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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
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Raj Kumar Kannada

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Auntylover69

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लेखक की जुबानी

इधर रज्जो ने किचन हाल की बत्ती बुझाइ और एक हाथ मे हल्दी वाला दुध और एक कटोरी मे तेल साथ ही अपनी कांख मे चुचो के पास एक सफेद गम्छा दबाए हुए वो उपर छत पर चली गयी ।

जहा जंगीलाल अकेला बनियान और पाजामा पहने छत पर बेचैन रज्जो के इन्तजार मे टहल रहा था ।

छत पर आहट सुनाई पडते ही वो दरवाजे की ओर देखा तो रज्जो के हाथ भरे हुए थे ।

रज्जो - आईये जल्दी थोडा

जन्गीलाल भाग कर रज्जो के पास आया
रज्जो इशारे से अपनी बाई कांख मे फसी हुई लूंगी आगे बढाने के चक्कर के बाई चुचिया आगे करते हुए - जल्दी पकडिए इसको

जंगीलाल चौक गया कि रज्जो ये क्या ओफर कर रही है ।

जंगीलाल- भाभी मै ये कैसे ?
रज्जो ने झटके से अपने कानख मे देखा तो गमछा तो निचे सरक कर कही गिर चुका था और शर्म से लाल हो गयी कि वो जन्गीलाल को अपनी चुची पकडने को कह रही थी ।

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रज्जो मुस्कुरा कर - अरे वो मैने गमछा खोसा था एक वो गिर गयी सीढि पर ही ये पकड़ीए दुध और तेल मै लेके आती हु

जंगीलाल इस्से पहले कुछ बोलता
रज्जो सरपट जीने पर भागी और आधे रास्ते मे ही उसे गमछा मिल गया वो लेके उपर आ गयी ।

रज्जो - हा मिल गया वो रास्ते मे ही सरक गया था ।

जंगीलाल - भाभी ये दूध और ये गम्छा किस लिये

रज्जो हस कर - वो ये हल्दी वाले दूध से आपको दर्द मे आराम मिलेगा ना और तेल लगाने के बाद ये लपेट के सो जायियेगा

जन्गीलाल - लेकिन भाभी दर्द अब नही है

रज्जो - अरे कोई बात नही आप पी लीजियेगा
जन्गीलाल - फिर भी भाभी कै ये दूध नही पी सकता

रज्जो - क्यू !
जन्गीलाल - ओहो अब मै कैसे समझाऊ , दूध पीने के बाद मुझे सम्स्या होने ल्गेगि

रज्जो - कैसे सम्स्या ?
जंगीलाल हस कर झेपता हुआ - जिस चीज के लिए आप ये तेल लाई है उसमे दिक्कत होने लगेगी

रज्जो उसकी बात सुन्कर मुह पर हाथ रख कर शर्म से - अच्छा ठिक है मत पीजिए दूध लेकिन ये मालिश कर लिजिए

जन्गीलाल - ठिक है आप जाईये मै कर लूंगा
रज्जो मुस्कुरा कर - अरे क्या जाईये , जल्दी से कर लिजिए मै ये कटोरी लेके जाऊंगी इसको धुल्ना भी तो है ।

जंगीलाल कुछ सोच कर - अच्छा ऐसी बात है तो रुकिये
फिर जंगीलाल ने वो गम्छा लिया और तेल की कटोरी लेके बाथरुम मे चला गया। उसने दरवाजा बस भिड़का दिया ।

अन्दर जाकर उसका लण्ड पुरा फैलादी हुआ था और उसकी धडकनें तेज थी । रज्जो एक खुले आफर के जैसे थी उसके पास मगर ना जाने क्यू उसको हिम्मत नही हो पा रही थी । उसका मन था अभी उसको झुका कर उसकी मैकसी उठा कर खडे खड़े यही खुले आस्माँ के निचे खुब हचक ह्च्क कर पेल दे ,

