poorva
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aur ek mod pe gadi ayi hai
ye mod se nikal ke to gadi sidhe raste pe chalegi
mod kahatam hone ka rasta dekhate hai
ye mod se nikal ke to gadi sidhe raste pe chalegi
mod kahatam hone ka rasta dekhate hai
Wah bhai watchman se dosti bhi ho gayi,Update6
मेरी तो हिम्मत ही नही हुई किसी लड़की से बात करने की
सबकी बाते इतनी हाइ फाइ थी कि क्या बताऊ
मेरे तो पसीने निकल रहे थे
एक लड़की तो अपने बाय्फ्रेंड को किस कर रही थी
ऐसे खुले मे किस करना थोडा अजीब लगा
बड़े शहरो मे तो ऐसा होता ही है
और मुझे कंपनी ने अच्छी सोसायटी मे अपार्टमेंट दिया था जिस से मेरे मज़े ही थे
लेकिन मैं अभी तो आया हूँ
पहले कुछ दिन यहाँ अड्जस्ट तो हो जाउ
गार्डन मे घूमने के बाद मैं ने खाने का समान और कुछ ज़रूरत का समान भी खरीद लिया
और अपार्टमेंट मे आकर आराम से खाना खा कर टीवी देखने लगा
बाल्कनी मे बैठ कर बीयर भी पी
मुंबई की हवाओं के साथ दोस्ती भी कर लूँ
बाल्कनी से मुंबई की जगमगाती दुनिया देखने लगा
कल से मुझे भी इसका हिस्सा बनना होगा
कल से मुझे कंपनी जाय्न करनी थी
अब तो मुझे अपने सारे काम भी खुद करने थे
बहुत मुश्किल होगी
कुछ दिन भारी पड़ेंगे जब तक मुझे इसकी आदत नही पड़ जाती
मुंबई मे आते ही मुझे कुछ दिन लग गये सेट्ल होने मे
शुरू शुरू मे बहुत प्राब्लम हुई
मुझे आदत नही थी खाना बनाना और खुद काम करना
घर पर तो माँ और भाभी थी जो घर काम और मुझे अच्छा अच्छा खाना बना कर खिलाती
पर यहाँ तो सब मुझे ही करना पड़ रहा था
सुबह उठ कर मुझे अपने लिए ब्रेकफास्ट बनाना पड़ता , फिर फ्रेश होकर कंपनी जाकर काम
करना ,
दोपेहर का लंच तो कंपनी मे हो जाता था
लेकिन रात का डिन्नर कभी मैं अपार्टमेंट मे बना लेता तो कभी होटेल मे जाकर खा लेता
मुंबई की भाग दौड़ लाइफ की आदत नही थी
लोकल मे धक्के खाने से परेशानी हो रही थी
पर कंपनी मे कुछ फ्रेंड बन गये उनसे कुछ बाते सीख ली
अपने काम फास्ट करने लगा
मैं तो खुद को अड्जस्ट करने मे इतना खो गया कि अपनी मस्ती मज़ाक को भूल ही गया
वहाँ मैं अपने शहर मे होता था तो गर्लफ्रेंड या फ्रेंड के साथ हसी मज़ाक हो जाती थी
पर यहाँ तो सारा दिन निकल जाता कंपनी मे
कंपनी मे तो हरियाली ही हरियाली थी
यहाँ की लड़कियो के ड्रेस देख कर तो मेरा लंड दिन भर खड़ा रहता
बड़ी मुश्किल हो जाती
एक बार तो मेरी जूनियर स्कर्ट पहन कर मेरे कॅबिन मे आई थी
उसकी चिकनी जांघे देख कर तो एसी कॅबिन मे मेरे पसीने निकल गये
बहुत दिन हो गये थे मुझे सेक्स किए हुए
जूनियर ने जब झुक कर अपनी नीचे गिरी हुई पेन उठाई तो उसकी पैंटी दिख गयी मुझे
ऐसा लग रहा था कि अभी उठ कर उसकी गंद मार दूं
जब जूनियर वापस चली गयी तो मैं ने अपने कैबन मे ही मूठ मारी
कंट्रोल ही नही हुआ था
यहाँ लड़कियो को टाइट ड्रेस मे देख कर कंट्रोल खो ही देता
मुझे मुंबई मे आए 1 महीना हो गया
अब तो उस सब की आदत पड़ गयी
अब तो मुझे मुंबई पसंद आने लगी
यहाँ तो लड़किया खुद आगे आकर बात करती है
अब तो कंपनी मे मुझे अच्छे दोस्त मिल गये
धीरे धीरे मैं सब मे घुल.मिल गया
लेकिन मेरे बिल्डिंग मे कोई जान पहचान नही बनाई
कंपनी से थक कर आने के बाद मुझ मे जान ही नही रहती
सुबह भी काम करना पड़ता जिस से मेरे पास टाइम नही था
फिर भी सोसायटी के गर्दन मे शाम को.घूमने जाता
लेकिन किसी से बात करने की हिम्मत नही होती
ऐसे मे मैं ने वॉचमन से जान पहचान बना ली
क्यूँ कि उसकी बात करने के तरीके से लग रहा था कि वो मेरे शहर के पास का है
अवी- भैया कैसे हो
वॉचमन- साब आपने कुछ कहा
अवी- तुमसे ही बात कर रहा हूँ
वॉचमन- मैं यहाँ 5 साल से हूँ पर आज तक किसी ने पूछा नही की मैं कैसा हूँ
अवी- मैं तो यहाँ नया हूँ
वॉचमन- हन देखा है आपको , आप 7 फ्लोर पर रहते हैना
अवी- हाँ वैसे तुम कहाँ से हो
वॉचमन- मैं शहर से आया हूँ
अवी- मैं भी वही से हूँ
वॉचमन- सेक्रेटरी ने बताया कि आप कहाँ से हो ,
अवी- फिर तो हम एक ही शहर के है , चलो अच्छा है कोई तो है जिस से बात हो सकती है
वॉचमन- जी , यहाँ आकर आप को कैसा लगा
अवी- धीरे धीरे आदत पड़ रही है , वैसे तुम क्या अकेले रहते हो यहाँ पर
वॉचमन- नही , मेरी बीवी भी है , वैसे आप भी अकेले हो
अवी- हां , बड़ा अपार्टमेंट है , कंपनी ने मेरे अकेले को दिया है
वॉचमन- आपसे पहले जो साब वहाँ रहते थे वो भी अच्छे थे , वो भी मुझसे बात करते थे ,
मैं उनकी मदद करता था
अवी- फिर तो तुम मेरी भी मदद कर देना ,
वॉचमन- आप तो मेरे गाओं वाले हो आपकी तो मदद करूँगा , वैसे आप यहाँ गार्डन मे लड़कियो
को देखने आए है ना
ये क्या बक रहा है
इसको कैसे पता
अवी- ये तुम क्या बोल रहे हो
वॉचमन- साब मैं यहाँ 5 साल से हूँ जब भी कोई नया आदमी यहाँ आता है तो वो ऐसे लड़कियो
को घूर्ने गार्डन मे आता है
अवी- अपने शहर मे ऐसा नज़ारा कहाँ मिलता है
वॉचमन- साब ये तो रिच लोगो का काम है , वैसे आप भी रिच ही लगते हो
अवी- रिच तो वो होता है जिस के पास गर्लफ्रेंड हो
वॉचमन- हो जाएगी साब , यहाँ गर्लफ्रेंड जल्दी बन जाती है
अवी- मेरा मतलब था कि
वॉचमन- समझ गया , टाइम पास वाली चाहिए , वो भी मिलती है
अवी- तुम तो बड़े काम के लग रहे हो
वॉचमन- मैं हर काम आ जाता हूँ
अवी- देखते है , कभी काम निकला तो तुम्हें याद करूँगा
वॉचमन- ज़रूर याद करना साब
और मैं ने एक हरी नोट वॉचमन को दे कर खुश किया
वॉचमन ने कड़क सॅलुट मारा
और मैं गार्डन मे आकर आंखसेकने लगा
काफ़ी देर गार्डन मे रुकने के बाद मैं वापस अपनी बिल्डिंग मे आ गया
सोचा कि चलो आज सीडियो से उपर जाता हूँ
इसी बहाने से पता तो चले कि कौन कहाँ रहता है
मैं सीडियो से उपर जाने लगा
पर सब के घर के डोर बंद थे , दो औरते दिखी जो बाते कर रही थी
bahot hi shandaar update hai bhai,Update7
जैसे ही मैं उनके पास से जाने लगा तो वो मेरी बाते करने लगी कि मैं यहाँ नया आया हूँ
किसी के घर मे जाने के सिवा यहाँ जान पहचान नही होगी
पर बिना वजह जान पहचान बनाना मुझे पसंद नही था
मैं अपने फ्लोर पे आ गया
जैसे ही मैं अपने अपार्टमेंट मे जाने वाला था कि लिफ्ट आकर रुक गयी
मैं ने डोर खोलते हुए लिफ्ट की तरफ देखा तो वहाँ से एक खूबसूरत औरत बाहर निकली
मेरा मुँह तो खुला का खुला रहा गया
क्या खूबसूरत थी
लगता है जैसे गुलाब का फूल हो
तारीफ करने को वर्ड नही थे
इतनी हॉट और सेक्सी औरत भी हो सकती है सोचा नही था
वो लिफ्ट से निकल कर जब चलने लगी तो उसके टुमके लाजवाब थे
सर से पैरो तक कयामत थी
उसके माथे की बिंदी हो या उसके पैरों की पायल की आवज़ सब मेरा ध्यान उसकी तरफ कर रहे थे
