• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance भंवर (पूर्ण)

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,259
189
oh hoo hooo hoo hooooo ... sab doc hi fase hain kya yahan istory me .. ab kirdaron ka medical report satika rakhna hoga warna sawalon ke ghere me aa sakta hun :D..



ha ha ha ... main to likh hi raha hun .. doc babu likhe ki na likhe .. aap sharton tale bojh kahe dal rahi :D
roka kisne hai... likhiye.... par yaad rakhiyega agar cuckold story huyi toh :D
Bahot achhe reviews milenge Kyun kamdev99008 ji thik hai na.. waise ff ji ko zyada khushi hogi hain na :D
 

nain11ster

Prime
23,618
80,604
259
Update:-56



रास्ते में ऐमी, अपस्यु से बात करती रही लेकिन अपस्यु हिम्मत अब टूट चुकी थी। वो बेहोश सा होने लगा था, फिर भी वो किसी तरह खुद को खींचते हुए पार्किंग तक पहुंचा। लेकिन ज्यों ही वो कार में बैठा, उसके मुंह से खून की उल्टियां होने लगी और वो बेहोश होकर वहीं सीट पर गिर गया।

आखें बंद हो चुकी थी, श्वांस बिल्कुल मध्यम, ना के बराबर। अपस्यु को इस हाल में देखकर ऐमी की भी श्वास अटकने लगी थी और आखें भिंग चुकी थी। अपस्यु का हाथ पकड़कर ऐमी अपनी आखें मूंद ली, तेज श्वास अंदर खींचती कुछ पल को याद याद करने में बाद अपनी आखें खोली।

अपने आंसू पोंछ कर वो इधर-उधर देखने लगी। पास में ही एक बियर की बॉटल पड़ी थी। ऐमी उस बॉटल को तोड़कर अपस्यु के पेट के मास्क स्किन को चिर दी। घड़ी में समय देखी और ड्राइविंग करती हुई स्वस्तिका को कॉल लगाई…

"कामिनी कहीं की.. तू यदि मुझे मिल गई ना तो देखना मै तुम्हारा क्या हाल करती हूं।"… ड्राइविंग करती वो पूरे गुस्सा उतारती हुई कहने लगी…

स्वस्तिका:- हेय क्यूटी, कितनी बार सॉरी कहूं… बस मै बंगलौर एयरपोर्ट से बाहर निकल ही रही हूं मेरी जान।

ऐमी:- जहां से आयी है वहीं वापस लौट जा। मेरा प्रोग्राम कब का खत्म हो गया और तू क्या मेरे जले पर नमक छिड़कने आयी है। वैसे भी इस अपस्यु ने मेरा जीना हराम कर दिया आज। इतने नशे में था कि बियर की बॉटल पर गिर गया। एक तो मै अकेली हूं ऊपर से इसकी ऐसी हरकतें। मै ही पागल हो जाऊंगी…

स्वस्तिका:- अरे यार, इसका कुछ नहीं हो सकता। तुम उसे एडमिट करवाओ, मै भी वहां पहुंच रही हूं…

ऐमी:- मै अकेली सब कर लूंगी.. तू दिखियो भी नहीं होस्पिटल में।

ऐमी गुस्से में फोन रखी और एयरपोर्ट के रास्ते में पड़ने वाले हॉस्पिटल में पहुंची। आते ही उसने सारी कहानी बता कर अपस्यु को उस हॉस्पिटल में एडमिट करवाई। नजर बस अब प्रवेश द्वार पर ही था, और प्राण हलख में। तभी जैसे सामने प्रवेश द्वार से उसकी हसी वापस आ रही हो। स्वस्तिका एयरपोर्ट से सीधे हॉस्पिटल आयी और भागती हुई ऐमी के पास पहुंची।

जैसी ही वो ऐमी के पास पहुंची, एक तमाचा उसके गाल पर पड़ा और ऐमी उससे झगड़ा करती हुई ऑपरेशन थियेटर कि ओर चल दी। .. ऑपरेशन फ्लोर पर आते ही वो वाशरूम में घुसी और वहां के सर्विलेंस को हैक करती हुई स्वस्तिका को ऑपरेशन थियेटर में जाने का इशारा कर दी।

3 सेकंड का पॉवर ऑफ हुआ और स्वस्तिका ऑपरेशन थियेटर के अंदर थी। खुद के चेहरे को एंटी गैस मास्क से कवर करके, उस ऑपरेशन थियेटर में उसने एक बेहोशी की गैस छोड़ दी.. बस 5 सेकंड में ही अंदर के डॉक्टर और सभी स्टाफ वहां बेहोश परे थे।…

स्वस्तिका दरवाजा नॉक करती हुई ऐमी को अंदर ली और तेजी के साथ अपस्यु के उप्पर बॉडी मास्क को सावधानी से निकली।…. "ऐमी.. प्लस चेक करो.. ऐमी".. स्वस्तिका को उसे जगाने के लिए थोड़ा चिल्लाना परा…

