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UPDATE 219
आगे चीजे सब जस की तस बनी रही ।
शालीनी की तबियत ठीक रही उस रात तो जंगी का कुछ काम नही बन पाया उलटे अपनी प्यारी बीवी की तबियत खराब होने का दोषी कही ना कही खुद को मानता रहा , ग्लानि भाव वो अपनी बीवी की देख रेख देर रात तक करता रहा ।
वही राहुल और अरुण ने अपना आज का कोटा पूरा कर लिया था तो वो भी चैन से सो गये ।
अनुज शिला को ना पाकर अपनी सेक्स की चसक निशा से निपटा कर सो गया
वही आज लगातार तीसरी रात रंगी ने तीन घोडीयो की सवारी की और उसके बड़े बेटे राज ने भी उसका साथ फिर से दिया ।
वही अमन के यहा का मौहौल भी समान्य रहा , खा पीकर सब अपने कमरे मे पहुच गये थे मगर असली खेल मुरारी शुरु करने जा रहा था ।
मुरारी- लो मेरी जान आज ये ट्राई करो
ममता खिलखिलाती हुई मुरारि के हाथ से पैकेट लेकर - इसमे क्या है ?
मुरारी- वही सरप्राइज जिस्का कल वादा किया था
ममता - ओहो सच मे
"अरे वाह वाह सेठ जी क्या बात है , क़्वालीटी और साइज़ एकदम सही " , ममता ने ब्रा पैंटी हाथ मे लेती हुई बोली ।
ममता ने मुरारी को चिढाने का सोचा और पैटी फैलाती हुई - ये मेरे किस काम की , ये आप अपनी संगीता को देदो हिहिही
मुरारी उसका मजाक समझ रहा था और उसने अपना हाथ बढा कर ममता की बुर को सलवार के उपर से टटोला - ये मै मेरी इस सन्गीता के लिये ही तो लेके आया हूँ मेरी जान,जरा उसे पहना के दिखाओ ना
ममता सिस्क कर - अह्ह्ह मेरे बलमा बहिनचोद उह्ह्ह सीईई उस रोज की तरह तैयार हो जाऊ
मुरारी उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - आह्ह मेरी जान तुमने तो मेरे दिल की बात जान ली , कैसे ?
ममता घूम कर उसके सामने होकर बोली - अपने राजा के दिल की रानी हु , मुझसे बेहतर कौन जानेगा कि आपको क्या चाहिये
मुरारी आगे बढ़ कर उसके सेब से लाल होते गाल को चूम लिया - ऊमम्मम्माआहहह मेरी रानी , अब जल्दी से तैयार होकर दिखा दो ना प्लीज
ममता - उहू ऐसे नही , पहले आप बाहर जाओ और जब मै बुलाऊ तब आना
मुरारी- क्या बाहर , इतनी रात मे मै बाहर क्या करूंगा
ममता खिलखिला कर उसको दरवाजे की ओर धकेलती हुई - जाओ देखो तुम्हारी बहिनिय फिर से मुह मारने किस कमरे मे जा रही है हिहिहिही
ये बोलकर ममता ने दरवाजा ल्गा दिया और मुरारी हसता हुआ गलियारे मे खड़ा अपना मुसल मसल कर - आह्ह आज तो अलग ही मूड मे है मेरी रानी इस्स्स्स मजा आयेगा
तभी उसको संगीता का ख्याल आया और वो लपक कर मदन के कमरे की ओर बढ़ गया , उम्मीद अनुसार वहा से मादक सिस्किया आ रही थी मगर दरवाजा लगा हुआ था
मगर आज ना जाने क्यू मुरारी को इस बात का बुरा नही लगा खैर चक्कर लगाता हुआ वो कभी हाल मे कभी गैलरी मे तो कभी मदन के कमरे के पास 20-25 मिंट बिता कर वो अपने कमरे के दरवाजे के पास पहुचा और आवाज दी
ममता - बस बस 2 मिंट उसके बाद आप दरवाजा खोल कर आ जाना ,
"और प्लीज कोई चिटिंग नही ,पूरे दो मिंट " ममता ने मुरारी के उमड़ते जज्बात को और सताते हुए बोली ।
बैचैन मुरारी फडफ्ड़ा कर रह गया और जैसे ही ममता की आवाज आई - आ जाओ
मुरारी का रोम रोम पुलकित हो उठा , उसके जिस्म मे सरसरी सी होने लगी, चेहरे पर अटूट खुशी की मुस्कुराहट खिल गयी और लन्ड बौरा उठा
सामने का नजारा बहुत कामुक और आकर्षक था , ममता कमरे के आईने आगे मुरारी के दिये गिफ्ट को अपने देह पर सोहल सृंगार सहित सजा चुकी थी
पैरो मे पाजेब , गले मे हार , कानो मे मैचींग झुमके , लटदार जुल्फो से सजी मांग से माथे तक लटकता टिका , आंखो के कजरा होठों पर लाली , हल्का फुल्का मेकअप का टचअप , हाथो मे खनक भरी चूडियां और सबसे बढ़ कर उसके बालों मे लगा हुआ गोल्डेन परान्दा जो लटक कर उसके गाड़ के दरारो तक पहुच रहा था ।
सर पर आरपार दिखने वाली मैचींग चुन्नी लिये ममता आईने के आगे मूर्ती सी खड़ी थी
आईना मे उसके आधे जिस्म की झलक ही नजर आ रही थी बाकी सब छिप सा गया था उसके बड़े भडकिले फैले हुए चुतडो के आगे
मुरारी दरवाजे के पास ही आंखे फ़ाड कर खडा उसे निहार रहा था , सालो बाद आज उसने ममता का ये रूप देख , तब के मुकाबले अब ममता का शरीर 3 गुना विकास कर चुका था और वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी ।
ममता ने आईने मे अपने पति को दरवाजे के पास आंखे फ़ाड कर निहारते देखा तो मुस्कुरा कर अपनी चुन्नी को हाथो से फैला कर अपना आगे का जोबन दिखाती हुई उसकी ओर घूम गयी - कैसी लग रही हु मेरे राजा
मुरारी की हालत तो और भी खराब हो गयी , उस मिड ट्रासपैरेंस ब्रा मे कसी हुई उसकी छातीय्प के गोल काले घेरे साफ झलक रहे थे और जांघो के बिच से निकली पैंटी भी ममता के चुत की लम्बी फाको को छिपाने मे नाकाम थी ।
ममता खिलखिलाई - क्यू मेरे राजा हो गयि बत्ती गुल्ल हिहिहहीही
मुरारी झट से दरवाजे पर कड़ी लगा कर ममता के पास आया और उसको पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया , उसका मोटा खुन्टा तन कर सीधा ममता के मुलायम चुतड मे चुभ रहा था - आह्ह मेरी जान तु सच मे बहुत सेक्सी लग रही है सीईई जी कर रहा है तुझे सारी उम्र ऐसे ही रखू उम्म्ंम्माह्ह्ह
ममता उसकी बाहो मे कसमसाइ और बोली - उम्म्ंम सच मे मेरे राजा , रख लो ना जैसे तुम चाहो । मै तो तुम्हारी ही हु ना मेरे साजन उम्म्ंम
मुरारी अपना लन्ड पजामे मे से उसकी नरम नरम मे कोंचता हुआ उसकी छातीया दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी जान आह तुम बहुत कमाल लग रही है , जी कर रहा है ये पल यही कैद कर लू ।
ममता सिस्स्क कर - समय को कैसे रोकू मेरे राजा वो तो बीत जायेगा , हम तो बस ये प्यार के पल यादो के सजो सकते है
मुरारी - मेरे पास एक आईडिया है
ममता उसकी बाहो मे ही पडे हुए सामने आईने उसका चेहरा देख कर बोली - कैसा आईडिया
मुरारी- रुको बताता हु।
फिर मुरारी ने जेब से मोबाईल निकाला और कैमेरा चालू कर तस्वीरे निकालने लगा
ममता - ओहो मेरे सैया फोटोग्राफर हिहिहिही रुको पोज भी देती हूँ
फिर एक के बाद एक ममता ने सेक्सी पोज दिये और मुरारी ने कुछ एक वीडियो भी बनाई ।
फिर उसने उसको पक्ड कर अपनी बाहो मे भर लिया ।
मुरारी- जान सुनो ना
ममता - हा मेरे राजा बोलो ना
मुरारी हाथ आगे बढा कर उसकी बुर पर रखा था - जान आज मै मेरी इस संगीता को खुब प्यार देना चाहता हु
ममता मुरारि के मुह से संगीता का नाम सून कर सिहर उठी - ओह्ह्ह सच मे मेरे राजा उम्म्ंम तो कर लो ना
मुरारी दोनो हाथो से उसके विशाल फैले हुए चुतड़ जकड़ लिये - उह्ह्ह मेरी सच मे उम्म्ंम्ं क्या मस्त कसी गाड़ है तेरी अह्ह्ह जी करता खा जाउउम्ंंं
ममता उससे अलग हुई अपने सर से चुन्नी सरका दिया और पहले ब्रा खोल दिया फिर अपनी गाड़ फैला कर अपनी पैंटी गाड से सरकाने लगी
मुरारी की हालात खराब होने लगी और वो जल्दी जल्दी अपने देह से सारे कपड़े निकालने लगा और जब वो अपना अंडरवियर उतार रहा था तब तक ममता उसके सामने से पूरी नंगी होकर पाजेब खनकाती हुई उसके आगे से अपने कुल्हे मटकाते हुए बिस्तर की ओर बढ गयी ।
मुरारी ममता के मोटे थिरकते चुतड देख कर अपना लन्ड भिंचने लगा और देखते ही देखते ममता घुटनो के बल होकर बिस्तर पर घोडी बन अपनी गाड़ को उठाते हुए पुरा भरसक फैला दिया
मुरारी को अब उसके दोनो भूरे सुराख साफ साफ नजर आ रहे थे और उससे रहा जा रहा था
ममता वही झुकी हुई अपनी बुर सहलाने लगी -आओ ना मेरे राजा , करो ना अपनी संगीता को प्यार , आपके लिए आज इसे नंगी कर दी हु अह्हहह मेरे राजा आजाओ ना उम्म्ंम्ं
मुरारी ममता की बाते सुन कर भीतर से पुरा सिहर उठा और आगे बढ़ कर वो बिस्तर पर आ गया
हाथ बढा कर वो ममता के मखमाली चर्बीदार गोरे चुतड़ सहला रहा था - ऊहह मेरी जान क्या मस्त गाड़ है तेरे और ये फूली हुई पाव सी चुत उह्ह्ह कितनी तप रही है
ममता - आह्ह मेरे राजा तो गरम गर्म ही उस्का मजा लेलो ना मुह लगा कर
मुरारी से अब जरा भी रहा ना गया और उसने झुक कर अपना मुह ममता के गाड की गहरी दरारो मे दे दिया और जीभ से उसके गाड़ की सुराख चाटने लगा
ममता - आह्ह मेरे राजा आप बडे चालू हो उम्म्ंम सीईई ओह्ह्ह संगीता को छोड़ कर उसकी पड़ोसन को प्यार दे रहे हो अह्ह्ह सीईई
मुरारी मुह निकाल कर हाथो से उसकी चुत मलता हुआ - दोनो बहने मस्त है मेरी जान तो कैसे दूसरी वाली को छोड दू
ममता मुस्कुराआई - आह्ह तुम ना पक्के वाले बहिनचोद हो अह्ह्ह माह्ह्ह सीई ओह्ह मेरे राजा अह्ह्ह आ ही गये उह्ह्ह खा जाओ अपनी संगीता के होठ उह्ह्ह्ह सीई ऐसे ही ओह्ह्ह और चुसो उसके लिप्स उम्म्ंम्ं क्या मस्त चबाते हो मेरे राजा मेरे सैयाह्ह बहिनचोद
मुरारी ममता के बुर के फाके चुसलाये जा रहा था और चाटे जा रहा था उसके हाथ ममता की मोटी पहाड़ सी विशाल चुतडो को सहला रहे थे
ममता लगातार उसको उकसाती जोश दिलाती सिस्क रही थी - अह्ह्ह हा मेरे राजा अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ं खा जाओ अपनी बहन की बुर उह्ह्ह ओह्ह नरम है ना अह्ह्ह आह्ह मेरे साजन अह्ह्ह निचोड डालो इह्ह्ह सीईई आ रहा है उम्म्ंम्ं रुकना मत अह्ह्ह
मुरारी रुकने के बजाय एक कदम आगे की सोची और अपना तनमनाया मुसल चुत के मुहाने पर लगा कर ह्चाक से उसकी गर्म लबलबाती चुत मे उतार दिया- अह्ह्ह मेरे राअजाह्ह्ह ऊहह कितना गर्म आपका लन्ड उह्ह्ह्ह्स्स्स जैसे लोहे का गरम सलिया घुसा हो भितर अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह और तेज्ज्झ उन्म्ं
मुरारी- ओह्ह्ह मेरी जान कितनी कसी हुई चुत है और बहुत गर्म अह्ह्ह लग रहा है पिघल ही जायेगा उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह लेह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह
मुरारी अब उसके कुल्हे थामकर ह्च्च् ह्च्च जोर जोर से पेलने लगा , ममता के मोटे मोटे भारी भरकम चुतड अब मुरारि के देह से टकरा भरी थप्प थ्प्प्प की आवाज निकाल रहे थे और मुरारी की नजर उसके भूरे सुराख पर थी
ममता - आह्ह मेरी राजा उह्ह्ह फाड़ डालो मे और हचक के डालो अपनी संगीता मे उम्म् अह्ह्ह और तेज चोदो उसे और तेज्ज्ज
ममता - तुम्हारी सगिता को तुम्हारा मोटा लन्ड घुस्वा कर पेलवाना पसन्द है आह्ह मेरे राजा और पेलो उह्ह्ह रुकना पेलते जाओ अपनी बहिन का बुर समझ कर , एक भाई से वो चुदवाति है तुम्हारा ले लेगी क्या घट जायेगा रन्डी का अह्ह्ह मेरे राजा हा ऐसे ही ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
मुरारि अब पुरे जोश मे आ चुका था और अपनी सगी बहन संगीता को पेलने ख्याल आने से वो अब झडने के करीब था
ममता - अह्ह्ह मेरे राज भर दो अपनी वहन की बुर समझ कर नहला दो अह्ह्ह अह्ह्ह फिर आ रहा है मेरा अह्ह्ह सीईई ओह्ह
मुरारी- आह्ह मेरी रानी ऊहह मेरी बहना ओह्ह आ रहाहै आह्ह आज नहला दुगा तुझे ओह्ह्ह लेह्ह्ह्ह आयाह्ह्ह अह्ह्ह
मुरारी ने उसकी चुत के लण्ड निकाल कर मोटी गाढ़ी पिचकारी ममता के गाड़ पर मारने लगा
ममता - अह्ह्ह मेरे राजा भर दो मेरी गाड़ मेरा चुत आह्ह नहला दो आज्ज्ज उह्ह्ह मेरे सैयाअंं बहिनचौद मेरे बलमा बहिनचोद अह्ह्ह्ह
मुरारि -अह्ह्व साली रन्डी एल्ह्ह्ह सारा माल निकाल रहा हु इह्ह 3ल्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ब
मुरारी भी आखिरी बूंद तक उसके गाड़ पर झडता रहा और उसकी गाढी मलाई रिस कर गाड़ के सुराख से उसकी चुत के फाको से होकर जांघो तक जाने लगी
वही मुरारी हाफ कर बिस्तर पर गिर पडा
कुछ पल बाद
ममता - तो मेरे बालम बहिनचोद मजा आया
मुरारि उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - हा मेरी रानी बहुत
ममता - तो क्या सोचा मेरे राजा
मुरारी- किस बारे मे
ममता - अरे अब परसो तो संगीता चली जायेगी , पक्के वाले बहिनचोद नही बनना उम्म्ं
मुरारी- धत्त क्या तु भी अमन की मा , मुझसे नही होगा
ममता - अरे ट्राई करने मे क्या हरज है , मिल गयी तो आपकी चांदी हिहिहिही
मुरारि- हा लेकिन मै मेरी बीवी के साथ धोखा नही कर सकता ना
ममता - अच्छा जी इनको देखो अभी अपनी बहिनिया के नाम पर झड रहे थे और अभी शरारफ झाड़ रहे है हिहिही
मुरारी- अब बस करो भई , चलो सो जाओ कल बहुत सारे काम है
ममता उससे लिपट कर - ये मेरे राजा , आपकी संगीता थोडा और प्यार माग रही है देदो ना
मुरारी- अच्छा ऐसा क्या , अभी कर देता हु मेरी रानी
और एक बार फिर कमरे मे मादक सिस्किया उठने लगी और जल्द ही दोनो सो गये
राज के घर
अगली सुबह घर मे तैयारियां जोरो पर थी , शकुन की टोकरिया बॉक्स हाल मे बिछे हुए थे , घर मे चहल पहल भरा मौहौल था
रंगी फोन पर लगातार जंगी से बात कर रहा था और कुछ ना कुछ सामान की सूची उससे साझा कर रहा था ।
इधर रागिनी और निशा तैयार हो रही थी तो राज और अनुज भी अपनी अपनी बेल्ट कस रहे थे
देखते ही देखते 10 बजने को हो गये और सामान गाड़ीयो मे लद गया
रागिनी अपने साडी की पिन सही करती हुई - अरे देवर जी कहा रह गये
जन्गी हाल मे दोनो हाथ मे झोला लेकर आता हुआ - आ गया भाभी , भाईसाहब इसमे मिठाईया है और कुछ बाकी तो नही रह गया
रन्गी - नही नही सब हो ही गया है , राज अनुज इसे भी गाड़ी मे रख दो और सब लोग ज्लदी बैठो भाई , समधि जी का बार बार फोन आ रहा है ।
सब्को आगे भेज कर रागिनी - हा आप लोग चलिये , देवर जी एक मिंट आयियेगा
रागिनी जंगी को जीने के करीब ले गयी और मुस्कुराते हुए - अरे वो आपसे पुछना रह गया था , वो उस रोज शादी मे मेरी समधन की ननद आई थी ना ! उसका क्या हुआ ?