उसके बालो का बार बार उसके चेहरे पे आना
उसकी हिरनी जैसी चाल
उसका गोरा बदन
उसके नशीले गुलाबी होंठ
कोई अप्सरा लग रही थी
उसके गोरे बदन पर लाल साड़ी कमाल लग रही थी
वो तो सीधा मेरी तरफ आ रही थी
मैं तो डोर खोलने की जगह मुँह खोल कर उसको देखता रह गया
उसने मुझे ऐसे घूरते हुए देख लिया
और वो तो मेरे बाजू वाले अपार्टमेंट का डोर खोल रही थी
ये तो मेरी पड़ोसन निकली
इतनी हॉट और सेक्सी औरत मेरे पड़ोस मे रहती है और मुझे पता ही नही चला
मुझे खुद पे गुस्सा आ रहा था
जब तक वो मेरे सामने थी तब तक मैं ने अपनी पलके नही झुकने दी
बस उसको देखता रह गया
जब वो अपने अपार्टमेंट मे गयी तब जाके मैं होश मे आया
लेकिन मेरा होश तो मेरी पड़ोसन ले गयी
मैं अपने अपार्टमेंट मे आते ही मैं अपने पड़ोसन के सपनो मे खो गया
मुझे मुंबई मे आए 1महीना हो गया और मुझे अब तक पता नही था कि मेरे पड़ोस मे इतनी हॉट
और सेक्सी पड़ोसन रहती है
आज तो मैं अपनी पड़ोसन को देखते पागल हो गया
उसकी खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम थी
वो शादी शुदा थी फिर भी कली से फूल बनने का इंतज़ार कर रही हो ऐसा लग रहा था
उसके गुलाबी होंठ , उसके आँख मे लगा हुआ काजल , उसकी अदाए सब घायल कर गये पहली नज़र
मे ,
पहली नज़र मे मैं घायल हो गया
यकीन नही हो था कि कोई इतनी भी खूबसूरत हो सकती है
जन्नत की अप्सरा लग रही थी
मैं तो उसी के सपने देखने लगा
मेरी पड़ोसन
मुझे खुद पे गुस्सा आ रहा था कि मैं ने यहाँ जान पहचान क्यूँ नही बधाई
पहले दिन आते ही अपने पड़ोस से पूछताछ की होती तो अब तक उसका नाम पता चल जाता
उस से बाते भी हो जाती
मैं गधा हूँ जो अब तक किस से घुल मिल नही सका
मैं तो अब कल से ट्राइ करूँगा
देखता हूँ मेरे पड़ोस मे कौन कौन रहती है
आज तो मुझे मेरे पड़ोसन का चेहरा ही दिखाई देगा
आज तो मुझे नींद नही आएगी
मैं तो अपने अपार्टमेंट मे इधर से उधर घूम रहा था
बाल्कनी मे जाकर पड़ोसन की एक झलक पाना चाहता था
मेरी बाल्कनी और पड़ोसन की बाल्कनी पास मे थी
लेकिन बाल्कनी मे लोहे की ग्रिल लगी हुई थी वरना मैं जंप मार कर पड़ोसन के अपार्टमेंट मे
चला जाता
क्या करूँ क्या ना करूँ समझ नही आ रहा था
2 बार मूठ मार चुका हूँ
फिर भी दिल को सुकून नही मिल रहा है
मेरी पड़ोसन जब से रहने आई है तब से मेरी नींद उड़ गयी है
मैं ने लॅपटॉप से पड़ोसन मूवी का गाना तक डाउनलोड किया
और रिपीट कर कर के वही सॉंग लगाने लगा
मैं अपने अपार्टमेंट से बाहर आकर पड़ोसन के अपार्टमेंट के पास भी गया लेकिन डोर पे
नॉक वो भी रात के 12 बजे करने वाला था कि रुक गया
मैं तो पागल हो गया था
बड़ी मुश्किल से मैं ने खुद के दिल को समझाया और सो गया
रात मे देर से सोने से मैं ने कंपनी से छुट्टी ले ली
आज मैं अपने बिल्डिंग मे ही रहने वाला था
आज तो अपने पड़ोसन के दीदार अच्छे से करूँगा
मैं सुबह उठ कर बार बार डोर खोल कर पड़ोसन के अपार्टमेंट की तरफ देखता पर वो बाहर नही
आई
उसके एक दीदार के लिए छुट्टी ली
पर वो थी कि पर्दे से बाहर नही आ रही थी
दोपेहर होते मेरी बेचैनी बढ़ गयी
अचानक मुझे डोर खोलने की आवाज़ आई तो मैं अपने अपार्टमेंट से बाहर आया
Awesome update bhai,Update9
रेशमा के रेशमी बालो के साथ खेलना ही पड़ेगा
थोड़ी तीखी है
अच्छा हैना रेशमा के पास भंवरे नही होंगे
अब सिर्फ़ मैं अकेला उसकी खुसबु का मज़ा लूँगा
सच कहा वॉचमन ने कि रेशमा का हज़्बेंड पागल है जो रेशमा को छोड़ कर दुबई मे रहता
है
रेशमा को कोई खुद से एक सेकेंड के लिए दूर ना करे
बस अब रेशमा से मुलाकात हो जाए
रेशमा को कैसे अपना दीवाना बना लूँ उसका प्लान बनाना होगा
रेशमा रेशमा रेशमा
अब तो उसके बारे में सब पता करता हूँ तभी कुछ कर पाउन्गा
रेशमा कब अपार्टमेंट से बाहर निकलती है
कब ऑफीस जाती है
कब वापिस आती है सब पता करना होगा
कल से ही काम पर लग जाता हूँ
मैं रेशमा के लिए पागल हो रहा था
रेशमा की खूबसूरती मे खोया रहने लगा
ऑफीस मे भी मन नही लग रहा था
मेरे ऑफीस मे भी एक रेशमा नाम की लड़की थी
उसको देखता तो उस मे भी मुझे मेरी पड़ोसन नज़र आ जाती
कोई मेरे ऑफीस की रेशमा को आवाज़ देता तो मेरी नज़र उसकी तरफ जाती लगता कि मेरी पड़ोसन तो नही
है
ऐसे दिन निकल रहे थे
मैं ने मेरी पड़ोसन के बारे में सब कुछ पता किया
रेशमा की शादी 3 साल पहले हुई है पर यहाँ 2 साल से रह रही है
शादी के 6 महीने बाद उसका हज़्बेंड दुबई चला गया
रेशमा की यहाँ जॉब थी जिस से वो जा नही पाई , ऐसा सुनने मे आया था लेकिन अंदर की बात ये थी कि
उसका पति उसको ले नही गया
सुबह जॉगिंग करना उसके बाद ऑफीस जाती है और शाम मे वापस आती है
अपने अपार्टमेंट और ऑफीस मे बिज़ी रहती है
ज़्यादा किसी से बात नही करती पर आते जाते बाकी औरतो को हाई हेलो कर ही देती है
मैं अभी भी उस से बात करने की हिम्मत नही जुटा पाया था
वो एक हफ्ते मे 3 बार ही मेरे सामने आई पर मुझमे हिम्मत ही नही हुई
बस मूठ मार कर काम चला रहा था
ऐसे मे मेरे ऑफीस मे एक दिन मैं सपने देख रहा था
मेरी पड़ोसन के सपने देखने लगा था दिन मे
रेशमा के सपने देखने से मेरा लंड टाइट हो गया पर क्या करूँ मैं थक गया था मूठ मार
मार कर
इस लिए मैं देर तक ऑफीस मे रुका रहा
लंड था कि ठंडे होने का नाम नही ले रहा था
इस बीच मेरे ऑफीस वाली रेशमा मेरे कॅबिन मे आ गयी
ऑफीस मे सिर्फ़ रेशमा और मैं रुके हुए थे कुछ इम्पोर्टेंट काम था जिसको कंप्लीट करना था
एक तो पड़ोसन के सपने देख कर लंड खड़ा उपर से ऑफीस की रेशमा स्कर्ट पहन कर आई थी
उसने जो रिपोर्ट बनाई उसको देख रहा था वो मेरे पास खड़ी होकर झुक कर बता रही थी
उसके इस तरह मेरे पास खड़े रहने से उसके सेक्सी कपड़े पहनने से मैं पागल हो रहा था
रिपोर्ट देखते देखते मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर चला गया
उसने कुछ नही कहा
मैं रिपोर्ट देखते देखते उसकी कमर सहलाने लगा तो उसने बस एक स्माइल दी
फिर क्या था मेरा हाथ पीठ से उसकी स्कर्ट के अंदर चला गया
रेशमा- सर ये आप क्या कर रहे है
अवी- तुम्हारे प्रमोशन के बारे में सोच रहा हूँ
रेशमा- सर कोई देख लेगा
अवी- ऑफीस मे हमारे अलावा कोई नही है
रेशमा- सर ये ग़लत है
अवी- तुमने ही तो कहा था की तुम्हें प्रमोशन चाहिए
रेशमा- सर पिछली बार के मेनेज़र ने प्रमोशन देने का कहा था , मेरे साथ सब किया पर
प्रमोशन नही मिला
मैं ने उसका हाथ पकड़ कर अपने गोद मे बैठा दिया
अवी- प्रमोशन के लिए तुमने ये सब पहले भी.किया
रेशमा- किया था , जॉब के लिए भी किया था
फिर क्या था
मैं ने उसको किस करना शुरू कर दिया
वो भी मेरा साथ दे रही थी
मैं तो.उसको मेरी पड़ोसन समझ कर किस कर रहा था
मैं तो अलग ही जोश मे था
