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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Bahut hi zabardast update bhai..
Sonal nisha aur raj ka threesome zabardast tha udhar bechara doolha is sabse bekhabar tha ghar mein poore maze hain raj kr kabhi maa to kabhi mausi to kabhi bahan to kabhi chachi...

Khair ab to Anuj aur Sonal bhi nahi rahenge aise mein raaj kya dhoom machayega uska intezar hai
Bahut bahut dhanywaad bhai Keep supporting and enjoy story
 

Tiger 786

Well-Known Member
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Awes
UPDATE 104



अभी मुश्किल से रात के 8बजे थे और हम सब खाना खा कर हाल मे बैठे हुए दिन भर की विषयो पर चर्चा और आगे के कामो के लिये तैयारियो के बारे मे बाते कर रहे थे ।

सोनल और निशा उपर जा चुकी थी सोने और मै बहुत ही ज्यादा थक गया था तो मै मा को बोल कर अपने कमरे मे आ गया सोने ।

मैने मेरे कपडे निकाले और गर्मी के वजह से सिर्फ़ अंडरवियर मे सो गया ।

रात मे करीब साढ़े नौ बजे के करीब मेरा मोबाइल बजने की वजह से मेरी नीद खुली और मैने फोन चेक किया तो सरोजा जी का फोन था ।

मै पहले तो फोन देख कर उठाया ही नही ,,क्योकि मेरी नाराजगी जो थी उनसे लेकिन मन मे भड़ास भी निकालनी थी तो आखिरी रिंग तक मैने फोन पिक की ।

सरोजा - हाय हीरो कैसे हो

मै तुनक कर - हुउह आपसे मतलब ,,मै जैसा हू अच्छा हू
सरोजा - अरे सॉरी बाबा ,,,मै नही आ पाई ,मुझे एक डील के लिए बनारस आना पड गया था और भैया भी नही थे नही तो मै उनको ही भेज दी होती ।
सरोजा - तो सॉरी ना मेरे राजा ,,,माफ कर दो ना प्लीज

मै - हम्म्म ठीक है , जाओ माफ किया , लेकिन आप वापस कब आ रहे हो ।

सरोजा - बस यही कुछ एक हफते मे ,,,और बताओ सब कुछ कैसा रहा
मै - सब ठीक रहा , बस मा को बडी इच्छा थी आपसे मिलने की हुउउह आप आये नही

सरोजा - अच्छा बाबा नेक्स्ट टाईम पक्का हम्म्म
मै - हम्म्म
सरोजा - लग रहा है कि आज बात करने का मूड नही है,,,मूड बनाऊ क्या मेरे राजा का

मै मुस्कुरा कर - नही ,वो मै थक गया हू ना तो निद आ रही है

सरोजा - ओह्ह सॉरी , ठीक है तुम आराम करो ,हम बाद मे बात करते है । बाय गुड नाइट मेरे हीरो उउउउमम्मम्ंआआआह्ह

मै - ह्म्म्ं गुड नाइट

फिर मै फोन रख कर लेट जाता हू ।
तभी मेरा ध्यान मेरे खाली पड़े बिस्तर पर जाता और कुछ सोच कर मेरी निद पूरी तरह से गायब हो जाती है ।

मै मन मे - अरे मेरे साथ कोई सोया नही है ,,मौसी कही पापा के साथ तो
मै मुस्कुरा कर - ओह्ह तो आज जम कर थ्रीसोम हो रहा होगा ।

मै इसपे ज्यादा ध्यान नही दिया ,,लेकिन थ्रीसोम से मुझे ध्यान आया कि आज क्यू ना सोनल और निशा के साथ एक थ्रीसोम कर लिया जाये ।

मै बडी ताजगी के साथ उथा और एक टीशर्त और लोवर पहन लिया । जेब मे अपना मोबाइल रख लिया ताकि उपर जाकर बाहर से फोन करके दीदी को जगा सकू और अनुज को भी पता ना चले ।
मै बाहर हाल मे आया तो पापा के कमरे से कुलर के चलने की आवाज आ रही थी और मै सीधा निकल गया उपर एक बार अनुज का कमरा चेक किया तो सब कुछ शांत मिला ,,,क्योकि अनुज और राहुल भी बहुत थक गये थे तो आराम कर रहे थे ।

मै दिदी के कमरे के पास गया और दरवाजे पर खटखट किया । मगर कोई रेस्पोंस नही मिला ।

मैने फौरन दिदी के मोबाइल पर कॉल किया तो मोबाइल बिजी बताने लगा ,,, जाहिर सी बात थी कि वो अमन से ही बात कर रही होगी ।

