धीरेन स्वामी जो प्रहरी में ताकत की लालच से आया था, वो बहुत सी बातों से अनभिज्ञ अपनी पूर्ण योजना में लगभग सफल हो चुका था। जहां एक ओर उसने अतीत में हुये अपने साथ धोके का बदला ले लिया था, और 22 में से 20 मेंबर के खिलाफ उसने पूरे सबूत जुटा लिये थे। उन्हे पूर्ण रूप से बहिष्कार तथा महाराष्ट्र से बाहर निकालने की तैयारी चल रही थी। वहीं दूसरी ओर आज रात भारद्वाज के घर चोरी के बाद, वह भारद्वाज को भी बाहर का रास्ता दिखाने वाला था।
वहीं दूसरे ओर सरदार खान अपने लगभग 180 कूरूर समर्थक और 6 अल्फा के साथ पूर्ण चांद निकलने का इंतजार कर रहा था। इस बार वह भी आर्यमणि की ताकत को खुद से कहीं ज्यादा आंककर तैयारी कर रहा था, इस बात से अनजान की उसके मालिकों (प्रहरी सीक्रेट बॉडी) ने अभी उसकी किस्मत लिख डाली थी बस फने खान को उसके अंजाम तक पहुंचाना था।
इस शादी में प्रहरी के सिक्रेट बॉडी के सभी लोग मौजूद थे जिनके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता था। हर सीक्रेट बॉडी प्रहरी अपने कुछ करीबी प्रहरी को भी साथ रखते थे, ताकि उनका मकसद पूरा होते रहे, बिना किसी परेशानी के। शाम ढलते ही चांद दिख जाता। पूर्णिमा की देर रात सबसे पहली लाश रूही और उसके बाद अलबेली की गिड़नी थी। अलबेली के बाद उन 20 शिकारी का नंबर आता, जिसे भूमि ने सरदार खान और उसकी बस्ती पर, 20 अलग-अलग पोजीशन से नजर रखने बोली थी। इन प्रहरी का शिकार करने के बाद चिन्हित किये 200 आम लोग को 50 अलग-अलग सोसायटी में हैवानियत के साथ मारा जाता। पुलिस और प्रशासन को भरमाने के लिए इन सारी घटनाओं को अलग-अलग इलाकों में जंगली जानवर का प्रकोप दिखाया जाता। इसके लिए दूर जंगल से जंगली कुत्ते लाये गये थे और उन्हें इंसान के मांस का भक्षण करवाया जा रहा था।
इंसानी मांस एक एडिक्ट मांस होता है। यदि किसी मांसाहारी को इंसानी मांस और उसका खून मुंह में लग जाए, फिर वो कई दिनों तक भूखा रह लेगा, लेकिन खायेगा इंसानी मांस ही। इसका बेहतरीन उधारहण शेर है, जिसे एक बार इंसानी मांस और खून की लत लग जाए फिर वो कुछ और खाता ही नहीं। एक पूर्ण कैलकुलेट योजना जिसके अंजाम देने के बाद सरदार खान अपने कुछ साथियों के साथ गायब हो जाता। जैसा की सरदार खान को सीक्रेट बॉडी द्वारा करने कहा गया था। वहीं दूसरी ओर सीक्रेट बॉडी की आंतरिक योजना कुछ और ही थी। पूरे एक्शन के बाद सरदार खान और उसके साथियों को किले में मार देना, जिसके लिये उन्होंने फने खान को तैयार किया था। उसके बाद जब प्रहरी समुदाय सरदार खान पर एक्शन लेती तब सरदार खान को उसके साथियों समेत किले में मारने का श्रेय पलक को जाता। प्रहरी के इस एक्शन से पलक रातों रात वह ऊंचाई हासिल कर लेती जिसके लिए भूमि को न जाने कितने वर्ष लग गये।
ये सभी योजना सीक्रेट बॉडी द्वारा बनाई गयि थी, जिसके मुख्य सदस्यों में उज्जवल और सुकेश भारद्वाज थे, जो शायद सीक्रेट बॉडी के मुखिया भी थे। इनके ऊपर तो भूमि और जया को काफी सालों पहले शक हो चुका था, लेकिन दोनो में से कोई भी यह पता करने में असफल रही की आखिर ये सीक्रेट बॉडी प्रहरी इंसान ही है या कुछ और? नागपुर की घटना को अंजाम देने के बाद प्रहरी की सिक्रेट बॉडी कितने तरह के फैसले लेता, वो भी तय हो चुका था।…
1) नागपुर नरसंहार में सरदार खान का नाम बाहर आने के बाद उसे खत्म कर दिया जाना था। इसके लिये उसके बेटे और करीबी माना जाने वाले फने खान को तैयार किया गया था।
