ap arvind or Geeta wala prasang padhiye.wahan ye ho chuka haiSabar hi to nhi hota
Kya hi character development kiya hai inhone apni saas ka
Bold, horny, and ready to go.
Ek bar wo inke Ghar rhne aa jaye....
Phir to maza hi aa jayega.
Ek to taboo incest at its extreme aur usme bad she is the one pushing her son and teasing and all.
Lekin mujhe dar hai
Kyuki Maine author ki aur bhi kahaniyan padhi hai.
Aur kisi ne maine sagi maa ke sath sex wale scene nhi dekha.
I hope ye pattern ye story todega
एकदम सही कहाUffff Guddi kya mast ho gai Komaliya ki training me.
Thanks sooooooooooooooooooooooooo muchUfff kya mast mahaul banati ho aap Komal ji. Mazaaa aaa jata hai.
डीपी वो भी खड़े खड़ेGajab ka DP ka khel banaya hai Komal rani. Ekdam nichod ke rakh diya.
Good amount of credit goes to my friend Shaitan Ji. Most of the pictures were contributed by her and I wrote part of story according to pictures.Bahut bahut hot update. What a description Komal ji. You are fantastic.
Thanks soooooooooo much
Bhut shandaar update..... chaa gyi guddi rani....भाग २५५
रात बाकी, बात बाकी,
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अभी तो पार्टी शुरू हुयी है
40,05,281
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जावेद को तो वैसे ही चाहने वालियों की कमी नहीं थी और मैंने उसका इतना कस के निचोड़ दिया था की कम से कम जब तक डीजल पानी नहीं भर लेता, दुबारा बीस पच्चीस मिनट बाद ही उसका इंजिन गरम होगा। जावेद चार पांच लड़कियों के झुण्ड से घिरा फ़ूड स्टाल की
और मैं डी जे की ओर, और उससे तान्या झा के गाने लगवाए और फिर उछाल के डांस फ्लोर पे बंटू के पास,
जब तक मैं बंटू के पास पहुंची, वो तान्या झा के गाने पे थिरक रहा था, मेल वॉयस वाली
केतना के तोर सामान बा, केतना एकर दाम बा, केतना के तोर सामान बा,
और मैं तान्या झा की आवाज के साथ अपने खुले जुबना को मटकाते, उभारते, दोनों हाथों से दिखा दिखा के सहलाते ललचाते गा रही थी,
ऊपर का बाटे बाटे दस के, ऊपर का बाटे दस के
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और जोर से मैंने चक्कर काटा तो मेरी बित्ते भर की स्कर्ट हवा में और ताज़ी चुदी गुलाबो रानी दिख गयीं, बस क्या सीटियां गूंजी हाल में
और तान्या झा गा रही थीं
नीचे का बाटे बीस के, अरे नीचे का बाटे बीस के
और मैंने न सिर्फ उठा के बल्कि जाँघे फैला के और उँगलियों से अपनी चुनमुनिया की दोनों फांके खोल के दिखा दीं की मैं किस सामान की बात कर रही थी.और स्साले हाल वाले, मौका नहीं चूकते, जैसे मैंने स्कर्ट उठायी,
पूरे हॉल की लाइट बंद, यहाँ तक की डांस फ्लोर की भी, और सिर्फ एक जबरदस्त स्पॉट लाइट , सीधे मेरी राजदुलारी पर, बस वही दिख रही थी,
और पीछे लगी स्क्रीन पे भी लाइफ साइज, और ताज़ी चुदी चूत की खूबसूरती कुछ और ही होती है और फिर जब उसमे ऊपर तक मलाई बजबजा रही हो,
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पूरे हॉल में हल्ला, कैटकॉल्स, सीटियां, और एक तेज आवाज गूंजी,
" जियो राज्जा, अब हमका तो इहे चाही, जान मार लिया तूने छप्पन छुरी "
