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Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Update 5
प्रिंसिपल: खामोश!! तुम क्या मुझे बेवकूफ समझते हो अगर मैं चाहूं तो अभी के अभी तुम्हें इस कॉलेज से निकाल सकता हूं, और तुम्हारे खिलाफ उत्पीड़न का मामला भी बन सकता है। पर मै ऐसा केवल इस लड़की के कारण से नहीं कर रहा हूँ! क्यू की इसने मुझे मना किया है या कहा है कि ये एक गरीब मजदूर की बेटी है या इज्जत ही इसके लिए सब कुछ है। ये नहीं चाहती कि इसका नाम किसी भी प्रकार के काम में आए जो अनुचित हो।
अब आगे:
इसके लिए मैंने तुमको 2000 रुपये का जुर्माना लगाया और 2 हफ्ते का बैन लगाया,
दो हफ्ते में अगर तुम कॉलेज में दिखते हो तो तुम्हें (डीसी) दे दूंगा !!और मैं ये भी देखूंगा कि तुम कहीं और न पढ़ सको।
अब निकल जाओ यहां से, और आइंदा कोई सिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
मोहित प्रिंसिपल ओफिस से बाहर मुंह लटकाए और मन ही मन बढ़-बढ़ते हुए निकलता है, मन में सोचते हुए (तुझे देख लूंगा त्रिपाठी साले) और सीधा कॉलेज से बाहर निकल जाता है।
त्रिपाठी: 4 हफ्ते ऐसे ही शांति से गुजर गए कॉलेज में सब सही चल रहा था मोहित भी कॉलेज में आता था और अपनी क्लास लेता था और चला जाता था, ज्यादा किसी से बात नहीं करता था। ये सब हमने भी नोट किया कि वह चुप-चुप रहता था. ऐसी बात नहीं थी के वो केवल कॉलेज में ही चुप रहता था,
वह अपने घर पर भी गुमसुम रहता था। उसकी ये स्थिति उसके पिता से भी छुपी नहीं थी!!
एक दिन शिवचरण चौधरी: क्या बात है मोहित मुझे आजकल दिख रहा है तू कुछ-बुझा-बुझा सा रहता है? ना ढंग से खाता-पीता है ना किसी से ज्यादा बात करता है? पहले तो ऐसा नहीं था?
और तेरा वज़न भी कम दिख रहा है मुझ को। कोई समस्या है तो बताओ? अगर तबियत ठीक नहीं है तो डॉ. को दिखाओ!!
मोहित: ऐसी कोई बात नहीं है पापा! शिवचरण चौधरी: तो फिर क्या बात है वो बता?
मोहित: कोई बात नहीं है, मैं ठीक हूं! बस आपको ऐसा ही लग रहा है। शिवचरण चौधरी: बाप हु मैं तेरा मुझ से तू कुछ भी छुपा नहीं सकता सच-सच बता क्या किसी ने कुछ कहा है? देख अगर मैंने अपने आप से पता लगाया तो बाद में... मोहित अपने पिता के गुस्से को जानता था! वो घबरा गया और उसने सच बताना ही मुनासिब समझा।
मोहित: देखिये पिता जी मुझ से एक गलती हो गयी और अब मैं क्या करू? ये समझ नहीं आ रहा मुझे! मुझे मालूम है मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था? मे उसके लिए आपसे भी माफ़ी माँगता हूँ।
शिवचरण चौधरी: जैसा कि मुझे पहले भी लग रहा था कि कोई बड़ी बात है! पूरी बात बता ओर कुछ भी छुपाने की ज़रूरत नहीं है !!
मोहित: पिता जी बात महीने भर पहले की है, एक दिन मैंने किसी लड़की को कॉलेज में...
शिवचरण चौधरी: कॉलेज में. क्या? ……छेड़ दिया क्या?
मोहित: जी पिता जी कुछ ऐसा ही समझ लीजिये.
शिवचरण चौधरी: हूं...ऐसा ही समझूं तो इसका मतलब मामला कुछ ज्यादा बड़ा है!!
मोहित: एक टीचर है त्रिपाठी.उसने और उस लड़की ने मिलके मेरी सिकायत प्रिंसिपल से कर दी और प्रिंसिपल ने मुझे 4 हफ्ते का बैन दिया और 2000 रुपये का जुर्मना लगाया था। बात जुर्मने की नहीं है पिताजी! बल्कि मेरे दोस्तों के सामने मेरी बेज्जति हुई उसके कारण से मैं अंदर से बहुत दुखी हूं!!
शिवचरण चौधरी: (बात सुनके जोर जोर से हंसने लगा।) फिर जोर से दहाड़ा, शिवचरण चौधरी का खून है तू लड़के इस भरी जवानी में लड़की नहीं छेड़ेगा तो कब छेड़ेगा!
बात ये नहीं कि प्रिंसिपल ने तुझे सजा दी!! बाल्की बात ये है कि उसके पास तेरी सिकायत करने की हिम्मत कैसे हुई किसी की?
क्या तूने बताया नहीं कि तू किसकी औलाद है?
मोहित: मैंने त्रिपाठी को बताया था कि मैं आपका बेटा हूं पर फिर भी उसने मेरी सिकायत कर दी और मुझे डांटा भी!
शिवचरण चौधरी: तू बिल्कुल चिंता मत कर, मैं सब ठीक कर दूंगा बेटा तु अपनी मौज-मस्ती कर, रही बात त्रिपाठी की तो उसको मैं वो सबक सिखाऊंगा कि वो जिंदगी भर याद रखेगा।
मोहित: मोहित खुश हो जाता है और अपने पिता के गले लग जाता है.. मोहित: धन्यवाद पापा.
शिवचरण चौधरी: तू बस खुश रहा करो! तेरे लिए तो मैं सब कुछ कर सकता हूँ बेटा !!
मोहित: पापा आपने मेरे मन से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है, मुझे पता है अब त्रिपाठी को उसकी सजा जरूर मिलेगी।

