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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–73





आर्यमणि:– एक तो वेयरवोल्फ पुराना दुश्मन। उसमे भी एक ट्रू अल्फा का बच्चा उन एलियन के अनुवांशिक गुण वाला। ये हाइब्रिड उनके लिये सर दर्द देने वाला था।


रूही:– इसका मतलब ओजल और इवान उन एलियन के लिये काल है।


आर्यमणि:– तुम्हारी यादें मिटा दूं या मुंह बंद रखोगी, ये बताओ?


रूही:– लेकिन बॉस, उन दोनो को भी तो सच्चाई पता होनी चाहिए न...


आर्यमणि:– अभी नही... वक्त के साथ उन्हे अपने अनुवांशिक गुण को ट्रिगर करने दो। अभी बता दिये तो हो सकता है उन्हे यकीन हो जाये की वो एलियन से भीड़ सकते है और नागपुर लौट जाये। क्या तुम ऐसा चाहती हो? क्या तुम उन दोनो की जान खतरे में देखना चाहती हो?


रूही:- नही बॉस, बिलकुल नहीं... अभी हमारे बीच कोई बात ही नही हुई.. और न ही हमे पता है कि ये सीक्रेट प्रहरी क्या है। बॉस लेकिन उनका क्लासिफिकेशन भी हमे चाहिए... जैसे उनके पास पूरे ब्रह्मांड के मानव प्रजाति का है।


आर्यमणि:- छोड़ो इस बात को। कल से तुम सब की नई ट्रेनिंग। माउंटेन ऐश को पार करने की ट्रेनिंग शुरू होगी। तुम लोगों के ट्रू अल्फा बनने की ट्रेनिंग... राइट बेबी।


रूही:- हिहीहिहिही… येस डार्लिंग…


लगभग एक हफ्ते बाद सुबह के 10 बज रहे होंगे। तीनों स्कूल चले गये थे, एक कार घर के सामने आकर खड़ी हुई और घर का बेल बजने लगा… रूही जब दरवाजा खोली तो सामने वही व्यक्ति था जिसका कुछ दिन पहले ऐक्सिडेंट हुआ था और साथ में उसके एक खूबसूरत सी लेडी, दोनो इजाज़त मांगकर अंदर दाखिल हुये। रूही उसे बिठाकर ठंडा या गरम के बारे में पूछने लगी। वह आदमी रूही को अपना परिचय देते… "हेल्लो मेरा नाम माईक नॉर्मे है और ये है मेरी पत्नी लिली नोर्मे"..


रूही:- कैसे है अभी, स्वास्थ्य..


लिली, रूही का हाथ थामती… "मै माईक से बहुत प्यार करती हूं, यदि इसे कुछ हो जाता तो मै भी शायद जी नहीं पाती।"..


रूही:- हां लेकिन ऐसा हुआ तो नहीं ना। वैसे भी मैने तो केवल एम्बुलेंस को कॉल किया था।


माईक:- हां लेकिन हॉस्पिटल भी मेरा इलाज नहीं कर सकता था, क्योंकि मुझे पॉयजन दिया गया था। और मै जानता हूं कि आपके बॉयफ्रेंड ने मेरे साथ क्या किया?


रूही:- माफ कीजिएगा एक मिनट इंतजार करेंगे, मैं बस अभी आयी..


माईक:- हां हां क्यों नहीं?


रूही तेजी से आर्यमणि के कमरे में घुसी। आर्यमणि कान में हेड फोन डाले गाने सुन रहा था। रूही उसका हेड फोन निकलती… "मिस्टर बॉयफ्रेंड आपको भले ना सुनाई दे लेकिन सुंघाई तो दे रहा है ना कि घर में लोग आये है।"..


आर्यमणि:- हां, एक तो वही ऐक्सिडेंट वाला आदमी है…


रूही:- हां.… और वो कह रहा है, हमारे बारे में जानता है।


आर्यमणि बाहर आया.. दोनो से एक छोटे से परिचय के बाद… "आप कुछ कह रहे थे हमारे बारे में।"


माईक:- कुछ नहीं कह रहा था, बस इतना कहूंगा की मेरा एक एनिमल क्लीनिक है, अगर आप वहां काम करने आएंगे तो मुझे बहुत हेल्प होगी। बदले में मै आपको पे भी करूंगा और वटनेरियन की डिग्री भी दूंगा।


रूही:- हम्मम ठीक है... हम आपको सोचकर जवाब देंगे।


उन दोनों के जाते ही…. "तुम्हे पक्का यकीन है ना उसने यही कहा था कि वो जनता है हम कौन है।"..


रूही:- मेरे माथे पर तो लिखा है ना कि मै झूठी हूं।


आर्यमणि:- नहीं वहां तो लिखा है मै सेक्सी हूं। यदि किसी को यकीन ना होता हो तो नजरे नीचे के ओर बढ़ाते चले जाइये।


रूही:- क्या मस्त जोक मारा है। वेरी फनी, अब कुछ सोचोगे इनका। या फिर ये शहर छोड़ दे।


आर्यमणि:- नहीं पहले चलकर देखते है कि चक्कर क्या है।


थोड़ी देर बाद दोनो एक बड़े एनिमल क्लीनिक के एंट्रेंस पर थे। आर्यमणि गार्ड से बातें कर रहा था और रूही की नजर पास में ही परे एक कैक्टस पर गई जो लगभग मर रही थी। रूही आराम से नीचे बैठी, बड़े प्यार से उसने कैक्टस को देखा और इधर-उधर देखकर वो पेड़ को हील करना शुरू कर दी। जब वो खड़ी हो रही थी, कैक्टस को हरा होते मेहसूस कर रही थी और अंदर से खुश हो गयी।


इतने में ही वो डॉक्टर बाहर निकल कर आया और दोनो को अपने साथ अंदर लेकर गया। बीमार पड़े जानवर जो आवाज़ निकाल रहे थे एक दम से शांत होकर दोनो को ही घूरने लगे। वो डॉक्टर इन दोनों को देखकर मुस्कुराया और अपने साथ अंदर लेकर गया।


"मुझे यकीन था कि तुम दोनों आओगे। मैंने आज तक केवल 2 वुल्फ से ही मिला हूं जो जहर तक को हील कर सकते थे, लेकिन वो भी इतना अच्छा हील कर पाते या नहीं, पता नहीं।"… डॉक्टर दोनो को बैठने का इशारा करते हुए अपनी बात कहा।


आर्यमणि:- डॉक्टर हमने पहचान जाहिर करने के लिये तुम्हारी जान नहीं बचाई, बस इतना ही कहने आये थे। हमे मजबूर ना करो कि हम लोगो की जान बचाने से पहले 10 बार सोचने लगे।


डॉक्टर:- मैंने सीसी टीवी बंद कर दिया है, तुम चाहो तो अपने क्लॉ घूसाकर देख सकते हो, मै तुम्हारे राज जाहिर कर सकता हूं, या हम साथ मिलकर काम कर सकते है। मै दुनिया भर में घूमकर तरह-तरह के जानवरो का इलाज कर चुका हूं। मेरे सफर के दौरान मै तिब्बत गया था और वहां से 3 साल बाद लौटा हूं। लौटकर जैसे ही अपने शहर आया, मैंने जानवरो के इलाज के लिये मेडिसिन और हर्ब्स दोनो का इस्तमाल शुरू कर दिया। इसके परिणाम काफी रोचक थे और जैसा की तुम बाहर देख सकते हो, यहां बीमार जानवरो की लाइन लगी हुई है।


आर्यमणि:- हां लेकिन तुम्हारा तो धंधा पहले से चकाचक है, फिर हम क्या काम आ सकते है?


डॉक्टर:- जो काम मै 1 घंटे में कर सकता हूं, वो काम तुम 1 मिनट में कर सकते हो।


रूही:- और तुम यहां माल छापोगे ।


डॉक्टर:- कहीं भी अपने पालतू जानवर का इलाज करवायेंगे तो माल तो देंगे ही, तो यहां क्यों नहीं। कुछ अच्छा करने के लिए भी बहुत पैसा चाहिए।


रूही:- ऐसा क्या अच्छा करने की सोच रहे हो जो तुम्हे इतना माल चाहिए डॉक्टर?


डॉक्टर:- तुम्हारे जैसे ही 2 लोग है, मैक्सिको के खतरनाक नारकोटिक्स गैंग के इलाके में फसे। उन दोनों को छोड़ने के लिये 10 मिलियन यूएसडी का सेटलमेंट मांग रहे है।


आर्यमणि:- 2 वुल्फ को एक गैंग पकड़ कर रखी है, मज़ाक तो नहीं कर रहे।


डॉक्टर:- बड़ी शातिर गैंग है। शिकारी और वुल्फ की गैंग जो ड्रग्स की खेती करती है और वहां से लगभग पूरे अमेरिका और यूरोप में सप्लाई करती है। बहुत से वुल्फ वहां मर्जी से काम करते है, तो बहुत से वुल्फ से जबरन काम करवाया जाता है।


आर्यमणि:- लगता है उन दोनों वुल्फ से तुम्हे अच्छी इनकम होती थी।


डॉक्टर:- अच्छी नहीं बहुत अच्छी। मै 2 साल में उन दोनों के जरिए 20 मिलियन कमा सकता हूं, उनके लिये पैसों की चिंता नहीं है। लेकिन क्या करूं इस वक़्त पैसे नहीं है मेरे पास। हॉफ मिलियन कैश है और सारी प्रॉपर्टी को गिरवी भी रख दूं तो 1 मिलियन से ज्यादा नहीं मिलेगा।


रूही:- तो 1 मिलियन यूएसडी में हमसे डील कर लो। पता बताओ हम तुम्हारा काम कर देंगे। वैसे भी बहुत दिन हो गए एक्शन किये।


डॉक्टर:- दोनो पागल हो गये हो क्या? वहां गये तो या तो मारे जाओगे या उन्हीं के गुलाम बनकर रह जाओगे।


रूही:- 1 मिलियन जब पेमेंट कर दोगे तब बात करेंगे, यकीन हो तो डील करना, वरना रहने दो।


डॉक्टर:- हम्मम ! तुमने मेरी जान बचाई है, इसलिए 1 मिलियन कोई बड़ी बात नहीं, यदि डूब भी जाते है तो गम नहीं।


आर्यमणि:- पैसे जब तैयार हो तो चले आना। और हां वीकेंड पर आना, साथ ट्रिप का मज़ा लेंगे।


डॉक्टर:- ठीक है मै पैसे अरेंज करके मिलता हूं।


उधर स्कूल में… अलबेली और इवान अपने एक्स्ट्रा क्लास में म्यूज़िक लिये हुए थे और दोनो को ही म्यूज़िक से काफी रुचि सा हो गया था। एक बैंड के साथ लगभग रोज प्रैक्टिस करते थे जिसमे 8 सदस्य थे, 3 लड़की और 5 लड़के, जिसमे ये दोनो भी थे।


ओजल रोज के तरह ही इधर-उधर भटकती हुई ग्राउंड में पहुंच गयी, जहां हाई स्कूल की टीम अमेरिकन फुटबॉल खेल रही थी। वही खेल जिसमे 11-11 खिलाड़ी 2 ओर होते है। दोनो ओर से कोन शेप बॉल को विरोधी पाले के अंत तक ले जाकर अपना अंक बटोरते है। दूर से देखने पर सांढ की फाइट जैसी यह खेल लगती है। क्योंकि प्रोटेक्शन के लिहाज से इतने अजीब तरह के कपड़े खिलाड़ियों ने पहन रखे होते है की देखने में सांढ जैसे ही प्रतीत होते है।


बहरहाल 11 खिलाड़ी ग्राउंड में थे, कुछ खिलाड़ी बेंच पर बैठे हुए और कोच स्टूडेंट्स का ट्रायल लें रहे थे। हालांकि 11 की टीम फिक्स थी जो एक साइड में बैठकर विदेशी गुटका यानी कि चुइंगम चबा रही थी और ट्रायल दे रहे नए खिलाड़ियों का मनोबल "बू, बू, बू" करके गिरा रहे थे।..


दर्शक की सीढ़ी पर ओजल का एक क्लासमेट बैठा हुआ था, अक्सर तन्हा ही बैठा रहता और अकेले ही ज्यादातर एन्जॉय करता। ओजल उसके पास बैठती… "हाई जेरी".. "हेल्लो ओजल"..


ओजल:- फिर से अकेले बैठे हो जेरी?


मारकस:- अकेला ज्यादा अच्छा लगता है ओजल। तुम भी यहां ट्रायल देने आयी हो क्या?


ओजल:- ना ना, तुम्हे देखने आयी हूं, इतने क्यूट जो लगते हो।


मारकस:- जी शुक्रिया… वैसे बहुत है स्कूल में, और तुम्हारे लिये तो कई लड़के है, फिर मुझ बोरिंग पर दिल कैसे आ गया?


ओजल:- दिल नहीं आया है, तुम अच्छे लगते हो इसलिए बात करने चली आयी। अगर डिस्ट्रूब कर रही हूं तो बता दो..


"हेय इडियट्स, बॉल पास करो।"… फुटबॉल की एक चयनित खिलाड़ी अपने ट्रायल के दौरान बॉल लेने पहुंची, और दोनो के पाऊं के नीचे जो बॉल आकर गिरी थी, उसे बड़े प्यार से मांगी।


ओजल, उसे घूरती… "इसकी तो इडियट्स किसे बोली"..


जेरी, उसका कंधा पकड़ कर रोकते…. "ये लोग स्कूल के हीरो है इसलिए थोड़ी अकड़ है, जाने दो।"..


ओजल:- हम्मम ! लाओ बॉल मुझे दो.. मै देकर आती हूं।


ओजल बॉल लेकर उसके पास पहुंची और अपना हाथ बढ़ा दी। वो लड़की ओजल को देखकर "यू फुल" बड़बड़ाई और पूरे अटिड्यूट से, नजर से नजर मिलाकर उसके हाथ से बॉल ले ली। जैसे ही वो जाने लगी… "हेय यूं मोरोन, बॉल तो लेती जा।".... ओजल ने भी उसी एटिट्यूड से उस लड़की को पुकारा...


