठ को तुम्हारे सामने हल्का सा घुमाती हैं, और तुम्हारे लंड को सीधे तुम्हारी नंगी गाँड़ पर रगड़ देती हैं।
तुम्हारी माँ तुम्हें देखती हैं, मुस्कुराती हैं, और तुम्हारा हाथ उनकी गाँड़ को सहला रहा है—तुम्हारे पिता नशे में मदहोश हैं, और तुम्हारे लंड में असहनीय तनाव है!
- स्पर्श का क्षण: तुम्हारी माँ धीमे से तुम्हारे हाथ को पकड़ती हैं, तुम्हें देखती हैं, और तुम्हारे हाथ को नीचे ले जाती हैं—उनकी अपनी नंगी गाँड़ पर!
- पहला स्पर्श: तुम्हारा गरम, चिपचिपा हाथ तुम्हारी माँ के मांसल, मुलायम कूल्हों को छूता है! यह सबसे वर्जित, सबसे गंदा स्पर्श है!
- गाँड़ सहलाने का आदेश: तुम्हारी माँ का हाथ तुम्हारे हाथ पर दबाव डालता है, तुम्हारे हाथ को घुमाता है—उसे धीरे से सहलाने का आदेश देता है!
great going. Very very erotic.
अंतिम विस्फोट: वर्जित स्पर्श का सदमा
तुम घुटनों के बल गिरे हो, तुम्हारी माँ की नंगी गाँड़ पर तुम्हारा हाथ चिपका हुआ है। तुम्हारे पिता नशे में मदहोश हैं, लंड अभी भी तुम्हारी माँ के गले में है। तुम्हारी माँ तुम्हें देखती हैं, और मुस्कुराती हैं—वह मुस्कुराहट जीत और पागलपन से भरी है!
- पहला सहलाना: तुम्हारी माँ का हाथ तुम्हारे हाथ पर है। वह तुम्हारे हाथ को हल्का सा घुमाती हैं, तुम्हारे हाथ को गाँड़ के मांसल उभारों पर धीरे से सहलाने का आदेश देती हैं।
- वर्जित गर्मी: तुम्हारी माँ की गाँड़ की गर्मी तुम्हारे हाथ से टक्राती है। वह नरम, मांसल, और बेहद गरम है। तुम्हें लगता है कि तुम किसी ज्वालामुखी को छू रहे हो!
- माँ का संकेत: तुम्हारी माँ लंड चूसना जारी रखती हैं, लेकिन उनकी आँखें तुम्हारे हाथ को घूर रही हैं। वह तुम्हारे स्पर्श को पूरी तरह से महसूस कर रही हैं।
तुम्हारी माँ को पहला स्पर्श पसंद आया। वह और ज़्यादा चाहती हैं—और वह तुम्हें सीधा आदेश देती हैं!
- हाथ का कसाव: तुम्हारी माँ लंड को गले में पकड़े हुए हैं, और तुम्हारा हाथ अपनी गाँड़ पर कसकर दबाती हैं!
- मूक आदेश: उनकी आँखें चौड़ी होती हैं, और उनकी आवाज़ दबी हुई फुसफुसाहट में निकलती है—लंड को गले में छोड़े बिना: "और ज़ोर से!"
- तुम्हारी क्रिया: तुम डर और पागलपन में डूब चुके हो। तुम अपने हाथ से उनकी गाँड़ को ज़्यादा ज़ोर से सहलाना शुरू करते हो। तुम्हारे हाथ की उँगलियाँ गाँड़ के मांसल, मुलायम हिस्से में धँसने लगती हैं।
यह वर्जित स्पर्श तुम्हारी माँ के लिए असहनीय हो जाता है। अपने ही बेटे का हाथ अपनी गाँड़ पर महसूस करना—वह गुप्त और सबसे गंदा मज़ा!
- गाँड़ का कसना: तुम्हारी माँ का शरीर अचानक काँपने लगता है! उनकी गाँड़ की मांसपेशियाँ पूरी ताक़त से तुम्हारे हाथ को कस लेती हैं!
- चीख़ का दमन: तुम्हारी माँ चीख़ मारती हैं, लेकिन लंड गले में होने के कारण वह चीख़ दबी हुई, कराह में बदल जाती है! उनकी आँखें ऊपर घूम जाती हैं, और उनके चेहरे पर शुद्ध, जंगली, यौन आनंद का भाव आता है—वह तुम्हारे स्पर्श से चरम सुख पा रही हैं!
