KABUL HE :- 14
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कुछ समय के बाद सब नरमल होगेया..
जब बिरजू आपनी दोनो सादी सुदा बेटी( उरी ओर मुर्मी ) को लेकर बिजली के साथ घर पहोंचा तब महिस्मती ओर अर्जुन हस हस कर खाना खा रहे थे..
थोड़े देर के बाद उतरा खुसी खुसी जब अर्जुन के साथ सहर जाने की बात छेड़ दी.. तब महस्मती ने उतरा को शहर जाने से सीधा सीधा मना करदी..
अचानक महस्मती की ना सुनकर सब के सब हैरान भरे नज़रो से महिस्मती को देखने लगे..
बिरजू - उतरा की माँ ..तू ये क्या बोल रही है..? तू ही तो उतरा को सहर जाने केलिये बोल रही थी और अब तू ही इनकार कर रही हैं..?
महिस्मती - में ठीक बोल रही हूँ .. वो कमीने के औलाद फटफटिया ओर उसके बज़्ज़त मा मुझसे रोज़ झगड़ा करते है..मुझे 100% मालूम है की फटफटिया एक नामर्द है।। अगर उयरा सहर के हाकिम बाबू के दबाई से फिर भी माँ नहीं बनी तो फटफटिया की माँ और तरह तरह की ताने मारके मेरी जीना हराम कर देगी..
अर्जुन प्लान के मुताबिक - तू परेसान मत हो माँ .में सहर के बडे से बड़े हाकिम को जनता हूँ ...आच्छे आछे बांझ को भी गर्भवती बना देते है..
महिस्मती - में कैसे यकीन करूँ ? मेरी बेटी उतरा की ज़िंदगी की सवाल है.. करन तू तो हाकिम बाबू के पाठ पढ़ राहा है . तू ही बता ..उतरा कौन सी दबाई से माँ बन जाएगी..?
घर के अंदर बिरजू , महिस्मती , उरी , मुर्मी के साथ बिजली थी.. सबके सामने अर्जुन कैसे बोल पायेगा की उतरा बाज़ी मेरे लन्ड से..
अर्जुन - माँ तू समझती क्यों नहीं .. ये सब डॉक्टर का .मेरा मतलब हाकिम पाठ है.. तुझे समझ मे नहीं आएगी .. वेसे सबके सामने बोलना भी ठीक नहीं रहेगा..
महिस्मती - में तेरी माँ हूँ .. वेसे मरीज़ ओर हाकिम के बीच कोई सरम होना नहीं चाहिये.. अगर कभी में या मेरी किसी बेटी की कोई बड़ी बीमारी होगी .. क्या तू हमे इलाज करने केलिये मना करेगा ? क्या तू ये सोच कर हमें मरने छोड़ देगा कि हम तेरे माँ बेहेन है..?
अर्जुन जान बूझ कर थोड़ा हकलाते हुए - ऐसी बात नहीं है माँ ..
महिस्मती - तो फिर सबके सामने बोल..तू तेरी उतरा बाज़ी को किस तरह से गर्भबती बनाएगा ?
अर्जुन थोड़ा झिझक का नाटक करते हुए महिस्मती माँ की प्लान को कामियाबी करने केलिये - माँ मुझे उतरा बाज़ी की गर्भ में किसी दूसरे मर्द के बिज़्ज को डालना पड़ेगा ..
इतना सुनते ही उयरा आपनी मन मे गुसे से- सारा योजना बेकार हो गेई ..ये माँ मेरी सौतन बनकर खड़ी है ..
महिस्मती आंख फाड़ कर - क्या ? मेरी बेटी किसी दूसरे आदमी के साथ ...?
अर्जुन - माँ , छि.. तू केसी बेहेकि बेहेकि बात करती है..भला में मेरी उतरा बाज़ी को किसी पराया मर्द के निचे .. ऐसा कुछ नहीं होगा माँ.. सिर्फ एक इंजेक्शन के ज़रिए उस मर्द के बिज़्ज को उतरा बाज़ी के गर्भ में डालना होगा..
महिस्मती - क्या पता वो हाकिम मेरी फूल जैसी बची को बलात्कार ना करदे.. सुना है सहर के बड़े बड़े हाकिम नशे के दबाव पिला कर सुंदर सुंदर औरत को बेहोस कर देते है ?
