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Incest वशीकरण

Ashokafun30

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जबरदस्त,

नाम ही काफी है, वही उपमाएं एकदम टटकी, जिसे किसी ने सोचा भी न हो लेकिन एकदम सटीक,

" मोरनी बन कर बैठ गयी, और गाढ़े सुनहरे रंग के झरने को बाहर फेंकने लगी "

और एक लाइन में गाँव के माहौल के खुलेपन से किशोरियों के जवान होने का चित्र खींच दिया,

" वो उनकी टांगों के बीच ऐसे झूल रहा था जैसा मैंने अपने बैल हीरा का देखा था "

और पहली बार आप की कहानी में कुछ तंत्र मंत्र, जादू टोने सा दिखा लेकिन कहानी के नाम से ही यह साफ़ था , दो गुड़िया

तो क्या ये पापा की ही दो गुड़िया हैं चंदा और चन्द्रिका और उसके बाद ' सफ़ेद जादू '

" दोनों गुड़िया सफ़ेद पानी से रंग कर सराबोर हो गयीं '

काला जादू से कम ताकतवर ये सफ़ेद जादू नहीं होता, बस करना आना चाहिए

लेकिन काले और सफ़ेद जादू से भी बढ़कर है आपकी कहानी का जादू, बस अपडेट नियमित अंतराल पर आते रहें

एक बार फिर से आभार और बधाई एकदम नए विषय पर लिखने का
thanks komal bhabhi
aapka dil ki gehraiyo se swagat hai
aap sabhi ka pyar hi hai jo mujhe yaha banaye rakhne me madad karta hai
ye aapka vashikaran hai jo mai aisi kahani likhne par vivash hu
thanks again
 

Ashokafun30

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दोपहर को करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो माँ दरवाजा पीट रही थी
उनके बड़बड़ाने की आवाज़ें अंदर तक आ रही थी

“घोड़ी होती जा रही है, और सोने से फ़ुर्सत नही है, पराए घर जाएगी तो कैसे निभाएगी, घर का सारा काम पड़ा है अभी, खुद ने नाश्ता भी नही किया और महारानी अंदर जाकर सो गयी है”

मैने जल्दी से अपना हुलिया ठीक किया, चादर को देखा तो वहां कोई निशान नही था
जादुई पानी उड़ चूका था
गुड़िया अब पहले से ज़्यादा गंदी हो चुकी थी
मैने उसे साइड में रखा और दरवाजा खोल दिया
10 मिनट तक सर झुकाए माँ की डांट खाती रही और फिर बाहर जाकर नाश्ता किया और फिर उनके साथ सारा काम निपटाया

माँ हमेशा मुझे ही दांती थी,डांटती थी , भैय्या और दीदी को कुछ नही कहती थी
शायद इसलिए की दीदी जॉब करती थी और भाई खेतो में मेहनत
मैं ही निकम्मी थी उनकी नज़रों में
जिसपर वो अपना गुस्सा निकालती रहती थी
पर पिताजी हमेशा मेरा बचाव करते थे
जैसा आज सुबह किया था उन्होने

पर ये गुड़िया वाला चक्कर मुझे समझ नही आ रहा था
कल रात वो आख़िर ऐसा क्यों कर रहे थे उसके साथ

पर जो भी था
कल की घटना के बाद मुझे ऐसा एहसास होने लगा था की मैं अब सचमुच जवान हो गयी हूँ



काम ख़त्म करने के बाद मैं अपने कॉलेज की बुक्स लेकर बैठ गयी
पर मेरा ध्यान अभी भी सुबह वाली बातों की तरफ ही था
बीच-2 में मैं गूगल पर कुछ न कुछ नया टॉपिक टाइप करके जानकारिया लेती रहती थी
अचानक मुझे एक एडल्ट वेबसाइट का लिंक मिल गया
और जब मैने क्लिक किया तो नंगी वीडियो से पूरी स्क्रीन भरी हुई थी
औरत और मर्द एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे
मैने एक वीडियो प्ले किया तो मेरी साँसे उखड़ने लगी
इसमे 2 कॉलेज के लड़के लड़की की कहानी थी
वो लड़की उस लड़के का लिंग अपने मुँह में भरकर चूस रही थी




