साधना भी तंत्र का ही हिस्सा है. साधना कई प्रकार की होती है. तमास की साधना और सात्विक साधना मे बहोत फर्क है. जैसे की सात्विक साधना को सवच्छ निर्मल मना जाता है. लेकिन तमास साधना भी गन्दी नहीं होती. पर लोग मानते है. क्यों की बस उसे तामसिक तरीके से किया जाता है तो लोग उस से डरते है. तमास मे भी कई प्रकार की साधनाए है. समसान साधना, सब साधना, सम्भोग साधना. जल समाधी भूमि समाधी, चिता समाधी. सायद पेज कम पड जाएंगे अगर बताने बैठूंगी. मगर आप ने बहोत हिमत दिखाई है. हो सकता है की लोगो के मन का अंध विस्वास आप दूर कर सको. इस कहानी के जरिये.