अर्जुन - माँ , तेरी दिमाग खूब चलती है .. ठीक है में khud करूँगा मेरी उतरा बाज़ी की इलाज.. अब खुस ?
महिस्मती कुछ सोच कर - पर तु किधर से लाएगा वो दबाई ?
उतरा आपनी मन मे - माँ तू मेरी खुसी मैं आग क्यों लगा रही है ?
अर्जुन - माँ , उतरा बाज़ी को इश मुशीबत से छुटकारा देने केलिये मैं कुछ भी कर सकता हूँ.. मैं किसी भी हालत मैं किसी दूसरे की बिज़्ज को उतरा बाज़ी की गर्भ में डलवा दूंगा ..
अपनी बनी बनाई प्लानिंग पर पानी फेरते हुए देख कर उतरा की आँख से आसूं निकल चुकी थी..
महिस्मती माँ वही पर कुछ देर झूट मूट की परेशानी भारी सकल से सोचने की नाटक करतो हुई - करन बेटा ..अगर तू तेरी उतरा बाज़ी को सच मे इशी मुशीबत से छुटकारा दिलाना चाहता है तो तुझे एक काम करना होगा ?
अर्जुन - बोल माँ , तू जो बोलेगी वो में करने को तयार हूँ ?
महिस्मती सबके सामने - तेरे बापू इस कबीले का सरदार है .. तेरे बापू के इस जंगल के काबिले के आदमी के नज़र से काफी मान सन्मान है.. में चहिती हूँ ..तेरी उतरा बाज़ी की गर्भ के अंदर तू तेरा बिज़्ज डालेगा..
इतना सुनते ही सबके सब हैरान ओर परेसान से महिस्मती माँ को देखने लगे.. पर उतरा आपनी मन से आपनी माँ को धन्यवाद दे रही थी..
बिरजू - उतरा की माँ , तेरी दिमाग खराब है क्या ?
महिस्मती - हाँ मैरी दिमाग खराब हो चुकी है.. आप कबीले के सरदार हो .आप काफी सारे पंचायत कर चुके है.. ज़रा सोचो फटफटिया की वाज़ा से मेरी फूल जैसी बची की ज़िंदगी बर्बाद हो चुकी है ..
महिस्मती - अगर उतरा किसी गैर मर्द के बिज़्ज से गर्भवती बनेगी ..उस से अच्छा मेरे करन के बिज़्ज से उतरा गर्भवती बन में क्या एतराज है..
इस बेहेस के बीचों बीच उतरा - माँ ठीक बोल रही है बापू ..
इतना सुनते ही उरी ओर मुर्मू भी आंख फाड़ कर उतरा बाज़ी को देखने लगे..
बिरजू - पर करन तो उतरा को बडी बेहेन मानती है ?
महिस्मती - अगर आप भी ऐसा सोच रहे है तो फिर करन के साथ बिजली की शादी कैसे करोगे ? उसी हिसाब से बिजली भी तो करन की बेहेन हुई ना ?
बिजली - हाँ बापू , माँ ठीक बोल रही है.. किसी गैर मर्द से अच्छा होगा कि उतरा बाज़ी करन के बिज़्ज से गर्भवती बन जाये ..
इस नोकझोक के अंत में सब महिस्मती माँ की आदेश को मान लिए..
महिस्मती - उतरा तू बिजली को लेकर तेरे ससुराल से तेरी सामान ठीक कर..
उतरा और बिजली जाने के बाद..
महिस्मती - उरी तू तलाब के पास रखी सूखे लकड़ी को समेट कर घर के पिछवाड़े पर रख..
उरी जाने के बाद ..
महिस्मती - मुर्मू तू करन को लेकर तबेले से भैंस को चारा दाल..
सब जाने के बाद महस्मती ने आपने पति बिरजू को - में भी करन ओर उतरा के साथ सहर जाउंगी..
बिरजू - तू क्यों जाएगी ?
महिस्मती - उतरा एक औरत है ? उसे मेरी ज़रूरत पड़ सकती है ..
बिरजू - ठीक है चलो जाना .पर जल्दी आना .. तेरे बेगार मुझे कुछ अच्छा नही लगेगा ?
महिस्मती हस के - ऐसे बोल रहे हो जैसे मुझे आप रोज 2 बार ठुकाई के बेगार आपको नींद नहीं आता ?
