बड़ी देर कर दी मेहरबां आते आते।
सोने के खान से सोने का चोरी होना ये सच भी हो सकता है। चाचा भागने से पहले अपना इनकम का इंतजाम कर गया होगा। नहीं तो इतने दिन गुजारा कैसे करता होगा।
जैसा कि कबीर को कविता और रमा के घर खोजबीन के दौरान सोने के गहने जेवरात मिले। उससे तो यही लगता है या तो चाचा सोना यहाँ से ले जाकर उनके लिए गहने बनवाता होगा या कविता और रमा खुद चोरी करके ले जाती होंगी। शायद यही कारण रहा होगा कविता के मौत के पीछे।
उम्मीद के उलट देखने को मिला। मुझे लगा था मंगू भी कबीर को प्रकाश के तरह उसकी औकात दिखाएगा। और शायद दोनों में हाथापाई देखने को मिलेगा। लेकिन यहाँ तो मंगू एक रट्टू तोते के तरह सब बक दिया। मुझे संदेह हो रहा है मंगू पर उसकी बातो पर, इतनी आसानी से कैसे सब बक गया।
अंजू और कबीर में नजदीकियां बढ़ रही है अंजू क्या गेम खेल रही है। उसका उतावलापन देख कर शायद कबीर कुछ कुछ समझ गया है।
आखिरकार कबीर का सूखा खत्म हुआ। चाची के साथ खाट कबड्डी खेल गया। खुले आसमान के नीचे छत पर।
अब भैया के पुराने कमरे में मेज में ऐसा क्या दिख गया। लैंप के रोशनी में। देखते हैं अब कौन सा नया सुराग मिल गया कबीर को।