UPDATE-6
प्लानिंग के अनुसार अगले दिन की सुबह हम शिमला जाने के लिए तैयार थे। जीजू हमेशा की तरह अपने ऑफिस चले गए, जाते वक़्त उन्होंने हमें शुभकामनाएँ दीं और सुरक्षित यात्रा की कामना की।
सब काम ख़त्म होने के बाद पायल दीदी ने मुझसे कहा कि कैब बुलाकर लाओ, तब तक वह साड़ी पहनकर तैयार हो जाएगी। मैंने तुरंत कैब बुक की और मोबाइल पर गेम खेलने लगा। थोड़ी देर में कैब भी आ गयी। मैं कैब वाले को इंतजार करने को कह कर अन्दर आ गया और दीदी को जल्दी आने के लिए आवाज़ दी। जब दीदी तैयार होकर बाहर आई तो उसे देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया।
दीदी ने एक सुंदर शिफॉन साड़ी पहनी थी। तीखे नैन-नक्श, कजरारी आँखे, घने-लंबे-काले बाल, चेहरे पर हल्का मेकअप, गले में मंगलसूत्र औऱ मांग में सिंदूर...उसकी साड़ी अच्छी तरह बदन से लिपटी हुई थी, जिसमें से शरीर के सारे उठाव स्पष्ट दिख रहे थे। कुल मिलाकर वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं। दीदी को देखकर मेरे दिल की धड़कन बेकाबू होने लगी, मैंने जैसे तैसे खुद को संभाला और दीदी से कहा-
"वाओ दीदी! यह साड़ी तुम पर कितनी खूबसूरत लग रही है! आज तुम कुछ अलग दिख रही हो!”
"क्या कह रहे हो राहुल, यह साड़ी तो पुरानी ही है और मैंने कुछ भी अलग नहीं किया है!"
“मैं झूठ नहीं बोल रहा दी, तुम सच में बहुत खूबसूरत लग रही हो। मैं विश्वास नहीं कर सकता कि मेरी बहन इतनी सएए..स..सुंदर हैं!”
"ओह। तो तुम्हारा मतलब है कि मैं बहुत सेक्सी लग रही हूँ, हाँ या ना?” दीदी ने मेरे मजे लेते हुए पूछा।
“हुंह? नहीं.. मेरा मतलब हां..नहीं!” मैं पूरी तरह से कन्फ्यूज था की दीदी को क्या जवाब दूँ।
“ओह चलो भी राहुल, अगर तुम्हें सच मे ऐसा लगता है तो तुम कह सकते हो, शरमाओ मत! क्या तुम भूल गये, हम फ्रेंड्स हैं?”
“हाँ, हम फ्रेंड्स हैं,” मैं धीरे से फुसफुसाया।
“वो मैं....छोड़ो दी! लेकिन आज तुम सच में हॉट एंड सेक्सी दिख रही हो!” मैंने भी बेशरम बनते हुए कहा।
“ओह थैंक यू, भाई,” पायल दीदी ने ख़ुशी से कहा, “क्या तुम्हें सच में लगता है कि मैं सेक्सी दिखती हूँ? तुम्हारे जीजू को तो मेरी कोई परवाह नहीं है। वो कभी मेरी तारीफ़ नही करते।”
"मैं जीजू के बारे में कुछ नहीं जानता दी, लेकिन अगर मुझसे पूछोगी तो मैं यही कहूंगा कि मैंने आज तक तुम से ज्यादा हसीन लड़की नही देखी। तुम्हें देख के तो चाँद भी शरमा जाए।"
"ओह! स्टॉप इट राहुल! मुझे चने के झाड़ पर मत चढ़ाओ।” दीदी ने शरमाते हुए कहा।
“मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ मैडम, अगर मैं जीजू की जगह होता तो हमेशा भगवान को थैंक यू कहता कि उन्होंने मुझे तुम्हारे जैसी सुंदर और सुशील बीवी दी। सच कहूँ तो, मैं हमेशा भगवान से तुम्हारे जैसी ही सुंदर लड़की से मेरी शादी कराने की प्रार्थना करता हूं।
“ओह सच में राहुल?” पायल दीदी ने अपनी पलकें झपकाई और मुझसे पूछा- “मगर तुमने मुझे यह कभी नहीं बताया? क्या तुम सच में मेरे जैसी लड़की से शादी करना चाहते हो? क्या मैं तुम्हारे लिए अपने जैसी लड़की देखूं?”
“हाँ दी! तुम ही मेरे लिए लड़की ढूँढो! बस तुम्हारी तरह होनी चाहिए। सुंदर और सुशील!"
“ठीक है राहुल! तो फिर अब भगवान से प्रार्थना मत करो, मैं ही तुम्हारे लिए मेरी तरह सुंदर और सुशील लड़की ढूंढूंगी।”
“और सेक्सी भी!” मैंने आँख मारते हुए दीदी से कहा.