बिरजू - उतरा की माँ तू भी ना .. घर मे 4/4 ज़वान बेटी है ओर तुझे गर्मी चढ़ी है..
महस्मती दर्द भरी आवाज़ में - वही तो दुख की बात है उतरा के बापू..4/4 बेटी है पर एक बेटा नहीं हे ..
बिरजू - करन तो अपना बेटे जैसा है ?
महिस्मती - बेटे जैसा है पर बेटा तो नहीं .. लोग मेरे सामने से कुछ नहीं बोलते.. पर मेरी पीठ के पीछे बहोत कुछ बोल रहे है.. जिसके कोख से बेटा पैदा नहीं है वो औरत किसी जात से गिनती नही होती..
बिरजू - तो तू चहिती क्या है ?
महिस्मती - मुझे एक बेटे की माँ बना दो ? मेरे कोख में एक बेटे दे दो.. मुझे इस औरत के जीबन से मुक्त करदो ?
महस्मती अछि तरह से जानती थी कि बिरजू अब चुदाई में इंटरेस्ट नहीं ले राहा है..
महिस्मती - में सहर से 2 दिन के बाद वापस आऊंगी ..इश बार आपके बिज़्ज से मुझे एक बेटा चाहिए ?
बिरजू - उयरा की माँ , अब इश सरीर में जान कहाँ है ?
महिस्मती झूट मूट की आसूं निकाल कर - मुझे एक बेटे की माँ बन ना है.. वरना में जान दे दूँगी .
बिरजू इधर उधर देख कर - उतरा की माँ , मेरे पास एक idea है ..अगर तू उतरा की तरह करन के बिज़्ज को इंजेक्शन के ज़रिए ..
बीच मे महिस्मती -छि.. छि . आप केसी बेहेकि बेहेकि बात कर रहे है .. माना कि करन हमारे सागा बेटा नहीं है.. पर ?
बिरजू - देख उतरा की माँ , अगर तू करन को पटा कर बिज़ के इंजेक्शन को आपनी गर्भ मैं दाल देगी तो ये राज़ किसी को पता नहीं होगा ..
महिस्मती - पर ये बात किसी ओर को मालूम हुआ तो ?
बिरजू - तू सिर्फ करन को संभाल लेना .. बाकी को में संभाल लूंगा..
इधर भैंस के तबेले में मुरमी भैंस को चारा डालती हुई अर्जुन को - कुनमुन बेटा .. क्या सच मे उतरा बाज़ी माँ बन जाएगी ?
अर्जुन - हाँ मुरमी बाज़ी ..उतरा बाज़ी अब माँ बनकर ही लौटेगी..
मुरमी हस के - तू कब इतने बड़े हाकिम बाबू बन गेया रे ?
अर्जुन - आरे बाज़ी तुझे क्या बताऊँ.. में तो वहीं पाठ पढ़ कर हमारे जिल्ले में पेहेला हक़ीमबाबू बन चुका हूँ...
मुरमी - कभी किस की उपचार किया है ..या उतरा बाज़ी तेरी हाकिम पाठ की पेहेली मरीज़ है ?
अर्जुन - बाज़ी तू भी ना.. आरे में तो अब तक15/20 औरत के गर्भ को मेरे हाकिम की दबाई से भर चुका हूं..
इतना सुनते ही मुरमी खुसी से - उतरा बाज़ी के बाद सीधा मेरी नंबर है..
अर्जुन आपने दिमाग से - वाह रे मेरे किस्मत .. मुझे लगता है अब मेरी सारी बेहेने को मेरे लन्ड की धार से माँ बनाना पड़ेगा.. मुझे पता नहीं में कौन हूँ.. किस खानदान का खून हूँ.. पर सच तो ये है.. जब मेरी महिस्मती माँ और उतरा बाज़ी मेरे लन्ड से गर्भवती बन सकते है तो फिर बाकी बहनो को चोद कर गर्भवती बनाने में क्या परेशानी है.. उपर वालो के खेल को मानना पड़ेगा.. मेरे घर के सारे बेहेने अभी तक गर्भवती नहीं हुए है.. लगता है इस काबिले के अंदर मेरा निसान छोड़ना पड़ेगा..
मुरमी हस के - कुनमुन बेटा तू क्या सोच राहा है ?