और बाद में वो लड़का भी उसकी योनि को चूसने लगा
मेरे लिए ये सब नया था
भला ऐसी जगह को कोई कैसे चूस सकता है
पर फिर मुझे ख्याल आया की मेरी योनि का रस इतना मीठा था, शायद सभी का ऐसा ही होता होगा और तभी लड़को को उसे चूसने में मज़ा मिलता है
और इसी प्रकार लड़को का वीर्य भी कोई स्वाद लिए होता होगा तभी उसे इस तरह चूस्कर पी रही थी ये लड़की

मैं मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करके सैक्स की गहराई में उतरती जा रही थी
अगले करीब 1 घंटे तक मैने करीब 8-10 वीडियो देख डाली
किसी में सैक्स कर रहे थे
किसी में लड़का पिछले गुदा द्वार में अपना लिंग डाल रहा था

[/url
]

पर हर वीडियो में दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था
यानी सैक्स कैसा भी हो, एक बार नंगे हो जाओ तो सब बढ़िया ही होता है
इस विचार ने मेरे मन में घर कर लिया था

तभी मेरी नज़र उस गुड़िया पर पड़ी
जिसपर अभी तक पिताजी के वीर्य की पपड़ी जमी हुई थी
मैने उसे उठाया और धीरे-2 उसे अपने होंठो तक ले गयी
ऐसा करते हुए मेरा दिल एक बार फिर से धाड़-2 कर रहा था

और फिर मैने उस गुड़िया का हाथ अपने मुँह में लेकर चूस डाला
जो वीर्य कुछ देर पहले सिर्फ़ मेरी छुवन मात्र से पिघल गया था
मेरे मुख की गर्मी पाकर तो वो टपकने सा लगा

जैसे फ्रिज से बर्फ निकालने के बाद वो पिघल कर पानी बन जाती है
ठीक वैसे ही वो वीर्य पिघल कर मेरे मुँह में अपना स्वाद घोल गया
वो मीठा तो नही था
पर मेरी योनि रस की तरह एक मादक सी सुगंध थी उसमें भी

उसके बाद तो मैने उस गुड़िया को पूरा चाट मारा
उसकी टांगो के बीच चटाई करते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे मैं किसी लेस्बियन की तरह किसी और लड़की की योनि को चाट रही हूँ
ऐसा मैने आज तक नही सोचा था

पर ये ख़याल आते ही ना जाने क्यो मेरे सामने अपने आप चंद्रिका दीदी का चेहरा आ गया

वो गुड़िया अब मुझे आपनी बड़ी बहन लग रही थी
जिसके छोटे-2 कपड़े मैं नोच कर उतार रही थी
फिर उसके नन्हे स्तन और योनि को मैने चूस चूस्कर उसमें फँसा रस पी डाला
और ऐसा करते हुए मेरी योनि से लगातार रस बहे जा रहा था
और उस लबाबदार योनि में अपनी उंगलिया फिराते हुए मुझे असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी

उफफफफ्फ़sssssss



ये सैक्स और इसकी बातों से जुड़ा हर एहसास कितना सुखद है
काश कोई मर्द होता मेरे सामने
जिसका लिंग मैं चूस पाती
जैसा इन वीडियो में दिखाया गया है

मैं आँखे बंद करके ऐसा कुछ सोचने की कोशिश करने लगी
पर चाहकर भी मैं पिताजी को इमेजीन नही कर पा रही थी
शायद उतना खुद को आज़ाद नही कर पाई थी मैं अभी

फिर मैंने एक बार फिर से अपने बिस्तर पर मची गंदगी को समेटा, नहाने के बाद कपड़े चेंज किए
इस बार मैने अंडरगार्मेंट्स नही पहने
क्योंकि मुझे पता था की हालात आज रात भी मेरे हाथ काबू में नही रहेंगे
 
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Motaland2468

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दोपहर को करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो माँ दरवाजा पीट रही थी
उनके बड़बड़ाने की आवाज़ें अंदर तक आ रही थी

“घोड़ी होती जा रही है, और सोने से फ़ुर्सत नही है, पराए घर जाएगी तो कैसे निभाएगी, घर का सारा काम पड़ा है अभी, खुद ने नाश्ता भी नही किया और महारानी अंदर जाकर सो गयी है”

