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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Update 54

लालटेन की पिली रोशनी मे मौसी का बदन चमक रहा था उनके चुतडो की दरार गहरी और काली दिख रही थी ।
धिरे धीरे चल कर मौसी नाना के पैर के पास बैठ गई और दाये हाथ से लण्ड सहलाने लगी ।
नाना - रज्जो अब तू भी परसो चली जायेगी तो मै फिर से अकेला पड़ जाऊंगा बिटिया
मौसी - बाऊ जी मै तो आती जाती ही हू ना ,,लेकिन उससे जरुरी है कि आप अपना ख्याल रखें
नाना - तू रहती है तो मै बेफिकर होता हू और मज़ा भी मिल्ता है जीने का
मौसी - वही मज़ा ही अब आपको कम करना है बाऊजी
नाना - तो तू चाहती है कि मै बिना चुदाइ के रहू ,,,मेरी तलब जानती है ना तू

मौसी - हा जानती हूँ इसिलिए चेता रही हू आपको और आज आप मुझसे ये वादा करिये कि आप हफ्ते मे एक बार ही ये सब करेंगे
नाना - बस एक बार
मौसी - हा बाऊजी डॉक्टर ने क्या बोला पता है ना और मै नही चाहती कि ऐसा कुछ दिक्कत हो आपको
नाना - ठीक है मेरी मा लेकिन जब तक तू है तब तक तो ये सब नियम मै नही मानूँगा हा
मौसी हस कर - मै मानने दूँगी तब ना बाऊ जी हिहिहिही

नाना - तू कितना ख्याल रखती है रे मेरा आज 30 साल हो गये हैं तेरी मा को गुजरे हुए लेकिन इन 30 सालो मे तुने कभी तेरी मा की कमी नही होने दी ।

बुआ - आगे भी नही होने दूँगी हिहिहिही ,,, बुआ नाना के आड़ो को मसल्ते हुए बोली

तभी कमरे मे रोशनी हुई और बाहर भी
नाना - अह्ह्ह वाह आ गई लाईट जा बेटा खिडकी बंद कर दे

मै नाना की बात सुन कर झट से निचे बैठ गया और सोचा यार लग रहा है कि इन दोनो का ऐसे ही चलेगा मै चलता हू मा के पास
तभी खिडकी बन्द होने की आवाज आई और मै वापस से खड़ा हुआ और निकल गया मा के रूम मे
कमरे का दरवाजा खोला तो देखा की मा ब्लाऊज पेतिकोट पहने हुई थी और बेड पर टेक लगाये हुए टाँगे खोल कर अभी भी फोन पर लगी है और मुझे कमरे मे आता देख कर चुप रहने का इशारा किया
मै सोच रहा था कि ऐसी क्या बाते हो रही है । लेकिन मा का ये खुला खुला रूप देख कर मै उत्तेजित होने लगा
मै चुपचाप से दरवाजा बन्द किया और मा के बगल मे खड़ा हुआ तो मेरी नजर मा के सामने की तरफ भीगी हुई पेतिकोट पर गई तो सब कुछ मेरे समझ से बाहर जाने लगा

मै मा के कन्धे पर हाथ से ठोक कर इशारे मे पुछा की ये पेतिकोट कैसे भिगा
तो मा मुस्कुराते हुए फोन पर इशारा करते हुए चुप रहने को कहा
मै मा के बगल मे बैठ गया और मा के हाथ से मोबाइल लेके उसको स्पीकर पर कर दिया
तभी सामने से जो आवाज आई उससे मै खुसी से उत्तेजित होने लगा क्योकि ये आवाज शिला बुआ की थी

बुआ फोन से - अहहहह भाभी अब भैया मेरे गाड़ को जीभ से चाट रहे है उफ्फ्फ्फ हय्य्य दईया मर गईईई उम्म्ंमममं
मा हस्ते हुए - खा जाओ मेरे राजा आज अपनी बहन की गाड़ ,,ऐसा निशान लगाओ की जीजा जी जान जाये की उनकी रन्डी बीबी मायके मे किसी से चुद कर आई है हिहिहिहिही

पापा फोन से - सही कह रही हो जान,,,आज तो दीदी की गाड़ फाडकर रख दूँगा

मै मा , पापा और बुआ की सेक्सी बाते सुनकर बहुत ही उत्तेजना से भरने ल्गा और मा की जांघो को सहलाने लगा

मा ने मुस्कुरा कर एक नजर मुझे देखा और बोली - ओह्ह मेरे राजा आखिर कब मेरी गाड़ फाडोगे ,,, कल से लण्ड नही मिला है

पापा फोन से - कल आ रही हो ना जानू ,, कल तुम्हारी और दीदी की मिल कर फाडूंगा
मा मुस्करा कर मेरे चेहरे को दुलारते हुए - हा लेकिन आज रात का क्या होगा मेरे सईया

बुआ फोन से - अह्ह्ह्ह्ह भैया आराम से उह्ह्ह
मा - क्या हुआ जीजी
बुआ फोन से - वो भैया ने मेरे गाड़ मे अपना खूटा गाड़ दिया ना अह्ह्ह मा उफ्फ्फ