उस लड़की ने अपने हाथ में देखा, बॉल नहीं था। वो गुस्से में पलट कर आयी अपने नाक, आंख शिकोरे उसके हाथ से बॉल ली और झटक कर जाने लगी।… "हेय डफर, बॉल तो लेती जा।".. ओजल ने उसे फिर पीछे से टोका।


कम से कम 10 बार ऐसा हुआ होगा। वो लड़की बॉल लेकर जैसे ही मुड़ती और चार कदम आगे जाती बॉल हाथ से गायब। लगभग पूरा ग्राउंड ही उन्हें देख रहा था। अंत में वो लड़की मुस्कुराई… "तुम जिस लड़के से बात कर रही थी, उसे मैंने परपोज किया था। लेकिन उसने मुझे रिजेक्ट कर दिया। सो मै थोड़ा सा रूड हो गयी। आई एम सॉरी, अब बॉल दे दो।"


ओजल:- ये सही टोन है। वैसे भी कहो तो मै बात करूं तुम्हारे लिये। वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है। हम जब खाली बैठते है तो यूं ही इधर–उधर की बातें करते है।


लड़की:- ओह थैंक्स डियर, बाय द वे मै नतालिया,


ओजल:- मै ओजल हूं, और उसे तो सॉरी कहती जाओ..


वो लड़की नतालिया, जेरी को भी सॉरी कहती हुई चली। ओजल जेरी के पास बैठ गयी और फिर से ग्राउंड पर देखने लगी… "तुम कमाल कि हो ओजल"..


ओजल:- जानती हूं जेरी। अब ये मुझे अपनी टीम का ट्रायल करने कहेंगे, और वो मै करूंगी, लेकिन मै खेलूंगी नहीं।


मारकस:- क्यों?


ओजल:- क्योंकि तुम्हारे साथ बात करना ज्यादा इंट्रेस्टिंग है, खेलने कूदने से।


मारकस:- हाहाहाहा.. तुम भी ना ओजल, इतना बड़ा मौका खो रही हो। फुटबॉल टीम में होना अपने आप में प्राइड की बात है।


ओजल:- क्या तुम्हारी इक्छा है फुटबॉल टीम में जाने की।


मारकस:- इक्छा पता नहीं...


"हेय ओजल, तुम्हे कोच बुला रहे है।"… नताली उनके पास आकर कही। ओजल जवाब देते… "एक मिनट नताली तुम भी रुको।"..


नताली:- जल्दी करो वरना कोच नाराज हो जाएंगे।


ओजल:- जेरी इतना भी क्या सोचना, बताओ ना?


मारकस:- सच कहूं तो हां इक्छा तो है, लेकिन ज्यादा स्किल नहीं है?


ओजल:- नताली को आई लव यू बोलकर यदि तुमने किस्स कर लिया तो मै वो स्किल तुम्हे सीखा दूंगी, जो अभी मै दिखाने वाली हूं, चलो नताली।


नताली बड़ी सी आखें किये… "क्या वो सच में मुझे आई लव यू कहेगा।"..


ओजल:- वो क्या उसका बाप भी कहेगा।


नताली:- उसका बाप नहीं चाहिए, ये बुड्ढे केवल ओरल से ही मस्त रहते है।


ओजल:- हीहीहीही… ट्रायल लेना था ना बॉयफ्रेंड बनाने से पहले, कहीं ये भी ओरल वाला निकला तो। हिहिहिह..


नताली, आंख मारती… "फिर दो बॉयफ्रेंड रखूंगी।"


दोनो हंसते हुये कोच के पास पहुंचे। जैसे ही वो कोच के पास पहुंची… "क्या तुम फुटबॉल का ट्रायल दोगी।"


ओजल:- इन बच्चीयों के साथ मेरा क्या ट्रायल करवाते हो सर, लड़को की टीम बुलाओ और उनके 4 खिलाड़ी और मै अकेली, फिर देखते हैं कौन जीतता है?



कोच:- इतना कॉफिडेंस..


ओजल:- मेरे डिफेंस और आटैक का कोई सामना नहीं कर सकता।


कोच:- ठीक है पहले तुम ये कारनामा यहां के लड़कियों के साथ दिखाओ।


चार लिड़किया एक ओर और उसके विपक्ष में ओजल खड़ी। सिटी बजी और और नियम से गेम आगे बढ़ा। पहली कोशिश, एक लड़की ओजल के सामने थी और 3 लड़की ओजल के गोल पोस्ट पर। प्लान बॉल लेकर सीधा दूर थ्रो और वहां से बिना किसी झंझट के गोल।


सिटी बजी, बॉल हाथ में आया और दूर पास होने से पहले ही बॉल गायब। ओजल अपने विपक्षी के हाथों से बॉल छीनकर बड़े आराम से विपक्षी के गोल पोस्ट में घुसी। क्योंकि वहां कोई डिफेंस ही नहीं था। अलग-अलग तरह के फॉर्मेशन में उन लड़कियों ने खेला। 4 ट्रायल बाद कोच समझ चुका था कि ओजल ने लड़कों की टीम को चैलेंज क्यों देने कही?


गर्ल्स कोच ने बॉयज कोच को संदेश भेजा, लड़को की टीम आते ही हंस रही थी और ओजल सामने खड़ी। पहला मौका उन लोगो ने ओजल को ही दिया। बॉल ओजल के हाथ में और 4 मुस्टंडे सीधा सामने से भिड़ने के इरादे से। ओजल 5 कदम पीछे हटी, उन लोगों ने दौड़ लगाया। सभी टकराने को मरे जा रहे थे और ओजल अपनी जगह खड़ी। लगभग 4 कदम दूर होंगे, तभी ओजल किनारे हट गई। वो इतनी तेज हटी की उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि टक्कर लगी नहीं।


देखने वालों ने दातों तले उंगली दबा ली थी। डिफेंस लाइन सब आगे और ओजल तेज दौड़ लगाती उनके गोल में। फिर उनको मौका मिला। इस बार भी वही रणनीति। तीन लोग आगे डिफेंस लाइन बनाकर चलेंगे और बॉल लिये एक खिलाड़ी उनके पीछे।


वो लोग कंधे से कंधा मिलाये झूक कर दौड़ लगा रहे थे। इस बार इन लोगों ने सोचा कि कहीं ये तेजी से किनारे ना हो जाये, इसलिए रणनिंती के तहत ओजल से 5 कदम पीछे ही सभी अलग होकर थोड़ा-थोड़ा फ़ैल गये और ठीक उसी वक़्त ओजल 2 लोगो के बीच से निकलकर कब पीछे वाले के हाथ से बॉल लेकर विरोधी के पोस्ट पर निकल गयी पता भी नहीं चला।


4 के विरूद्ध 1, लौडो के तो इज्जत पर बात आ गयी। 20 बार कोशिश कर चुके थे। सब थक कर बैठ गये और कोच ने फाइनल विसेल बजा दिया। उसे तो पहला ऑफर बॉयज की टीम से ही आ गया। ओजल सबको हाथ जोड़कर कहने लगी, वो सिर्फ 1 या 2 साल के लिये यहां आयी है और कोशिश कर रहे लोग कई सालों से कोशिश कर रहे है। वो टीम में सामिल नहीं होगी लेकिन जेरी और नताली को कुछ-कुछ स्किल सीखा सकती है।
बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
एक ््
 

Zoro x

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भाग:–73





आर्यमणि:– एक तो वेयरवोल्फ पुराना दुश्मन। उसमे भी एक ट्रू अल्फा का बच्चा उन एलियन के अनुवांशिक गुण वाला। ये हाइब्रिड उनके लिये सर दर्द देने वाला था।


रूही:– इसका मतलब ओजल और इवान उन एलियन के लिये काल है।


आर्यमणि:– तुम्हारी यादें मिटा दूं या मुंह बंद रखोगी, ये बताओ?


रूही:– लेकिन बॉस, उन दोनो को भी तो सच्चाई पता होनी चाहिए न...


आर्यमणि:– अभी नही... वक्त के साथ उन्हे अपने अनुवांशिक गुण को ट्रिगर करने दो। अभी बता दिये तो हो सकता है उन्हे यकीन हो जाये की वो एलियन से भीड़ सकते है और नागपुर लौट जाये। क्या तुम ऐसा चाहती हो? क्या तुम उन दोनो की जान खतरे में देखना चाहती हो?


रूही:- नही बॉस, बिलकुल नहीं... अभी हमारे बीच कोई बात ही नही हुई.. और न ही हमे पता है कि ये सीक्रेट प्रहरी क्या है। बॉस लेकिन उनका क्लासिफिकेशन भी हमे चाहिए... जैसे उनके पास पूरे ब्रह्मांड के मानव प्रजाति का है।


आर्यमणि:- छोड़ो इस बात को। कल से तुम सब की नई ट्रेनिंग। माउंटेन ऐश को पार करने की ट्रेनिंग शुरू होगी। तुम लोगों के ट्रू अल्फा बनने की ट्रेनिंग... राइट बेबी।


रूही:- हिहीहिहिही… येस डार्लिंग…


लगभग एक हफ्ते बाद सुबह के 10 बज रहे होंगे। तीनों स्कूल चले गये थे, एक कार घर के सामने आकर खड़ी हुई और घर का बेल बजने लगा… रूही जब दरवाजा खोली तो सामने वही व्यक्ति था जिसका कुछ दिन पहले ऐक्सिडेंट हुआ था और साथ में उसके एक खूबसूरत सी लेडी, दोनो इजाज़त मांगकर अंदर दाखिल हुये। रूही उसे बिठाकर ठंडा या गरम के बारे में पूछने लगी। वह आदमी रूही को अपना परिचय देते… "हेल्लो मेरा नाम माईक नॉर्मे है और ये है मेरी पत्नी लिली नोर्मे"..


रूही:- कैसे है अभी, स्वास्थ्य..


लिली, रूही का हाथ थामती… "मै माईक से बहुत प्यार करती हूं, यदि इसे कुछ हो जाता तो मै भी शायद जी नहीं पाती।"..


रूही:- हां लेकिन ऐसा हुआ तो नहीं ना। वैसे भी मैने तो केवल एम्बुलेंस को कॉल किया था।


माईक:- हां लेकिन हॉस्पिटल भी मेरा इलाज नहीं कर सकता था, क्योंकि मुझे पॉयजन दिया गया था। और मै जानता हूं कि आपके बॉयफ्रेंड ने मेरे साथ क्या किया?


रूही:- माफ कीजिएगा एक मिनट इंतजार करेंगे, मैं बस अभी आयी..


माईक:- हां हां क्यों नहीं?


रूही तेजी से आर्यमणि के कमरे में घुसी। आर्यमणि कान में हेड फोन डाले गाने सुन रहा था। रूही उसका हेड फोन निकलती… "मिस्टर बॉयफ्रेंड आपको भले ना सुनाई दे लेकिन सुंघाई तो दे रहा है ना कि घर में लोग आये है।"..


आर्यमणि:- हां, एक तो वही ऐक्सिडेंट वाला आदमी है…


रूही:- हां.… और वो कह रहा है, हमारे बारे में जानता है।


आर्यमणि बाहर आया.. दोनो से एक छोटे से परिचय के बाद… "आप कुछ कह रहे थे हमारे बारे में।"


माईक:- कुछ नहीं कह रहा था, बस इतना कहूंगा की मेरा एक एनिमल क्लीनिक है, अगर आप वहां काम करने आएंगे तो मुझे बहुत हेल्प होगी। बदले में मै आपको पे भी करूंगा और वटनेरियन की डिग्री भी दूंगा।


रूही:- हम्मम ठीक है... हम आपको सोचकर जवाब देंगे।


उन दोनों के जाते ही…. "तुम्हे पक्का यकीन है ना उसने यही कहा था कि वो जनता है हम कौन है।"..


रूही:- मेरे माथे पर तो लिखा है ना कि मै झूठी हूं।


आर्यमणि:- नहीं वहां तो लिखा है मै सेक्सी हूं। यदि किसी को यकीन ना होता हो तो नजरे नीचे के ओर बढ़ाते चले जाइये।


रूही:- क्या मस्त जोक मारा है। वेरी फनी, अब कुछ सोचोगे इनका। या फिर ये शहर छोड़ दे।


आर्यमणि:- नहीं पहले चलकर देखते है कि चक्कर क्या है।


थोड़ी देर बाद दोनो एक बड़े एनिमल क्लीनिक के एंट्रेंस पर थे। आर्यमणि गार्ड से बातें कर रहा था और रूही की नजर पास में ही परे एक कैक्टस पर गई जो लगभग मर रही थी। रूही आराम से नीचे बैठी, बड़े प्यार से उसने कैक्टस को देखा और इधर-उधर देखकर वो पेड़ को हील करना शुरू कर दी। जब वो खड़ी हो रही थी, कैक्टस को हरा होते मेहसूस कर रही थी और अंदर से खुश हो गयी।


इतने में ही वो डॉक्टर बाहर निकल कर आया और दोनो को अपने साथ अंदर लेकर गया। बीमार पड़े जानवर जो आवाज़ निकाल रहे थे एक दम से शांत होकर दोनो को ही घूरने लगे। वो डॉक्टर इन दोनों को देखकर मुस्कुराया और अपने साथ अंदर लेकर गया।


"मुझे यकीन था कि तुम दोनों आओगे। मैंने आज तक केवल 2 वुल्फ से ही मिला हूं जो जहर तक को हील कर सकते थे, लेकिन वो भी इतना अच्छा हील कर पाते या नहीं, पता नहीं।"… डॉक्टर दोनो को बैठने का इशारा करते हुए अपनी बात कहा।


आर्यमणि:- डॉक्टर हमने पहचान जाहिर करने के लिये तुम्हारी जान नहीं बचाई, बस इतना ही कहने आये थे। हमे मजबूर ना करो कि हम लोगो की जान बचाने से पहले 10 बार सोचने लगे।


डॉक्टर:- मैंने सीसी टीवी बंद कर दिया है, तुम चाहो तो अपने क्लॉ घूसाकर देख सकते हो, मै तुम्हारे राज जाहिर कर सकता हूं, या हम साथ मिलकर काम कर सकते है। मै दुनिया भर में घूमकर तरह-तरह के जानवरो का इलाज कर चुका हूं। मेरे सफर के दौरान मै तिब्बत गया था और वहां से 3 साल बाद लौटा हूं। लौटकर जैसे ही अपने शहर आया, मैंने जानवरो के इलाज के लिये मेडिसिन और हर्ब्स दोनो का इस्तमाल शुरू कर दिया। इसके परिणाम काफी रोचक थे और जैसा की तुम बाहर देख सकते हो, यहां बीमार जानवरो की लाइन लगी हुई है।


आर्यमणि:- हां लेकिन तुम्हारा तो धंधा पहले से चकाचक है, फिर हम क्या काम आ सकते है?


