सातवां भाग।
बहुत ही बढ़िया।
इसे प्यार नहीं कहते ऐसे हवस कहते हैं। एक दूसरे के जिस्म की जरूरत कहते हैं।।प्यार वो है जो रूह से किया जाए एक ही मुलाकात में जो प्यार बिस्तर पर पहुंच जाए वो प्यार हो ही नहीं सकता।।
रोशनी तो प्रवीण के झूठे प्यार में अंधी हो चुकी थी। उसे किसी की बात समझ मे आनी नहीं थी तो रीता की बात कहां समझ मे आती।। प्रवीण को क्या था उसे एक कच्ची कली मिली थी मसलने के लिए तो उसे भला क्या आपत्ति हो सकती थी।। रोशनी ही हत्या का कारण यही होगा कि उसने शादी के लिए दबाव डाला होगा।।
बहुत ही बढ़िया।
इसे प्यार नहीं कहते ऐसे हवस कहते हैं। एक दूसरे के जिस्म की जरूरत कहते हैं।।प्यार वो है जो रूह से किया जाए एक ही मुलाकात में जो प्यार बिस्तर पर पहुंच जाए वो प्यार हो ही नहीं सकता।।
रोशनी तो प्रवीण के झूठे प्यार में अंधी हो चुकी थी। उसे किसी की बात समझ मे आनी नहीं थी तो रीता की बात कहां समझ मे आती।। प्रवीण को क्या था उसे एक कच्ची कली मिली थी मसलने के लिए तो उसे भला क्या आपत्ति हो सकती थी।। रोशनी ही हत्या का कारण यही होगा कि उसने शादी के लिए दबाव डाला होगा।।