"हट बेशरम!" यह कहते हुए दीदी ने मुझे प्यार से चाटा मारा।
बहन से प्यार भरी बातचीत में मैं भूल गया कि बाहर कैब वाला इंतज़ार कर रहा है। फिर मैंने अपना बैग उठाया और बाहर आ गया। दीदी ने घर पर ताला लगा दिया और मेरे पीछे आ गई। फिर हम बस स्टैंड के लिए चल पड़े। हमें जल्दी ही बस मिल गई जो शिमला में रुकी।
पूरे सफर में, मैं दीदी का मनोरंजन करता रहा, मजेदार कहानियाँ सुनाता रहा, चुटकुले सुनाता रहा। वो हंसती रही और मुझसे कहती रही कि मैं बहुत शरारती हो गया हूँ। असल में मैं जानबूझ कर उसे हंसा रहा था ताकि उसका मूड खुश रहे और वह मेरे साथ और अधिक खुले। लगभग साढ़े दस बजे हम शिमला पहुँचे।
हम बस से उतर गये। मैंने रात को ही सारी जानकारी निकाली थी। पास ही में एक फ़ाइव स्टार होटल था जिसमें सारी सुविधाएं थी और उसकी रेटिंग्स भी अच्छी थी। ज्यादा दूर नहीं था, हम वहां तक ऑटो से चल दिए।
होटल पहुंचकर मैंने पायल दीदी को रिसेप्शन लाउंज में बैठने के लिए कहा और मैं रिसेप्शन काउंटर पर चला गया।
मैंने रिसेप्शनिस्ट से कहा कि मुझे एक लक्जरी डबल बेड रूम चाहिए। उसने मुझे कमरे का किराया वगैरह बताया। फिर मैंने एक दिन का किराया दिया और होटल के रजिस्टर में हमारा नाम और पता लिखा।
रिसेप्शनिस्ट ने एक लड़के को बुलाया और हमें हमारे कमरे तक ले जाने को कहा जो की चौथी मंजिल पर था। रूम अटेंडेंट ने हमारा बैग उठाया और हम लिफ्ट में चले गये।
हम चौथी मंजिल पर अपने कमरे के बाहर पहुंचे। रूम बॉय ने दरवाज़ा खोला और हमारा बैग अंदर ले गया।
जैसे कोई नौकर झुककर रानी को अंदर आने का इशारा करता है, वैसे ही मैंने किया और सबसे पहले दीदी को कमरे में दाखिल कराया।
दीदी को यह मनोरंजक लगा और वह मुस्कुराते हुए अंदर चली गई। तभी रूम ब्वॉय बाहर आया, मैंने उसके हाथ में सौ रुपए का नोट थमा दिया और फिर कमरे में दाखिल हुआ।
यह एक आलीशान कमरा था। कमरे के बीच में एक डबल बेड था। एक तरफ ड्रेसिंग टेबल थी, कोने में एक अच्छी कुर्सी थी। कुल मिलाकर कमरे का इंटीरियर लाज़वाब था। एयर कंडीशन के कारण कमरा काफी ठंडा लग रहा था। कमरे के साथ एक बड़ी बालकनी भी थी जिसमें से पहाड़ो का खूबसूरत नज़ारा दिख रहा था।
अंदर जाने पर पायल दीदी उत्सुकता से कमरे को देख रही थी। उसकी आँखों की चमक और चेहरे के भाव बता रहे थे कि उसे कमरा बहुत पसंद आया है।
“कितना सुंदर रूम है राहुल! मैं ऐसा कमरा पहली बार देख रही हूँ, इस कमरे का किराया थोड़ा महंगा होगा ना?” यह कह कर दीदी बिस्तर पर बैठ गयी.
"हाँ! लेकिन निश्चित रूप से मेरी प्यारी बहन की ख़ुशी से बढ़कर नहीं!” मैंने उसकी नाक ओढ़ते हुए कहा और उसके पास बैठ गया।
"सच में! तो बताओ इस कमरे का किराया कितना है जो तुम्हारी बहन की ख़ुशी से भी कम है?” दीदी ने मेरे आवाज़ की नकल करते हुए मुझसे पूछा।
“ज्यादा नहीं दी, केवल आठ हजार रूपये।”
"आठ हज़ार !" पायल दीदी लगभग चिल्ला उठी, “और तुम कह रहे हो यह बहुत ज़्यादा नहीं है? तुम पागल हो क्या? राहुल, क्या जरूरत थी इतना महँगा रूम लेने की? एक नॉर्मल रूम से काम चल जाता।”
“देखो दी, तुम पहली बार इतनी खूबसूरत जगह पर आई हो, मैं चाहता हूँ कि तुम यहां बिताए हर पल को जीवन भर याद रखो और इसके लिए तुम्हें सभी फर्स्ट क्लास चीजों का आनंद लेना चाहिए। और मैं वास्तव में चाहता था कि मेरी प्यारी बहन यहाँ कंफर्टेबल और रिलैक्स महसूस करे इसलिए मैंने यह महंगा कमरा लिया। बाकी सारी चिंता मुझपर छोड़ो और तुम बस एन्जॉय करो।"
“ओह राहुल, तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो!”
यह कहते हुए दीदी ने मुझे गले लगा लिया। उसकी चुचिया मेरी छाती से दब गई। मेरे शरीर के रोयें खड़े होने लग गए। मैंने भी बिना किसी हिचकिचाहट के उसे गले लगा लिया और दीदी के मोटे आमों को महसूस करने लगा। हम कुछ पल तक वैसे ही गले लगे रहे फिर पायल दीदी मुझसे अलग हो गईं।
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