जंगल के बीचोबीच एक तालाब के गर्भ में स्वर्ण मुद्राएं और
सुनैना के समाधी में रखे हुए स्वर्ण मुद्राएं....दो जगहों पर गुप्त तरीके से रखा गया सोना....
अंजू के मुताबिक उसकी मां के समाधी में छिपा हुआ सोना उसकी मां का ही था । अगर सोना उसकी मां का ही था तो अब तक उसे क्लेम क्यों नहीं किया अंजू ने ? छुपाकर रखने का क्या औचित्य है ? वैसे एक बंजारन के पास इतना अत्यधिक मात्रा में सोना ! ये हजम नहीं होता ।
तालाब में पड़ा हुआ सोना..... तालाब में पड़े हुए सोने को देखकर तो ऐसा ही लगता है कि किसी ने चोरी करके वहां फेंक दिया हो ताकि किसी की नजर उस पर न पड़े ।
ठाकुर साहब और रूडा चौधरी दो लोग ही ऐसे हैं जिसकी अमानत वो स्वर्ण मुद्राएं हो सकती है ।
दोनों में से किसी एक की यह मिल्कियत हो सकती है ।
और मुझे विश्वास है ठाकुर साहब दोनों जगहों पर पड़े हुए सोने से बेखबर नहीं होंगे ।
मुझे यह भी लगता है , अंजू के साथ धोखा हुआ है । चम्पा के साथ धोखा हुआ है । कविता के साथ भी धोखा हुआ होगा ।बल्कि बहुत सारी महिलाओं के साथ धोखा हुआ है ।
यह एक ऐसे व्यक्ति का काम है जो न सिर्फ धन का लालची था अपितु औरतों का रसिया भी था । अपने हवस और स्वार्थ सिद्धि के लिए न जाने कितने ही खून किए होंगे उसने !
इंतजार उस घड़ी का है जब चम्पा दुल्हन बनेंगी । और निशा एक बार फिर सभी के सामने प्रत्यक्ष खड़ी होंगी ।
वैसे ठाकुर साहब के साथ अच्छा बर्ताव किया था कबीर ने । धर्मात्मा बने हुए ऐसे ठरकियों के साथ ऐसा ही रूख अख्तियार करना चाहिए भले ही वो उसका बाप ही क्यों न हो ।
सभी अपडेट्स बहुत खूबसूरत थे फौजी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड ब्रिलिएंट अपडेट ।