रागिनी की शरारत भरि मुस्कुराहट से ही जन्गी की उस रात की यादे ताजा हो गयी जब उसने अमन की बुआ को चोदते हुए वीडियो बनाया था
जन्गी आस पास देख कर खुश होकर - जी भाभी वो कैसे भूल सकता हूँ
रागिनी आंखे नचा कर - तो काम हुआ था या नही ?
जन्गी - क्या भाभी आपको अपने देवर पर इतना भी भरोसा नही है उम्म्ंम्ं
रागिनी - ओहो फिर फिल्म ? हिहिहिही
जन्गी - मेरे मोबाइल मे है दिखाऊ क्या ?
रागिनी शर्मा कर हस्ती हुई - धत्त नटखट मुझे नही देखना , आप बस इस मोबाइल मे उसको भेज दो ।
रागिनी ने रज्जो का मोबाइल जन्गी को दिया और जन्गी ने झट से वो वीडियो रज्जो के मोबाइल मे भेज दिया - हो गया भाभी ।
रागिनी - हम्म्म अब अपने मोबाइल से उडा दो उसको हिहिहिही नही तो निशा की मा को आपकी करतुत बता दुगी
जन्गी हस के आवाक होकर रह गया और रागीनी उसके आगे से हस्ती खिलखिलाती हुई बाहर निकल गयी ।
जल्द ही 6 जन सवारी राज के घर से निकल पड़ी
राज अनुज रंगी जन्गी निशा और रागीनी ।
रज्जो और शिला को घर की जिम्मेदारी दे दी गयी थी ।
जल्द ही सारे लोग अमन के यहा पहुचे , चौखट मे खुब हसी खुशी समधि समधन आपस मे मिले
ममता ने आज फिर से साडी डाली हुई थी ,
उसके भरे बदन पर साडी उसे काफी आकर्षक दिखा रही थी । संगीता भी अपने जलवे दिखाने मे कहा पीछे थी ।
अनुज रिन्की की आंख मिचौली चल रही थी तो निशा भी अपने जीजू अमन के आगे खुब इतरा रही थी
मुरारी भी अपनी गदराई समधन रागिनी के चुस्त दुरुस्त बदन पर लिपटी हुई साड़ी से झाकती जोबनो पर नजर फेरता दिख रहा था तो
जन्गी और संगीता की अपनी गुपचुप मुस्कुराहट साझा की जा रही थी ।
सारे लोग हाल मे एक जुट हो रहे थे कि राज की नजर किचन से रिन्की के साथ आती दुलारी भाभी पर गयी
हर मायने वो उसे अपनी पंखुडी भौजाई की याद दिला रही थी , वैसा ही गठिला गदराया बदन , वही देसी गाव की भौजाइयो वाली शरारत भरी नजर और मुस्कुराह्ट ।
उसपे से हल्के रंग की औरगंजा साड़ी मे उसके सपाट पेट से झाकती गुदाज गहरी नाभि देख कर राज का दिल एकदम गार्डन गार्डन हो गया ।
चाय नाश्ते की चुस्किया चल रही थी नास्ते का दौर चलता रहा और निशा राज अनुज सब काफी समय तक सोनल के निचे आने का वेट करते रहे और फिर उनकी बेचैनी समझ कर ममता ने रिन्की को कहा कि तीनो को उपर सोनल के कमरे लिवा जाये और फिर चारो उपर चले गये
वही इधर हाल मे बात चित का दौर लम्बा खिंचता रहा ।
राहुल के घर
इधर जंगी के जाने के बाद शालिनी उठी और नहाने के लिए कपडे उतार रही थी कि पीछे से अरुण ने उसे ब्रा पैटी मे ही दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी मामी , सारी रात तुम्हारी याद मे नीद नही आई , उम्म्ंम्ं कितनी सेक्सी और हॉट हो आप
अरून शालिनी की गाड़ पर अपने लोवर के भीतर से लन्ड घिसता हुआ उसकी चुचिया मिजने लगा , शालिनी उसकी बाहो मे सिस्कने लगी - उहहह छोड ना , कल मन नही भरा तेरा जो सुबह सुबह तन्ग कर रहा है अह्ह्हू सीईई ओह्ह्ह अरुण मान जा मेरा बच्चा अह्ह्झ उम्म्ंम
अरुण हाथ निचे ले जाकर पैटी के उपर से ही उसकी बुर कुरेदने लगा - आह्ह मामी थोडा सुबह रसिला नासता ती करा दो उम्मममं कल तो वैसे भी घर चला जाउन्गा मै उम्म्ंम्ं प्लिज्ज्ज्ज ना
शालीनी का मन थोड़ा उदास हुआ एक पल को मगर वो इस दिन को यादगार बनाने वाली थी और उसने घूम कर अरुन को बेड पर धकेल दिया और लोवर निचे कर उसके लन्ड पर टुट पड़ी
अरून- ओह्ह माय सेक्सी मामी उह्ह्ह सच मे बहुत याद आओगे आप आह्ह मेरी रन्डी आह्ह और चुस्स्स उम्म्ंम
शालीनी मुह खोलकर सुरुकती हुई अरुण का मोटा लन्ड चुस रही थी -अह्ह्ह मै भी इसे बहुत मिस्स करने वाली हु और मेरी चुत भी अह्ह्ह्ह उम्म्ंम कितना कड़ा है उह्ह्ह्ह सीईई उम्मममंम्म्ं घुउउउऊऊ घुउउउऊऊ अह्ह्ह्ह इसको तो आज निचोड लुगी अह्ह्ह्ह
।
अरून का लन्ड और कसता फैलता जा रहा था , वो शालीनी का सर दबाये निचे से अपना गाड़ टाइट कर लन्ड उसके मुह मे पेलने लगा
तभी दरवाजे पर राहुल जो नहाने के लिए निकला था वो कमरे से आ रही आवाजो से अपनी मा के कमरे तौलिया लपेटेआ पहूचा था - ओह्ह बहिनचोद ,मै बोला तो डाट दिया
इधर अरून उसको चुपके से आने को बोलता है तो राहुल खुशी खुशी धिरे से अपनी मा के पीछे पहुचता है और तौलिया खोलकर अपना तनमनाता मोटा लन्ड निकाल लेता है और दोनो पन्जे अपनी मा के नंगे चुतडो पर जडता है - अह्ह्ह्ह मममीईई राहुल कुत्ते तु है क्या
राहुल अब अपनी मा की गोरी गाड पर गर्म तपता कडक लन्ड घिसता हुआ - हा मा मै ही हु , अभी मुझे डाट दिया और इसे नही
शालिनी मुस्कुरा कर अपनी पैंती खिंच कर चुतड़ पर चढाती हुई - अच्छा ले घुसा ले
राहुल ने तुरंत थुक लगा कर अपना मोटा सुपाडा अपनी मा के चुत मे लगा कर घुसेड़ दिया,
जिससे शालिनी दर्द से मचल उठी , दर्द और चुत मे खींचाव क भाव उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रहे थे -अह्ह्ह्ह कमिने आराम से उह्ह्ह दर्द है और अभी भी सुजी हुई है चुत मेरी उह्ह्ह्ज आराम से उम्म्ंम्ं
शालिनी राहुल हिदायत देकर वाप्स अरून का लन्ड चुसने लगी
राहुल - ओह्ह मम्मी आज आपकी बुर बहुत कसी है अह्ह्ह सीई कितनी गर्म है अह्ह्ह मन कर रहा है घुसा घुसा कर फाड़ दू ओह्ह्ह मम्मा उह्ह्ह फ़क यू बीच्च उह्ह्ह साली कुतिया अह्ह्ह एल्झ्ह
शालीनी का सर अरुण के लंन्ड पर जमा था और अरुण भी गाड उठा उठा कर उसकी मुह मे पेलाई कर रहा था - ओह्ह्ह मामीईई ऊहह ऐसे ही उम्म्ं और चुसो मेरी रन्डी चुद्क्कड मामी ओह्फक्क यू उम्मममं और लोह्ह्ह सीई अह्ह्ह
राहुल भी हचर हचर पेले जा रहा था और जल्दी ही पोजिसन बदला और अरुन ने जगह ली और वो शालीनी गाड़ को मसलता हुआ पीछे से फचर फचर पेलने लगा -अह्ह्ह मामी सच मे आपकी बुर बहुत गर्म है आह्ह्ह आह्ह आज तो पुरा दिन आपकी बुर फाड़ने वाला हु ओह्ह्ह्ह फक्क्क्क अह्ह्ह बहिनचोद क्या कसी चुत है आपकी मामी अह्ह्ह मजा आ रहा है
शालिनी - आह्ह हा बेटा फ़ाड दे आज पुरा दिन तुझसे पेलवाने वाली हु मै अह्ह्ह जबतक थका ना दू तुझ्र अह्ह्ह और तेज्ज उह्ह्ह और पेल उम्म्ं रुकना मत
वही राहुल उसके मुह पर अपना लन्ड रगड़ता हुआ उसके मुह मे लन्ड घुसा दिया -आह्ह और मेरा क्या अह्ह्ह मुझे तरसायेगी साली कुतिया लेह्ह चुस ले अपने मादरचोद बेटे का लन्ड चुस अह्ह्ह मेरी चुदक्कड़ मम्मीई ऊहह फक्क ऊहह साली कुतिया अह्ह्ह लेह्ह्ह्ह्ह
इधर अरुन उसकी चुत मे लन्ड पेले जा रहा था और शालीनी मुह मे अपने बेटे का लन्द चुसे जा रही थी और उसकी बड़ी बड़ी थन सी चुचिया लटकी हुई हिल रही थी
ऐसे कुछ देर चुदाई के बाद फिर से पोजीसन बदला और शालिनी की टाँगे उठा कर अब राहुल उसकी चुत मे लन्ड पेल रहा था और अरून का मोटा लन्ड अब शालिनी की मुह गले तक जा रहा था -अह्ह्ह मेरी मामी आपकी मुह मे ही पेल कर झड जाउगा मै अह्ह्ह सीई आह्ह फक्क्क्क
वही राहुल पेलते पेलते जोर जोर से चिखने लगा - अह्ह्ह मम्मीई ओह्ह अब और नही आह्ह लेलो अह्ह्ह फ्क्क्क आह्ह मेरी रंडी मा आह्ह आज तुझे नहला दुन्गा ओह्ह्ह अह्ह्ह
शालिनी अरुण का लन्ड छोद देती है और अपनी चुचिया मिजती हुई राहुल को और जोश दिलाती हुई - हा बेटा आजा , अपनी मा को भीगा दे और नहला दे अपने रस दे अह्ह्ह मेरा बेटा अह्ह्ह उह्ह्ह
राहुल जोर जोर से चिन्घाडता हुआ शालिनी के उपर झड़ने लगता है और अरुण वही खडा होकर अपना लन्ड हिलाता हुआ मा बेटे की जुगलबंदी निहारने लगा
राहुल के झडते ही शालिनी ने उसे अपना दुसरा रूप दिखाया और कपड़े पहन कर फौरन दूकान खोलने की फटकार लगा दी
राहुल मुह बना कर तौलिया उठा कर अरुन को मुस्कूराता देखता रहा और शालीनी उठ कर अरुन का हाथ पकड कर उसके लिप्स चुसती हुई बोली - मेरे साथ नहाने चलेगा
अरुन इस हसीन और कामुक मौके को कैसे जाने दे
Bhut hi dhashu update diya bhai maza aa gyaUPDATE 219
आगे चीजे सब जस की तस बनी रही ।
शालीनी की तबियत ठीक रही उस रात तो जंगी का कुछ काम नही बन पाया उलटे अपनी प्यारी बीवी की तबियत खराब होने का दोषी कही ना कही खुद को मानता रहा , ग्लानि भाव वो अपनी बीवी की देख रेख देर रात तक करता रहा ।
वही राहुल और अरुण ने अपना आज का कोटा पूरा कर लिया था तो वो भी चैन से सो गये ।
अनुज शिला को ना पाकर अपनी सेक्स की चसक निशा से निपटा कर सो गया
वही आज लगातार तीसरी रात रंगी ने तीन घोडीयो की सवारी की और उसके बड़े बेटे राज ने भी उसका साथ फिर से दिया ।
वही अमन के यहा का मौहौल भी समान्य रहा , खा पीकर सब अपने कमरे मे पहुच गये थे मगर असली खेल मुरारी शुरु करने जा रहा था ।
मुरारी- लो मेरी जान आज ये ट्राई करो
ममता खिलखिलाती हुई मुरारि के हाथ से पैकेट लेकर - इसमे क्या है ?
