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Incest मेरी बीवियां, परिवार..…और बहुत लोग…

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Bhai, bura naa manna...maine pehle hi kaha tha ki hafte mein ek update hi de paaonga..kyunki kaam mein busy rehta hoon. Aur jahan tak mujhe pata hai, main har hafte ek update post kar raha hoon...rt?? to thoda intezaar kare..update jaldi hi zaroor dene ki koshish karoonga. wa thank you.

Mahesh007
Will wait Mass bhai
 
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komaalrani

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दीपू: ठीक कह रही हो. ये बातें जितना छुपा के रखेंगे उतना ही आगे मुश्किल हो सकता है.

दोनों फिर कुछ देर ऐसे ही वहां बैठे रहते है और फिर कुछ देर के बाद दोनों वहां से निकल कर अपने घर चले जाते है.

अब आगे ..

7th Update

घर जाने के बाद दोनों निशा और दिव्या पूछते है की इतना देर क्यों हुआ.. वसु कहती है की रात को वो उन सब से बात करेगी. दोनों एक दुसरे को देखते है जैसे कह रहे हो की आखिर बात क्या है जो रात में बताने वाली है. लेकिन दोनों कुछ नहीं कहते और सब अपने काम में लग जाते है.

रात को खाना खाने के बाद सब साफ़ सफाई करने के बाद वसु सब को अपने कमरे में बुलाती है और दीपू को भी आने को कहती है.

दोनों बड़ी उत्सुकता से कमरे में जाते है बिना जाने की एक धमाका होने वाला है ख़ास कर के दिव्या के ऊपर!!

निशा: बोलो ना आज इतना क्यों देर हुआ और आपने क्यों कहा की रात को बात करेंगे. वसु फिर एक नज़र दीपू को देखती है तो वो हाँ में सर हिला देता है. वसु अपना गाला थोड़ा ठीक कर के कहती है.. मैं जो कह रही हूँ उससे तुम दोनों को झटका लो लगेगा ही लेकिन फिर सोच समझ कर जवाब देना और अगर ना भी दिया तो कोई गलत नहीं है लेकिन मैं जो अभी बात कहने वाली हूँ सिर्फ फिलहाल हम चारों के बीच ही रेहनी चाहिए.

वसु को इतना सीरियस बात बोलने पे दोनों निशा और दिव्या एक दुसरे को देखते है और हाँ में सर हिला देते है. वसु: तो बात ये है की आज हम दोनों खंडहर गए थे और एक बाबा से मिले थे.

वसु: और बाबा को तुम्हारी कुंडली दिखाई थी. ये वही बाबा है जिनसे हमने और ऐसा कहते हुए दीपू और निशा की और देखते हुए कहती है की तुम दोनों की कुंडली भी बनवायी थी. उन पे हम दोनों बहुत मानते हे और जब दीपू छोटा था और उसकी जान को खतरा था तो उन्होंने दवाई देकर उसकी जान बचाई थी.

वसु: बाबा तुम्हारी कुंडली देख कर उन्होंने बताया है की कुछ दोष है तुम्हारे कुंडली में और इसीलिए तुम्हारी अब तक शादी नहीं हुई है. दिव्या थोड़ा आश्चर्य से वसु को देखती रहती है.

वसु: बाबा ने इस दोष से छुटकारा पाने के लिए इलाज भी बताया है लेकिन दिक्कत यहीं है.

निशा: क्या दिक्कत है?

वसु: उन्होंने बताया है की अगर तुम अपने ही कोई घर वालो से शादी करोगी तो ये दोष चला जाएगा और ये भी कहा की अगर तुम्हारी शादी कहीं बहार होती तो तुम्हारा पति मर जाएगा और तुम विधवा हो जाओगी और तुम्हारी ज़िन्दगी बहुत कठिन और नरक हो जायेगी. वसु ये सब एक सांस में कहती है और दिव्या की तरफ देखते रहती है.

दिव्या ये जान कर बहुत दुखी हो जाती है और उसका चेहरा उतर जाता है क्यूंकि उसे पता था की उसके परिवार में उससे कोई शादी नहीं करेगा.

वसु: मुझे पता है ये बहुत दुःख की बात है लेकिन बाबा ने इसका भी इलाज बताया है. दिव्या जब ये बात सुनती है तो तुरंत कहती है क्या? वसु फिर से एक गहरी सांस लेकर कहती है की मैंने तुम्हारी पूरी बात अब तक बतायी नहीं.

दोनों: और क्या बात है?

वसु: बात ये है की दीपू की कुंडली में ये है की उसकी एक से ज़्यादा बीवियां होगी और वो बहुत भाग्यशाली भी है. उसके जीवन में बहुत से औरतें आएगी जिन्हे वो बहुत प्यार देगा और उसे भी बहुत प्यार मिलेगा.

दिव्या: इसका मेरे शादी से क्या तालुक है?

वसु: मैं चाहती हूँ की तू दीपू से शादी कर ले. तेरी भी उम्र हो रही है और हम सब को तेरी बहुत चिंता है. मम्मी पापा रोज़ तेरे बारे में पूछते रहते है और कहते है की वो लोग जाने से पहले तुझे सुहागन के रूप में देखना चाहते है.

वसु: एक और बात…

दिव्या: क्या?

वसु: बात ये है की मेरी ज़िन्दगी भी तुम्हारे साथ ही जुडी हुई है. इसे किस्मत समझो या ऊपर वाले की दया की तुम भी हमारे साथ बहुत दिनों से रह रही हो.