स्कर्ट अभी भी ऊपर थी, गुलाबी परी दिख रही थी, और मैंने अपनी दोनों उँगलियों से दोनों फांको को कस के रगड़ना शुरू किया, स्टेज पर, पीछे स्क्रीन पर सिर्फ मेरी उँगलियाँ और मेरी गुलाबो दिख रही थी, एकदम चिपकी, सटी, कसी, बिनचुदी चूत मात ऐसी कसी,
और एक बूँद मलाई की निकल के मेरी मखमली जांघो की ओर चल पड़ी, बस मैंने ऊँगली से उसे लपेट के, चाट लिया और वो स्पॉट लाइट अब मेरे भीगे भीगे रसीले होंठों पे
और फिर एक बार म्यूजिक शुरू हो गयी, डांस फ्लोर की लाइट और तान्या झा का गाना लौट आया,
गाना आगे बढ़ा और मैं बंटू से डांस करते करते चिपक गयी, और उसके दोनों हाथ खींच के अपने जोबन पर रख दिया
" भरोसा ना बा इ बाबू तो देख ला एके पीस के "
और वो सच में मसल रहा था, रगड़ रहा था पीस रहा था, और मैं टॉप लेस तो पहले ही हो गयी थी तो मेरे खुले थिरकते जोबना पर स्पॉट लाइट भी थिरक रही थी और उस पे मेरे यार बंटू के हाथ, और उसके चमचे, हॉल में से सीटी बजा रहे थे, उन सब के साथ लड़कियां चिपकी पड़ी थीं, मैंने इशारे से उन सबको भी डांस फ्लोर पे बुला लिया
गाना बंद हुआ, पल भर के लिए हम दोनों अलग हुए और अब डांस फ्लोर पर छह सात जोड़े थे
और तान्या झा ने फिर गाना शुरू कर दिया
उसके चमचे मुन्ना, गुड्डू भी स्टेज पर और कुछ और लड़कियां भी,
पूरे हाल में सीटी गूँज रही थी, गाना बदला और अगला भी तान्या का ही था
घोड़ी वाला पोज में सैंया रोज करेला,
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और मैं डांस करते करते निहुर गयी और बंटू पीछे से स्कर्ट उठा के
और जैसे ही ये गाना खतम हुआ, मैं और बंटू कमरे में थे।
क्या जबरदस्त chudi है गुडी bantu se.....मैं और बंटू
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गाना अभी भी छन छन के कमरे में आ रहा था लेकिन एक तो ये कमरा बहुत छोटा था और दूसरे बजाय बेड के बस एक छोटी सी मेज एक कोने में, स्कर्ट मेरी अभी भी कमर तक मुड़ी
और मैं बस मुड़ के एक बार बंटू को देख के आंख मार के, निहुर गयी मेज पकड़ के और बंटू को देख के गाने लगी,
घोड़ी वाला पोज में सैंया रोज मारेला
चुम्मा चाटी तो डांस के टाइम ही हो गयी थी, बस कमर पकड़ के क्या धक्का बंटू ने मारादनदनाता हुआ उस का मोटा खूंटा मेरी बिल में,
गनीमत थी की जावेद के धक्को ने वैसे ही थोड़ा ढीला कर दिया था और उसकी मलाई भी, लेकिन तब भी हल्की सी चीख निकल गयी,
" उह्ह्ह बंटू थोड़ा आराम से लगता है यार, स्साला तेरा मोटा बहुत है " चीखते हुए मैं बोली
" अरे चुदते हुए लड़की अगर चीखी नहीं तो कैसे याद करती की बंटू से पेलवा के आयी है " कस कस के मेरे जोबन मसलते हुए वो बोला वो,
बंटू जैसा भाभी ने कहा था, उनकी दोनों बातें एकदम सही, वो एकदम रॉ,रफ और रस्टिक, लेकिन उसका मजा ही अलग है, स्साला खूब रगड़ रगड़ के पेल रहा था चोद रहा था। चूँची भी कस कस के मसल रहा था और धक्के भी हर धक्का पूरी ताकत से, और मजा भी बहुत आ रहा था, ऊपर से उसकी गालियां
" घोंट ले लौंड़ा जड़ तक, स्साली जो जो बंटू का लौंड़ा घोंटती हैं दुबारा जरूर चुदने आती हैं, "
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" वो छिनार स्साली और होंगी जो मेरे यार से दुबारा तिबारा चुदने आती होंगी, ये तेरा माल स्साला तो अब तुझे छोड़ेगा नहीं, रोज तो स्साला कोचिंग में दिखता है, अब ये वाले समोसे खाना रोज,... बिना नागा "