"हां… कुछ नहीं होगा तुम्हे .. अपस्यु"… बावरी सी बनी ऐमी कुछ भी बोल जा रही थी। स्वस्तिका अपस्यु को इंजेक्शन लगाते हुए ऐमी से कहने लगी…. "जब ये 300 फिट के पर्वत से गिर कर नहीं मारा तो क्या ये बुलेट से मरेगा।.. अब या तो तुम मेरी मदद करो या फिर बाहर जाकर रो लो।"…

ऐमी, दोनों हाथों से अपनी आखें पोंछती… "सॉरी बताओ क्या करना है।"…

2 घंटे के ऑपरेशन और 3 घंटे के मेडिकल सपोर्ट के साथ अपस्यु की स्थिति सामान्य थी। सुबह के लगभग 7 बज चुके थे। अंदर बेहोश डॉक्टर को छोड़कर दोनों बाहर आ गई। ऐमी वापस से वाशरूम जाकर सर्विलेंस पर से अपना कमांड हटाई और चेहरा धोकर वापस आ गई। तबतक स्वस्तिका रिसेप्शन पर पहुंच कर हंगामा मचा रही थी।

वहां के सभी स्टाफ को हड़कती वो कहने लगी… "मै भी मेडिकल प्रोफेशनल हूं, आखिर एक मामूली कट के लिए तुमलोग कितने देर तक मेरे दोस्त को ऑपरेशन थियेटर में रखोगे। कहीं तुम लोगों का किडनी निकाल कर बेचने का इरादा तो नहीं।"

इतने में पीछे से ऐमी भी पहुंच गई और आते ही वो भी उन सब पर बरसने लगी। उसने तुरंत 100 नंबर डायल करके पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई। पुलिस का नाम सुनकर ही हॉस्पिटल प्रबंधन सकते में आ गया। कुछ सीनियर डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर में घुसे, और इधर बेहोश हुए डॉक्टर और स्टाफ, उठकर समझने की कोशिश में जुटे थे कि यहां हुआ क्या था।

सीनियर डॉक्टर्स अंदर घुसते ही पेशेंट् की कंडीशन और उसके कट के ऊपर लगे स्टिच को देखकर कहने लगे…. "मामूली 5 स्टिच करने में आप लोगों को 6 घंटे कैसे लग गए? पेशेंट के साथ आए लोग पुलिस कंपलेंट कर चुके हैं।"…

फिर क्यों किसी को ख्याल आए की रात क्या हुआ था। अब तो मेडिकल और हॉस्पिटल लाइसेंस बचाने कि नौबत आ चुकी थी। तुरंत ड्रामा सेट किया गया, कुछ फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई और हालत को अत्यधिक ही नाजुक दिखाया गया। बियर बॉटल की कांच किडनी में घुसा, कुछ कांच के टुकड़े अंदर टूट गए .. छोटे-छोटे कांच के टुकड़े किडनी के अंदर फसे थे, जिस कारण स्तिथि नाजुक हो गई थी और इन्हीं कांच के टुकड़ों को निकालने में समय लग गया था। पेशेंट अब स्टेबल है लेकिन 4 दिन आईसीयू में रखकर निगरानी देनी होगी। ..

ड्रामा तैयार था.. इधर तबतक ऐमी की शिकायत पर पुलिस भी पहुंच चुकी थी। वहां के सभी डॉक्टर पूरी कहानी के साथ अपस्यु की रिपोर्ट पुलिस को सौंपते हुए अपनी सफाई पेश करने में जुट गए। पेशेंट की हालत जाने बिना शिकायत दर्ज करवाने के लिए पुलिस ने ऐमी को खूब सुनाया। जाने से पहले ऐक्सिडेंट की रिपोर्ट उन्होंने दर्ज की और होश में आते ही उसका सबसे पहले बयान दर्ज किया जाना है ऐसा हॉस्पिटल प्रबंधन को कहते हुए सभी पुलिस वाले वहां से निकल गए।

अब इतना बड़ा ऑपरेशन था तो जाहिर सी बात है माल भी उतना ही लगना था। हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस बुलाने कि गलती के लिए ऐमी से ऑपरेशन कि भरी कीमत वसूल लिए। ऐमी खुशी-खुशी अपना कार्ड स्वैप करवाकर वहां से स्वस्तिका के साथ कैफेटेरिया चली आयी।

स्वस्तिका:- अब सब ठीक है, इतने ख्यालों में डूबी रहोगी तो काम कैसे चलेगा।

ऐमी:- नहीं मै अपस्यु के बारे में नहीं बल्कि हमारी पहली मुलाकात को याद कर रही थी।

स्वस्तिका:- अतीत दर्द है उसे छोड़ दो, वर्तमान में जियो और खूब मस्ती करो। चलो अब स्माइल करो..

