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Romance In Love.. With You... (Completed)

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Adirshi

Royal कारभार 👑
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Update 38




अगले दिन घर का महोल एकदम रिलैक्स था चुकी आकाश की सगाई हो चुकी थी इसीलिए आज किसी को भी कुछ काम नहीं था सब आराम से बैठे थे बाते कर रहे थे दिन का मजा ले रहे थे, नेहा संध्या जी के साथ बाते कर रही थी तभी वहा राघव आया जो की बहुत ज्यादा गुस्से मे था...

संध्या- अरे राघव तुम तो बाहर गए थे ना इतनी जल्दी आ गए??

संध्या जी ने पूछा लेकिन राघव ने कोई जवाब नहीं दिया, उसके चेहरे से उसका गुस्सा साफ झलक रहा था, नेहा ने राघव को देखा और फिर उसके पीछे देखा तो वहा रितु शैतानी मुस्कान के साथ खड़ी थी और नेहा को थोड़ा थोड़ा राघव के गुस्से का रीज़न समझ आ रहा था के हो ना हो रितु ने ही कुछ किया था, नेहा ने राघव को देखा तो पाया के राघव उसे ही घूर रहा था राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ जबरदस्ती लेकर जाने लगा

जानकी- राघव क्या हुआ है??

जानकी जी ने चिंता से पूछा

राघव- हमारे बीच आज कोई नहीं बोलेगा मा!!

इतना बोल के राघव नेहा को खिचते हुए अपने साथ ले गया वो गुस्से मे उबल रहा था और ऐसे मे उसके सामने बोलने की हिम्मत किसी मे नहीं थी सब लोग शॉक होकर उसे देख रहे थे

राघव नेहा को लेकर अपने रूम मे आया और उसने दरवाजा लॉक कर दिया

नेहा- क्या.....

लेकिन राघव ने नेहा को बीच मे ही रोक दिया

राघव- शट अप!!!! जस्ट शट अप!!!

राघव ने जोर से कहा जिससे नेहा जहा थी वही जम गई

राघव- मैं क्या इतना गया गुजरा हु???

राघव ने कस कर नेहा की बाजुओ को पकड़ते हुए पूछा जिससे नेहा को थोड़ा दर्द हुआ लेकिन अभी राघव का उस ओर ध्यान ही कहा था

राघव- मैं क्या इतना बुरा हु जो अभी तक मैं तुम्हारा भरोसा भी नहीं जीत सका??? मैं क्या तुम्हारे ट्रस्ट के भी काबिल नहीं??

राघव चीखा वही नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- आप क्या कह रहे है??

राघव- मैं क्या कह रहा हु?? तुम मुझे इतना बताओ के तुम मेरे बारे मे क्या सोचती हो?? मैं क्या तुम्हारी नजरों मे इतना गिरा हुआ हु

राघव किसी बात से बहुत ज्यादा हर्ट था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था

नेहा- आप क्या कह रहे है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा और आप ऐसी बाते क्यू कर रहे है और ये किसने कह दिया के मेरी नजरों मे आपकी कोई वैल्यू नहीं है??

राघव- तो फिर तुम्हें मुझपर भरोसा क्यू नहीं है!!!!!!!!

राघव चीखा

राघव- तुमने रितु से नहीं कहा के मुझपर ट्राय करे?? क्युकी तुम देखना चाहती थी के मैं कैसे रिएक्ट करूंगा??

राघव ने गुस्से मे पूछा वही नेहा को अब माजरा समझ आने लगा था

नेहा- मैं तो.....

राघव- जितना मैंने पूछा है बस उसका जवाब दो वो भी बस हा या ना मे !!

नेहा- हा!

राघव गुस्से मे जल रहा था वही नेहा की आँखों से आँसू की एक बूंद टपकी और उसका जवाब सुन राघव गुस्से मे अपने बालों मे हाथ घुमाने लगा, उसने नेहा को छोड़ दिया और अपनी ओर उंगली करके पूछा

राघव- तुम मुझे इतना नीच समझती हो???

राघव बहुत ज्यादा हर्ट था, जब रितु ने उसे बताया के नेहा उसे टेस्ट करना चाहिती है तो उसका दिल टूट गया था ये सोच के की नेहा उसपर ट्रस्ट नहीं करती

नेहा- नहीं!! आप गलत समझ रहे है मैं....

नेहा बोलना चाहती थी लेकिन राघव ने उसे बीच मे ही रोक दिया

राघव- एक शब्द नहीं! आज सिर्फ तुम मेरी सुगोनी! तुम हमारे रिश्ते को चांस देना चाहती थी ना फिर मुझपर ट्रस्ट भी नहीं कर सकती?? ऐसा नहीं है के तुम मुझे टेस्ट नहीं कर सकती लेकिन हमारे रिश्ते का भरोसा कहा गया??

राघव- मैं मानता हु मैने कभी तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं किया लेकिन मैं अब चीज़े बदलने की कोशिश कर रहा हु वैसा बन रहा हु जैसा तुम चाहती थी! मैं अपने आप को तुम्हारे लिए बदलने की कोशिश कर रहा हु अब इससे ज्यादा और क्या चाहती हो तुम!!!!

राघव- मैं गुस्सैल हु! घमंडी हु! सेल्फिश हु, मुझे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं नीच नहीं हु! चीटर नहीं हु!!!

राघव ने चीख कर कहा

राघव- तुमने ये कैसे सोच लिया के मैं तुम्हें धोका दूंगा? मैंने कभी किसी और को उस तरह नहीं देखा है जैसे मैं तुम्हें देखता हु! मैं तुम्हें कभी धोका देने का सोच भी नहीं सकता, पहले जब मैं तुमसे इस रिश्ते से भाग रहा था तब भी मैंने किसी और लड़की के बारे मे नहीं सोचा क्युकी मैं जानता था के घर पर मेरी एक बीवी है!! मुझे अपनी लिमिट्स पता है। हमारे बीच सब कुछ सही जा रहा था न तुम खुश थी मैं खुश था, अरे मैं तो पसंद करने लगा था यार तुमको फिर इस सब की क्या जरूरत थी??

बोलते बोलते राघव की आँख से एक आंसू की बूंद गिरी लेकिन गुस्सा उसका अभी भी शांत नहीं हुआ था वही नेहा उसके इस कन्फेशन को शॉक होकर सुन रही थी और अब उसे सबसे पहले राघव की इस गलतफहमी को दूर करना था

नेहा- सुनिए!!

नेहा ने राघव के पास जाते हुए कहा लेकिन राघव दूर हट गया

राघव- मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना, अगर तुम हमारे रिश्ते की इज्जत नहीं कर सकती तो तुम्हें मेरे पास आने का कोई अधिकार नहीं है

नेहा - मेरी बात तो सुनिए पहले

राघव- अब बचा क्या है सुनने को!! अगर तुम्हें कोई डाउट था मुझपर तो सीधे मुझसे पूछना चाहिए था ना की उस रितु को चैलेंज करना चाहिए था! तुमने भरोसा तोड़ा है मेरा!! इतने सालों बाद किसी पर भरोसा किया था मैंने विश्वास जताया था सोचा था तुम समझती हो मुझे लेकिन तुमने भी मुझे मझधार में छोड़ दिया

राघव ने पीछे हटते हुए कहा मानो किसी चीज से डर रहा हो, वो इनसिक्योर था डरा हुआ था इतने सालों बाद उसने किसी को अपना माना था लेकिन वो ट्रस्ट भी बस कुछ ही दिनों मे टूट चुका था

राघव- तुम.....

लेकिन इसबार राघव को नेहा ने बीच मे रोक दिया

नेहा- बस!!!! बहुत हो गया बहुत कहा आपने और बहुत सुन लिया मैंने अब बस!! आप एकबार मेरी बात नहीं सुन सकते??!! ऐसे सामने वाले की बात सुने बगैर नतीजे पर कैसे पहुच सकते है आप!!!

नेहा ने अपनी सारी ताकत से चीख कर राघव से कहा और राघव उसकी आवाज सुन शॉक था, ये पहली बार था जब नेहा ने राघव से इस आवाज मे बात की थी। अब नेहा भी बहुत ज्यादा गुस्से मे थी क्युकी राघव बगैर उसकी बात सुने पूरी बात जाने रितु के बहकावे मे उसे ही गुनहगार ठहराए जा रहा था

नेहा – बस एक बार मेरी बात नहीं सुन सकते आप??

राघव- अब तू......

नेहा- चुप!! बिल्कुल चुप!! खबरदार एक शब्द बोला तो!!

नेहा- आपसे किसने कह दिया के मुझे आप पर ट्रस्ट नहीं है?? उस रितु ने और आप उसकी बातों मे आ गए?? उसने तो आपको हमारे बीच की पूरी बात भी नहीं बताई है उसने बस आपसे उतना कहा जितना उसके मतलब का था जिससे वो हमारा रिश्ता बिगाड़ सके।

नेहा- हा मैंने लगाई उसके साथ शर्त किया उसे चैलेंज क्युकी वो पागल है आपको पाने के लिए और उसे सबक सीखना जरूरी था! उस दिन मैंने उससे कहा था के वो कोशिश कर ले क्युकी मैं जानती थी के आप उसकी ओर नजर उठा कर भी नहीं देखेंगे!!