यही सब सोचते हुए जन्गीलाल अपना पाजामा निकाल कर उसको बाथरूम के हैंगर पर टांग दिया और अंडरवियर को निचे एड़ियो मे सरका दिया और अपने लण्ड पर तेल लगा कर उसे सहलाये जा रहा था खड़े लण्ड की मालिश और उसपे से रज्जो जैसी गदराई रान्ड का ख्याल जन्गीलाल को उत्तेजित कर गया ।

वो इस बात से अंजान था कि चंचल रज्जो बाथरूम के बाहर खडी थी और वो भी नये लण्ड के दरशन की चाह मे दरवाजे के चक्कर काट रही थी


ऐसे मे जंगीलाल के आड़ो से कामरस सुपाड़े मे आने लगे , जंगीलाल तेजी से अपना लण्ड भिचे जा रहा था और उसका जिस्म कापने लगा था ।
जंगीलाल से अपनी ऊततेजना काबू मे नही रही और ना ही उसकी जुबान वो सिहर कर बाथरुम मे आहे भरने लगा ।

रज्जो के कानो के जैसे ही जन्गीलाल की आह आयी उसे लगा जन्गीलाल को फिर से दिक्कत ना हुई हो और वो परेशान होकर दरवाजा ठकठकाई - क्या हुआ कोई दिक्कत है आपको


जन्गीलाल के कानो जैसे ही रज्जो की आवाज आई वो और भी सकपका गया और वही उसके वीर्य का वेग उससे रोके नही रुकने वला था , उसने पुरा जोर लगा लण्ड की नसो को रोके हुए था । मगर जडत्व का नियम कहा बिना किसी बाह्य बल के रोके रुकने वाला था ।

नतिजा जन्गीलाल के हाथ अभी भी उसके लण्ड की मुठियाए जा रहे थे और वो काम्प्ते हुए स्वर मे - अह्ह्ह भाभीईई अझ्ह वोह्ह्ह्ह सीईई

रज्जो को लगा कि सच मे जन्गीलल को कुछ दिक्कत है इसीलिए उसने बिना कोई हिचक कर झटके से बाथरूम का दरवाजा खोला और बाथरूम मे घुस गयी ।

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मगर वही जन्गीलाल के वीर्य ने उसके लगाये सारे प्रतिरोधो को चिरते हुए सुपाड़े से फूट पड़ा
ऐन मौके पर दरवाजे के यू झटके के साथ खुलने से जंगीलाल चौक कर उसकी ओर घुमा तो हवा उडता उसके वीर्य की पिचकारी बाथरूम के दिवारो से होते हुए सीधा रज्जो के उपर मैक्सि पर जा गिरी ।

रज्जो चिख उठी और जन्गीलाल ने अपने पंजो से सुपाड़े को धक लिया और अगले कुछ पलो तक उसका हाथ वीर्य से सनता रहा ।


रज्जो अपना मैकसी और हाथो पर आये वीर्य के छीटे से ज्यो की त्यो अकड़ गयी - ईईई ये सब क्या है ?

जन्गीलाल जल्दी से घूम कर बाथरूम की टोटी चालू करके अपने हाथ और लण्ड धूलने लगा वही निचे पैरो मे अटका हुआ उसका अंडरवियर भी गिला हो चुका था ।

जन्गीलाल - सॉरी सॉरी भाभी वो मुझसे काबू नही हुआ और आप भितर क्यू आ गयी ।

रज्जो अपने हाथ से वीर्य साफ कर उसे झटकते हुए - अरे आप ही भाभी भाभी बोल कर चिख रहे थे तोह्ह मुझे लगा कि आपको कोई दिक्कत है इसीलिए मै ,


जंगीलाल अपने गीले लण्ड पर अंडरवियर चढाता हुआ - सॉरी भाभी वो तेल लगाते हुए पता नही मुझे क्या हुआ कि?