डॉक्टर:- जो काम मै 1 घंटे में कर सकता हूं, वो काम तुम 1 मिनट में कर सकते हो।


रूही:- और तुम यहां माल छापोगे ।


डॉक्टर:- कहीं भी अपने पालतू जानवर का इलाज करवायेंगे तो माल तो देंगे ही, तो यहां क्यों नहीं। कुछ अच्छा करने के लिए भी बहुत पैसा चाहिए।


रूही:- ऐसा क्या अच्छा करने की सोच रहे हो जो तुम्हे इतना माल चाहिए डॉक्टर?


डॉक्टर:- तुम्हारे जैसे ही 2 लोग है, मैक्सिको के खतरनाक नारकोटिक्स गैंग के इलाके में फसे। उन दोनों को छोड़ने के लिये 10 मिलियन यूएसडी का सेटलमेंट मांग रहे है।


आर्यमणि:- 2 वुल्फ को एक गैंग पकड़ कर रखी है, मज़ाक तो नहीं कर रहे।


डॉक्टर:- बड़ी शातिर गैंग है। शिकारी और वुल्फ की गैंग जो ड्रग्स की खेती करती है और वहां से लगभग पूरे अमेरिका और यूरोप में सप्लाई करती है। बहुत से वुल्फ वहां मर्जी से काम करते है, तो बहुत से वुल्फ से जबरन काम करवाया जाता है।


आर्यमणि:- लगता है उन दोनों वुल्फ से तुम्हे अच्छी इनकम होती थी।


डॉक्टर:- अच्छी नहीं बहुत अच्छी। मै 2 साल में उन दोनों के जरिए 20 मिलियन कमा सकता हूं, उनके लिये पैसों की चिंता नहीं है। लेकिन क्या करूं इस वक़्त पैसे नहीं है मेरे पास। हॉफ मिलियन कैश है और सारी प्रॉपर्टी को गिरवी भी रख दूं तो 1 मिलियन से ज्यादा नहीं मिलेगा।


रूही:- तो 1 मिलियन यूएसडी में हमसे डील कर लो। पता बताओ हम तुम्हारा काम कर देंगे। वैसे भी बहुत दिन हो गए एक्शन किये।


डॉक्टर:- दोनो पागल हो गये हो क्या? वहां गये तो या तो मारे जाओगे या उन्हीं के गुलाम बनकर रह जाओगे।


रूही:- 1 मिलियन जब पेमेंट कर दोगे तब बात करेंगे, यकीन हो तो डील करना, वरना रहने दो।


डॉक्टर:- हम्मम ! तुमने मेरी जान बचाई है, इसलिए 1 मिलियन कोई बड़ी बात नहीं, यदि डूब भी जाते है तो गम नहीं।


आर्यमणि:- पैसे जब तैयार हो तो चले आना। और हां वीकेंड पर आना, साथ ट्रिप का मज़ा लेंगे।


डॉक्टर:- ठीक है मै पैसे अरेंज करके मिलता हूं।


उधर स्कूल में… अलबेली और इवान अपने एक्स्ट्रा क्लास में म्यूज़िक लिये हुए थे और दोनो को ही म्यूज़िक से काफी रुचि सा हो गया था। एक बैंड के साथ लगभग रोज प्रैक्टिस करते थे जिसमे 8 सदस्य थे, 3 लड़की और 5 लड़के, जिसमे ये दोनो भी थे।


ओजल रोज के तरह ही इधर-उधर भटकती हुई ग्राउंड में पहुंच गयी, जहां हाई स्कूल की टीम अमेरिकन फुटबॉल खेल रही थी। वही खेल जिसमे 11-11 खिलाड़ी 2 ओर होते है। दोनो ओर से कोन शेप बॉल को विरोधी पाले के अंत तक ले जाकर अपना अंक बटोरते है। दूर से देखने पर सांढ की फाइट जैसी यह खेल लगती है। क्योंकि प्रोटेक्शन के लिहाज से इतने अजीब तरह के कपड़े खिलाड़ियों ने पहन रखे होते है की देखने में सांढ जैसे ही प्रतीत होते है।


बहरहाल 11 खिलाड़ी ग्राउंड में थे, कुछ खिलाड़ी बेंच पर बैठे हुए और कोच स्टूडेंट्स का ट्रायल लें रहे थे। हालांकि 11 की टीम फिक्स थी जो एक साइड में बैठकर विदेशी गुटका यानी कि चुइंगम चबा रही थी और ट्रायल दे रहे नए खिलाड़ियों का मनोबल "बू, बू, बू" करके गिरा रहे थे।..


दर्शक की सीढ़ी पर ओजल का एक क्लासमेट बैठा हुआ था, अक्सर तन्हा ही बैठा रहता और अकेले ही ज्यादातर एन्जॉय करता। ओजल उसके पास बैठती… "हाई जेरी".. "हेल्लो ओजल"..


ओजल:- फिर से अकेले बैठे हो जेरी?


मारकस:- अकेला ज्यादा अच्छा लगता है ओजल। तुम भी यहां ट्रायल देने आयी हो क्या?


ओजल:- ना ना, तुम्हे देखने आयी हूं, इतने क्यूट जो लगते हो।


मारकस:- जी शुक्रिया… वैसे बहुत है स्कूल में, और तुम्हारे लिये तो कई लड़के है, फिर मुझ बोरिंग पर दिल कैसे आ गया?


ओजल:- दिल नहीं आया है, तुम अच्छे लगते हो इसलिए बात करने चली आयी। अगर डिस्ट्रूब कर रही हूं तो बता दो..


"हेय इडियट्स, बॉल पास करो।"… फुटबॉल की एक चयनित खिलाड़ी अपने ट्रायल के दौरान बॉल लेने पहुंची, और दोनो के पाऊं के नीचे जो बॉल आकर गिरी थी, उसे बड़े प्यार से मांगी।


ओजल, उसे घूरती… "इसकी तो इडियट्स किसे बोली"..


जेरी, उसका कंधा पकड़ कर रोकते…. "ये लोग स्कूल के हीरो है इसलिए थोड़ी अकड़ है, जाने दो।"..


ओजल:- हम्मम ! लाओ बॉल मुझे दो.. मै देकर आती हूं।


ओजल बॉल लेकर उसके पास पहुंची और अपना हाथ बढ़ा दी। वो लड़की ओजल को देखकर "यू फुल" बड़बड़ाई और पूरे अटिड्यूट से, नजर से नजर मिलाकर उसके हाथ से बॉल ले ली। जैसे ही वो जाने लगी… "हेय यूं मोरोन, बॉल तो लेती जा।".... ओजल ने भी उसी एटिट्यूड से उस लड़की को पुकारा...


उस लड़की ने अपने हाथ में देखा, बॉल नहीं था। वो गुस्से में पलट कर आयी अपने नाक, आंख शिकोरे उसके हाथ से बॉल ली और झटक कर जाने लगी।… "हेय डफर, बॉल तो लेती जा।".. ओजल ने उसे फिर पीछे से टोका।


कम से कम 10 बार ऐसा हुआ होगा। वो लड़की बॉल लेकर जैसे ही मुड़ती और चार कदम आगे जाती बॉल हाथ से गायब। लगभग पूरा ग्राउंड ही उन्हें देख रहा था। अंत में वो लड़की मुस्कुराई… "तुम जिस लड़के से बात कर रही थी, उसे मैंने परपोज किया था। लेकिन उसने मुझे रिजेक्ट कर दिया। सो मै थोड़ा सा रूड हो गयी। आई एम सॉरी, अब बॉल दे दो।"


ओजल:- ये सही टोन है। वैसे भी कहो तो मै बात करूं तुम्हारे लिये। वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है। हम जब खाली बैठते है तो यूं ही इधर–उधर की बातें करते है।


लड़की:- ओह थैंक्स डियर, बाय द वे मै नतालिया,


ओजल:- मै ओजल हूं, और उसे तो सॉरी कहती जाओ..


वो लड़की नतालिया, जेरी को भी सॉरी कहती हुई चली। ओजल जेरी के पास बैठ गयी और फिर से ग्राउंड पर देखने लगी… "तुम कमाल कि हो ओजल"..


ओजल:- जानती हूं जेरी। अब ये मुझे अपनी टीम का ट्रायल करने कहेंगे, और वो मै करूंगी, लेकिन मै खेलूंगी नहीं।


मारकस:- क्यों?


ओजल:- क्योंकि तुम्हारे साथ बात करना ज्यादा इंट्रेस्टिंग है, खेलने कूदने से।


मारकस:- हाहाहाहा.. तुम भी ना ओजल, इतना बड़ा मौका खो रही हो। फुटबॉल टीम में होना अपने आप में प्राइड की बात है।


ओजल:- क्या तुम्हारी इक्छा है फुटबॉल टीम में जाने की।


मारकस:- इक्छा पता नहीं...


"हेय ओजल, तुम्हे कोच बुला रहे है।"… नताली उनके पास आकर कही। ओजल जवाब देते… "एक मिनट नताली तुम भी रुको।"..


नताली:- जल्दी करो वरना कोच नाराज हो जाएंगे।


ओजल:- जेरी इतना भी क्या सोचना, बताओ ना?


मारकस:- सच कहूं तो हां इक्छा तो है, लेकिन ज्यादा स्किल नहीं है?


ओजल:- नताली को आई लव यू बोलकर यदि तुमने किस्स कर लिया तो मै वो स्किल तुम्हे सीखा दूंगी, जो अभी मै दिखाने वाली हूं, चलो नताली।


नताली बड़ी सी आखें किये… "क्या वो सच में मुझे आई लव यू कहेगा।"..


ओजल:- वो क्या उसका बाप भी कहेगा।


नताली:- उसका बाप नहीं चाहिए, ये बुड्ढे केवल ओरल से ही मस्त रहते है।


ओजल:- हीहीहीही… ट्रायल लेना था ना बॉयफ्रेंड बनाने से पहले, कहीं ये भी ओरल वाला निकला तो। हिहिहिह..


नताली, आंख मारती… "फिर दो बॉयफ्रेंड रखूंगी।"


दोनो हंसते हुये कोच के पास पहुंचे। जैसे ही वो कोच के पास पहुंची… "क्या तुम फुटबॉल का ट्रायल दोगी।"


ओजल:- इन बच्चीयों के साथ मेरा क्या ट्रायल करवाते हो सर, लड़को की टीम बुलाओ और उनके 4 खिलाड़ी और मै अकेली, फिर देखते हैं कौन जीतता है?



कोच:- इतना कॉफिडेंस..


ओजल:- मेरे डिफेंस और आटैक का कोई सामना नहीं कर सकता।


कोच:- ठीक है पहले तुम ये कारनामा यहां के लड़कियों के साथ दिखाओ।


चार लिड़किया एक ओर और उसके विपक्ष में ओजल खड़ी। सिटी बजी और और नियम से गेम आगे बढ़ा। पहली कोशिश, एक लड़की ओजल के सामने थी और 3 लड़की ओजल के गोल पोस्ट पर। प्लान बॉल लेकर सीधा दूर थ्रो और वहां से बिना किसी झंझट के गोल।


सिटी बजी, बॉल हाथ में आया और दूर पास होने से पहले ही बॉल गायब। ओजल अपने विपक्षी के हाथों से बॉल छीनकर बड़े आराम से विपक्षी के गोल पोस्ट में घुसी। क्योंकि वहां कोई डिफेंस ही नहीं था। अलग-अलग तरह के फॉर्मेशन में उन लड़कियों ने खेला। 4 ट्रायल बाद कोच समझ चुका था कि ओजल ने लड़कों की टीम को चैलेंज क्यों देने कही?


