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Fantasy Samundar Ka Shikari ~ सम्राट मार्टिन की सल्तनत

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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#3. Belladona~बेलाडोना




रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....

" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."

"क्या कर रहा है..? वो "

"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
.
.

उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...

"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया

"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.

"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."

" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."


इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...


"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...


"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "

"कैसे हो रॉन ..."

"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...

"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "


"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "

"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."

"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."

" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"


"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."


" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."

"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"

"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."


"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"


"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई


" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."


" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...

" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..

" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."

"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."

" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
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" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.



APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.


"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."

रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..

" तुम हंस क्यों रहे हो.."

"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."

"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."

"मै हुँ इसलिए....?? "


"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"

"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."

" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"

"इसकी बेटी माल है क्या...??"


"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "


"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."


"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"


" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."

"क्या.. कुछ भी......?? "

"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."


"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "


"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "


रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....


"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "


"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"


"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."



वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...


"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "


" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."


रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...


" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."

" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."

"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."

"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"

"ये भी एक राज की बात है..."
दोस्त ! आप कहानी लिखने के उस्ताद ही हो / आपकी कहानी नहीं कथानक ही होता है एक पुराण के समान /
इस फोरम के ये कहानी देने के लिए बहुत बहुत आभार //
 
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