ऐमी, मुस्कुराती हुई… शुक्रिया स्वस्तिका, तुम नहीं होती तो पता नहीं क्या होता।

स्वस्तिका:- मै नहीं होती तो कोई और होता। अब फिर से वहीं इमोशनल बातें। अच्छा वो छोरो और ये बताओ कि तुम्हारे ये फिगर इतना सेक्सी क्यों होता जा रहा है। कहां तुम्हे समतल मै बुलाया करती थी और आज तो 34 के दिख रहे है।

ऐमी:- मेहनती करती हूं फिगर पर ऐसे ही थोड़े ना बनता है ऐसे फिगर।

स्वस्तिका, आंख मारती हुई कहने लगी….. किसकी मेहनत तुम्हारी या किसी और कि..

दोनों हसने लगे.. फिर गर्ल्स चिट-चाट शुरू हो चुकी थी… एक बार जो बातें शुरू हुई, फिर होती ही चली गई। बातों के दौरान ही स्वस्तिका को कोकीन लाने की कहानी भी पता चली और दोनों ने तय किया कि कल रात उस डिस्को में जाना कुछ ज्यादा ही जरूरी है।

इधर जब तक ऐमी और स्वस्तिका कैफेटेरिया में अपनी चिट-चैट में व्यस्त थी कल रात वाला वो पुलिस दोबारा आया था। इस बार वर्दी में था… सिटी एसपी.. वो आते ही अपस्यु का पूरी केस फाइल देखा फिर वहां के सर्विलेंस को पूरा चेक करने के बाद आईसीयू में जाकर अपस्यु के जख्म देखे और वापस आ गया।

वापस आते ही उसने आरडी के मालिक वेंकट रेड्डी को कॉल लगाया…. "सर कल रात से पूरा नजर बनाए हुए था, पर ये दोनों कोई आम से लड़का लड़की लग रहे है। इनकी फोन कॉल कल से चेक कर रहा हूं। जितने लोगों से इनकी बात हुई है सब दिल्ली में ही है। हां इनका एक कॉमन फ्रेंड वो कल रात इनसे मिलने पहुंची थी।"

रेड्डी:- तुम्हारा मन क्या कहता है.. क्या ये लोग इन्वॉल्व हो सकते हैं?

एसपी:- देखिए सर, दोनों जब से बंगलौर आए हैं बस दोनों साथ में घूम ही रहे थे। मैंने हर जगह के सर्विलेंस को देखा है। दोनों शायद गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड है। पहले दिन ये लोग बंगलौर घूमे। मूवी देखे और वापस अपने होटल। दूसरे दिन भी ये लोग डिस्को में थे.. तीसरे दिन संगीत में हिस्सा लिया था लड़की ने.. और क्या गीत गायी वो.. कोई बनावटी नहीं बल्कि ओरिजनल कला थी वो। अब यदि इनपर फोकस करते रहेंगे, तो हम उन प्रोफेशनल तक कभी नहीं पहुंच पाएंगे।

रेड्डी:- मै तो इनकी प्रोफ़ाइल देखकर शुरू से कह रहा था ये दोनों नहीं हो सकते तुम्हे ही शक था।

एसपी:- उस दिन के कार चेस को देखकर कुछ शक सा हुआ था। ऊपर से इन दोनों के होटल भी ऐसे लोकेशन पर है जहां से सब कुछ कवर किया जा सकता है।

रेड्डी:- अरे केवल चेस यहीं थोड़े कर रहे थे, वो 8 लोकल लड़के और भी तो थे। वैसे उस लड़की ने ऐसी आग लगाई थी वहां डिस्को में कि कोई भी पीछे पर जाए। अब इस उम्र में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ, गाड़ी में स्पीड अपने आप आ ही जाती है। तुम उन बच्चों को छोड़ो और असली चोर को ढूंढो। आखरी वो कौन सा चोरों का ग्रुप है जो मेरे वाल्ट तक घुसने कि हिम्मत कर सकता है।


USA Trip… 18 June 2014…


मिश्रा फैमिली अपने फैमिली फ्रेंड्स के साथ पुनर्मिलन कर रही थी। सभी लोग मेल मिलाप करते हुए बैंक्वेट हॉल में आए जो पहले से इनके लिए आरक्षित रखा गया था। यूएस के रुलिंग पार्टी के सेनेटर और मशहूर उद्योगपति प्रकाश जिंदल अपने परिवार के साथ अपने पुराने मित्र से मिलने के लिए पहुंचे हुए थे।

लेकिन इनके मिलने की विशेष वजह ये भी थी कि जिंदल के छोटे सुपुत्र ध्रुव जिंदल की मुलाकात साची से करवाई जाए। ये दोनों कुछ दिन साथ रहकर एक दूसरे को जान सके और पसंद कर सके, ताकि इनके रिश्ते की बात आगे बढ़ाई जा सके।

इसी नेक ख्याल के साथ दोनों परिवार आपस में मिल रहे थे। इधर साची भीड़-भाड़ से अलग बैठकर लावणी के साथ बातों में लगी हुई थी…. "हेल्लो, आई एम् ध्रुव जिंदल, सन ऑफ मिस्टर प्रकाश जिंदल।"..