मैने जल्दी से अपना हुलिया ठीक किया, चादर को देखा तो वहां कोई निशान नही था
जादुई पानी उड़ चूका था
गुड़िया अब पहले से ज़्यादा गंदी हो चुकी थी
मैने उसे साइड में रखा और दरवाजा खोल दिया
10 मिनट तक सर झुकाए माँ की डांट खाती रही और फिर बाहर जाकर नाश्ता किया और फिर उनके साथ सारा काम निपटाया

माँ हमेशा मुझे ही दांती थी,डांटती थी , भैय्या और दीदी को कुछ नही कहती थी
शायद इसलिए की दीदी जॉब करती थी और भाई खेतो में मेहनत
मैं ही निकम्मी थी उनकी नज़रों में
जिसपर वो अपना गुस्सा निकालती रहती थी
पर पिताजी हमेशा मेरा बचाव करते थे
जैसा आज सुबह किया था उन्होने

पर ये गुड़िया वाला चक्कर मुझे समझ नही आ रहा था
कल रात वो आख़िर ऐसा क्यों कर रहे थे उसके साथ

पर जो भी था
कल की घटना के बाद मुझे ऐसा एहसास होने लगा था की मैं अब सचमुच जवान हो गयी हूँ



काम ख़त्म करने के बाद मैं अपने कॉलेज की बुक्स लेकर बैठ गयी
पर मेरा ध्यान अभी भी सुबह वाली बातों की तरफ ही था
बीच-2 में मैं गूगल पर कुछ न कुछ नया टॉपिक टाइप करके जानकारिया लेती रहती थी
अचानक मुझे एक एडल्ट वेबसाइट का लिंक मिल गया
और जब मैने क्लिक किया तो नंगी वीडियो से पूरी स्क्रीन भरी हुई थी
औरत और मर्द एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे
मैने एक वीडियो प्ले किया तो मेरी साँसे उखड़ने लगी
इसमे 2 कॉलेज के लड़के लड़की की कहानी थी
वो लड़की उस लड़के का लिंग अपने मुँह में भरकर चूस रही थी




और बाद में वो लड़का भी उसकी योनि को चूसने लगा
मेरे लिए ये सब नया था
भला ऐसी जगह को कोई कैसे चूस सकता है
पर फिर मुझे ख्याल आया की मेरी योनि का रस इतना मीठा था, शायद सभी का ऐसा ही होता होगा और तभी लड़को को उसे चूसने में मज़ा मिलता है
और इसी प्रकार लड़को का वीर्य भी कोई स्वाद लिए होता होगा तभी उसे इस तरह चूस्कर पी रही थी ये लड़की

मैं मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करके सैक्स की गहराई में उतरती जा रही थी
अगले करीब 1 घंटे तक मैने करीब 8-10 वीडियो देख डाली
किसी में सैक्स कर रहे थे
किसी में लड़का पिछले गुदा द्वार में अपना लिंग डाल रहा था

[/url
]

पर हर वीडियो में दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था
यानी सैक्स कैसा भी हो, एक बार नंगे हो जाओ तो सब बढ़िया ही होता है
इस विचार ने मेरे मन में घर कर लिया था

तभी मेरी नज़र उस गुड़िया पर पड़ी
जिसपर अभी तक पिताजी के वीर्य की पपड़ी जमी हुई थी
मैने उसे उठाया और धीरे-2 उसे अपने होंठो तक ले गयी
ऐसा करते हुए मेरा दिल एक बार फिर से धाड़-2 कर रहा था

और फिर मैने उस गुड़िया का हाथ अपने मुँह में लेकर चूस डाला
जो वीर्य कुछ देर पहले सिर्फ़ मेरी छुवन मात्र से पिघल गया था
मेरे मुख की गर्मी पाकर तो वो टपकने सा लगा

जैसे फ्रिज से बर्फ निकालने के बाद वो पिघल कर पानी बन जाती है
ठीक वैसे ही वो वीर्य पिघल कर मेरे मुँह में अपना स्वाद घोल गया
वो मीठा तो नही था
पर मेरी योनि रस की तरह एक मादक सी सुगंध थी उसमें भी