सरदार खान जब अपनी टीम के साथ भागने के लिये वापस किला आता, तो उसे एक पार्टी मे उलझाया जाता। जहां उस एक वेटनरी डॉक्टर द्वारा नया तैयार किया गया कैनिन मॉडिफाइड वायरस खाने में मिलाकर खिला दिया जाता। कैनिन वायरस कुत्तों में पाया जाना वाला एक वायरस होता है, जिसके मॉडिफाइड फॉर्म को एक वुल्फ पर ट्राय किया गया। परिणाम यह हुआ कि नाक और मुंह से काला खून निकलता। वो अपना शेप शिफ्ट नहीं कर पाता। सरदार खान को खाने में वही वायरस खिलाकर उसके इंसानी शरीर को फने खान अपने हाथो से फाड़कर, सरदार खान और उसके साथियों को लापता घोषित कर देता।
2) रात में नाशिक से लौटा हुआ आर्यमणि सीधा किताब के पास जाता इसलिए उसके किताब खुलने से पढ़ने तक आर्यमणि पर कड़ी नजर रखी जानी थी। फिर वो गार्ड जैसे ही संदेश भेजते की यहां हम सब भी किताब पढ़ सकते है। ये सूचना मिलते ही आर्यमणि के पास एक खबर पहुंचती जिसमे रूही और अलबेली सरदार खान के किले मे फंसी हुई नजर आती। गुस्से में बस आर्यमणि को किले में पहुंचना था फिर उसके जोश को दर्द भरी सिसकी में तब्दील करने कि पूरी व्यवस्था सरदार खान कर चुका था। जिसका पहला चरण भूमि के घर से देखने मिलता।
गुस्से में इंसान का दिमाग काम नहीं करता और इसी बात का फायदा उठाकर मंजे हुए स्निपर पहले आर्यमणि को ट्राकुलाइज से इतनी बेहोसी की दावा देते जिस से वह केवल गुस्से में सरदार खान के किले में केवल घुस पता। बाकी आगे की कहानी लिखने के लिए सरदार खान वहां इंतजार कर ही रहा था। कोई चूक न हो इसलिए भूमि के घर से लेकर सरदार खान के किले तक जगह–जगह पर 50 स्निपर को तैनात किया जाना था। आर्यमणि को कार से बाहर लाने और उसे एक स्थान पर रोकने के लिए रास्ते में 500 लोग अलग–अलग जगहों पर योजनाबद्ध तरीके से रखे गये थे। कहीं को बच्चा अचानक से गाड़ी के सामने आता तो कहीं रास्ते में पियक्कड़ झगड़ा करते हुये कार को रोकते।
3) एक सोची समझी योजना जिसमे अभी–अभी रिटायर हुई भूमि को पद छोड़ने से पहले जिम्मेदार लोगो की बहाल ना कर पाने के जुर्म में उसे और उसके तमाम बचे प्रहरी को 10 साल की सजा सुनाई जाती, और उन्हे महाराष्ट्र से निकाल दिया जाता।
4) अन्य इलाके जहां बीस्ट अल्फा है, जैसे की मुंबई, कोल्हापुर, पुणे, नाशिक इत्यादि जगह। वहां पूर्णिमा के रात ही इनकी चल रही पार्टी के दौरान बीस्ट अल्फा को मॉडिफाइड कानिन वायरस सेवन करवाया जाता और उसकी शक्ति को किसी और में स्थानांतरित किया जाता। जब प्रहरी वहां पहुंचते तब पता चलता सरदार खान की तरह यहां के बीस्ट अल्फा भी मारे गये है। जिसे प्रहरी का वन नाइट स्पेशल प्रोग्राम घोषित कर दिया जाता जहां सभी बीस्ट अल्फा को समाप्त कर प्रहरी नए सदस्यों के सामने अपनी नई छवि स्थापित करती।
5) जिसे बिलकुल भी नहीं जिंदा छोड़ा जा सकता था, आर्यमणि, उसके लिये विशेष शिकारियों का भी इंतजाम किया गया था। थर्ड लाइन सुपीरियर सीक्रेट शिकारी, सीक्रेट बॉडी के द्वारा तैयार किया हुआ खतरनाक शिकारियों का समूह।
एक बात तो इस योजना से साफ थी। सीक्रेट प्रहरी बॉडी जान बूझकर अच्छा और बुरा खेमा बनाये रखते थे, जहां प्रहरी सदस्य आपसे में भिड़ते रहे और एक दूसरे के खिलाफ साजिश रचते रहे। जिसे प्रहरी सीक्रेट बॉडी को कोई मतलब नहीं था। बस मकसद सिर्फ उन्हे आपस में उलझाए रखना था, ताकि कोई भी इनके ओर ध्यान न दे।