साढ़े 6 फिट का, इंडो-यूएस हाइब्रिड, एक दिलकश नौजवान साची के ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए अपना परिचय दिया… साची भी उससे हाथ मिलती हुई कहने लगी…. "हाई, आई एम् साची।"

ध्रुव:- आप…. बहुत.... खूबसूरत... लग रही हो।

साची, उसकी बात सुनकर हंसती हुई… "जी शुक्रिया।"

ध्रुव थोड़ा कंफ्यूज होते हुए पूछने लगा…. "क्या… हुआ, ….. आप ऐसे… हंस… क्यों… रही हो।"

इस बार लावणी और साची दोनों हसने लगी…. "सॉरी, वो आप की हिंदी इतनी प्यारी है कि हमे हंसी आ गई।"… साची अपनी हंसी रोकती हुई कहने लगी…

ध्रुव:- वो.. अभी.. मै थोड़ा थोड़ा…. ही सीख.. पाया… हूं… इसलिए.. मै.. तोड़ तोड़.. कर… बोल रहा… हूं। मेरे… कुछ… मित्र… भी… मेरी.. हिंदी.. पर.. ऐसे.. ही.. प्रति…क्रिया ….. देते है।

उसकी बातें सुनकर तो साची और लावणी अपनी हंसी रोक ही नहीं पा रही थी और ध्रुव साची की खिली हंसी में खोया जा रहा था।… "जब… आप.. हंसती है… तो… बाहर… आ.. जाती है…

साची:- व्हाट्… आप ने अभी अभी बाहर कहा…

ध्रुव:- no, sleep of tongue.. it's blossom..

साची:- ओह ! इसे बाहर नहीं बहार कहते है…

ध्रुव:- ब हा र… बहार…

साची:- राईट…

लावणी वहां से उठकर जाने लगी, तभी उसे बिठाते हुए साची पूछने लगी… "तू किधर चली।"..

लावणी:- देख नहीं रही क्या दीदी… बड़ी मां मुझे बुला रही है।

साची:- ठीक है जा…

लावणी, साची को छोड़कर भीड़ का हिस्सा बनने चल दी और इधर साची ध्रुव की हर बात पर हंसती हुई उसके साथ बातें करने लगी। लावणी जब सबके बीच पहुंची तो उसे ऐसा लगा, जैसे वो किसी कन्फ्यूजन के शिकार हुए किसी फिल्मी परिवार से मिल रही है।

साची और ध्रुव को ऐसे हंसकर बातें करते हुए देख सभी लोगों के ख्यालों में ऐसा गलतफहमी का बीज उगा की दोनों की कुंडलियां बदलते हुए कहने लगे… "लगता है दोनों ने एक दूसरे को पसंद करना शुरू कर दिया है… हम भी कुंडलियां मिला ही लेते है।"…
 
Last edited:

rgcrazyboy

:dazed:
Prime
1,962
3,395
159
Baat story restart karne ki huyi thi... aur Waade ki mutabik restart kar bhi diya... aur kya chahiye... Zyada lalach sehat ke liye hanikarak hain :D
aur ju ek revo tak dene nahin gaye us ishq risk pe :bat:
main bhut reply kiya us story pe.
ab vaha adhuri chhod kar nikal gaya nainu.
vo bhi last main aane ke baad.
idhar naya update dene do usko fear reply mile ga.
vaha ka last update main nichay ko kise ice ke phad ke niche mara huaa dal diya uske baad nainu gayab ho gaya pahle is sawal ka jawab chahe hai mere ko :bat:
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,259
189
main bhut reply kiya us story pe.
ab vaha adhuri chhod kar nikal gaya nainu.
vo bhi last main aane ke baad.
idhar naya update dene do usko fear reply mile ga.
vaha ka last update main nichay ko kise ice ke phad ke niche mara huaa dal diya uske baad nainu gayab ho gaya pahle is sawal ka jawab chahe hai mere ko :bat:
Best friend nandu ki wajah se aur alien treatment ki wajah se nischal bach gaya tha :D Btw kaafi emotional scene create kiya tha writer sahab ne us do teen updates mein :smile:
 
Last edited:

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,259
189
Imli ki dard haale bayan nahin ki jaa sakti jab uska chahne wala, uska sabse achha dost uske ankhon ke samne hi til til ke aise marne ki kagar tak pahonch gaya tha ...kabhi na rone wali imli ki haalat aisi ho gayi thi ki woh khud par kabu tak nahin rakh pa rahin thi.... Khair ant bhala sab bhala.. swastika ki madad se apsyu ko bacha hi liya usne aakhir kar....
hmm..... kaafi drama kiya dono ne milke ush hospital mein... aur kamyab bhi mili.. waise ek aur kamyabi mil chuki hai....
Ab woh reddi ya uske log un dono shaq nahin karenge.... planning joh itni achhi thi...
well well well yeh kya saachi ke liye sach rista le aaye .. woh bhi ek aise lallu ko... woh kya dialogue tha... are haan wohi... teen guna lagaan dena paregggga.. :lol:
मै.. तोड़ तोड़.. कर… बोल रहा… हूं
are yaar muh se sufari nikal ke baat kar jhingul.. . Wo kya hain na niche subtitle bhi nahin hai.. :lol:
ha ha ha ha ha ha ha ha ha :lol:
Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skill nainu ji :yourock: :yourock:
 