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उसके हाथों को अब कस कस के अपनी चूँचियों पे रगड़ते मैं बोली।
और सच में बंटू ने मेरे दोनों समोसे कस कस के रगड़ने मसलने लगा,
अभी तक तो ड्रेस के अंदर देख के उसका टाइट होता था और अब उसकी मुट्ठी में थी दोनों चूँचियाँ, और वो क्या सारे लौंडे मेरे कोचिंग में आने के बाद बस मेरी दोनों हेडलाइट्स देख के, फड़फड़ाते थे और उसकी असली दोषी थीं, और कौन मेरी भौजाई। पहले तो भैया को बुद्धू बना के, उन्हें बॉडी पियरसिंग वाली के शाप पे, और मेरे निपल रिंग का एडवांस जमा कर दिया और मुझे भी लगा यार भैय्या का इतनी मेहनत का पैसा तो चला ही गया है, रिफंड तो मिलेगा नहीं, तो लगवा ले, और कोई छेद वेद भी नहीं, बस निप्स के ऊपर ही तो, लेकिन असर मुझे बाद में पता चला, बाद में क्या उसी दिन जब मैं भाभी के साथ शॉप पे गयी, सब लौंडे एकदम मुझे ही,...
बेचारे मेरे भैया,
बनाने वाले ने सीधापन कुछ ज्यादा ही डाल दिया है और झिझक भी, वो तो मेरी और मेरे भैय्या की किस्मत ऐसी की, ऐसी भाभी आ गयीं, जिसने उनको कुछ सुधार दिया। उस दिन भी भाभी और वो बॉडी पियर्सिंग वाली नैंसी दोनों इनके पीछे पड़े तब उन्होंने चूस चूस के मेरा निपल टनटनाया, और उसके बाद उस नैंसी ने, एक कोई मशीन लगा के,
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और क्या साली मशीन थी, मेरे निप्स बढ़ के डेढ़ दो इंच लम्बे और करीब पौन इंच मोटे, लग रहा था पूरी चूँची का खून यही आगया है।
मैं जानती थी मशीन हटने के बाद फिर वो जस की तस हो जायेगी, लेकिन मना रही थी की, किसी तरह ये निप्स ऐसे ही लम्बे कड़क रहें २ इंच न सही डेढ़ इंच , एक इंच भी हों तो पूरी कोचिंग में आग लगा दूंगी
लेकिन मेरी भाभी न हैं बहुत अच्छी, बिना कहे मेरे मन की बात समझ ली थीं उन्होंने और जब नैंसी ने मशीन हटाई तो तुरंत ही वो गोल्डन रिंग लगा के जैसे वेल्ड कर दी हो , असली सोना २२ कैरेट वाला। और उसके बाद नैंसी ने एक एक कोलाजेन के इंजेक्शन दोनों निपल्स पे लगा दिए और एक एक ब्रेस्ट के बेस पे,
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कोचिंग में पहले दिन ही मिसाइल से लेकर बरछी तक सब बोला गया, उन्ही निप्स को और ये बंटू एंड पार्टी भी मेरे समोसों को देख के समोसे की दूकान पे, एकदम घायल,
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लेकिन निपल्स की उस हालत से मेरी हालत भी कम खराब नहीं रहती थी ड्रेस से रगड़ खा के वो निपल्स हरदम अराउजड रहते और दोनों चूँचियाँ भी एकदम पथराई रहती, जैसे कोई लौंडिया खूब गर्मायी हो, एकदम असली चुदवासी, लंड की पियासी, और देखने वाला लौंडा दूर से समझ जाए, बस पटाने की देर है, झट से टाँगे खोल देगी ये।
और उसी जोबना का घायल ये बंटू,
दोनों बरछी की नोक पहले दिन ही चुभ गयी थी और आज वो दोनों जोबन उसकी मुट्ठी में, जिसको टच करने के लिए सारे कोचिंग के लौंडे पागल थे, लिफ्ट में चढ़ते उतरते, सीढ़ी पे, बस धकका देते, रगड़ते लौंडे निकलते और जो हिम्मती होते वो ऊपर से पकड़ भी लेते,
और मैं कौन कम थी, समोसे की दूकान पे, गन्ने के रस वाले के यहाँ जब मैक्सिमम भीड़ होती थी, वहीँ बस दरेररते रगड़ते घुसती, और कम से कम दस पांच से चूँची अच्छी तरह से मिजवा के ही निकलती,
बेचारे अगर इसी से उन्हें मजा मिलता है तो काहें तरसाऊं अपने जोबन के दीवानो को,