मुरारी- वही सरप्राइज जिस्का कल वादा किया था
ममता - ओहो सच मे
"अरे वाह वाह सेठ जी क्या बात है , क़्वालीटी और साइज़ एकदम सही " , ममता ने ब्रा पैंटी हाथ मे लेती हुई बोली ।
ममता ने मुरारी को चिढाने का सोचा और पैटी फैलाती हुई - ये मेरे किस काम की , ये आप अपनी संगीता को देदो हिहिही
मुरारी उसका मजाक समझ रहा था और उसने अपना हाथ बढा कर ममता की बुर को सलवार के उपर से टटोला - ये मै मेरी इस सन्गीता के लिये ही तो लेके आया हूँ मेरी जान,जरा उसे पहना के दिखाओ ना
ममता सिस्क कर - अह्ह्ह मेरे बलमा बहिनचोद उह्ह्ह सीईई उस रोज की तरह तैयार हो जाऊ
मुरारी उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - आह्ह मेरी जान तुमने तो मेरे दिल की बात जान ली , कैसे ?
ममता घूम कर उसके सामने होकर बोली - अपने राजा के दिल की रानी हु , मुझसे बेहतर कौन जानेगा कि आपको क्या चाहिये
मुरारी आगे बढ़ कर उसके सेब से लाल होते गाल को चूम लिया - ऊमम्मम्माआहहह मेरी रानी , अब जल्दी से तैयार होकर दिखा दो ना प्लीज
ममता - उहू ऐसे नही , पहले आप बाहर जाओ और जब मै बुलाऊ तब आना
मुरारी- क्या बाहर , इतनी रात मे मै बाहर क्या करूंगा
ममता खिलखिला कर उसको दरवाजे की ओर धकेलती हुई - जाओ देखो तुम्हारी बहिनिय फिर से मुह मारने किस कमरे मे जा रही है हिहिहिही
ये बोलकर ममता ने दरवाजा ल्गा दिया और मुरारी हसता हुआ गलियारे मे खड़ा अपना मुसल मसल कर - आह्ह आज तो अलग ही मूड मे है मेरी रानी इस्स्स्स मजा आयेगा
तभी उसको संगीता का ख्याल आया और वो लपक कर मदन के कमरे की ओर बढ़ गया , उम्मीद अनुसार वहा से मादक सिस्किया आ रही थी मगर दरवाजा लगा हुआ था
मगर आज ना जाने क्यू मुरारी को इस बात का बुरा नही लगा खैर चक्कर लगाता हुआ वो कभी हाल मे कभी गैलरी मे तो कभी मदन के कमरे के पास 20-25 मिंट बिता कर वो अपने कमरे के दरवाजे के पास पहुचा और आवाज दी
ममता - बस बस 2 मिंट उसके बाद आप दरवाजा खोल कर आ जाना ,
"और प्लीज कोई चिटिंग नही ,पूरे दो मिंट " ममता ने मुरारी के उमड़ते जज्बात को और सताते हुए बोली ।
बैचैन मुरारी फडफ्ड़ा कर रह गया और जैसे ही ममता की आवाज आई - आ जाओ
मुरारी का रोम रोम पुलकित हो उठा , उसके जिस्म मे सरसरी सी होने लगी, चेहरे पर अटूट खुशी की मुस्कुराहट खिल गयी और लन्ड बौरा उठा
सामने का नजारा बहुत कामुक और आकर्षक था , ममता कमरे के आईने आगे मुरारी के दिये गिफ्ट को अपने देह पर सोहल सृंगार सहित सजा चुकी थी
पैरो मे पाजेब , गले मे हार , कानो मे मैचींग झुमके , लटदार जुल्फो से सजी मांग से माथे तक लटकता टिका , आंखो के कजरा होठों पर लाली , हल्का फुल्का मेकअप का टचअप , हाथो मे खनक भरी चूडियां और सबसे बढ़ कर उसके बालों मे लगा हुआ गोल्डेन परान्दा जो लटक कर उसके गाड़ के दरारो तक पहुच रहा था ।
सर पर आरपार दिखने वाली मैचींग चुन्नी लिये ममता आईने के आगे मूर्ती सी खड़ी थी
आईना मे उसके आधे जिस्म की झलक ही नजर आ रही थी बाकी सब छिप सा गया था उसके बड़े भडकिले फैले हुए चुतडो के आगे
मुरारी दरवाजे के पास ही आंखे फ़ाड कर खडा उसे निहार रहा था , सालो बाद आज उसने ममता का ये रूप देख , तब के मुकाबले अब ममता का शरीर 3 गुना विकास कर चुका था और वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी ।
ममता ने आईने मे अपने पति को दरवाजे के पास आंखे फ़ाड कर निहारते देखा तो मुस्कुरा कर अपनी चुन्नी को हाथो से फैला कर अपना आगे का जोबन दिखाती हुई उसकी ओर घूम गयी - कैसी लग रही हु मेरे राजा
मुरारी की हालत तो और भी खराब हो गयी , उस मिड ट्रासपैरेंस ब्रा मे कसी हुई उसकी छातीय्प के गोल काले घेरे साफ झलक रहे थे और जांघो के बिच से निकली पैंटी भी ममता के चुत की लम्बी फाको को छिपाने मे नाकाम थी ।
ममता खिलखिलाई - क्यू मेरे राजा हो गयि बत्ती गुल्ल हिहिहहीही
मुरारी झट से दरवाजे पर कड़ी लगा कर ममता के पास आया और उसको पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया , उसका मोटा खुन्टा तन कर सीधा ममता के मुलायम चुतड मे चुभ रहा था - आह्ह मेरी जान तु सच मे बहुत सेक्सी लग रही है सीईई जी कर रहा है तुझे सारी उम्र ऐसे ही रखू उम्म्ंम्माह्ह्ह
ममता उसकी बाहो मे कसमसाइ और बोली - उम्म्ंम सच मे मेरे राजा , रख लो ना जैसे तुम चाहो । मै तो तुम्हारी ही हु ना मेरे साजन उम्म्ंम
मुरारी अपना लन्ड पजामे मे से उसकी नरम नरम मे कोंचता हुआ उसकी छातीया दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी जान आह तुम बहुत कमाल लग रही है , जी कर रहा है ये पल यही कैद कर लू ।
ममता सिस्स्क कर - समय को कैसे रोकू मेरे राजा वो तो बीत जायेगा , हम तो बस ये प्यार के पल यादो के सजो सकते है
मुरारी - मेरे पास एक आईडिया है
ममता उसकी बाहो मे ही पडे हुए सामने आईने उसका चेहरा देख कर बोली - कैसा आईडिया
मुरारी- रुको बताता हु।
फिर मुरारी ने जेब से मोबाईल निकाला और कैमेरा चालू कर तस्वीरे निकालने लगा
ममता - ओहो मेरे सैया फोटोग्राफर हिहिहिही रुको पोज भी देती हूँ
फिर एक के बाद एक ममता ने सेक्सी पोज दिये और मुरारी ने कुछ एक वीडियो भी बनाई ।
फिर उसने उसको पक्ड कर अपनी बाहो मे भर लिया ।
मुरारी- जान सुनो ना
ममता - हा मेरे राजा बोलो ना
मुरारी हाथ आगे बढा कर उसकी बुर पर रखा था - जान आज मै मेरी इस संगीता को खुब प्यार देना चाहता हु
ममता मुरारि के मुह से संगीता का नाम सून कर सिहर उठी - ओह्ह्ह सच मे मेरे राजा उम्म्ंम तो कर लो ना
मुरारी दोनो हाथो से उसके विशाल फैले हुए चुतड़ जकड़ लिये - उह्ह्ह मेरी सच मे उम्म्ंम्ं क्या मस्त कसी गाड़ है तेरी अह्ह्ह जी करता खा जाउउम्ंंं
ममता उससे अलग हुई अपने सर से चुन्नी सरका दिया और पहले ब्रा खोल दिया फिर अपनी गाड़ फैला कर अपनी पैंटी गाड से सरकाने लगी
मुरारी की हालात खराब होने लगी और वो जल्दी जल्दी अपने देह से सारे कपड़े निकालने लगा और जब वो अपना अंडरवियर उतार रहा था तब तक ममता उसके सामने से पूरी नंगी होकर पाजेब खनकाती हुई उसके आगे से अपने कुल्हे मटकाते हुए बिस्तर की ओर बढ गयी ।
मुरारी ममता के मोटे थिरकते चुतड देख कर अपना लन्ड भिंचने लगा और देखते ही देखते ममता घुटनो के बल होकर बिस्तर पर घोडी बन अपनी गाड़ को उठाते हुए पुरा भरसक फैला दिया
मुरारी को अब उसके दोनो भूरे सुराख साफ साफ नजर आ रहे थे और उससे रहा जा रहा था
ममता वही झुकी हुई अपनी बुर सहलाने लगी -आओ ना मेरे राजा , करो ना अपनी संगीता को प्यार , आपके लिए आज इसे नंगी कर दी हु अह्हहह मेरे राजा आजाओ ना उम्म्ंम्ं
मुरारी ममता की बाते सुन कर भीतर से पुरा सिहर उठा और आगे बढ़ कर वो बिस्तर पर आ गया
हाथ बढा कर वो ममता के मखमाली चर्बीदार गोरे चुतड़ सहला रहा था - ऊहह मेरी जान क्या मस्त गाड़ है तेरे और ये फूली हुई पाव सी चुत उह्ह्ह कितनी तप रही है
ममता - आह्ह मेरे राजा तो गरम गर्म ही उस्का मजा लेलो ना मुह लगा कर
मुरारी से अब जरा भी रहा ना गया और उसने झुक कर अपना मुह ममता के गाड की गहरी दरारो मे दे दिया और जीभ से उसके गाड़ की सुराख चाटने लगा
ममता - आह्ह मेरे राजा आप बडे चालू हो उम्म्ंम सीईई ओह्ह्ह संगीता को छोड़ कर उसकी पड़ोसन को प्यार दे रहे हो अह्ह्ह सीईई
मुरारी मुह निकाल कर हाथो से उसकी चुत मलता हुआ - दोनो बहने मस्त है मेरी जान तो कैसे दूसरी वाली को छोड दू
ममता मुस्कुराआई - आह्ह तुम ना पक्के वाले बहिनचोद हो अह्ह्ह माह्ह्ह सीई ओह्ह मेरे राजा अह्ह्ह आ ही गये उह्ह्ह खा जाओ अपनी संगीता के होठ उह्ह्ह्ह सीई ऐसे ही ओह्ह्ह और चुसो उसके लिप्स उम्म्ंम्ं क्या मस्त चबाते हो मेरे राजा मेरे सैयाह्ह बहिनचोद
मुरारी ममता के बुर के फाके चुसलाये जा रहा था और चाटे जा रहा था उसके हाथ ममता की मोटी पहाड़ सी विशाल चुतडो को सहला रहे थे
ममता लगातार उसको उकसाती जोश दिलाती सिस्क रही थी - अह्ह्ह हा मेरे राजा अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ं खा जाओ अपनी बहन की बुर उह्ह्ह ओह्ह नरम है ना अह्ह्ह आह्ह मेरे साजन अह्ह्ह निचोड डालो इह्ह्ह सीईई आ रहा है उम्म्ंम्ं रुकना मत अह्ह्ह
मुरारी रुकने के बजाय एक कदम आगे की सोची और अपना तनमनाया मुसल चुत के मुहाने पर लगा कर ह्चाक से उसकी गर्म लबलबाती चुत मे उतार दिया- अह्ह्ह मेरे राअजाह्ह्ह ऊहह कितना गर्म आपका लन्ड उह्ह्ह्ह्स्स्स जैसे लोहे का गरम सलिया घुसा हो भितर अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह और तेज्ज्झ उन्म्ं
मुरारी- ओह्ह्ह मेरी जान कितनी कसी हुई चुत है और बहुत गर्म अह्ह्ह लग रहा है पिघल ही जायेगा उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह लेह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह
मुरारी अब उसके कुल्हे थामकर ह्च्च् ह्च्च जोर जोर से पेलने लगा , ममता के मोटे मोटे भारी भरकम चुतड अब मुरारि के देह से टकरा भरी थप्प थ्प्प्प की आवाज निकाल रहे थे और मुरारी की नजर उसके भूरे सुराख पर थी
ममता - आह्ह मेरी राजा उह्ह्ह फाड़ डालो मे और हचक के डालो अपनी संगीता मे उम्म् अह्ह्ह और तेज चोदो उसे और तेज्ज्ज
ममता - तुम्हारी सगिता को तुम्हारा मोटा लन्ड घुस्वा कर पेलवाना पसन्द है आह्ह मेरे राजा और पेलो उह्ह्ह रुकना पेलते जाओ अपनी बहिन का बुर समझ कर , एक भाई से वो चुदवाति है तुम्हारा ले लेगी क्या घट जायेगा रन्डी का अह्ह्ह मेरे राजा हा ऐसे ही ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
मुरारि अब पुरे जोश मे आ चुका था और अपनी सगी बहन संगीता को पेलने ख्याल आने से वो अब झडने के करीब था
ममता - अह्ह्ह मेरे राज भर दो अपनी वहन की बुर समझ कर नहला दो अह्ह्ह अह्ह्ह फिर आ रहा है मेरा अह्ह्ह सीईई ओह्ह
मुरारी- आह्ह मेरी रानी ऊहह मेरी बहना ओह्ह आ रहाहै आह्ह आज नहला दुगा तुझे ओह्ह्ह लेह्ह्ह्ह आयाह्ह्ह अह्ह्ह
मुरारी ने उसकी चुत के लण्ड निकाल कर मोटी गाढ़ी पिचकारी ममता के गाड़ पर मारने लगा
ममता - अह्ह्ह मेरे राजा भर दो मेरी गाड़ मेरा चुत आह्ह नहला दो आज्ज्ज उह्ह्ह मेरे सैयाअंं बहिनचौद मेरे बलमा बहिनचोद अह्ह्ह्ह
मुरारि -अह्ह्व साली रन्डी एल्ह्ह्ह सारा माल निकाल रहा हु इह्ह 3ल्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ब
मुरारी भी आखिरी बूंद तक उसके गाड़ पर झडता रहा और उसकी गाढी मलाई रिस कर गाड़ के सुराख से उसकी चुत के फाको से होकर जांघो तक जाने लगी
वही मुरारी हाफ कर बिस्तर पर गिर पडा
कुछ पल बाद
ममता - तो मेरे बालम बहिनचोद मजा आया
मुरारि उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - हा मेरी रानी बहुत
ममता - तो क्या सोचा मेरे राजा
मुरारी- किस बारे मे
ममता - अरे अब परसो तो संगीता चली जायेगी , पक्के वाले बहिनचोद नही बनना उम्म्ं
मुरारी- धत्त क्या तु भी अमन की मा , मुझसे नही होगा
ममता - अरे ट्राई करने मे क्या हरज है , मिल गयी तो आपकी चांदी हिहिहिही
मुरारि- हा लेकिन मै मेरी बीवी के साथ धोखा नही कर सकता ना
ममता - अच्छा जी इनको देखो अभी अपनी बहिनिया के नाम पर झड रहे थे और अभी शरारफ झाड़ रहे है हिहिही
मुरारी- अब बस करो भई , चलो सो जाओ कल बहुत सारे काम है
ममता उससे लिपट कर - ये मेरे राजा , आपकी संगीता थोडा और प्यार माग रही है देदो ना
मुरारी- अच्छा ऐसा क्या , अभी कर देता हु मेरी रानी
और एक बार फिर कमरे मे मादक सिस्किया उठने लगी और जल्द ही दोनो सो गये
राज के घर
अगली सुबह घर मे तैयारियां जोरो पर थी , शकुन की टोकरिया बॉक्स हाल मे बिछे हुए थे , घर मे चहल पहल भरा मौहौल था
रंगी फोन पर लगातार जंगी से बात कर रहा था और कुछ ना कुछ सामान की सूची उससे साझा कर रहा था ।
इधर रागिनी और निशा तैयार हो रही थी तो राज और अनुज भी अपनी अपनी बेल्ट कस रहे थे
देखते ही देखते 10 बजने को हो गये और सामान गाड़ीयो मे लद गया
रागिनी अपने साडी की पिन सही करती हुई - अरे देवर जी कहा रह गये
जन्गी हाल मे दोनो हाथ मे झोला लेकर आता हुआ - आ गया भाभी , भाईसाहब इसमे मिठाईया है और कुछ बाकी तो नही रह गया
रन्गी - नही नही सब हो ही गया है , राज अनुज इसे भी गाड़ी मे रख दो और सब लोग ज्लदी बैठो भाई , समधि जी का बार बार फोन आ रहा है ।
सब्को आगे भेज कर रागिनी - हा आप लोग चलिये , देवर जी एक मिंट आयियेगा
रागिनी जंगी को जीने के करीब ले गयी और मुस्कुराते हुए - अरे वो आपसे पुछना रह गया था , वो उस रोज शादी मे मेरी समधन की ननद आई थी ना ! उसका क्या हुआ ?