THE FIGHTER

Active Member
508
1,389
138
Ye bhai ye kya chal raha hai
Kabhi behosh hone ko hota hai kabhi khoon ki ulti karta hai bas kar jaan lega kya bacche ki
Bahot hi alag tarike ki treatment hai apsyu ki
Jaan bacha leti hai kaisi bhi ho koi baat na hai
Waise ab Amy us drug dealer ka kya karegi:angrywife:
Swastika
Ab jo bhi huwa hoga agle update me padhta hu
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
Staff member
Divine
Moderator
31,215
78,147
304
Update:-55



अपस्यु बचाव के लिए जबतक बेहोश पड़े गार्ड के पास लेटता, उससे पहले ही उसके शरीर को 2 गोली और भेद चुकी थी। दर्द ने उसके गति को धीमा तो किया लेकिन वो दो गार्ड के बीच लेटकर अपने लिए थोड़ा वक़्त निकला। उल्टी गिनती के अब 90 सेकंड ही बचे थे।

सभी माइक्रो डिवाइस नीचे खुले रास्ते में जरिए नीचे पहुंच चुके थे। एक बड़ा सा वाल्ट था, जिसके ऊपर एक रेटीना स्कैनेर लगा हुआ था। सारे माइक्रो डिवाइस, उस स्कैनर के ऊपर आकर उसे पूरा कवर कर चुके थे। उसके कोने से वो जगह बनाते धीरे-धीरे अन्दर घुसते चले गए। स्कैनर में लगे वायर के रास्ते वो सारे डिवाइस वाल्ट के अंदर तक पहुंच चुके थे। वहां जितनी भी फाइल रखी थी लगभग सभी फाइल्स में घुसकर अंदर हर पन्ने को पूरा स्कैन होने लगा।

ऐमी वक़्त पर काम ख़त्म करके सभी डिवाइस को वापस आने का कमांड दे चुकी थी और इस बीच अपस्यु भी बेहोश गार्ड के बीच आकर लेट चुका था। अपस्यु को इस बात का इल्म था कि जो भी फायरिंग कर रहा है वो लेटे हुए पर इसलिए गोली नहीं चला सकता क्योंकि वो उसी के साथी होंगे।

अपस्यु जैसे ही लेटा, उसकी तेज चलती सासों के साथ आ रही दर्द कि हल्की आवाज ऐमी साफ सुन पा रही थी। "वहां क्या हो रहा है.. तुम सुरक्षित तो हो अल्फा (अपस्यु)"…. "लेटे रहना बीटा (ऐमी).. क्या तुम 6 फिट ऊंचा आग जला सकते हो बीटा"…. "कितने सेकंड का विंडो चाहिए"… "3 सेकंड का विंडो चाहिए…. 30⁰ पुरव 1 मीटर के रेडियस में आग चाहिए।"

10 सेकंड का वक़्त लेती हुई ऐमी ने जवाब दिया… "मै तैयार हूं अल्फा"…. "मेरे 3 की गिनती पर तैयार हो जाना एक बार फिर कदम मिला कर भागने के लिए बीटा"… "मै तैयार हूं।"…

3 की गिनती के साथ ही ऐमी कमांड देकर दौड़ने के लिए तैयार थी। ऐमी के कमांड देते ही सभी माइक्रो डिवाइस 1 मीटर के रेडियस का सर्किल बनाते हुए, वहां 10 फिट ऊंचा धमाका हुआ। अचानक से तेज लपटें उठीं, और अपस्यु ऐमी का हाथ पकड़ कर तुरंत ग्राउंड फ्लोर के बाहर आया।

इधर आग जलने के कारण थर्मल डिवाइस बॉडी स्कैन तो नहीं कर पा रही थी लेकिन हवा में लगातार गोलियां फायर हो रही थी। बाहर निकलते ही ऐमी ने सिक्योरिटी अलर्ट के पास लगी डिवाइस में एक छोटा सा धमाका की और देखते ही देखते फिर से वो ग्राउंड फ्लोर स्टील के मजबूत दीवारों से ढक चुकी थी।

उल्टी गिनती के 30 सेकंड बचे थे। बाहर घुएं का कोहरा छटने लगा था, पुलिस के सायरन की आवाज़ दोनों को सुनाई भी देने लगी। अपस्यु ने फिर से बाहर स्मोक का कोहरा बना दिया और ऐमी ने लैपटॉप बैग में डाला। दोनों वापसी के लिए तैयार थे।