उसके बाद तो मैने उस गुड़िया को पूरा चाट मारा
उसकी टांगो के बीच चटाई करते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे मैं किसी लेस्बियन की तरह किसी और लड़की की योनि को चाट रही हूँ
ऐसा मैने आज तक नही सोचा था

पर ये ख़याल आते ही ना जाने क्यो मेरे सामने अपने आप चंद्रिका दीदी का चेहरा आ गया

वो गुड़िया अब मुझे आपनी बड़ी बहन लग रही थी
जिसके छोटे-2 कपड़े मैं नोच कर उतार रही थी
फिर उसके नन्हे स्तन और योनि को मैने चूस चूस्कर उसमें फँसा रस पी डाला
और ऐसा करते हुए मेरी योनि से लगातार रस बहे जा रहा था
और उस लबाबदार योनि में अपनी उंगलिया फिराते हुए मुझे असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी

उफफफफ्फ़sssssss



ये सैक्स और इसकी बातों से जुड़ा हर एहसास कितना सुखद है
काश कोई मर्द होता मेरे सामने
जिसका लिंग मैं चूस पाती
जैसा इन वीडियो में दिखाया गया है

मैं आँखे बंद करके ऐसा कुछ सोचने की कोशिश करने लगी
पर चाहकर भी मैं पिताजी को इमेजीन नही कर पा रही थी
शायद उतना खुद को आज़ाद नही कर पाई थी मैं अभी

फिर मैंने एक बार फिर से अपने बिस्तर पर मची गंदगी को समेटा, नहाने के बाद कपड़े चेंज किए
इस बार मैने अंडरगार्मेंट्स नही पहने
क्योंकि मुझे पता था की हालात आज रात भी मेरे हाथ काबू में नही रहेंगे
Mast update Ashok bhai
 

komaalrani

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दोपहर को करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो माँ दरवाजा पीट रही थी
उनके बड़बड़ाने की आवाज़ें अंदर तक आ रही थी

“घोड़ी होती जा रही है, और सोने से फ़ुर्सत नही है, पराए घर जाएगी तो कैसे निभाएगी, घर का सारा काम पड़ा है अभी, खुद ने नाश्ता भी नही किया और महारानी अंदर जाकर सो गयी है”

मैने जल्दी से अपना हुलिया ठीक किया, चादर को देखा तो वहां कोई निशान नही था
जादुई पानी उड़ चूका था
गुड़िया अब पहले से ज़्यादा गंदी हो चुकी थी
मैने उसे साइड में रखा और दरवाजा खोल दिया
10 मिनट तक सर झुकाए माँ की डांट खाती रही और फिर बाहर जाकर नाश्ता किया और फिर उनके साथ सारा काम निपटाया

माँ हमेशा मुझे ही दांती थी,डांटती थी , भैय्या और दीदी को कुछ नही कहती थी
शायद इसलिए की दीदी जॉब करती थी और भाई खेतो में मेहनत
मैं ही निकम्मी थी उनकी नज़रों में
जिसपर वो अपना गुस्सा निकालती रहती थी
पर पिताजी हमेशा मेरा बचाव करते थे
जैसा आज सुबह किया था उन्होने

पर ये गुड़िया वाला चक्कर मुझे समझ नही आ रहा था
कल रात वो आख़िर ऐसा क्यों कर रहे थे उसके साथ

पर जो भी था
कल की घटना के बाद मुझे ऐसा एहसास होने लगा था की मैं अब सचमुच जवान हो गयी हूँ



काम ख़त्म करने के बाद मैं अपने कॉलेज की बुक्स लेकर बैठ गयी
पर मेरा ध्यान अभी भी सुबह वाली बातों की तरफ ही था
बीच-2 में मैं गूगल पर कुछ न कुछ नया टॉपिक टाइप करके जानकारिया लेती रहती थी
अचानक मुझे एक एडल्ट वेबसाइट का लिंक मिल गया
और जब मैने क्लिक किया तो नंगी वीडियो से पूरी स्क्रीन भरी हुई थी
औरत और मर्द एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे
मैने एक वीडियो प्ले किया तो मेरी साँसे उखड़ने लगी
इसमे 2 कॉलेज के लड़के लड़की की कहानी थी
वो लड़की उस लड़के का लिंग अपने मुँह में भरकर चूस रही थी




