ये एक औरत की आप बीती है मुझे कैसे पता, इस से आपके आनंद पर कोई फर्क नहीं पढ़ने वाला।
उसका नाम मान लीजिए सीमा है वो 32 yeras की है और दो बच्चों की मां है लेकिन आज अकेली पूना जा रही है इंदौर से, उसके हसबैंड ने दो बर्थ पास पास वाली रिजर्व की है पर वो बैठेगी अकेली और पास वाली बर्थ खाली पड़ी रहेगी।
बस एसी है और पूरी पैक है, एक भी बर्थ खाली नहीं है, जैसे ही बस इंदौर के आखरी स्टॉप पर पहुंची, जिसके बाद वो कहीं नही रुकने वाली थी, तब सीमा ने एक कोल्ड्रिक की botle क्लीनर से मंगवाई , बस आगे बढ़ने ही वाली थी की एक युवक दौड़ता हुआ बस में चढ़ा और बोला भाई मुझे puna जाना है एक बर्थ दे दो , कंडक्टर ने बोला बर्थ नहीं है खड़े खड़े जाना पड़ेगा, शायद उसे कुछ अर्जेंट था बोला कोई बात नही, में खड़ा रह लूंगा। उसके सिर के सामने सीमा की बर्थ थी और परदा खुला था, उसने देखा एक 35 36 साल का हैंडसम ऊंचा पूरा आदमी है एकदम गोरा चिट्ठा, इसके दिल में पता नहीं क्या हुआ वो मचल गई, सीमा थोड़ी सी मोटी और गदराई लेकिन 36 के मोटे मोटे कठोर नारियल की मालकिन साथ ही उसकी गांड भी 36 की साइज की मस्त थी, आज पता नहीं क्यों वो जब घर से निकली तब से ही चुदासी हो रही थी, वैसे वो एकदम घरेलू और धर्मिक औरत है लेकिन कहते हैं ना कि जब वो घर से अकेली कहीं बाहर जा रही होती है तो पति के उसे बस स्टॉप पर छोड़ने के बाद हर अकेली जाने वाली औरत कुछ और ही बन जाती है। यही हाल भी उसका था उसने घर से अंदर पेंटी और ब्लाउज में ब्रा नही पहनी थी, जाने क्यों उसे लगा था के कुछ खास होने वाला है उसके साथ, अब जब उसने इस आदमी को देखा तो उसे उस पर प्यार आ गया। आदमी बर्थ नहीं मिलने से उदास था, तभी सीमा को न जाने क्या सूझी वो जोर से बोली अरे आप कविता के भाई हो न, आदमी दंग था उसे कुछ समझ नही आ रहा था क्या हो रहा है, सीमा कंडक्टर से बोली भैया ये हमारे साथ हैं इनको यहां बिठा दो और इनसे पैसे मत लेना, ये बर्थ है हमारे पास, tan कंडक्टर ने उस आदमी को ऊपर सीमा के पास भेज दिया वो चौंकता हुआ ऊपर बैठ गया, जब वो पास बैठा तो सीमा बोली आप खड़े थे तो हमसे देखा नहीं गया झूठ मूठ बोलकर आपको ये बर्थ दिलवा दी। हमको माफ कर दीजिए हमने आपसे झूठ बोला, आदमी भी धीरे से बोला अरे आप ये क्या कर रही हो मैडम आपने बहुत उपकार किया है की बर्थ दी वरना पूना तक मेरी कमर टूट जाती और हंसने लगा, सीमा भी उसके साथ हस्ती हुई शर्मा के नीचे देखने लगी। उसने कहा मेरा नाम सुधीर है और आपका, वो बोली सीमा।
सुधीर ने हाथ आगे बढाया सीमा ने धत कहा और मुंह में साडी का पल्लू दबा कर हंसने लगी। सुधीर बोला सॉरी , मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, तब सीमा झट से बोली अरे नहीं, हमको शर्म आती है और कोई बात नही और उसकी आंखों में देर तक देखती रही अपलक। सीमा जब उसको देख रही थी वो भी उसे देख रहा था दोनों की आंखें मिली हुई थी सीमा को लगा की आज जो वो सोच रही थी वो सच हो गया, उसके बदन में मीठी मीठी लहरें उठने लगी उसकी आंखों में चमक आ गई थी और उसके स्तन और तन गए थे जो उसकी नीली साड़ी में कयामत ढा रहे थे, उसने धीरे से कहा सुधीर परदा लगा दीजिए न, मुझे अजीब लग रहा है कोई देख लेगा तो,