दिव्या: ये तो मैंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था की मेरा तुम्हारे साथ रहना तुम्हारी ज़िन्दगी से तालुक रकता है. माँ पिताजी ने मुझे यहाँ इसीलिए रहने को कहा था की जब जीजाजी गुज़र गए तो तुम्हे मेरे रहने से कुछ सहायता मिल जाए और तुम्हारी ज़िन्दगी में जो दुःख आये थे तुम उससे थोड़ा संभल जाओ

वसु: तेरी बात सही है. बाबा ने मेरी कुंडली भी बनायी और उन्होंने साफ़ कहा है की हम दोनों की ज़िन्दगी एक दुसरे से जुडी हुई है और जहाँ तेरी शादी होगी वहीँ मेरी भी शादी होगी. ऐसा कहते हुए वसु रुक जाती है और निशा और दिव्या की तरफ देखती है की उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी.

दिव्या: क्या कह रहो हो दीदी? तुम फिर से शादी करोगी?

निशा: क्या फिर से आपकी शादी होने वाली है?

वसु: मेरा भी तुम्हारी तरह ही reaction था जब बाबा ने ये बात कही थी. लेकिन फिर उन्होंने कहा की मेरे से भी ज़्यादा उम्र की औरतें जिनका तलाक हो जाता है वो भी दुबारा शादी कर लेते है और सुखी ज़िन्दगी जीते है. और फिर कहा की तुम्हारी उम्र इतना ज़्यादा भी नहीं है की तुम दुबारा शादी नहीं कर सकती. और फिर सबसे बड़ी बात.. ये की तुम शादी कर के फिर से एकदम सुखी ज़िन्दगी जियोगी.

दिव्या: वैसे ये बुरी बात नहीं है क्यूंकि मैं भी जानती हूँ की तुम्हे भी एक मर्द की ज़रुरत है जो तुम्हारी अच्छी देख बाल कर सके.

निशा: मौसी ठीक कह रही है माँ.. देखो ना तुम्हारी उम्र ही क्या है? तुम्हे भी अच्छे से जीना का अधिकार है और कितने दिन ऐसे रहोगी? हम दोनों भी तो अब बड़े हो गए है. कब तक हमारी चिंता में जीती रहोगी?

वसु: दिव्या से ..इस बारे में मैंने भी बहुत सोचा है .. तू तो जानती है की तेरा भाई में अब वो बात नहीं है और खुद अपनी बीवी याने हमारी भाभी को ठीक से नहीं देखते जिनकी चिंता माँ बाबूजी को भी है.

इतना कह कर वसु चुप हो जाती है. कमरे में एकदम सन्नाटा छा जाता है और कोई कुछ नहीं कहता.

इन सब बातों में दीपू एकदम चुप रहता है और कुछ नहीं कहता. इतने में निशा कहती है.. माँ एक बात बतानी थी आपसे.. जब आपने हमसे इतनी सारी बातें बतायी है तो मैं भी कुछ कहना चाहती हूँ.

वसु: हाँ, कहो

निशा: यही की अगर अपने घर में सिर्फ दीपू ही है जो मौसी और तुमसे शादी कर सकता है तो इससे और अच्छी बात क्या हो सकती है? देखो ये कितना सुन्दर और होशियार हो गया है. मुझे पता है की ये तुम दोनों को बहुत अच्छे से देखेगा और प्यार भी करेगा.. और ऐसा कहते हुए निशा दीपू की तरफ देख कर है देती है.

वसु को इस बात का थोड़ा एहसास था इसीलिए वो कुछ नहीं कहती और चुप रहती है.

दीपू माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए कहता है.. बहुत सीरियस बातें हो गयी है. मैं फ्रिज से cool drinks लाता हूँ और सब पीते है और ऐसा कहते हुए वो उठ कर किचन में चला जाता है. उसका एक और मक़सद था की वो उन तीनो को अकेले थोड़ा टाइम दे क्यूंकि अभी कुछ देर पहले लोगों की ज़िन्दगी बदलने वाले बातें हुई थी

दीपू थोड़ी देर में सब के लिए कूल ड्रिंक्स लाता है तो सब पीते है लेकिन कोई कुछ ज़्यादा बात नहीं करता क्यूंकि सब के मन में कुछ ना कुछ बातें चल रही थी.

कुछ समय बाद वसु आखिर में कहती है.. चलो रात हो गयी है सो जाते है. जाने से पहले छोटी सुन मैंने जो तुझसे पुछा है मुझे बताना. कोई जल्दी नहीं है. तेरा जो फैसला होगा उससे ही बात आगे बढ़ेगी. ठीक है? और तेरे फैसले पे ही मेरा भी फैसला होगा.

दिव्या: अभी भी वो थोड़ा गुमसुम रहती है. अचानक वसु के पूछने से अपने आप को संभाल कर ठीक है कहती है. फिर सब अपने कमरे में सोने चले जाते है.. अपनी अपनी सोच को लेकर..