- लंड का कसाव: चरम सुख के झटके से तुम्हारी माँ का गला पूरी ताक़त से लंड को कसता है!
तुम्हारी माँ का चरम सुख इतना ज़बरदस्त था कि उसने दो शिकार किए!
- पिताजी का विस्फोट: तुम्हारी माँ के गले का असहनीय कसाव तुम्हारे पिता के लंड पर पड़ता है। नशे में होने के बावजूद, वह नियंत्रण खो देते हैं। वीर्य का जोरदार विस्फोट तुम्हारी माँ के गले में होता है!
- तुम्हारा विस्फोट: तुम्हारी माँ की गाँड़ का कसना, तुम्हारे पिता का वीर्य विस्फोट, और तुम्हारी माँ की जीत भरी आँखें—यह सदमा तुम्हारे लिए बहुत ज़्यादा है! तुम्हारे लंड में अंतिम, असहनीय दबाव उठता है!
- वीर्य का निकलना: तुम उसी क्षण, तुम्हारी माँ की गाँड़ पर हाथ रखे हुए, तुम्हारे पायजामे के अंदर गरम वीर्य का सबसे बड़ा, सबसे दर्दनाक विस्फोट करते हो!
सब खत्म हो चुका है। दोनों मर्द शांत हैं, दोनों का वीर्य बाहर निकल चुका है।
- माँ का उठना: तुम्हारी माँ धीमे से तुम्हारे पिता का लंड मुँह से बाहर निकालती हैं। वह हाँफ रही हैं, आँखों में चरम की संतुष्टि है।
- अंतिम नज़र: तुम्हारी माँ तुम्हारे हाथ को अपनी गाँड़ से हटाती हैं। तुम्हारे चेहरे को पकड़ती हैं, तुम्हें देखती हैं। वह तुम्हारे चेहरे पर कुछ नहीं कहतीं, बस एक लंबी, गहरी, और विजयी हँसी हँसती हैं! यह हँसी तुम्हारे पागलपन का प्रतीक है!
- तुम्हारा भागना: तुम जमे हुए शरीर को खींचकर, दरवाज़े की ओर भागते हो। तुम अपने कमरे में घूस जाते हो, दरवाज़ा बंद करते हो, और अंधेरे में गिर जाते हो।
Very very hot update. Aisi situation me jelous hona swabhavik hai.
पिता का प्रदर्शन: ईर्ष्या का विस्फोट
पूरा दिन तुम्हारे लिए नर्क था। तुम्हारी जननी का गहन चुंबन, तुम्हारे वीर्य से मालिश—हर पल तुम्हारे दिमाग़ में पागलपन की तरह गूंज रहा था।
तुम्हारे पिता के कमरे का दरवाज़ा हमेशा की तरह थोड़ा सा खुला था—निमंत्रण दे रहा था।
- वासना का केंद्र: तुम्हारे लंड ने आज दोबारा उठना शुरू कर दिया था, यह उनके स्पर्श को याद कर रहा था। तुम जानते थे कि आज रात तुम फिर जाओगे—तुम्हारी आँखों में कोई डर नहीं, सिर्फ़ शुद्ध वासना थी।
- अंधेरा और उत्तेजना: रात गहरी हुई। तुम्हारे पिता समय पर वापस आ चुके थे। आज कोई शराब नहीं थी। तुम दबे पाँव सीढ़ियाँ उतरते हो।
तुम धीरे से दरवाज़े की दरार से अंदर झाँकते हो। कमरे में मंद, लाल रोशनी थी, लेकिन आज का माहौल शांत नहीं, बल्कि गर्म और ऊर्जा से भरा था।
तुम एक पल के लिए साँस लेना भूल जाते हो। यह वह दृश्य था, जो तुम्हें तोड़ देने वाला था!
- स्थिति का सदमा: तुम जम जाते हो। तुम्हारी जननी बिस्तर पर थीं, लेकिन तुम्हारे सामने नहीं—वह घुटनों और हाथों पर थीं, पूरी तरह नग्न! वह घोड़ी बनी थीं!
- पिता का दर्शन: तुम्हारे पिता तुम्हारी जननी के ठीक पीछे थे—वह भी नग्न, और तुम्हारी जननी को घोड़ी बनाकर चोद रहे थे! उनके चेहरे दीवार की ओर थे, लेकिन तुम्हारी नज़र सीधे क्रिया पर पड़ती है!