जिसके बाद नेहा ने राघव को उसके और रितु के बीच हुई पूरी बात बताई जिसे आप पिछले पार्ट्स मे पढ़ चुके है और वो पूरी बात सुन के राघव शॉक था अब अब उसके पास बोलने को कुछ नहीं था उसे तो आइडिया भी नहीं था के ये सब हुआ है और आधी अधूरी बात से उसने सब कुछ खतम मान लिया था

नेहा- इसीलिए मैंने उसे चैलेंज किया था के उसकी उमीदे बिखरे और वो इस बात को मान ले के आपकी शादी हो चुकी है यही एक सही तरीका था

नेहा- अगर आप मुझपर भरोसा करते तो पहले आकर ये बात मुझसे पूछते ना की उसकी बातों मे आ जाते!! मुझे पूरा यकीन था के आप मुझे कभी धोका नहीं देंगे और इसी यकीन ने मुझे उसे चैलेंज करने की हिम्मत दी थी वरना कौन सी बीवी अपने पति पर रिस्क लेती है??? मुझे हमारे रिश्ते पर पूरा भरोसा था मैं इतना तो जानती हु आपको के आप कभी मुझसे मझधार मे नहीं छोड़ते, समझे!

नेहा- आप किसी नतीजे पर पहुचने से पहले किसी अनजान की बातों मे आने से पहले मुझसे बात कर सकते थे...

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा फिर वो राघव के पास आई और राघव की आँखों मे देखा जिसमे उसपर गुस्सा करने का अब गिल्ट था, उसने उसके गालों पर जमी उस आँसू की बूंद को साफ किया और रूम से बाहर चली गई और राघव बस वही खड़ा रहा, उसे पहले नेहा से इस बारे मे बात करनी चाहिए थी।

मैंने नेहा को छोड़ उस रितु पर कैसे यकीन कर लिया... मेरी चिक्की उससे ज्यादा समझदार है मुझे पहले उससे बात करनी चाहिये थी यू उसपर चिल्लाना नहीं चाहिए था उसने तो मुझपर अपना भरोसा जताया था और मैंने क्या किया?? उसपर चिल्लाया, बगैर सोचे के इससे उसे कितनी तकलीफ होगी, राघव देशपांडे चूतिये हो तुम एक नंबर के, अपनी ही बीवी को रुला दिया किसी बाहरवाली की बातों मे आके, सब कितना सही चल रहा था मैंने सब गुड गोबर कर दिया यारर!!!!!!’ राघव ने अपने ही हाथों से अपने बाल नोच डाले

मुझे सब सही करना होगा और उस रितु को तो मैं देखूँगा अब लेकिन उससे पहले चिक्की को मनाना पड़ेगा उसे सॉरी कहना पड़ेगा और सब पहले जैसा करना पड़ेगा, बहुत गुस्सा होगी वो’

राघव ने अपने आप को तयार किया नेहा से माफी मांगने और रितु का चैप्टर क्लोज़ करने और नेहा को मनाने निकल पड़ा।

नेहा उतरे चेहरे के साथ काम मे लगी हुई थी, किसी ने भी उससे कुछ नहीं पूछा था क्युकी सब जानते थे के उसका और राघव का बड़ा झगड़ा हुआ था

‘ये अपनी जगह सही है अगर कोई मुझे भी ऐसा अधूरा सच बताता तो मैं भी ऐसे ही रिएक्ट करती लेकिन इन्हे मेरी बात तो सुननी चाहिए थी, अब इन्हे इनकी गलती समझनी पड़ेगी मैं नाराज हु इनसे और जब तक इन्हे गलती समझ नहीं आती मैं माफ नहीं करने वाली और रही बात उस रितु की तो उसे तो मैं सबक सीखा कर रहूँगी कमीनी हमारा रिश्ता बिगाड़ने चली है इतना कमजोर नहीं है हमारा रिश्ता

नेहा इस बार रितु को छोड़ने वाली नहीं थी, रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए कभी कभी झगड़े भी अच्छे होते है अगर आज राघव नेहा पर नहीं चिल्लाता तो शायद वो उसे ये कभी नहीं बता पाता के वो उसे पसंद करने लगा है, इस झगड़े ने उनदोनों की एकदूसरे के लिए भावनाए उजागर कर दी है

अब देखना होगा के राघव नेहा को कैसे मनाता है वही नेहा अब रितु का क्या करेगी जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक अगर कहानी अच्छी लग रही हो बुरी लग रही हो क्या कमी है क्या सही है प्लीज कमेंट्स करके बताए ताकि मैं अपनी लेखनी को और बेहतर कर सकु आपका मनोरंजन कर सकु, मिलते है अगले अपडेट मे तब तक के लिए सायोनारा..!

क्रमश:
 

Thakur

असला हम भी रखते है पहलवान 😼
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Update 38




अगले दिन घर का महोल एकदम रिलैक्स था चुकी आकाश की सगाई हो चुकी थी इसीलिए आज किसी को भी कुछ काम नहीं था सब आराम से बैठे थे बाते कर रहे थे दिन का मजा ले रहे थे, नेहा संध्या जी के साथ बाते कर रही थी तभी वहा राघव आया जो की बहुत ज्यादा गुस्से मे था...

संध्या- अरे राघव तुम तो बाहर गए थे ना इतनी जल्दी आ गए??

संध्या जी ने पूछा लेकिन राघव ने कोई जवाब नहीं दिया, उसके चेहरे से उसका गुस्सा साफ झलक रहा था, नेहा ने राघव को देखा और फिर उसके पीछे देखा तो वहा रितु शैतानी मुस्कान के साथ खड़ी थी और नेहा को थोड़ा थोड़ा राघव के गुस्से का रीज़न समझ आ रहा था के हो ना हो रितु ने ही कुछ किया था, नेहा ने राघव को देखा तो पाया के राघव उसे ही घूर रहा था राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ जबरदस्ती लेकर जाने लगा

जानकी- राघव क्या हुआ है??

जानकी जी ने चिंता से पूछा

राघव- हमारे बीच आज कोई नहीं बोलेगा मा!!

इतना बोल के राघव नेहा को खिचते हुए अपने साथ ले गया वो गुस्से मे उबल रहा था और ऐसे मे उसके सामने बोलने की हिम्मत किसी मे नहीं थी सब लोग शॉक होकर उसे देख रहे थे

राघव नेहा को लेकर अपने रूम मे आया और उसने दरवाजा लॉक कर दिया

नेहा- क्या.....

लेकिन राघव ने नेहा को बीच मे ही रोक दिया

राघव- शट अप!!!! जस्ट शट अप!!!

राघव ने जोर से कहा जिससे नेहा जहा थी वही जम गई

राघव- मैं क्या इतना गया गुजरा हु???

राघव ने कस कर नेहा की बाजुओ को पकड़ते हुए पूछा जिससे नेहा को थोड़ा दर्द हुआ लेकिन अभी राघव का उस ओर ध्यान ही कहा था

राघव- मैं क्या इतना बुरा हु जो अभी तक मैं तुम्हारा भरोसा भी नहीं जीत सका??? मैं क्या तुम्हारे ट्रस्ट के भी काबिल नहीं??

राघव चीखा वही नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- आप क्या कह रहे है??

राघव- मैं क्या कह रहा हु?? तुम मुझे इतना बताओ के तुम मेरे बारे मे क्या सोचती हो?? मैं क्या तुम्हारी नजरों मे इतना गिरा हुआ हु

राघव किसी बात से बहुत ज्यादा हर्ट था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था

नेहा- आप क्या कह रहे है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा और आप ऐसी बाते क्यू कर रहे है और ये किसने कह दिया के मेरी नजरों मे आपकी कोई वैल्यू नहीं है??

राघव- तो फिर तुम्हें मुझपर भरोसा क्यू नहीं है!!!!!!!!

राघव चीखा

राघव- तुमने रितु से नहीं कहा के मुझपर ट्राय करे?? क्युकी तुम देखना चाहती थी के मैं कैसे रिएक्ट करूंगा??

राघव ने गुस्से मे पूछा वही नेहा को अब माजरा समझ आने लगा था

नेहा- मैं तो.....

राघव- जितना मैंने पूछा है बस उसका जवाब दो वो भी बस हा या ना मे !!

नेहा- हा!

राघव गुस्से मे जल रहा था वही नेहा की आँखों से आँसू की एक बूंद टपकी और उसका जवाब सुन राघव गुस्से मे अपने बालों मे हाथ घुमाने लगा, उसने नेहा को छोड़ दिया और अपनी ओर उंगली करके पूछा

राघव- तुम मुझे इतना नीच समझती हो???

राघव बहुत ज्यादा हर्ट था, जब रितु ने उसे बताया के नेहा उसे टेस्ट करना चाहिती है तो उसका दिल टूट गया था ये सोच के की नेहा उसपर ट्रस्ट नहीं करती

नेहा- नहीं!! आप गलत समझ रहे है मैं....