दिव्या रात भर आज हुए बातों के बारे में सोचती रहती है और ना जाने क्यों उसे वसु की बात सही लगती है की वो दीपू से शादी कर के खुश रहेगी. पिछले २० सालों में इस घर में बीते हुई बातें और घटनाएं याद करती है और सोचती है की दीपू सच में एक अच्छा लड़का है भले ही वो मुझसे छोटा है लेकिन एकदम अच्छे स्वभाव का और हम सबसे कितना प्यार करता है . दीपू दिखने में बहुत सुन्दर था.. उसकी झील सी नीली आँखें अच्छा बदन और होशियार भी. उसके बारे में सोचते हुए ना जाने कब उसका हाथ अपनी टांगों के बीच चला जाता है और साडी के ऊपर से ही चूत को रगड़ते रहती है और ना जाने कब उसे नींद आ जाती है.

कुछ दिन ऐसे ही गुज़र जाते है लेकिन उनमें ज़्यादा इस बारे में बात नहीं होती.

निशा और दिनेश का मिलना:

कुछ दिन पहले (खंडहर में जाने से पहले कुछ दिन) जब दीपू ने निशा को दिनेश का नंबर दिया था..

निशा एक दिन रात को दिनेश को फ़ोन करती है.

निशा: दिनेश?

दिनेश: हाँ मैं दिनेश बोल रहा हूँ.. आप कौन? दिनेश के पास निशा का फ़ोन नंबर नहीं था.

निशा: मैं निशा दीपू की बेहन.

दिनेश: ओह..Hi... कैसी हो? कैसे मुझे याद किया?

निशा: कुछ नहीं ऐसे ही फ़ोन किया. तुम्हे थैंक्स बोलने के लिए तुमने जो मुझे कॉलेज में उन शरारतियों से बचाने के लिए.

दीपू: इसमें क्या है? वो लड़के बदतमीज़ी कर रहे थे तो मुझे बीच में आना ही पड़ा.

निशा: और सुनाओ.. कैसे हो? कल हम कॉफ़ी के लिए मिले क्या? लेकिन कॉलेज से बाहर.. नहीं तो मेरी दोस्त सब मेरी टांग खींचेगे..

दिनेश: ठीक है मिलते है.

अगले दिन दोनों बाहर कॉफ़ी पीने के लिए बाहर एक होटल जाते है. होटल काफी अच्छा था और कॉफ़ी थोड़ी मेहेंगी भी थी उस होटल में. निशा: इतने मेहेंगे होटल में आने की क्या ज़रुरत थी? और कहीं थोड़ा चल लेते. दिनेश: पहली बार तुम मेरे साथ आ रही हो तो फिर छोटे होटल कैसे जाते?

निशा ऐसे ही बात को आगे बढ़ाते हुए.. आगे क्या सोचा है?

दिनेश: मतलब? मैं समझा नहीं.

निशा: अरे मेरे कहने का मतलब था की अब studies भी ख़तम होने को आ रहे है तो आगे क्या करने का इरादा है?

दिनेश ये बात सुन कर थोड़ा आश्चर्य हो जाता है और निशा की तरफ देखते हुए कहता है की तुम्हे दीपू ने कुछ नहीं बताया क्या?

निशा भी आश्चर्य हो कर.. नहीं.. उसने मुझे कुछ नहीं बताया.

दिनेश: दीपू को तो मालूम है.

निशा: मतलब?

दिनेश: यही की कॉलेज ख़तम होने के बाद मैं अपनी मम्मी का बिज़नेस में हाथ बताऊंगा. हमारा बिज़नेस है तो मम्मी चाहती है की अब मैं बिज़नेस सम्भालूं और वो थोड़ा आराम करे.

निशा: दीपू ने तो मुझे कुछ नहीं बताया इस बारे में.

दिनेश: मैंने दीपू को ये भी बताया है की वो भी मेरे साथ मेरे बिज़नेस में काम कर सकता है और दोनों हमारी बिज़नेस को आगे बढ़ाएंगे.

निशा: वैसे कौन सा बिज़नेस है तुम्हारा?

दिनेश: कपड़ों का है. छोटा ही है लेकिन दिन अच्छे निकल जाते है. मैं और दीपू मिल कर बिज़नेस को और बढ़ाना चाहते है.

निशा: ये तो बड़ी अच्छी बात है. तुम्हारे घर में और कौन है?

दिनेश: मैं और मम्मी ही रहते है. पापा नहीं है.. जब मैं छोटा तो तो वो गुज़र गए.

निशा: सॉरी मुझे पता नहीं था.

दिनेश: कोई नहीं.

फिर ऐसे ही बातें करने के बाद दोनों होटल से निकल जाते है.

उस दिन रात को खाना खा कर जब सब अपने कमरे में सोने जाते है तो निशा दीपू के कमरे में आती है. दीपू उस वक़्त वो भी अपने मोबाइल में कुछ देख कर सोने की तैयारी कर रहा था तो निशा अपनी गांड मटकाते हुए उसके पास आती है. दीपू उसे देख कर.. क्या बात है आज यहाँ कैसे?

निशा: तूने बताया नहीं की पढाई करने के बाद तू अपने दोस्त दिनेश के साथ उसके बिज़नेस में उसका हाथ बताएगा?

दीपू: तुझे किसने बताया?

निशा: तू बताएगा नहीं तो मुझे पता नहीं चलेगा क्या?

दीपू: मतलब जनाब दिनेश से मिली हो आज..

निशा: हाँ आज उससे मिली थी और हम कॉफ़ी पीने गए थे.

दीपू: क्या बात है? मुझे क्यों नहीं बुलाया? मैं भी आ जाता

निशा: वो सब छोड़.. बात सही है क्या?