रागिनी की शरारत भरि मुस्कुराहट से ही जन्गी की उस रात की यादे ताजा हो गयी जब उसने अमन की बुआ को चोदते हुए वीडियो बनाया था
जन्गी आस पास देख कर खुश होकर - जी भाभी वो कैसे भूल सकता हूँ
रागिनी आंखे नचा कर - तो काम हुआ था या नही ?
जन्गी - क्या भाभी आपको अपने देवर पर इतना भी भरोसा नही है उम्म्ंम्ं
रागिनी - ओहो फिर फिल्म ? हिहिहिही
जन्गी - मेरे मोबाइल मे है दिखाऊ क्या ?
रागिनी शर्मा कर हस्ती हुई - धत्त नटखट मुझे नही देखना , आप बस इस मोबाइल मे उसको भेज दो ।
रागिनी ने रज्जो का मोबाइल जन्गी को दिया और जन्गी ने झट से वो वीडियो रज्जो के मोबाइल मे भेज दिया - हो गया भाभी ।
रागिनी - हम्म्म अब अपने मोबाइल से उडा दो उसको हिहिहिही नही तो निशा की मा को आपकी करतुत बता दुगी
जन्गी हस के आवाक होकर रह गया और रागीनी उसके आगे से हस्ती खिलखिलाती हुई बाहर निकल गयी ।
जल्द ही 6 जन सवारी राज के घर से निकल पड़ी
राज अनुज रंगी जन्गी निशा और रागीनी ।
रज्जो और शिला को घर की जिम्मेदारी दे दी गयी थी ।
जल्द ही सारे लोग अमन के यहा पहुचे , चौखट मे खुब हसी खुशी समधि समधन आपस मे मिले
ममता ने आज फिर से साडी डाली हुई थी ,
उसके भरे बदन पर साडी उसे काफी आकर्षक दिखा रही थी । संगीता भी अपने जलवे दिखाने मे कहा पीछे थी ।
अनुज रिन्की की आंख मिचौली चल रही थी तो निशा भी अपने जीजू अमन के आगे खुब इतरा रही थी
मुरारी भी अपनी गदराई समधन रागिनी के चुस्त दुरुस्त बदन पर लिपटी हुई साड़ी से झाकती जोबनो पर नजर फेरता दिख रहा था तो
जन्गी और संगीता की अपनी गुपचुप मुस्कुराहट साझा की जा रही थी ।
सारे लोग हाल मे एक जुट हो रहे थे कि राज की नजर किचन से रिन्की के साथ आती दुलारी भाभी पर गयी
हर मायने वो उसे अपनी पंखुडी भौजाई की याद दिला रही थी , वैसा ही गठिला गदराया बदन , वही देसी गाव की भौजाइयो वाली शरारत भरी नजर और मुस्कुराह्ट ।
उसपे से हल्के रंग की औरगंजा साड़ी मे उसके सपाट पेट से झाकती गुदाज गहरी नाभि देख कर राज का दिल एकदम गार्डन गार्डन हो गया ।
चाय नाश्ते की चुस्किया चल रही थी नास्ते का दौर चलता रहा और निशा राज अनुज सब काफी समय तक सोनल के निचे आने का वेट करते रहे और फिर उनकी बेचैनी समझ कर ममता ने रिन्की को कहा कि तीनो को उपर सोनल के कमरे लिवा जाये और फिर चारो उपर चले गये
वही इधर हाल मे बात चित का दौर लम्बा खिंचता रहा ।
राहुल के घर
इधर जंगी के जाने के बाद शालिनी उठी और नहाने के लिए कपडे उतार रही थी कि पीछे से अरुण ने उसे ब्रा पैटी मे ही दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी मामी , सारी रात तुम्हारी याद मे नीद नही आई , उम्म्ंम्ं कितनी सेक्सी और हॉट हो आप
अरून शालिनी की गाड़ पर अपने लोवर के भीतर से लन्ड घिसता हुआ उसकी चुचिया मिजने लगा , शालिनी उसकी बाहो मे सिस्कने लगी - उहहह छोड ना , कल मन नही भरा तेरा जो सुबह सुबह तन्ग कर रहा है अह्ह्हू सीईई ओह्ह्ह अरुण मान जा मेरा बच्चा अह्ह्झ उम्म्ंम
अरुण हाथ निचे ले जाकर पैटी के उपर से ही उसकी बुर कुरेदने लगा - आह्ह मामी थोडा सुबह रसिला नासता ती करा दो उम्मममं कल तो वैसे भी घर चला जाउन्गा मै उम्म्ंम्ं प्लिज्ज्ज्ज ना
शालीनी का मन थोड़ा उदास हुआ एक पल को मगर वो इस दिन को यादगार बनाने वाली थी और उसने घूम कर अरुन को बेड पर धकेल दिया और लोवर निचे कर उसके लन्ड पर टुट पड़ी
अरून- ओह्ह माय सेक्सी मामी उह्ह्ह सच मे बहुत याद आओगे आप आह्ह मेरी रन्डी आह्ह और चुस्स्स उम्म्ंम
शालीनी मुह खोलकर सुरुकती हुई अरुण का मोटा लन्ड चुस रही थी -अह्ह्ह मै भी इसे बहुत मिस्स करने वाली हु और मेरी चुत भी अह्ह्ह्ह उम्म्ंम कितना कड़ा है उह्ह्ह्ह सीईई उम्मममंम्म्ं घुउउउऊऊ घुउउउऊऊ अह्ह्ह्ह इसको तो आज निचोड लुगी अह्ह्ह्ह
।
अरून का लन्ड और कसता फैलता जा रहा था , वो शालीनी का सर दबाये निचे से अपना गाड़ टाइट कर लन्ड उसके मुह मे पेलने लगा
तभी दरवाजे पर राहुल जो नहाने के लिए निकला था वो कमरे से आ रही आवाजो से अपनी मा के कमरे तौलिया लपेटेआ पहूचा था - ओह्ह बहिनचोद ,मै बोला तो डाट दिया
इधर अरून उसको चुपके से आने को बोलता है तो राहुल खुशी खुशी धिरे से अपनी मा के पीछे पहुचता है और तौलिया खोलकर अपना तनमनाता मोटा लन्ड निकाल लेता है और दोनो पन्जे अपनी मा के नंगे चुतडो पर जडता है - अह्ह्ह्ह मममीईई राहुल कुत्ते तु है क्या
राहुल अब अपनी मा की गोरी गाड पर गर्म तपता कडक लन्ड घिसता हुआ - हा मा मै ही हु , अभी मुझे डाट दिया और इसे नही
शालिनी मुस्कुरा कर अपनी पैंती खिंच कर चुतड़ पर चढाती हुई - अच्छा ले घुसा ले
राहुल ने तुरंत थुक लगा कर अपना मोटा सुपाडा अपनी मा के चुत मे लगा कर घुसेड़ दिया,
जिससे शालिनी दर्द से मचल उठी , दर्द और चुत मे खींचाव क भाव उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रहे थे -अह्ह्ह्ह कमिने आराम से उह्ह्ह दर्द है और अभी भी सुजी हुई है चुत मेरी उह्ह्ह्ज आराम से उम्म्ंम्ं
शालिनी राहुल हिदायत देकर वाप्स अरून का लन्ड चुसने लगी
राहुल - ओह्ह मम्मी आज आपकी बुर बहुत कसी है अह्ह्ह सीई कितनी गर्म है अह्ह्ह मन कर रहा है घुसा घुसा कर फाड़ दू ओह्ह्ह मम्मा उह्ह्ह फ़क यू बीच्च उह्ह्ह साली कुतिया अह्ह्ह एल्झ्ह
शालीनी का सर अरुण के लंन्ड पर जमा था और अरुण भी गाड उठा उठा कर उसकी मुह मे पेलाई कर रहा था - ओह्ह्ह मामीईई ऊहह ऐसे ही उम्म्ं और चुसो मेरी रन्डी चुद्क्कड मामी ओह्फक्क यू उम्मममं और लोह्ह्ह सीई अह्ह्ह
राहुल भी हचर हचर पेले जा रहा था और जल्दी ही पोजिसन बदला और अरुन ने जगह ली और वो शालीनी गाड़ को मसलता हुआ पीछे से फचर फचर पेलने लगा -अह्ह्ह मामी सच मे आपकी बुर बहुत गर्म है आह्ह्ह आह्ह आज तो पुरा दिन आपकी बुर फाड़ने वाला हु ओह्ह्ह्ह फक्क्क्क अह्ह्ह बहिनचोद क्या कसी चुत है आपकी मामी अह्ह्ह मजा आ रहा है
शालिनी - आह्ह हा बेटा फ़ाड दे आज पुरा दिन तुझसे पेलवाने वाली हु मै अह्ह्ह जबतक थका ना दू तुझ्र अह्ह्ह और तेज्ज उह्ह्ह और पेल उम्म्ं रुकना मत
वही राहुल उसके मुह पर अपना लन्ड रगड़ता हुआ उसके मुह मे लन्ड घुसा दिया -आह्ह और मेरा क्या अह्ह्ह मुझे तरसायेगी साली कुतिया लेह्ह चुस ले अपने मादरचोद बेटे का लन्ड चुस अह्ह्ह मेरी चुदक्कड़ मम्मीई ऊहह फक्क ऊहह साली कुतिया अह्ह्ह लेह्ह्ह्ह्ह
इधर अरुन उसकी चुत मे लन्ड पेले जा रहा था और शालीनी मुह मे अपने बेटे का लन्द चुसे जा रही थी और उसकी बड़ी बड़ी थन सी चुचिया लटकी हुई हिल रही थी
ऐसे कुछ देर चुदाई के बाद फिर से पोजीसन बदला और शालिनी की टाँगे उठा कर अब राहुल उसकी चुत मे लन्ड पेल रहा था और अरून का मोटा लन्ड अब शालिनी की मुह गले तक जा रहा था -अह्ह्ह मेरी मामी आपकी मुह मे ही पेल कर झड जाउगा मै अह्ह्ह सीई आह्ह फक्क्क्क
वही राहुल पेलते पेलते जोर जोर से चिखने लगा - अह्ह्ह मम्मीई ओह्ह अब और नही आह्ह लेलो अह्ह्ह फ्क्क्क आह्ह मेरी रंडी मा आह्ह आज तुझे नहला दुन्गा ओह्ह्ह अह्ह्ह
शालिनी अरुण का लन्ड छोद देती है और अपनी चुचिया मिजती हुई राहुल को और जोश दिलाती हुई - हा बेटा आजा , अपनी मा को भीगा दे और नहला दे अपने रस दे अह्ह्ह मेरा बेटा अह्ह्ह उह्ह्ह
राहुल जोर जोर से चिन्घाडता हुआ शालिनी के उपर झड़ने लगता है और अरुण वही खडा होकर अपना लन्ड हिलाता हुआ मा बेटे की जुगलबंदी निहारने लगा
राहुल के झडते ही शालिनी ने उसे अपना दुसरा रूप दिखाया और कपड़े पहन कर फौरन दूकान खोलने की फटकार लगा दी
राहुल मुह बना कर तौलिया उठा कर अरुन को मुस्कूराता देखता रहा और शालीनी उठ कर अरुन का हाथ पकड कर उसके लिप्स चुसती हुई बोली - मेरे साथ नहाने चलेगा
अरुन इस हसीन और कामुक मौके को कैसे जाने दे सकता था और दोनो बाथरुम की ओर नंगे ही बढ गये ।
जारी रहेगी
Loved update and nice storyUPDATE 219
आगे चीजे सब जस की तस बनी रही ।
शालीनी की तबियत ठीक रही उस रात तो जंगी का कुछ काम नही बन पाया उलटे अपनी प्यारी बीवी की तबियत खराब होने का दोषी कही ना कही खुद को मानता रहा , ग्लानि भाव वो अपनी बीवी की देख रेख देर रात तक करता रहा ।
वही राहुल और अरुण ने अपना आज का कोटा पूरा कर लिया था तो वो भी चैन से सो गये ।
अनुज शिला को ना पाकर अपनी सेक्स की चसक निशा से निपटा कर सो गया
वही आज लगातार तीसरी रात रंगी ने तीन घोडीयो की सवारी की और उसके बड़े बेटे राज ने भी उसका साथ फिर से दिया ।
वही अमन के यहा का मौहौल भी समान्य रहा , खा पीकर सब अपने कमरे मे पहुच गये थे मगर असली खेल मुरारी शुरु करने जा रहा था ।
मुरारी- लो मेरी जान आज ये ट्राई करो
ममता खिलखिलाती हुई मुरारि के हाथ से पैकेट लेकर - इसमे क्या है ?
