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अपडेट 8
जहां कामिनी अभी कुछ देर अपनी सुहागरात की वो रात को सोचकर खुश हो रही थी वही वह अब मुकेश के बारे में सोचकर दुखी हो गई।
मुकेश आज 4 साल से गायब था जो की एक आर्मी के सीक्रेट मिशन पर गया था उस बेचारे को तो ये भी नहीं पता था की उसकी एक प्यारी सी गुड़िया पीहू बेटी भी है और यही सब सोच सोच कर वह बस रोए जा रही थी।
इधर मैं कामिनी के कमरे से निकल कर अपने कमरे में आ गया था और मुझे कामिनी पर अब बहुत गुस्सा आ रहा था मैने भी सोच लिया था की इस कामिनी जैसी गदरायी मॉल को छोडूंगा नहीं और यही सोचकर अपने कमरे में ही इधर से उधर चक्कर लगा रहा था की नीचे से मां की आवाज आई जो मुझे बुला रही थी तो मैं नीचे चला गया।
वही कामिनी को भी मां की आवाज सुनाई दी तो उसने इधर उधर देखा और अपनी हालत का उसे आभास हुआ तो वो अपनी अलमारी से कपड़े निकाल कर पहन लिए और नीचे किचेन में आ गई अब उसे भूख भी लगी थी तो उसने अपने और पीहू के लिए खाना निकाल लिया और पीहू को खाना खाने के लिए आवाज लगाई जो की मां के कमरे में मेरे और मां के साथ खेल भी रही थी और शैतानी भी कर रही थी जिससे मां परेशान होकर मुझे बुलाई थी।
लेकिन वह ठहरी इस घर की जान उसे कौन कुछ कहता बस एक मैं और कामिनी हम दो लोग ही थे जो थोड़ा बहुत उसे आंख दिखा देते जिससे वह डर जाया करती थी खैर कामिनी के बुलाने पर पीहू उसके पास चली गईं।
मैं भी मां के कमरे से निकल कर एक बार फिर अपने कमरे में गेम खेलने को जाने लगा अभी मैं स्टेयर्स चढ़ कर अपने कमरे की ओर जा ही रहा था की मुझे मुस्कान के कमरे से कुछ आवाज आई तो मैंने सोचा क्यूं ना थोड़ा मुस्कान के पास ही बैठ जाता हूं और यही सोचकर मैं मुस्कान के कमरे में पहुंच गया और गेट खोला तो अंदर का नजारा ही कुछ अलग था मुस्कान किसी लड़की से बाते करते हुए अपने कपड़े बदल रही थी जो अभी कॉलेज से आई थी वैसे तो कमरे की लाईट खराब थी और ये मैं जानकर भी नहीं बनवा रहा था लेकिन इतनी कम रोशनी में भी मैं मुस्कान को अच्छे से देख सकता था।
जो अभी एक ब्लू रंग की जींस में और पिंक रंग की ब्रा में मेरे सामने खड़ी थी और उसकी नजर जैसे ही मुझ पर पड़ी तो वह अपने आप छिपाने के लिए मुड़ गई उससे पहले मेरी एक भरपूर नजर उसकी ब्रा में उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पर पड़ गई जो की उसकी ब्रा की कैद से बाहर आने को बेताब हो रही थी।
अब सीन ये था की जींस में उसकी बड़ी सी गांड़ और ऊपर से पूरी पीठ नंगी और दूध जैसा उसका गोरा बदन देखकर मेरा लन्ड खड़ा होने लगा था।
कुछ उसकी नंगी पीठ देखकर मैं अपनी सुध बुध ही को बैठा था तभी मेरे कानो में उसकी आवाज आईं भाई बाहर जाओ मुझे कपड़े बदलने है उसकी आवाज में क्रोध साफ झलक रहा था जिसे सुन मैं होश में आया और फिर अपने रूम के लिए निकल गया और फिर कुछ ज्यादा करने को था भी नहीं तो अपने पीसी पर बैठकर गेम ही खेलने लगा।
3_4 घंटे गेम खेलने के बाद जब मैं अपने कमरे से बाहर आया तब तक रात हो चुकी थी और डिनर का टाइम हो चुका था पापा भी घर पर आ गए थे और आज का डिनर हम लोग पापा के बने रेस्ट्रोरेंट से ही करने वाले थे कामिनी सबके लिए प्लेट लगा रही थी अभी मुस्कान नहीं आई थी फिर पीहू को मुस्कान को बुलाने के लिए ऊपर भेजा गया वही पर कामिनी बार बार मुझे अपनी तिरछी नजरों से मुझे देखे जा रही थी और मुझे अनेक गालियां भी मन ही मन दिए जा रही थी लेकिन मैने अभी तक एक बार भी उसे नहीं देखा था।