नेहा बोलना चाहती थी लेकिन राघव ने उसे बीच मे ही रोक दिया

राघव- एक शब्द नहीं! आज सिर्फ तुम मेरी सुगोनी! तुम हमारे रिश्ते को चांस देना चाहती थी ना फिर मुझपर ट्रस्ट भी नहीं कर सकती?? ऐसा नहीं है के तुम मुझे टेस्ट नहीं कर सकती लेकिन हमारे रिश्ते का भरोसा कहा गया??

राघव- मैं मानता हु मैने कभी तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं किया लेकिन मैं अब चीज़े बदलने की कोशिश कर रहा हु वैसा बन रहा हु जैसा तुम चाहती थी! मैं अपने आप को तुम्हारे लिए बदलने की कोशिश कर रहा हु अब इससे ज्यादा और क्या चाहती हो तुम!!!!

राघव- मैं गुस्सैल हु! घमंडी हु! सेल्फिश हु, मुझे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं नीच नहीं हु! चीटर नहीं हु!!!

राघव ने चीख कर कहा

राघव- तुमने ये कैसे सोच लिया के मैं तुम्हें धोका दूंगा? मैंने कभी किसी और को उस तरह नहीं देखा है जैसे मैं तुम्हें देखता हु! मैं तुम्हें कभी धोका देने का सोच भी नहीं सकता, पहले जब मैं तुमसे इस रिश्ते से भाग रहा था तब भी मैंने किसी और लड़की के बारे मे नहीं सोचा क्युकी मैं जानता था के घर पर मेरी एक बीवी है!! मुझे अपनी लिमिट्स पता है। हमारे बीच सब कुछ सही जा रहा था न तुम खुश थी मैं खुश था, अरे मैं तो पसंद करने लगा था यार तुमको फिर इस सब की क्या जरूरत थी??

बोलते बोलते राघव की आँख से एक आंसू की बूंद गिरी लेकिन गुस्सा उसका अभी भी शांत नहीं हुआ था वही नेहा उसके इस कन्फेशन को शॉक होकर सुन रही थी और अब उसे सबसे पहले राघव की इस गलतफहमी को दूर करना था

नेहा- सुनिए!!

नेहा ने राघव के पास जाते हुए कहा लेकिन राघव दूर हट गया

राघव- मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना, अगर तुम हमारे रिश्ते की इज्जत नहीं कर सकती तो तुम्हें मेरे पास आने का कोई अधिकार नहीं है

नेहा - मेरी बात तो सुनिए पहले

राघव- अब बचा क्या है सुनने को!! अगर तुम्हें कोई डाउट था मुझपर तो सीधे मुझसे पूछना चाहिए था ना की उस रितु को चैलेंज करना चाहिए था! तुमने भरोसा तोड़ा है मेरा!! इतने सालों बाद किसी पर भरोसा किया था मैंने विश्वास जताया था सोचा था तुम समझती हो मुझे लेकिन तुमने भी मुझे मझधार में छोड़ दिया

राघव ने पीछे हटते हुए कहा मानो किसी चीज से डर रहा हो, वो इनसिक्योर था डरा हुआ था इतने सालों बाद उसने किसी को अपना माना था लेकिन वो ट्रस्ट भी बस कुछ ही दिनों मे टूट चुका था

राघव- तुम.....

लेकिन इसबार राघव को नेहा ने बीच मे रोक दिया

नेहा- बस!!!! बहुत हो गया बहुत कहा आपने और बहुत सुन लिया मैंने अब बस!! आप एकबार मेरी बात नहीं सुन सकते??!! ऐसे सामने वाले की बात सुने बगैर नतीजे पर कैसे पहुच सकते है आप!!!

नेहा ने अपनी सारी ताकत से चीख कर राघव से कहा और राघव उसकी आवाज सुन शॉक था, ये पहली बार था जब नेहा ने राघव से इस आवाज मे बात की थी। अब नेहा भी बहुत ज्यादा गुस्से मे थी क्युकी राघव बगैर उसकी बात सुने पूरी बात जाने रितु के बहकावे मे उसे ही गुनहगार ठहराए जा रहा था

नेहा – बस एक बार मेरी बात नहीं सुन सकते आप??

राघव- अब तू......

नेहा- चुप!! बिल्कुल चुप!! खबरदार एक शब्द बोला तो!!

नेहा- आपसे किसने कह दिया के मुझे आप पर ट्रस्ट नहीं है?? उस रितु ने और आप उसकी बातों मे आ गए?? उसने तो आपको हमारे बीच की पूरी बात भी नहीं बताई है उसने बस आपसे उतना कहा जितना उसके मतलब का था जिससे वो हमारा रिश्ता बिगाड़ सके।

नेहा- हा मैंने लगाई उसके साथ शर्त किया उसे चैलेंज क्युकी वो पागल है आपको पाने के लिए और उसे सबक सीखना जरूरी था! उस दिन मैंने उससे कहा था के वो कोशिश कर ले क्युकी मैं जानती थी के आप उसकी ओर नजर उठा कर भी नहीं देखेंगे!!

जिसके बाद नेहा ने राघव को उसके और रितु के बीच हुई पूरी बात बताई जिसे आप पिछले पार्ट्स मे पढ़ चुके है और वो पूरी बात सुन के राघव शॉक था अब अब उसके पास बोलने को कुछ नहीं था उसे तो आइडिया भी नहीं था के ये सब हुआ है और आधी अधूरी बात से उसने सब कुछ खतम मान लिया था

नेहा- इसीलिए मैंने उसे चैलेंज किया था के उसकी उमीदे बिखरे और वो इस बात को मान ले के आपकी शादी हो चुकी है यही एक सही तरीका था

नेहा- अगर आप मुझपर भरोसा करते तो पहले आकर ये बात मुझसे पूछते ना की उसकी बातों मे आ जाते!! मुझे पूरा यकीन था के आप मुझे कभी धोका नहीं देंगे और इसी यकीन ने मुझे उसे चैलेंज करने की हिम्मत दी थी वरना कौन सी बीवी अपने पति पर रिस्क लेती है??? मुझे हमारे रिश्ते पर पूरा भरोसा था मैं इतना तो जानती हु आपको के आप कभी मुझसे मझधार मे नहीं छोड़ते, समझे!

नेहा- आप किसी नतीजे पर पहुचने से पहले किसी अनजान की बातों मे आने से पहले मुझसे बात कर सकते थे...

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा फिर वो राघव के पास आई और राघव की आँखों मे देखा जिसमे उसपर गुस्सा करने का अब गिल्ट था, उसने उसके गालों पर जमी उस आँसू की बूंद को साफ किया और रूम से बाहर चली गई और राघव बस वही खड़ा रहा, उसे पहले नेहा से इस बारे मे बात करनी चाहिए थी।

मैंने नेहा को छोड़ उस रितु पर कैसे यकीन कर लिया... मेरी चिक्की उससे ज्यादा समझदार है मुझे पहले उससे बात करनी चाहिये थी यू उसपर चिल्लाना नहीं चाहिए था उसने तो मुझपर अपना भरोसा जताया था और मैंने क्या किया?? उसपर चिल्लाया, बगैर सोचे के इससे उसे कितनी तकलीफ होगी, राघव देशपांडे चूतिये हो तुम एक नंबर के, अपनी ही बीवी को रुला दिया किसी बाहरवाली की बातों मे आके, सब कितना सही चल रहा था मैंने सब गुड गोबर कर दिया यारर!!!!!!’ राघव ने अपने ही हाथों से अपने बाल नोच डाले

मुझे सब सही करना होगा और उस रितु को तो मैं देखूँगा अब लेकिन उससे पहले चिक्की को मनाना पड़ेगा उसे सॉरी कहना पड़ेगा और सब पहले जैसा करना पड़ेगा, बहुत गुस्सा होगी वो’

राघव ने अपने आप को तयार किया नेहा से माफी मांगने और रितु का चैप्टर क्लोज़ करने और नेहा को मनाने निकल पड़ा।

नेहा उतरे चेहरे के साथ काम मे लगी हुई थी, किसी ने भी उससे कुछ नहीं पूछा था क्युकी सब जानते थे के उसका और राघव का बड़ा झगड़ा हुआ था

‘ये अपनी जगह सही है अगर कोई मुझे भी ऐसा अधूरा सच बताता तो मैं भी ऐसे ही रिएक्ट करती लेकिन इन्हे मेरी बात तो सुननी चाहिए थी, अब इन्हे इनकी गलती समझनी पड़ेगी मैं नाराज हु इनसे और जब तक इन्हे गलती समझ नहीं आती मैं माफ नहीं करने वाली और रही बात उस रितु की तो उसे तो मैं सबक सीखा कर रहूँगी कमीनी हमारा रिश्ता बिगाड़ने चली है इतना कमजोर नहीं है हमारा रिश्ता

नेहा इस बार रितु को छोड़ने वाली नहीं थी, रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए कभी कभी झगड़े भी अच्छे होते है अगर आज राघव नेहा पर नहीं चिल्लाता तो शायद वो उसे ये कभी नहीं बता पाता के वो उसे पसंद करने लगा है, इस झगड़े ने उनदोनों की एकदूसरे के लिए भावनाए उजागर कर दी है

अब देखना होगा के राघव नेहा को कैसे मनाता है वही नेहा अब रितु का क्या करेगी जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक अगर कहानी अच्छी लग रही हो बुरी लग रही हो क्या कमी है क्या सही है प्लीज कमेंट्स करके बताए ताकि मैं अपनी लेखनी को और बेहतर कर सकु आपका मनोरंजन कर सकु, मिलते है अगले अपडेट मे तब तक के लिए सायोनारा..!