सुधीर ने हंसते हुए पलट कर परदा लगा दिया, तब तक ड्राइवर ने बस की बड़ी लाइट्स बंद कर के एकदम मद्धिम बल्ब जला दिए थे। सीमा ने इतना हैंडसम आदमी आज तक नहीं देखा था एकदम फिल्मी हीरो, उसने कभी सोचा नहीं था कोई हीरो भी उसकी जिंदगी में आ सकता है इसलिए उसने हिम्मत कर के उसे अपने पास बिठा लिया था।
अब सीमा इतराते हुए पीछे टिक कर बैठ गई और घुटने मोड़ लिए थे।
सुधीर भी सकुचाया हुआ दूसरी ओर सामने की तरफ कोने में बैठ गया था उसे नहीं पता अब क्या हो इसलिए उसने खुद को समेत लिया था, तभी सीमा धीरे से अपना एक पैर पकड़ कर चीखी हायराम, और एसएसएसएसएसएस करते हुए बोली बड़ा दर्द हो रहा है जल्दी के चक्कर में ये मुड़ गया है,
सुधीर बोला अरे कैसे, आपको बड़ा दर्द हो रहा है मेरे पास पैन बाम है अगर बुरा न मानो तो मालिश कर दूं, सीमा तो यही चाहती थी मगर ऊपरी मन से बोली आप से कैसे पैर दबवा लूं, और शर्म से नज़रे झुका ली, सुधीर बोला अरे आपने भी तो मेरी मदद की है बहुत बड़ी, सीमा उसको देखने लगी तब सुधीर उसके बड़े बड़े बॉब्स को देखते हुए बोला मुझे भी अब बड़ों बड़ों की बहुत सेवा करने का मौका दीजिए मैडम।
सीमा बोली में आपसे छोटी हूं pls सीमा कहिए मुझे सुधीर जी,
फिर दोनों की आंखें देर तक मिली रही तब सुधीर ने उसके बड़े बड़े बॉब्स की और दोनों हथेलियों को नापने के अंदाज में करते हुए बोला मुझे तो कहीं से छोटे नहीं लग रहे है और आप कह रही हो छोटे हैं।
सीमा इठलाते हुई बोली ध्यान से सुना कीजिए हमने छोटे नहीं छोटी कहा है आपके मुकाबले।
ओह तो आप को मेरा बड़ा लग रहा है आपकी छोटी होगी लगता तो नहीं है, अब दोनों खुलने लगे थे, सीमा बोली धत आपको कैसे पता कि हमारी छोटी नहीं है, इतना कहते कहते सीमा की चूत ने काम रस तेजी से बहाना शुरू कर दिया था और उसकी चोंच दोनों टाइट होने लगी थी यहां सुधीर का भी यही हाल था,बोला आपको देख कर लगता है आपकी शादी हो गई है, सीमा बोली हां हो गई है , वो बोला बच्चे, तब वो बोली दो, देखो मैने नहीं कहा था छोटी नहीं है, सीमा बोली बच्चे है दो तो उससे छोटे बड़े का क्या ताल्लुक, वो भी सब समझ रही थी पर मजे ले रही थी अब सुधीर भी रंग में आ गया था बोला बच्चे ही तो वजह हैं बड़ी करने की।
सीमा बोली आपकी शादी, वो बोला जी हो गई है, और बच्चे वो बोला वैसे मेरे भी दो हैं लेकिन मेरे बच्चों ने छोटा या बड़ा नहीं किया है।
सीमा आपका तो वैसा ही रहेगा लेकिन बिचारी भाभी जी तो मर गई होगी राम, और जोर जोर से हंसने लगी।
उसका कचूमर निकला था और आपको उस पर दया आने की बजाय हंसी आ रही है।
अच्छा मेरा ऐसा हाल हुआ तो वो आएंगी मेरे आंसू पोछने , बात कर रहे हो आप भी।
इसके बाद रुकने का कोई कारण नहीं था सुधीर धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा सीमा उसकी आंखों में देखते हुए दोनों बॉब्स को ढकती हुई नीचे का होंठ दबाते हुए बोली हाय राम कोई भाभी जी को बुलाओ आज , फिर बॉब्स को देखा फिर सुधीर की आंखों में देखती हुई बोली, आज इनकी शामत आने वाली है।
सुधीर आगे एकदम पास आ गया, और दोनों हाथों को हटाते हुए बोला आपके उपकार के बदले इनकी सेवा तो बनती है,और धीरे से अपने दोनों हाथों में सीमा के दोनो भरी बॉब्स को भरते हुए उसके मुंह को अपने पास खींच कर उसके नाजुक रसीले होंठों को चूमने लगा।