और बाद में वो लड़का भी उसकी योनि को चूसने लगा
मेरे लिए ये सब नया था
भला ऐसी जगह को कोई कैसे चूस सकता है
पर फिर मुझे ख्याल आया की मेरी योनि का रस इतना मीठा था, शायद सभी का ऐसा ही होता होगा और तभी लड़को को उसे चूसने में मज़ा मिलता है
और इसी प्रकार लड़को का वीर्य भी कोई स्वाद लिए होता होगा तभी उसे इस तरह चूस्कर पी रही थी ये लड़की

मैं मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करके सैक्स की गहराई में उतरती जा रही थी
अगले करीब 1 घंटे तक मैने करीब 8-10 वीडियो देख डाली
किसी में सैक्स कर रहे थे
किसी में लड़का पिछले गुदा द्वार में अपना लिंग डाल रहा था

[/url
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पर हर वीडियो में दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था
यानी सैक्स कैसा भी हो, एक बार नंगे हो जाओ तो सब बढ़िया ही होता है
इस विचार ने मेरे मन में घर कर लिया था

तभी मेरी नज़र उस गुड़िया पर पड़ी
जिसपर अभी तक पिताजी के वीर्य की पपड़ी जमी हुई थी
मैने उसे उठाया और धीरे-2 उसे अपने होंठो तक ले गयी
ऐसा करते हुए मेरा दिल एक बार फिर से धाड़-2 कर रहा था

और फिर मैने उस गुड़िया का हाथ अपने मुँह में लेकर चूस डाला
जो वीर्य कुछ देर पहले सिर्फ़ मेरी छुवन मात्र से पिघल गया था
मेरे मुख की गर्मी पाकर तो वो टपकने सा लगा

जैसे फ्रिज से बर्फ निकालने के बाद वो पिघल कर पानी बन जाती है
ठीक वैसे ही वो वीर्य पिघल कर मेरे मुँह में अपना स्वाद घोल गया
वो मीठा तो नही था
पर मेरी योनि रस की तरह एक मादक सी सुगंध थी उसमें भी

उसके बाद तो मैने उस गुड़िया को पूरा चाट मारा
उसकी टांगो के बीच चटाई करते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे मैं किसी लेस्बियन की तरह किसी और लड़की की योनि को चाट रही हूँ
ऐसा मैने आज तक नही सोचा था

पर ये ख़याल आते ही ना जाने क्यो मेरे सामने अपने आप चंद्रिका दीदी का चेहरा आ गया

वो गुड़िया अब मुझे आपनी बड़ी बहन लग रही थी
जिसके छोटे-2 कपड़े मैं नोच कर उतार रही थी
फिर उसके नन्हे स्तन और योनि को मैने चूस चूस्कर उसमें फँसा रस पी डाला
और ऐसा करते हुए मेरी योनि से लगातार रस बहे जा रहा था
और उस लबाबदार योनि में अपनी उंगलिया फिराते हुए मुझे असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी

उफफफफ्फ़sssssss



ये सैक्स और इसकी बातों से जुड़ा हर एहसास कितना सुखद है
काश कोई मर्द होता मेरे सामने
जिसका लिंग मैं चूस पाती
जैसा इन वीडियो में दिखाया गया है

मैं आँखे बंद करके ऐसा कुछ सोचने की कोशिश करने लगी
पर चाहकर भी मैं पिताजी को इमेजीन नही कर पा रही थी
शायद उतना खुद को आज़ाद नही कर पाई थी मैं अभी

फिर मैंने एक बार फिर से अपने बिस्तर पर मची गंदगी को समेटा, नहाने के बाद कपड़े चेंज किए
इस बार मैने अंडरगार्मेंट्स नही पहने
क्योंकि मुझे पता था की हालात आज रात भी मेरे हाथ काबू में नही रहेंगे
बहुत ही बढ़िया अपडेट

तन के साथ मन की बातें भी एक युवती पहली बार सेक्स के अहसास को कैसा महसूस कर रही है और वही लाजवाब उपमायें, बोलचाल की भाषा और आखिरी लाइन से अंदजा लग गया की रात भी ' कुछ' होने वाला है।

:applause: :applause: :applause: :applause: :applause:
 