खैर मुस्कान और पीहू भी आ ही गई मुस्कान ने एक ढीला काला लोवर और पिंक टीशर्ट पहन रखा था और उस टीशर्ट में उसकी चुचियों का बड़ा सा उभार साफ देखा जा सकता था।
खैर सब डिनर कर रहे थे और सभी खाने की तारीफ भी कर रही थी सिटिंग एरेंगमेंट्स कुछ इस प्रकार थी सामने की ओर पापा उसके लेफ्ट साइड में कामिनी और पापा के राइट साइड में मां और कामिनी के बगल मैं मेरे बगल में पीहू और मेरे सामने वाली चेयर पर मुस्कान बैठे खाना का लुफ्त उठा रहे थे की मेरी प्लेट में मुझे बाल दिख गया जिसे मैं नीचे फेंकने को अपना सर टेबल के नीचे ले गया और बाल फेंक कर जैसे ही मैं अपना सर ऊपर करने वाला था की मुझे कामिनी की हल्की दबी सी सिसकी की आवाज आई और मैंने अपना सर कामिनी की ओर मोड़कर देखा तो उससे पहले ही कामिनी ने पापा का हाथ झटक दिया था।
इस पर मां ने पूछा क्या हुआ बहू फिर कामिनी ने जवाब दिया मम्मी खाने में मिर्च हल्की तेज है मम्मी बोली तो मीठा ले लो फिर अब पीहू का चम्मच गिर गया जिसने मुझे उठाने के लिए कहा तो मैंने उसे दूसरा चम्मच पकड़ा दिया और फिर मैंने कामिनी की ओर देखा जो मुझे खा जाने वाली नजरों से देखे जा रही थी एक बार मेरी नजर उससे मिली तो कामिनी ने फिर धीरे से मुझे ढीला कहकर अपना खाना खाने लगी जिसे सुनकर मुझे गुस्सा आ गया लेकिन फिर सबने अपना अपना खाना खत्म किया और सभी सोने को जाने लगे उससे पहले मुस्कान बोली पापा मेरे रूम में लाइट नहीं है और मैं कबसे लव को बोल रही हूं की इलेक्ट्रिसियन के लाके लाइट सही करवा दे लेकिन ये सुनता ही नहीं।
पापा बोले कोई बात नहीं बेटी आज तुम गेस्ट रूम सो जाना और ये साहब जादे की बात तो ये अपनी व्यवस्था खुद से कर लेंगे।
मैने भी अपना बिस्तर छत पर लगा दिया और लेट गया लेकिन आज मुझे वो राज जानना था की उस रात पापा के साथ कोन था और इसलिए मैं देर रात तक मोबाइल चलाता रहा और फिर जब 2 से 3 घंटे बीत गए तब मैं दबे पांव नीचे गया और सबसे पहले कामिनी के रूम में देखा तो वो बिस्तर पर सो रही थी तो मुझे लगा आज सायद मुझे वो सीन देखने को नहीं मिलेगा।
और मैं छत पर जाने लगा लेकिन प्यास लगी और पानी तो मैंने जानबूझ कर नही रक्खा था इसलिए मैं नीचे चला गया और किचेन से पानी निकाल कर पानी पिया और ऊपर जाने के लिए गेस्ट रूम के पास से गुजरा तो आज फिर से मुझे वो ही आवाज आई तो एक बार को मैने उसी की हॉल से देखा तो पापा आज किसी की बुर को चाटने में लगे थे और मुझे उस औरत का सफेद टीशर्ट ही नजर आया क्युकी वह खड़े मुद्रा में थी ओर पापा उसकी एक टांग को उठा कर उसकी चूत को चाटने में व्यस्त थे लेकिन मैने जब और गौर से देखा तो मुझे ये मां जैसी तो बिलकुल भी नही लग रही थी फिर जब मुझे याद आया की मुस्कान तो गेस्ट रूम में लेटी है तो फिर मां तो यहां हो ही नहीं सकती और मां टीशर्ट तो पहनती नहीं और इसकी मांसल जांघें भी मां जैसी गदरायी और भारी भारी नहीं है।

फिर मैंने मां के कमरे की ओर जाने का सोचा और मां के कमरे की ओर गया तो पाया मां तो गहरी नींद में सोई है अब मुझे झटका लगा क्युकी गेस्ट रूम में मुस्कान तो सो रही थी और मां और कामिनी भी अपने अपने रूम में सो रहे है तो पापा के साथ मुस्कान ही है और फिर से मैं गेस्ट रूम में झांकने लगा जहां पर सीन अब कुछ ऐसा था।
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