अर्जुन - बाज़ी तुझे मालूम है.. जब हाकिम किसी मरीज को इलाज करता है तब हाकिम के सामने भाई बेहेन , देवर भाबी , चाची भतीजा , मा बेटे का रिश्ता नहीं देखता है ।।
मुरमी - तू बोलना क्या चाहता है ?
अर्जुन - एहि की इंजेक्शन के ज़रिए गर्भवती होने केलिये औरत को मादरजात नंगी होनी पड़ती है.
मुरमी आँख बड़ी बडी करके - हाय दईया ? उतरा बाज़ी तेरे सामने मादरजात नंगी होगी ?
अर्जुन - हाँ , वरना में इंजेक्शन कैसे लगवाऊंगा ..
मुरमी - उतरा बाज़ी ओर तुझे सरम नहीं आएगा ?
अर्जुन हस के - बाज़ी , में हाकिम बाबू का पाठ पढ़ कर अगर ..में सरम करूँगा तो इलाज कैसे करूँगा.. ओर रही बात उतरा बाज़ी की .. अगर बचा चाहिए तो हाकिम के आगे नंगी होना ही पड़ेगी ..
मुरमी - तू ये सब बात उतरा बाज़ी को पेहेले से ही बोल दिया ना ?
अर्जुन - हाँ में बापू ओर माँ के सामने उयरा बाज़ी को बोल दिया हूँ .
मुरमी - अगर उतरा बाज़ी ऐसी कर सकती है तो में भी तेरे सामने मादरजात नंगी होकर इंजेक्शन लगवाऊंगी ..
अर्जुन हस के - ठीक है , ठीक है.. पेहेला उतरा बाजी फिर उरी बाज़ी फिर उसके बाद तेरी नंबर आएगी ..
मुरमी थोड़ी मयूश भारी आवाज़ में - मुनमुन मेरे भाई .. तू मेरे जज्बात को थोड़ा समझा कर.. मेरे ससुराल के साथ साथ आस पड़ोस औरतों मुझे बांझ बोलकर ताना मारते है.. ओर तो ओर मेरी सासु माँ तो मेरी जीना हराम कर चुकी है ..साली कुतिया बोल रही है " कब पोता देगी " कुनमुन बेटा कुछ ऐसा कर ..उयरा बाज़ी के बाद सीधा मेरी नंबर लगवा दे ?
अर्जुन कुछ सोचने का नाटक करते हुए - ठीक है.. पर उरी बाज़ी क्या सोचेगी..
मुरमी बेचैन भारी आवाज़ में - उरी बाज़ी को मालूम होने से पेहेले ..
बीच मे अर्जुन - ऐसा करते है .. 15 दिन के बाद में फिर से वापस आऊंगा.. तू काल ससुराल वापस चली जा... तू तेरे पति सम्बर जीजू को घर जा कर बोल 15 दिन के बाद तू इधर आ कर रुकेगी.....ओर तु 15 दिन के बाद में तुझे सहर लेकर चला जाऊंगा...
मुरमी - फिर ?
अर्जुन - फिर क्या.. मेरे सफेद पिचकारी से तू गर्भबती होकर सीधा सेहर से ससुराल चली जाना..
मुरमी हस के - तेरे बुद्धि को माननी पड़ेगी..
फिर कुछ देर के बाद अर्जुन आपने माँ महिस्मती ओर उतरा बाज़ी को लेकर सेहर चला जाता है..
अर्जुन आपने घर..जो घर अनामिका ने खरीद कर अर्जुन को दिया था.. उसी घर के अंदर अर्जुन ने महिस्मती ओर उतरा को अलग अलग रूम के अंदर 15 दिन तक 30/30 बार चोद कर फिर कबीले बस्ती .यानी आपने घर पर1 छोड़ कर सहर चला गेया..
अर्जुन चाहता था आपनी माँ और उतरा बाज़ी को ओर 15 दिन रुकवाने कर ओर आछे से चुदाई करता रहे...पर किसी को कुछ सक ना हो जाये.. ओर जब दोनों की गर्भ ऑलरेडी ठहरा चुकी है तो फिर रिस्क क्यों ले..
अर्जुन जाने के बाद बिरजू खुर्बुला ने आपनी धर्म पत्नि महिस्मती को पूरे 15 दिन के हिसाब पूछने लगा..
