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Romance In Love.. With You... (Completed)

Adirshi

Royal कारभार 👑
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Super-Moderator
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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
 

Sweetkaran

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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
Marvelous awesome fabulous update bro
 

Tiger 786

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Update 10





नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकार उन दोनों को प्रसाद दिया और नेहा के सर पर हाथ रख कर बोले

पंडित- जन्मदिन की बहुत शुभकामनाए नेहा बिटिया

(जन्मदिन है बी अपनी नायिका का :D )


जिसपर नेहा ने भी झुक कर पंडित जी का आशीर्वाद लिया वही राघव शॉक मे खड़ा उन्हे देख रहा था उसे तो आज नेहा का बर्थडे इसका दूर दूर तक कोई अंदाजा नहीं था, राघव को नेहा के साथ देख पंडित जी ने नेहा से पूछा

पंडित- अरे बिटिया ये कौन है ?

पंडित जी के सवाल से नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उसके साथ था वरना तो वो अकेले ही होती थी

नेहा- वो.. वो पंडित जी ये.. ये मेरे पति है राघव देशपांडे

नेहा ने धीमे से कहा वही राघव अब भी उसे देखे जा रहा था

पंडित- अरे वाह! अच्छा लगा आप से मिल कर। हर साल नेहा बिटिया अकेले ही आती है पर अब आप है उसके साथ उसे प्यार करने वाला जीवनसाथी मिल गया है, बड़ा अच्छा लगा नेहा बेटा तुम्हें खुश देख कर

(खुश :confuse: )



पंडित जी ने राघव और नेहा से कहा वही राघव कुछ नही बोला बस नेहा को देख के मुस्कुरा दिया

प्यार करने वाला जीवनसाथी’ नेहा ने मन मे सोचा मानो अपने आप को चिढ़ा रही हो

राघव- जी पंडितजी अब मैं हु ना अब नेहा अकेली नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा वही नेहा ने उसकी बात सुन कर उसे देखा, राघव की नजरे नेहा के मन मे तितलिया उड़ा रही थी और उसकी बात सुन नेहा के गालों पर लाली छाने लगी थी, शायद उसके मन मे कुछ तो उम्मीद जग रही थी लेकिन नेहा भावनाओ मे बहने वाली लड़की तो बिल्कुल नहीं थी वो मानो जानती थी के ये सब शायद दिखावा है

मंदिर मे दर्शन करने के बाद वो दोनों बाहर आए और राघव कुछ बोलता इससे पहले ही नेहा उससे थोड़ा दूर आई और वहा मौजूद कुछ गरीब बच्चों की ओर चली गई और उन्हे लेकर पास वाली दुकान ने उन्हे खाने पीने का सामान दिलाने लगी वही राघव खड़ा खड़ा उसकी हर ऐक्टिविटी देख रहा था।

नेहा वापिस आई और दोनों कर मे आ बैठे लेकिन कार बस खड़ी रही और जब राघव ने कार शुरू नहीं की तो नेहा ने पूछा

नेहा- क्या हुआ?? आप गाड़ी क्यू नाही चला रहे?

राघव- मुझे छोड़ो तुम्हें क्या हुआ है?

राघव ने अचानक से पूछा जिससे नेहा थोड़ा चौकी

नेहा- क.. कहा क्या.. कुछ भी तो नहीं

राघव – तुमने किसी को क्यू नहीं बताया के आज तुम्हारा बर्थडे है, अगर तुम ये बात बताती तो हम कुछ प्लान करते ना

राघव ने नेहा को घूरते हुए कहा

नेहा- अरे इस.. इसमे इतनी बड़ी क्या बात है बर्थडे ही तो है

राघव- लोग अपने बर्थडे के लिए एक्सईटेड रहते है और तुम कह रही हो बर्थडे ही तो है! यार कम से कम बताना तो चाहिए था तुम्हें

राघव ने हल्के गुस्से मे कहा

नेहा- मुझे मेरा बर्थडे मनाना पसंद नहीं है बस इसीलिए नहीं बताया।

नेहा ने इधर उधर देखते हुए कहा

राघव- और ऐसा क्यू भला, बताएंगी आप?