मेरे फोन की रिंग पाते ही अमन को होल्ड पर रख के वो फोन पिक की
दीदी - हा भाई क्या हुआ ???
मै खुसफुसा कर - दिदी दरवाजा खोलो
दीदी अचरज से - दरवाजा खोलू ? मतलब ???
मैने बिना कोई रिप्लाई के थोडा जोर से खटखट किया
दीदी - तू बाहर है क्या भाई ?
मै खीझ कर - हा मेरी मा अब खोलो
दीदी ओके बोल कर दरवाजा खोली लेकिन तब तक वो मेरा फोन काट कर अमन से बात करने लगी ।

दिदी फोन पे - हा वो राज फोन किया था ,, नही बस ऐसे ही , हा

मै मुस्कुरा कर कमरे मे घुसा और दरवाजा बंद कर दिया ।
दिदी इस वक़्त एक इनर टेप और शोट्स पहने हुए थी ,,,वही बिस्तर पर लेती निशा भी वही पहने हुए थी ।जो कि सोनल की ही थी ।

दीदी अमन से बात करते हुए मुझे इशारे बोली क्या बात है ।

मै एक शैतानी मुस्कान दी और वो समझ गयी तो अमन का कॉल म्यूट पर डाल कर बोली - भाई मै बात कर रही हू

मै हस कर निशा की ओर इशारा किया तो बोली - ठीक है लेके जाओ फिर

मैने मुस्कुरा कर ना मे गरदन हिलायि ,,वही बिस्तर पर लेती निशा मे मेरे आने से ही खुमारि चढ़ने लगी थी ।
सोनल मेरे ना मे गरदन हिलाने पर निशा को देखती है जो इतरा रही होती है ।

मै हस कर - आप बात करो ना दिदी ,,हम आपको डिस्टर्ब नहीं करेंगे , बिना कोई आवाज के

सोनल मेरी बातो पर कोई प्रतिक्रिया देती उससे पहले ही अमन की आवाज सुनाई देने लगी जो काफी समय से सोनल की प्रतिक्रिया का इंतजार मे था ।

सोनल ने उसको अनम्यूट कर उससे बाते करने लगी और मै निशा की ओर बढ गया ।
सोनल वापस मोबाइल मे लग गयी ।
इधर मै निशा के पास गया तो वो उठ कर बैठ गई और हम दोनो एक गहरे लिपलॉक मे खो गये ।

धीरे धीरे उसके होठो को चुसते हुए मै उसे बिस्तर के किनारे तक ले आया और वो समझ गयी ।
उसने अपने पैर बिस्तर से लटकाये और मेरे लोवर को पकड कर खिच कर निचे किया ।

मेरा लण्ड जो पहले से ही खड़ा था वो निशा के हाथो का स्पर्श पाकर और टनटना गया ।

निशा बड़ी उत्सुकता से मेरे लण्ड को थाम कर उसकी चमडी को आगे पीछे करते हुए मेरी आंखो मे देखा और मुस्कुराने लगी ।

मैने भी उसके बालो मे हाथ फेरा और उसने झुक कर सुपादा खोलते हुए लण्ड को मुह मे ले लिया ।

इधर सोनल अमन से फोन पर बाते कर रही थी और उसकी नजरे मेरे और निशा पर ही जमी थी ।

यहा निशा धीरे धीरे पुरा लण्ड मुह मे लेने लगी वही सोनल की हालत खराब होने लगी और वो अमन की बातों का कोई खास जवाब नही दे रही थी ।

निशा बडे आराम से हौले हौले अपनी अदा से मेरे लण्ड को गिला करना शुरु कर दिया था और मेरे भी हाथ उसकी चुचियॉ पर थे जो टेप के उपर से ही उन्हे सहला रहे थे ।

मेरी नजर जब भी सोनल से टकराती तो वो बस एक मुस्कान देती और मै उसे पास आने का इशारा करता तो वो मुझे फोन दिखा देती ।

इधर थोडी देर तक निशा से अपना लण्ड चुसवाने के बाद मैने उसे खड़ा किया और उसके होठ चूसने शुरु कर दिया और होठ चुस्ते हुए शॉटस के उपर से उसकी कसी हुई गाड को मसलना शुरु कर दिया ।

हाथो मे भर भर के उस्के गाड़ के पाटो को फैलाने लगा ।
फिर मैने निशा को पीठ की ओर घुमाया और सामने लाकर निचे से हाथ ले गया और उसकी चुचियॉ को पकड कर मसल दिया जिस्से निशा की तेज सिसकी निकल गयी ।