मुरारी- वही सरप्राइज जिस्का कल वादा किया था
ममता - ओहो सच मे
"अरे वाह वाह सेठ जी क्या बात है , क़्वालीटी और साइज़ एकदम सही " , ममता ने ब्रा पैंटी हाथ मे लेती हुई बोली ।
ममता ने मुरारी को चिढाने का सोचा और पैटी फैलाती हुई - ये मेरे किस काम की , ये आप अपनी संगीता को देदो हिहिही
मुरारी उसका मजाक समझ रहा था और उसने अपना हाथ बढा कर ममता की बुर को सलवार के उपर से टटोला - ये मै मेरी इस सन्गीता के लिये ही तो लेके आया हूँ मेरी जान,जरा उसे पहना के दिखाओ ना
ममता सिस्क कर - अह्ह्ह मेरे बलमा बहिनचोद उह्ह्ह सीईई उस रोज की तरह तैयार हो जाऊ
मुरारी उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - आह्ह मेरी जान तुमने तो मेरे दिल की बात जान ली , कैसे ?
ममता घूम कर उसके सामने होकर बोली - अपने राजा के दिल की रानी हु , मुझसे बेहतर कौन जानेगा कि आपको क्या चाहिये
मुरारी आगे बढ़ कर उसके सेब से लाल होते गाल को चूम लिया - ऊमम्मम्माआहहह मेरी रानी , अब जल्दी से तैयार होकर दिखा दो ना प्लीज
ममता - उहू ऐसे नही , पहले आप बाहर जाओ और जब मै बुलाऊ तब आना
मुरारी- क्या बाहर , इतनी रात मे मै बाहर क्या करूंगा
ममता खिलखिला कर उसको दरवाजे की ओर धकेलती हुई - जाओ देखो तुम्हारी बहिनिय फिर से मुह मारने किस कमरे मे जा रही है हिहिहिही
ये बोलकर ममता ने दरवाजा ल्गा दिया और मुरारी हसता हुआ गलियारे मे खड़ा अपना मुसल मसल कर - आह्ह आज तो अलग ही मूड मे है मेरी रानी इस्स्स्स मजा आयेगा
तभी उसको संगीता का ख्याल आया और वो लपक कर मदन के कमरे की ओर बढ़ गया , उम्मीद अनुसार वहा से मादक सिस्किया आ रही थी मगर दरवाजा लगा हुआ था
मगर आज ना जाने क्यू मुरारी को इस बात का बुरा नही लगा खैर चक्कर लगाता हुआ वो कभी हाल मे कभी गैलरी मे तो कभी मदन के कमरे के पास 20-25 मिंट बिता कर वो अपने कमरे के दरवाजे के पास पहुचा और आवाज दी
ममता - बस बस 2 मिंट उसके बाद आप दरवाजा खोल कर आ जाना ,
"और प्लीज कोई चिटिंग नही ,पूरे दो मिंट " ममता ने मुरारी के उमड़ते जज्बात को और सताते हुए बोली ।
बैचैन मुरारी फडफ्ड़ा कर रह गया और जैसे ही ममता की आवाज आई - आ जाओ
मुरारी का रोम रोम पुलकित हो उठा , उसके जिस्म मे सरसरी सी होने लगी, चेहरे पर अटूट खुशी की मुस्कुराहट खिल गयी और लन्ड बौरा उठा
सामने का नजारा बहुत कामुक और आकर्षक था , ममता कमरे के आईने आगे मुरारी के दिये गिफ्ट को अपने देह पर सोहल सृंगार सहित सजा चुकी थी
पैरो मे पाजेब , गले मे हार , कानो मे मैचींग झुमके , लटदार जुल्फो से सजी मांग से माथे तक लटकता टिका , आंखो के कजरा होठों पर लाली , हल्का फुल्का मेकअप का टचअप , हाथो मे खनक भरी चूडियां और सबसे बढ़ कर उसके बालों मे लगा हुआ गोल्डेन परान्दा जो लटक कर उसके गाड़ के दरारो तक पहुच रहा था ।
सर पर आरपार दिखने वाली मैचींग चुन्नी लिये ममता आईने के आगे मूर्ती सी खड़ी थी
आईना मे उसके आधे जिस्म की झलक ही नजर आ रही थी बाकी सब छिप सा गया था उसके बड़े भडकिले फैले हुए चुतडो के आगे
मुरारी दरवाजे के पास ही आंखे फ़ाड कर खडा उसे निहार रहा था , सालो बाद आज उसने ममता का ये रूप देख , तब के मुकाबले अब ममता का शरीर 3 गुना विकास कर चुका था और वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी ।
ममता ने आईने मे अपने पति को दरवाजे के पास आंखे फ़ाड कर निहारते देखा तो मुस्कुरा कर अपनी चुन्नी को हाथो से फैला कर अपना आगे का जोबन दिखाती हुई उसकी ओर घूम गयी - कैसी लग रही हु मेरे राजा
मुरारी की हालत तो और भी खराब हो गयी , उस मिड ट्रासपैरेंस ब्रा मे कसी हुई उसकी छातीय्प के गोल काले घेरे साफ झलक रहे थे और जांघो के बिच से निकली पैंटी भी ममता के चुत की लम्बी फाको को छिपाने मे नाकाम थी ।
ममता खिलखिलाई - क्यू मेरे राजा हो गयि बत्ती गुल्ल हिहिहहीही
मुरारी झट से दरवाजे पर कड़ी लगा कर ममता के पास आया और उसको पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया , उसका मोटा खुन्टा तन कर सीधा ममता के मुलायम चुतड मे चुभ रहा था - आह्ह मेरी जान तु सच मे बहुत सेक्सी लग रही है सीईई जी कर रहा है तुझे सारी उम्र ऐसे ही रखू उम्म्ंम्माह्ह्ह
ममता उसकी बाहो मे कसमसाइ और बोली - उम्म्ंम सच मे मेरे राजा , रख लो ना जैसे तुम चाहो । मै तो तुम्हारी ही हु ना मेरे साजन उम्म्ंम
मुरारी अपना लन्ड पजामे मे से उसकी नरम नरम मे कोंचता हुआ उसकी छातीया दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी जान आह तुम बहुत कमाल लग रही है , जी कर रहा है ये पल यही कैद कर लू ।
ममता सिस्स्क कर - समय को कैसे रोकू मेरे राजा वो तो बीत जायेगा , हम तो बस ये प्यार के पल यादो के सजो सकते है
मुरारी - मेरे पास एक आईडिया है
ममता उसकी बाहो मे ही पडे हुए सामने आईने उसका चेहरा देख कर बोली - कैसा आईडिया
मुरारी- रुको बताता हु।
फिर मुरारी ने जेब से मोबाईल निकाला और कैमेरा चालू कर तस्वीरे निकालने लगा
ममता - ओहो मेरे सैया फोटोग्राफर हिहिहिही रुको पोज भी देती हूँ
फिर एक के बाद एक ममता ने सेक्सी पोज दिये और मुरारी ने कुछ एक वीडियो भी बनाई ।
फिर उसने उसको पक्ड कर अपनी बाहो मे भर लिया ।
मुरारी- जान सुनो ना
ममता - हा मेरे राजा बोलो ना
मुरारी हाथ आगे बढा कर उसकी बुर पर रखा था - जान आज मै मेरी इस संगीता को खुब प्यार देना चाहता हु
ममता मुरारि के मुह से संगीता का नाम सून कर सिहर उठी - ओह्ह्ह सच मे मेरे राजा उम्म्ंम तो कर लो ना
मुरारी दोनो हाथो से उसके विशाल फैले हुए चुतड़ जकड़ लिये - उह्ह्ह मेरी सच मे उम्म्ंम्ं क्या मस्त कसी गाड़ है तेरी अह्ह्ह जी करता खा जाउउम्ंंं
ममता उससे अलग हुई अपने सर से चुन्नी सरका दिया और पहले ब्रा खोल दिया फिर अपनी गाड़ फैला कर अपनी पैंटी गाड से सरकाने लगी
मुरारी की हालात खराब होने लगी और वो जल्दी जल्दी अपने देह से सारे कपड़े निकालने लगा और जब वो अपना अंडरवियर उतार रहा था तब तक ममता उसके सामने से पूरी नंगी होकर पाजेब खनकाती हुई उसके आगे से अपने कुल्हे मटकाते हुए बिस्तर की ओर बढ गयी ।
मुरारी ममता के मोटे थिरकते चुतड देख कर अपना लन्ड भिंचने लगा और देखते ही देखते ममता घुटनो के बल होकर बिस्तर पर घोडी बन अपनी गाड़ को उठाते हुए पुरा भरसक फैला दिया
मुरारी को अब उसके दोनो भूरे सुराख साफ साफ नजर आ रहे थे और उससे रहा जा रहा था
ममता वही झुकी हुई अपनी बुर सहलाने लगी -आओ ना मेरे राजा , करो ना अपनी संगीता को प्यार , आपके लिए आज इसे नंगी कर दी हु अह्हहह मेरे राजा आजाओ ना उम्म्ंम्ं
मुरारी ममता की बाते सुन कर भीतर से पुरा सिहर उठा और आगे बढ़ कर वो बिस्तर पर आ गया
हाथ बढा कर वो ममता के मखमाली चर्बीदार गोरे चुतड़ सहला रहा था - ऊहह मेरी जान क्या मस्त गाड़ है तेरे और ये फूली हुई पाव सी चुत उह्ह्ह कितनी तप रही है
ममता - आह्ह मेरे राजा तो गरम गर्म ही उस्का मजा लेलो ना मुह लगा कर
मुरारी से अब जरा भी रहा ना गया और उसने झुक कर अपना मुह ममता के गाड की गहरी दरारो मे दे दिया और जीभ से उसके गाड़ की सुराख चाटने लगा
ममता - आह्ह मेरे राजा आप बडे चालू हो उम्म्ंम सीईई ओह्ह्ह संगीता को छोड़ कर उसकी पड़ोसन को प्यार दे रहे हो अह्ह्ह सीईई
मुरारी मुह निकाल कर हाथो से उसकी चुत मलता हुआ - दोनो बहने मस्त है मेरी जान तो कैसे दूसरी वाली को छोड दू
ममता मुस्कुराआई - आह्ह तुम ना पक्के वाले बहिनचोद हो अह्ह्ह माह्ह्ह सीई ओह्ह मेरे राजा अह्ह्ह आ ही गये उह्ह्ह खा जाओ अपनी संगीता के होठ उह्ह्ह्ह सीई ऐसे ही ओह्ह्ह और चुसो उसके लिप्स उम्म्ंम्ं क्या मस्त चबाते हो मेरे राजा मेरे सैयाह्ह बहिनचोद
मुरारी ममता के बुर के फाके चुसलाये जा रहा था और चाटे जा रहा था उसके हाथ ममता की मोटी पहाड़ सी विशाल चुतडो को सहला रहे थे
ममता लगातार उसको उकसाती जोश दिलाती सिस्क रही थी - अह्ह्ह हा मेरे राजा अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ं खा जाओ अपनी बहन की बुर उह्ह्ह ओह्ह नरम है ना अह्ह्ह आह्ह मेरे साजन अह्ह्ह निचोड डालो इह्ह्ह सीईई आ रहा है उम्म्ंम्ं रुकना मत अह्ह्ह
मुरारी रुकने के बजाय एक कदम आगे की सोची और अपना तनमनाया मुसल चुत के मुहाने पर लगा कर ह्चाक से उसकी गर्म लबलबाती चुत मे उतार दिया- अह्ह्ह मेरे राअजाह्ह्ह ऊहह कितना गर्म आपका लन्ड उह्ह्ह्ह्स्स्स जैसे लोहे का गरम सलिया घुसा हो भितर अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह और तेज्ज्झ उन्म्ं
मुरारी- ओह्ह्ह मेरी जान कितनी कसी हुई चुत है और बहुत गर्म अह्ह्ह लग रहा है पिघल ही जायेगा उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह लेह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह
मुरारी अब उसके कुल्हे थामकर ह्च्च् ह्च्च जोर जोर से पेलने लगा , ममता के मोटे मोटे भारी भरकम चुतड अब मुरारि के देह से टकरा भरी थप्प थ्प्प्प की आवाज निकाल रहे थे और मुरारी की नजर उसके भूरे सुराख पर थी
ममता - आह्ह मेरी राजा उह्ह्ह फाड़ डालो मे और हचक के डालो अपनी संगीता मे उम्म् अह्ह्ह और तेज चोदो उसे और तेज्ज्ज
ममता - तुम्हारी सगिता को तुम्हारा मोटा लन्ड घुस्वा कर पेलवाना पसन्द है आह्ह मेरे राजा और पेलो उह्ह्ह रुकना पेलते जाओ अपनी बहिन का बुर समझ कर , एक भाई से वो चुदवाति है तुम्हारा ले लेगी क्या घट जायेगा रन्डी का अह्ह्ह मेरे राजा हा ऐसे ही ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
मुरारि अब पुरे जोश मे आ चुका था और अपनी सगी बहन संगीता को पेलने ख्याल आने से वो अब झडने के करीब था
ममता - अह्ह्ह मेरे राज भर दो अपनी वहन की बुर समझ कर नहला दो अह्ह्ह अह्ह्ह फिर आ रहा है मेरा अह्ह्ह सीईई ओह्ह
मुरारी- आह्ह मेरी रानी ऊहह मेरी बहना ओह्ह आ रहाहै आह्ह आज नहला दुगा तुझे ओह्ह्ह लेह्ह्ह्ह आयाह्ह्ह अह्ह्ह
मुरारी ने उसकी चुत के लण्ड निकाल कर मोटी गाढ़ी पिचकारी ममता के गाड़ पर मारने लगा
ममता - अह्ह्ह मेरे राजा भर दो मेरी गाड़ मेरा चुत आह्ह नहला दो आज्ज्ज उह्ह्ह मेरे सैयाअंं बहिनचौद मेरे बलमा बहिनचोद अह्ह्ह्ह
मुरारि -अह्ह्व साली रन्डी एल्ह्ह्ह सारा माल निकाल रहा हु इह्ह 3ल्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ब
मुरारी भी आखिरी बूंद तक उसके गाड़ पर झडता रहा और उसकी गाढी मलाई रिस कर गाड़ के सुराख से उसकी चुत के फाको से होकर जांघो तक जाने लगी
वही मुरारी हाफ कर बिस्तर पर गिर पडा
कुछ पल बाद
ममता - तो मेरे बालम बहिनचोद मजा आया
मुरारि उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - हा मेरी रानी बहुत
ममता - तो क्या सोचा मेरे राजा
मुरारी- किस बारे मे
ममता - अरे अब परसो तो संगीता चली जायेगी , पक्के वाले बहिनचोद नही बनना उम्म्ं
मुरारी- धत्त क्या तु भी अमन की मा , मुझसे नही होगा
ममता - अरे ट्राई करने मे क्या हरज है , मिल गयी तो आपकी चांदी हिहिहिही
मुरारि- हा लेकिन मै मेरी बीवी के साथ धोखा नही कर सकता ना
ममता - अच्छा जी इनको देखो अभी अपनी बहिनिया के नाम पर झड रहे थे और अभी शरारफ झाड़ रहे है हिहिही
मुरारी- अब बस करो भई , चलो सो जाओ कल बहुत सारे काम है
ममता उससे लिपट कर - ये मेरे राजा , आपकी संगीता थोडा और प्यार माग रही है देदो ना
मुरारी- अच्छा ऐसा क्या , अभी कर देता हु मेरी रानी
और एक बार फिर कमरे मे मादक सिस्किया उठने लगी और जल्द ही दोनो सो गये
राज के घर
अगली सुबह घर मे तैयारियां जोरो पर थी , शकुन की टोकरिया बॉक्स हाल मे बिछे हुए थे , घर मे चहल पहल भरा मौहौल था
रंगी फोन पर लगातार जंगी से बात कर रहा था और कुछ ना कुछ सामान की सूची उससे साझा कर रहा था ।
इधर रागिनी और निशा तैयार हो रही थी तो राज और अनुज भी अपनी अपनी बेल्ट कस रहे थे
देखते ही देखते 10 बजने को हो गये और सामान गाड़ीयो मे लद गया
रागिनी अपने साडी की पिन सही करती हुई - अरे देवर जी कहा रह गये
जन्गी हाल मे दोनो हाथ मे झोला लेकर आता हुआ - आ गया भाभी , भाईसाहब इसमे मिठाईया है और कुछ बाकी तो नही रह गया
रन्गी - नही नही सब हो ही गया है , राज अनुज इसे भी गाड़ी मे रख दो और सब लोग ज्लदी बैठो भाई , समधि जी का बार बार फोन आ रहा है ।
सब्को आगे भेज कर रागिनी - हा आप लोग चलिये , देवर जी एक मिंट आयियेगा
रागिनी जंगी को जीने के करीब ले गयी और मुस्कुराते हुए - अरे वो आपसे पुछना रह गया था , वो उस रोज शादी मे मेरी समधन की ननद आई थी ना ! उसका क्या हुआ ?