दीपू: हाँ, दिनेश ने सही कहा है. तुझे अपने दोस्तों से फुरसत मिले तो पता चले ना. मैं उसकी माँ रितु आंटी से भी मिला हूँ और उन्होंने भी कहा है की हम दोनों मिलकर उसके बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते है

निशा: ये तो बहुत अच्छी बात है. चलो तू भी जल्दी सेटल हो जा. तुझे भी तो शादी करना है ना.. और ऐसा कहते हुए निशा दीपू को आँख मार देती है.

दीपू: मेरे से पहले तो तेरी शादी होगी.

निशा:देखते है

फिर दोनों ऐसे ही और कुछ बातें करते है और निशा अपने कमरे में चली जाती है और दीपू भी फिर सो जाता है.

फिर दोनों (दिनेश और निशा) के बीच में हर रोज़ बातें होती रहती है और दोनों के बिना जाने एक दुसरे के करीब आ जाते है. फिर एक दिन दिनेश निशा को propose करता है तो निशा भी खुश हो जाती है और हाँ कह देती है..

दिनेश भी एकदम खुश हो जाता है और कहता है की वो उसे अपनी माँ से मिलाना चाहता है. निशा को दीपू ने बताया था उसे माँ के बारे में तो वो भी उनसे मिलना चाहती थी. एक दिन दिनेश निशा को घर लेकर जाता है और उसकी माँ से मिलाता है.

New Character: रितु (दिनेश की माँ) - ४० Yrs ...लेकिन लगती ३५ के आस पास..एकदम अपने आप को मेन्टेन किये हुए है…उसकी जल्दी शादी हो गयी थी और वसु के माफिक शादी के एक साल में ही दिनेश पैदा हो गया था.

Fig : ३४/३०/४०…एकदम कामुक औरत लेकिन एकदम संस्कारी.. मस्त उठे हुए चूचे, गहरी नाभि और बाहर को निकली हुई गांड और दिनेश और अपने बिज़नेस (जो उसने अपने पति के मरने के बाद संभाला था) पर ही ध्यान देती है.

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दिनेश को कभी पता नहीं चला की उसकी माँ भी बहुत कामुक औरत है और अपने आप को ही संतुष्ट करती रहती है.

उसकी माँ को देख कर निशा भी मन में सोचती है की ये भी उसकी माँ की तरह एकदम सुन्दर औरत है. निशा उसको देख कर उसके पाँव छूती है और आशीर्वाद लेती है.

रितु: दिनेश तुम्हारे बारे में बताया था की तुम दीपू की बेहन हो. अच्छा हुआ आज मुलाक़ात हो ही गयी. मैं ही इसे कह रही थी की एक बार तुझे भी घर ले आये. तेरा भाई तो यहाँ बहुत बार आया हुआ है .निशा थोड़ा शर्मा जाती है लेकिन कुछ नहीं केहती. फिर वहां थोड़ी देर बैठ के चाय पीकर वो अपने घर को निकल जाती है और सोचती है की वो भी एक अच्छे घर में ही जायेगी…
बहुत ही बढ़िया अपडेट, कहानी का बिल्डअप बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है, एक एक कैरेकटर का डेवलपमेंट जबरदस्त है। सुपर्ब

:applause: :applause: 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 

Mass

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निशा थोड़ा शर्मा जाती है लेकिन कुछ नहीं केहती. फिर वहां थोड़ी देर बैठ के चाय पीकर वो अपने घर को निकल जाती है और सोचती है की वो भी एक अच्छे घर में ही जायेगी…

8th Update – जन्मदिन

कुछ दिन ऐसे ही गुज़र जाते है और सब अपने काम में लग जाते है. निशा और दीपू के आखिर परीक्षा भी नज़दीक आ जाते है तो वो दोनों भी अपनी पढाई में लग जाते है. वहीँ दिव्या भी अपनी सोच में रहती है और वसु भी दिव्या को टाइम देती है क्यूंकि उसे भी पता था की मामला उतना आसान नहीं है. आगे जो भी फैसला होगा उससे सब की ज़िन्दगी बदलने वाली थी.

गनीमत से दोनों के परीक्षा हो जाते है और दोनों ही काफी खुश थे की दोनों अच्छे नंबर्स से परीक्षा पास कर जाएंगे और उसके बाद दीपू को दिनेश के साथ उसके बिज़नेस में भी हाथ बटाना था.

परीक्षा ख़तम होने के २ दिन बाद दीपू का जन्मदिन था. घर में सब शान्ति छायी रहती है. जन्मदिन के सुबह ही दीपू के नाना, नानी और बाकी रिश्तेदार उसको फ़ोन कर के जन्मदिन की बधाई देते है और उन सब को उनके घर आने को कहते है. वसु कहती है की वो लोग जल्दी ही उनसे मिलने आएंगे.

दोफहर को दीपू जब बाहर अपने दोस्तों से मिलने के बाद घर आता है तो उसे एक अच्छा सरप्राइज मिलता है. तीनो घर को अच्छे से सजाते है और दीपू के लिए एक केक का भी इंतज़ाम करते है. दीपू ये देख कर एकदम खुश हो जाता है क्यूंकि उसे इस बारे में थोड़ी भी भनक नहीं थी. घर में हॉल में केक सजा के रखा हुआ था लेकिन उसे कोई दीखता नहीं है. घर आ कर दीपू सब को आवाज़ देता है तो कोई नहीं बाहर आता. फिर थोड़ी देर बाद तीनो एकदम सज धज के जैसे की आज उनकी शादी है वैसे सज कर आते है. दीपू उनको अपनी आँखें फाड़ कर देख रहा होता है. निशा एक सेक्सी सलवार कमीज पहन के आती है जो उसके बदन पे एकदम चिपका हुआ था और उसके ठोस चूचियां और बहार को निकली गांड पूरे उभार में साफ़ दिख रहे थे.