थैक यू ... मोहित ये कहते हुए अपनी बाइक की चाबी उठाता है और अपने बाप को घूमने का बोलके निकल जाता है बाहर की ओर।
उधर: त्रिपाठी: मैं अपने कॉलेज के रूटीन में व्यस्त था, वही रोज का काम, कॉलेज आना क्लास लेना कभी जरूरी हुआ तो लैब अटेंड करना, वगैरह-2. तभी एक दिन मैं घर पहुंच कर अपनी बेटी श्रुति जो की 12वीं कक्षा में पढ़ती थी उसका इंतजार कर रहा था क्योंकि आज मेरी पत्नी किसी काम से गांव गई थी तो मुझे ही सब संभालना था, त्रिपाठी: अपने मन में (आज काफी समय हो गया श्रुति को आने में) तभी टेबल पर पडा फोन बजने लगता है,...ट्रिंग-ट्रिंग....
मैंने जैसे ही फोन उठाया सामने से एक कर्कश आवाज सुनाई दी। आवाज़: कैसे हो त्रिपाठी?
त्रिपाठी: मैने पहचाना नहीं? आप कौन हैं श्रीमान!
फोन पर हंसी कि आवाज आती है....”अरे मान सम्मान हम खुद करवा लेते हैं त्रिपाठी”, और रही बात पहचान की तो हमारा नाम ही हमारी पहचान है!!
त्रिपाठी: अपना नाम बताने का कष्ट करें और फोन किस लिए किया? वह भी बताएं!!
हम बोल रहे हैं “शिवचरण चौधरी”….. फोन पर कुछ देर सन्नाटा छा जाता है.. जिसको भंग किया शिवचरण की आवाज ने,
क्या हुआ त्रिपाठी? लगता है जीभ तालु से चिपक गई है तेरी? हा हा हा.... तूने बिल्कुल अच्छा नहीं किया त्रिपाठी,
सब कुछ जानते हुए कि मोहित हमारा साहब-जादा है, फिर भी तुमने उसकी सिकायत की और उसे सरमिंदा किया!
त्रिपाठी: मैंने केवल अपना फर्ज निभाया है टीचर होने का, और कुछ नहीं, अगर अनुशासन नहीं होगा तो कैसे चलेगा चौधरी साहब?
शिवचरण चौधरी: अच्छी बात है त्रिपाठी, तुमने अपना टीचर का फर्ज निभाया, मैं अपने पिता होने का फर्ज निभाऊंगा हा हा हा..
रही बात अनुसासन की तो मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता! हां मुझे अनु के ऊपर सासन करना जरूर आता है, अगर तुम किसी अनु को जानते हो तो बताओ?
त्रिपाठी: छी.. कैसी उल-जलूल बातें कर रहे हैं आप? आपको ये शोभा नहीं देतीं है ठाकुर साहब!! कुछ काम है तो बताइये वरना फ़ोन रख रहा हूँ! शिवचरण चौधरी: ये तुमने सही कहा आजकल शोभा देती ही नहीं मुझे। हा हा हा... रही बात काम की तो बात ऐसी है कि सुनते ही तेरी गांड फट जाएगी त्रिपाठी.
त्रिपाठी: ये क्या बकवास है? शिवचरण चौधरी: बकवास नहीं ये सच है और तेरी बेटी श्रुति मेरे पास है!!
“कमीने झूठ बोल रहा है तू” ये बोलते हुए त्रिपाठी को पसीना आने लग गया और उसका दिल बेचैन होने लगा! शिवचरण: फोन पर ...उसको यहाँ लाओ!!! ले बात कर अपने बाप से. दूसरी तरफ से लड़की की रोते हुए आवाज आती है हेलो..पापा.. त्रिपाठी: श्रुति.. मेरी बच्ची तू ठीक तो है ना? तू वहां कैसे पहुच गई?
तभी दूसरी तरफ से शिवचरण की आवाज आती है!! अगर मेल मिलाप हो गया तो काम की बात करें!! (जोर से आवाज लगाते हुए: इसे सामने वाले कमरे में बंद कर दो रे)
त्रिपाठी: क्या चाहते हो तुम मुझसे?