निशा की सिसकी सुन कर सोनल ने चौक कर हमे देखा तो मै धीरे धीरे सोनल को दिखाते हुए निशा का टेप उपर कर देता हू और खुली कडक चुचियॉ को हाथो मे भर कर मसलने लगता हू ।

सोनल इस सीन को देख कर कामुकता से भर जाती है और उसके हाथ खुद ब खुद उसकी चुचियॉ पर चले जाते है । उसे हमारा रोमांस देख कर नशा सा होने लगता है और वो अमन से उसकी बाते सुन कर बस हू हा मे जवाब देते हुए हमे देखकर अपनी चुचियॉ को सहलाने लग जाती है ।

यहा निशा की हालात खराब थी क्योकि मेरी सख्त खुरदरी हथेलिया उसकी कडक निप्प्ल पर घूम रही थी और वो सिसक जा रही थी । निशा मादकता बस अपनी गाड़ को मेरे लण्ड पर घिसने लगी । अपने लण्ड पर उसके मुलायम गाड़ का स्पर्श पाकर मै और उत्तेजित होने लगा और एक हाथ निशा की चुत को शोट्स के उपर से ही सहलाने लगा ।
यहा निशा और भी अठखेलियां खाने लगी मेरे बाहो मे और वही सोनल ने धीरे धीरे अपने जिस्मो के हर हिस्से को छूना शुरु कर दिया और हल्की सिसकिया भी ले रही थी ।

मेरे हाथ निशा की चुचियॉ को मसल रहे थे और वो लाल होने लगे थे और दुसरे हाथ ने उसकी चुत को रगड़ रखा था ,,,,निशा की सिसकियाँ काफी कामुक थी ,,,उसका एक हाथ मेरे लण्ड को अपनी मुथ्ठी मे कस कर उसे भींच रहा था । ये सब देख के सोनल को रहा ना गया और उसने अपनी चुचिय बाहर निकाल दी टेप से और उन्हे मसलने लगी ,,,मगर अब भी उसने फोन नही काटा था , ना जाने क्या बाते हो रही थी ।

यहा मेरे हाथ निशा के शोट्स मे घुस कर उसकी पैंटी मे भी घुस गये थे और उसके चुत के दाने को सहला रहे थे ,,,उस्की चुत पानी बहा रही थी।

मैने बिस्तर की ओर झुकाया और उसकी शॉटस को पैंटी सहित जांघो तक सरका दिया ।
फिर मै घुटने के बल बैठ कर उसके गोरे मुलायम गाड़ के पाटो को सहलाते हुए उन्हे फैलाया और अपनी जीभ पर खुब सारा लार एक्थ्था कर निशा की गाड़ के गुलाबी सुराख को गिला करने लगा ।

अपनी गाड़ के सुराख पर मेरी गीली जीभ का स्पर्श पाते ही निशा तिलमिला उठी और काँपने लगी ।
मैने उसके कूल्हो को थामा और अच्छे से जीभ चलाना शुरु कर दिया ।
निशा की हालत खराब हो रही थी और वो अपने चुतड के पाटो को सखत करते हुए एठने लगी ,,,मगर मेरी मजबूत पकड से मै उसके चुतड के मुलायम गोरे पाटो को फैलाये चुत से निचले सिरे से गाड की सुराख तक मुह धन्साये जीभ फेर रहा था ,,वही सोनल की हालत भी कुछ खास ठीक नही थी ,,,वो तो अमन की बातो को पूरी तरह से नकार चुकी थी , वो क्या बके जा रहा था उससे सोनल को कोई मतलब नही था ,,,वो ब्स हमारी कामलीला देख कर बहुत ही गरम होने लगी थी ,,,उस्के हाथ उसकी खुली चुचियॉ से सरक कर उसकी चुत तक आ गये ।

सोनल बिसतर का टेक लेके अपनी जान्घे खोल कर बैठी हुई थी और एक हाथ से शॉटस के उपर से ही अपनी चुत को सहलाते हुए ,,,बहुत ही कामुक भरी सिसकिया ले रही थी ।

इधर निशा के पैर अकडने शुरु हो गये ,,,उसका सन्तुलन बिगड़ने लगा था । मुझे अहसास हुआ कि अब वो झड़ रही है यो मैने अपनी गर्दन निचे कर उसके चुत के निचले सिरो पे लगा दिया और चपड चपड़ जीभ चलाने लगा ।