और आज वो जोबन कस के वही बंटू रगड़ मसल रहा था और मैं उसे उसका रही थी, तान्या झा के गाने की लाइन दुहरा दुहरा के,
" भरोसा ना बा इ बाबू तो देख ला एके पीस के "
और वो स्साला सच में पीस रहा था, पूरी ताकत से दबा रहा था लेकिन मेरे उभार स्पंज बाल की तरह दबाते फिर वैसे के वैसे,
एक बार सुपाड़े तक लंड निकाल के बंटू ने करारा धक्का मारा, मेरी चूल हिला के रख दी साले ने
अब जावेद तो रोज कोचिंग में आनेवाला नहीं, और ये स्साला तो रोज वहीँ, जब मन किया तब,… फिर दूसरे ये गायेगा भी जोर जोर से पूरी कोचिंग में मशहूर हो जाएगा, ये स्साली, ये नया माल खाली दिखने में नहीं बल्कि लेने में भी टॉप क्लास है.
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मैंने कस के बंटू के मोटे मूसल को अपनी चूत में भींच लिया और कस के पीछे से एक धक्का दिया, जवाब में उसने भी धक्का दिया और
अबकी सुपाड़ा बंटू का मेरी बच्चेदानी से लगा और हम दोनों की चीख निकल गयी, मस्ती से।
स्साली बहन की लौंड़ी क्या मस्त चुदवाती है, ओह फिर कर ऐसे स्साली
और सच में बंटू जिस तरह से चोद रहा था, कोई भी लौंडिया दुबारा जरूर उसके पास जाती सिर्फ लम्बा और मोटा औजार ही नहीं था उसके पास , रगड़ के चोदना जानता था वो, और कोई स्साली कितनी भी शरीफजादी क्यों न बने, अरे अगर कुतिया बन के चुदवा रही है तो उसके साथ मर्द को कुतिया की तरह ही पेश आना चाहिए न और बंटू एकदम उसी तरह का था , रगड़ के चोदने वाला, जम के गरियाने वाला और कचकचा के काटने वाला,
और मैं उसी तरह से साथ भी दे रही थी,गाली का जवाब गाली से धक्के का जवाब धक्के से,
कमर में ताकत बहुत थी स्साले के, जैसे कोई मोटा पिस्टन अंदर जा रहा हो, फुल स्पीड से, बस उसी तरह, धक्के पे धक्का, और दो चार धक्के के बाद जब उसका हथोड़ा छाप सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी पे चोट करता तो बस कभी लगता जान निकल जायेगी, कभी लगता ये मजा स्साली गुड्डी तूने पहले क्यों नहीं लिया और जब खूंटा अंदर होता तो उसके दोनों हाथ एकदम पूरी ताकत से मेरी चूँची निचोडंते और साथ में वो गरियाता भी,
" स्साली तेरी इन चूँचियों ने पूरी कोचिंग में आग लगा रखी है, कोचिंग क्या पूरे शहर के लौंडे यही सोच के मुट्ठ मारते हैं, बहन की लौंड़ी,"
" अबे वो चूँचिया अब तेरे हाथ में है ले ले मजा मन भर के, देखती हूँ तेरी माँ ने कितना अपनी चूँची से दूध पिलाया है " मैं कौन चुप रहने वाली थी, और माँ का नाम सुन के कौन लौंडा नहीं गरमा जाता, तो बंटू भी कचकचा के गाल काट लेता, कंधे पे अपने दांत लगा देता, मेरे होंठो को चबा जाता और फिर बंटू में चूँची को कस के दबा के एक धक्का और,
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" अब्बे साले, सच में तू मेरी चूँची का इतना दीवाना है, तो कल से उस समोसे वाली दूकान पे आ के खुद तेरी गोद में बैठ जाउंगी दबा लेना मेरी चूँची, टॉप खोल के मन भर, बस ऐसे ही पेलता रह मेरे यार "
मैं और उसे जोश दिलाती, और कस के अपनी चूत में भींच लेती
और बेचारा बंटू साला पागल,
" ओह्ह संगीता स्साली, ये कहाँ से सीखा है, हाँ कर ऐसी, ओह्ह "
और मैंने फिर से अपनी चूत से उसके खूंटे को प्रेम गली में दबोच लिया और उसकी ओर मुड़ के बड़ी बड़ी आँखों से देख के बोली,
" ऐसे जानू "
अब तो मारे ख़ुशी के उसकी हालत खराब, क्या ताबड़तोड़ चुदाई हुयी .