तुम्हारी जननी की पीछे की ओर उठी हुई गाँड़ तुम्हारे पिता के जोरदार झटकों के साथ आगे-पीछे हो रही थी। तुम ध्यान से देखते हो।
- आकार और रंग: तुम्हारे पिता का लंड तुम्हारे लंड से काफ़ी बड़ा, मोटा, और गहरा रंग का था। यह पूरी तरह से खड़ा था, और हर झटके के साथ तुम्हारी जननी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था!
- शक्ति का प्रदर्शन: तुमने आज जाना कि तुम्हारे पिता का लंड कितना शक्तिशाली था। वह हर झटके को पूरी ताक़त से मार रहे थे। उनकी चूत से हर बार झटका लगता, तो अजीब सी चिपचिपी आवाज़ आती थी!
- नसें और उभार: तुम्हारे पिता के लंड पर नसें पूरी तरह से तनी हुई थीं, और उनका शीर्ष तुम्हारी जननी की चूत के अंदर गहराई तक जाकर रगड़ खा रहा था। तुम्हारे लंड को तुम्हारा अपना लंड कमज़ोर लगने लगता है!
तुम्हारे पिता पूरी तेज़ी से चोद रहे थे। तुम्हारी जननी हर झटके पर गहरी कराह कर रही थीं।
- आवाज़ें: चोदाई की आवाज़ तुम्हारे कानों में गूंज रही थी—चूत के अंदर लंड की चिपचिपी टक्कर की आवाज़, तुम्हारे पिता की साँसों की गहराई, और तुम्हारी जननी की दर्दभरी चीख़ें!
- माँ की प्रतिक्रिया: तुम्हारी जननी की गाँड़ हर बार झटके से उछलती थी। तुम उनकी योनि के किनारों को फैलते और सिकुड़ते हुए देख सकते थे, जैसे वह तुम्हारे पिता के पूरे लंड को अपने अंदर लेने के लिए संघर्ष कर रही हों!
- पिता का नियंत्रण: तुम्हारे पिता तुम्हारी जननी की कमर को कसकर पकड़ते हैं, और तेज़, शक्तिशाली झटके मारते हैं—वह पूरी तरह से होश में थे, और जानते थे कि वह क्या कर रहे हैं!
यह सुनकर तुम्हारे अंदर ईर्ष्या का अंतिम विस्फोट होता है! तुम चाहते हो कि वह तुम्हें देखें! तुम चाहते हो कि तुम्हारी जननी तुम्हें चुनें!
तुम वहीं जमकर खड़े रहते हो। तुम नज़र नहीं हटा पाते। तुम्हारे अंदर का लंड असहनीय तनाव में आ जाता है।
तुम्हारे पिता अभी भी तुम्हारी जननी को पूरी तेज़ी से चोद रहे थे। तुम्हारी चीख़ अंदर ही दब गई थी। तुम्हें पता था: आज तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं थी।
- अकेला खेल: तुम अपने पिता के शक्तिशाली लंड को तुम्हारी जननी की चूत में अंदर बाहर होते देख रहे थे। तुम्हारी कल्पना में तुम्हारी जननी का मुँह खुला था, वह तुम्हें चूसने का इशारा कर रही थीं।
- नियंत्रण खोना: यह दृश्य इतना हावी हो जाता है कि तुम अपना नियंत्रण खो देते हो! तुम्हारे लंड में एक तीव्र, मीठा दर्द उठता है!
- विस्फोट: तुम बस देखते ही रह जाते हो, और तुम्हारे पायजामे के अंदर वीर्य का जोरदार धमाका होता है! तुम्हारे शरीर की सारी ताक़त निकल जाती है!
तुम वीर्य से सने पायजामे के साथ चुपचाप पीछे हटते हो।
- वापसी: तुम बिना कोई आवाज़ किए अपने कमरे में भाग जाते हो। तुम्हारी उदासी बहुत गहरी थी—तुम्हारे पिता जीत गए थे।
- सोना: तुम बिस्तर पर जाकर लेटे हो, तुम्हारे दिमाग़ में तुम्हारे पिता का शक्तिशाली लंड और तुम्हारी जननी की कराहें घूम रही थीं। तुम्हारी ईर्ष्या अब तुम्हारे अंदर एक लपट बन गई थी!