Lucky..
“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
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bahot bahot dhanywaadपाँचवाँ भाग।
बहुत ही जबरदस्त महोदय।।
रोशनी जानते बुझते हुए ही प्रवीण जैसे शादीशुदा और बच्चे के बाप के प्यार में पड़ गई। उसे तनिक भी अपने माँ बाप की मान मर्यादा और इज़्ज़त का ख्याल नहीं आया। रोशनी तो बाली उम्र के प्यार में थी इसलिए उसे नीता की बात भी समझ न आई। आजकल की जेनेरेशन की यही परेशानी है। अगर उन्हें कुछ अच्छा बताया जाए तो उन्हें लगता है कि उनकी आजादी और रोक टोक लगाई जा रही है।।
इंस्पेक्टर लकी ने सही कहा है कि प्यार अंधा नहीं होता। प्यार वो होता है जो बन्द आंखें खोल देता है। अच्छे और बुरे की पहचान करवाता है लेकिन तब जब प्यार सही व्यक्ति से उम्र के सही पड़ाव पर हो।। कच्छी उम्र के प्यार का यही अंजाम होता है। प्रवीण तो रोशनी से प्यार करता ही नहीं था बल्कि उसे तो रोशनी के शरीर की भूंख थी। रोशनी ने जरूर शादी के लिए जोर दिया होगा तभी उसकी हत्या हुई।।