गर्ल्स कोच ने बॉयज कोच को संदेश भेजा, लड़को की टीम आते ही हंस रही थी और ओजल सामने खड़ी। पहला मौका उन लोगो ने ओजल को ही दिया। बॉल ओजल के हाथ में और 4 मुस्टंडे सीधा सामने से भिड़ने के इरादे से। ओजल 5 कदम पीछे हटी, उन लोगों ने दौड़ लगाया। सभी टकराने को मरे जा रहे थे और ओजल अपनी जगह खड़ी। लगभग 4 कदम दूर होंगे, तभी ओजल किनारे हट गई। वो इतनी तेज हटी की उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि टक्कर लगी नहीं।


देखने वालों ने दातों तले उंगली दबा ली थी। डिफेंस लाइन सब आगे और ओजल तेज दौड़ लगाती उनके गोल में। फिर उनको मौका मिला। इस बार भी वही रणनीति। तीन लोग आगे डिफेंस लाइन बनाकर चलेंगे और बॉल लिये एक खिलाड़ी उनके पीछे।


वो लोग कंधे से कंधा मिलाये झूक कर दौड़ लगा रहे थे। इस बार इन लोगों ने सोचा कि कहीं ये तेजी से किनारे ना हो जाये, इसलिए रणनिंती के तहत ओजल से 5 कदम पीछे ही सभी अलग होकर थोड़ा-थोड़ा फ़ैल गये और ठीक उसी वक़्त ओजल 2 लोगो के बीच से निकलकर कब पीछे वाले के हाथ से बॉल लेकर विरोधी के पोस्ट पर निकल गयी पता भी नहीं चला।


4 के विरूद्ध 1, लौडो के तो इज्जत पर बात आ गयी। 20 बार कोशिश कर चुके थे। सब थक कर बैठ गये और कोच ने फाइनल विसेल बजा दिया। उसे तो पहला ऑफर बॉयज की टीम से ही आ गया। ओजल सबको हाथ जोड़कर कहने लगी, वो सिर्फ 1 या 2 साल के लिये यहां आयी है और कोशिश कर रहे लोग कई सालों से कोशिश कर रहे है। वो टीम में सामिल नहीं होगी लेकिन जेरी और नताली को कुछ-कुछ स्किल सीखा सकती है।
बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
एक वेअरवोल्फ का मुकाबला आम इंसान भला कैसे कर सकता हैं
हारना लाजमी था चाहें लड़के हों या लड़कीयां क्या फर्क पड़ता हैं नैन भाई

लेकिन यह दांव कही इनकी असलियत ना खोल दें नैन भाई
 

Zoro x

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ये साले सुपरनैचुरल पक्का अस्तक या सुप्रमारिच की गंदी नस्ल का परिणाम है तभी ये सब पत्थरो के बारे में जानते है। क्योंकि ये लोग भी इंसान और गंदी नस्ल के मिक्सड ब्रीड है तो इनके बच्चे भी दोनो तरह के होते है या तो इंसान या फिर सुपरनैचुरल। ठीक वैसे ही जैसे मीनाक्षी सुपरनैचुरल निकली मगर जया नही। और यही बात अब भूमि के बच्चे साथ भी लागू होगी।

यही कारण है कि ये लोग शादियां भी अपने सीक्रेट प्रहरी समूह में करते है ताकि इनका वंश आगे चलता रहे। पलक और आर्य की शादी ये लोग इसीलिए नही होने देते क्योंकि वेरवॉल्फ इनका एक बड़ा खतरा है और अगर कोई बच्चा सुपरनैचुरल और वेरवॉल्फ दोनो का मिक्सड ब्रीड हुआ तो इसके सीक्रेट प्रहरी संस्था का अंत निश्चित है। मगर उन्हें नही पता की उनके दो काल पैदा हो चुके है और ओजल और इवान दोनो ही एक मुख्य भूमिका निभाएंगे उस युद्ध में। शानदार अपडेट nain11ster भाई।
लिम भाई
इन अपेक्स सुपर नेचुरल को अभी तक पता हीं नहीं हैं कि आर्य एक वोल्फ हैं तो फिर...

पलक आर्यमणी की शादी नहीं होने देने का सवाल ही नहीं उठता हैं भाई

शादी नहीं हुई क्योंकि आर्य को अपनी ओर पेक की जिंदगी बचानी थी अपेक्स को मिटाना है इसलिए वो खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए वहां से भाग गया
जैसे किशन कन्हैया युद्ध के मैदान से पुरी मथुरा को लेकर भाग गए थें जरासंध से युद्ध के दौरान ओर द्वारका बसा लीं थीं भाई
 

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भाग:–74





4 के विरूद्ध 1, लौडो के तो इज्जत पर बात आ गयी। 20 बार कोशिश कर चुके थे। सब थक कर बैठ गये और कोच ने फाइनल विसेल बजा दिया। उसे तो पहला ऑफर बॉयज की टीम से ही आ गया। ओजल सबको हाथ जोड़कर कहने लगी, वो सिर्फ 1 या 2 साल के लिये यहां आयी है और कोशिश कर रहे लोग कई सालों से कोशिश कर रहे है। वो टीम में सामिल नहीं होगी लेकिन जेरी और नताली को कुछ-कुछ स्किल सीखा सकती है।


फोर्स तो बहुत हुआ लेकिन ओजल नहीं मानी। कुछ देर में मैदान खाली हो गया। नताली और जेरी आमने-सामने। जेरी अपने घुटने पर बैठ गया और नताली को परपोज कर दिया। नताली ऐटिट्यूड दिखती… "नहीं, तुम मुझे पसंद नहीं।"..


ओजल हंसती हुई… "ये क्या ईगो सेटिस्फेक्शन था।"..


नताली हंसती हुई… "हां.. अपने परिचित को बोलो दोबारा परपोज करे।"..


शर्त सामने थी, और जेरी ने दोबारा परपोज कर दिया। दोनो ने एक्सेप्ट भी किया और एक दूसरे को चूमने भी लगे। लेकिन इन सब के बीच अचानक से ओजल लाइम लाइट में आ गयी। स्कूल में चारो ओर उसी की चर्चा और लोग उस से दोस्ती करने के लिये बेताब। शाम को तीनो ड्राइविंग स्कूल पहुंचे। आज तो वहां भी इनको क्लीन चिट मिल गया और साथ में कुछ कंडीशंस वाले ड्राइविंग लाइसेंस। तीनों बहुत खुश थे और आते ही… "बॉस, रूही… दोनो के लिये सरप्राइज है।"


दोनो अपने कमरे से बाहर निकलते… "क्या हुआ क्या सरप्राइज है।"


तीनों एक साथ…. "हमे ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया.. वुहु।"


रूही:- कार खरीदकर ही आना था ना। और हां हमारी तरह फाइनेंस पर उठाना कार।


इवान:- वो क्यों भला..


आर्यमणि:- क्योंकि वक़्त कब बदले और कौन सा शहर हमे बुला रहा हो किसे पता। वैसे एक सरप्राइज और भी है, जो 50-50 में है।


ओजल:- कैसा सरप्राइज..


आर्यमणि:- सुनिश्चित नहीं है, लेकिन हो सकता है हम लोग जल्द ही एक्शन करते नजर आयेंगे। बहुत दिनों से लगता है तुमलोग भी बोर हो गये हो।


तीनों एक साथ… "कार छोड़ो चलो पहले एक्शन की तैयारी करते है।"


रूही:- नहीं-नहीं चलो पहले कार लेते है। वैसे कैसी कार चाहिए तुम तीनो को, कुछ सोचा है।


तीनों एक ही वक़्त में आगे पीछे लगभग एक ही बात कहे… सेवर्लेट" की वो चार सीटर मिनी पिक अप आती है ना वही।"


आर्यमणि:- तीनों थोड़े कम फिल्में देखा करो। चलो चलते है।


कार लेने के बाद पारंपरिक ढंग से स्वागत करके उसे गराज में लाकर लगाया गया। तीनों ऊपर बैठकर बातें कर रहे थे, रूही सबके लिए कुछ पका रही थी इसी बीच वो डॉक्टर अपनी पत्नी के साथ आ गया।.... "हमे तुम्हारा प्रस्ताव मंजूर है। मैंने सोचा वीकेंड टूर प्लान कर रहे है और साथ में अपनी हॉट वाइल लिली (डॉक्टर की पत्नी) भी हो तो सफ़र का आनंद ही कुछ और होगा। तुम्हारे 1 मिलियन कौन से अकाउंट में ट्रांसफर करने है वो बताओ।"..


पैसों की लेनदेन पूरे होने के बाद आर्यमणि, डॉक्टर माईक और उसकी पत्नी से उसका मोबाइल लेकर… "आगे का सफर आप हमारे हिसाब से करेंगे डॉक्टर।"


डॉक्टर:- जैसी तुम्हारी मर्जी।


आर्यमणि ने रूही को उनके साथ एयरपोर्ट भेजकर ऊपर आया और तीनों को अकेले एयरपोर्ट पहुंचकर, साथ मैक्सिको चलने के लिये कहा। उनका काम था बिना खुद को जाहिर किये पीछा करना और नजर बनाये रखना की कोई हमारा पीछा तो नहीं कर रहा। यदि कोई हमारा पीछा कर रहा हो तो उसे सफाई से, रास्ते से हटा देना। उसके बाद किसी जंगल में शिकारी और वुल्फ जो मिलकर काम करते है, उनसे जाकर पहले मैं और रूही मिलने जायेंगे। तुमलोग 12 घंटे बाद जंगल के लिये निकलोगे। रास्ते में हम फूट प्रिंट छोड़ते जायेंगे, उसी हिसाब से आगे बढ़ना और हमारे सिग्नल का इंतजार करना। जैसे ही एक्शन शुरू होते है, तुम तीनो जंगल में फैले हुये दुश्मनों को लिटा देना और यदि तुम पर कोई खतरा आता है तब तुरंत आवाज़ लगाना।


सारी बातें क्लियर हो गयी और इधर तीनों ऑनलाइन टिकिट बुक करके जब रास्ते में थे…. "बॉस तो सिम्पल प्लान बता रहे है। देखो अगर ड्रग का धंधा करते है तो इनके पास कैश पैसा भी उतना ही होगा। इसलिए हमे प्लान में थोड़ी तब्दीली लानी होगी।"… इवान ने कहा..


अलबेली:- बॉस चमरी उधेड़ देंगे यदि पता चला कि हम पैसों को उड़ाने के बारे में सोच रहे थे।


ओजल:- कौन सा वो मेहनत का पैसा कमा रहे है। ज़हर का कारोबार करके कमाया है।


इवान:- और कौन सा हम बुरे काम करते है, हमारे खर्च के लिए भी तो पैसे ऐसे ही लोगों के पास से आये है। सो इन पैसे से हम कुछ लोगों के लिये कुछ ना कुछ अच्छा कर सकते है।


अलबेली:- गधों, तुम एक गैंग का पैसा लोगे और इन पैसों के पीछे 4 गैंग वाले पड़ जायेंगे। फिर रोज लफड़े, फिर रोज झगड़े और अंत में यहां से जाना होगा।


ओजल:- हां लेकिन कहीं हमे कैश लेकर आना पड़ा तो, उसकी तैयारी तो करनी होगी ना। बॉस ने नहीं सोचा तो क्या हुआ, हम एक ट्रक लेकर चलेंगे, बॉस के पास प्रस्ताव रखेंगे। मान गये तो ठीक नहीं तो कोई बात नहीं।


अलबेली:- दोनो भाई बहन मिलकर चुरण तो नहीं दे रहे। कोई बेवकूफी मत करना, अपनी मर्जी से खुलकर जीने का मौका मिला है, मै इसे ट्रैवलिंग में बर्बाद नहीं करना चाहती।


इवान:- तुम्हारे बिना पत्ता भी नहीं हिलेगा, अब खुश।


अलबेली:- हां बहुत खुश।


पांचों एक ही प्लेन में उड़ान भर रहे थे लेकिन अलग-अलग। 360⁰ की आंखें थी सबकी और चारो ओर नजर दिये हुए थे। फ्लाइट मैक्सिको लैंड हुई और सब अपने-अपने रास्ते। इवान, ओजल और अलबेली सीधा पहुंचे मैक्सिको के काला बाजार। वहां से उन्होंने 4 कटाना खरीदा और आर्यमणि के लिए 2 सई वैपन। एक वैन में ट्विंस सवार हो गए और एक पिकअप लेकर अलबेली उनके पीछे बढ़ी।


तीनों जाकर रात के लिये होटल में रुके, और अगली सुबह आर्यमणि के मार्क रास्ते पर चल दिये… एक बड़े सा पाऊं का निशान आर्यमणि और रूही ने बनाया था। तीनों समझ गये उन्हें इस पॉइंट पर रुकना है।


दोनो गाड़ी पार्क करने के बाद तीनों साथ हुये… "ये सुपरनैचुरल और शिकारी की भिड़ंत ऐसे घने जंगलों के बीच क्यों होता है? यहां का माहौल देखकर ही लोगों को हार्ट अटैक आ जाये।"… जंगल के शांत और खौफनाक माहौल को मेहसूस करती, अलबेली कहने लगी।


ओजल:- ऐसा लग रहा है वो.. "दि रिंग".. मूवी में चुड़ैल के कुएं के पास जैसा हॉरर इफेक्ट डाला था, वैसा ही यहां भी डाले है। कहीं सच में कोई चुड़ैल हुई तो?


इवान:- काम पर ध्यान दे, बॉस और रूही रात से यहां है?


"रुको, एक मिनट, ऐसे आगे मत बढ़ो।"… इवान ने दोनो को रोकते हुये कहा।


ओजल:- अब क्या हुआ, काम पर ही ध्यान देने जा रहे है?


इवान:- पाऊं के निशान देखी हो, दोनो ने ऐड़ी से गड्ढे बनाये है, इसका मतलब है रुको, आगे कुछ खतरा है। खतरे को भांपकर फिर आगे बढ़ो।


अलबेली:- हम्मम ! चलो हम फ़ैल जाते है और इस सीमा के बाहर रहकर देखते है आगे कोई खतरा है कि नहीं.…


ओजल:- फुट साइन देखो, क्रॉस है, मतलब आगे बढ़ना ही नहीं है। बॉस ऐसा कैसे कर सकते है।


"वो कर सकता है।".… पिछे से एक आवाज आयी और तीनों चौंककर देखने लगे.. ओजल और अलबेली उसे घेरती.. "तुम कौन हो।"..


आदमी:- मुसाफिर, इस जंगल का मुसाफिर..


इवान:- ये भी हमारे साथ फ्लाइट में था। हमारे साथ ही चला था बर्कले (कारलीफॉर्निया) से।


आदमी:- मेरा नाम बॉब इवानविस्की है, यहां आते–जाते रहता हूं। तुम तीनों चाहो तो मेरे साथ अंदर तक चल सकते हो, या आगे जाने का खतरा मोल लोगे मना करने के बावजूद, ये तुम्हारी मर्जी है।


तीनों आपस में कुछ बातें की और उसके साथ जाने के लिए हामी भर दी। वो आदमी बॉब वहां खड़ा होकर किसी को कॉल लगाया और थोड़ी देर बाद 2 जीप वहां पहुंच गई। उस जीप में तीनों सवार होकर निकल गये। बॉब किसी रॉस्ले नाम के आदमी से मिला, उसने एक बैग बॉब को थमा दिया। बॉब बाग को अपने पास रखते... "रॉस्ले, ये कुछ नए लोग धंधा करना चाहते है, इन्हे धंधा समझा दो। जो भी माल लेंगे कैश लेंगे, बस धंधा पहली बार कर रहे है।"..