(वैसे तो ये उससे बात नहीं करता अब इतनी पंचायत :sigh: )

राघव ने नेहा के बिहेवियर से इरिटेट होते हुए पूछा और नेहा ने कुछ पल उसे अच्छे से देखा और फिर बोली

नेहा- मैं एक बहुत ही सिम्पल लड़की हु जिसे सिम्पल छोटी छोटी चीज़े पसंद है, मेरी शादी एक बड़े परिवार मे हुई है इसका ये मतलब नही है के सब मुझे अटेंशन दे या मैं कोई गोल्ड डिगर हु, मुझे किसी भी चीज का दिखावा पसंद नही है, मैं जानती थी के मैं अगर ये बात किसी को भी बताती तो घरवाले कुछ न कुछ प्लान जरूर करते और बर्थडे ना मनाना मेरी खुद की चॉइस है और इसीलिए मैंने किसी को नही बताया

नेहा बोलते बोलते कुछ पल रुकी और वापिस बोलना शुरू किया

नेहा- और आप को अचानक मेरी लाइफ मे इतना इंटरेस्ट कहा से आया? आप इस शादी से कभी खुश नही लगे मुझे फिर अब इतना इंटरेस्ट क्यू? मुझे किसी से किसी चीज की एक्सेप्टेशन नहीं है क्युकी भले ही वो मेरे लिए इम्पॉर्टन्ट क्यू न हो पर जब मेरे हसबैंड ही मुझे एक्सेप्ट नहीं करते तो मैं उस फॅमिली को अपना कैसे मानू?

बोलते बोलते नेहा की आँखों मे पानी आ गया था और राघव उसके इस कन्फेशन से शॉक होकर उसे देख रहा था

नेहा- प्लीज घर मे किसी को मेरे बर्थडे के बारे मे मत बताइएगा मैं उसे ही मेरा गिफ्ट समझ लूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा, कहना तो नेहा को बहुत कुछ था लेकिन कुछ भी कह कर कोई मतलब नहीं था, राघव इन बातों को कभी नहीं समझेगा ऐसा उसे लगता था।

राघव कुछ नहीं बोला और उसने शांति से गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी, घर पहुचने पर नेहा जल्दी से गाडी से उतरी और घर के अंदर चली गई वही राघव बस कार मे बैठा उसे जाते देखता रहा।

क्या मैंने उसे इतना हर्ट कर दिया? मैंने कभी नहीं सोचा था के मेरे एक्शंस उसे इतनी तकलीफ पहुचा देंगे और वो ऐसा कैसे सोच सकती है के मैं उसे एक गोल्ड डिगर मानता हु’ राघव ने गुस्से मे अपना हाथ गाड़ी के स्टिरिंग व्हील पे दे मार

‘मैं जानता हु मैंने कभी एक अच्छे पति की तरफ बिहेव नहीं किया है लेकिन मैंने कभी उसके बारे मे कुछ गलत भी नहीं सोचा, वही तो है तो जिसके आने से मेरा सारा परिवार खुश है, कितना खयाल रखती है सबका, मेरा भी, जबकि मैंने उसे कितना हर्ट किया है साफ कह दिया था उससे के मुझे उसकी कोई जरूरत नही फिर भी... शायद दादू सही थे नेहा के बारे मे’

एक तरफ राघव अपने खयालों मे गुम था वही नेहा को ऐसा लग रहा था के उसे राघव से वो सब बाते नहीं करनी चाहिए थी

‘हे भगवान क्या हो गया था मुझे? मैंने उनसे ये सब क्यू कह दिया? अब वो और ज्यादा गुस्सा होंगे, कुछ सोच नेहा कुछ सोच’ नेहा सोच मे गुम थी के तभी

“भाभी!!!!!” नेहा को विवेक और रिद्धि का आवाज आया जो उसे पुकार रहे थे और जब उसने पलट कर देता तो पाया के दोनों उसके रूम मे आ चुके थे

“हमने आपको बहुत मिस किया” रिद्धि और विवेक ने नेहा को दोनों साइड से हग करते हुए कहा

“और मैंने भी” उन दोनों की आवाज मे अब एक और आवाज मिल चुकी थी जो शेखर की थी जो कैजुअल कपड़ों मे था

नेहा- तुम्हारी मीटिंग थी ना गए नहीं तुम?