निशा अपनी सासे बन्धे झडने लगी और यही मौका मुझे सही लगा और मैने खड़ा हुआ ।
फिर मैने निशा कर एक पैर फ़ोल्ड करके बेड पर रखा और लण्ड को उसकी चुत के टिका कर एक झटके मे आधा लण्ड उतार दिया ।

निशा की आंखे बाहर हो आने लगी और उसकी सिसकी इत्नी तेज थी कि उसने मुह पर हाथ रख लिया ,,,,मै एक पल को लण्ड को ऐसे ही रोके रखा और सोनल को देखा तो वो समझ गयी कि उसे अब फोन रख देना चाहिए

सोनल - सुनो मै बाथरूम जा रही हू अभी बात करते है ,,
ये बोल कर सोनल ने फोन काट दिया और मुस्कराकर मेरी ओर इशारा किया की मै आगे बढ जाऊ ।

मैने एक बार फिर निशा से कुल्हो को सहलाते हुए थामा और एक ताकत भरा धक्का निशा की चुत मे पेल दिया ,,,मेरा लण्ड निशा की चुत को चिरता हुआ उसकी जड़ तक चला गया ।

निशा दर्द से तडप उथी ,,,उसकी सिस्कियो मे दर्द की अह्ह्ह भरी थी ।

धीरे धीरे मैने ध्कके देने शुरु किये और पेलना जारी रखा

वही सोनल ने अपने सारे कपडे निकाले और नंगी होकर अपनी चुत को निशा के सामने ले गयी ।

निशा ने भी देरी किये बिना तुरंत अपना मुह उसकी चुत मे भिड़ा दिया ।

ये सब देख कर मुझमे और भी उत्तेजना आ गयी और मै निशा के दुसरे पैर को भी उठा कर बेड पर कर दिया

अब मेरा लण्ड सीधा निचे की तरफ निशा की चुत मे उतरने लगा ,,,,जिससे और भी पागल होने लगी ।

सोनल भी जो कि हमारी चुदाई से मदहोश हुई जा रही थी वो मुझे जोरदार धक्के लगाते देख कर और भी गरम होने लगी ।
उसने निशा के बाल को पकड कर उसके चेहरे को अपनी चुत पर बडी बेरहमी से दरने लगी ,,वही मेरे लम्बे लम्बे धक्के खाने से निशा बुरी तरह से तडप जा रही थी ।

इधर सोनल भी निशा के चेहरे को अपनी चुत पर दरते हुए झड़ रही थी और मै भी लगभग चरम पर ही था ।

एक झटके मे मैने अपना लण्ड निकाल कर निशा को झटका ।
वो दोनो समझ गयी कि क्या होने वाला है और वो फटाफत अपनी मेहनत का इनाम लेने घुटनो के बल फर्श पर बैठ गयी और अपना मुह खोल कर जीभ बाहर निकाल दिया ।

निशा का चेहरा बुरा तरह से बिखरा हुआ पडा था क्योकि मैने और सोनल ने मिल कर जो बेरहमी से मजे दिये थे ,,,
इधर मेरा माल निकलने को था और मैने अपनी एडिया उच्काई और लण्ड को मुठियाते हुए पिचकारी को दोनो के मुह पर छोडा और आखिर मे लण्ड को झाड़ कर खड़ा हो गया ।

दोनो ने बारी बारी से मेरे लण्ड को निचोड़ा और किसी पेशेवर लेस्ब्न पोर्नस्टार की तरह आपस मे मेरे माल को साझा कर एक दुसरे के होठ चूसे ।

फिर हम सब उठे और बेड पर बैठ गये ।
थोडा आराम करने के बाद वो दोनो अपने कपडे पहनने लगी ।तभी मेरी नजर एक पैक हुए बैग पर गयी जो दीदी की थी ।

मै - दीदी ये बैग क्यू निकाला है ।
सोनल - अरे हा ,,वो मुझे परसो मौसी के साथ उनके घर जाना है ना ,,तो कल उसी के लिए पैकिंग करनी है ।

मै - अरे लेकिन अभी से क्यू ,,,रमन भैया की शादी मे अभी तिन हफते है ना ।

सोनल - भाई मन तो मेरा भी नही है जाने का ,,,मगर मौसी मा से बोल दी है और मा ने भी हा कर दी है । तो कल मुझे उन्ही के साथ जाना पड़ रहा है ।

मै खुश होकर - अरे कोई बात नही मौसी के यहा जाओ ,,,वैसे भी वो अकेली पड जाती है ना काम करने के लिए ।