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निशा दीपू के पास आकर धीरे से उसके कान में कहती है की ये उसके लिए सरप्राइज है और उस तरफ देखो जहाँ वसु और दिव्या भी ऐसे ही सेक्सी और ट्रांसपेरेंट साडी में सज कर आती है तो दिव्या भी एकदम सज के आती है. तीनो ही एकदम ऊपर से उत्तरी हुई अप्सराएं लग रही थी. दिव्या ऐसे रूप में आएगी ऐसा वसु को पता नहीं था. दिव्या को देख कर वसु उसे पूछती है तो दिव्या कहती है की ये दीपू को उसकी तरफ से जन्मदिन का तोहफा है और वो कहती है की बहुत सोच समझ कर उसने ये फैसला लिया है की वो दीपू से शादी करने को राज़ी है.

वसु: तू सोच समझ कर ही ये फैसला लिया है न?

दिव्या: हाँ… और ये बात बोल कर शर्मा जाती है और अपना मुँह झुका कर धीरे से हस्ती है

इतने में निशा भी उन सब को देख कर कहती है की वो भी उन सब से एक बात कहना चाहती है. सब एक साथ पूछते है की क्या बात है?

तो निशा कहती है की वो दिनेश को चाहने लगी है. दिनेश ने उसे propose किया है और उसने उसका proposal accept कर लिया है और वो उससे शादी करना चाहती है.

उसकी बात सुनकर सब बहुत खुश हो जाते है और वसु उन दोनों को अपने गले लगा लेती है और प्यार से उसके गाल को चूम कर कहती है की वो बहुत खुश है की वो (दिव्या ) उसकी बहु बनने वाली है. तो निशा भी बहुत खुश हो जाती है और उसकी माँ से कहती है की मौसी आपकी कैसे बहु हो सकती है.. वो तो आपकी सौतन बनने वाली है और ऐसा कहके दोनों हस देते है तो दिव्या शर्म से पानी पानी हो जाती है. दीपू ये सब मजे से देख रहा होता है और उसे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं होता की इतनी सुन्दर और सेक्सी औरत उसकी बीवी बनने वाली है. सब लोग दीपू के केक काटने की तैयारी करते है तो वसु किचन में जाती है कुछ लाने को.. तो दीपू भी उसके पीछे चले जाता है और उसको पीछे से बाहों में भर के.. उसपे नाभि पे हाथ रख कर उसके कुरेदते हुए कान में कहता है की मौसी तुम्हारी बहु नहीं बल्कि उनकी सौतन बनने वाली है. वसु ये बात सुनकर एकदम शर्मा जाती है और कहती है चुप कर.. क्या क्या बातें कर रहा है.

दीपू: वसु को पलटा कर उसकी आँखों में देख कर कहता है की वो सही कह रहा है.

तुम सब लोगों ने मुझे बहुत अच्छा suprise दिया है तो मैं भी आपको एक suprise दूंगा. वसु अपनी आँखें बड़ी करके दीपू के तरफ देखती है तो उसको दीपू की आँखों में चमक दिखती है

इतने में किसी के आने की आवाज़ आती है तो दोनों अलग हो जाते है और फिर सब हॉल में आकर अच्छे से केक को सजा कर दीपू को केक काटने को कहते है.

दीपू निशा से कहता है: क्या तुम दोनों को भी मेरी बीवी के रूप में अपनाओगे? मैं जानता हूँ की माँ भी एक आदमी के लिए तरसती है और वो वसु की तरफ देख कर आँख मारते हुए कहता है की उसने कई बार अपनी माँ को खुद को ऊँगली करते हुए देखा है.

ये बात सुन कर निशा कहती है: तू भी?

दीपू: तू भी का क्या मतलब है?

निशा: मैंने भी माँ को देखा है.

दीपू: क्या देखा है?

निशा: वही जो तू कह रहा है. मैंने भी माँ को कई बार... और ऐसा कहते हुए रुक जाती है और वो अनकही बात सब समझ जाते है.

जब निशा ये बात बोलती है तो वसु का चेहरा और गाल सब शर्म के मारे एकदम लाल हो जाते है और अपनी आँखें नीचे कर लेती है.

दिव्या: वाह भाई इतना सब हो गया है और मुझे किसीने बताया भी नहीं?

दीपू: ये बात किसी को नहीं पता.. मैंने तो चुपके से माँ को देखा था. बोलो मेरी बात मंजूर है?

निशा हाँ में सर हिला देते है और कहते है की इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है? लेकिन क्या मम्मी पापा (उसका मतलब नाना, नानी से था ) मान जाएंगे इसके लिए?

दीपू: तुम उसकी चिंता मत करो. मुझे पता है माँ सब संभल लेगी और उनकी हाज़िर में ही मैं इन दोनो से शादी करूंगा. दोनों वसु की तरफ देखते है तो वो अपना सर झुकाये खड़ी रहती है.

निशा:अब बहुत हो गया.. जल्दी से केक काट भाई..बहुत भूक लगी है. आज तो तेरे लिए माँ ने बहुत स्वादिष्ट खाना बनाया है तो जल्दी करो.