शेखर - हा वो जल्दी खतम हो गई तो लौट आया, बस अभी अभी लौटा हु और कपड़े बदल के आ गया

ये लोग बात कर ही रहे थे के इनको वहा किसी और के होने का भी एहसास हुआ और जब गेट पर नजर पड़ी तो देखा के राघव रूम के दरवाजे पे खड़ा था

विवेक- भाई हमारी भाभी का खयाल रखने का बहुत बहुत शुक्रिया अब अगर आपको ऑफिस जाना हो तो आप जाओ हम है अब यहां 😌

विवेक ने राघव को दूसरे शब्दों ने वहा से जाने के लिए बोल दिया था बोले तो उसे उसके ही रूम से निकाला जा रहा था और राघव विवेक को घूरने लगा लेकिन विवेक पे उसके कुछ असर नहीं हुआ

राघव- ओये चमन चिली! तुझे पता है न वो पहले मेरी बीवी है बाद मे तेरी भाभी

राघव की बात सुन कर नेहा उसे आखे बड़ी करके देखने लगी

शेखर- हा तो हम कहा कुछ कह रहे है भाई ओफकोर्स भाभी आप की ही है

शेखर ने राघव के मजे लेते हुए कहा लेकिन राघव ने कुछ रिस्पॉन्स नही किया और अंदर आकार बेड पर बैठ गया लेकिन मन ही मन वो खुश जरूर हुआ जब शेखर ने बोला के नेहा सिर्फ उसकी है

रिद्धि- भाई हम दिनभर भाभी से बाते करेंगे जैसे हर संडे को होता है आप बोर हो जाओगे

राघव- क्यू?? मैं क्यू बोर हो जाऊंगा मैं कोई 60 साल का नहीं हु समझी ना

विवेक- हा लेकिन बिहेव तो वैसा ही करते हो ना 60 साल वालों जैसा

राघव- विवेक, क्या बोला दोबारा बोलना

राघव मे विवेक को घूरते हुए पूछा

विवेक- क्या... यकीन ना हो तो भाभी से पूछ लो के आप 60 साल वाले अंकल जैसा बिहेव करते हो

विवेक ने मामला नेहा की ओर सरका दिया और नेहा बस राघव को देखने लगी जो अब नेहा के रिप्लाइ की राह देख रहा था

शेखर- हा हा बताओ भाभी

राघव- अब तो मुझे भी सुनना है बताओ

नेहा- वो... मैं... वो

नेहा कुछ बोलती इससे पहले ही रिद्धि बोल पड़ी

रिद्धि- ऑफफो क्या आप लोग भी भाभी से पूछ रहे वो तो भाई का ही साइड लेंगी ना छोड़ो ये बाते आज हमे बहुत कुछ करना है

शेखर- हा पहले बाते करेंगे फिर कोई मस्त फिल्म देखेंगे और फिर शाम मे कुछ बाहर से मंगवालेंगे खाने के लिए और रात.....

शेखर पूरा प्लान बता ही रहा था के राघव ने उसे बीच मे टोक दिया

राघव- उम्हू मूवी के बाद का प्लान रहने दो मैं और तुम्हारी भाभी बाहर जा रहे है

विवेक- क्यू??

विवेक ने राघव को घूरते हुए पूछा

राघव- मुझे अपनी बीवी को बाहर ले जाने के लिए तेरी पर्मिशन नहीं चाहिए

राघव ने भी विवेक को वैसे ही घूरते हुए कहा वही नेहा को राघव की बात सुनकर एक छोटा हार्ट अटैक ही आ गया

रिद्धि- ओहो भाई डेट पे लेजा रहे भाभी को 😉

राघव- यही रूम मे बैठो, बाते करो मैं अभी आता हु चेंज करके

राघव ने सबको इग्नोर किया और बाथरूम की ओर चला गया

शेखर- ये क्या हुआ अभी अभी

शेखर ने शॉक होकर पूछा

विवेक- लगता है मैं सपने मे हु

विवेक ने भी सेम टोन मे कहा

रिद्धि- भाभी भाई का सर वर टकराया है क्या कही ?

नेहा ने अपनी गर्दन ना मे हिला दी क्युकी राघव का ये बिहेवियर सबके लिए शॉकिंग था, वो कभी इनलोगों के साथ टाइम स्पेंड नही करता था, आज बड़ी मुद्दतों बाद राघव उनके साथ थोड़ा टाइम बितानेवाला था...


क्रमश:
Bohot badiya update
 
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