क्रमश:
Mene socha ke ye Aniket koi hoga naya bich ka bandar par ee to sala Ani nikla :shocked: bc 1 saal pehli story ko me kaise bhul gaya :sigh2:
Par galti to writer ki bhi he jo ke Ani ko introduce he aise karaya jaise wo koi flirt ho :sigh:
Kher ek baatt confirm he ke Neha kisi ki na sunne wali :evillaugh: aur ab jo Ritu ka hoga wo :rip:
 

Yasasvi1

❣bhootni💞
1,015
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Update 38




अगले दिन घर का महोल एकदम रिलैक्स था चुकी आकाश की सगाई हो चुकी थी इसीलिए आज किसी को भी कुछ काम नहीं था सब आराम से बैठे थे बाते कर रहे थे दिन का मजा ले रहे थे, नेहा संध्या जी के साथ बाते कर रही थी तभी वहा राघव आया जो की बहुत ज्यादा गुस्से मे था...

संध्या- अरे राघव तुम तो बाहर गए थे ना इतनी जल्दी आ गए??

संध्या जी ने पूछा लेकिन राघव ने कोई जवाब नहीं दिया, उसके चेहरे से उसका गुस्सा साफ झलक रहा था, नेहा ने राघव को देखा और फिर उसके पीछे देखा तो वहा रितु शैतानी मुस्कान के साथ खड़ी थी और नेहा को थोड़ा थोड़ा राघव के गुस्से का रीज़न समझ आ रहा था के हो ना हो रितु ने ही कुछ किया था, नेहा ने राघव को देखा तो पाया के राघव उसे ही घूर रहा था राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ जबरदस्ती लेकर जाने लगा

जानकी- राघव क्या हुआ है??

जानकी जी ने चिंता से पूछा

राघव- हमारे बीच आज कोई नहीं बोलेगा मा!!

इतना बोल के राघव नेहा को खिचते हुए अपने साथ ले गया वो गुस्से मे उबल रहा था और ऐसे मे उसके सामने बोलने की हिम्मत किसी मे नहीं थी सब लोग शॉक होकर उसे देख रहे थे

राघव नेहा को लेकर अपने रूम मे आया और उसने दरवाजा लॉक कर दिया

नेहा- क्या.....

लेकिन राघव ने नेहा को बीच मे ही रोक दिया

राघव- शट अप!!!! जस्ट शट अप!!!

राघव ने जोर से कहा जिससे नेहा जहा थी वही जम गई

राघव- मैं क्या इतना गया गुजरा हु???

राघव ने कस कर नेहा की बाजुओ को पकड़ते हुए पूछा जिससे नेहा को थोड़ा दर्द हुआ लेकिन अभी राघव का उस ओर ध्यान ही कहा था

राघव- मैं क्या इतना बुरा हु जो अभी तक मैं तुम्हारा भरोसा भी नहीं जीत सका??? मैं क्या तुम्हारे ट्रस्ट के भी काबिल नहीं??

राघव चीखा वही नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- आप क्या कह रहे है??

राघव- मैं क्या कह रहा हु?? तुम मुझे इतना बताओ के तुम मेरे बारे मे क्या सोचती हो?? मैं क्या तुम्हारी नजरों मे इतना गिरा हुआ हु

राघव किसी बात से बहुत ज्यादा हर्ट था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था

नेहा- आप क्या कह रहे है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा और आप ऐसी बाते क्यू कर रहे है और ये किसने कह दिया के मेरी नजरों मे आपकी कोई वैल्यू नहीं है??

राघव- तो फिर तुम्हें मुझपर भरोसा क्यू नहीं है!!!!!!!!

राघव चीखा

राघव- तुमने रितु से नहीं कहा के मुझपर ट्राय करे?? क्युकी तुम देखना चाहती थी के मैं कैसे रिएक्ट करूंगा??

राघव ने गुस्से मे पूछा वही नेहा को अब माजरा समझ आने लगा था

नेहा- मैं तो.....

राघव- जितना मैंने पूछा है बस उसका जवाब दो वो भी बस हा या ना मे !!

नेहा- हा!

राघव गुस्से मे जल रहा था वही नेहा की आँखों से आँसू की एक बूंद टपकी और उसका जवाब सुन राघव गुस्से मे अपने बालों मे हाथ घुमाने लगा, उसने नेहा को छोड़ दिया और अपनी ओर उंगली करके पूछा

राघव- तुम मुझे इतना नीच समझती हो???

राघव बहुत ज्यादा हर्ट था, जब रितु ने उसे बताया के नेहा उसे टेस्ट करना चाहिती है तो उसका दिल टूट गया था ये सोच के की नेहा उसपर ट्रस्ट नहीं करती

नेहा- नहीं!! आप गलत समझ रहे है मैं....

नेहा बोलना चाहती थी लेकिन राघव ने उसे बीच मे ही रोक दिया

राघव- एक शब्द नहीं! आज सिर्फ तुम मेरी सुगोनी! तुम हमारे रिश्ते को चांस देना चाहती थी ना फिर मुझपर ट्रस्ट भी नहीं कर सकती?? ऐसा नहीं है के तुम मुझे टेस्ट नहीं कर सकती लेकिन हमारे रिश्ते का भरोसा कहा गया??

राघव- मैं मानता हु मैने कभी तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं किया लेकिन मैं अब चीज़े बदलने की कोशिश कर रहा हु वैसा बन रहा हु जैसा तुम चाहती थी! मैं अपने आप को तुम्हारे लिए बदलने की कोशिश कर रहा हु अब इससे ज्यादा और क्या चाहती हो तुम!!!!

राघव- मैं गुस्सैल हु! घमंडी हु! सेल्फिश हु, मुझे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं नीच नहीं हु! चीटर नहीं हु!!!

राघव ने चीख कर कहा

राघव- तुमने ये कैसे सोच लिया के मैं तुम्हें धोका दूंगा? मैंने कभी किसी और को उस तरह नहीं देखा है जैसे मैं तुम्हें देखता हु! मैं तुम्हें कभी धोका देने का सोच भी नहीं सकता, पहले जब मैं तुमसे इस रिश्ते से भाग रहा था तब भी मैंने किसी और लड़की के बारे मे नहीं सोचा क्युकी मैं जानता था के घर पर मेरी एक बीवी है!! मुझे अपनी लिमिट्स पता है। हमारे बीच सब कुछ सही जा रहा था न तुम खुश थी मैं खुश था, अरे मैं तो पसंद करने लगा था यार तुमको फिर इस सब की क्या जरूरत थी??

बोलते बोलते राघव की आँख से एक आंसू की बूंद गिरी लेकिन गुस्सा उसका अभी भी शांत नहीं हुआ था वही नेहा उसके इस कन्फेशन को शॉक होकर सुन रही थी और अब उसे सबसे पहले राघव की इस गलतफहमी को दूर करना था

नेहा- सुनिए!!

नेहा ने राघव के पास जाते हुए कहा लेकिन राघव दूर हट गया

राघव- मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना, अगर तुम हमारे रिश्ते की इज्जत नहीं कर सकती तो तुम्हें मेरे पास आने का कोई अधिकार नहीं है

नेहा - मेरी बात तो सुनिए पहले

राघव- अब बचा क्या है सुनने को!! अगर तुम्हें कोई डाउट था मुझपर तो सीधे मुझसे पूछना चाहिए था ना की उस रितु को चैलेंज करना चाहिए था! तुमने भरोसा तोड़ा है मेरा!! इतने सालों बाद किसी पर भरोसा किया था मैंने विश्वास जताया था सोचा था तुम समझती हो मुझे लेकिन तुमने भी मुझे मझधार में छोड़ दिया

राघव ने पीछे हटते हुए कहा मानो किसी चीज से डर रहा हो, वो इनसिक्योर था डरा हुआ था इतने सालों बाद उसने किसी को अपना माना था लेकिन वो ट्रस्ट भी बस कुछ ही दिनों मे टूट चुका था

राघव- तुम.....

लेकिन इसबार राघव को नेहा ने बीच मे रोक दिया

नेहा- बस!!!! बहुत हो गया बहुत कहा आपने और बहुत सुन लिया मैंने अब बस!! आप एकबार मेरी बात नहीं सुन सकते??!! ऐसे सामने वाले की बात सुने बगैर नतीजे पर कैसे पहुच सकते है आप!!!

