धन्यवाद आपका महोदय।निश्छल के साथ थोड़ा मजाक वाला किस्सा हों गया। सरिता को लगा शायद निश्छल के सिर में चोट लगा हैं तभी सरिता से पूछ रहा था उसका सामान कहा हैं। लेकिन जब निश्छल ने जाना सरिता घर छोड़कर नहीं आया बल्कि आदत से मजबुर होकर टाला लगा आया।
सरिता बच्चे से मिला और शायद बच्चे का दिन अच्छा था जो सरिता ने उसे गुलदस्ता रखते हुऐ पकड़ लिया। क्योंकि बच्चे को अब स्कूल जानें को मिलेगा जो उसका सपना हैं बडा होकर एक काबिल और सक्सेस आदमी बनेगा। वो सरिता पूरा करने वाली हैं।
रघु ने देख लिया तो अब आगे किया होगा जो भी कहने को सरिता ने बच्चे से कहा क्या बच्चा कहेगा या रघु कोई और रस्ता खोज निकलेगा।
अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
सरिता के साथ निश्चल की नोकझोंक तो हमेशा होती रहेगी, लेकिन अभी तो सरिता ने बच्चे के लिए अच्छा काम किया है उसे स्कूल में दाखिला दिलवाकर।
साथ बने रहिए।।
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