और दस मिनट में हम दोनों साथ साथ झड़े, और देर तक मलाई उसकी अपनी चूत में घोंटती रही, मेरी मीठी भाभी, रीनू भाभी ने समझा के भेजा था, सुन गुड्डी बाई, असली रंडी वो होती है जो मरद का लंड और जेब दोनों खाली करा ले, तो सब मलाई अंदर, "
और मेरी भाभी ने एक और काम की बात बताई थी,
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" मर्द को असली सपोर्ट तब चाहिए होता है जब वह झड़ चूका हो, तो उस समय भी उसे पकडे रहो, उसके हाथ को दबाओ, प्यार से देखो, और सबसे बड़ी बात लंड को बाहर मत न निकलने दो। "
हम दोनों के झड़ने के दो चार मिनट के बाद भी मैंने बंटू के औजार को अपने अंदर ही रखा, मुड़ के प्यार से उसकी ओर देख रही थी, कभी हाथ से उसके हाथ को दबाती तो कभी शरारत से चूत भींच के उसके अब ठन्डे पड़े खूंटे से प्यार जताती,
और थोड़ी देर साथ शायद और मस्ती करते लेकिन बाहर से कोई खट खट कर रहा था, मेरी पक्की वाली सहेली लतिका की आवाज थी
" खोल न यार, यहाँ चूत में आग लगी है और सारे कमरे,.. "
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लतिका के साथ साजिद था।
लेकिन अब मेरे पेट में चूहे दौड़ रहे थे और हम दोनों फ़ूड स्टाल की ओर गुड्डी
Sahi tarika h chudayi Yaad rakhne ka.....फ़ूड स्टाल
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फ़ूड स्टाल पर बंटू मेरे साथ हाथ उसके मेरे कंधे पर और पंजे मेरे उभारों पर, दबाये और वो अपने चमचो को मुन्ना, गुड्डू को भी दिखा रखा था,
देख अपनी कोचिंग की सबसे मस्त चिड़िया के पर मैंने आज गिन लिए,
मैं भी मजा ले रही थी, स्साले पूरी कोचिंग में बांटेंगे, लौंडिया खाली मस्त ही नहीं है टांग फ़ैलाने के लिए भी तैयार है, बस पॉपुलरिटी, फेसबुक की बढ़ती लिस्ट और कैंटीन में बिल का खरचा ख़तम,
एक जगह दस होंगे खिलाने पिलाने वाले, फ़ीस वैसे ही मिसेज मल्होत्रा ने माफ़ कर रखी है ,
पहले मैंने और बंटू ने कबाब पर नंबर लगाया, सीक कबाब मुंह में ले के ऐसे चुभला रही थी जैसे सीक कबाब न हो बंटू का खूंटा हो,
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और फिर बंटू के मुंह से मैंने सामी कबाब अपने मुंह से सटा के छीना, एक कबाब अपने मुंह में लेके बंटू के गैंग के मुन्ना को खिलाया
और कबाब के बाद चाइनीज की ओर बढ़ गयी थी,
डांस फ्लोर पर म्यूजिक अभी भी चल रहा था, हनी सिंह के एकदम अच्छे वाले गाने चल रहे थे और अब आधे से ज्यादा डांस फ्लोर की लड़कयों के स्कर्ट भी सरक के नीचे, डांस से ज्यादा सकिंग किसिंग हो रही थी
माहौल सच में गरमाया हुआ था, खैर मैं और किसी को क्या कहूं, आये अभी दो ढाई घंटे भी नहीं हुए थे और मैं भी तो बार चुद चुकी थी वो भी जावेद और बंटू से।