नेहा ने अपनी सारी ताकत से चीख कर राघव से कहा और राघव उसकी आवाज सुन शॉक था, ये पहली बार था जब नेहा ने राघव से इस आवाज मे बात की थी। अब नेहा भी बहुत ज्यादा गुस्से मे थी क्युकी राघव बगैर उसकी बात सुने पूरी बात जाने रितु के बहकावे मे उसे ही गुनहगार ठहराए जा रहा था

नेहा – बस एक बार मेरी बात नहीं सुन सकते आप??

राघव- अब तू......

नेहा- चुप!! बिल्कुल चुप!! खबरदार एक शब्द बोला तो!!

नेहा- आपसे किसने कह दिया के मुझे आप पर ट्रस्ट नहीं है?? उस रितु ने और आप उसकी बातों मे आ गए?? उसने तो आपको हमारे बीच की पूरी बात भी नहीं बताई है उसने बस आपसे उतना कहा जितना उसके मतलब का था जिससे वो हमारा रिश्ता बिगाड़ सके।

नेहा- हा मैंने लगाई उसके साथ शर्त किया उसे चैलेंज क्युकी वो पागल है आपको पाने के लिए और उसे सबक सीखना जरूरी था! उस दिन मैंने उससे कहा था के वो कोशिश कर ले क्युकी मैं जानती थी के आप उसकी ओर नजर उठा कर भी नहीं देखेंगे!!

जिसके बाद नेहा ने राघव को उसके और रितु के बीच हुई पूरी बात बताई जिसे आप पिछले पार्ट्स मे पढ़ चुके है और वो पूरी बात सुन के राघव शॉक था अब अब उसके पास बोलने को कुछ नहीं था उसे तो आइडिया भी नहीं था के ये सब हुआ है और आधी अधूरी बात से उसने सब कुछ खतम मान लिया था

नेहा- इसीलिए मैंने उसे चैलेंज किया था के उसकी उमीदे बिखरे और वो इस बात को मान ले के आपकी शादी हो चुकी है यही एक सही तरीका था

नेहा- अगर आप मुझपर भरोसा करते तो पहले आकर ये बात मुझसे पूछते ना की उसकी बातों मे आ जाते!! मुझे पूरा यकीन था के आप मुझे कभी धोका नहीं देंगे और इसी यकीन ने मुझे उसे चैलेंज करने की हिम्मत दी थी वरना कौन सी बीवी अपने पति पर रिस्क लेती है??? मुझे हमारे रिश्ते पर पूरा भरोसा था मैं इतना तो जानती हु आपको के आप कभी मुझसे मझधार मे नहीं छोड़ते, समझे!

नेहा- आप किसी नतीजे पर पहुचने से पहले किसी अनजान की बातों मे आने से पहले मुझसे बात कर सकते थे...

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा फिर वो राघव के पास आई और राघव की आँखों मे देखा जिसमे उसपर गुस्सा करने का अब गिल्ट था, उसने उसके गालों पर जमी उस आँसू की बूंद को साफ किया और रूम से बाहर चली गई और राघव बस वही खड़ा रहा, उसे पहले नेहा से इस बारे मे बात करनी चाहिए थी।

मैंने नेहा को छोड़ उस रितु पर कैसे यकीन कर लिया... मेरी चिक्की उससे ज्यादा समझदार है मुझे पहले उससे बात करनी चाहिये थी यू उसपर चिल्लाना नहीं चाहिए था उसने तो मुझपर अपना भरोसा जताया था और मैंने क्या किया?? उसपर चिल्लाया, बगैर सोचे के इससे उसे कितनी तकलीफ होगी, राघव देशपांडे चूतिये हो तुम एक नंबर के, अपनी ही बीवी को रुला दिया किसी बाहरवाली की बातों मे आके, सब कितना सही चल रहा था मैंने सब गुड गोबर कर दिया यारर!!!!!!’ राघव ने अपने ही हाथों से अपने बाल नोच डाले

मुझे सब सही करना होगा और उस रितु को तो मैं देखूँगा अब लेकिन उससे पहले चिक्की को मनाना पड़ेगा उसे सॉरी कहना पड़ेगा और सब पहले जैसा करना पड़ेगा, बहुत गुस्सा होगी वो’

राघव ने अपने आप को तयार किया नेहा से माफी मांगने और रितु का चैप्टर क्लोज़ करने और नेहा को मनाने निकल पड़ा।

नेहा उतरे चेहरे के साथ काम मे लगी हुई थी, किसी ने भी उससे कुछ नहीं पूछा था क्युकी सब जानते थे के उसका और राघव का बड़ा झगड़ा हुआ था

‘ये अपनी जगह सही है अगर कोई मुझे भी ऐसा अधूरा सच बताता तो मैं भी ऐसे ही रिएक्ट करती लेकिन इन्हे मेरी बात तो सुननी चाहिए थी, अब इन्हे इनकी गलती समझनी पड़ेगी मैं नाराज हु इनसे और जब तक इन्हे गलती समझ नहीं आती मैं माफ नहीं करने वाली और रही बात उस रितु की तो उसे तो मैं सबक सीखा कर रहूँगी कमीनी हमारा रिश्ता बिगाड़ने चली है इतना कमजोर नहीं है हमारा रिश्ता

नेहा इस बार रितु को छोड़ने वाली नहीं थी, रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए कभी कभी झगड़े भी अच्छे होते है अगर आज राघव नेहा पर नहीं चिल्लाता तो शायद वो उसे ये कभी नहीं बता पाता के वो उसे पसंद करने लगा है, इस झगड़े ने उनदोनों की एकदूसरे के लिए भावनाए उजागर कर दी है

अब देखना होगा के राघव नेहा को कैसे मनाता है वही नेहा अब रितु का क्या करेगी जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक अगर कहानी अच्छी लग रही हो बुरी लग रही हो क्या कमी है क्या सही है प्लीज कमेंट्स करके बताए ताकि मैं अपनी लेखनी को और बेहतर कर सकु आपका मनोरंजन कर सकु, मिलते है अगले अपडेट मे तब तक के लिए सायोनारा..!

क्रमश:
😏wo khahte hana kutte ko ghi hazam nahi hota....😅its not means mene kisi ko kuch bola only for refarance like logo ko kabhi nahi pachata ki koi unpe itna bleave karta ha ....ab dekhana ka ye h ki aage khani ki daal kese galti h.....waiting for the next one
 

king cobra

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Update 28




नेहा को राघव और रितु का ऐसे हस हस के चिपक के बात करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था और ये बात उसके चेहरे से साफ पता चल रही थी और उन्हे इन तरह गुलू गुलू करते देख नेहा ने अपने हाथ मे पकड़ा जुलरी बॉक्स थड़ की आवाज के साथ बंद कर दिया जिसके आवाज ने सबका ध्यान उसकी तरफ खीच लिया

जानकी- क्या हुआ नेहा?

नेहा- हह! नहीं कुछ नहीं मा वो बस पसंद नहीं आया तो बंद कर रही थी,

नेहा ने जवाब दिया लेकिन उसके शब्द उसके चेहरे से मैच ही नहीं कर रहे थे मानो वो बात किसी से कर रही थी और इशारा किसी और को दे रही थी वही मीनाक्षी जी ने जानकी और संध्या को कुछ इशारा किया और संध्या जी बोली

संध्या- साड़िया को ऐसे पता नहीं चलता जानकी भाभी मीनाक्षी भाभी चलो रूममे चल कर ट्राइ करके देखते है

जानकी- हा... हा सही है संध्या अंदर चल कर देखते है! मा हम आते है अभी

जानकी ने गायत्री जी से कहा और वो तीनों फटाक से अंदर चली गई और उनके वहा से जाने का रीज़न बड़ी लेडिज तो समझ गई लेकिन नेहा और श्वेता उन्हे कन्फ्यूज़ होकर देखने लगी

कुमुद- तुम दोनों भी जाओ ऐसे मौके बार बार नहीं मिलेंगे

बड़ी दादी ने गायत्री और आरती से कहा और वो दोनों भी वहा से चली गई और अब वहा बस अपनी गैंग बची थी

कुमुद- चिल्लर पार्टी तुम्हें भी कुछ लेना हो तो ले लो

स्वाती- दादी हम तो हमारे लिए ले लेंगे लेकिन आकाश और शेखर भईया का क्या वो थोड़ी साड़ी पहनते है और विवेक, खैर उसे जाने ही दो

स्वाती ने लड़कों को चिढ़ाते हुए कहा और इसपे अपने विवेक भाई भड़क गए

विवेक- जाने ही दो का क्या मतलब बे

लेकिन स्वाती ने उसे कोई रिएक्शन नहीं दिया और उसे ठेंगा दिखा कर चिढ़ाने लगी तभी बड़ी दादी बोली

कुमुद- हा तो क्या हुआ वो लोग अपनी बीवियों के लिए पसंद कर लेंगे अब यहा आओ

बड़ी दादी अपनी पर पोती के ऐसे बेस लेस सवाल ने इरिटेट हो गई थी

कुमुद- रितु बेटे तुम भी अपने लिए कोई ड्रेस पसंद कर लो

बड़ी दादी ने रितु को आवाज लगाई जो अभी भी राघव से बातों मे लगी हुई थी

‘ऐसे तो इस इंसान के बोल मोल लेने पड़ते है इतना तोल मोल के बोलता है अब क्या हुआ?’ नेहा के मन मे खयाल आया