वसु: मैं ही नहीं छोटी ने भी मेरी मदत की है खाना बनाने में.

निशा: हाँ बात भी सही है. अपने होने वाले पति के लिए इतना तो बनता है ना.. और ऐसा कहते हुए निशा दिव्या को देख कर आँख मार देती है.

दीपू केक काटता है तो वसु एक केक का टुकड़ा लेकर उसको खिलाने लगती है तो दीपू मना कर देता है.

वसु उसको पूछती है क्यों तो दीपू एक शरारत भरे अंदाज़ में कहता है

दीपू: आपको याद है मैंने क्या कहा था जब हम खंडहर से आ रहे थे और एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे. वसु उस दिन के हुए बातों को याद करती है और अपनी आँखें बड़ी करती हुई दीपू की तरफ देखती है तो दीपू कहता है मैंने उस दिन जो कहा था आज वही होगा.

निशा: क्या कहा था?

दीपू वसु से कहता है की ये केक का टुकड़ा आप मुझे अपने मुँह से खिलाओगे. जब वसु को ये बात समझ में आती है तो वो मना करती है लेकिन दीपू नहीं मानता और आखिर में वसु वो केक का टुकड़ा अपने मुँह में लेकर आगे बढ़ती हैं और अपने मुँह का टुकड़ा दीपू को खिलाती है तो दीपू भी वो टुकड़ा अपने मुँह में लेता है.

वसु: लो खा लिया ना.. अब मुझे छोड़.

दीपू: अभी कहाँ खाया है? देखो आपके होंठ पे अभी भी टुकड़ा है और ऐसा कहते हुए दीपू फिर से अपने होंठ आगे करते हुए वसु के होंठ पे रख के इस बार चूमते हुए वो केक का टुकड़ा अपने मुँह में लेता है.

ज़ाहिर सी बात है की जब दोनों के होंठ मिलते है तो दीपू वो केक के टुकड़े को खा कर अपनी जुबां फिर से वसु के मुँह में डालता है और वो एक किस में बदल जाता है. किस पहले धीरे होता लेकिन दीपू को पता था तो वो अपनी पूरी जुबां वसु के मुँह में डालता है और देखते ही देखते किस एकदम गहरा और प्रगड़ हो जाता है.

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निशा और दिव्या दोनों मजे से देखते रहते है और उन दोनों को देख कर इनकी भी सांसें भारी हो जाती है और दोनों भी बहुत उत्तेजित हो जाते है और उन्हें पता भी नहीं चलता की उनकी चूत से पानी निकलना शुरू हो जाता है.

दीपू और वसु जब किस कर रहे होते तो वसु की मस्त चूचियां दीपू के सीने में दब जाती है और उत्तेजना के मारे उसके निप्पल भी एकदम तन जाते है और एकदम कड़क और नुकीले हो जाते है जो दीपू के छाती पे चुब्ते हुए दीपू को समझ आता है.

किस करते वक़्त दीपू अपना हाथ वसु के पीछे ले जाकर उसकी गांड को ज़ोर से दबाता है तो वसु की सिसकी उसके मुँह में ही रह जाती है. ५ मं के लम्बे किस के बाद दोनों अलग होते है तो दीपू कहता है.. अब केक कुछ मीठा लग रहा है.

जब दीपू ऐसा कहता है तो वो देखता है की केक का कुछ हिस्सा वसु के मुँह से गिर कर उसके सीने में पड़ा रहता है तो वसु उसे निकालने की कोशिश करती है तो दीपू मना करता है और कहता है की वो निकालेगा. दीपू झुक कर वसु की साडी का पल्लू निकल कर वो केक का टुकड़ा जो उसके ब्लाउज पे पड़ा हुआ था उसे अपनी जुबां से चाटता हुआ साफ़ करता है और ऐसा करते वक़्त वो उसकी निप्पल को भी चूम लेता है और धीरे से काटता है क्यूंकि वो बहुत नुकीले लग रहे थे. वसु का दिल अब बहुत ज़ोर से धड़कता रहता है और हलके दिखावे गुस्से से दीपू को अलग कर देती है.

वसु: और कितना केक खायेगा? बाकी दोनों भी तो है. उन्हें भी तो तुझे केक खिलाना है.

दीपू फिर से वसु को अपनी बाहों में लेकर इस बार प्यार से उसके होंठ चूमते हुए अलग कर देता है.

अब निशा की बारी थी तो निशा पहले से ही उन दोनों को देख कर एकदम गरम हो गयी थी और वो भी इस बार बिना दीपू एक बताये अपने हाथ में ले कर दीपू को खिलाती है. दीपू भी मजे से निशा के हाथ से केक खा लेता है और फिर निशा उसके माथे को चूम कर जन्मदिन की बधाई देती है.

जब आखिर में दिव्या की बारी आती है तो दिव्या एकदम शर्मा जाती है.

दिव्या (उन दोनों को देख कर पहले ही गरमा गयी थी और उसके पैंटी भी पूरी तरह से गीली हो गयी थी )भी वैसे ही करती है तो इस बार दीपू उसको चूमते वक़्त उसकी चूचियों को ज़ोर से दबा देता है. ये देख कर दोनों (वसु और निशा) एक गहरी सास लेते है तो दिव्या भी गरम हो जाती है और अपनी आँखें बड़ी करती हुई दीपू की तरफ देखती है तो दीप कहता है की ये तो कुछ भी नहीं है और सब को आँख मार देता है तुमने मुझे मेरे जन्मदिन पे गिफ्ट दिया था तो ये मेरे तरफ से तुम्हारे गिफ्ट को स्वीकारना है.

