वो एक्म्द चुप हो गये फिर बोले - क्या बात है बताओ ना
मै - जी शादी के पहले से ही देवर जी मुझे पसंद करते थे और ...
फिर मैने तेरे फुफा को बताया कि कैसे सुहागरात पर देवर जी मुझे अपने दिल की बात बताई थी ।
वो - क्या ? तुमने पहले क्यू नही बताया और शायद यही वजह है कि वो क्म्मो के करीब होने से कतरा रहा है
मै - हम्म्म शायद
वो अफसोस करते हुए - हे भगवान ये मुझ्से क्या पाप पर पाप हो रहा है , पहले उसकी बीवी अब उसका प्यार भी छीन लिया मैने
मै - क्या बोल रहे है आप ?
वो - तुम उसका प्यार हो शिला , मै उस्का स्वभाव जानता हु वो कभी क्म्मो को नही अपनायेगा
मै चौक कर - क्या ?
वो - हा सच कह रहा हु , अगर ये बात तुम उस दिन बता देती तो शायद ये सब ना हुआ होता
मै - अब
वो - कल सुबह बात करते है
फिर अगली सुबह मिटिंग हुई और इस बार तेरे फूफा ने देवर जी डांट लगाई कि क्यू उसने ये बात पहले नही बताई और अब कम्मो का जीवन खराब कर रहा है ।
बहुत बात बहस हुई और तेरे फुफा ने बड़े भाई होने का हवाला देकर देवर जी को कसम दी कि वो वापस से मेरे साथ रहे और उन्होने क्म्मो की रजामंदी लेके उसके साथ रहने का फैसला किया । साथ मे ये भी तय हुआ कि समाज की नजर मे मै तेरे फुफा की बीवी रहूँगी और क्म्मो देवर जी की । संजोग कि बात थी उन दिनो मेरे सास ससुर मेरी ननद के यहा गये हुए थे तो कौन किसके कमरे मे है कोई देखने वाला नही था ।
फिर रात ढली और हफते भर बाद फिर से देवर जी मेरे साथ थे ।
फिर वही चुप्पी , मै बिस्तर पर बैठी रही और देवर जी निचे अलग बिस्तर लगाने लगे ।
मै - ये क्या कर रहे है आप उपर आईये
देवर - भाभी जी प्लीज मुझसे नही हो पायेगा , मुझे समय चाहिये
मै यही उचित सम्झा और उन्हे अलग सोने दिया , सारी रात मेरी चुत कुलबुलाती रही और ना मुझे नीद आई ना देवर जी को ।
अगली सुबह कम्मो से बात की तो पता चला तेरे फुफा ने रात मे दो बार हचक के पेलाई की उसकी ।
एक पल के लिए मुझे तेरे फुफा के चरित्र के लिए सवाल आते मगर ये सोच कर टाल देती कि मेरी बहन का जीवन सवर रहा है तो अच्छा ही है ।
दो रात बीती और देवर जी अलग ही सोये , मुह से सिर्फ भाभी ही निकलता ।
अगले दिन सोमवार था और हम चारो को मन्दिर जाना था । ऐसे मे हमे समाजिक रूप से शादी वाले जोड़े मे ही दिखना था , मतलब मै और तेरे फूफा एक साथ और क्म्मो देवर जी एक साथ ।
मंदिर की सीढियां उतरते समय हम दोनो जोड़े थोड़ी थोड़ी दुरी पर थे और मेरी तेरे फुफा से बात हो रही थी देवर जी को लेके ।
वो - क्या हुआ तुम उदास हो ,
मै - मुझे उनका कुछ समझ नही आ रहा है , वो बस यही कहते है कि उन्हे समय चाहिये ।
वो - तो क्या तुम दो दिन से ऐसे ही
मै लजाई और मुस्कराई - मेरा छोडिए , अपना बताईये याद तो आती नही होगी मेरी उम्म्ं
वो थोडा हस कर - कैसी बात कर रही हो जान
मैने उन्हे घूरा और वो हसते हुए - हा और क्या तुम मेरी हमेशा से जान ही रहोगी , तुम्हारी चुत का स्वाद मै कैसे भूल सकता हु
उनकी बाते सुन कर मै भितर से मचल उठी और बोली - क्यू मेरी बहन के स्वाद मे कही है क्या
वो - उसका अपना ही नशा है , वो तुम्हारी तरह चुसने से घबराती नही खड़ा खड़ा ही घोंट जाती है
मै तुन्की - हुह तो मेरे पीछे क्यू पडे है जाईये चुसवाईए उसी से
वो - आह्ह जान नाराज ना हो , तुम्हारी चुत के रस का उस्से कोई मुकाबला तुम दोनो बहने अपनी अपनी जगह पर लाजवाब हो
मै मुस्कराई और पास आते हुए क्म्मो-देवर जी की ओर इशारा करके बोली - अपना छोडिए ये बताईये इनका क्या होगा , कुछ सोचा आपने
वो - आज दुपहर मे रामू (रामसिंह) बाजार जा रहा है कुछ काम से गौशाला मे मिलो मुझे बताता हु
मै समझ गयी कि मेरी रग्दाई पक्की थी और हुआ भी ऐसा ही
मेरे ब्लाउज खुले थे और चुचे हवा के झूल रहे थे और मेरी साडी पेतिकोट उठा कर वो मेरे चुत पर टूट पड़े थे मै सिस्कती कसम्साती अकड़ती उनका सर पकड कर अपनी चुत पर मले जा रही थी


" अह्ह्ह मेरे राजा कब तक हम ऐसे तड़पेन्गे ऊहह , आपको तो हर रोज नई नई मिल जा रही है कभी हम बहनो का दर्द नही सोचते " मै मदहोश होकर उनका सर अपनी बुर पर दरती हुई सिस्कती हुई बोली ।
वो उठे और मेरे रस से लिभडाए होठो से मेरे लाल रसिले होठों को चुसते हुए बोले - तुम्हारे लिये हम भी कम नही तड़पते मेरी जान, तुम्हारी रसिली जवानी का स्वाद हर पल मुझे सताता है ।


मै तुनकी और उन्होने मुझे पीछे से धर लिया , उन्के पन्जे मेरे फुल सी नाजुक अमियों मे मिसलने लगी और वो उनका रस गारते हुए कसकर मरोडने लगे , उनका मोटा खुन्टा पीछे मेरे चुतडो पर ठोकर मार रहा था ।
लपक कर मैने भी उसको पजामे के उपर से धर लिया और मुठियाते हुए - देखीये अब ये मुझसे ये बेचैनी और सही नही जायेगी , या तो आप मेरे पास आ जाईये या फिर कहिये अपने भाई को मेरी जरूरते पूरी करे अह्ह्ह सीईई
वो मेरे जोबन मसलते हुए - आह्ह जान तुम खुद को कम क्यू आंकती हो , अरे वो तुम्हारे इन्ही रसभरे जोबनो और इन मोटे चुतडो का दिवाना है , दिखाओ ना उसे अपने जलवे आह्ह ।