दौड़ते हुए दोनों ने तकरीबन 100 मीटर की दूरी तक पूरा कोहरा की चादर बिछाते हुए आगे बढ़े और अपने तय समय से 1 मिनट की देर से 10.21 मिनट पर वापस कमरे के पीछे पहुंच चुके थे।

ऐमी खिड़की से अंदर गई और पीछे से अपस्यु पहुंचा… दोनों बिना कोई देर किए अपने बुलेट प्रूफ जैकेट को निकालाना शुरू कर चुके थे। ऐमी जबकि अपने ऊपर कपड़े डाल रही थी और अपस्यु अपने चोट खाई जगह को कॉटन से दबा कर खून को नीचे गिरने से रोक रहा था।

"ऐमी, क्या तुम जल्दी से इनपर पट्टियां बांध कर मास्क करोगी।" ऐमी पीछे पलटकर, जब अपस्यु के खुले बदन पर बहते खून को कॉटन से साफ करती देखी, तो वो हताश हो गई…. "अपस्यु तुम्हे ट्रीटमेंट की जरूरत है। अभी हॉस्पिटल चलो।"

अपस्यु:- हां मै जानता हूं मुझे ट्रीटमेंट की जरूरत है लेकिन अभी नहीं। पट्टियां लगाओ और उपर बॉडी को मास्क करो। भूल गई पुलिस पहले अपने पास ही आएगी पूछताछ के लिए।

ऐमी:- लेकिन तुम्हे बुलेट लगी है, आम जख्म नहीं है।

अपस्यु:- जानता हूं। मै वो सेल रिकवर थेरेपी लेता हूं, कुछ वक़्त का सपोर्ट मिल जाएगा जबतक तुम स्वस्तिका से बात करके देखो यदि वो बंगलौर आ सके तो।

ऐमी की घबराहट और बेचैनी दोनों अपने सबब पर थी। वो टाइट पट्टी लगा कर अपस्यु के बदन के उपरी हिस्से में स्किन की बनी एक सूट डाली जों देखने में बिल्कुल असली और उसको ऊपर से काटने पर खून भी निकलता था।

ऐमी उसके उपर की बॉडी मास्क करके, वहां के फ्लोर पर टपके खून पर किसी तरह का केमिकल डालकर, तेजी के साथ साफ की। दोनों के बुलेट प्रूफ जैकेट और अन्य संदेह जनक सामान को लेकर एक बार फिर से खिड़की से बाहर गई और छिपाने के तय स्थान पर उनको छिपा कर वापस आयी।

अपस्यु लेटा हुआ था, ऐमी ने वापस अाकर सबसे पहले बचा काम खत्म की। अपने लैपटॉप से सारे स्कैन फाइल को एक साथ डिलीट मारी और सारे हैकिंग सॉफ्टवेर को वो अपने लैपटॉप से गायब कर दी। काम खत्म करने के बाद वो अपस्यु के सिरहाने बैठी और उसके बालों मै हाथ फेरती उसे देखने लगी…. "11.10 में मुंबई से स्वस्तिका की फ्लाइट है। लगभग 1 बजे तक वो हमारे साथ होगी।"….

अपस्यु:- हम्मम ! ठीक है। वैसे तुम इतनी मायूस होकर मुझे क्यों देख रही हो?

ऐमी के आंसू टपक कर अपस्यु के चेहरे के ऊपर गिरी। ऐमी अपने आशु पोंछती कहने लगी… "पहली बार तुम्हारे चेहरे पर मै दर्द को देख रही हूं। तुमसे ये दर्द नहीं छिप रहा अपस्यु।

अपस्यु:- हां जानता हूं, मुझे शवंस लेने ने भी बहुत तकलीफ़ हो रही है। क्या तुम कहीं से कोकीन ला सकती हो क्या?

ऐमी हड़बड़ी में वहां से निकली और कार स्टार्ट करके पास में ही किसी डिस्को का पता लगाकर वहां पहुंची। नजरे अब बस उसकी ढूंढ़ने लगीं… ज्यादा वक़्त नहीं लगा, उसे एक ड्रग बेचने वाला मिल गया।

ऐमी जल्दी से उसके पास पहुंची और हड़बड़ी में पैसे निकालकर उससे कोकीन मांगने लगी। उस ड्रग डीलर ने पहले उसे ऊपर से नीचे तक देखा और देखकर मना कर दिया। ऐमी उससे मिन्नतें करने लगी… "प्लीज दे दो।" लेकिन वो ड्रग डीलर ऐमी को सुनने के लिए तैयार ही नहीं हो रहा था।

ऐमी परेशान होने लगी लेकिन वो अपनी जिद पर अड़ा रहा। ऐमी अपने बैग से 1लाख की पूरी गद्दी टेबल पर पटककर कहने लगी….. "या तो अभी मेरी चीज दे दो। और कहीं तुम्हे ऐसा लगता हो की मै कोई खबरी हूं तो तुम इस वक़्त तो गलत हो, लेकिन मेरे पास इतना पैसा है कि मै देखूंगी तुम कभी जेल से बाहर ना आने पाओ।"..