दिव्या भी बाकी दोनों की तरह दीपू को अपने मुँह से केक खिलाती है तो दीपू भी केक खाने के बहाने उसकी जुबां को पूरी चूस लेता है और दोनों भी एक गहरे किस में डूब जाते है.

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दीपू दिव्या को किस करते हुए एक हात से चूची दबाता है तो वो दुसरे हाथ से केक का एक टुकड़ा लेकर उसके पेट और कमर पे मलता है. दीपू जान भूझ कर अनजान बनते हुए कहता है की केक तुम्हारे पेट पे लग गया है. दिव्या को पता था की क्या होने वाला है तो वो कहती है की वो साफ़ कर लेगी लेकिन दीपू कहाँ मानने वाला था. दीपू अपने घुटनों पे बैठते हुए दिव्या की साडी को कमर से निकालता है और फिर से अपनी जुबां से चाटता है और ऐसे ही चाटते हुए उसकी गहरी नाभि को भी चूम कर चाटता है और अपनी जुबां उसकी गहरी नाभि में दाल कर चूमते हुए धीरे से काटता भी है.

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दिव्या की सांसें बहुत गहरी हो जाती है और आहें भरते हुए उसका पेट अपनी नाभि पे दबा देती है और उत्तेजना में कहती है की वो क्या कर रहा है.

दीपू: मैं तो केक खा रहा हूँ और आपकी पेट पे जो टुकड़ा पड़ा हुआ है उसे साफ़ कर रहा हूँ और ऐसा कहते हुए हस देता है और पूरी तरह से उसकी नाभि को चाट कर पेट एकदम साफ़ कर देता है.

दीपू को वहां नाभि के पास एक तिल दीखता है जो उसे और सेक्सी बना रहा था तो वो दिव्या से कहता है की वहां उसका तिल उसे और भी सेक्सी बना रहा है और फिर से उसे वहां चूम लेता है.

दीपू को ऐसा करते हुए देख दोनों वसु और निशा की चूतें भी गीली हो जाती है और पानी रिसने लगती है.

फिर सब अच्छे से साफ़ कर के सब लोग एक दुसरे को केक खिलाते है और फिर खाना खा कर अपने कमरे में दोपहर को सोने चले जाते है.

जाने से पहले दीपू कहता है की शाम को दिनेश और उसकी माँ घर आने वाले है क्यूंकि उसने उन दोनों को बुलाया है. उसे उस वक़्त ये पता नहीं था निशा और दिनेश के बारे में. उसने अपने जन्मदिन पर उन्हें बुलाया था.

वसु: अच्छा किया जो तूने उन्हें बुलाया है. निशा के बारे में भी बात कर लेते है.

कमरे में सोते वक़्त वसु दिव्या से पूछती है की वो खुश है क्या.. आज जो भी हुआ.

दिव्या: शायद हाँ… मुझे भी अभी अपनी ज़िन्दगी में आदमी की कमी महसूस होती है. दीपू को मैंने ऐसे ही हाँ नहीं किया.. वो तेरा बेटा ज़रूर है लेकिन उसमें मैं अच्छे लड़के की छवि देखती हूँ. मैंने देखा है की दीपू भी हम सब को बहुत प्यार करता है. मैं बहुत दिनों से दीपू को देख रही हूँ और इतना तो मैं कह ही सकती हूँ की वो मेरे लिए और मैं उसके लिए ही बने है. … लेकिन पता नहीं कैसे ये सब होगा. तो दिव्या वसु की और पलट कर कहती है दीपू सब देख लेगा लेकिन पहले तुम्हे माँ बाबूजी को बताना है.

वसु: हाँ इस बारे में उनसे जल्दी ही बात करती हूँ. तुम्हारे खातिर उन्हें मानना ही होगा और ऐसा कहते हुए हस देती है. तो दिव्या कहती है की अगर वो लोग मान गए तो मैं तुम्हारी बहु नहीं बल्कि हम दोनों सौतन हो जाएंगे और ऐसा कहते हुए दिव्या वसु के होंठ चूम लेती है.

वसु: ऐसा मत कर.. पहले ही मैं बहुत गीली हूँ और तू मुझे और उकसा रही है.

दिव्या: मेरा भी यही हाल है और ऐसा कहते हुए वो वसु का हाथ पकड़ कर अपनी टांगों के बीच रख देती है और साडी पेहेन्ने के बावजूद वसु का हाथ गीला हो जाता है.

दिव्या: देख रही है मैं भी उतनी ही गीली हूँ जितना तुम. अब तक मैंने दो बार अपनी पैंटी बदली है लेकिन ये साला पानी निकलते ही रह रहा है.

वसु: मेरा भी कुछ ऐसे ही हाल है और दोनों फिर एक दुसरे को ऐसे ही ऊँगली करते हुए नींद में चले जाते है.

शाम को दिनेश और उसकी माँ रितु उनके घर आते है तो उन दोनों को देख कर सब खुश हो जाते है और फिर दोनों दीपू को जन्मदिन की बधाई देते है. दिनेश डीपू को गले लगा कर उसको कहता है जन्मदिन मुबारक हो यारा. दीपू भी एकदम बहुत खुश हो जाता है. फिर सब चाय पीने लग जाते है तो दिनेश रितु की तरफ देख कर इशारा करता है. रितु भी समझ जाती है और फिर अपने गले तो थोड़ा ठीक कर के वसु से कहती hai..