रज्जो - अरे तो आपने जोर जोर से कर दी होगी मालिश ना


जंगीलाल- हा हा भाभी सही कह रही है आप
रज्जो - ठिक है कोई बात नही , अब आराम है ना आपको

जंगीलाल - मेरा तो ठिक है लेकिन आप
रज्जो - कूछ नही अब नहाना पड़ेगा, और मेरे कपडे भी तो राज के कमरे मे है और ऐसे मै कैसे निचे जाऊगी हे भगवां

जंगीलाल - ऐसा करिए आप नहा कर ये गम्छा लपेट लिजिए अभी ये मैस्की बाहर हवा मे जल्दी से सुख जायेगी फिर आप पहन कर चले जाईये

रज्जो को ये तरकिब सही लगी और उसने हामी भरी ।
फिर जंगीलाल अपना भीग हुआ अंडरवियर उठाते हुए बाहर निकल गया और रज्जो दरवाजा बन्द कर नहाने लगी ।

वही निचे के कमरे मे शीला मोबाइल पर वीडियो काल पर बाते करते हुए अपने परिवार वालो से बातें कर रही थी ।

घर से बाते करने के बाद शीला ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट खोला और उसपे अपनी कुछ तस्वीरे पोस्ट की ।
जल्द ही उसकी इंस्टा पर उसके हजारों followers ने लाइक कमेंट करने शुरु कर दिये । किसी ने उसकी उभरी हुई गाड़ पर शायरियाँ लिखी तो किसी ने उसके डीप गले वाले कुर्ती से झान्क्ती घाटियों पर अपने सोमरस की नदियाँ बहाने के सपने देखे । उनही मे से कोई उसे गालियों से नवाज रहा था तो कोई उसके जन्मदिवस की वधाई भी दे रहा था ।
ऐसे मे शिला को इन सब कमेंट्स को पढ कर मजा आ रहा था क्योकि उसे पसन्द था अपने तारीफे सुनना वो चाहे जिस रूप मे की जाये । फर्क नही पडता था ।

इसी दौरान उसकी इंस्टा स्टोरी पर लगी उसकी और मैक्सि पहनी रज्जो की तस्वीर पर एक id से मैसेज आया । जिसकी id का नाम Auntylover69 था .... शिला के वैसे हमेशा मैसेज आते थे मगर वो कुछ गिने चुने लोगो से ही और समय होने पर ही बात करती थी ।

Auntylover69 का मैसेज आते ही शिला ने उसको ओपेन किया ।
Auntylover69 : happy birthday aunty
शिला : thanks
Auntylover69: Es saal ka celebration grand nhi karogi kya 😋😋
शिला : umm nhi .. relation me aayi hu
Auntylover69: ha lekin aaj online to aogi na .. aapne promise kiya tha b'day par.
शिला : Ha kiya to tha magar mai relation m shaadi attend karne aayi hu .
Auntylover69 : lag raha hai aapke fans bahut niraash hone waale hai 🥲 kyoki aaj bahut traffic hota ...

शिला क : hmm so toh hai . Magar
Auntylover69: achcha koi nahi waise wo saath waali maxi me aunty kon hai badi sexy lg rahi hai 😋🤪

शिला हसी : aur mai 😒 mai nahi lg rahi hu kya achchi
Auntylover69: are meri raani tum to ho hi bwal .. jbse tumhari legi se jhaankti hue panty dekhi hai land khda hua hai ... magar ye aunty ki chuchiya badi moti hai ... inko bhi lao na udhar plzzz

Auntylover69 की बाते सुन कर शिला के जहन मे विचार घूमने लगे और कुछ पल वो चैट्स रोक कर सोचने लगी ।

इधर फिर inbox पॉपअप हुआ तो उसने देखा कि वही लड़का फिर से मैसेज कर रहा है ।

Auntylover69: kya hua aunty naraaj ho gayi kya .!!! Sorry yrr .. waise hain kon wo ??
शिला : are isme sorry kya wo meri friend hai ... wo kuch kaam kar rahi thi ... chlo bye agar time mila to online aaungi .