जारी है...✍️
 

Raj_sharma

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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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प्रिंसिपल: खामोश!! तुम क्या मुझे बेवकूफ समझते हो अगर मैं चाहूं तो अभी के अभी तुम्हें इस कॉलेज से निकाल सकता हूं, और तुम्हारे खिलाफ उत्पीड़न का मामला भी बन सकता है। पर मै ऐसा केवल इस लड़की के कारण से नहीं कर रहा हूँ! क्यू की इसने मुझे मना किया है या कहा है कि ये एक गरीब मजदूर की बेटी है या इज्जत ही इसके लिए सब कुछ है। ये नहीं चाहती कि इसका नाम किसी भी प्रकार के काम में आए जो अनुचित हो।
अब आगे:
इसके लिए मैंने तुमको 2000 रुपये का जुर्माना लगाया और 2 हफ्ते का बैन लगाया,
दो हफ्ते में अगर तुम कॉलेज में दिखते हो तो तुम्हें (डीसी) दे दूंगा !!और मैं ये भी देखूंगा कि तुम कहीं और न पढ़ सको।
अब निकल जाओ यहां से, और आइंदा कोई सिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
मोहित प्रिंसिपल ओफिस से बाहर मुंह लटकाए और मन ही मन बढ़-बढ़ते हुए निकलता है, मन में सोचते हुए (तुझे देख लूंगा त्रिपाठी साले) और सीधा कॉलेज से बाहर निकल जाता है।
त्रिपाठी: 4 हफ्ते ऐसे ही शांति से गुजर गए कॉलेज में सब सही चल रहा था मोहित भी कॉलेज में आता था और अपनी क्लास लेता था और चला जाता था, ज्यादा किसी से बात नहीं करता था। ये सब हमने भी नोट किया कि वह चुप-चुप रहता था. ऐसी बात नहीं थी के वो केवल कॉलेज में ही चुप रहता था,
वह अपने घर पर भी गुमसुम रहता था। उसकी ये स्थिति उसके पिता से भी छुपी नहीं थी!!
एक दिन शिवचरण चौधरी: क्या बात है मोहित मुझे आजकल दिख रहा है तू कुछ-बुझा-बुझा सा रहता है? ना ढंग से खाता-पीता है ना किसी से ज्यादा बात करता है? पहले तो ऐसा नहीं था?
और तेरा वज़न भी कम दिख रहा है मुझ को। कोई समस्या है तो बताओ? अगर तबियत ठीक नहीं है तो डॉ. को दिखाओ!!
मोहित: ऐसी कोई बात नहीं है पापा! शिवचरण चौधरी: तो फिर क्या बात है वो बता?

