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Thanks Kamdev bhai for your support and reviews throughout the story...Aapne story mein suruwaat se lekar ant tak saath diya hai kabhi taarif karke to kabhi kuch kamiyan ki aur ishaara kar ke.
प्रेम के कथानक को उसके राते मे आयी कठिनाइयों और बाधाओं से ऊपर उठाकर प्रेमियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और विश्वास के सहारे आपने एक पारिवारिक ताने-बाने से जोड़े रखा वो अतुलनीय है
में अब ख्वाहिशें भी पढ्ना शुरू करूंगा..... क्योंकि 2-3 अपडेट के बाद रोक दिया था...........अब शुरू से पढ़ूँगा
एक भूल मुझे इससे भी बेहतर लगी......... क्योंकि में जब खुद को नायक के स्थान पर रखकर देखता हूँ तो
-----------अतुल की तरह भावुक नहीं..............समीर की तरह व्यावहारिक हूँ में.............
एक भूल 2 में भी अभी तक सुमित को अपने ज्यादा नजदीक पाया है मेंने
आगे देखते हैं क्या होता है
Ek Bhool ke baad ek emotional story likhna chaahta tha jo kisi hadd tak safal bhi raha...Jo aap sabhi ke comments se pata chala...Ummeed hai Khwahishein bhi aapko pasand aayega.
Aise hi saath bane rahiye bhai.