जैसा दबदबा पुरे शहर पर बना रखा है सरकार और उसके गुंडों ने वो बिना पुलिस के बड़े अधिकारियों एवं नेताओं से सांठगांठ के सम्भव नहीं होता । मामूली गुंडे को एक आम सिपाही भी सम्भाल सकता है लेकिन बड़े संगठन को नहीं ।






ऐसा भी हो सकता है जो आप कह रहे हैं वो सही हो और ऐसा भी हो सकता है कि वो कोई बहुत पहुची हुई हस्ती हो जिसके आगे पुलिस भी बेबस है।।
आपका ये सवाल भी जायज है, लेकिन निश्चल इस कहानी में अभी आया है तो उसने क्या किया है वो पता नहीं। हो सकता है उसने कुछ कदम उठाएं हो उसके खिलाफ, लेकिन अपने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के कारण वो चुप बैठ गया हो।।अगर निश्छल सिंह इस एरिया का सर्किल इंस्पेक्टर है तो उसे पता होगा कि ये लोग कोई मामूली गुंडे नहीं है । और अगर वो भी सरिता जोशी की तरह ईमानदार एवं जोशिला पुलिस अफसर है तो फिर अब तक चुप क्यों रहा ? उसने पहले ही उन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की ?


अभी सरिता जोश में है इसलिए ऐसी मूर्खता कर रही है। धीरे धीरे उसे सब समझ में आ जाएगा।।यह तो सभी जानते हैं कि पुलिस डिपार्टमेंट में हर अधिकारी के उपर अधिकारी होता है । उन्हें अपने प्रत्येक एक्शन का जबाव अपने आला अधिकारी को देना पड़ता है । उनके साथ अदब से पेश होना होता है । फिर ऐसी बेवकूफी सरिता जोशी क्यों कर रही है ?
जोश में होश गंवाने को मूर्खता कहते हैं ।
अब ये तो आगे आने वाले भागों में पता चलेगा कि रघु कौन है। उसका राज क्या है।रघू नाम का एक गुंडे का नाम आ रहा है जो काफी ही गर्म दिमाग का लगता है । कहीं वो सरिता का बिछड़ा हुआ भाई तो नहीं ?

धन्यवाद आपका महोदय।सभी अपडेट्स बेहद ही खूबसूरत थे माही जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।
साथ बने रहिए।।