Ek number

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दोपहर को करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो माँ दरवाजा पीट रही थी
उनके बड़बड़ाने की आवाज़ें अंदर तक आ रही थी

“घोड़ी होती जा रही है, और सोने से फ़ुर्सत नही है, पराए घर जाएगी तो कैसे निभाएगी, घर का सारा काम पड़ा है अभी, खुद ने नाश्ता भी नही किया और महारानी अंदर जाकर सो गयी है”

मैने जल्दी से अपना हुलिया ठीक किया, चादर को देखा तो वहां कोई निशान नही था
जादुई पानी उड़ चूका था
गुड़िया अब पहले से ज़्यादा गंदी हो चुकी थी
मैने उसे साइड में रखा और दरवाजा खोल दिया
10 मिनट तक सर झुकाए माँ की डांट खाती रही और फिर बाहर जाकर नाश्ता किया और फिर उनके साथ सारा काम निपटाया

माँ हमेशा मुझे ही दांती थी,डांटती थी , भैय्या और दीदी को कुछ नही कहती थी
शायद इसलिए की दीदी जॉब करती थी और भाई खेतो में मेहनत
मैं ही निकम्मी थी उनकी नज़रों में
जिसपर वो अपना गुस्सा निकालती रहती थी
पर पिताजी हमेशा मेरा बचाव करते थे
जैसा आज सुबह किया था उन्होने

पर ये गुड़िया वाला चक्कर मुझे समझ नही आ रहा था
कल रात वो आख़िर ऐसा क्यों कर रहे थे उसके साथ

पर जो भी था
कल की घटना के बाद मुझे ऐसा एहसास होने लगा था की मैं अब सचमुच जवान हो गयी हूँ



काम ख़त्म करने के बाद मैं अपने कॉलेज की बुक्स लेकर बैठ गयी
पर मेरा ध्यान अभी भी सुबह वाली बातों की तरफ ही था
बीच-2 में मैं गूगल पर कुछ न कुछ नया टॉपिक टाइप करके जानकारिया लेती रहती थी
अचानक मुझे एक एडल्ट वेबसाइट का लिंक मिल गया
और जब मैने क्लिक किया तो नंगी वीडियो से पूरी स्क्रीन भरी हुई थी
औरत और मर्द एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे
मैने एक वीडियो प्ले किया तो मेरी साँसे उखड़ने लगी
इसमे 2 कॉलेज के लड़के लड़की की कहानी थी
वो लड़की उस लड़के का लिंग अपने मुँह में भरकर चूस रही थी




और बाद में वो लड़का भी उसकी योनि को चूसने लगा
मेरे लिए ये सब नया था
भला ऐसी जगह को कोई कैसे चूस सकता है
पर फिर मुझे ख्याल आया की मेरी योनि का रस इतना मीठा था, शायद सभी का ऐसा ही होता होगा और तभी लड़को को उसे चूसने में मज़ा मिलता है
और इसी प्रकार लड़को का वीर्य भी कोई स्वाद लिए होता होगा तभी उसे इस तरह चूस्कर पी रही थी ये लड़की

मैं मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करके सैक्स की गहराई में उतरती जा रही थी
अगले करीब 1 घंटे तक मैने करीब 8-10 वीडियो देख डाली
किसी में सैक्स कर रहे थे
किसी में लड़का पिछले गुदा द्वार में अपना लिंग डाल रहा था

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पर हर वीडियो में दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था
यानी सैक्स कैसा भी हो, एक बार नंगे हो जाओ तो सब बढ़िया ही होता है
इस विचार ने मेरे मन में घर कर लिया था

तभी मेरी नज़र उस गुड़िया पर पड़ी
जिसपर अभी तक पिताजी के वीर्य की पपड़ी जमी हुई थी
मैने उसे उठाया और धीरे-2 उसे अपने होंठो तक ले गयी
ऐसा करते हुए मेरा दिल एक बार फिर से धाड़-2 कर रहा था

और फिर मैने उस गुड़िया का हाथ अपने मुँह में लेकर चूस डाला
जो वीर्य कुछ देर पहले सिर्फ़ मेरी छुवन मात्र से पिघल गया था
मेरे मुख की गर्मी पाकर तो वो टपकने सा लगा