रितु: बहनजी, मुझे आपसे एक बात करनी है अगर आपकी इज़ाज़त हो तो.

वसु: अरे, इसमें मेरी इज़ाज़त की क्या बात है? जो बात कहना है कह दीजिये क्यूंकि वसु को मालूम था की रितु क्या बात कहते वाली है.

रितु थोड़ा संभल कर कहती है की उसका बेटा दिनेश उसकी बेटी निशा से बहुत प्यार करता है और वो निशा का हाथ अपने दिनेश के लिए मांगने आयी है और वो निशा को अपनी बहु बनाना चाहती है.

वसु: ये तो एकदम अच्छी बात है बहनजी. वैसे मुझे निशा ने इस बारे में बताया था और हम ही इस बारे में आपसे बात करना चाहते थे.

इस बात पर दोनों दिनेश और निशा शर्मा जाते है और दोनों अपनी आँखें नीचे कर लेते है.

वसु: यह तो बहुत ख़ुशी की बात है और वो दिव्या से कहती है की मिठाई लाये तो दिव्या किचन से मिठाई लाती है तो वसु रितु को मिठाई देती है और वैसे ही रितु भी वसु के साथ करती है तो दोनों एक दुसरे के गले मिलते है. गले मिलने पर दोनों की मस्त ठोस चूचियां एक दुसरे से टकराते है जिसे दोनों महसूस करते है. दोनों एक दुसरे को देख कर मुस्कुराते है लेकिन कुछ नहीं कहते. रितु का तो वसु को पता नहीं था लेकिन आज सुबह हुए घटनाओं से वसु की चूत अभी भी गीली ही थी और उत्तेजना में थी लेकिन अपने आप को ज़ाहिर नहीं करती.

इन दोनों को पता नहीं था लेकिन दिनेश की तेज़ नज़रें दोनों को देख लेती है (वो एकदम होशियार और तेज़ दिमाग का लड़का था) और कुछ सोचने लगता है लेकिन कुछ नहीं कहता.

वसु: हम मेरे माँ पापा के घर जल्दी ही जा रहे है और वहां इन दोनों के बारे में पूछ कर आपको बताती हूँ.

रितु: जी ये तो अच्छी बात है.

वसु: वैसे आपके घर में और कौन कौन है?

रितु: ज़्यादा कोई नहीं है. इसके पिता तो बहुत पहले ही चल बसे है, मेरे सास, ससुर, माँ, बाप कोई नहीं है और मैं बिज़नेस को संभाल रही हूँ. मैं चाहती हूँ की दिनेश और दीपू जल्दी ही बिज़नेस को संभाले तो मैं थोड़ा आराम कर लून.

वसु: अच्छा कहा आपने.. मेरा मतलब है की अब दिनेश भी काम करने लायक हो गया है और दीपू भी उसकी मदत करेगा और आपको आराम करना चाहिए.

जैसे मैंने कहा हम कुछ दिनों में मेरे घर जा रहे है तो उनसे बात करके इन दोनों की शादी का तारिक फिक्स करवाती हूँ.

रितु: ये ठीक है. जब भी तारिक और समय फिक्स हो जाए तो बता दीजिये. हम भी अपनी तरफ से काम करना शुरू कर देंगे. और फिर ऐसे ही बातें कर के रितु और दिनेश वसु का बनाया हुआ स्वादिष्ट खाना खा कर अपने घर निकल जाते है और यहाँ पर भी सब भी ख़ुशी से सब लोग अपने आने वाले दिन के बारे में सोचते हुए अपने कमरे में जाकर सो जाते है.

वहीँ रितु के घर में दोनों भी खुश थे और अपने कमरे में सोने चले जाते है. रितु को नींद नहीं आ रही थी तो वो वसु के साथ हुए हादसे को याद कर रही थी की कैसे दोनों की चूचियां एकदम से टकरा गयी लेकिन दोनों को बुरा नहीं लगा. ये सब सोचते हुए ना जाने कब उसका हाथ अपनी साडी के अंदर दाल कर पैंटी को सरका कर अपनी चूत मसलते रहती है

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और मन में बड़बड़ाती है.. ये चूत और आग मुझे सोने नहीं देगी. पता नहीं कब मुझे थोड़ी शान्ति मिलेगी. वहीँ दिनेश को भी लगता है की उसकी माँ भी बहुत तड़प रही है और उसे कुछ करना चाहिए...
 

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बहुत ही बढ़िया अपडेट, कहानी का बिल्डअप बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है, एक एक कैरेकटर का डेवलपमेंट जबरदस्त है। सुपर्ब

:applause: :applause: 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
थैंक यू मैडम आपके अनुभवी बातों के लिए. बहुत आभार!! नया अपडेट Pg 63 पे पोस्ट किया है. आपके बहुमूल्य कमैंट्स का इंतज़ार रहेगा. !!

komaalrani
 

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Jabardast, interesting
& romantic update
👌👌👌👌
✅✅✅
🔆🔆

Ritu,s pic, superb choice
Excellent writing skills


200-1
Raji, update posted on Pg 63. Pls like and look forward to your comments.

Rajizexy
 
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