रागिनी की शरारत भरि मुस्कुराहट से ही जन्गी की उस रात की यादे ताजा हो गयी जब उसने अमन की बुआ को चोदते हुए वीडियो बनाया था
जन्गी आस पास देख कर खुश होकर - जी भाभी वो कैसे भूल सकता हूँ
रागिनी आंखे नचा कर - तो काम हुआ था या नही ?
जन्गी - क्या भाभी आपको अपने देवर पर इतना भी भरोसा नही है उम्म्ंम्ं
रागिनी - ओहो फिर फिल्म ? हिहिहिही
जन्गी - मेरे मोबाइल मे है दिखाऊ क्या ?
रागिनी शर्मा कर हस्ती हुई - धत्त नटखट मुझे नही देखना , आप बस इस मोबाइल मे उसको भेज दो ।
रागिनी ने रज्जो का मोबाइल जन्गी को दिया और जन्गी ने झट से वो वीडियो रज्जो के मोबाइल मे भेज दिया - हो गया भाभी ।
रागिनी - हम्म्म अब अपने मोबाइल से उडा दो उसको हिहिहिही नही तो निशा की मा को आपकी करतुत बता दुगी
जन्गी हस के आवाक होकर रह गया और रागीनी उसके आगे से हस्ती खिलखिलाती हुई बाहर निकल गयी ।
जल्द ही 6 जन सवारी राज के घर से निकल पड़ी
राज अनुज रंगी जन्गी निशा और रागीनी ।
रज्जो और शिला को घर की जिम्मेदारी दे दी गयी थी ।
जल्द ही सारे लोग अमन के यहा पहुचे , चौखट मे खुब हसी खुशी समधि समधन आपस मे मिले
ममता ने आज फिर से साडी डाली हुई थी ,
उसके भरे बदन पर साडी उसे काफी आकर्षक दिखा रही थी । संगीता भी अपने जलवे दिखाने मे कहा पीछे थी ।
अनुज रिन्की की आंख मिचौली चल रही थी तो निशा भी अपने जीजू अमन के आगे खुब इतरा रही थी
मुरारी भी अपनी गदराई समधन रागिनी के चुस्त दुरुस्त बदन पर लिपटी हुई साड़ी से झाकती जोबनो पर नजर फेरता दिख रहा था तो
जन्गी और संगीता की अपनी गुपचुप मुस्कुराहट साझा की जा रही थी ।
सारे लोग हाल मे एक जुट हो रहे थे कि राज की नजर किचन से रिन्की के साथ आती दुलारी भाभी पर गयी
हर मायने वो उसे अपनी पंखुडी भौजाई की याद दिला रही थी , वैसा ही गठिला गदराया बदन , वही देसी गाव की भौजाइयो वाली शरारत भरी नजर और मुस्कुराह्ट ।
उसपे से हल्के रंग की औरगंजा साड़ी मे उसके सपाट पेट से झाकती गुदाज गहरी नाभि देख कर राज का दिल एकदम गार्डन गार्डन हो गया ।
चाय नाश्ते की चुस्किया चल रही थी नास्ते का दौर चलता रहा और निशा राज अनुज सब काफी समय तक सोनल के निचे आने का वेट करते रहे और फिर उनकी बेचैनी समझ कर ममता ने रिन्की को कहा कि तीनो को उपर सोनल के कमरे लिवा जाये और फिर चारो उपर चले गये
वही इधर हाल मे बात चित का दौर लम्बा खिंचता रहा ।
राहुल के घर
इधर जंगी के जाने के बाद शालिनी उठी और नहाने के लिए कपडे उतार रही थी कि पीछे से अरुण ने उसे ब्रा पैटी मे ही दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी मामी , सारी रात तुम्हारी याद मे नीद नही आई , उम्म्ंम्ं कितनी सेक्सी और हॉट हो आप
अरून शालिनी की गाड़ पर अपने लोवर के भीतर से लन्ड घिसता हुआ उसकी चुचिया मिजने लगा , शालिनी उसकी बाहो मे सिस्कने लगी - उहहह छोड ना , कल मन नही भरा तेरा जो सुबह सुबह तन्ग कर रहा है अह्ह्हू सीईई ओह्ह्ह अरुण मान जा मेरा बच्चा अह्ह्झ उम्म्ंम
अरुण हाथ निचे ले जाकर पैटी के उपर से ही उसकी बुर कुरेदने लगा - आह्ह मामी थोडा सुबह रसिला नासता ती करा दो उम्मममं कल तो वैसे भी घर चला जाउन्गा मै उम्म्ंम्ं प्लिज्ज्ज्ज ना
शालीनी का मन थोड़ा उदास हुआ एक पल को मगर वो इस दिन को यादगार बनाने वाली थी और उसने घूम कर अरुन को बेड पर धकेल दिया और लोवर निचे कर उसके लन्ड पर टुट पड़ी
अरून- ओह्ह माय सेक्सी मामी उह्ह्ह सच मे बहुत याद आओगे आप आह्ह मेरी रन्डी आह्ह और चुस्स्स उम्म्ंम
शालीनी मुह खोलकर सुरुकती हुई अरुण का मोटा लन्ड चुस रही थी -अह्ह्ह मै भी इसे बहुत मिस्स करने वाली हु और मेरी चुत भी अह्ह्ह्ह उम्म्ंम कितना कड़ा है उह्ह्ह्ह सीईई उम्मममंम्म्ं घुउउउऊऊ घुउउउऊऊ अह्ह्ह्ह इसको तो आज निचोड लुगी अह्ह्ह्ह
।
अरून का लन्ड और कसता फैलता जा रहा था , वो शालीनी का सर दबाये निचे से अपना गाड़ टाइट कर लन्ड उसके मुह मे पेलने लगा
तभी दरवाजे पर राहुल जो नहाने के लिए निकला था वो कमरे से आ रही आवाजो से अपनी मा के कमरे तौलिया लपेटेआ पहूचा था - ओह्ह बहिनचोद ,मै बोला तो डाट दिया
इधर अरून उसको चुपके से आने को बोलता है तो राहुल खुशी खुशी धिरे से अपनी मा के पीछे पहुचता है और तौलिया खोलकर अपना तनमनाता मोटा लन्ड निकाल लेता है और दोनो पन्जे अपनी मा के नंगे चुतडो पर जडता है - अह्ह्ह्ह मममीईई राहुल कुत्ते तु है क्या
राहुल अब अपनी मा की गोरी गाड पर गर्म तपता कडक लन्ड घिसता हुआ - हा मा मै ही हु , अभी मुझे डाट दिया और इसे नही
शालिनी मुस्कुरा कर अपनी पैंती खिंच कर चुतड़ पर चढाती हुई - अच्छा ले घुसा ले
राहुल ने तुरंत थुक लगा कर अपना मोटा सुपाडा अपनी मा के चुत मे लगा कर घुसेड़ दिया,
जिससे शालिनी दर्द से मचल उठी , दर्द और चुत मे खींचाव क भाव उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रहे थे -अह्ह्ह्ह कमिने आराम से उह्ह्ह दर्द है और अभी भी सुजी हुई है चुत मेरी उह्ह्ह्ज आराम से उम्म्ंम्ं
शालिनी राहुल हिदायत देकर वाप्स अरून का लन्ड चुसने लगी
राहुल - ओह्ह मम्मी आज आपकी बुर बहुत कसी है अह्ह्ह सीई कितनी गर्म है अह्ह्ह मन कर रहा है घुसा घुसा कर फाड़ दू ओह्ह्ह मम्मा उह्ह्ह फ़क यू बीच्च उह्ह्ह साली कुतिया अह्ह्ह एल्झ्ह
शालीनी का सर अरुण के लंन्ड पर जमा था और अरुण भी गाड उठा उठा कर उसकी मुह मे पेलाई कर रहा था - ओह्ह्ह मामीईई ऊहह ऐसे ही उम्म्ं और चुसो मेरी रन्डी चुद्क्कड मामी ओह्फक्क यू उम्मममं और लोह्ह्ह सीई अह्ह्ह
राहुल भी हचर हचर पेले जा रहा था और जल्दी ही पोजिसन बदला और अरुन ने जगह ली और वो शालीनी गाड़ को मसलता हुआ पीछे से फचर फचर पेलने लगा -अह्ह्ह मामी सच मे आपकी बुर बहुत गर्म है आह्ह्ह आह्ह आज तो पुरा दिन आपकी बुर फाड़ने वाला हु ओह्ह्ह्ह फक्क्क्क अह्ह्ह बहिनचोद क्या कसी चुत है आपकी मामी अह्ह्ह मजा आ रहा है
शालिनी - आह्ह हा बेटा फ़ाड दे आज पुरा दिन तुझसे पेलवाने वाली हु मै अह्ह्ह जबतक थका ना दू तुझ्र अह्ह्ह और तेज्ज उह्ह्ह और पेल उम्म्ं रुकना मत
वही राहुल उसके मुह पर अपना लन्ड रगड़ता हुआ उसके मुह मे लन्ड घुसा दिया -आह्ह और मेरा क्या अह्ह्ह मुझे तरसायेगी साली कुतिया लेह्ह चुस ले अपने मादरचोद बेटे का लन्ड चुस अह्ह्ह मेरी चुदक्कड़ मम्मीई ऊहह फक्क ऊहह साली कुतिया अह्ह्ह लेह्ह्ह्ह्ह
इधर अरुन उसकी चुत मे लन्ड पेले जा रहा था और शालीनी मुह मे अपने बेटे का लन्द चुसे जा रही थी और उसकी बड़ी बड़ी थन सी चुचिया लटकी हुई हिल रही थी
ऐसे कुछ देर चुदाई के बाद फिर से पोजीसन बदला और शालिनी की टाँगे उठा कर अब राहुल उसकी चुत मे लन्ड पेल रहा था और अरून का मोटा लन्ड अब शालिनी की मुह गले तक जा रहा था -अह्ह्ह मेरी मामी आपकी मुह मे ही पेल कर झड जाउगा मै अह्ह्ह सीई आह्ह फक्क्क्क
वही राहुल पेलते पेलते जोर जोर से चिखने लगा - अह्ह्ह मम्मीई ओह्ह अब और नही आह्ह लेलो अह्ह्ह फ्क्क्क आह्ह मेरी रंडी मा आह्ह आज तुझे नहला दुन्गा ओह्ह्ह अह्ह्ह
शालिनी अरुण का लन्ड छोद देती है और अपनी चुचिया मिजती हुई राहुल को और जोश दिलाती हुई - हा बेटा आजा , अपनी मा को भीगा दे और नहला दे अपने रस दे अह्ह्ह मेरा बेटा अह्ह्ह उह्ह्ह
राहुल जोर जोर से चिन्घाडता हुआ शालिनी के उपर झड़ने लगता है और अरुण वही खडा होकर अपना लन्ड हिलाता हुआ मा बेटे की जुगलबंदी निहारने लगा
राहुल के झडते ही शालिनी ने उसे अपना दुसरा रूप दिखाया और कपड़े पहन कर फौरन दूकान खोलने की फटकार लगा दी
राहुल मुह बना कर तौलिया उठा कर अरुन को मुस्कूराता देखता रहा और शालीनी उठ कर अरुन का हाथ पकड कर उसके लिप्स चुसती हुई बोली - मेरे साथ नहाने चलेगा
अरुन इस हसीन और कामुक मौके को कैसे जाने दे सकता था और दोनो बाथरुम की ओर नंगे ही बढ गये ।
जारी रहेगी
Mast UpdateUPDATE 219
आगे चीजे सब जस की तस बनी रही ।
शालीनी की तबियत ठीक रही उस रात तो जंगी का कुछ काम नही बन पाया उलटे अपनी प्यारी बीवी की तबियत खराब होने का दोषी कही ना कही खुद को मानता रहा , ग्लानि भाव वो अपनी बीवी की देख रेख देर रात तक करता रहा ।
वही राहुल और अरुण ने अपना आज का कोटा पूरा कर लिया था तो वो भी चैन से सो गये ।
अनुज शिला को ना पाकर अपनी सेक्स की चसक निशा से निपटा कर सो गया
वही आज लगातार तीसरी रात रंगी ने तीन घोडीयो की सवारी की और उसके बड़े बेटे राज ने भी उसका साथ फिर से दिया ।
वही अमन के यहा का मौहौल भी समान्य रहा , खा पीकर सब अपने कमरे मे पहुच गये थे मगर असली खेल मुरारी शुरु करने जा रहा था ।
मुरारी- लो मेरी जान आज ये ट्राई करो
ममता खिलखिलाती हुई मुरारि के हाथ से पैकेट लेकर - इसमे क्या है ?