लेकिन मैंने खाता जबरदस्त खोला था, स्साली आधी लौंडिया जावेद के पीछे पड़ी थीं लेकिन वो महा मूसल लिया मैंने ही पहले,
और मैंने पहले दिन ही बंटू को बोला था, " पार्टी में दूंगी ", तो उसका भी नंबर लगा दिया, और वो भी रानी के टॉप १० में था, तो अब तो बस जो आये वो अंदर, मुझे रानी का रिकार्ड तोड़ना था,
लेकिन मैं अकेले नहीं थी जो दो घोंट चुकी थीं, कई लड़कियां ऐसी थीं,
दो चार तो डांस फ्लोर पर थीं जिनके पार्टनर्स ने स्कर्ट खींच के उछाल दी थी
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और, ओके वो निशान वाली बात तो मैंने बताई नहीं,
हर कमरे में, सोफे के पास और जगह परमानेंट मार्कर रखे थे दो रंग के गुलाबी और काले। जो लड़की चुदती थी उसका यार उसकी जांघ पे एक क्रास मार्क गुलाबी मार्कर से बना देता था, और जिसके पिछवाड़े मूसल घुसता था उसके चूतड़ पे एक मोटा सा काला क्रास, तो बस उस निशान से अंदाज लग जाता था की कौन कितनी बारी चुदी, किसकी गांड मारी गयी और किसकी अभी बची है।
लड़कियां तो लड़को से ज्यादा पागल हो रही थीं लंड घोंटने के लिए,
और उसमे उन गोलियों और सिगरेटों का बहुत ज्यादा असर था जो असली तगड़े नशे में थीं।
अजय जीजू ने मुझे पिलाया था और उसके पहले भाभी ने, कश्मीरी वाली, स्साली बुर में आग लग जाती थी , ेज्डम वही माल था और नशा अब धुंए में भी था। और सिगरेट गर्ल्स देखती थीं की अगर कोई लड़की सुट्टा नहीं मार रही है तो उसके मुंह में गोली, और बस पांच मिनट के अंदर ऐसी आग लगाती थी चूत के अंदर की बस,
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साजिदा वही, डीपी क्वीन,
एक सोफे पे चढ़ी दो दो एक साथ घोंट रही थी, पहले तो दोनों का उसने साथ मुठियाया फिर सेक्शन इ वाले रवि के खूंटे पे खुद चढ़ गयी, और हनीफ तैयार था, उसने पीछे से ठोंक दिया,
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और वो अकेले नहीं थी, कम से कम तीन चार लड़कियां वही हॉल सोफों पर चालू थीं और करती भी क्या, कमरे सब भर गए थे,
तबतक मैंने देखा की एक जगह दो चार लड़कियां एक लड़के को घेरे, और जोर से हो हो हो रही थी, चिकेन लॉलीपॉप की एक पीस चूसते, लौंडो को ललचाते मैं उधर बढ़ी तो देखा और कौन
अपना जावेद और सेक्शन सी वाली लीला क्या सपड़ सपड़ उसका मोटा लौंड़ा चूस रही थी, लेकिन अभी भी आधा बांस बाहर
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सब लड़कियां कर रही थी, लीला, लीला,
जावेद आंखे बंद किये चुसवाने का मजा ले रहा था
मैंने भी जोर से नारा लगाया, अरे लीला, पूरा लिलो, जड़ तक
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