रॉस्ले:- थैंक्स बॉब…. क्यों किड्स क्या बेचना पसंद करोगे।


ओजल:- जो सबसे ज्यादा नसिला हो, एक कश और दुनिया हील जाये।


रॉस्ले:- हाहाहाहा… तुम्हारा पैक कहां है।


इवान:- हमे पैक की जरूरत नहीं, हम पहले से ही पैक में है। दि अल्फा पैक। लेकिन पैक और वुल्फ वो ताकत नहीं देते जो ये पैसा देता है।


रॉस्ले:- धंधे में तुम जैसे ही सोच वाले लोग तो चाहिए। सुनो बॉब इतने शानदार लोगो से मिलवाने के लिए आज रात का जश्न मेरे ओर से। तुम तीनों रेस्ट करो, मै कुछ लोगो से बात करके तुम लोगो को धंधे के बारे में सब बताता हूं, वैसे माल कितने का लोगे।


अलबेली:- एक दिन में कितने का बिक जाता है।


रॉस्ले:- कोई लिमिट नहीं है, यहां हम बिलियन का माल सेकंड में बेच देते है।


अलबेली:- ठीक है 1 मिलियन का माल शुरवात के लिये।


रॉस्ले:- धंधा नया शुरू कर रहे हो ना..


इवान:- कम है क्या, ठीक है 5 मिलियन का खरीद लेंगे।


रॉस्ले, उन्हें गन प्वाइंट पर लेते… "9 एमएम सिल्वर बुलेट, इधर गोली अंदर और जान बाहर। बॉब के कारण अपन तुम्हारा इंक्वायरी नहीं किया और तुम फिरकी ले रहा है।


ओजल अपना अकाउंट स्टेटस दिखती… "तुम्हारी औकात नहीं हमरे साथ धंधा करने की। चलो सब"..


बॉब:- अरे बेवकूफों रॉस्ले कह रहा है पहले 10 हजार का माल लो, रिस्क और मार्केट देखो, फिर धीरे-धीरे धंधा बढ़ाओ। पहली बार आये हो। धंधा पहली बार कर रहे हो और तुम्हे 5 मिलियन का माल चाहिए, कोई भी चौंक जायेगा।


रॉस्ले:- ये किड्स बहुत आगे तक जायेगा बॉब। आज तूने अपनी बिरादरी वालो को अपने पास लाकर दिल खुश कर दिया है। रात यही रुक और आराम से पार्टी करके जाना।


बॉब:- रॉस्ले तुम जानते हो मै रुक नहीं सकता..


ओजल:- बॉब हमारे लिये रुक जाओ।


रुक गया बॉब। चारो हाथ में बियर लिये जंगल में भटक रहे थे, तभी ओजल बॉब से उसकी पहचान पूछने लगी। उसने कुछ नहीं बताया सिर्फ इतना ही कहा वो अपने काम के वजह से यहां है, अगर वो तीनो अपने साथी को छुड़ाकर यहां से निकलने में कामयाब हो गये, तो उसके पते पर आकर मिले। बॉब इसके आलवा कोई जानकारी नहीं दिया और उन्हें जंगल घुमाते-घुमाते एक और सीमा तक ले आया…


"इस रास्ते पर चलते जाओगे तो आगे तुम्हे फार्मिंग दिखेगी, वहीं तुम्हारे साथी कैद है। एक बात याद रहे इसके अंदर यदि तुम पकड़े गये, फिर कभी वापस लौटकर नहीं आ सकते। रॉस्ले अच्छा आदमी है, लेकिन मजबूर। यदि सबको बचाते हो तो उसे भी निकाल लेना। वो जितने लोगो को निकालना चाहे उसकी मदद कर देना। तुम्हारे हथियार तुम्हारे कमरे में पहुंच गये है, बेस्ट ऑफ लक।"


इसके ठीक पूर्व रात के समय छिपते-छिपाते जैसे ही रूही और आर्यमणि वहां पहुंचे उन्हें ट्रैप कर लिया गया। गले में सिल्वर का पट्टा, जिसके अंदर करंट। एक बार करंट का कमांड दिया उन लोगो ने, तो रूही और आर्यमणि गला पकड़ कर बैठ गये और रहम की भीख मांगने लगे। उन्हें बेबस देखकर वो शिकारी हंसे और, हाथ और पाऊं में भी ठीक वैसा ही पट्टा लगा दिया। ये डॉक्टर माइक और लीली का बिछाया जाल था जिसमे दोनो जान बूझकर फंस चुके थे।


डॉक्टर माईक और लिली को वहां रुकना पड़ा, क्योंकि एक पुरा दिन आर्यमणि और रूही का काम देखने के बाद ही उनको रात में पेमेंट मिलती। वहां वुल्फ का काम देखकर आर्यमणि दंग था। कई किलोमीटर तक का फैला फार्म, और नशे के पौधों को पानी की जगह वुल्फ ब्लड से सीचते थे। एक रात में वुल्फ ब्लड से सींचकर पुरा पौधा तैयार कर लेते थे।… दोनो ने जब यहां का हाल देखा, आखों के सामने हैवानियत का ऐसा नजारा देखकर दंग थे…. "बॉस ऐसा भी होता है क्या?"..


आर्यमणि:- दुनिया इनोवेटिव हो गयी है रूही। ये नया अनुभव भी करो और दिमाग को पूरा काबू में रखकर ये देखने की कोशिश करो, इन लाचारों को कैसे बचाएं।


एक रात से अगले दिन का शाम के 5 बज रहे थे। शाम का वक्त था, लेकिन जंगल के अंदर घनघोर अंधेरा, ऐसा लग रहा था अमवस्या की रात थी। रूही और आर्यमणि दोनो आसपास लेटे थे। रूही बेसुध कोई होश ही नहीं, उसी की तरह बाकियों की भी हालत थी। उस बड़े से फार्म में सकड़ो वेयरवॉल्फ थे, जिनके हाथ, पाऊं, और गले में चांदी के पट्टे लगे थे। हर पट्टे मोटी जंजीर से लगा हुआ था। कोई अपनी मर्जी से खून बहाता तो ठीक वरना पट्टे के अंदर लगे हाई वोल्टेज वाले करेंट को जैसे ही ट्रिगर किया जाता, वुल्फ मिर्गी के रोगी समान छटपटाते बेहोश हो जाते। बेहोश वुल्फ के हाथ से खून निकलना कौन सी बड़ी बात थी। उनके शरीर से कतरा-कतरा खून का निचोड़ लिया जाता था।


आर्यमणि बड़ी सफाई से अपना पट्टा खोल चुका था। अपने दांत से होंठ को काटकर खून निकाला और रूही के होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगा। जैसे ही खून का कतरा रूही के अंदर गया, गहरी श्वांस लेती वो अपने आखें खोल ली और पागलों की तरह खून चूसने लगी। होश ही नहीं कुछ भी बस चूसती रही। तभी रूही के कान में वुल्फ साउंड सुनाई दिया। यह आवाज ओजल, इवान, और अलेबली की थी। इधर बॉब ने जैसे ही आर्यमणि और रूही का पता बताया। तीनों अपने कमरे से हथियार निकालकर उस सीमा तक पहुंच चुके थे जिसके आगे फार्मिंग शुरू होती थी और वहीं से खड़े होकर वुल्फ साउंड दे रहे थे।


रूही होंठ छोड़कर जैसे ही वुल्फ साउंड का जवाब देने के लिए मुंह खोली… "नहीं, मत आवाज़ दो, उनको निपटने दो। हमे वक़्त मिल गया है इन सबको बचाने का। जबतक ये लोग टीन्स के साथ उलझे है, तुम सबको खोलो। तुम्हे सिल्वर एलर्जी तो नहीं।"..


रूही:- आर्यमणि, तुम्हारी हालत जारा भी ठीक नहीं, तुम्हारे बिना हम यहां से कैसे निकलेंगे?


आर्यमणि, रूही को घूरते.… "ओय पागल मैं मारने वाला नही जो इतने शोक में डूबकर बातें कर रही हो। अब जो कहा है वो करो, या डर लग रहा है सिल्वर एलर्जी का।


रूही मस्ती में आर्यमणि के होंठ चूमती… "तुमने कहा है ना… एलर्जी होगी भी, तो भी करूंगी। जल्दी से रिकवर हो जाओ, सब साथ घर चलेंगे।"


वुल्फ साउंड जैसे ही आया… बॉब अपना सर पीटते… "ये टीन, एंट्री तो बहुत समझदारी वाली मारे थे लेकिन ये क्या बेवकूफी कर गये।


यहां की जगह व्यूह जैसी बनी थी। ड्रग्स माफिया के इलाके में घुसते ही पहला दायरा 200 मीटर का था। ये दायरा प्रवेश द्वार पर खड़े सुरक्षा कर्मी के अंदर आता था। इनका काम था किसी बाहर वाले को 200 मीटर के आगे न जाने दे। 200 मीटर के आगे सुरक्षा कर्मी की सीमा थी। ये लोग वहां से अंदर 300 मीटर की सुरक्षा देखते थे। कोई भटका हुआ उनकी से सीमा में आ जाये तो उन्हे प्रवेश द्वार वाले सुरक्षा कर्मी के पास पहुंचाना इनका काम था। हां लेकिन कोई इनकी बात न माने तो सीधा गोली मार देते थे। कुल 500 मीटर के दायरे में 2 सुरक्षा कर्मी की टीम तैनात थी। और उसके आगे फार्मिंग का इलाका शुरू होता था जो मिलो फैला था और वहां की सुरक्षा एक बड़े से मिलिट्री बंकर से करते थे।
बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
यहां का सबकुछ टीन के भरोसे है भाई
देखते है कितना सीखें हैं अभी तक भाई
 

Surya_021

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भाग:–76





बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..


आर्यमणि:- बॉब ये क्या किया है इसके साथ?


बॉब:- ओशुन का ये हाल यहां के लोगो ने नहीं किया है। यहां के गैंग को इन सब के विषय में पता ही नहीं। तुम्हारे भारत जाने के 10-12 दिन के बाद की बात है, जब ओशुन का एक इमरजेंसी मैसेज आया, उसने क्या लिखा खुद ही देखो...


बॉब ने उसे एक संदेश दिखाया जिसमे लिखा था… "मेरे पीछे कौन पड़ा है पता नहीं, लेकिन उसे एक अल्फा वेयर केयोटी की तलाश थी, किसी खतरनाक काम के लिये। जानती हूं जीत नहीं पाऊंगी, लेकिन अपने परिवार को बचाने की कोशिश जरूर करूंगी। आर्य से कभी मिलो तो कहना मै उसे बहुत चाहती थी, उसका दिल तोड़ने कि वजह बता देना। शायद मुझे माफ़ कर दे। मैं रहूं किसी के भी साथ, उसके लिये कभी चाहत कम नहीं होगी।"


आर्यमणि पूरा मायूस दिख रहा था। संदेश पढ़ते–पढ़ते वहीं बैठ गया। एक-एक करके आर्यमणि का पूरा पैक उसके पास पहुंचा। सभी आर्यमणि के ऊपर अपना सर रखकर रो रहे थे।… "उसे कुछ देर अकेला छोड़ दो, तुम लोग आओ मेरे साथ।".. बॉब, आर्यमणि के पैक को लेकर ऊपर आ गया।


वहां मौजूद वुल्फ, बंकर से निकलकर नीचे पड़े उन वुल्फ की मदद कर रहे थे जिनका खून निचोड़ लिया गया था। इसके पूर्व जबतक आर्यमणि नीचे जा रहा था, वहां मौजूद सारे वुल्फ शिकारी के खून और मांस पर ऐसे आकर्षित थे कि उन्हें जैसे खजाना मिल गया हो। अलबेली ने उन वुल्फ को कंट्रोल किया था, रूही और ट्विंस ने बिना कोई देर किये मानव के मांस और रक्त को तेजी से साफ कर दिया।


उस वक्त तो उन्हें रोक लिया, लेकिन वहां का हर वुल्फ बहुत ही कमजोर और उसे से भी कहीं ज्यादा भूखा था। इस जगह में अब भी 3 इंसान (डॉक्टर दंपत्ति और बॉब) मौजूद थे। रूही ने वुल्फ कंट्रोल साउंड दिया और सभी वुल्फ भागते हुए ऊपर आये।


रूही:- एक भी वुल्फ इस बंकर से बाहर नहीं निकलेगा, कमजोर और घायल पड़े साथी को भी यही बंकर में ले आओ। तुम तीनों इन सबके लिए पूरे खाने की वयवस्था करो।


लास्की:- कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। किचेन में सबके खाने का प्रयाप्त स्टॉक मिल जायेगा।


ट्विंस और लास्की की जिम्मेदारी थी पकाना और यहां रूही और अलबेली इन भूखे और कमजोर वुल्फ को किसी तरह रोक कर रखते। पहले आ रही ताजा कटे जानवर के रक्त की खुशबू जो सभी वेयरवुल्फ को बागी बनने पर मजबूर कर रहे थे। उसके बाद भुन मांस की खुशबू। जैसे ही उनको छोड़ा गया, खाने पर ऐसे टूटे मानो जन्मों के भूखे हो। देखते ही देखते पुरा खाना चाट गये और डाकर तक नहीं लिया। इधर ओजल ने अपने पैक के लिए भेज सूप, पनीर फ्राय और रोटियां पकाकर ले आयी थी। उन्हें ये सब खाते देख बाकी वूल्फ अचरज में पड़ गये। तीनों ने मिलकर, रूही को खाना लेकर नीचे आर्यमणि को खाना खिलाने के लिये भेज दिया। आर्यमणि, ओशुन के पास खड़ा बस उसी का चेहरा देख रहा था….

कभी-कभी दिल मजबूत रखना पड़ता है।
अपनो की हालत देखकर गम पीना पड़ता है।
वक़्त हर मरहम की दवा तो नहीं लेकिन,
वक़्त के साथ हर दर्द में जीना आ जाता है।
खुदा इतना खुदगर्ज नहीं जो रोता छोड़ दे।
जबतक दर्द की दावा ना मिले दर्द ही दवा बन जाता है।


"मेरी आई अक्सर ये कहा करती थी। अपनी जिल्लत भरी जिंदगी में बस यही उनके चंद शब्द थे जो किसी एंटीबायोटिक कि तरह काम करते थे। उनके कहे शब्दों पर विश्वास तब हो गया जब तुम मेरी जिंदगी में आये। आओ खाना खा लो, वो तुम्हारे साथ किसी कारण से भले ही नहीं रह पायी हो, लेकिन उठकर प्यार से तुम्हे ऐसे चूम लेगी की तुम्हारे हर गम को मरहम मिल जायेगा।"..