मैं तो पड़ोसन समझ कर उसको मसल रहा था
वो तो ये सब कर चुकी थी
वो तो मेरा जोश देख कर डर ही गयी थी
मेरे अंदर तो जानवर घुस गया था
किस करने से ज़्यादा ज़रूरी मेरे लंड की प्यास बुझानी थी
लंड मे बहुत दर्द हो रहा था
मैं ने उसको टेबल पर झुका दिया
उसकी स्कर्ट उपर करके उसकी पैंटी निकाल दी
और बिना देर किए एक वार मे पूरा लंड अंदर पेल दिया
रेशमा की तो चीख निकल गयी
पर ऑफीस मे सिर्फ़ हम दोनो थे
जिस से बिना डरे मैं धक्के लगाता गया
रेशमा तो दर्द से तड़पने लगी
मैं बिना रुके पड़ोसन के सपने देखते हुए उसकी चुदाई करने लगा
रेशमा तो बहाल हो गयी
और मैं अपने अंदर की आग शांत करना चाहता था
मेरे अंदर की आग जल्दी ठंडी हो जाएगी तो चैन मिलेगा
मैं उसकी बिना रुके चुदाई करता गया
और हम दोनो एक साथ ठंडे पड़ गये
दमदार चुदाई करके मैं तो हाँफने लगा
रेशमा की तो बुरी हालत हो गयी थी
मैं अपनी आग बुझा कर रिलॅक्स हो गया
रेशमा लंगड़ाकर चलते हुए बाथरूम मे चली गयी
और कहने लगी कि ऐसी चुदाई उसकी पहले कभी नही हुई
मैं ने उसको प्रमोशन देने का वादा किया
रेशमा ने कहा कि अगर उसका प्रमोशन हुआ तो वो मुझे खुश करती रहेगी
ये तो मेरे लिए अच्छा रहेगा
रेशमा ने अपना नंबर दिया और हम अपने अपने घर चले गये
,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Awesome update bhai,Update 11
MEGAUPDATE
मेरे पीछे मेरी पड़ोसन खड़ी थी
मेरी बाते उसने सुन ली थी
तभी वो मुझे गुस्से से देख रही थी
ये क्या हो गया
मैं तो पड़ोसन को पटाना चाहता था लेकिन यहाँ तो मेरी इमेज खराब हो गयी
मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था
मेरी पड़ोसन मुझे घूर कर देख रही थी
पर कुछ कहा नही
लिफ्ट ओपन होते ही मेरी पड़ोसन अंदर चली गयी पर मुझ मे हिम्मत ही नही हुई कि लिफ्ट मे जाउ
अब तो पड़ोसन को कभी सपने मे भी पा नही सकूँगा
क्या हो गया मुझसे
ग़लती से मैं ने अपनी इमेज खराब कर दी
मैं अपने अपार्टमेंट मे आकर खुद पे गुस्सा हो रहा था
अब तो मैं ने अपनी पड़ोसन के सपने देखने शुरू कर दिए थे
अब कुछ नही हो सकता
अब तो बस ऑफीस की रेशमा से ही काम चलना होगा
मेरी और रेशमा की बात मेरी पड़ोसन ने सुन ली थी
अब मेरा कोई चान्स बन ही नही सकता उसके साथ
अब किस मुँह से उसके सामने जाउन्गा
वैसे भी अब तक कुछ बात होती तो सॉरी बोल देता
लेकिन वो तो मुझे जानती भी नही ऐसे मे मैं क्यूँ उसको सॉरी बोलू
और वो कन्फ्यूज़ हो जाएगी कि मैं क्यूँ उसको सॉरी बोल रहा हूँ
मैं कुछ भी बोलू , उससे माफी क्यूँ माँग रहा हूँ इस पे वो डाउट कर सकती है
ऐसे मे मैं ने अपने मेरी पड़ोसन के सपने देखने बंद किए
वैसे भी अब तो मुझे रेशमा मिल गयी थी
आग बुझाने का इंतज़ाम भी हो गया था
फिर जाने दो उसको
उसके जैसी हज़ारो मिल जाएगी
मैं ने मेरी पड़ोसन के सपने देखने बंद किए और वापस अपने ऑफीस और अपनी लाइफ को एंजाय
करने लगा
अब तो मुझे अच्छी नींद आने लगी
ओफिस मे जब भी ओवरटाइम होता तो रेशमा की जम कर चुदाई करता
उसको प्रमोट भी कर दिया
अब तो वो जहाँ चाहे वहाँ चुदाई करने को तैयार होती है पिछले हफ्ते तो उसको एक ड्रेस भी गिफ्ट की
मेरे आग बुझाने का इंतज़ाम हो गया था
बड़ी हॉट चीज़ थी ऑफीस वाली रेशमा भी
पर पड़ोसन मिल जाती तो मज़ा आ जाता
धीरे धीरे मैं ने अपनी पड़ोसन को भुला दिया
कभी कभी नज़र से नज़र मिलती पर मैं वैसे ही चुप चाप चला जाता
वो भी मुझे घूर कर देखती
रेशमा की चुदाई को एक महीना हो गया
मैं वापस मुंबई की लाइफ को एंजाय करने लगा
इस बीच सनडे को तो पूरा दिन खाली रहता
सनडे की कभी कभी मूवी देखने जाता लेकिन इस सनडे को मैं रूम पर ही रुका
शाम मे मैं हमेशा की तरह नीचे गार्डन मे घूमने आ गया
आज छुट्टी होने से जल्दी घूमने आ गया
बच्चे गार्डन मे फूटबाल खेल रहे थे
फुटबॉल मेरा मनपसंद गेम था
मैं उनका गेम देख रहा था साथ ही सोसायटी की लड़कियो को लाइन भी मार रहा था
इस बीच जो बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे उनका फुटबॉल फुट गया
बॉल कार के नीच आ जाने से फुट गया
अच्छे बच्चे खेल रहे थे तो उनका खेलना बंद हो गया
बच्चे नाराज़ हो गये
तभी मैं ने बच्चों से बात की
अवी- दूसरा बॉल लाकर खेलो
बच्चे- भैया हमारे पास एक ही बॉल था वो ही फुट गया अब तो खेलना बंद कुछ दिन.
अवी- ऐसे कैसे खेलना बंद , चलो मैं लेकर देता हूँ
बच्चे- आप क्यूँ देंगे
अवी- क्यूँ कि मैं भी खेलूँगा ,
बच्चे- आप खेल सकते है हमारे साथ अगर आप बॉल खरीद कर दोगे तो
और मैं ने एक बच्चे को पैसे दिए तो वो भाग कर पास की शॉप से फुटबॉल लेकर आ गया
और मैं भी बच्चों के साथ फुटबॉल खेलने लगा
मैं बचपन से ये गेम खेलते आ रहा था
अच्छी प्रॅक्टीस थी मेरी जिस से सब मेरे खेल देख कर इंप्रेशन हुए
बच्चे तो तारीफ करने लगे कि उनको भी ऐसे सीखना है
मैने बच्चों के साथ दोस्ती कर ली
अब जब भी बोर हो जाउन्गा तो बच्चो के साथ फुटबॉल खेल लूँगा
गार्डन मे आई लड़किया भी मेरे गेम को देखने लगी
बड़ा मज़ा आ रहा था
गोल पे गोल हो रहे थे
बहुत दिनो बाद बच्चों के साथ खेलने से मज़ा आ रहा था
काफ़ी देर तक हम खेलते रहे
पर फुटबॉल ऐसा गेम है कि बस खेलते रहने का दिल करता है
हम अंधेरा होने के बाद भी स्ट्रीट लाइट मे खेलते रहे
इस बीच मैं ने जोरदार किक मारी
ताक़त लगाने से किक पे कंट्रोल नही रहा
और बॉल रोड पर चला गया
और बॉल सीधा जाकर एक औरत की गंद पे लगा
वो औरत तो गिरते गिरते बच गयी
बच्चे तो इस से डर गये
मैं बॉल लाने और सॉरी बोलने जा रहा था कि वो औरत हमारे तरफ देखने लगी
बस यही बाकी रह गया था
O bhai ye to avi gaya kaam se,MEGAUPDATE 12
बस यही बाकी रह गया था
ये मेरी पड़ोसन थी
पहले मेरी इमेज खराब हो गयी और अब तो रेशमा सोचेगी कि मैं ने जानबूझ कर बॉल मारा
है
रेशमा बॉल लेकर खड़ी हो गयी
रेशमा- बॉल किसने मारा
बच्चे बहुत कमिने होते है
सबने एक साथ मुझे फँसा दिया
बच्चे- भैया ने मारा
रेशमा तो मुझे घूर कर देखने लगी
उसको चोट तो लगी होगी
तभी इतने गुस्से से बात कर रही थी
रेशमा- तुम इतने बड़े होकर बच्चों के साथ खेलते हो , शरम नही आती , ये बच्चों का गार्डन
है , तुम्हें खेलने का इतना ही शौक है तो बाहर जाकर बड़े मैदान पर खेलो
रेशमा के मुँह से पहली बार कुछ सुना था
लेकिन सुना क्या , मेरे लिए गालियाँ नफ़रत गुस्सा
मैं इस पे क्या कहता
बच्चे- आंटी प्लीज़ बॉल दीजिए ना , ग़लती भैया की है
रेशमा- इसने जानबूझ कर मारा होगा
बच्चे- आंटी बॉल
रेशमा ने मुझे गुस्से से देखा
रेशमा- कोई बॉल नही मिलेगी , और तुम तुम्हारी शिकायत सेक्रेटरी से करूँगी , तुम्हें तो यहाँ से
निकलवा के रहूंगी
और रेशमा बॉल लेकर चली गयी
थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी
लगता है बम पर जोरदार लगी है
लो हो गया सब गड़बड़
अब तो रेशमा और गुस्सा हो गयी
बॉल भी चली गयी और बची हुई इज़्ज़त भी हवा हो गयी
बच्चे- भैया नया बॉल ले
अवी- तुम खुद लो
बच्चे- भैया बॉल आपने ही तो मारा था
अवी- बॉल मैं ने ही दिया था
बच्चे- भैया वो आंटी ऐसे ही गुस्सा करती है आप टेन्षन मत लो , वो कंप्लेंट नही करेंगी
अवी- मुझे मस्का लगा रहे हो
बच्चे- हमे तो खेलने के लिए बॉल चाहिए
अवी- अब कल दूँगा बॉल ,
बच्चे- भैया कल साथ मे खेलेंगे
और बच्चे तो चले गये
लेकिन मुझे फँसा गये
मेरी पड़ोसन की गंद लंड से मारना चाहता था लेकिन फुटबॉल से मार दी
लंगड़ाकर चल रही थी
मुझे सॉरी बोलना चाहिए था
सॉरी बोल देता तो उसका गुस्सा ख़तम हो जाता
जाने दो
कंप्लेंट करे गी तो करने दो
मुझे थोड़े यहाँ ज़िंदगी भर रहना है
मैं ने रेशमा के बारे में ज़्यादा सोचा नही
वैसे भी अब वो मेरे हाथ मे नही आएगी
मैं भी ट्राइ नही करूँगा अब
बिचारी की गंद लाल हो गयी होगी
सोचा था कि मेरी पड़ोसन से नज़दीकियाँ बढ़ा लूँगा
लेकिन सब उल्टा हो रहा था
अब तो मेरी इमेज बॅड पर्सन की बन गयी
वो तो मुझसे कुछ ज़्यादा ही नाराज़ है
मैं तो रेशमा से दूर ही रहूँगा
अगर इस बार कुछ गड़बड़ की तो थप्पड़ ज़रूर पड़ेगा मुझपर
मैं ने वापस अपना ध्यान ऑफीस के कामो पर लगा दिया
अब तो ऑफीस मे रेशमा थी मेरा ध्यान रखने को
लेकिन रेशमा ने अपनी सहेली को भी ये बात बताई की उसको प्रमोशन कैसे मिला
साली ने सब गड़बड़ कर दी
लेकिन ये क्या रेशमा की सहेली को भी प्रमोशन चाहिए था
रेशमा ने मुझसे आँख मार कर बताया कि ये आपके लिए है
मैं ने रेशमा की सहेली की चुदाई करके उसकी सॅलरी भी बढ़ा दी
पैसे मेरी जेब से थोड़े ही जा रहे थे
रेशमा के साथ उसकी सहेली की भी चुदाई करने लगा
पहले पहले सिर्फ़ रेशमा घंटे भर मेरे कॅबिन मे रहती तो लोग बाते करने लगे थे
अब एक साथ 2 लड़कियाँ मेरे कॅबिन मे आती है तो लोगो की बाते बंद हो गयी
मुझे तो आग बुझाने को.एक और मिल गयी
कभी रेशमा.की चुदाई करता तो कभी उसकी सहेली की
पब और डॅन्स बार मे भी कभी कभी जाने लगा
पब मे जाने को रेशमा तो हमेशा तैयार रहती
कोई लड़की साथ हो तो घूमने फिरने मे मज़ा आता है
इस बीच समय कैसे निकल गया पता ही नही चला
उस फुटबॉल वाली बात को कुछ हफ्ते हो गया
लेकिन इस बीच रेशमा से एक दो बार आमना सामना हुआ लेकिन उसका गुस्सा कम.नही हुआ
मैं उसकी तरफ नज़र उठा कर नही देखता
क्यूँ कि इस बार एक ग़लती और सीधा मेरा गाल लाल हो जाएगा
देखते देखते 3 महीने हो गये मुझे मुंबई मे आए हुए
मैं तो मुंबई की हवाओं मे घुल.मिल गया था
आजकल बाते ज़्यादा होने लगी तो ब्लूटूथ डिवाइस भी ले लिया
ट्र्वेलिंग के समय बोर ना हो इस लिए गर्लफ्रेंड और दोस्तो को कॉल कर लेता
मेरे फोन आने से उनको भी अच्छा लगता
ट्रेन मे फोन करने से मेरा बहुत टाइम बच रहा था
ऐसे एक दिन मैं फोन पर बात कर रहा था
बात करते करते मैं लिफ्ट मे चढ़ गया
मैं बाते करने मे पूरी तरह से डूब गया था
ब्लूटूत डिवाइस से बात कर रहा था
मैं तो पार्किंग एरिया से लिफ्ट मे चढ़ गया और अपने फ्लोर की बटन दबा कर दीवार की तरफ मुँह
करके बात करने लगा
मुझे पता ही नही चला कि लिफ्ट मे कोई और भी है
मेरे साथ एक लड़का और एक औरत भी लिफ्ट मे है इतना पता था
शायद लड़का और उसकी माँ थी मैं ने उनकी तरफ देखा भी नही और बात करने लगा
लिफ्ट तो 1 स्ट फ्लोर पर ही रुक गयी
तो वो लड़का लिफ्ट से नीचे उतर गया , मुझे लगा कि वो औरत उस लड़के की माँ होगी तो वो भी उतर
गयी
मतलब अब लिफ्ट मैं सिर्फ़ मैं अकेला ऐसा मुझे लगा
लेकिन लिफ्ट मे एक और औरत थी , वो लड़के की माँ नही थी
मैं लिफ्ट मे अकेला होने से खुल कर बात करने लगा
फोन मेरे दोस्त का था
दोस्त-कैसा है बे
अवी-मैं तो ठीक हूँ तुम बता शहर मे सब कैसे है
दोस्त-.साले तेरे जाने से ग्रूप तो टूट ही गया
अवी-क्या बात कर रहा है
दोस्त-.सब अपने अपने लाइफ मे बिज़ी हो गये है , तू था तो हफ्ते मे एक बार तो मिलते लेकिन 3 महीने से
किसी से मुलाकात नही हुई
अवी-मेरे आते ही सब मिल जाएँगे
दोस्त-तू आ जा जल्दी वापस
अवी-मैं नही आने वाला
दोस्त-.क्यूँ क्या हुआ , तुम तो बोल रहा था कि तू जल्दी वापस आएगा
अवी-तब मुझे पता नही था कि मुंबई इतनी अच्छी है
दोस्त-.मतलब तू नही आएगा
अवी-छुट्टियों मे आउन्गा बाकी मैं तो अब हमेशा के लिए यही रहूँगा
दोस्त-.यहाँ तेरी गर्लफ्रेंड है
अवी-उसको भी यहीं लेकर आउन्गा
दोस्त-.मतलब तू शादी करने वाला है
अवी-अभी नही
दोस्त-.मतलब मुंबई मे कोई मिल गयी क्या
अवी-मिल गयी समझ
दोस्त-.तो माला
अवी-उससे तो शादी करूँगा ,
दोस्त-.तो टाइम पास रखी है
अवी-यहाँ पे सब ऐसा ही होता है
दोस्त-.क्या नाम है उसका
अवी-रेशमा
मेरे मुँह से नाम सुनते उस औरत ने थोड़ी हलचल की पर मैं तो इतने दिनो बाद दोस्त से बात करने
मे खोया हुआ था
दोस्त-.नाम तो अच्छा है
अवी-नाम मे ही सब कुछ है , रेशमा , उसको तू देखेगा तो पागल हो जाएगा
दोस्त-.क्या बात करता है
अवी-इतनी हॉट और सेक्सी है कि तू पूछ ही मत
दोस्त-बताना उसके बारे में
अवी-तू अगर रेशमा को देखेगा तो उसपे टूट पड़ेगा , क्या ड्रेस पहनती है , मैं तो दीवाना हो
गया हूँ रेशमा का , उसने तो मुझमें आग भी लगाई है
दोस्त-कहीं तूने उसकी चुदाई तो नही की
अवी-उसकी तो हर रोज लेता हूँ सपने मे तो चोद चोद कर भोसड़ा बनाया है
दोस्त-.रियल मे भी ली है क्या
अवी-हाँ
दोस्त-.और बता उसके बारे में
अवी-आज रेशमा लाल ड्रेस मे इतनी हॉट थी कि मेरा पानी देख कर निकल गया
दोस्त-.क्या बात करता है
अवी-मेरा बस चले तो दिन रात उसकी लेता रहूं
दोस्त-उसकी फोटो भेज
अवी-तू यही आ जा कुछ दिन के लिए तुझे भी दिलवा दूँगा , साथ मे उसका मज़ा लेंगे
दोस्त-मज़ाक मत कर
अवी-तू आ तो सही , रेशमा के रेशमी बालो मे सुलाउंगा तुझे ,
रेशमा के गुलाबी होंठो का रस पिलाउन्गा
उसके गोरे बदन को अपने वीर्य से गीला कर देंगे
तू बस एक बस आ फिर देखना ,तू आगे से करना और मैं पीछे से
दोस्त-.सॅंडविच की तरह
अवी-सॅंडविच की तरह खाएँगे रेशमा को
दोस्त-ठीक है मैं जल्दी आउन्गा
अवी-तू जब आएगा तब रेशमा के साथ मज़ा करेंगे , और तू टेन्षन मत लेना मैं तब तक उसको
मना लूँगा
दोस्त-फिर तो मुंबई घूमने ज़रूर आउन्गा
और मैं ने फोन रख दिया
फोन रखते ही मैं अपना फ्लोर आया कि नही ये देखने के लिए पलट गया
वैसे ही मेरे गाल पर थप्पड़ पड़ा
मुझे कोई थप्पड़ मारेगा उसकी उम्मीद नही थी
मुझे तो गुस्सा आया
जिसने मुझे थप्पड़ मारा उसको मैं थप्पड़ मारने वाला था कि रुक गया