रितु- बस अभी आई दादी

जिसके बाद बड़ी दादी वहा से चली गई और रितु राघव की तरफ मुड़ी और उसका हाथ पकड़ लिया और बोली

रितु- राघव आओ तुम मेरे लिए ड्रेस पसंद करो

और राघव का हाथ पकड़ के वो उसको अपने साथ ले आई और उनके जुड़े हाथों को देख नेहा की हालत और खराब होने लगी

अब वो सब लोग एक जगह बैठ कर कपड़े सिलेक्ट करने लगे, शेखर श्वेता के लिए साड़ी पसंद कर रहा था वही आकाश स्वाती रिद्धि और विवेक से राधिका की साड़ी के लिए सजेशन मांग रहा था और रितु राघव से चिपकी हुई थी और नेहा, वो बेचारी अकेले साड़ी देख रही थी और उसे लेफ्ट आउट सा फ़ील हो रहा था, सब अपनी अपनी बीवियों के लिए मंगेतर के लिए साड़ी पसंद करने मे लगे थे और उसका पती अपनी पत्नी को छोड़ के एक लड़की के साथ बिजी था, नेहा की आँखों में पानी जमने लगा था लेकिन उसने उन्हे रोके रखा था

नहीं नेहा रोना नहीं है ये कौनसी बड़ी बात है बिल्कुल रोना नहीं है’ नेहा अपने आप को समझा रही थी

रितु- राघव! ये देखो ये कैसी है सही लग रही है मुझ पर?

रितु ने एक साड़ी राघव को दिखाते हुए कहा

राघव- उमहू ना इतनी खास नहीं है

राघव के जवाब ने नेहा को और हर्ट कर दिया, सब लोग अपने अपने मे बिजी थे और राघव और रितु साथ मे बैठे बाते कर रहे थे साड़िया देख रहे थे और नेहा उतरे चेहरे के साथ उन्हे देख रही थी, रितु बातों बातों मे कभी कभी राघव को टच कर देती थी और राघव भी ऐसे लग रहा था जैसे उसे इंसमे मजा आ रहा था

विवेक- भाभी आपको क्या हुआ? आप साड़िया नहीं सिलेक्ट कर रही?

विवेक के सवाल ने सबका ध्यान नेहा की ओर खिच दिया और राघव ने जब नेहा को देखा तब उसे अपनी गलती ध्यान मे आ गई

शीट! फैल गया रायता, तू इतना चू... बेवकूफ कैसे हो सकता है राघव’ राघव ने मन ही मन अपने आप को दो बाते सुना दी

नेहा- नह... नहीं तो ऐसा नहीं है वो मुझे मेरे लिए कोई साड़ी पसंद ही नहीं आई..

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और सबने फिर नेहा की बात सही मान के उस बात को इग्नोर कर दिया सिवाय एक के

“अरे बेटा पहले बताना चाहिए था ना मैं और दूसरी साड़ी दिखाता” उस दुकानदार ने कहा जो साड़िया दिखा रहा था

जिसके बाद उसने और भी नई साड़िया नेहा को दिखाई और नेहा भी अपना ध्यान उस ओर लगाने की कोशिश करने लगी लेकिन उसके चेहरे पर उदासी साफ थी और राघव लगातार उसे देख रहा था और राघव के चेहरे पर भी पछतावा दिख रहा था, अपने आप पर किसी की नजरे पा कर नेहा ने उसे देखा, दोनों की नजरे मिली लेकिन यहा भी रितु बीच मे आ गई और उसने राघव को हिला कर एक साड़ी दिखाई और इस हरकत ने नेहा को और दुखी कर दिया और उसने अपनी नजरे घुमा ली

राघव- हम्म वहा कुछ अच्छी साड़िया है मैं वहा जाकर देखता हु

राघव ने बहाना बनाते हुए नेहा की ओर इशारा किया और वहा से उठ कर नेहा के बाजू मे आकार बैठ गया ताकि नेहा के लिए कोई साड़ी पसंद कर सके लेकिन आज तो किस्मत को कुछ और ही गेम खेलना था

रितु- हा हा वहा अच्छी साड़िया है

इतना बोल के रितु भी वापिस राघव के पास आकार बैठ गई और ये बात अब श्वेता को पसंद नहीं आई और रितु तो श्वेता को पहली नजर मे ही पसंद नहीं आई थी ऊपर से उसका राघव के साथ इतना क्लोज़ होना जिसपर श्वेता कुछ बोलने ही वाली थी के शेखर ने उसे रोक दिया

शेखर- जो हो रहा है होने दो और बस देखती रहो

शेखर ने श्वेता के कान मे धीमे से कहा

श्वेता- लेकिन..

श्वेता आगे कुछ बोलती उससे पहले ही शेखर ने उसे आँखों ने आश्वस्त किया और वो भी चुप हो गई।

राघव- तुम ये लो ये देखो

राघव ने एक साड़ी रितु की तरफ सरकाई ताकि वो उसमे बिजी को जाए और वो नेहा की मदद कर सके वही

अगर इनको मुझे छोड़ कर दूसरों के लिए साड़िया पसंद करनी है तो ऐसा ही सही मैं भी इन्हे नहीं पूछूँगी’ नेहा ने अब थोड़ा गुस्सा होते हुए सोचा

नेहा- विवेक ये देखो तो ये साड़ी कैसी है?

नेहा ने राघव को इग्नोर करते हुए विवेक को साड़ी दिखते हुए पूछा और राघव बस उसे देखने लगा

विवेक- ठीक है इतना खास नहीं

राघव- अच्छी है!

राघव ने कहा लेकिन नेहा ने अपना चेहरा सपाट बनाया हुआ था और उसने राघव के शब्दों को इग्नोर कर दिया

नेहा- हम्म विवेक यू आर राइट इतनी अच्छी नहीं है मैं दूसरी देखती हु ये बहुत हेवी है

राघव से नेहा का उसे ऐसे इग्नोर करना बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन अब बीवी का दिल दुखाओगे तो परिणाम यही होगा ना

तभी राघव की नजरे वहा रखी एक खूबसूरत गुलाबी साड़ी पर पड़ी सिल्वर वर्क वाली साड़ी थी वो और नेहा के लिए एकदम परफेक्ट थी उसने वो साड़ी उठाई और नेहा के साममे रखी

नेहा ने उस साड़ी को देखा फिर राघव को देखा और अब उसके लिए उस साड़ी को छोड़ना मुश्किल हो रहा था क्युकी उसे भी वो साड़ी पसंद आ गई थी लेकिन करे क्या राघव से नाराज वो जो थी

अब क्या हुआ इन्हे, पहले याद नहीं आया के यहा अपनी बीवी भी है उसके लिए भी साड़ी पसंद करनी है, सॉरी साड़ी लेकिन इस जंग मे मुझे तुम्हारी कुर्बानी देनी होगी’

नेहा ने दुखी मन से साड़ी को देखा क्युकी उसे वो बहुत पसंद आई थी और उसके एक्सप्रेशन देख के राघव के चेहरे पर मुस्कान आ गई

इसको तो ये बिल्कुल इग्नोर नहीं करेगी’ राघव ने मन मे सोचा लेकिन....

नेहा ने उस साड़ी को इग्नोर कर दिया और अपने लिए दूसरी साड़ी ढूंढने लगी, राघव ने थोड़ा शॉक मे उसे देखा और वापिस वही साड़ी उसके सामने पकड़ी

राघव- ले लो इसे!

राघव ने नेहा से धीमे से कहा लेकिन इस बार भी उसने राघव के शब्दों को इग्नोर कर दिया

नेहा- विवेक इनमे से कौनसी वाली अच्छी है

नेहा ने विवेक के सामने दो साड़िया पकड़ते उससे पूछा

राघव- राइट वाली बेटर है

विवेक कुछ बोलता उससे पहले ही राघव बोल पड़ा

नेहा- मुझे लगता है लेफ्ट वाली बढ़िया है सिम्पल और ब्यूटीफुल हैना विवेक ?

नेहा ने विवेक को देखते हुए राघव के शब्दों को इग्नोर करते हुए कहा जिससे राघव अब इरिटेट को रहा था

इसको अचानक क्या हुआ है अब? सुबह तक तो सब सही था और एक साड़ी ही तो है उसमे इतना क्या है?’ राघव ने सोचा

ये पूरा ड्रामा शेखर और श्वेता देख रहे थे और राघव को ऐसा इरिटेट होता देख अंदर ही अंदर हस रहे थे और अब आगे राघव कुछ बोलता उससे पहले ही नेहा वहा से उठी और कुछ बहाना बना के अंदर चली गई और उसके जाते ही विवेक राघव के पास आया

विवेक- भाई!

राघव- हम्म ?

विवेक- अब आपने क्या किया है? भाभी गुस्से मे लग रही!

राघव- तुम सबको ऐसा क्यू लगता है के हमेशा मैं ही कुछ गलत करता हु?