आर्यमणि, रूही की बात सुनकर उसके पास बैठा और खाने के ओर देखकर सोचने लगा। रूही रोटी का एक निवाला उसके मुंह के ओर बढ़ाई.. आर्यमणि कुछ देर तक निवाले को देखता रहा और फिर खाना शुरू किया…


"तुम्हारी आई बहुत अच्छी थी, शायद बहुत समझदार भी। बस वक़्त ने तुम्हारे साथ थोड़ी सी बेईमानी कर दी, वरना तुम भी उनकी ही परछाई हो।"..


रूही:- क्या दफन है सीने में आर्य, ये लड़की तुम्हारे उस दौड़ कि साथी है ना जब तुम अचानक से गायब हुये थे।…


आर्यमणि वक़्त की गहराइयों में कुछ दूर पीछे जाकर…


मै उस दौर में था जब मेरी भावना एक वेयरवुल्फ से जुड़ी थी, नाम था मैत्री। मै उसके परिवार की सच्चाई नहीं जानता था। लेकिन मेरे पापा और मम्मी उनकी सच्चाई जानते थे। बहुत छोटे थे हम इसलिए उस बात पर मेरे घर वाले ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे। खासकर मेरे दादा वर्धराज कुलकर्णी के कारण। लेकिन मेरी भूमि दीदी जब भी मेरे पास होती तो उनकी खुशी के लिए मै मैत्री से 10-15 दिन नहीं मिलता था।


उफ्फ वो क्या गुस्सा हुआ करती थी और मै उसे मनाया करता था। तब उन लोगो का बड़ा सा परिवार जंगल के इलाके में, बड़े से कॉटेज में रहता था। तकरीबन 40 लोग थे वहां, सब के सब मुझसे नफरत करने वाले। लेकिन जिनको नफरत करनी है वो करते रहे, हम दोनों को एक दूसरे का साथ उतना ही प्यारा था। स्कूल में हम हमेशा साथ रहा करते थे। साथ घुमा करते थे। मुझे इस बात का कभी उसने एहसास तक नहीं होने दिया कि उसके घरवाले मैत्री पर तरह-तरह का प्रेशर डालते थे। स्कूल में मुझसे दूर और अपने भाई बहन के साथ रहने के लिये रोज उसे टर्चर किया जाता था।


एक दिन की बात है शाम के वक़्त था, मै जंगल के ओर आया हुआ था। मैत्री पेड़ के नीचे बैठी थी और मै उसके गोद में सर रखकर लेटा हुए था। वो बड़े प्यार से मेरे बाल में हाथ फेर रही थी और मै आंख मूंद कर सोया था.. प्यारी सी आवाज उसकी मेरे कानो में पड़ रही थी…


"आर्य, बड़े होकर हम वो अवरुद्ध के पार चले जाएंगे जहां उस दुनिया में कोई नहीं आ सके।"… मैत्री मुझे उसी अवरुद्ध के बारे में बोल रही थी जिसका भस्म के घेरे से सुपरनैचुरल नहीं निकल पाते। कारण वही था, ये अवरुद्ध जहां है, वहां मतलब होगा कि 2 दुनिया के बीच की दीवार। आपको उसके पार जाना है तो आपको ट्रु होना होगा। यदि इंसानी दुनिया में ये अवरुद्ध है तो आपको ट्रू इंसान होना पड़ेगा या हिमालय के उस सीमा पार जाना चाहते है तो आपको ट्रु उन जैसा बनना पड़ेगा।


खैर उसकी प्यारी सी ख्वाइश थी, एक अलग दुनिया में जाने की। जहां हम दोनों हो, बस उस आवाज के पीछे छिपे दर्द और गहराई को नहीं समझ सका की उसके घरवाले उस पर कितना प्रेशर बनाये है। उसी वक़्त वहां उसका भाई शूहोत्र पहुंच गया। आते ही उसने मेरा कॉलर पकड़ कर उठाया और धराम ने नीचे पटक दिया। मै भी नहीं जानता मुझे कहां–कहां चोट आयी, बस नजरें मैत्री पर थी और वो काफी परेशान दिख रही थी। मै अपने दर्द को देखे बगैर उससे इतना ही कहा.. "शांत रहो।"..


मैत्री:- तुम्हे चोट लगी है आर्य..


उसकी इस बात पर शूहोत्र ने गुस्से में उसे एक थप्पड़ लगा दिया। पता नहीं उस वक़्त मेरे अंदर क्या हो गया था। मै उठा.. खुद से आधे फिट लंबे और शारीरिक बल में कहीं ज्यादा आगे वाले लड़के को पीटना शुरू कर दिया। वो भी मुझे मार रहा था, लेकिन मै उसे ज्यादा मार रहा था।


तब मैंने पहली बार उसे देखा था.. वो पीली आखें, बड़े बड़े पंजे, दैत्य जैसे 2 बड़े बड़े दांत, उसका साढ़े 4 फिट का शरीर ऐसा लगा साढ़े 6 फिट का हो गया हो। लेकिन गुस्सा मुझ पे सवार था। मुझे मारा कोई बात नहीं पर मैत्री को मारा ये मै पचा नहीं पा रहा था।


उसके पंजे मुझे फाड़ने के लिए आतुर थे, वो मुझ से बहुत तेज था। वो जितनी तेजी से मुझे मार रहा था मै उतनी तेजी से बचते हुए उसपर हमले करता रहा। उसकी लम्बाई तक मेरे हाथ नहीं पहुंच पा रहे थे इसलिए मैंने अपना पाऊं उठाया, घुटनों के नीचे उसे पूरी ताकत से मारा था और उसका पाऊं टूटकर लटक गया था।


उसी वक़्त मेरे दादा वर्धराज, भूमि दीदी, तेजस दादा, निशांत के पापा, मेरे मम्मी पापा सब वहां पहुंच गये थे। उधर से भी उनका पूरा खानदान पहुंचा था। मेरे दादा ने वहां का झगड़ा सुलझाया, दोनो पक्षों को शांत करवाया। लेकिन तेजस के मन में शायद कुछ और ही चल रहा था। हालांकि तब ये बात किसी को नहीं पता थी लेकिन बाद में मुझे पता चल गया। लोपचे कॉटेज को 2 दिन बाद आग लगा दिया गया था। उसके परिवार के बहुत से लोग अंदर जलकर मर गये। बस कुछ ही लोग बचे जो देश छोड़कर जर्मनी चले गये। एक लंबा अर्सा बिता होगा जब मुझे मैत्री का पहला ई–मेल आया। महीने में 2, 3 बार बात भी हो जाती।


वो अपना हर नया अनुभव साझा करती और साथ में ओशुन के बारे में भी बताया करती थी। वो मुझसे कहा करती थी, बस कुछ दिन रुक जाओ हम साथ होंगे। शायद मुझसे लगाव और प्यार रखने के कारण ही उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। मेरे लिये वो अपने परिवार और पैक तोड़कर इंडिया आयी थी और उसे किसी शिकारी ने मार डाला था। मार तो शूहोत्र को भी दिया था, लेकिन शिकारियों से बचाकर मैंने उसे निकला था।


उसी दौरान एक घटना हो गई, एक बीटा सुहोत्र ने मुझे बाइट किया था। एक बीटा के बाइट से मैंने शेप शिफ्ट किया था, खैर आगे इसका बहुत जिक्र होने वाला है। मुझे झांसा देकर बहुत सारे रास्तों से होते हुये आखिर में समुद्र के रास्ते से जर्मनी लाया। दरसअल मुझे शूहोत्र ही लेकर आया था, सिर्फ और सिर्फ इसलिए ताकि मैत्री मुझे अपनी जगह वुल्फ हाउस में देखना चाहती थी, जो कि एक छलावा था। हकीकत तो ये थी कि मैत्री की सोक सभा में मुझे नोचकर खाया जाना था।


वहां फिर लोगों ने चमत्कार देखा एक बीटा के बाइट से मै शेप शिफ्ट कर चुका था और मुझमें हील होने की एबिलिटी आ गयी थी। इसे शायद श्राप ही कह लो। क्योंकि ब्लैक फॉरेस्ट मेरा जेल था, जहां वो मुझे नंगा रखा करते और रोज खून चूसकर हालत ऐसी कर दी थी कि शरीर के नाम पर केवल हड्डी का ढांचा बचा था।


लगातार कुछ दिन के प्रताड़ना के बाद ओशुन ने मुझे वास्तविकता बताई कि मेरी क्षमता क्या है और मैंने गंगटोक के जंगल में क्या-क्या किया था। उसने मुझसे बताया था कि वो नियम से बंधी है, जितना हुआ उतना वो मुझे बता दी। ऐसा नहीं था कि उसके एहसास करवाने के बाद मुझे उस नर्क से मुक्ति मिल गयी थी, लेकिन मैंने अपने शरीर की फ़िक्र करना छोड़कर अपने दिमाग को संतुलित करना सीखा।


वो मुझे जलील करते, मेरे बदन को नोचते यहां तक कि मेरे पीछे कभी कटिला तार में लिपटा डंडा डालते तो कभी सरिया। बस रोजाना 2 घंटे ही मै जाग पता था, उस से ज्यादा हिम्मत नहीं बचती। लेकिन उन 2 घंटो में मै इनके पागलपन को भूलकर बस जंगल को गौर करता, पेड़ पर मार्किंग करता।


लगभग 1 महीना बीतने के बाद समझ में आया कि मै जहां से निकलने की कोशिश कर रहा हूं वहां से तो वो लोग आते है, तो क्यों ना जंगल के दूसरे ओर भागा जाये। अगला 10 दिन मैंने टेस्ट किया कि जंगल के दूसरे ओर जाने पर क्या प्रतिक्रिया होता है। और तब मुझे पता चला कि जंगल के दूसरे हिस्से में वो नहीं जाते थे। लेकिन मेरी किस्मत, मै हर रोज वहीं लाकर पटक दिया जाता था, जहां से मेरी आंखें खुला करती थी।


"आखें खोलो, उठो.. वेक अप"… मेरे कानो में आवाज़ आ रही थी। शरीर मेरा कुछ हरकत में था, मैं कुछ पी रहा था, लेकिन क्या पता नहीं। ये कोई और वक़्त था जब मै अपनी आखें खोल रहा था। आखें जब खुली तब मेरा सिर ओशुन की गोद में था और उसकी कलाई मेरे मुंह में। उस वक़्त मुझे पता चला कि ओशुन अपने हाथ की नब्ज काटकर मुझे खून पिला रही थी।


मै झटके से उठा। कुछ घृणा अंदर से मेहसूस हो रहा था। मुझे उल्टी आ गई और ओशुन से थोड़ी दूर हटकर उल्टियां करने लगा। ओशुन भी मेरे पीछे आयी। पीठ पर हाथ डालकर उसने मुझे शांत करवाया। शांत होने के बाद मै वहां से हटा और आकर वहीं अपनी जगह पर बैठ गया। वो भी मेरे पास आकर बैठी। मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं बची थी मै उसपर गुस्से में चिल्ला कर कह सकूं कि वो क्या कर रही थी। फिर भी जितना हो सकता था इतने गुस्से में… "ये तुम क्या कर रही थी, मुझे खून क्यों पिलाया।"


ओशुन, मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक बड़े ध्यान से देखी। मुझे मेरी वास्तविक स्थिति का ज्ञात हुआ, मैं पूर्णतः नंगा था और थोड़ी झिझक के साथ खुद में सिमट गया।… "तुम रोज बेहोश रहते हो, शरीर में तुम्हारे जब जान आता है तब तुम जागते हो और ठीक उसी वक़्त जान निकालने भेड़िए तुम्हारे पास पहुंच जाते है।"


इतना कहकर उसने मेरे गोद में कपड़े रख दिये और वहां से उठकर चली गई। मै पीछे से उसे आवाज लगाता रहा लेकिन वो बिजली कि गति से वहां से निकल गयी। उसके जाने के बाद भी मै अपनी जगह बैठा रहा और ओशुन के बारे में ही सोचता रहा। क्यों आयी, क्यों गयी और मुझे इस वक़्त क्यों जगाया, ये सब सवाल मेरे मन में उठ रहे थे। शायद वो मेरे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाती इसलिए बिना कुछ कहे वहां से चली गयी। लेकिन जाते–जाते मेरे लिए बहुत कुछ करके जा चुकी थी।


मै अपनी जगह से उठा और उसके लाये कपड़े पहनकर जंगल के दूसरे हिस्से के ओर बढ़ चला जहां ये लोग नहीं जाते थे। मै जितना तेज हो सकता था उतना तेज वहां से निकला। 24 घंटे के किस प्रहर में मैंने चलना शुरू किया पता नहीं, लेकिन मै जितना तेज हो सकता था, चलता गया। मार्किंग किए हुये पेड़ सब पीछे छूट चुके थे, और मै उनसे कोसों दूर, जंगल के दूसरे हिस्से में बढ़ता जा रहा था। चलते-चलते मै जंगल के मैदानी भाग में पहुंच गया। पीछे कौन सा वक़्त गुजरा था, मेरी जिंदगी कहां से शुरू हुई और मै कहां पहुंच गया, वो अभी कुछ याद नहीं था, केवल चेहरे पर खुशी थी और सामने मनमोहक सा झील था।


"तुम कौन हो अजनबी, और इस इलाके में क्या कर रहे हो।"… कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया। उनमें से एक 40-41वर्षीय व्यक्ति ने मुझे ऊपर से नीचे घूरते हुये पूछने लगा।
Nice update 😍
 
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लिम भाई
इन अपेक्स सुपर नेचुरल को अभी तक पता हीं नहीं हैं कि आर्य एक वोल्फ हैं तो फिर...