मुरारी- वही सरप्राइज जिस्का कल वादा किया था
ममता - ओहो सच मे
"अरे वाह वाह सेठ जी क्या बात है , क़्वालीटी और साइज़ एकदम सही " , ममता ने ब्रा पैंटी हाथ मे लेती हुई बोली ।
ममता ने मुरारी को चिढाने का सोचा और पैटी फैलाती हुई - ये मेरे किस काम की , ये आप अपनी संगीता को देदो हिहिही
मुरारी उसका मजाक समझ रहा था और उसने अपना हाथ बढा कर ममता की बुर को सलवार के उपर से टटोला - ये मै मेरी इस सन्गीता के लिये ही तो लेके आया हूँ मेरी जान,जरा उसे पहना के दिखाओ ना
ममता सिस्क कर - अह्ह्ह मेरे बलमा बहिनचोद उह्ह्ह सीईई उस रोज की तरह तैयार हो जाऊ
मुरारी उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - आह्ह मेरी जान तुमने तो मेरे दिल की बात जान ली , कैसे ?
ममता घूम कर उसके सामने होकर बोली - अपने राजा के दिल की रानी हु , मुझसे बेहतर कौन जानेगा कि आपको क्या चाहिये
मुरारी आगे बढ़ कर उसके सेब से लाल होते गाल को चूम लिया - ऊमम्मम्माआहहह मेरी रानी , अब जल्दी से तैयार होकर दिखा दो ना प्लीज
ममता - उहू ऐसे नही , पहले आप बाहर जाओ और जब मै बुलाऊ तब आना
मुरारी- क्या बाहर , इतनी रात मे मै बाहर क्या करूंगा
ममता खिलखिला कर उसको दरवाजे की ओर धकेलती हुई - जाओ देखो तुम्हारी बहिनिय फिर से मुह मारने किस कमरे मे जा रही है हिहिहिही
ये बोलकर ममता ने दरवाजा ल्गा दिया और मुरारी हसता हुआ गलियारे मे खड़ा अपना मुसल मसल कर - आह्ह आज तो अलग ही मूड मे है मेरी रानी इस्स्स्स मजा आयेगा
तभी उसको संगीता का ख्याल आया और वो लपक कर मदन के कमरे की ओर बढ़ गया , उम्मीद अनुसार वहा से मादक सिस्किया आ रही थी मगर दरवाजा लगा हुआ था
मगर आज ना जाने क्यू मुरारी को इस बात का बुरा नही लगा खैर चक्कर लगाता हुआ वो कभी हाल मे कभी गैलरी मे तो कभी मदन के कमरे के पास 20-25 मिंट बिता कर वो अपने कमरे के दरवाजे के पास पहुचा और आवाज दी
ममता - बस बस 2 मिंट उसके बाद आप दरवाजा खोल कर आ जाना ,
"और प्लीज कोई चिटिंग नही ,पूरे दो मिंट " ममता ने मुरारी के उमड़ते जज्बात को और सताते हुए बोली ।
बैचैन मुरारी फडफ्ड़ा कर रह गया और जैसे ही ममता की आवाज आई - आ जाओ
मुरारी का रोम रोम पुलकित हो उठा , उसके जिस्म मे सरसरी सी होने लगी, चेहरे पर अटूट खुशी की मुस्कुराहट खिल गयी और लन्ड बौरा उठा
सामने का नजारा बहुत कामुक और आकर्षक था , ममता कमरे के आईने आगे मुरारी के दिये गिफ्ट को अपने देह पर सोहल सृंगार सहित सजा चुकी थी
पैरो मे पाजेब , गले मे हार , कानो मे मैचींग झुमके , लटदार जुल्फो से सजी मांग से माथे तक लटकता टिका , आंखो के कजरा होठों पर लाली , हल्का फुल्का मेकअप का टचअप , हाथो मे खनक भरी चूडियां और सबसे बढ़ कर उसके बालों मे लगा हुआ गोल्डेन परान्दा जो लटक कर उसके गाड़ के दरारो तक पहुच रहा था ।
सर पर आरपार दिखने वाली मैचींग चुन्नी लिये ममता आईने के आगे मूर्ती सी खड़ी थी
आईना मे उसके आधे जिस्म की झलक ही नजर आ रही थी बाकी सब छिप सा गया था उसके बड़े भडकिले फैले हुए चुतडो के आगे
मुरारी दरवाजे के पास ही आंखे फ़ाड कर खडा उसे निहार रहा था , सालो बाद आज उसने ममता का ये रूप देख , तब के मुकाबले अब ममता का शरीर 3 गुना विकास कर चुका था और वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी ।
ममता ने आईने मे अपने पति को दरवाजे के पास आंखे फ़ाड कर निहारते देखा तो मुस्कुरा कर अपनी चुन्नी को हाथो से फैला कर अपना आगे का जोबन दिखाती हुई उसकी ओर घूम गयी - कैसी लग रही हु मेरे राजा
मुरारी की हालत तो और भी खराब हो गयी , उस मिड ट्रासपैरेंस ब्रा मे कसी हुई उसकी छातीय्प के गोल काले घेरे साफ झलक रहे थे और जांघो के बिच से निकली पैंटी भी ममता के चुत की लम्बी फाको को छिपाने मे नाकाम थी ।
ममता खिलखिलाई - क्यू मेरे राजा हो गयि बत्ती गुल्ल हिहिहहीही
मुरारी झट से दरवाजे पर कड़ी लगा कर ममता के पास आया और उसको पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया , उसका मोटा खुन्टा तन कर सीधा ममता के मुलायम चुतड मे चुभ रहा था - आह्ह मेरी जान तु सच मे बहुत सेक्सी लग रही है सीईई जी कर रहा है तुझे सारी उम्र ऐसे ही रखू उम्म्ंम्माह्ह्ह
ममता उसकी बाहो मे कसमसाइ और बोली - उम्म्ंम सच मे मेरे राजा , रख लो ना जैसे तुम चाहो । मै तो तुम्हारी ही हु ना मेरे साजन उम्म्ंम
मुरारी अपना लन्ड पजामे मे से उसकी नरम नरम मे कोंचता हुआ उसकी छातीया दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी जान आह तुम बहुत कमाल लग रही है , जी कर रहा है ये पल यही कैद कर लू ।
ममता सिस्स्क कर - समय को कैसे रोकू मेरे राजा वो तो बीत जायेगा , हम तो बस ये प्यार के पल यादो के सजो सकते है
मुरारी - मेरे पास एक आईडिया है
ममता उसकी बाहो मे ही पडे हुए सामने आईने उसका चेहरा देख कर बोली - कैसा आईडिया
मुरारी- रुको बताता हु।
फिर मुरारी ने जेब से मोबाईल निकाला और कैमेरा चालू कर तस्वीरे निकालने लगा
ममता - ओहो मेरे सैया फोटोग्राफर हिहिहिही रुको पोज भी देती हूँ
फिर एक के बाद एक ममता ने सेक्सी पोज दिये और मुरारी ने कुछ एक वीडियो भी बनाई ।
फिर उसने उसको पक्ड कर अपनी बाहो मे भर लिया ।
मुरारी- जान सुनो ना
ममता - हा मेरे राजा बोलो ना
मुरारी हाथ आगे बढा कर उसकी बुर पर रखा था - जान आज मै मेरी इस संगीता को खुब प्यार देना चाहता हु
ममता मुरारि के मुह से संगीता का नाम सून कर सिहर उठी - ओह्ह्ह सच मे मेरे राजा उम्म्ंम तो कर लो ना
मुरारी दोनो हाथो से उसके विशाल फैले हुए चुतड़ जकड़ लिये - उह्ह्ह मेरी सच मे उम्म्ंम्ं क्या मस्त कसी गाड़ है तेरी अह्ह्ह जी करता खा जाउउम्ंंं
ममता उससे अलग हुई अपने सर से चुन्नी सरका दिया और पहले ब्रा खोल दिया फिर अपनी गाड़ फैला कर अपनी पैंटी गाड से सरकाने लगी
मुरारी की हालात खराब होने लगी और वो जल्दी जल्दी अपने देह से सारे कपड़े निकालने लगा और जब वो अपना अंडरवियर उतार रहा था तब तक ममता उसके सामने से पूरी नंगी होकर पाजेब खनकाती हुई उसके आगे से अपने कुल्हे मटकाते हुए बिस्तर की ओर बढ गयी ।
मुरारी ममता के मोटे थिरकते चुतड देख कर अपना लन्ड भिंचने लगा और देखते ही देखते ममता घुटनो के बल होकर बिस्तर पर घोडी बन अपनी गाड़ को उठाते हुए पुरा भरसक फैला दिया
मुरारी को अब उसके दोनो भूरे सुराख साफ साफ नजर आ रहे थे और उससे रहा जा रहा था
ममता वही झुकी हुई अपनी बुर सहलाने लगी -आओ ना मेरे राजा , करो ना अपनी संगीता को प्यार , आपके लिए आज इसे नंगी कर दी हु अह्हहह मेरे राजा आजाओ ना उम्म्ंम्ं
मुरारी ममता की बाते सुन कर भीतर से पुरा सिहर उठा और आगे बढ़ कर वो बिस्तर पर आ गया
हाथ बढा कर वो ममता के मखमाली चर्बीदार गोरे चुतड़ सहला रहा था - ऊहह मेरी जान क्या मस्त गाड़ है तेरे और ये फूली हुई पाव सी चुत उह्ह्ह कितनी तप रही है
ममता - आह्ह मेरे राजा तो गरम गर्म ही उस्का मजा लेलो ना मुह लगा कर
मुरारी से अब जरा भी रहा ना गया और उसने झुक कर अपना मुह ममता के गाड की गहरी दरारो मे दे दिया और जीभ से उसके गाड़ की सुराख चाटने लगा
ममता - आह्ह मेरे राजा आप बडे चालू हो उम्म्ंम सीईई ओह्ह्ह संगीता को छोड़ कर उसकी पड़ोसन को प्यार दे रहे हो अह्ह्ह सीईई
मुरारी मुह निकाल कर हाथो से उसकी चुत मलता हुआ - दोनो बहने मस्त है मेरी जान तो कैसे दूसरी वाली को छोड दू
ममता मुस्कुराआई - आह्ह तुम ना पक्के वाले बहिनचोद हो अह्ह्ह माह्ह्ह सीई ओह्ह मेरे राजा अह्ह्ह आ ही गये उह्ह्ह खा जाओ अपनी संगीता के होठ उह्ह्ह्ह सीई ऐसे ही ओह्ह्ह और चुसो उसके लिप्स उम्म्ंम्ं क्या मस्त चबाते हो मेरे राजा मेरे सैयाह्ह बहिनचोद
मुरारी ममता के बुर के फाके चुसलाये जा रहा था और चाटे जा रहा था उसके हाथ ममता की मोटी पहाड़ सी विशाल चुतडो को सहला रहे थे
ममता लगातार उसको उकसाती जोश दिलाती सिस्क रही थी - अह्ह्ह हा मेरे राजा अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ं खा जाओ अपनी बहन की बुर उह्ह्ह ओह्ह नरम है ना अह्ह्ह आह्ह मेरे साजन अह्ह्ह निचोड डालो इह्ह्ह सीईई आ रहा है उम्म्ंम्ं रुकना मत अह्ह्ह
मुरारी रुकने के बजाय एक कदम आगे की सोची और अपना तनमनाया मुसल चुत के मुहाने पर लगा कर ह्चाक से उसकी गर्म लबलबाती चुत मे उतार दिया- अह्ह्ह मेरे राअजाह्ह्ह ऊहह कितना गर्म आपका लन्ड उह्ह्ह्ह्स्स्स जैसे लोहे का गरम सलिया घुसा हो भितर अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह और तेज्ज्झ उन्म्ं
मुरारी- ओह्ह्ह मेरी जान कितनी कसी हुई चुत है और बहुत गर्म अह्ह्ह लग रहा है पिघल ही जायेगा उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह लेह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह
मुरारी अब उसके कुल्हे थामकर ह्च्च् ह्च्च जोर जोर से पेलने लगा , ममता के मोटे मोटे भारी भरकम चुतड अब मुरारि के देह से टकरा भरी थप्प थ्प्प्प की आवाज निकाल रहे थे और मुरारी की नजर उसके भूरे सुराख पर थी
ममता - आह्ह मेरी राजा उह्ह्ह फाड़ डालो मे और हचक के डालो अपनी संगीता मे उम्म् अह्ह्ह और तेज चोदो उसे और तेज्ज्ज
ममता - तुम्हारी सगिता को तुम्हारा मोटा लन्ड घुस्वा कर पेलवाना पसन्द है आह्ह मेरे राजा और पेलो उह्ह्ह रुकना पेलते जाओ अपनी बहिन का बुर समझ कर , एक भाई से वो चुदवाति है तुम्हारा ले लेगी क्या घट जायेगा रन्डी का अह्ह्ह मेरे राजा हा ऐसे ही ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
मुरारि अब पुरे जोश मे आ चुका था और अपनी सगी बहन संगीता को पेलने ख्याल आने से वो अब झडने के करीब था
ममता - अह्ह्ह मेरे राज भर दो अपनी वहन की बुर समझ कर नहला दो अह्ह्ह अह्ह्ह फिर आ रहा है मेरा अह्ह्ह सीईई ओह्ह
मुरारी- आह्ह मेरी रानी ऊहह मेरी बहना ओह्ह आ रहाहै आह्ह आज नहला दुगा तुझे ओह्ह्ह लेह्ह्ह्ह आयाह्ह्ह अह्ह्ह
मुरारी ने उसकी चुत के लण्ड निकाल कर मोटी गाढ़ी पिचकारी ममता के गाड़ पर मारने लगा
ममता - अह्ह्ह मेरे राजा भर दो मेरी गाड़ मेरा चुत आह्ह नहला दो आज्ज्ज उह्ह्ह मेरे सैयाअंं बहिनचौद मेरे बलमा बहिनचोद अह्ह्ह्ह
मुरारि -अह्ह्व साली रन्डी एल्ह्ह्ह सारा माल निकाल रहा हु इह्ह 3ल्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ब
मुरारी भी आखिरी बूंद तक उसके गाड़ पर झडता रहा और उसकी गाढी मलाई रिस कर गाड़ के सुराख से उसकी चुत के फाको से होकर जांघो तक जाने लगी
वही मुरारी हाफ कर बिस्तर पर गिर पडा
कुछ पल बाद
ममता - तो मेरे बालम बहिनचोद मजा आया
मुरारि उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ - हा मेरी रानी बहुत
ममता - तो क्या सोचा मेरे राजा
मुरारी- किस बारे मे
ममता - अरे अब परसो तो संगीता चली जायेगी , पक्के वाले बहिनचोद नही बनना उम्म्ं
मुरारी- धत्त क्या तु भी अमन की मा , मुझसे नही होगा
ममता - अरे ट्राई करने मे क्या हरज है , मिल गयी तो आपकी चांदी हिहिहिही
मुरारि- हा लेकिन मै मेरी बीवी के साथ धोखा नही कर सकता ना
ममता - अच्छा जी इनको देखो अभी अपनी बहिनिया के नाम पर झड रहे थे और अभी शरारफ झाड़ रहे है हिहिही
मुरारी- अब बस करो भई , चलो सो जाओ कल बहुत सारे काम है
ममता उससे लिपट कर - ये मेरे राजा , आपकी संगीता थोडा और प्यार माग रही है देदो ना
मुरारी- अच्छा ऐसा क्या , अभी कर देता हु मेरी रानी
और एक बार फिर कमरे मे मादक सिस्किया उठने लगी और जल्द ही दोनो सो गये
राज के घर
अगली सुबह घर मे तैयारियां जोरो पर थी , शकुन की टोकरिया बॉक्स हाल मे बिछे हुए थे , घर मे चहल पहल भरा मौहौल था
रंगी फोन पर लगातार जंगी से बात कर रहा था और कुछ ना कुछ सामान की सूची उससे साझा कर रहा था ।
इधर रागिनी और निशा तैयार हो रही थी तो राज और अनुज भी अपनी अपनी बेल्ट कस रहे थे
देखते ही देखते 10 बजने को हो गये और सामान गाड़ीयो मे लद गया
रागिनी अपने साडी की पिन सही करती हुई - अरे देवर जी कहा रह गये
जन्गी हाल मे दोनो हाथ मे झोला लेकर आता हुआ - आ गया भाभी , भाईसाहब इसमे मिठाईया है और कुछ बाकी तो नही रह गया
रन्गी - नही नही सब हो ही गया है , राज अनुज इसे भी गाड़ी मे रख दो और सब लोग ज्लदी बैठो भाई , समधि जी का बार बार फोन आ रहा है ।
सब्को आगे भेज कर रागिनी - हा आप लोग चलिये , देवर जी एक मिंट आयियेगा
रागिनी जंगी को जीने के करीब ले गयी और मुस्कुराते हुए - अरे वो आपसे पुछना रह गया था , वो उस रोज शादी मे मेरी समधन की ननद आई थी ना ! उसका क्या हुआ ?