सोनल - हा इसिलिए मा ने अनुज को भी लेके जाने को कहा है ।
मै - लेकिन अनुज को क्यू
सोनल - पता नही , और कल हम सब लोग शॉपिंग के लिए भी जायेंगे ,,,फिर परसो यही से गाडी बुक करके मौसी के यहा सारा सामान लेके निकल जायेंगे ।

मै उलझन में - लेकिन ये सब प्लानिंग कब हुई
सोनल - अरे वो तो कल शाम को ही जब मौसी आई तो तभी । उस वक़्त तू था नही ना और इतने काम पड़े थे तो किसी को ध्यान मे ही नही आया ।

मै - हा ये भी है ,,,,कोई बात नही कल मै बात कर लूंगा मम्मी से ,,,
फिर मै उन दोनो को सोने का बोल कर नीचे चला आया ।
वैसे भी थक ही चुका था और कल फिर से भागा दौडी होनी थी । इसिलिए मै भी सो गया ।


सुबह 6 बजे मोबाईल का अलार्म बजा और मेरी निद खुली तो मै उठकर बाथरूम मे की ओर गया तो दरवाज बंद था ।

बाथरुम के दरवाजे पर खटपट सुन कर अन्दर से रज्जो मौसी की आवाज आई और मै इत्मीनान हो गया ।
फिर मै कमरे से निकल कर बाहर आया तो देखा कि चाचा चाची निशा राहुल सब लोग अपने घर निकल रहे है और मा भी एक मैकसी पहने बाहर गयी थी ।
मै - क्या हुआ सब लोग इतनी सुबह क्यू जा रहे हो
मा - पुछ वही अपनी चाची से पता नही कौन सी जल्दी है
चाची सफाई देते हुए - अरे बेटा बहुत काम पड़ा है ,,,इतने दिन से यही थी तो घर मे सारा समान बिखरा है ,,सारा कुछ साफ सफाई भी करना पडेगा ना

मै भी उनकी सम्स्या को समझा आखिर वो लोग हमारे लिए ही तो अपना काम सब कुछ छोड कर हमारे साथ लगे थे ।

तो मैने भी उनको जाने की इजाजत दी ।
फिर मै भी 8 बजे तक नहा धो कर फ्रेश हुआ और नास्ते के लिए आया ।


सभी लोग नासता कर रहे थे तो मैने मौसी से नाराजगी जताते हुए बोला कि कयू आखिर उन्होने मुझे नही बताया कि वो सोनल और अनुज को लिवा के जा रही है ।फिर मा ने मुझे प्यार से दुलारा और समझाया कि वहा ज्यादा लोग नही है ना तो ये लोग रहेंगे तो काम मे हाथ बट जायेगा ।
नासता करने के बाद मै और पापा अपने दुकान के लिए निकल गये थे और मैने बोल दिया कि वो लोग अनुज को ही लिवा जाये शॉपिंग के लिए ।

मा ने भी मेरी हालत समझी क्योकि मै बहुत थक गया था और मुझे दुकान भी देखना था । चुकी इस समय शादियो का समय चल रहा है तो अकेले अनुज के बस था नही कि वो सम्भाल ले ।

फिर मै दुकान पर निकल गया और देखते ही देखते आज का दिन बीत गया ।

रात को 8 बजे तक मै घर गया तो हाल मे काफी सारे समान की पैकिंग चल रही थी ।

मै - मौसी यहा से क्यू इत्ना सब ढो रही हो आप ,,, वहा शहर मे तो सब बडी आसानी से मिल जाता आपको

मौसी - अरे लल्ला ,,वहा मै अकेले घूम कर कितना और क्या क्या लेती ,,यहा तेरी मा ने मेरी मदद कर दी है अब कल हम लोग निकल जायेंगे गाडी बुक करके

मै - हा ये भी सही है ।
इधर मा और दीदी किचन मे खाना बना रही थी और अनुज मौसी के साथ समान की पैकिंग कर रहा था ।
इतने मे पापा भी आ गये और वो भी इतनी सारी शॉपिंग के लिए वही सब पुछताछ किये जो मैने की थी और मैने उन्हे जवाब देके संतुष्ट किया ।

रात मे 9 बजे तक खाना के बाद हम सब अपने अपने कमरो मे सोने चले गये ।
रात मे मौसी मेरे साथ ही सोयी और एक राउंड की जोरदार चुदाई के बाद मैने उन्हे पापा के पास भेज दिया और खुद उपर दीदी के पास चला गया ।


जारी रहेगी ।
Awesome update
 
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