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Bahot hi jabardast planning banaya hai avi ne,MEGAUPDATE 16
रेशमा को मेरे बोलकोनी मे आए बिना दूसरा रास्ता ना हो इस लिए मैं ने मिसेज़ गुप्ता को बताया कि
मैं घर पर नही हूँ और रेशमा को कल ऑफीस जाने के लिए ड्रेस चाहिए ही
उसको मेरी बाल्कनी मे आना ही होगा
मैं ने रेशमा को पटाने के लिए एक प्लान बना लिया
रेशमा को बताना था कि उस दिन लिफ्ट मे मैं किस रेशमा की बात कर रहा था
प्लान के मुताबिक रेशमा मेरे घर आ गयी
आज तो मैं ने रेशमा के साथ रात भर चुदाई करने का प्लान बनाया
और ये सारी चुदाई लाइव देखेगी रेशमा
रेशमा के आते ही मैं ने उसका स्वागत किया
अवी- तुम तो दुल्हन की तरह सजधज कर आई हो
रेशमा-सर आपने ही तो कहा था कि पार्टी मे कोई कमी ना हो
अवी- वो तो अब देखना होगा कि तुम पार्टी मे कब तक टिकती हो
रेशमा-पूरी रात भर का सोच कर आई हूँ
अवी- एक पल भी सोने नही दूँगा
रेशमा-सोना चाहता भी कौन है
अवी- ये हुई ना बात
रेशमा-तो पार्टी कहाँ शुरू करनी है
अवी- ड्रिंक करते है
रेशमा-सर मैं ड्रिंक बनाती हूँ तब तक कुछ म्यूज़िक लगा दो
अवी- सर नही दोस्त बोलो , आज तुम मेरी गर्लफ्रेंड बन कर मस्ती करो
रेशमा-तो आपको अपनी गर्लफ्रेंड की याद आ रही है
अवी- हाँ
रेशमा-आपको बाय्फ्रेंड बना कर मेरी किस्मत खुल जाएगी
अवी- तो आज पार्टी मे डबल मज़ा आएगा
रेशमा-अवी म्यूज़िक लगा दो
अवी- आज तो सेक्स के म्यूजिक से काम चलाएँगे
रेशमा-फिर तो और मज़ा आएगा
और रेशमा ने ड्रिंक बना लिए
रेशमा मेरी गोद मे बैठ कर ड्रिंक करने लगी
रेशमा का बदन कुछ महीनो मे खिल गया था
अब तो रेशमा को मसल्ने मे मज़ा आता है
ड्रिंक करने मे टाइम लग रहा था ताकि मेरी रेशमा आ जाए
जब तक मेरी रेशमा नही आएगी तब तक गेम शुरू नही होगा
नशा तो हम पर हो गया था
सेक्स का नशा भी सर चढ़ कर बोल रहा था
धीरे धीरे ड्रिंक करते हुए रेशमा के बूब्स दबा रहा था
बूब्स को दबाने के साथ बीच बीच मे किस भी कर रहा था
अभी तो खेल शुरू हुआ था
पर रेशमा जल्दी खड़ी हो गयी
अवी- क्या हुआ
रेशमा-कुछ खाने को होता तो मज़ा आता
अवी- पहले तुझे खाने दूं , फ्रिज मे खाना रखा है
रेशमा-तो शुरू हो जाओ
अवी- जल्दी क्या है हमारे पास पूरी रात बाकी है
रेशमा-मेरे अंदर तो आग लगी है
अवी- चलो तुम्हारी आग बुझा देता हूँ
और मैं रेशमा को गोद मे उठा कर बेडरूम मे ले गया
और बेडरूम मे छोटी मोटी छेड़ छाड़ शुरू कर दी
कपड़े निकालने मे आधा घंटा लगाया
आज आराम से रेशमा का मज़ा लेना चाहता था
ऑफीस मे जल्दी जल्दी मे वो मज़ा नही आ रहा था
आज सब कुछ वसूल हो जाएगा
मैं रेशमा को ब्रा पैंटी मे बेडरूम मे घुमाने लगा
रेशमा को घोड़ी बना कर उसकी गंद पर थप्पड़ मारने लगा
शराब के नशे से सेक्स के नशे मे बदल रहा था
रेशमा अपने बॉस को खुश रखना चाहती थी क्यूँ कि उसको मुझसे बहुत कुछ मिल रहा है
आगे भी उसको.मुझसे बहुत कुछ पाने की उम्मीद थी
मैं ने उसको किस करके गरम करना शुरू कर दिया
उसके बूब्स को ब्रा के क़ैद से आज़ाद कर दिया
ब्यूटी पार्लर जाके आई थी जिस से उसका बदन चमक रहा था
आज तो जमकर रेशमा की गंद मारूँगा
तीनो छेदों मे मेरा लंड होगा
पर मुझे इंतज़ार था रेशमा के आने का
रेशमा के आने का टाइम भी हो गया
किसी भी वक्त मेरे घर की बेल बज सकती है
रेशमा के आने का टाइम होते ही मैं ने अपना अंडरवेर और रेशमा की पैंटी निकाल दी
अब तो असली पार्टी की शुरुआत हुई थी
रेशमा तो इतनी गरम हो गयी थी कि खुद अपनी चूत मे उंगली कर रही थी
जैसा सोचा था वैसा ही हुआ पहले बाल्कनी की तरफ से कुछ आवज़ आई
मुझे पता था कि बाल्कनी से रस्सी खींच कर कोई फ़ायदा नही होगा रेशमा को
रेशमा तो अपने कपड़े मेरी बाल्कनी मे देख कर शॉक्ड हो गयी
उसको तो समझ मे नही आ रहा था कि क्या करे
सारे कपड़े धोने को डाले थे जिस से उसको मुश्किल दिखाई दे रही थी
अब क्या पहन कर ऑफीस जाएगी
इस लिए रेशमा बाल्कनी से मुझे आवाज़ देने लगी तो मैं ने इग्नोर कर दिया
आवाज़ देने से काम ना चलने से रेशमा ने मेरे अपार्टमेंट की डोर की बेल बजानी शुरू कर दी
रेशमा-अब कौन आया
अवी- तुम ध्यान मत दो जो होगा वो बेल बजा कर वापस चला जाएगा
रेशमा-पार्टी मे भंग कौन डाल रहा है
अवी- तुम पार्टी पे ध्यान दो
और रेशमा वापस मुझे खुश करने लगी
रेशमा बेल बजा बजा कर थक गयी
पर मैं ने डोर नही खोला
इतनी बेल बजाने से मिसेज़ गुप्ता भी बाहर आ गयी होगी
तब जाके रेशमा को पता लगा कि मैं घर पर नही हूँ , और मैं 2 दिन बाद आउन्गा
ये सुनते ही रेशमा को तो कुछ समझ मे नही आया
अगर कपड़े मेरी बाल्कनी से नही निकाले तो वो कल क्या पहन कर जाएगी
और मैं परसो भी वापस नही आया तो
रेशमा को तो कुछ समझ नही आ रहा था
रेशमा वापस अपनी बाल्कनी मे आई
और लकड़ी के मदद से कपड़े निकालने की कॉसिश करने लगी
पर मैं ने बाल्कनी मे गुलाब के पौधो के काटो मे फँसा कर रखे थे ड्रेस
एक ड्रेस रेशमा निकालने मे कामयाब हुई लेकिन काटो की वजह से फट गयी
मतलब लकड़ी की मदद से कोई फ़ायदा नही होगा
अब तो रेशमा के पसीने निकलने लगे
ऐसे मे बस एक काम हो सकता है
रेशमा को अपनी बाल्कनी से मेरी बाल्कनी मे आना होगा
रेशमा के ऐसा करते ही मुझे पता चल जाएगा
लेकिन अब तक कोई आवाज़ नही आई
अंधेरा हो चुका था
रेशमा अंधेरा होने का इंतज़ार कर रही थी
अंधेरा होते ही रेशमा मेरी बाल्कनी मे आने का ट्राइ करने लगी
उसको डर लग रहा था लेकिन ये करना ही था
वो आराम से मेरी बाल्कनी मे आ गयी
पर जैसे ही रेशमा ने मेरी बॉल्कानी मे कदम रखा तो ग्लास गिरने की आवज़ आई
ये मैने ग्लास ऐसा सेट किया था कि कोई बाल्कनी से मेरी बाल्कनी मे आए तो आवाज़ हो जाए
मुझे पता चल गया कि रेशमा मेरी बाल्कनी मे आ गयी
रेशमा को इस आवाज़ से फरक नही पड़ा क्यूँ कि उसको तो पता था कि मैं घर पर नही हूँ
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Awesome update bhai,Update 24
जॉगिंग करना वो भी रेशमा के साथ अच्छा अनुभव था
धीरे धीरे रेशमा को.मैं अच्छा लगने लगा
जॉगिंग करने के बाद हम.दोनो अलग हो गये
पर रेशमा के कार पार्किंग करने तक मैं नीचे ही रुका
जब रेशमा लिफ्ट का इंतज़ार का रही थी तो मैं सीडियो से उपर चला गया
रेशमा को ये अजीब लगा
नीचे आते समय तो वो समझ सकती है कि सीडिया से नीचे आने से एक्सर्साइज़ हो जाती है
पर अब तो मैं थका हूँ फिर भी सीडियों का ईस्तमाल क्यूँ कर रहा हूँ , और लिफ्ट तो खाली है
रेशमा को सोच मे डूबा हुआ देख कर अच्छा लगा
पर अब मेरी गंद लग रही थी
पहले रेशमा के सामने हीरो बनने के चक्कर मे जॉगिंग करनी पड़ी
अब 7 फ्लोर तक सीडियो से जाना ,
गंद फट रही थी मेरी
पर रेशमा को पाने के लिए इतना तो करना ही था