Auntylover69 : thnxxx sexy . I'm waiting . 😘
शिला ने चैट्स ऑफ कर दी और फिर नेट पर जाके एक ऐडल्ट साइड खोलकर अपनी प्रोफाइल चेक करने लगी ।
जिस्पे काफी सारे टैगस , डीएम और मैसेज request आये थे । सारे लोगो को आज रात उसके ऑनलाइन आने का इन्तजार था ।
प्रोफाइल पर फैन्स के traffic देख कर शिला के शरिर मे एक सिहरन होने लगी थी उसके दिमाग मे रज्जो को लेके एक अलग ही फैंटेसी पैदा हो चुकी थी और वो रज्जो के आने तक अपनी तैयारियों मे लग गयी ।

वही रज्जो उपर के बाथरूम मे नहा चुकी थी ।
और नहाने के बाद उसने जब वो सफेद सूती गम्छा हाथ मे लिया तो उसे समझ आ गया कि ये उसके जिस्म को कितना ही ढकने वाला था ।
वो अच्छे से समझ रही थी कि जंगीलाल उसका दीवाना हो चुका है और बस थोड़े संयोगो की पतरी ऐसी बिछानी है कि जन्गीलाल अपनी गाड़ी उसपे दौड़ाने को बेताब ही हो जाये ।
रज्जो के चेहरे पर एक शरारत भरी मुस्कान खिल गयि और एक नये अह्सास ने उसके निप्प्ल को कड़ा करना शुरु कर दिया।

रज्जो ने वैसे ही गीले बदन पर गमछे को खोलकर ढका और फिर उसपे से शॉवर के निचे खड़ी हो गयी ।

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देखते ही देखते पुरा गम्छा पारदर्शी होकर उसके जिस्म से लिपट गया और उपर से निचे तक उसका गदराया जिस्म् साफ साफ झलकने लगा ।

रज्जो ने खुद को एक बार निहारा और फिर वो धुली हुई मैकसी उठा कर बाथरूम का दरवाजा खोला । जन्गीलाल पहले से ही अपना मुसल मसल कर रज्जो को उस गमछे को अपने जिस्म पर लपेटे बाहर आने का बेसबरी से इन्तेजार कर रहा था ।अभी तक उसने निचे पाजामा नही डाला था ।

जैसे ही बाथरूम के दरवाजे की चटखनि की खटक हुई वो वैसे ही उसने ललचाती नजरो से बाथरूम की ओर देखा और सामने से रज्जो ने आधा दरवाजा खोलकर अपने चुचे बाहर की निकाल कर हाथ बढ़ा कर मैकसी जन्गीलाल की ओर करती हुई

"जरा ये मैकसी अरगन पर डाल देंगे , वो मै बाहर नही आ सकती " , रज्जो ने लाज भरे लहजे मे मुस्करा कर कहा ।

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वही जन्गीलाल की निगाहे रज्जो ने मोटे मोटे पपीते जैसे चुचो पर अटक गयी थी जो उस भिगे हुए गमचे से साफ साफ दिखाई दे रहे थे ।
उसको देखते ही जन्गीलाल का लण्ड पूरी तरह फौलादी होकर तन चुका था ।
रज्जो की निगाहे जैसे ही जन्गीलाल को खुली छत पर ऐसे टहलते हुए देखा तो हस पड़ी - अरे आप ऐसे क्यू ? किसी ने देख लिया तो !!

जंगीलाल बेशरमी से हस्ता हुआ एक हाथ से अपना लण्ड छुपाता हुआ - अरे नही मैने जीने का दरवजा बाहर से बन्द कर दिया है और बत्ती भी बुझा ही रखी है

रज्जो - हा लेकिन आपका अंडरवियर कहा है

जन्गीलाल हस कर - वो तो भीग गया था तो सुखने के लिए डाल दिया

रज्जो - और पाजामा ?
जन्गिलाल- वो तो अन्दर ही है ।

रज्जो ने बाथरूम के दरवाजे से सर निकालकार बाहर झाका तो पास के छ्त पर शकुन्तला टहल रही थी खाने के बाद

रज्जो - क्या आप भी ना , जल्दी ये मैकसी फैला कर अन्दर आ जाईये , कोई है उस वाले घर की छत पर

रज्जो की बात सुनते ही जन्गीलाल के घबडाहट बढी और लपक कर उसने अपने अंडरवियर केपास ही रज्जो की मैकसी फैला दी और फटाक से बाथरूम का दरवाजा खोलकर अन्दर घुस गया और सामने रज्जो को उस भिगे हुर गमछे मे देख कर उसकी आंखे मुह सुपाडा फैल गये ।