महस्मती भी सीना ठान कर अर्जुन के ताकत को दूसरे तरीके से बोलने लागि..
इधर उरी भी उयरा बाज़ी की दिमाग को पूछ पूछ कर दही बना चुकी थी..
प्लानिंग के मुताबिक अर्जुन ने अलग अलग टाइम पर महिस्मती ओर उयरा को सारी प्लानिंग बता चुका था..
क्यों कि उयरा को डर थी ..जब उरी ओर मुरमी भी गर्भवती होने केलिये ज़िद करेंगे तब अर्जुन कैसे इस मुसीबत का सामना करेगा ?
इशिलिय अर्जुन ने उतरा बाज़ी को अच्छे तरीके से सब प्लानिंग समझा चुका था..
उरी ने उतरा को - अच्छा बाजी , तुझे कैसे यकीन है कि तू पेट से है ?
उतरा हस के - हमारे भाई कुनमुन ने खुद मेरी कोख को जांच किया है.. देखना में ज़रूर माँ बन जाउंगी..
उरी - अच्छा बाज़ी , तेरी मुनिया पर जब कुनमुन ने इंजेक्शन लगवाया.. तब उस घर के अंदर बिजली थी या अंधेरा ?
उतरा हस के - उरी मेरी बेहेन , कुनमुन हमारे भाई के साथ साथ एक अच्छा हाकिम भी है .. जिस कमरे में मेरी इलाज किया गेया था..उस कमरे के अंदर बड़ी बड़ी बिजली के रोशनी थी.. अगर गलती से सुई गिर जाती तो दिखाई देती..
उरी थोड़ी हिचखिचाती हुई - बाज़ी तू करन के सामने उजाले में ?
उतरा - उरी ..तेरी सोच कितनी छोटी है..इसमें तेरी कोई गलती नहीं है.. दरहसल हम कबीले के अपढ़ गबार के समाज के अंदर है.. मुझे भी तेरी तरह थोडी सी अजीब लगी.. पर मैने जब इलाज करने केलिये कमरे के अंदर गेई.. मेने देखा काफी सारे औरत मादरजात नंगी देखी होकर काफी सारे मर्द के सामने सो रहे थे ..तब मुझे एहेसास हुई कि गर्भवती होने केलिये मादरजात नंगी होनी जरूरी है.. पर मेरे कुनमुन मुझे अकेले में इलाज करवाया..
उरी - बाज़ी , कुनमुन ने तेरी बच्चेदानी के अंदर कितने बार इंजेक्शन लगवाया ? ओर कितने देर तक वो सब चलता रहा ?
उतरा - इश 15 दिन के अंदर सिर्फ 2 बार इंजेक्शन लगवाया.. एक बार 25 मिनट ..दुशरा बार 18 मिनट..
उरी - उस वक़्त कुनमुन को ज़रूर बुरा लगा होगा ?
उतरा - क्यों ?
उरी - क्यों कि तू कुनमुन की बेहेन है ..
उतरा हस हस के - उरी तू कुनमुन का छिछोरा पन को ठीक से जानती नहीं ..बदमाश हाकिम बाबू के आड़ में मेरी नंगी बदन को छेड़छाड़ करते करते ..उसके लन्ड को मेरे सामने हिला हिला कर सारे बिज़्ज को इंजेक्शन के अंदर भर कर मेरी बच्चेदानी के अंदर छोड़ा है..
इतना सुनते ही उरी की सांस रुक गेई..
उरी - तूने कुनमुन को रोका क्यों नहीं ?
उयरा - कैसे रोकती.. अगर रुकवा देती तो कुनमुन के लन्ड से बिज़्ज कैसे निकलता ..
उरी - बाज़ी.. उस वक़्त कुनमुन पूरा नंगा था क्या ?
उयरा - मुझे नहीं पता ..मैं तो आपनी आंख बंद किया था.. पर हाँ कुनमुन मुझे बाद में मेरी तारीफ किआ..
उरी - महारे कुनमुन कितना बिगड़ गेया है ..
उतरा -उरी तेरी ज़ुबान बहोत चलती है.. तू दरोगा बाबू की तरह जांच परताल करके मेरे कुनमुन को गलत समझ रही है.. ठीक है में माँ से बोल कर तेरे बदले अगली बार मुरमी को भेज दूँगी ..