उसके ड्रग डीलर के साथ एक और डीलर था, वो पैसे उठाकर कहने लगा…. "इतने से नहीं होगा और पैसे चाहिए, और हां तेरे पास कितने भी पैसे हो, हमारे बैकग्राउंड के आगे सब मूत देंगे।"

ऐमी ने अपना बैग देखा उसने पैसे नहीं थे, फिर वो अपनी डायमंड इयर रिंग उतार कर देती हुई कहने लगी…. "12 लाख की कीमत का है… अब दोगे या मै कहीं और जाऊं।"

दोनों ड्रग डीलर जोड़-जोड़ से हंसते हुए, ऐमी को कोकीन कि एक छोटी सी पुड़िया थामा कर, उसके पीछे हाथ फेरते हुए कहने लगा…. "हम तुझे यहीं मिल जाएंगे, दोबारा जब जरूरत हो तो फिर आना।"

ऐमी वो पुड़िया उठकर वहां से जाते-जाते बोली…. "फ़िक्र मत करो मै वापस जरूर आऊंगी, ये वादा रहा।"…

ऐमी जबतक वापस पहुंची 11.30 बजने ही वाला था। वो जैसे ही कमरे के पास पहुंची, 2 स्टाफ वहां पहले से खड़े थे…. "मैडम आप कहां चली गई थी, आप का इंतजार हो रहा है बैंक स्टेज पर, 11.30 बजे से आप का शो है।

ऐमी:- प्लीज मुझे माफ़ कीजियेगा। आप लोग बढ़िये मै आयी...

स्टाफ:- मैम इट्स ओके, हम यहां इंतजार कर रहे है।

ऐमी झटपट में अंदर गई और अपस्यु को एक नजर देखने लगी। उसका बदन पूरा जल रहा था, उसकी आखें बिल्कुल लाल हो चुकी थी, लेकिन इतना होने के बाद भी वो अपनी आखें खोले हुए था।…. "ऐमी वो दो और जाओ, मैं भी आया तुम्हारे पीछे।"

उसकी हालत देखकर वो अपने आंसू छिपाती, वहां से निकल गई। अपस्यु किसी तरह उठकर टेबल पर ड्रग फैलाया और अपने नाक से उसे खींचने लगा। ऐमी के द्वारा लाए हुए कोकीन को वो पूरा इस्तमाल करने के बाद कुछ देर के लिए बैठा और फिर लड़खड़ाते किसी तरह खड़ा हुआ।

खड़ा होकर सिर को वो 2 बार झटका। बैग के अंदर से 2 सीरप की बॉटल निकला। इनमे सेल रिकवर और डेवलपमेंट वाली वहीं द्रव्य था जो आईवी सेट के जरिए अपस्यु ने अपने एक्सिडेंट के वक़्त इस्तमाल किया था। दोनों सीरप को पीने के बाद वो कुछ देर और वहीं बैठा.. फिर खुद को सामान्य की स्तिथि में दिखाते हुए वो प्रोग्राम हॉल में पहुंचा।

बिल्कुल खामोश, बिल्कुल शांत जैसे सब अपनी धड़कने रोके ऐमी के दर्द को सुन रहे थे… फिर उस खामोशी में दर्द के साथ वो आवाज़ आयी... "सुन रहा है ना तू, रो रही हूँ मैं सुन रहा है ना तू, क्यूँ रो रही हूँ मैं… सुन रहा है ना तू, क्यूँ रो रही हूँ मैं.. यारा"…

ऐमी का गाना जैसे ही समाप्त हुआ, लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे। अपस्यु को ऐमी का हाल-ए-दिल पता था, इसलिए वह बैंक स्टेज पर पहुंचा। जब वो पहुंचा तब ऐमी उसे देख कर दौड़कर उसके पास पहुंची और उसके गले लगकर खुद को शांत करने लगी।

अपस्यु उसे खुद से अलग करता हुआ, उसके चेहरे को साफ किया… "आय मिस अवनी, रोते नहीं है।"

ऐमी:- मै कहां रो रही हूं, बस तुम्हारी हीरोगिरी रुला रही है।
अपस्यु:- शांत बच्चा शांत। चलो यहां से चलते है।

दोनों बैंक स्टेज से निकलकर वापस आ ही रहे होते है कि पुलिस की एक टुकड़ी उन्हें ढूंढते हुए वहां पहुंचती हैं। प्रोग्राम ऑर्गनाइजर उन्हें ऐमी और अपस्यु के पास लेकर पहुंच ही रहे होते और सभी रास्ते में ही टकराते है…

ऑर्गनाइजर:- यहीं है दोनों, जिन्हे आप ढूंढ़ रहे है।
पुलिस:- आप मिस्टर अपस्यु और मिस ऐमी है।
अपस्यु:- क्या हुआ सर, कोई बात हुई है क्या?