पापा फोन से - अह्ह्ह जान वहा राज है ना उसके साथ कुछ कर लो ना
मा मुस्कुरा कर मेरे गाल को चुमा और इतरा कर बोली - क्या जी आप मुझे मेरे बेटे की नजर मे रन्डी बनवाना चाहते हो
पापा फोन से - अह्ह्ह हहहह हा मेरी जान मै चाहता हू मेरा बेटा मेरे सामने तुम्हे रन्डी की तरह चोदे उफ्फ्फ दीदी क्या कसी हुई गाड़ है अह्ह्ह

मै पापा और बुआ की चुदाई भरी बाते सुन कर बहुत गरम हो गया था और मेरा भी मन अब मा की गाड़ मारने को होने ल्गा

मै झट से उठा और अपने सारे कपडे निकाल कर मा के सामने हाथ मे लण्ड मुठीयाते खड़ा हो गया । मा की नजर जब मुझ पर गयी तो वो मुस्कुरा कर चुत को पेतिकोट के उपर से रगड़ने लगी ।

जिससे मा की आह्ह निकलने लगी
बुआ फोन से - क्या हुआ भाभी आपको भी लण्ड मिल गया क्या
मा मदहोसी मे बोली - अह्ह्ह नही जीजी मै तो पहले के जैसे अब भी चुत मसल रही हू ,,मेरे हिस्से का लण्ड तो आप खा रही है

मै मा को कमर से थामा और घोड़ी बना दिया
मा थोडी अचरज मे इशारे से बोली क्या करने जा रहा है
मै मा की गाड़ को सहलाते हुए ह्सने लगा

मा मुस्कुरा कर हा मे इशारा की
बुआ फोन से - कल जल्दी आना भाभी हम दोनो गोदाम मे जाकर जम कर चुदाई करेंगे क्यू भैया अह्ह्ह उह्ह्ह
पापा फोन से - आह्ह हा हा क्यू नही ,,जीजी ठीक कह रही है जानू कल जल्दी निकलना और सीधा दुकान ही आना

मा घोड़ी बनी हुई सिसक रही थी क्योकि इस वक़्त मा के गाड़ के छेद पे मेरी जीभ नाच रही थी
पापा फोन से - ओह्ह जानू बोलो ना
मा सिसकते हूए - अह्ह्ह हा हा मेरे राअज्ज्जआ क्यू नही ,,मै तो आपके लण्ड के लिए तरस गयी हू ओह्ह्ह

मै लपालप मा की गाड़ चाट रहा था और बिच बिच मे हाथ मे भर कर मा की चुत रगड़ देता जिस्से मा और तेज सिस्क उठती
मै मुह मे लार इकठ्ठा किया और सारा मा के गाड़ की छेद पर लगा दिया और वापस से थोडा थूक लेके लण्ड के सुपाडे को चिकना किया

वही फोन पर बुआ और पापा की सेक्स से भरी बातचित जारी थी
मै झट से घुटनो के बल आया और मा की टाँगे चौडी किया । लण्ड को मा के गाड़ के छेद पर लगा कर अंगूठे से सुपाडे को दबाते हुए लण्ड को अन्दर डाल दिया
मेरे चाटने और लार की वजह से मेरा सुपाड़ा मा के गाड़ घुस गया और वही मा की अह्ह्ह और तेज होने लगी

मा - ओह्ह्ह राज के पापा अह्ह्ह उम्म्ंम
पापा फोन से - क्या हुआ जानु
मा - वो मैने अपने गाड़ मे एक मोटा गाजर डाला है उह्ह्ह ओह्ह उफ्फ्फ
पापा फोन से - अह्ह्ह मेरी जान इतनी तडप रही है अह्ह्ह और घुसा ले गाड़ मे उसको , पुरा भर ले अपनी गाड़ मे मेरी रान्ड

मै पापा की बात सुना और उत्तेजित होकर मा के कमर को थमा और धक्के लगाने ल्
गा ,,कुछ ही धक्को मे मा की खुली गाड़ ने रास्ता दे दिया और मै तेज़ी से मा की गाड़ फ़ाडना शुरू कर दिया जिस्से मा की चिखे तेज होने लगी

पापा भी फोन से बार बार मा को झडने के लिए उत्तेजित कर रहे थे
मा - हा मेरे राजा चुद रही है तुम्हारी रन्डी आह्ह्ह औह्ह्ह मज़ा आ रहा है ,,कब डालोगे मेरे राजा अपना मुसल मेरी गाड़ मे अह्ह्ह
मै मा की बातो से उत्तेजित होकर धकाधक मा के गाड़ मे पेले जा रहा था
मा कुछ पलो ढहने लगी और झडने लगी।
पापा फोन से - लग रहा है मेरी जान ने अपना पानी बहा दिया
मा हाफते हुए - आह्ह हा जान चलो मै साफ करने जा रही हू फिर बात करती हू