विवेक- रूल नंबर 6969 ऑफ हैप्पी मैरिड लाइफ गलती हमेशा पती की होती है और माफी सबसे पहले उन्ही को माँगनी होती है

विवेक ने चौड़ा बनते हए कहा

राघव- और कौन है वो जो ये बकवास तेरे दिमाग मे भर रहा है

विवेक- हूह लॉर्ड विवेक किसी की बात नहीं सुनते और बगैर प्रूफ के बात नहीं करते यकीन ना हो तो उधर देखो

विवेक ने राघव को इशारे से शेखर को देखने कहा जो अपने हाथों से अपने कान पकड़ के श्वेता से किसी बात के लिए माफी मांग रहा था जिसके बाद विवेक और राघव ने एकदूसरे को देखा और विवेक अपने काम मे लग गया

रितु- वॉव क्या बढ़िया साड़ी है ये, इसे तो मैं ही लूँगी

रितु ने उस साड़ी को देखते हुए कहा जिसे राघव ने नेहा के लिए पसंद किया था

राघव- नहीं!

राघव ने करीब करीब चिल्लाते हुए कहा जिसे सुन रितु वही जम गई

राघव- मेरा मतलब वो मेरी है

रितु- क्या..??

रिद्धि- भाई क्या कह रहे हो आप आपने साड़ी पहनना कब शुरू किया?

राघव- शट उप रिद्धि मेरा मतलब है मैंने पसंद की है वो

रितु- तब तो फिर मैं ले रही हु ये साड़ी तुमने पसंद की है तो मेरे लिए ही की होगी

रितु ने मुस्कुराकर कहा और वो उस साड़ी को लेने की वाली थी के राघव ने झटके से उसके हाथ से वो साड़ी खिच ली

राघव- ये तुम्हारे लिए नहीं है रितु... ये.. नेहा के लिए है मेरी वाइफ के लिए

राघव की बात सुन रितु की स्माइल गायब हो गई

रितु- तुम्हारी वाइफ भी आई है ??

श्वेता- हा तो, भईया आए है तो भाभी भी आएंगी ही ना वैसे भी भईया भाभी के बिना एक मिनट भी नहीं रह सकते

श्वेता ने कहा जिसपर राघव ने उसे देखा मानो कह रहा हो के ये बात बतानी जरूरी नहीं थी

रितु- कहा है तुम्हारी वाइफ?

रितु ने झूठी मुस्कान लिए अपने दांत पीसते कहा

राघव- वो बस अभी अंदर गई है

रितु - वो!! वो तुम्हारी पत्नी है??

रितु ने अपने चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन लाते हुए कहा जिसे राघव ने इग्नोर कर दिया और वो साड़ी उसने नेहा के लिए पैक कारवाई और जब साड़ी पैक हो गई तो राघव उसे ले कर घर के अंदर चला गया नेहा को ढूंढने वही रितु उसे जाते हुए देखती रही, उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था जिसे श्वेता भाप गई थी पता नहीं अब आगे क्या होने वाला था हा लेकिन मजा बहुत आने वाला है......
Ritu yahan bhi aa gayi bich ma aag lagane
 

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Update 29



राघव पूरे घर मे नेहा को ढूंढते हुए घूम रहा था लेकिन वो उसे कही नहीं दिख रही थी

रमेश- राघव, कुछ चाहिए क्या बेटा?

राघव- नहीं मामा दादू वो बस ऐसे...

रमेश- नेहा को ढूंढ रहे हो?

राघव- नहीं वो तो मैं.. वो...

रमेश- वो मा के कमरे मे है

इतना बोल के रमेश जी वहा से राघव का कंधा थपथपाते हुए मुस्कुराकर निकल गए और राघव झट से बड़ी दादी के कमरे की ओर लपका और जब वो कमरे मे पहुचा तो वहा कोई नहीं था सिवाय नेहा को जो अलमारी मे कुछ सामान रख रही थी और राघव की तरफ उसकी पीठ थी

राघव ने कमरे का दरवाजा धीरे से बंद किया ताकि नेहा को उसके आने का पता ना चले और कोई आवाज ना हो लेकिन वो पुराने जमाने का दरवाजा आवाज करते हुए बंद हुआ और नेहा का ध्यान उसकी ओर आ गया

नेहा ने पलट कर देखा तो वहा राघव को पाया, उसने सपाट चेहरे से राघव को देखा फिर वापिस अपने काम मे लग गई वही राघव भी चुप चाप वहा खड़ा उसके फ्री होने की राह देखने लगा ताकि उससे बात कर सके

नेहा ने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और थड़ की आवाज से अलमारी का दरवाजा बंद कर दिया

ये मुझे ऐसा क्यू लग रहा है उसने उस दरवाजे मे मुझे इमेजिन करके उसे पटका है’ राघव के मन मे खयाल आया

वही नेहा उसे इग्नोर करते हुए बेड की ओर बढ़ी और उसने एक झटके मे पुरानी चादर हटा दी और नई बेड शीट बिछाने लगी और जब उसका काम खतम हो गया तो वो दरवाजे की तरफ आई

राघव- सुनो..!

राघव ने उसे आवाज दी जिसे सुन कर वो रुकी और राघव की ओर मुड़ी

राघव- ये....

लेकिन बोलते बोलते राघव रुक गया जब उसने देखा के नेहा ने उसे वापिस इग्नोर कर दिया है और वो बेड की ओर जा रही है जैसे वो वहा हो ही ना

नेहा ने बेड पर से पुराने पिलो कवर उठाए और वापिस दरवाजे की तरफ जाने लगी और वो दरवाजा खोलने की वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ के उसे रोक दिया

राघव- मैं कुछ कह रहा हु

नेहा- कहिए!

नेहा ने बोला लेकिन इस बार उसकी आवाज सपाट थी

राघव- तुम मुझे इग्नोर क्यू कर रही हो?

नेहा- मैं कहा इग्नोर कर रही हु? इग्नोर करने का ठेका तो आपने लिया हुआ है

राघव- ताना मार रही हो?

नेहा- मैं कौन होती हु ताना मारने वाली? वैसे भी मुझसे क्या फ़र्क पड़ता है

नेहा ने धीमे से कहा

राघव- हुह? क्या कहा जोर से बोलो

नेहा- जाना है मुझे जाने दीजिए

नेहा ने थोड़ा चिल्लाके कहा

राघव- अरे यार चिल्ला क्यू रही हो?

नेहा- क्युकी पागल हु मैं

नेहा ने राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा

राघव- हा वो मैं जानता हु लेकिन चिल्लाके बताने की क्या जरूरत थी बाकी लोग सुन लेते तो? और सोचो वो लोग मेरे बारे मे क्या सोचते

राघव ने नेहा को चिढ़ाते वापिस उसका हाथ पकड़ते हुए कहा जिसने नेहा का मूड और खराब कर दिया

नेहा- हा तो जाइए न फिर अपनी उस दोस्त के पास यहा मुझे मत तंग कीजिए वैसे भी लोग आप दोनों को साथ देख के खुश होंगे

नेहा ने वापिस चिल्लाते हुए अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन इस बार राघव ने उसका हाथ अच्छे से पकड़ हुआ था और उसने नेहा को अपनी तरफ खिचा जिससे वो उसके सीने से जा टकराई

राघव- नेहा, क्या हुआ है तुम्हे? ऐसे बिहेव क्यू कर रही हो?

नेहा- कुछ नहीं हुआ है मुझे

नेहा ने बगैर राघव से नजरे मिलाए उसके हाथों मे कसमसाते हुए कहा

राघव- चुप चाप खड़ी रहो

राघव ने नेहा को ऑर्डर देने की कोशिश की सिर्फ कोशिश

नेहा- मुझे जाना है बहुत काम है मुझे

राघव- ना! पहले बताओ क्या हुआ है

नेहा- कहा ना कुछ नहीं हुआ है और आप मेरे पास क्या कर रहे है आपकी वो स्पेशल दोस्त चली गई क्या

अब राघव के माजरा ध्यान मे आने लगा था

राघव- तुम, तुम कही रितु से जल तो नहीं रही हो?

नेहा- मैं... मैं क्यू जलने लगी मुझे कोई फरक नहीं पड़ता

नेहा ने अपनी नजरे इधर उधर घुमाते हुए कहा और उसे ऐसे करते देख राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई

राघव- ये लो

राघव ने साड़ी का पैकेट उसकी ओर बढ़ाया

नेहा- ये क्या है

राघव- ये वो है जिसे तुम आकाश की सगाई मे पहनोगी

नेहा- मैंने अपने लिए साड़ी पसंद कर ली है ये जाकर उसे दीजिए जिसके लिए पसंद कर रहे थे

राघव- अरे पर ये तुम्हारे लिए है मैंने सिलेक्ट की है

नेहा- कहा ना मुझे नहीं चाहिए, गो टू हेल

नेहा ने राघव को धकेलते हुए कहा और राघव आगे कुछ कहता उससे पहले की उन्हे किसी के गला साफ करने की आवाज आई, दरवाजे पर बड़ी दादी खड़ी थी और शरारती मुस्कान से उन्हे देख रही थी

कुमुद- तुम लोगों को तुम्हारा रूम दिया है ना फिर मेरे कमरे मे रोमांस क्यू ?