पुलिस:- हमे प्लीज कोऑपरेट कीजिए। जितना पूछा जाए उतना ही जवाब दीजिए।

अपस्यु:- सॉरी सर.. हां मै अपस्यु हूं और ये ऐमी।

पुलिस:- आप दोनों अपनी-अपनी आईडी दिखाइए।

दोनों अपनी आईडी पुलिस वाले को दिखाने लगे। आईडी देखने के बाद पुलिसवाला पूछने लगा…. "आप दोनों 10.00 बजे कहां थे।

ऐमी:- मेरा प्रोग्राम था इसलिए हम दोनों यहीं थे।

क्रॉस चेक करने के लिए पुलिस वालों ने पूरा सीसी टीवी फुटेज देखा उनके कमरे की तलाशी ली। बैग लैपटॉप सरा सामान उन लोगों ने चेक कर लिया… जब वो चेक करके अपस्यु से कुछ पूछने लगे तभी ऐमी बीच में ही पूछने लगी…

"सर आधे घंटे से आप हमसे पूछताछ कर रहे है, अब बताइएगा हुआ क्या है।"… ऐमी थोड़ा तेवर दिखाती हुई पूछने लगी..

"मिस कहा ना आप हमे कोऑपरेट कीजिए.. आप बिल्कुल शांत खड़े रहीए।".. पुलिसवाला उसे घूरते हुए कहने लगा… ऐमी ने भी बिना देर लिए सिन्हा जी को फोन लगा दी… "पापा देखो ना यहां पुलिस वाला अाधे घंटे से हमे परेशान कर रहा है और कुछ बता भी नहीं रहा कि क्यों हमसे पूछताछ कर रहा है।"…

ऐमी अपनी बात समाप्त करके फोन स्पीकर पर डाली…. "हेल्लो तुम किस केस में मेरी बच्ची से इंक्वायरी कर रहे हो।"…

पुलिस:- देखिए यहां एक रॉबरी हुई है उसी के सिलसिले में पूछताछ चल रही है। आप प्लीज हमे हमारा काम करने दीजिए।

सिन्हा जी:- ऐमी बेटा, वो उनकी छोटी सी इंक्वायरी चल रही है, और कोई परेशानी नहीं है। हां अगर ऐसा लगे कि जानबुझ कर परेशान किया जा रहा है फिर फोन करना।

सिन्हा जी ने कॉल डिस्कनेक्ट किया और पुलिस वाला ऐमी से पूछने लगा… "आप के पापा क्या करते हैं।"

ऐमी:- सुप्रीम कोर्ट में वकील है, एडवोकेट अनिरुद्ध सिन्हा..

पुलिस:- क्या !! आप वो मशहूर वकील एडवोकेट सिन्हा की बेटी है।

ऐमी:- जी हां सर। वैसे आप को तसल्ली हो गई या और कुछ पूछना है। मुझे तो समझ में नहीं आ रहा कि कोई रॉबरी हुई है तो आप क्रिमिनल को पकड़ने के बदले यहां पूछताछ करने क्यों आ गए?

पुलिस:- हमारा काम है हर संभावना को देखना। कल रात ओवर स्पीड ड्राइविंग तुम लोग ही कर रहे थे ना, और किसी कार का एक्सिडेंट भी हुआ था तुमसे रेस करने के चक्कर में।

ऐमी:- वो ! अच्छा हुआ ऐक्सिडेंट हो गया उनका सर। आप जानते भी है कल क्या हुआ था हमारे साथ।

पुलिस:- हां मै सब जानता हूं। खैर मै चलता हूं, थैंक्स फॉर कोऑपरेशन। और हां अपने दोस्त को बोलो थोड़ा नशा कम करे।

ऐमी हंसती हुई उसके बात का अभिवादन की और उसके जाते ही वो अपस्यु को देखने लगी। ऐमी अपने साथ ऑर्गनाइजर के एक स्टाफ को लेकर वहां का सरा सामान पैक करवाई और अपस्यु को लेकर पार्किंग तक पहुंची।

रास्ते में ऐमी, अपस्यु से बात करती रही लेकिन अपस्यु हिम्मत अब टूट चुकी थी। वो बेहोश सा होने लगा था, फिर भी वो किसी तरह खुद को खींचते हुए पार्किंग तक पहुंचा। लेकिन ज्यों ही वो कार में बैठा, उसके मुंह से खून की उल्टियां होने लगी और वो बेहोश होकर वहीं सीट पर गिर गया।
In this update, it was understood what the function of those micro devices were. Happy to see the mission complete but Apasyu is injured, I am worried about this.
Drug dealer is a bastard, it is necessary to take revenge from him. Today, Apasyu's condition is bad and seeing Amy cares for him, it is clear how much she loves him.
On hearing Sinha's name, the policemen were shocked and their suspicions also disappeared. ?Apasyu's health is very bad, it is not getting good.
As always the update was great, You are writing very well, Now let's see what happens next, Till then waiting for the next part of the story.

Thank You...

???
 
Top