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बलब की दुधिया रोशनी मे रज्जो का साँवला जिस्म भी चटक दिख रहा था । उसके मोटे मोटे बड़े पपीते जैसे चुचे पुरे पारदर्शी हो चुके थे , गहरे भूरे रंग का घेरेदार मोटे काले अंगूर के दाने जैसे निप्प्ल आगे की ओर तने हुए थे मानो गमछे को फ़ाड ही चुके हो ।
गम्छा उपर से निचे तक जिस्म से चिपका हुआ था ।
उभरे पेट पर गुदाज नाभि की गहराई और निचे चुत की ढलानो पर हल्के चुत के बाल भी उसे साफ साफ दिख रहे थे ।
साफ चिकनी और भीगी हुई जान्घे रज्जो को और भी कामुक दिखा रही थी ।

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जन्गीलाल का मुसल पूरी तरह से तन चुका था सुपाडा सुर्ख लाली लिये हुए फ़ूल चुका था उसकी सुराख भी फूली हुई थी । लण्ड की नसे रस्सियो के जैसे उभर गयी थी, अंडकोष कस कर उपर आ चुके थे ।


पानी का शॉवर अभी भी चालू ही था ।
दोनो के जिस्म बेपरदा हो चुके थे मन ही मन मे दोनो भीतर से एक दुसरे के लिए कामातुर हुए जा रहे थे ।
मगर ना जाने ऐसा क्या था जो उन्हे रोके हुए था ।

ना किसी निगाहे एक दुसरे के जन्नांगो से हट रही थी और ना किसी के मुह से कोई बात चल रही थी ।

ऐसे मे रज्जो ने नजर उठा कर जंगीलाल की आंखो मे देखा । जन्गीलाल के भितर की खुमारी उसकी आंखो मे उतर चुकी थी , चेहरे पर तड़प भरी बेचैनी के भाव दिखने लगे थे । नथुनो पर रज्जो के जिस्म की भीनी सी सुगंध उसकी सांसो को और भी नशीली किये जा रही थी ।
लार ग्रंथिया भी उसके गले मे थुक भरने लगी हर घूंट के साथ जन्गीलाल पलके झपका कर रज्जो के भूरे निप्प्ल को निहारता और फिर उसने भी रज्जो की आंखो मे देखा ।

रज्जो एक शरारत भरी नसिली बेचैनी सी थी , एक बेसबरा सा इंतजार था उस्की आंखो में जो रज्जो के दिल की बेकरारी और उसकी रसाती बुर के सन्देश ला रही थी ।
मादक गहरी सासो ने चुचो को और उठाने मे लगी थी ।

दोनो की बेताबी थी मगर ना जाने क्या उन्हे रोके हुए था आगे बढ़ने से , शायद यहा इस मोड़ पर आकर भी कोई भीतर की मर्यादा रुकावट बन रही थी । कुछ अच्छी नियत की ही बात थी जो दोनो एक दुसरे के प्रति दिखाना चाह रहे थे ।
मगर सवाल था कब तक ?
"भाभी वो मेरा पजामा दीजिये , आपके पीछे " , जंगीलाल ने मुस्कुरा कर रज्जो को उसके पीछे हैंगर पर टंगे पजामे की ओर आंखो से इशारा करके बोला ।

रज्जो ने गरदन घुमाई मगर दिवाल तो कुछ फीट की दुरी पर था और हाथ नही पहुच सकते थे ।
ऐसे मे रज्जो घूम गयी और बस यही वो समय था जब जन्गीलाल के सबर का बान्ध बह ही गया ।


जारी रहेगी ।
Mazza aagya is update me jaise hi Mera name aaya 😅 it was like main khud ek character hu. Thanx DREAMBOY40 🤘
 

Raj Kumar Kannada

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सपनों का सौदागर 😎
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Fantastic update bhai ji
Please bhai meri request k bare me bhi kuch soch lo bhai please
Aap ke agle update ka intjar rahega bhai
Kyu ki meri sabse fevret story aap ki h
Thnxxxx bhai
 
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