रेशमा उपर जाकर मेरा ही इंतज़ार कर रही थी
मैं आराम से उपर आया तो रेशमा तब तक अपने अपार्टमेंट मे चली गयी
मैं तो अपने बेड पर आधा घंटे का अलार्म लगा कर सो गया
फिर ऑफीस जाने को तैयार हो गया
रेशमा भी ऑफीस जा रही थी लेकिन उसकी साड़ी ब्रा और पैंटी मेरे पास थी
फिर भी रेशमा ने अड्जस्ट कर लिया
औसे ड्रेस पहन लिया जिस से ब्रा ना पहनने से चल जाएगा
उसको पता था कि उसकी ब्रा पैंटी कहाँ है
पर वो माँगने से शरमा रही थी
आज तो वो नयी खरीद लेगी
मैं नही चाहता था कि वो नयी ब्रा पैंटी ले
इस लिए मैं ने कुछ अलग सोच लिया
आज तो हम दोनो एक साथ अपने अपने अपार्टमेंट से बाहर निकले ऑफीस जाने को
जैसे हमारी नज़र मिली तो हमारे चेहरे पे स्माइल आ गयी
रेशमा ने विश किया और वो.लिफ्ट के पास गयी
पर मैं सीडियो के तरफ जाने लगा
मुझे सीडियो से नीचे जाते हुए देख कर रेशमा ने आवज़ दी
रेशमा-लिफ्ट ने नीचे नही जाओगे
मैं रुक गया
रेशमा-सुबह जॉगिंग के वक्त सीडियो का इस्तेमाल करना ठीक था पर अब लिफ्ट का इस्तेमाल करो
अवी- तुम्हारे साथ
रेशमा-क्यूँ मेरे साथ कोई प्राब्लम है
मैं ने उस पे कुछ नही कहा और रेशमा के पास आकर लिफ्ट का इंतज़ार करने लगा
रेशमा-तुम लिफ्ट का इस्तेमाल क्यूँ नही कर रहे हो
अवी- वो मैं
रेशमा-क्यूँ क्या हुआ
मैं कुछ कहता उस से पहले लिफ्ट आ गयी
और हम दोनो लिफ्ट मे सवार हो गये
मैं रेशमा से थोड़ा दूर ही खड़ा था
और चुप चाप नीचे सर करके खड़ा था
रेशमा मुझे ऐसे देख कर थोड़ी शॉक्ड थी
रेशमा-क्यूँ क्या हुआ ऐसे क्यूँ चुप चाप खड़े हो
अवी- वो मैने लिफ्ट मे बात करना बंद कर दिया
रेशमा-क्यूँ ?
अवी- लिफ्ट मे बाते करने पर थप्पड़ मिलता है
रेशमा-थप्पड़
और रेशमा को वो दिन याद आया जब उसने मुझे थप्पड़ मारा था
रेशमा-उस दिन के लिए सॉरी , मैं ने बिना सोचे समझे तुम्हें थप्पड़ मारा था
अवी- पहली बार किसी ने थप्पड़ मारा था
रेशमा-मुझे ग़लतफहमी हुई थी
अवी- लेकिन उसकी सज़ा तो मुझे मिली थी
रेशमा-पर तुम्हें भी औरतो के सामने ऐसी बात नही करनी चाहिए थी
अवी- मुझे तो लगा था कि लिफ्ट मे मैं अकेला हूँ , और तुम उस लड़के की माँ हो जो 2फ्लोर पर उतर गया
था
रेशमा-फिर भी ध्यान रखना चाहिए था
अवी- ग़लती हो जाती है पर उसके लिए थप्पड़ नही मारना चाहिए
रेशमा-तुम्हें तब पता नही होगा पर मेरा नाम भी रेशमा था
अवी- तुमको भी समझना चाहिए कि रेशमा नाम बहुत लड़कियो का होता है
रेशमा-मुझे लगा की तुम मेरी बात कर रहे हो
अवी- उस वक्त तो तुम्हारा नाम भी मुझे पता नही था
रेशमा-ये मुझे मिसेज़ गुप्ता के यहाँ पता चला , और तुम अपनी गर्लफ्रेंड रेशमा की बात कर रहे हो
अवी- वो मेरी गर्लफ्रेंड नही है
रेशमा-पर तुमने तो कहा था कि
अवी- पहले थी लेकिन बाद मे सोचा कि माला ही मेरे लिए अच्छी रहेगी
रेशमा-तभी रेशमा को दोस्त के साथ शेयर करने की बात कर रहे थे , तुम ऐसे भी सचते हो
अवी- वो तो मेरे दोस्तो को यहाँ बुलाने के लिए झूठ बोला था ,
रेशमा-अब तुम झूठ बोल रहे हो
अवी- सच , मेरे दोस्त को घूमने के लिए बुला रहा था पर बाद मे वो बोल रहा था कि वो आएगा
तो उसकी रेशमा चाहिए , मैं अपने बातों से फस गया जिस से मैं ने बात की रेशमा से लेकिन वो
तैयार नही हुई
रेशमा-पता है मुझे
अवी- क्या कहा
रेशमा ने जल्दी बात बदल दी
रेशमा-ऐसी बात देख कर करनी चाहिए , और मेरा नाम भी रेशमा था तो मुझे लगा कि तुम मेरे
बारे में बात कर रहे हो
अवी- तब मुझे तुम्हारा नाम पता नही था , और दूसरी बात मैं पागल नही हूँ जो तुम्हें शेयर करने
की बात करूँ , तुम्हें तो पॅल्को पर सज़ा के रखू इतनी स्पेशल हो तुम
ये मैं ने क्या बोल दिया
रेशमा भी मेरी बात से शॉक्ड हो गयी
अवी- सॉरी वो ग़लती से
रेशमा-ग़लती से दिल की बात बाहर आती है
अवी- मेरे कहने का मतलब था कि
रेशमा-कोई बात नही ,,गुलाब के फूल के पास इतने काँटे होते है कि उसको अकेला रहना पड़ता है
अवी- पर गुलाब के फूल की खुश्बू सबको अपने पास लाती है
रेशमा-जाने दो उस बात को , उस दिन के लिए सॉरी
अवी- कितनी ज़ोर से थप्पड़ मारा था , मुझे तो बहुत गुस्सा आया था तुम पर
रेशमा-अच्छा
अवी- और नही तो क्या उस वक्त मुझे समझ मे नही आया कि तुमने थप्पड़ क्यूँ मारा , फिर वॉचमन
से तुम्हारे बारे में पूछा तब समझा कि तुम्हारा नाम भी रेशमा है
रेशमा-सॉरी मुझे पहले बात करनी चाहिए थी
अवी- उस थप्पड़ के बाद तो मुझे नींद नही आई थी , मैने तो ये बिल्डिंग छोड़ने का सोच लिया
था ,, और तुम पर बहुत गुस्सा आया था
रेशमा-सॉरी बोला ना
अवी- अगर तुम्हारी जगह कोई और होती तो तभी वापस थप्पड़ मार देता , हमारे यहाँ पत्थर का जवाब
पत्थर से देते है
रेशमा-तुम भी मुझे थप्पड़ मार दो
अवी- मैं कैसे
रेशमा-मार लो , मुझे भी याद रहेगा कि हमेशा जो दिखता वैसा होता नही
अवी- लेकिन मैं लॅडीस पे हाथ नही उठाता
रेशमा-ग़लती मेरी थी , तुम्हारी जगह कोई और होता तो उस थप्पड़ के बदले रेप करने का सोचता
अवी- मैं ऐसा नही हूँ
रेशमा-पता है , पर तुम्हें थप्पड़ मारना होगा वरना तुम लिफ्ट मे आने से डर जाओगे
और रेश्म ने अपना गाल आगे किया
रेशमा के गालो पर मैं थप्पड़ कैसे मार सकता हूँ
पर रेशमा कह रही है तो मारना पड़ेगा
मैं मे हाथ उठाया तो रेशमा ने आँख बंद की
उसको डर भी लग रहा था
लेकिन मेरा हाथ रुक गया
रेशमा को डरा हुआ देख कर उसपे प्यार आ गया
मैं ने हाथ पीछे ले लिया और रेशमा के गुलाबी गालो पर
रेशमा के गुलाबी गालो पर किस किया
रेशमा को इसकी उम्मीद नही थी
रेशमा तो इस से शॉक्ड हो गयी
उसने अपनी आँख खोल कर मुझे देखा तो मैं लिफ्ट मे नही था
लिफ्ट रुकी हुई थी और मैं बाहर निकल गया
रेशमा तो पूरी तरह से शॉक्ड हो गयी
उसको इस बात की उम्मीद नही थी
आज तो दिन भर रेशमा इस किस के बारे में सोचेगी
मैं तो रेशमा को.किस करके खुश था
आज सपनो की रानी को किस किया था
आज का दिन मैं कभी नही भूलूंगा
रेशमा ऑफीस जाकर मेरे किस के बारे में सोच रही होगी
होंठो की जगह गालो पर ही किया था
फिर भी रेशमा का चेहरा देखने लायक था
वो तो पूरी तरह से हिल गयी थी
मैं वहाँ से जल्दी गायब हो गया
पता नही बिचारी क्या सोच रही होगी
दिन भर यही सोच रही होगी कि मैं ने ऐसा क्यूँ किया
अब तो उसके दिमाग़ मे मैं ही रहूँगा
लेकिन मैं भी डरा हुआ था कि अगर रेशमा को गुस्सा आया तो
अगर रेशमा ने दोस्ती तोड़ दी तो
बना बनाया प्लान खराब हो सकता है
लेकिन ये स्टेप कभी ना कभी तो उठाना ही था
अभी तो लोहा गरम.है
लोहा गरम हो तो हथौड़ा मार देना चाहिए
रेशमा अबी फुल फॉर्म मे है तो मैं उसको ठंडा नही होने दे सकता
अगर जल्दी नही की तो रेशमा हाथ से निकल जाएगी
लेकिन अभी तो जो.किया है उसको ठीक भी करना था
मैं दिन भर ऑफीस मे रहा!!