जैसे फ्रिज से बर्फ निकालने के बाद वो पिघल कर पानी बन जाती है
ठीक वैसे ही वो वीर्य पिघल कर मेरे मुँह में अपना स्वाद घोल गया
वो मीठा तो नही था
पर मेरी योनि रस की तरह एक मादक सी सुगंध थी उसमें भी

उसके बाद तो मैने उस गुड़िया को पूरा चाट मारा
उसकी टांगो के बीच चटाई करते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे मैं किसी लेस्बियन की तरह किसी और लड़की की योनि को चाट रही हूँ
ऐसा मैने आज तक नही सोचा था

पर ये ख़याल आते ही ना जाने क्यो मेरे सामने अपने आप चंद्रिका दीदी का चेहरा आ गया

वो गुड़िया अब मुझे आपनी बड़ी बहन लग रही थी
जिसके छोटे-2 कपड़े मैं नोच कर उतार रही थी
फिर उसके नन्हे स्तन और योनि को मैने चूस चूस्कर उसमें फँसा रस पी डाला
और ऐसा करते हुए मेरी योनि से लगातार रस बहे जा रहा था
और उस लबाबदार योनि में अपनी उंगलिया फिराते हुए मुझे असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी

उफफफफ्फ़sssssss



ये सैक्स और इसकी बातों से जुड़ा हर एहसास कितना सुखद है
काश कोई मर्द होता मेरे सामने
जिसका लिंग मैं चूस पाती
जैसा इन वीडियो में दिखाया गया है

मैं आँखे बंद करके ऐसा कुछ सोचने की कोशिश करने लगी
पर चाहकर भी मैं पिताजी को इमेजीन नही कर पा रही थी
शायद उतना खुद को आज़ाद नही कर पाई थी मैं अभी

फिर मैंने एक बार फिर से अपने बिस्तर पर मची गंदगी को समेटा, नहाने के बाद कपड़े चेंज किए
इस बार मैने अंडरगार्मेंट्स नही पहने
क्योंकि मुझे पता था की हालात आज रात भी मेरे हाथ काबू में नही रहेंगे
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दोपहर को करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो माँ दरवाजा पीट रही थी
उनके बड़बड़ाने की आवाज़ें अंदर तक आ रही थी

“घोड़ी होती जा रही है, और सोने से फ़ुर्सत नही है, पराए घर जाएगी तो कैसे निभाएगी, घर का सारा काम पड़ा है अभी, खुद ने नाश्ता भी नही किया और महारानी अंदर जाकर सो गयी है”

मैने जल्दी से अपना हुलिया ठीक किया, चादर को देखा तो वहां कोई निशान नही था
जादुई पानी उड़ चूका था
गुड़िया अब पहले से ज़्यादा गंदी हो चुकी थी
मैने उसे साइड में रखा और दरवाजा खोल दिया
10 मिनट तक सर झुकाए माँ की डांट खाती रही और फिर बाहर जाकर नाश्ता किया और फिर उनके साथ सारा काम निपटाया

माँ हमेशा मुझे ही दांती थी,डांटती थी , भैय्या और दीदी को कुछ नही कहती थी
शायद इसलिए की दीदी जॉब करती थी और भाई खेतो में मेहनत
मैं ही निकम्मी थी उनकी नज़रों में
जिसपर वो अपना गुस्सा निकालती रहती थी
पर पिताजी हमेशा मेरा बचाव करते थे
जैसा आज सुबह किया था उन्होने

पर ये गुड़िया वाला चक्कर मुझे समझ नही आ रहा था
कल रात वो आख़िर ऐसा क्यों कर रहे थे उसके साथ

पर जो भी था
कल की घटना के बाद मुझे ऐसा एहसास होने लगा था की मैं अब सचमुच जवान हो गयी हूँ



काम ख़त्म करने के बाद मैं अपने कॉलेज की बुक्स लेकर बैठ गयी
पर मेरा ध्यान अभी भी सुबह वाली बातों की तरफ ही था
बीच-2 में मैं गूगल पर कुछ न कुछ नया टॉपिक टाइप करके जानकारिया लेती रहती थी
अचानक मुझे एक एडल्ट वेबसाइट का लिंक मिल गया
और जब मैने क्लिक किया तो नंगी वीडियो से पूरी स्क्रीन भरी हुई थी
औरत और मर्द एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे
मैने एक वीडियो प्ले किया तो मेरी साँसे उखड़ने लगी
इसमे 2 कॉलेज के लड़के लड़की की कहानी थी
वो लड़की उस लड़के का लिंग अपने मुँह में भरकर चूस रही थी