पलक आर्यमणी की शादी नहीं होने देने का सवाल ही नहीं उठता हैं भाई

शादी नहीं हुई क्योंकि आर्य को अपनी ओर पेक की जिंदगी बचानी थी अपेक्स को मिटाना है इसलिए वो खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए वहां से भाग गया
जैसे किशन कन्हैया युद्ध के मैदान से पुरी मथुरा को लेकर भाग गए थें जरासंध से युद्ध के दौरान ओर द्वारका बसा लीं थीं भाई
भाई पलक से रिश्ता होने के बाद जब आर्य पहली बार पलक के घर गया था और राजदीप ने मटन पार्टी के लिए बोला था तब आर्य ने कहा था कि वो नॉन वेज नही खाता तो राजदीप ने बोला था कि पहला वोल्फ है जो नॉन वेज नही खाता। बाद के कुछ प्रसंग में ये बात आई थी कि आर्य के पास कुछ स्पेशल पावर्स है। तो सीक्रेट प्रहरी को पता था ये बात, बस उन्हें आर्य के प्योर अल्फा होने का नही पता था।

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राजदीप:- बकरे से याद आया, आज मटन बनाते है और रात का खाना हमारे साथ, क्या कहते हो आर्य।





"वो भेज है दादा, नॉन भेज नहीं खाता।".. अंदर से पलक ने जवाब दिया।





राजदीप:- पहला वुल्फ जो साकहारी होगा।
 
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भाग:–75





आखरी सीमा फार्मिंग की सीमा। इसके मध्य में एक बड़ा सा मिलिट्री बंकर था, जहां से हर सीमा की निगरानी से लेकर तरह–तरह के हथियार और बेहतरीन लड़ाका द्वारा पूरे क्षेत्र को नियंत्रण में रखा जाता था। फार्मिंग के इलाके में सैकडों कैदी वेयरवुल्फ थे। उनके खून से नशीले पौधों की सिंचाई की जाती थी। यहां हर वूल्फ को सिल्वर पट्टे डालकर जंजीर से बांधकर जमीन पर लिटा दिया जाता था। उनके नब्ज में 8-10 नीडल घुसकर, 8-10 खुले पाइप खेत के क्यारियों में छोड़ दिया जाता था। हर वूल्फ का ब्लड पाइप के जरिये मिट्टी तक पहुंचती। तीनों टीन वुल्फ फार्मिंग सर्कल के बॉर्डर पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे।


ओजल:- कमाल का वुल्फ साउंड था दोस्तो, वापस साउंड नहीं आया मतलब उन्हें वक़्त चाहिए, तबतक हाथ ना आओ, जबतक बॉस और रूही दीदी की आवाज ना सुनो।


अलबेली:- तो चलो बॉस और रूही वक़्त दिया जाये, जितना हम दे सकते है। आज जो कुछ भी ट्रेनिंग से सीखा है उसका प्रेक्टिकल देने क वक्त आ गया दोस्तों...


इवान:- सोचा था बाद में कभी कह दू, लेकिन मै कहे बिना रह नहीं पाऊंगा, क्या पता सब जब नॉर्मल हो तो मै हिम्मत जुटा पाऊं या नहीं, माझे आयुष्य अलबेली, आई लव यू…


दोनो लड़कियां इवान का मुंह देखने लगी, अलबेली हंसती… "ये कब हुआ, ना कोई सीन बना, ना कोई रोमांटिक-एक्शन मोमेंट क्रिएट हुआ, सीधा लव हो गया। ओजल तुझे कुछ समझ में आया।"..


ओजल:- लगता है एक्शन के एक्साइटमेंट में तुम्हे हग करके किस्स करना चाह रहा है। जल्दी इसे किस्स दे दे और काम पर लग जा, इस बारे में आराम से सोचेंगे।


अलबेली, इवान का कॉलर पकड़ कर अपने ऊपर खींचती.. "एक किस्स के लिए इतनी झिझक"… कहते हुए अलबेली ने इवान के कमर में हाथ डाला और होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगी।


तभी वहां खास किस्म का तेज और लाउड म्यूज़िक प्ले होने लगा। वेयरवोल्फ हंटर द्वारा प्रयोग में लाया जाना वाला एक आधुनिक हथियार। इसके धुन को कुछ इस प्रकार बनाया गया था जिसे सुनकर हर वुल्फ अपना सर पकड़कर वहीं बैठने पर मजबूर हो जाये। म्यूजिक के शुरू होते ही ओजल के चेहरे पर खिंचाव सा गया। ओजल दोनो को एक हाथ मारते… "केवल किस्स ही कर रहे थे ना, हरामियों गुम किधर हो। हमे फसाने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। आंह्हहह !! इनकी ये घटिया म्यूज़िक।"


इवान अपने बैग से इयर कैप निकला, खुद भी लगाया और दोनो को भी पहनने के लिये दिया। तीनों इयर कैप पहनकर वहीं नीचे जमीन पर सर पकड़ कर बैठ गये। थोड़ी ही देर में एक जीप भड़कर वहां शिकारी पहुंचे। शिकारियों ने उन्हें घेर लिया और सभी हंसते हुए जीप से नीचे उतरे… और आपस में बात करते.. "साला एक को पकड़ो और पुरा पैक हाथ लग जाता है। लेकिन ये पहला सर्किल कैसे पार किये।".... "पहले इनमे इलेक्ट्रिक शॉक प्रड्स (वो रॉड जिसके सिरे से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है) घुसा दे, फिर कल इसपर मीटिंग करेंगे।


तीनों के हाथ जमीन पर और हाथ में थी, म्यान के अंदर कैद कटाना। अलबेली ने एक छोटा इशारा किया और तीनों ने पूरी ताकत से, नीचे बैठे-बैठे उन लोगों के टखने पर, काटाने के म्यान से ऐसा हमला किया कि उनका टखना चूर हो गया।


तीनों एक साथ बिल्कुल ऊंचे सुर में लगातार वूल्फ साउंड निकलते.… "वूऊऊऊऊऊऊऊ"… "वऊऊऊऊऊ"… "वूऊऊऊऊऊऊऊऊ"… यह ललकार वाली वुल्फ साउंड थी। तीनो अपने दुश्मनों को चुनौती दे रहे थे। शिकारी और वेयरवुल्फ के बॉस ने जब यह वूल्फ साउंड सुना, बंकर से शिकारी और वोल्फ की पूरी टुकड़ी को आवाज के पीछे भेज दिया। इसके साथ दोनो सीमा के सुरक्षा कर्मी को भी इनके लगा दिया गया।


तीनों के कंधे तिकोने शेप में जुड़े थे जो बीच से एक ट्राइंगल का निर्माण कर रहा था। कटाना अपने म्यान से बाहर आ चुका था और तीनों एक दूसरे को कवर करते धीरे-धीरे अन्दर, उनके फार्मिंग एरिया के ओर बढ़ रहे थे। कुछ दूर चले होंगे तभी रॉस्ले अपनी टीम के साथ पहुंच गया। जानी पहचानी गंध पाकर अलबेली वूल्फ साउंड में दहारी, ऐसा जैसे वहां के बीटा को कंट्रोल कर रही हो। रॉस्ले और उसके साथ आये 10 वुल्फ अपनी जगह रुक गए, जिसमें कोई अल्फा नहीं था।


ओजल:- रॉस्ले हमसे दूर रहो वरना कटाना खुल चुकी है और अब ये दोस्त या दुश्मन नहीं देखेगी। आज रात सब आजाद होंगे।


इधर उस जगह के बॉस का पूरा ध्यान अपने 3 दुश्मनों पर था, जिसने वुल्फ को पागल बनाने वाले म्यूज़िक से खुद को बचाकर अंदर की ओर बढ़ रहे थे। उसके मोशन सेंसर पर तीनों वूल्फ की लोकेशन आ रही थी जो तिकोना बनाकर एक दूसरे को कवर करते हुए चल रहे थे। उस बॉस का पूरा ध्यान सीमा पर था और फार्म के अंदर रूही एक-एक करके बड़ी तेजी के साथ कैदी वूल्फ को खोल रही थी। लगभग 20 वुल्फ को वो छुड़ा चुकी थी, तभी वहां चारो ओर बड़ी-बड़ी लाइट जलनी शुरू हो गई। माईक पर एक खतरनाक अनाउंस…


"तुम्हारा कोई भी पैक हो, उसे तुम ले जाओ, हमे यहां वॉयलेंस नहीं चाहिए। लेकिन यदि तुम तीनों ने लड़ाई नहीं रोकी तो मै यहां कैद सभी वुल्फ को मारने में देर नहीं करूंगा। हम अपने आदमी पीछे कर रहे है, तुम अपना ट्राइंगल छोड़कर अपने पैक को पहचान लो, और यहां से लेकर जाओ।"


ओजल:- क्या करे.. ?


इवान:- टाइम पास ही तो करना है, ध्यान से फ़ैल जाओ और हवा को मेहसूस करो। हम अपने अलग-अलग पैक चुनेंगे। 14, 16 और 14 का पैक। साले को शॉक्ड दे दो।


तीनों ने ट्राइंगल तोड़ा और ऐतिहात से आगे बढ़ने लगे। बंकर के अंदर बैठा बॉस जैसे ही तीनों को रौशनी में देखा… "ये तो टीन वुल्फ है, कसिके पैक के वोल्फ है।"


साथ काम करने वाला एक अल्फा वुल्फ… "तीनों अल्फा है बॉस।"


बॉस शॉक्ड होते… "लेकिन 3 अल्फा वुल्फ एक साथ कैसे आ गये।"


अल्फा वुल्फ:- शायद अलग-अलग आये हो। अंदर के किसी ने मदद की हो और तीनों को साथ मिलकर लड़ने के लिये भेजा हो।


बॉस:- लड़ाई करके क्यों नुकसान बढ़ना जब खुद फसने चले आ रहे है। वुल्फ पॉयजन का ट्रनकुलाइजर तैयार करो, और तीनों को बेहोश करो, जल्दी।


बॉस का हुक्म मिलते ही अल्फा वुल्फ का इशारा हुआ और लगभग 20 ट्रंकुलाइजर एक साथ अलबेली, इवान और ओशुन के ओर बढ़ने लगे। तीनों की आंखें तो खुली थी लेकिन मन तो हवा की तरह बह रहा था। सामने से आ रही ट्रक्यूलाइजर को तीनों स्लो मोशन में बढ़ते हुये देख रहे थे, जबतक वो बुलेट शरीर तक पहुंचती, कटाना को इतनी तेज गति से आगे ओर घुमाया सभी ट्रानकलाइजर बर्बाद होकर भूमि पर गिर गया।


तीनों उस माहौल को थर्राते हुए एक बार फिर ऊंची-लंबी वोल्फ साउंड निकालते… "तूने क्या हमे शिकार समझ रखा है जो झांसे में आयेंगे।.. इस दहाड़ पर तो केवल थर्राया होगा, कहीं हमारे बॉस ने अपनी दहार सुनाई, फिर तुम शिकारियों का पेशाब निकल जायेगा।".. इवान ने धमकाया


ओजल:- बस कर इवान कहीं डर से ना मर जाये..


उस फार्म का बॉस.… "अभी तक तो मैंने सोचा था कि तुम्हे केवल बेहोश करके गुलाम बनाऊंगा, लेकिन तुम्हारी किस्मत में मरना लिखा है। सिल्वर बुलेट लोड करो और पूरी एक मैगजीन खाली होने पर ये तीनों नहीं मरे तो फार्म से किसी भी 3 वूल्फ की लाश गिरा देना। पिलर में फिट किये बड़ी–बड़ी नली वाले 20 हैवी गन बंकर में लगा था। एक मैगजीन मतलब लगभग 1000 राउंड का बड़ा सा चटाई लोड हो रहा था।


इधर बातचीत का दौर शुरू होते ही रूही अपने काम पर और तेज़ी से लग गयी। तभी फार्म में मौजूद हर वूल्फ को भूमि की सतह पर कुछ होने का एहसास होने लगा। चारो ओर जो हरे पौधे और उसके ऊपर का फूल लगा था, मुरझा कर झुलस गया। आर्यमणि खेत की मिट्टी में पूरा पंजा घुसाकर वहां के पूरे पोषण के साथ उसके अंदर के टॉक्सिक को भी खींच चुका था। मिट्टी के साथ–साथ पौधों के जड़ों से भी आर्यमणि पूरा पोषण खींच चुका था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर में फैले इस फार्म की पूरी फसल झुलस गयी।


कहानी यहां 2 हिस्सों में चल रही थी। एक ओर तीनों टीन वूल्फ, अलबेली, ओजल और इवान जंगल के शिकारी और वूल्फ को सामने से चुनौती दे रहे थे, वहीं रूही यहां कैद वूल्फ को करंट दौड़ रही चांदी कि जंजीर से आज़ाद करने में लगी हुई थी। यहां का बॉस तो बंकर में था और उसकी नजरें स्क्रीन पर तीनों टीन वूल्फ को ही मॉनिटर कर रही थी, इसलिए उसने सीधा अलबेली, ओजल और इवान पर हमला करवा दिया।


और इधर इवान, ओजल और अलबेली भी पूरा तैयार थे। तीनो ही पूर्ण रूप से जैसे वातावरण में समा गये थे। वहां के कण–कण को मेहसूस कर रहे हो जैसे। हवा के परिवर्तन को मेहसूस करते तीनो बिलकुल हवा की भांति लहराते, जब अपने कटना को चलाने लगे.… फिर तो बॉस के स्क्रीन पर न तो ठीक से तीनो टीन वुल्फ नजर आ रहे थे और काटना को तो नंगी आंखों से देखा ही नहीं जा सकता था, बस ऊसके लहर को मेहसूस किया जा सकता था।

"बॉस जल्दी काम ख़त्म करो। हमे यदि सिल्वर बुलेट छु भी लेती है तो हम इमर्जेंसी साउंड भेजेंगे। अभी हमें नहीं मरना।".. इवान ने आर्यमणि के गुप्त संदेश भेजा