______________,,,,,,,,,,,,
Bahot hi shandaar update hai bhai,Update 25
इंटरनेट पे सर्च करता रहा कि कोई अच्छी पोयम मिल जाए
लेकिन काम नही बना
फिर स्टोर मे जाकर एक ग्रीटिंग लिया सॉरी वाला
और एक लेटर पे लिखा कि
"गुलाब के फूल को कोई कैसे कुचल सकता है , गुलाब के फूल को तो प्यार किया जाता है ,मैं ने
प्यार ही किया , सॉरी , पर क्या करता तुम्हें थप्पड़ मारते हुए तुम्हारे चेहरे के एक्शप्रेशन देख कर
हिम्मत ही नही हुई कि थप्पड़ मार सकूँ , तुम्हें कोई थप्पड़ मार ही नही सकता , ऐसे मे मैं
ने छोटी गुस्ताख़ी कर दी , दोस्ती मे इतना तो चलता है ,
तुम जब ये पढ़ोगी तो सोचोगी कि ये क्या लिख दिया , कुछ अच्छी पोयम.लिख देते या ग्रीटिंग कार्ड देते,
मैं ने ग्रीटिंग भी लिया लेकिन उस पर तो दूसरे के दिल का हाल लिखा होता है , मुझे तो खुद सॉरी बोलना
था ,
माफ़ कर देना अगर बुरा लगा हो तो , और इस पेज को फाड़ना मत क्यूँ कि ये सब लिखने के लिए पहले
दस पेजस फाड़ चुका हूँ , और 1घंटा वेस्ट किया है , 1सेकेंड के किस के बदले 1 घंटा लग
गया , मेरे लिए नही कम.से कम.उस 10पेजस के लिए माफ़ करना , या फिर उस 1 घंटे के लिए माफ़ करना जो
ये लेटर लिखने के लिए लगाया था "
बहुत फालतू सा माफी नामा लिख दिया
कोई फाड़ेगा तो हसी आ जाएगी
मुझे खुद हसी आ रही थी कि मैं ने क्या लिखा है
पर रेशमा भी पढ़ी लिखी है
उसको मेरा लेटर पढ़ कर हसी ज़रूर आएगी
एक चूतिया लवर की तरह लेटर लिखा था
कभी कभी स्मार्ट लड़की के लिए ऐसा लेटर बहुत बड़ा रोल प्ले करता है
मैं ने ग्रीटिंग कार्ड फेक दिया और उस लेटर के साथ गुलाब का फूल भी ले लिया
और शाम मे मैं ने लेटर को एक गिफ्ट के साथ रेशमा के डोर के सामने रख दिया और बेल बजा कर
सीढ़ियों के पीछे छुप गया
रेशमा ने डोर खोला और गिफ्ट देख कर इधर उधर देखने लगी फिर गिफ्ट को अंदर लेकर गयी
मैं अपने अपार्टमेंट मे चला गया
पता नही क्या कहेगी रेशमा
लेकिन मैं ने अपना काम कर दिया
और आज तो रेशमा ने कुछ नही किया होगा
देखते है कल रेशमा क्या कहती है मुझे
मैं तो रेशमा के बारे में ही सोच रहा था
उसका क्या रियेक्शन होगा
एक पल के लिए लगा कि बाल्कनी मे जाकर देख लूँ
फिर सोचा कि कल ऐसे मिलूँगा कि जैसे कुछ हुआ ही ना हो
बस बात बनी रहे
रेशमा ज़्यादा गुस्सा ना हो
रेशमा अब गुस्सा तो होगी नही ऐसा लग रहा था
रेशमा को भी पता होगा कि दोस्ती मे इतना तो चलता ही है
ऐसे मे मैं रिलॅक्स हो सकता हूँ
मैं बस अब कल के बारे में सोच रहा था
कल तो रेशमा के गालो पर किस किया
अब वो दिन दूर नही होगा जब रेशमा के गुलाबी होंठो पे किस करूँगा
मैं कल रेशमा के साथ जॉगिंग पर गया था
तो आज भी सुबह तैयार हो गया जॉगिंग पर जाने के लिए
रेशमा के अपार्टमेंट की डोर बेल बजाई
रेशमा उठ चुकी थी लेकिन उसने ट्रॅक सूट नही पहना था
अवी-क्या हुआ तुम तैयार नही हुई
रेशमा-वो मैं आज नही आ पाउन्गि , तुम अकेले जाओ
अवी-क्यू क्या हुआ
रेशमा-कुछ नही बस आज तुम अकेले जाओ , चाहो तो मेरी कार लेकर जा सकते हो , प्लेस तो तुम्हें पता
है
मैं रेशमा के अपार्टमेंट के अंदर आ गया
रेशमा ने कल के पप्पी के बारे में कुछ नही कहा
रेशमा- तुम आज अकेले जाओ
अवी-क्यूँ तुम कल की मेरे हरकत से तो ऐसा नही बोल रही हो
रेशमा-ये बात तो ......
अवी-देखो कल जो हुआ उसके लिए सॉरी बोला है , दोस्ती मे इतना तो चलता है
रेशमा-बात वो नही है
अवी-मतलब मैं ने किस किया तुम्हें अच्छा लगा
रेशमा-उस बात पे मुझे गुस्सा आ रहा है , पर ये तुम्हारी पहली ग़लती समझ कर माफ़ कर रही हूँ
अवी-सच मे गुस्सा आया था या फिर अब मैं कह रहा हूँ इस लिए गुस्सा हो
रेशमा-तुम्हें ऐसा नही करना चाहिए था
अवी-तुमने ही तो कहा था कि थप्पड़ मारो
रेशमा-थप्पड़ मारने को कहा था किस करने को नही
अवी-थप्पड़ मारने वाला था पर तुम्हारे मासूम चेहरे को देख कर रुक गया , और तुमने तो बोल दिया
कि थप्पड़ मारो पर तुम खुद नही चाहती कि मैं थप्पड़ मारू
रेशमा-वो मैं
अवी-अब उस बात को भूल जाओ और चलो जॉगिंग करने
रेशमा-उस बात को मैं ने ज़्यादा सीरीयस नही लिया
अवी-तो क्या बात है
रेशमा-थोड़ी तबीयत ठीक नही है
मुझे पता था कि बात क्या है
रेशमा की ब्रा पैंटी मेरे पास है
जो एक पीस था उसके पास वो कल पहन लिया था
और कल ऑफीस जाते समय लेने वाली थी ब्रा पैंटी मेरे किस से कुछ खरीद नही पाई
जब प्यास लगती है तभी कुआँ खोदा जाता है
रेशमा को जब ज़रूरत पड़ी तभी उसको याद आया कि उसको शॉपिंग करनी थी
बस अब मुझे कैसे कहेगी कि उसकी ब्रा पैंटी मेरे पास है
इसी लिए तबीयत का बहाना बना रही है
अवी-चलो डॉक्टर के पास
रेशमा-डॉक्टर की ज़रूरत नही है बस थोड़ा आराम करूँगी तो ठीक हो जाएगा
अवी-झूठ मत बोलो
रेशमा-झूठ
अवी-अगर तबीयत ठीक ना होती तो ऐसा नही कहती कि डॉक्टर के पास नही जाना पड़ेगा
रेशमा-इतनी सुबह कहा डॉक्टर मिलता है
अवी-लेकिन बात कुछ और है
रेशमा-कुछ नही , बस आज मूड नही है
अवी-कही कल आंटी ने मुझे तुम्हारा हज़्बेंड कहा इस लिए तो जाना नही चाहती
रेशमा-ये बात भी नही है
अवी-मतलब तुम्हें अच्छा लगा था जब आंटी ने मुझे तुम्हारा हज़्बेंड बोला था
रेशमा-तुम कुछ भी मतलब निकालते हो
अवी-तो बताओ बात क्या है , दोस्त मदद करने को होते है
रेशमा-तुम्हें नही बता सकती
अवी-फिर ठीक है मैं यहाँ से कही नही जाउन्गा जब तक तुम बताओगि नही
रेशमा-तुम एक मर्द हो तुम्हें कैसे बता सकती हूँ
अवी-तुम्हारे पीरियड चालू ............