मोहित: कोई बात नहीं है, मैं ठीक हूं! बस आपको ऐसा ही लग रहा है। शिवचरण चौधरी: बाप हु मैं तेरा मुझ से तू कुछ भी छुपा नहीं सकता सच-सच बता क्या किसी ने कुछ कहा है? देख अगर मैंने अपने आप से पता लगाया तो बाद में... मोहित अपने पिता के गुस्से को जानता था! वो घबरा गया और उसने सच बताना ही मुनासिब समझा।
मोहित: देखिये पिता जी मुझ से एक गलती हो गयी और अब मैं क्या करू? ये समझ नहीं आ रहा मुझे! मुझे मालूम है मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था? मे उसके लिए आपसे भी माफ़ी माँगता हूँ।

शिवचरण चौधरी: जैसा कि मुझे पहले भी लग रहा था कि कोई बड़ी बात है! पूरी बात बता ओर कुछ भी छुपाने की ज़रूरत नहीं है !!
मोहित: पिता जी बात महीने भर पहले की है, एक दिन मैंने किसी लड़की को कॉलेज में...
शिवचरण चौधरी: कॉलेज में. क्या? ……छेड़ दिया क्या?
मोहित: जी पिता जी कुछ ऐसा ही समझ लीजिये.

शिवचरण चौधरी: हूं...ऐसा ही समझूं तो इसका मतलब मामला कुछ ज्यादा बड़ा है!!
मोहित: एक टीचर है त्रिपाठी.उसने और उस लड़की ने मिलके मेरी सिकायत प्रिंसिपल से कर दी और प्रिंसिपल ने मुझे 4 हफ्ते का बैन दिया और 2000 रुपये का जुर्मना लगाया था। बात जुर्मने की नहीं है पिताजी! बल्कि मेरे दोस्तों के सामने मेरी बेज्जति हुई उसके कारण से मैं अंदर से बहुत दुखी हूं!!
शिवचरण चौधरी: (बात सुनके जोर जोर से हंसने लगा।) फिर जोर से दहाड़ा, शिवचरण चौधरी का खून है तू लड़के इस भरी जवानी में लड़की नहीं छेड़ेगा तो कब छेड़ेगा!
बात ये नहीं कि प्रिंसिपल ने तुझे सजा दी!! बाल्की बात ये है कि उसके पास तेरी सिकायत करने की हिम्मत कैसे हुई किसी की?
क्या तूने बताया नहीं कि तू किसकी औलाद है?
मोहित: मैंने त्रिपाठी को बताया था कि मैं आपका बेटा हूं पर फिर भी उसने मेरी सिकायत कर दी और मुझे डांटा भी!
शिवचरण चौधरी: तू बिल्कुल चिंता मत कर, मैं सब ठीक कर दूंगा बेटा तु अपनी मौज-मस्ती कर, रही बात त्रिपाठी की तो उसको मैं वो सबक सिखाऊंगा कि वो जिंदगी भर याद रखेगा।
मोहित: मोहित खुश हो जाता है और अपने पिता के गले लग जाता है.. मोहित: धन्यवाद पापा.
शिवचरण चौधरी: तू बस खुश रहा करो! तेरे लिए तो मैं सब कुछ कर सकता हूँ बेटा !!
मोहित: पापा आपने मेरे मन से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है, मुझे पता है अब त्रिपाठी को उसकी सजा जरूर मिलेगी।