और बाद में वो लड़का भी उसकी योनि को चूसने लगा
मेरे लिए ये सब नया था
भला ऐसी जगह को कोई कैसे चूस सकता है
पर फिर मुझे ख्याल आया की मेरी योनि का रस इतना मीठा था, शायद सभी का ऐसा ही होता होगा और तभी लड़को को उसे चूसने में मज़ा मिलता है
और इसी प्रकार लड़को का वीर्य भी कोई स्वाद लिए होता होगा तभी उसे इस तरह चूस्कर पी रही थी ये लड़की

मैं मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करके सैक्स की गहराई में उतरती जा रही थी
अगले करीब 1 घंटे तक मैने करीब 8-10 वीडियो देख डाली
किसी में सैक्स कर रहे थे
किसी में लड़का पिछले गुदा द्वार में अपना लिंग डाल रहा था

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पर हर वीडियो में दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था
यानी सैक्स कैसा भी हो, एक बार नंगे हो जाओ तो सब बढ़िया ही होता है
इस विचार ने मेरे मन में घर कर लिया था

तभी मेरी नज़र उस गुड़िया पर पड़ी
जिसपर अभी तक पिताजी के वीर्य की पपड़ी जमी हुई थी
मैने उसे उठाया और धीरे-2 उसे अपने होंठो तक ले गयी
ऐसा करते हुए मेरा दिल एक बार फिर से धाड़-2 कर रहा था

और फिर मैने उस गुड़िया का हाथ अपने मुँह में लेकर चूस डाला
जो वीर्य कुछ देर पहले सिर्फ़ मेरी छुवन मात्र से पिघल गया था
मेरे मुख की गर्मी पाकर तो वो टपकने सा लगा

जैसे फ्रिज से बर्फ निकालने के बाद वो पिघल कर पानी बन जाती है
ठीक वैसे ही वो वीर्य पिघल कर मेरे मुँह में अपना स्वाद घोल गया
वो मीठा तो नही था
पर मेरी योनि रस की तरह एक मादक सी सुगंध थी उसमें भी

उसके बाद तो मैने उस गुड़िया को पूरा चाट मारा
उसकी टांगो के बीच चटाई करते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे मैं किसी लेस्बियन की तरह किसी और लड़की की योनि को चाट रही हूँ
ऐसा मैने आज तक नही सोचा था

पर ये ख़याल आते ही ना जाने क्यो मेरे सामने अपने आप चंद्रिका दीदी का चेहरा आ गया

वो गुड़िया अब मुझे आपनी बड़ी बहन लग रही थी
जिसके छोटे-2 कपड़े मैं नोच कर उतार रही थी
फिर उसके नन्हे स्तन और योनि को मैने चूस चूस्कर उसमें फँसा रस पी डाला
और ऐसा करते हुए मेरी योनि से लगातार रस बहे जा रहा था
और उस लबाबदार योनि में अपनी उंगलिया फिराते हुए मुझे असीम सुख की प्राप्ति हो रही थी

उफफफफ्फ़sssssss



ये सैक्स और इसकी बातों से जुड़ा हर एहसास कितना सुखद है
काश कोई मर्द होता मेरे सामने
जिसका लिंग मैं चूस पाती
जैसा इन वीडियो में दिखाया गया है

मैं आँखे बंद करके ऐसा कुछ सोचने की कोशिश करने लगी
पर चाहकर भी मैं पिताजी को इमेजीन नही कर पा रही थी
शायद उतना खुद को आज़ाद नही कर पाई थी मैं अभी

फिर मैंने एक बार फिर से अपने बिस्तर पर मची गंदगी को समेटा, नहाने के बाद कपड़े चेंज किए
इस बार मैने अंडरगार्मेंट्स नही पहने
क्योंकि मुझे पता था की हालात आज रात भी मेरे हाथ काबू में नही रहेंगे
Sexy update. The feelings of a young girl are very nicely brought out.
 
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