उरी उदासी चेहरे पे - मेने ऐसा कब बोली ? में तो थोड़ा जानकारी ले रही थी ..
उतरा उरी की चेहरे को दोनो हाथ से पकड़ कर - उरी मेरी बेहेन..तू किस दुनिया मे जी रही है .. कुछ साल के बाद करन ने बिजली को सादी करने वाला है.. करन हमारा भाई जैसा है पर भाई नहीं.. अगर बिजली करन के बचो की माँ बन सकती है तो फिर हम क्यों नहीं ? उधर उस मेडिकल में कुछ औरते बात चीत कर रहे थे ..अगर इंजेक्शन के बदले सीधा करन का लन्ड मेरी बच्चेदानी के अंदर घुस कर बिज़्ज डालता तो 100% बेटा पीईदा होता..
उरी आंख फाड़ फाड़ कर - क्या ?
उतरा - हाँ उरी.. इजेक्शन से बिज़्ज डाल कर.. उसी इंजेक्शन बेटा पैदा होना 20% उमीद है.. पर डायरेक्ट लन्ड घुसने से लड़का पैदा होता है..
उरी - वो कैसे ?
उतरा - क्यों कि बिज़्ज को पेहेला इंजेक्शन के अंदर भरना पड़ता है.. फिर बच्चेदानी के अंदर.. एहि सब करते करते बिज़्ज के गर्मी कम होने लगता है..
उसी वक़्त फटफटिया की माँ बड़े प्यार से - उतरा बोहु अब घर चल..
उतरा आपनी सांस के साथ ससुराल चली गेई.. इधर उरी उतरा की चाल को समझ नहीं पाई..
अर्जुन सहर जाने से पेहेले आपने पैसे के पावर से.. सहर के हवापनी को बिरजू के घर तक पहोंचा चुका था..
जी हाँ , सहर के बताबरण यानी घर मे lcd tv ओर केबल कनेक्शन के साथ साथ , सहर के जैसे खाने पीने के सारे समान घर के अंदर..पूरे 6 महीने केलिये रासन भर चुका था..
इश 15 दिन के अंदर महिस्मती ओर उतरा.. दोनो माँ बेटी ने आधुनिक स्टाइल के खाना खा कर ..किस तरह से ये सब खाना बनता है .सब कुछ सिख चुके थे..
औरत जात को 15 दिन खाना सीखना बहोत छोटी काम था..
ये दोनों माँ बेटी सहर के खाना अब घर मे बना कर सबको खिलाने लगे..
जंगल के कबीले का सरदार बिरजू खुर्बुला के सारा परिवार अब आधुनिक युग के आधार पर अपडेट होने लगे थे..
बिरजू देसी मदिरा को छोड़ कर दिन रात सहर के बिदेसी सराब को पीने लगा था..
उयरा की गर्भवती होने से ..बिरजू के बाकी 3 सादी सुदा बेटियों के ससुराल वाले अब बिरजू के घर आने लगे..
सबको यकीन हो चुका था कि महस्मती के गौद लिया बेटा करन अब सचमुच का बेटे का फर्ज निभा राहा है..
सबको लगा करन एक बहोत बड़ा हाकिम बाबू बन चुका है..
सब किसिना किसी बहाने से आपने समधि बिरजू से मिलने चले आते ..बिरजू के घर मे स्वादिस्ट खाना और lcd पर फ़िल्म देख कर आनंद उठाते थे..
वादे के मुताबिक मुरमी कभी आपनी माईके नहीं आया..मुरमी को यकीन थी ..अब उरी बाज़ी के पेहेले उसकी नंबर आएगी.. इशिलिय मुरमी आपनी माँ बापू के घर पर आने की तयार कर रही थी..
इधर महिस्मती अहिस्ता अहिस्ता आपने बाकी बचे कूचे जमाई( मेतरु , सम्बर ,माहिया ) को आपनी बस में कर चुकी थी..
महिस्मती आपने जमाईओ को झूटी कहानी बता बता कर अर्जुन के रास्ते को क्लीयर कर रही थी ..
महस्मती जानती थी उसके बेटियो के गर्भ इन नामर्द से रुकने वाली नहीं है.. इशिलिय महिस्मती ने ना चाहते हुए भी ये सब कर रही थी..