थैक यू ... मोहित ये कहते हुए अपनी बाइक की चाबी उठाता है और अपने बाप को घूमने का बोलके निकल जाता है बाहर की ओर।
उधर: त्रिपाठी: मैं अपने कॉलेज के रूटीन में व्यस्त था, वही रोज का काम, कॉलेज आना क्लास लेना कभी जरूरी हुआ तो लैब अटेंड करना, वगैरह-2. तभी एक दिन मैं घर पहुंच कर अपनी बेटी श्रुति जो की 12वीं कक्षा में पढ़ती थी उसका इंतजार कर रहा था क्योंकि आज मेरी पत्नी किसी काम से गांव गई थी तो मुझे ही सब संभालना था, त्रिपाठी: अपने मन में (आज काफी समय हो गया श्रुति को आने में) तभी टेबल पर पडा फोन बजने लगता है,...ट्रिंग-ट्रिंग....
मैंने जैसे ही फोन उठाया सामने से एक कर्कश आवाज सुनाई दी। आवाज़: कैसे हो त्रिपाठी?
त्रिपाठी: मैने पहचाना नहीं? आप कौन हैं श्रीमान!
फोन पर हंसी कि आवाज आती है....”अरे मान सम्मान हम खुद करवा लेते हैं त्रिपाठी”, और रही बात पहचान की तो हमारा नाम ही हमारी पहचान है!!
त्रिपाठी: अपना नाम बताने का कष्ट करें और फोन किस लिए किया? वह भी बताएं!!
हम बोल रहे हैं “शिवचरण चौधरी”….. फोन पर कुछ देर सन्नाटा छा जाता है.. जिसको भंग किया शिवचरण की आवाज ने,
क्या हुआ त्रिपाठी? लगता है जीभ तालु से चिपक गई है तेरी? हा हा हा.... तूने बिल्कुल अच्छा नहीं किया त्रिपाठी,
सब कुछ जानते हुए कि मोहित हमारा साहब-जादा है, फिर भी तुमने उसकी सिकायत की और उसे सरमिंदा किया!
त्रिपाठी: मैंने केवल अपना फर्ज निभाया है टीचर होने का, और कुछ नहीं, अगर अनुशासन नहीं होगा तो कैसे चलेगा चौधरी साहब?

शिवचरण चौधरी: अच्छी बात है त्रिपाठी, तुमने अपना टीचर का फर्ज निभाया, मैं अपने पिता होने का फर्ज निभाऊंगा हा हा हा..
रही बात अनुसासन की तो मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता! हां मुझे अनु के ऊपर सासन करना जरूर आता है, अगर तुम किसी अनु को जानते हो तो बताओ?

त्रिपाठी: छी.. कैसी उल-जलूल बातें कर रहे हैं आप? आपको ये शोभा नहीं देतीं है ठाकुर साहब!! कुछ काम है तो बताइये वरना फ़ोन रख रहा हूँ! शिवचरण चौधरी: ये तुमने सही कहा आजकल शोभा देती ही नहीं मुझे। हा हा हा... रही बात काम की तो बात ऐसी है कि सुनते ही तेरी गांड फट जाएगी त्रिपाठी.
त्रिपाठी: ये क्या बकवास है? शिवचरण चौधरी: बकवास नहीं ये सच है और तेरी बेटी श्रुति मेरे पास है!!
“कमीने झूठ बोल रहा है तू” ये बोलते हुए त्रिपाठी को पसीना आने लग गया और उसका दिल बेचैन होने लगा! शिवचरण: फोन पर ...उसको यहाँ लाओ!!! ले बात कर अपने बाप से. दूसरी तरफ से लड़की की रोते हुए आवाज आती है हेलो..पापा.. त्रिपाठी: श्रुति.. मेरी बच्ची तू ठीक तो है ना? तू वहां कैसे पहुच गई?
तभी दूसरी तरफ से शिवचरण की आवाज आती है!! अगर मेल मिलाप हो गया तो काम की बात करें!! (जोर से आवाज लगाते हुए: इसे सामने वाले कमरे में बंद कर दो रे)
त्रिपाठी: क्या चाहते हो तुम मुझसे?

जारी है...✍️
Baap re ye Shiv charan chaudhary to bada he kamina kism ki insaan nikla apne bete Mohit ki galti pe usko datne sunane ke bajay jisne Mohit ki shikayat ki uske against kam ker raha hai
Dekhte hai ky kr vane wala hai Shiv charan chaudhary teacher Tripathi se
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Raj_sharma

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Baap re ye Shiv charan chaudhary to bada he kamina kism ki insaan nikla apne bete Mohit ki galti pe usko datne sunane ke bajay jisne Mohit ki shikayat ki uske against kam ker raha hai
Dekhte hai ky kr vane wala hai Shiv charan chaudhary teacher Tripathi se
Thanks for your wonderful review bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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Frieren

𝙏𝙝𝙚 𝙨𝙡𝙖𝙮𝙚𝙧!
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