फिर मा ने फोन काट कर रख दिया और गरदन घुमा कर बोली - अह बेटा अब चोद अपनी मा को आह्ह आह्ह
मै मा की बात सुन के और उत्तेजित होने ल्गा ।
मा - हा बेटा और फाड़ अपनी मा की गाड़ ओह्ह्ह अह्ह्ह राज बेटा और तेज्ज़्ज़ उफ्फ्फ ह्य्य्य्य बस ऐसे ही अह्ह्ह्ह
मै तेज़ी से मा की गाड़ मे चोदे जा रहा था और मेरे सुपाडा अब फूलने लगा और मा की गाड़ मे फसने लगा
मै - आह्ह मा मै आने वाला हू आह्ह मा इह्ह्ह ऊहह
मा - झड़ जा बेटा अपनी मा की गाड़ मे ,,भर दे बेटा मेरी गाड़ मे अपना पानी उफ्फ्फ अह्ह्ह

मै अब चरम सीमा पर पहुंच गया और लण्ड को मा के गाड़ की जड़ मे ले गया और झटके के साथ झडने लगा । जब मेरे लण्ड की आखिरी ड्रॉप तक मा की गाड़ मे झाड़ दिया फिर मै खिच कर बाहर निकाला तो मा गाड़ की दरारो मे मेरा माल बहने लगा और मा बेसुध होकर बिस्तर पर ढह गयी ।
मै भी मा से अलग होकर बिस्तर पर गिर गया और हाफ्ने लगा ।
धीरे धीरे मेरी आँखो मे नीद आने लगी । आती भी क्यू नही सुबह से 5वी बार झड़ा जो था और मेरे बगल मे मेरी मा तो वैसे ही गाड़ उठाए सो गयी । फिर मै भी वैसे ही मा से चिपक कर सो गया ।

सुबह करीब 6 बजे मेरी आंख किसी के जगाने से खुली तो देखा मौसी थी जो झुक कर मेरा कन्धा पकडे मुझे हिला रही थी जिससे उनके लटके हुए चुचे हिल्कोरे मार रहे थे।

मै मुस्कुरा कर मौसी घाटियाँ देखते हुए बोला - गूड़ मॉर्निंग मेरी सेक्सी मौसी
मौसी चिढ़ कर - सेक्सी के बच्चे उठ जा और कुछ पहन के आज 10 बजे के बस से तुझे घर जाना है ।

मै - अरे हा मै तो भूल ही गया था
मौसी - अब उठ और जल्दी से नहा ले और आजा नासता करने
मै मौसी को अपना खड़ा लण्ड दिखाते हुए कहा- नासता तो यही है मौसी कर लो ना
मौसी मुस्कुरा कर - धत्त सुबह सुबह शुरू हो गया
मै जिद करते हुए - मौसी प्लीज ना अभी तो मै चला भी जाऊंगा तो फिर कब आना हो
मौसी - तू चिन्ता ना कर उसकी जाने से पहले मै तुझे मौका जरुर दूँगी अभी तू तैयार हो जा मेरा लल्ला

मै मौसी को हग किया और उठ कर कपडे पहन कर निकल गया फ्रेश होने

7 बजे तक मै नहा धो कर किचन मे पहुचा तो सारे लोग खुश नजर आ रहे थे सिवाय गिता बबिता के
मेरी नजर जब गिता से मिली तो वो हुह करके मुह फेर ली

मै सोचा जाने से पहले इन दोनों को मनाना पडेगा
मै जल्दी से खाना खाया और गीता बबिता से बोला - मिथी और गुडिया क्या तुम मेरा बैग पैक करवाने मे हैल्प करोगी ।

मामी - हा क्यू नही , जाओ बेटा भैया के साथ
फिर वो दोनो मुह फुलाए मेरे साथ मेरे कमरे मे आई और मै झट से दरवाजा बंद कर दिया ।

मै गिता को पीछे पकड कर हग करते हुए
मै -क्या हुआ मेरी मीठी गुस्सा है
फिर बबिता के चेहरे को उठाया - तुम भी नाराज हो क्या गुडिया

बबिता - हा भाईया हम दोनो नाराज है आपसे
गीता - आप हमे सुला कर कोमल दीदी के साथ खेलने लगे हा नही तो
मै उनकी मासूमियत पर हसा और एक आइडिया मन मे लाया

फिर मै दोनो से अलग होकर अपना जीन्स खोला और लण्ड बाहर निकाल दिया

मै - कौन कौन खेलेग इससे जल्दी जल्दी बताओ
दोनो घूमी और मेरा आधा खड़ा लण्ड देख कर खुश हो गयी और मेरे कदमो मे बैठ कर उसे चूसना शुरू कर दिया
दोनो बारी बारी से मेरे लण्ड को चुस कर मेरा लण्ड का माल पिया और मैने भी उनकी चुचीयो से खेला । फिर उनको एक बार फिर सम्झाया कि कैसे और कहा खेलना है दोनो को ।
फिर मै बाहर निकल आया तो पता चला कि सब नाना के कमरे मे है तो मै भी उधर ही चला गया।


देखते है दोस्तो अब जल्द ही राज की घर वापसी क्या रंग लाती है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा पढ कर कमेंट जरुर करे
धन्यवाद
 

Lutgaya

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