तीनों टीन वूल्फ पर सिल्वर बुलेट की फायरिंग हो रही थी। रूही की चिंता सातवे आसमान पर पहुंच गयी। टीन वूल्फ अभी थे तो बच्चे ही। रूही जल्दी-जल्दी अपना काम समेट रही थी। तभी हवा का झोंका सा आर्यमणि, रूही के पास से गुजरा, जो कहता गया.… "तुम जल्दी से सभी कैदी को छुड़ाकर किनारे करो। बंकर की बुलेट फायरिंग मै रोकता हूं।"


रूही थोड़ा और समय ली। बचे हुये वुल्फ की बेड़ियां खुल चुकी थी और इधर सिल्वर बुलेट तो चल रही थी, लेकिन तीनों लहराते हुये क्या ही कटाना चला रहे थे। बुलेट तो जैसे कटना के आगे सरेंडर कर चुकी थी। जैसा कि शिकारियों के बॉस ने पहले कहा था... "सिल्वर बुलेट फायर करो, यदि पूरी मैगज़ीन खाली होने के बाद भी टीन वूल्फ नहीं मरे तो फार्म में कैद किसी भी 3 वूल्फ को मार देने।"… बंकर से इनकी सिल्वर बुलेट टीन वूल्फ पर फायरिंग हो रही थी। सभी सिल्वर बुलेट कटाना की धार को मज़ा चखने के बाद दम तोड़कर टीन वूल्फ के कदमों में बिछ जाते।


पूरे मगजिंन खत्म भी नहीं हुआ था कि एक तेज दहाड़ उस जंगल में गूंजी… किसी शक्तिशाली और आक्रमक वेयरवुल्फ की दिल दहला देने वाली, हमला करने की तेज दहाड़। बंकर में बैठा शिकारियों के बॉस के पास वाला अल्फा वुल्फ बिल्कुल शांत होकर अपना सर पकड़ लिया। इधर चोट खाये और कैद में फंसे वूल्फ जो खुद को जल्दी हील कर सकते थे, आर्यमणि की एक आवाज पर बंकर के अंदर दौड़ लगा चुके थे। लेकिन बंकर माउंटेन एश से घिरी हुई थी। बौखलाये कयी वेयरवुल्फ माउंटेन एश की खींची लाइन के बाहर खड़े होकर अपने गुस्से की दहाड़ से शिकारियों के बॉस को जाता रहे थे कि आज उनका दिन है।


आर्यमणि भी उन चोट खाये वेयरवुल्फ की मनोदशा को भांपकर माउंटेन एश की रेखा को मिटा दिया। रेखा मिटते ही सभी गुस्साए वूल्फ बंकर में घुसे। आर्यमणि सबसे आगे रहकर सीधा शिकारियों के बॉस को पकड़ा और उसके शर्ट के कॉलर को दीवार के खूंटी से टांग दिया। तकरीबन 40 शिकारी और 20 वुल्फ वहां बंकर में थे और आर्यमणि के साथ उनके विरुद्ध लड़ने के लिए कुल 20 गुस्साए वेयरवुल्फ ही पहुंचे थे, बांकी के कैदी वूल्फ लड़ने क्या उठने की हालत में भी नहीं थे।


आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"


आर्यमणि ने ओके करके अपने दोनो हाथ खड़े कर दिये और बाकी कैद किये गये गुस्साये वूल्फ को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहने लगा.…. "तुम लोगो के जो भी शिकार है, आज छोड़ना मत। बस केवल याद रहे मै जबतक खड़ा हूं कोई अपने दांत लगाकर खून नहीं पियेगा और मांस नहीं नोचेगा।"..


नीचे रूही अब भी कई कैद वुल्फ को छुड़ाने में लगी थी। वहीं कुछ और वुल्फ रूही की मदद कर रहे थे। तीनो टीन वुल्फ तो आज जैसे कहर का पर्यावाची शब्द बन गये थे। शिकारियों और वुल्फ की टीम इनके आस पास में ही थे। बुलेट फायरिंग रुकते ही तीनो सैकड़ों दुश्मन के बीच घिरे थे। रूही दूर से जब यह नजारा देखी, पूरे तेजी से भागना शुरू की। और जितनी तेज वो दौड़ना शुरू की थी, धीरे–धीरे गति अपने आप ही कम होने लगी।


रूही जब दौड़ना शुरू की तब भी भीड़ लगा ही हुआ था। बस बीच से हवा में कटे हुये हाथ, पाऊं और सर ही नजर आ रहे थे। चारा काटने की मशीन में जैसे चारा को कुतरा–कुतरा कर के काट देते हैं ठीक उसी प्रकार तीनो की कटाना लहरा रही थी। और लहराने की गति का तो कोई आकलन ही नहीं था। जब तक रूही वहां पहुंची तब तक तीनो ने मिलकर लाशें बिछा दी थी। बस एक टीम थोड़ी दूर बैठकर यह पूरा तमाशा देख रही थी। रूही के हाथ कुछ न लगा तो वो लास्की और उसके साथ खड़े 4 वुल्फ पर ही कहर बनकर बरसने वाली थी।


अलबेली उसे बीच मे ही रोकती... "रूको, ये अपने साथ में है।"


रूही:– हुंह… ये भी उनके साथ है और मेरा शिकार है...


ओजल:– क्ला और फेंग से मरोगी तो बॉस को क्या जवाब दोगी...


रूही:– बॉस बंकर में एक्शन कर रहा तुम तीनो ने यहां सबका सफाया कर दिया। मेरे लिये कुछ तो छोड़ा होता।समाज सेवा के काम पर लगा दिये। अब क्या मैं इन बचे लोगों का भी शिकार न करूं?


अलबेली, चिल्लाती हुई... "बस करो.. हमने कहा न वो अपने साथ है।"


रूही:– ये हरामी डॉक्टर और उसकी बीवी तो न है साथ में... और ये एक नया आदमी भी दिख रहा... क्या मैं इन्हे मार दूं...


इवान:– बस दीदी क्यों इतना पैनिक हो रही... ये डॉक्टर और उसकी बीवी तो मुख्य साजिशकर्ता है इन्हे आराम से मारेंगे... और वो आदमी बॉब भला मानस है। अभी सब बंकर चलते है, क्या पता वहां आपके लिये कोई शिकार बचा हो?


इधर बंकर में सामने डरे हुए शिकारी और कुछ घबराये से वुल्फ। ऊपर दीवार से टंगा शिकारियों का बॉस। फिर तो वहां उस बंकर में रक्त ही रक्त था। गुस्साये कैदी वूल्फ ने पूरा रक्त चरित्र दिखाते हुये हर एक शिकारी और उसका साथ देने वाले वूल्फ को अपने क्लॉ से फाड़कर रक्त स्नान कर रहे थे।…


"वो डॉक्टर और उसकी बीवी कहां है।"… आर्यमणि गुस्से से पूछने लगा।


"यहां है दोनो, चुपके से भाग रहे थे।"… पीछे से बॉब, लोस्की और लोस्की के सभी साथी, डॉक्टर माइक और उसकी पत्नी लिली को पकड़ कर ला रहे थे। हा लेकिन एक आवाज ने आर्यमणि का ध्यान पूरा खींचा, वो चौंकरकर आवाज़ के ओर मुड़ा.. आश्चर्य से आर्यमणि की आखें फ़ैल गई… "बॉब तुम यहां।"


बॉब:- हां मुझे भी उतनी ही हैरानी हुई थी, उस रात जब तुमने इस मदरचोद को बचाया था।


आर्यमणि:- तो तुमने इसे जहर दिया था..


बॉब:- हां और तुम समझ सकते हो क्यों जहर दिया होगा। पैसे के लिये जब ये अपने जान बचाने वाले को बेच सकता है, तब कितना गिरा होगा ये हरामि। तुम्हे देखकर सोच नहीं सकते मै कितना खुश हूं। मै आया था तुमसे मिलने। लेकिन उससे पहले ही डॉक्टर तुमसे मिलने पहुंच गया और पता नहीं कैसे तुम्हे झांसे में ले लिया।


आर्यमणि:- इस धूर्त की सच्चाई का पता तो हम दोनो को इसके इमोशन से ही हो गया था... तुम रूही को तो जानते हो ना...


बॉब:- हां तुम्हारे पूरे पैक को देखा हूं। कमाल की क्षमता है और तुमने उन्हें ये एहसास करवाया है कि वो भी एक इंसान है, जिन्हे खास बनाया गया है...


आर्यमणि:- सब तुम्हारे ज्ञान का नतीजा है बॉब, वरना मै भी भटका हुआ था। रूही और मुझे पहली मुलाकात से ही भनक थी, ये धूर्त है। हम तो इसकी मनसा समझने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों तो बस यही सोचकर आये थे कि देखे यहां क्या होता है और ये किस तरह का संगठन है, जहां शिकारियों के साथ वूल्फ भी काम कर रहे।


बॉब:- इसलिए तो मै भी पीछे-पीछे चला आया। लगा कहीं हेल्प की जरूरत ना पड़े।


आर्यमणि:- बॉब तुम पीछा कर रह थे और तुम्हारी गंध मुझ तक नहीं आयी?


बॉब:- मैंने ही सिखाया था और मै ही गंध कवर ना कर सकूं। वैसे मै तुम्हे निराश नहीं करना चाहता, लेकिन शायद कुछ देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। उस कमजरब (शिकारियों के बॉस) की आंख और हाथ निकाल कर लाओ अभी दिखता हूं।


आर्यमणि बिना कोई देर किये उसका हाथ और आंख निकाल लाया। बॉब ने आंख और हाथ से फ्लोर पर बायोमेट्रिक कमांड दिया और नीचे खुफिया सेक्शन का दरवाजा खुल गया। बाकी सबको ऊपर रहने के लिये बोलकर आर्यमणि नीचे उतर गया।


नीचे की पूरी जगह खाली नजर आ रही थी। वहां केवल एक मेडिकल बेड लगा हुआ था जो हैरानी और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ था। उस बेड पर कोई लड़की लेटी हुई थी। उसके दोनो हाथ नीचे झूल रहे थे। जहां बेड लगा था वहां नीचे फर्निस फ्लोर नही था, बल्कि मिट्टी की जमीन थी। लड़की के दोनों हाथ पर जड़ें के रेशे जैसे पूरा लिपटा था जो जमीन से निकलकर उसके हाथ की नब्जों पर फैला हुआ था। उसके चेहरे के ऊपर कोई कैप चढ़ा था क्यूंकि चेहरे के ऊपर रखा कपड़ा किसी के सर की आम ऊंचाई से काफी ऊंचा था।


आर्यमणि:- ऐसे किसे लिटा कर रखा है।


बॉब:- खुद को संभालना…


बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..
बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
अब ये मत कह देना वो लड़की पलक हैं भाई
 

11 ster fan

Lazy villain
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158
लिम भाई
इन अपेक्स सुपर नेचुरल को अभी तक पता हीं नहीं हैं कि आर्य एक वोल्फ हैं तो फिर...

पलक आर्यमणी की शादी नहीं होने देने का सवाल ही नहीं उठता हैं भाई

शादी नहीं हुई क्योंकि आर्य को अपनी ओर पेक की जिंदगी बचानी थी अपेक्स को मिटाना है इसलिए वो खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए वहां से भाग गया
जैसे किशन कन्हैया युद्ध के मैदान से पुरी मथुरा को लेकर भाग गए थें जरासंध से युद्ध के दौरान ओर द्वारका बसा लीं थीं भाई
Kyo nhi ho sakti hai shadi ...matalab palak Jo itna perfect hai aarya ke liye usse kyo nhi ho sakti ..Mana ki wo Apex supernatural hai lekin aarya ko bed par maje bhi to di na utni hi...aur ye aarya bhi to ek wolf hai na phir dono me kyo nhi ho sakti...pahale bhi jivisha ek prithviwasi ki shadi viggo se ho gayi ....yaha se ek dulahan alian ke pass gayi to ek ko Lana bhi hai na...
 

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पलक आर्यमणी की शादी नहीं होने देने का सवाल ही नहीं उठता हैं भाई

शादी नहीं हुई क्योंकि आर्य को अपनी ओर पेक की जिंदगी बचानी थी अपेक्स को मिटाना है इसलिए वो खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए वहां से भाग गया
जैसे किशन कन्हैया युद्ध के मैदान से पुरी मथुरा को लेकर भाग गए थें जरासंध से युद्ध के दौरान ओर द्वारका बसा लीं थीं भाई
Kyo nhi ho sakti hai shadi ...matalab palak Jo itna perfect hai aarya ke liye usse kyo nhi ho sakti ..Mana ki wo Apex supernatural hai lekin aarya ko bed par maje bhi to di na utni hi...aur ye aarya bhi to ek wolf hai na phir dono me kyo nhi ho sakti...pahale bhi jivisha ek prithviwasi ki shadi viggo se ho gayi ....yaha se ek dulahan alian ke pass gayi to ek ko Lana bhi hai na...
 

Zoro x

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भाई पलक से रिश्ता होने के बाद जब आर्य पहली बार पलक के घर गया था और राजदीप ने मटन पार्टी के लिए बोला था तब आर्य ने कहा था कि वो नॉन वेज नही खाता तो राजदीप ने बोला था कि पहला वोल्फ है जो नॉन वेज नही खाता। बाद के कुछ प्रसंग में ये बात आई थी कि आर्य के पास कुछ स्पेशल पावर्स है। तो सीक्रेट प्रहरी को पता था ये बात, बस उन्हें आर्य के प्योर अल्फा होने का नही पता था।
हों सकता हैं राजदीप ने ऐसा बोला हों
लेकिन ना राजदीप ओर नाही उसकी फैमिली जानती हैं कि आर्य वोल्फ हैं
हां उन्हें शक था ओर हैं कि आर्य के पास विशेष शक्तियां हैं जो उसके दादा जी से मिलीं हों लेकिन आर्य एक वोल्फ हैं ऐसा जिक्र कहीं भी सिक्रेट प्रहरी के मुंह से सुनने को नहीं मिला हैं भाई

इसलिए आर्य ने बहुत सी परिक्षा भी दी थीं और पास भी की थीं ताकि भ्रम बना रहें भाई
 
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