मेरी बात सुनते ही शॉक्ड हो गयी
कितनी आसानी से बोल दिया मैं ने
मेरी बात से तो रेशमा शरमा गयी
उसको तो समझ नही आया कि क्या कहे
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,_____
Amazing update bhai,Update 34
अब कहानी अवी की जुवानी
पहला दिन कैसे गया ये मैं ही जानता हूँ
शाम तक मैं इतना खो गया रेशमा की यादो मे कि मैं उसकी छवि को किस कर रहा था लिफ्ट मे
मुझे ऐसा लगा कि मैं ने रेशमा को किस किया पर वो रेशमा नही उसकी मिरर इमेज थी
इस की वजह से मैं रेशमा के सामने शर्मिंदा महसूस कर रहा था
पर रेशमा ने उस पर कुछ नही कहा
मैं रूम मे आकर तो इसी बात पर सोच रहा था
दोपेहर मे लंच भी नही किया
और रोज रेशमा के यहाँ डिन्नर करता था पर आज वहाँ जा भी नही पाउन्गा
और मेरे यहाँ तो खाने का कोई इंतज़ाम नही था
ये बात मेरे दिमाग़ मे तब आई जब 11 बज गये रात के
पेट मे चूहे नाच रहे थे
भूक से बेहाल हो रहा था मैं
और इतनी रात मे आस पास कुछ नही था
मुझे रेल स्टेशन तक जाना होगा वहाँ होटेल मे खाना मिल सकता है
पर वहाँ जाउन्गा कैसे और आउन्गा कैसे
और आते आते तो 2 तो बज ही जाएँगे
मैं अपने घर मे खाने का सामान देखने लगा पर कुछ नही मिला
कैसे मिलता सुबह का नाश्ता रेशमा के यहाँ , लंच ऑफीस मे और रात का डिन्नर रेशना के यहाँ ,
यही तो चल रहा था
अब तो बस सामने वाली आंटी काम आ सकती है
मिसेज़ गुप्ता से कुछ खाने की माँग लेता हूँ
अगर कुछ खाया नही तो नींद नही आएगी और कल भी मैं सोया नही था
मिसेज़ गुप्ता को डिस्र्टुब करना ठीक नही लग रहा पर भूक लगती है तो कुछ नही देखना पड़ता
मैं मिसेज़ गुप्ता के घर की बेल बजाई
उनके जैसी दादी को डिस्टर्ब करना ठीक नही लग रहा था
पर सुना है वो जल्दी सोते नही है
मिस्टर गुप्ता ने तो जल्दी डोर खोल दिया मतलब अब तक वो सोए नही थे
मिस्टर गुप्ता- अवी बेटा तुम , इतनी रात को
अवी- सॉरी अंकल डिस्टर्ब करने को
मिस्टर गुप्ता- बिना वजह डिस्ट्रब किया हो तो लाठी पड़ेगी बताओ क्यूँ याद किया
अवी- अंकल एक छोटा काम था पर कैसे कहूँ समझ नही आ रहा
मिस्टर गुप्ता- अंकल कहते हो तो मैं अपना ही हुआ ना , अब बोलो क्या कहना था
अवी- अंकल वो मैं
मिस्टर गुप्ता- अब बोलते हो कि लाठी मारू
अवी- अंकल भूक लगी थी , आपके यहाँ कुछ खाने को है
मेरी बात पर मिस्टर गुप्ता हँसने लगे
मिस्टर गुप्ता - अंदर आओ
और मिस्टर गुप्ता ने दूसरा डोर खोला , बड़ा सेफ रहते है ,
मिस्टर गुप्ता- अब बताओ क्या हुआ
अवी- भूक लगी है , आज ऑफीस मे इतना काम था कि लंच नही किया ,फिर यहाँ आते ही सो गया
मिस्टर गुप्ता- और अभी उठे तो भूख लगी हैना
अवी- हाँ , क्या आपके यहाँ खाना बचा है , अगर नही तो कोई बात नही है , आंटी को खाना बनाने
को मत लगा देना
मिस्टर गुप्ता- खाना तो हम अपने लिए ही बनाते है , कुछ बचता ही नही है
अवी- कोई बात नही , मैं बाहर देखता हूँ कोई दुकान खुली हो
मिस्टर गुप्ता- जा कहाँ रहे हो , मुझे तुम्हारी आंटी से पूछने दो
अवी- उनको क्यूँ तकलीफ़ देना , मैं मनेज कर लूँगा
मिसेज़ गुप्ता- कौन आया है , और आप किस से बात कर रहे है
अंदर से आंटी की आवज़ आई
मिस्टर गुप्ता- अवी है , उसको भूक लगी है , कुछ बचा है खाना , या फ्रूट दूं अवी को
मिसेज़ गुप्ता- रुकिये मैं आती हूँ
अवी- आंटी अंदर क्या कर रही है ,कहीं आपने सोते हुए उनको जगाया तो नही
मिस्टर गुप्ता- तुम्हारी आंटी तो एक बार बात करने लगती है तो रुकती नही है
अवी- कौन है अंदर
मेरे सवाल ख़तम होने से पहले मिसेज़ गुप्ता बाहर आ गयी
मिसेज़ गुप्ता-अवी, भूक लगी है ,
अवी- हाँ
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हारी किस्मत अच्छी है जो रेशमा आज हमारे लिए खाना लेकर आई , पर हमारी किस्मत
खराब थी कि हमारा खाना हो गया था
मिस्टर गुप्ता- रेशमा बेटी खाना लाई थी मुझे तो बताया भी नही
मिसेज़ गुप्ता- आओ चुप रहिए , अवी बैठो मैं खाना लेकर आती हूँ
और मिसेज़ गुप्ता मेरे लिए रेशमा के हाथो का खाना लेकर आ गयी
लगा नही था कि कभी रेशमा के हाथो का खाना मिलेगा
पर किस्मत देखो कि रेशमा और मैं दूर जाने के बाद भी पास आ रहे है
हमारी किस्मत ही हमे मिला रही है
मैं तो खाना देखते ही उस पे टूट पड़ा
भूक तो लगी थी उपर से रेशमा के हाथ का खाना मिलते ही पेट के साथ दिल को भी सुकून मिला
रेशमा यही थी जो मुझे बेडरूम से देख रही थी
मुझे इस तरह खाना खाते हुए देख कर शायद उसको समझ मे आया होगा कि मैं दिन भर भूका
ही रहा उसकी यादो मे
रेशमा ने भी कुछ खाया नही होगा
रेशमा भी अब घर जाकर खाना खा पाएगी
मिसेज़ गुप्ता-बेटा आराम से खाना खाओ
अवी- बहुत भूक लगी है , सुबह से कुछ नही खाया है
मिस्टर गुप्ता- ऑफीस के कामो मे इतना मत डूब जाओ कि खुद को ही भूल जाओ
अवी- मैं किसी और की यादो मे डूबा था
मिसेज़ गुप्ता- क्या कहा
अवी- कुछ नही , खाना बहुत स्वादिष्ट है
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा बेटी के हाथो मे जादू है , मैं तो तुम्हारे चक्कर मे भूल गयी कि वो
बेडरूम मे अकेली होगी
अवी- क्या मैं पूछ सकता हूँ कि वो अब तक यहाँ क्यूँ है
मिसेज़ गुप्ता- क्या ?
अवी- मेरा मतलब है उसको कोई परेशानी तो नही सता रही है , जैसे अकेले होने की जिस से वो आपके
पास आई है
मिसेज़ गुप्ता- मैं भी यही सोच रही थी , रेशमा तो बता ही नही रही थी
अवी- अकेले रहने से उसको अपनो की याद आई होगी , आप आज उसको अपने पास रखिए , माँ का प्यार
मिलते ही उसको अच्छा लगेगा
मिसेज़ गुप्ता- सही कहा तुमने , उसको मैं यही रोकती हूँ , और उसको कहूँगी कि कुछ दिनो के लिए अपने
मायके चली जाए
अवी- मैं तो कहता हूँ उसको जॉब छोड़ कर अपने हज़्बेंड के पास जाना चाहिए , अकेलापन बहुत
डेंजर होता है
मिस्टर गुप्ता- तुम समझदार हो
मिसेज़ गुप्ता-अकेली रहती है बिचारी , ना मायके जाती है और ना उसका हज़्बेंड आता है , मुझे तो उसके
हज़्बेंड पे बहुत गुस्सा आता है जो फूल सी बच्ची को अकेला छोड़ दिया है
अवी- सबकी अपनी अपनी वजह होती है , रेशमा आपकी बात ज़रूर मानेगी , आप उसको मायके जाने की बात
करना ,
मिसेज़ गुप्ता- ज़रूर करूँगी
अवी- और इस स्वादिष्ट खाने के लिए आप का शुक्रिया
मिस्टर गुप्ता- शुक्रिया कहा तो लाठी पड़ेगी , और ऐसे आते रहना , हमे अच्छा लगता है
अवी- जी , अब मैं चलता हूँ
और मैं अपने अपार्टमेंट मे आ गया
रेशमा हमारी बात सुन रही थी
मैं चाहता था कि रेशमा मुझसे दूर रहे
वो दूर रहेगी तो हम दोनो के लिए अच्छा होगा
उसके दूर जाने से मैं अपना ध्यान खुद पर लगा पाउन्गा
रेशमा मेरे सामने नही आई
उसको लगा कि मैं अब भी उसकी भलाई के बारे में सोच रहा हूँ
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