रागिनी की शरारत भरि मुस्कुराहट से ही जन्गी की उस रात की यादे ताजा हो गयी जब उसने अमन की बुआ को चोदते हुए वीडियो बनाया था
जन्गी आस पास देख कर खुश होकर - जी भाभी वो कैसे भूल सकता हूँ
रागिनी आंखे नचा कर - तो काम हुआ था या नही ?
जन्गी - क्या भाभी आपको अपने देवर पर इतना भी भरोसा नही है उम्म्ंम्ं
रागिनी - ओहो फिर फिल्म ? हिहिहिही
जन्गी - मेरे मोबाइल मे है दिखाऊ क्या ?
रागिनी शर्मा कर हस्ती हुई - धत्त नटखट मुझे नही देखना , आप बस इस मोबाइल मे उसको भेज दो ।
रागिनी ने रज्जो का मोबाइल जन्गी को दिया और जन्गी ने झट से वो वीडियो रज्जो के मोबाइल मे भेज दिया - हो गया भाभी ।
रागिनी - हम्म्म अब अपने मोबाइल से उडा दो उसको हिहिहिही नही तो निशा की मा को आपकी करतुत बता दुगी
जन्गी हस के आवाक होकर रह गया और रागीनी उसके आगे से हस्ती खिलखिलाती हुई बाहर निकल गयी ।
जल्द ही 6 जन सवारी राज के घर से निकल पड़ी
राज अनुज रंगी जन्गी निशा और रागीनी ।
रज्जो और शिला को घर की जिम्मेदारी दे दी गयी थी ।
जल्द ही सारे लोग अमन के यहा पहुचे , चौखट मे खुब हसी खुशी समधि समधन आपस मे मिले
ममता ने आज फिर से साडी डाली हुई थी ,
उसके भरे बदन पर साडी उसे काफी आकर्षक दिखा रही थी । संगीता भी अपने जलवे दिखाने मे कहा पीछे थी ।
अनुज रिन्की की आंख मिचौली चल रही थी तो निशा भी अपने जीजू अमन के आगे खुब इतरा रही थी
मुरारी भी अपनी गदराई समधन रागिनी के चुस्त दुरुस्त बदन पर लिपटी हुई साड़ी से झाकती जोबनो पर नजर फेरता दिख रहा था तो
जन्गी और संगीता की अपनी गुपचुप मुस्कुराहट साझा की जा रही थी ।
सारे लोग हाल मे एक जुट हो रहे थे कि राज की नजर किचन से रिन्की के साथ आती दुलारी भाभी पर गयी
हर मायने वो उसे अपनी पंखुडी भौजाई की याद दिला रही थी , वैसा ही गठिला गदराया बदन , वही देसी गाव की भौजाइयो वाली शरारत भरी नजर और मुस्कुराह्ट ।
उसपे से हल्के रंग की औरगंजा साड़ी मे उसके सपाट पेट से झाकती गुदाज गहरी नाभि देख कर राज का दिल एकदम गार्डन गार्डन हो गया ।
चाय नाश्ते की चुस्किया चल रही थी नास्ते का दौर चलता रहा और निशा राज अनुज सब काफी समय तक सोनल के निचे आने का वेट करते रहे और फिर उनकी बेचैनी समझ कर ममता ने रिन्की को कहा कि तीनो को उपर सोनल के कमरे लिवा जाये और फिर चारो उपर चले गये
वही इधर हाल मे बात चित का दौर लम्बा खिंचता रहा ।
राहुल के घर
इधर जंगी के जाने के बाद शालिनी उठी और नहाने के लिए कपडे उतार रही थी कि पीछे से अरुण ने उसे ब्रा पैटी मे ही दबोच लिया - अह्ह्ह मेरी मामी , सारी रात तुम्हारी याद मे नीद नही आई , उम्म्ंम्ं कितनी सेक्सी और हॉट हो आप
अरून शालिनी की गाड़ पर अपने लोवर के भीतर से लन्ड घिसता हुआ उसकी चुचिया मिजने लगा , शालिनी उसकी बाहो मे सिस्कने लगी - उहहह छोड ना , कल मन नही भरा तेरा जो सुबह सुबह तन्ग कर रहा है अह्ह्हू सीईई ओह्ह्ह अरुण मान जा मेरा बच्चा अह्ह्झ उम्म्ंम
अरुण हाथ निचे ले जाकर पैटी के उपर से ही उसकी बुर कुरेदने लगा - आह्ह मामी थोडा सुबह रसिला नासता ती करा दो उम्मममं कल तो वैसे भी घर चला जाउन्गा मै उम्म्ंम्ं प्लिज्ज्ज्ज ना
शालीनी का मन थोड़ा उदास हुआ एक पल को मगर वो इस दिन को यादगार बनाने वाली थी और उसने घूम कर अरुन को बेड पर धकेल दिया और लोवर निचे कर उसके लन्ड पर टुट पड़ी
अरून- ओह्ह माय सेक्सी मामी उह्ह्ह सच मे बहुत याद आओगे आप आह्ह मेरी रन्डी आह्ह और चुस्स्स उम्म्ंम
शालीनी मुह खोलकर सुरुकती हुई अरुण का मोटा लन्ड चुस रही थी -अह्ह्ह मै भी इसे बहुत मिस्स करने वाली हु और मेरी चुत भी अह्ह्ह्ह उम्म्ंम कितना कड़ा है उह्ह्ह्ह सीईई उम्मममंम्म्ं घुउउउऊऊ घुउउउऊऊ अह्ह्ह्ह इसको तो आज निचोड लुगी अह्ह्ह्ह
।
अरून का लन्ड और कसता फैलता जा रहा था , वो शालीनी का सर दबाये निचे से अपना गाड़ टाइट कर लन्ड उसके मुह मे पेलने लगा
तभी दरवाजे पर राहुल जो नहाने के लिए निकला था वो कमरे से आ रही आवाजो से अपनी मा के कमरे तौलिया लपेटेआ पहूचा था - ओह्ह बहिनचोद ,मै बोला तो डाट दिया
इधर अरून उसको चुपके से आने को बोलता है तो राहुल खुशी खुशी धिरे से अपनी मा के पीछे पहुचता है और तौलिया खोलकर अपना तनमनाता मोटा लन्ड निकाल लेता है और दोनो पन्जे अपनी मा के नंगे चुतडो पर जडता है - अह्ह्ह्ह मममीईई राहुल कुत्ते तु है क्या
राहुल अब अपनी मा की गोरी गाड पर गर्म तपता कडक लन्ड घिसता हुआ - हा मा मै ही हु , अभी मुझे डाट दिया और इसे नही
शालिनी मुस्कुरा कर अपनी पैंती खिंच कर चुतड़ पर चढाती हुई - अच्छा ले घुसा ले
राहुल ने तुरंत थुक लगा कर अपना मोटा सुपाडा अपनी मा के चुत मे लगा कर घुसेड़ दिया,
जिससे शालिनी दर्द से मचल उठी , दर्द और चुत मे खींचाव क भाव उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रहे थे -अह्ह्ह्ह कमिने आराम से उह्ह्ह दर्द है और अभी भी सुजी हुई है चुत मेरी उह्ह्ह्ज आराम से उम्म्ंम्ं
शालिनी राहुल हिदायत देकर वाप्स अरून का लन्ड चुसने लगी
राहुल - ओह्ह मम्मी आज आपकी बुर बहुत कसी है अह्ह्ह सीई कितनी गर्म है अह्ह्ह मन कर रहा है घुसा घुसा कर फाड़ दू ओह्ह्ह मम्मा उह्ह्ह फ़क यू बीच्च उह्ह्ह साली कुतिया अह्ह्ह एल्झ्ह
शालीनी का सर अरुण के लंन्ड पर जमा था और अरुण भी गाड उठा उठा कर उसकी मुह मे पेलाई कर रहा था - ओह्ह्ह मामीईई ऊहह ऐसे ही उम्म्ं और चुसो मेरी रन्डी चुद्क्कड मामी ओह्फक्क यू उम्मममं और लोह्ह्ह सीई अह्ह्ह
राहुल भी हचर हचर पेले जा रहा था और जल्दी ही पोजिसन बदला और अरुन ने जगह ली और वो शालीनी गाड़ को मसलता हुआ पीछे से फचर फचर पेलने लगा -अह्ह्ह मामी सच मे आपकी बुर बहुत गर्म है आह्ह्ह आह्ह आज तो पुरा दिन आपकी बुर फाड़ने वाला हु ओह्ह्ह्ह फक्क्क्क अह्ह्ह बहिनचोद क्या कसी चुत है आपकी मामी अह्ह्ह मजा आ रहा है
शालिनी - आह्ह हा बेटा फ़ाड दे आज पुरा दिन तुझसे पेलवाने वाली हु मै अह्ह्ह जबतक थका ना दू तुझ्र अह्ह्ह और तेज्ज उह्ह्ह और पेल उम्म्ं रुकना मत
वही राहुल उसके मुह पर अपना लन्ड रगड़ता हुआ उसके मुह मे लन्ड घुसा दिया -आह्ह और मेरा क्या अह्ह्ह मुझे तरसायेगी साली कुतिया लेह्ह चुस ले अपने मादरचोद बेटे का लन्ड चुस अह्ह्ह मेरी चुदक्कड़ मम्मीई ऊहह फक्क ऊहह साली कुतिया अह्ह्ह लेह्ह्ह्ह्ह
इधर अरुन उसकी चुत मे लन्ड पेले जा रहा था और शालीनी मुह मे अपने बेटे का लन्द चुसे जा रही थी और उसकी बड़ी बड़ी थन सी चुचिया लटकी हुई हिल रही थी
ऐसे कुछ देर चुदाई के बाद फिर से पोजीसन बदला और शालिनी की टाँगे उठा कर अब राहुल उसकी चुत मे लन्ड पेल रहा था और अरून का मोटा लन्ड अब शालिनी की मुह गले तक जा रहा था -अह्ह्ह मेरी मामी आपकी मुह मे ही पेल कर झड जाउगा मै अह्ह्ह सीई आह्ह फक्क्क्क
वही राहुल पेलते पेलते जोर जोर से चिखने लगा - अह्ह्ह मम्मीई ओह्ह अब और नही आह्ह लेलो अह्ह्ह फ्क्क्क आह्ह मेरी रंडी मा आह्ह आज तुझे नहला दुन्गा ओह्ह्ह अह्ह्ह
शालिनी अरुण का लन्ड छोद देती है और अपनी चुचिया मिजती हुई राहुल को और जोश दिलाती हुई - हा बेटा आजा , अपनी मा को भीगा दे और नहला दे अपने रस दे अह्ह्ह मेरा बेटा अह्ह्ह उह्ह्ह
राहुल जोर जोर से चिन्घाडता हुआ शालिनी के उपर झड़ने लगता है और अरुण वही खडा होकर अपना लन्ड हिलाता हुआ मा बेटे की जुगलबंदी निहारने लगा
राहुल के झडते ही शालिनी ने उसे अपना दुसरा रूप दिखाया और कपड़े पहन कर फौरन दूकान खोलने की फटकार लगा दी
राहुल मुह बना कर तौलिया उठा कर अरुन को मुस्कूराता देखता रहा और शालीनी उठ कर अरुन का हाथ पकड कर उसके लिप्स चुसती हुई बोली - मेरे साथ नहाने चलेगा
अरुन इस हसीन और कामुक मौके को कैसे जाने दे सकता था और दोनो बाथरुम की ओर नंगे ही बढ गये ।
जारी रहेगी
Dhanywaad BhaiBhai raj k Ghar part etna chota Kyu Khair overall update accha hai ab toh Sonal Apne mayeke ja Rahi hai aur mayeke mien Kuch dhamal ho toh Maja hi Ajaye waise toh raj sath kar chuki agar isbar anuj aur rangi k sath ho toh aur Badiya fir wapas ake Jo aman murari e baap beta Jo khel khel Rahe hai Usme Apne saas k sath samil bhi Hona hai
Hume toh intezar hai kab anuj ragini ki Lega aur sath mein Sonal fir hogi asli group sex
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