बड़ी दादी की बात सुन दोनों उन्हे चौक के देखने लगे

नेहा- न.. नहीं दादी आप सोच रही है वैसा कुछ नहीं है

कुमुद- फिर कैसा है? दोनों ऐसे चिपक के खड़े हो ये रोमांस नहीं तो लड़ने का नया तरीका है क्या?

और अब इसमे नेहा कुछ कहती इससे पहले ही राघव बोला

राघव- देखो ना दादी ये आपकी बहु मुझे टाइम ही नहीं देती है

राघव मासूम बनते हुए बोला और उसकी बात पर नेहा उसे शॉक होकर देखने लगी

‘ये आज नाश्ते मे कुछ गलत खा लिए थे क्या जो ऐसी बाते कर रहे’ नेहा ने सोचा

कुमुद- ये सब क्या है नेहा यहा पहले ही दिन मुझे शिकायाते मिल रही है

राघव- हा हा बताओ अब दादी को

राघव अब नेहा को छेड़ने के पूरे मूड मे था लेकिन वो भी कम नहीं थी

बड़ा भोला बन रहे है ना अभी बताती हु इनको’ नेहा ने रघाव को देखते हुए सोचा फिर स्लाइम के साथ बड़ी दादी से बोली

नेहा- देखिए ना दादी ये आकाश की सगाई के लिए मुझे साड़ी नहीं दिला रहे है कहते है कोई जरूरत नहीं है

कुमुद- क्या...!

राघव- हैं?

दादी और राघव के मुह से ये एकसाथ निकला और अब दादी ने अपना मोर्चा राघव की तरफ बढ़ाया

कुमुद- ये मैं क्या सुन रही हु राघव?

राघव- अरे दादी नहीं ये झूठ बोल थी है मैंने ऐसा कब कहा??

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा

नेहा- मैंने तो एक साड़ी पसंद भी की थी लेकिन इन्होंने लेने नहीं दी

नेहा अपने झूठे आँसू पोंछते हुए बोली और राघव के हाथ मे पकड़ा साड़ी का पैकेट दिखाया

राघव- क्या??

राघव मुह फाड़े नेहा को देख रहा था के वो कितनी सफाई से झूठ बोल रही थी

कुमुद- राघव क्या है ये सब? ये कोई तरीका है क्या और तुम होते कौन हो उसे साड़ी लेने से रोकने वाले अभी के अभी उसे वो साड़ी दो

राघव- लेकिन दादी....

कुमुद- मैंने कहा ना

राघव ने आँखों के कोने से नेहा को देखा जो उसे दादी से डांट खाता देख मजे ले रही थी वो कुछ पुटपुटाया और वो पैकेट उसने उसे दे दिया

नेहा- दादी जी ये तो यहा से जल्दी जाने का भी कह रहे थे ताकि वापिस काम पर जा सके, अब मैं तो यहा पहली बार आई हु मुझे और कुछ दिन रहना है , कहते है मैं इन्हे टाइम नहीं देती और खुद सारा दिन लैपटॉप लिए रहते है फिर आप बताओ मैं कैसे इनके साथ टाइम बिताऊ, ये तो यहा भी अपना लैपटॉप लाए है ताकि दिन रात काम कर सके

नेहा ने मासूम बनते हुए राघव की शिकायाते की

राघव नेहा को ‘अब तो तुम गई’ वाले लुक से घूरे जा रहा था लेकिन नेहा को कहा फरक पड़ना था

कुमुद- मैं ये क्या सुन रही हु राघव, परेशान हो गई हु तुमसे उसकी तो शिकायत कर दी तुमने और तुम्हारा क्या? नेहा बेटा जाओ और इसका लैपटॉप लाकर दो मुझे अब इसे 1 हफ्ते तक लैपटॉप नहीं मिलेगा।

बस दादी की ये लाइन राघव को शॉक देने काफी थी वो अपनी जगह पर जम गया

राघव- नहीं... नहीं दादी आप ऐसा नहीं करोगी, अरे मैं तो मजाक कर रहा था के ये टाइम नहीं देती आप मेरा लैपटॉप नहीं ले सकती

लेकिन दादी ने राघव के शब्दों को इग्नोर कर दिया

कुमुद- नेहा जाओ इसका लैपटॉप लेकर आओ

राघव- नहीं!!!!

कुमुद- जाओ नेहा, मैं भी देखती हु ये आदमी अब एक हफ्ता काम कैसे करता है

राघव- एक हफ्ता!!! नहीं!!! ऐसा नहीं करोगी आप!! नेहा खबरदार जो मेरे लैपटॉप को हाथ लगाया तो पछताओगी मैं कह रहा हु

राघव ने नेहा की ओर बढ़ते हुए कहा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे

कुमुद- ओ राघव देशपांडे खबरदार अगर मेरी बहु को कुछ कहा तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा, नेहा मैं कह रही हु न तुम जाओ

और नेहा मुंडी हिलाते हुए वहा से चली गई, हालांकि उसे भी समझ आ गया था के फ़्लो फ़्लो मे वो ज्यादा बोल गई थी लेकिन इससे अब जो ड्रामा होगा उसमे मजा भी बड़ा आने वाला था और यही तो चांस था राघव को उसके लैपटॉप से दूर करने का और अपनी सौतन लैपटॉप को हटाने का ये मौका नेहा कहा छोड़ने वाली थी

जब नेहा लैपटॉप लेने गई तो राघव भी उसके पीछे जाने लगा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे और द ग्रेट राघव देशपांडे अपने लैपटॉप को बचाने अपनी दादी ने मिन्नते करने लगा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ इतने मे नेहा उसका लैपटॉप ले आई और राघव उसे खुले मुह से देखने लगा

राघव- नेहा मैं कह रहा हु रुक जाओ

राघव लैपटॉप छीनने नेहा की ओर लपका लेकिन नेहा उससे ज्यादा तेज थी उसने उसके अपने पास आने से पहले ही लैपटॉप दादी के हाथ मे पकड़ा दिया

राघव- दादी, दादी लैपटॉप वापिस दे दो प्लीज, मैं.... मैं वादा करता हु बिल्कुल ज्यादा काम नहीं करूंगा और 1 हफ्ते से पहले तो यहां से हिलूँगा भी नहीं पक्का वादा

राघव बड़ी दादी के सामने करीब करीब गिड़गिड़ा रहा था वही उसकी हालत देख नेहा मंद मंद हस रही थी

कुमुद- ना अब तो ये तुम्हें मिलने से रहा! अब तुम्हें ये लैपटॉप तब ही मिलेगा जब नेहा मुझसे कहेगी

दादी ने शरारती मुस्कान के साथ राघव की मिन्नतों को इग्नोर कर दिया और राघव ने हसती हुई नेहा को देखा और उसके देखते ही नेहा ने अपना चेहरा सपाट कर लिया

राघव- बड़ी दादी से कहो के मुझे मेरा लैपटॉप अभी के अभी वापिस दे

राघव ने नेहा पर रौब झाड़ते हुए उसे अपनी मजा लेते देख इरिटेट होकर कहा

नेहा- ना.. मैं दादी जी की बात नहीं टाल सकती उन्हे अच्छे नहीं लगेगा ना

नेहा ने मासूम बनते हुए कहा और राघव सीरीअस चेहरे के साथ उसे देखने लगा

राघव- मेरे पेशंस को टेस्ट मत लो नेहा जो कहा है वो करो

कुमुद- राघव तुम उसे धमका रहे हो?

राघव – दादी मुझे मेरा लैपटॉप वापिस चाहिए

कुमुद- ना कहा ना, नेहा तुम जाओ बेटा ये अब कुछ नही करेगा

और दादी के कहते ही नेहा वहा से भाग ली

राघव- रुको ! दादी ये चीटिंग है

और आगे दादी की कोई बात बगैर सुने ही राघव वहा से निकल गया

राघव- तुम्हारी तो... नेहा मैंने कहा यहा आओ और दादी को लैपटॉप वापिस देने कहो

राघव ने नेहा के पीछे आते हुए कहा वही नेहा उससे दूर भाग रही थी

नेहा- नहीं!

राघव- नेहा.. देखो बात मानो जो कहा है करो

नेहा- कहा ना मैं उनसे कुछ भी नहीं कहने वाली

नेहा ने हसते हुए कहा और इनकी इस पकड़म पकड़ाई ने बाकी घरवालों का ध्यान इनकी ओर खिच लिया, घरवालों ने इन दोनों को कभी ऐसे बच्चो जैसे बर्ताव करते नहीं देखा था तो वो शॉक थे

मीनाक्षी- भाभी क्या हो रहा है ये?

मीनाक्षी जी ने जानकी से पूछा जो अपने बेटे बहु को खुले मुह के साथ देख रही थी

शुभंकर- ये सही मे राघव और नेहा है?

रमेश- ये क्या हमेशा ऐसे ही रहते है?

धनंजय- ना ऐसे तो नहीं रहते

उन दोनों को देख अपनी दादी गायत्री ने तो अपनी आंखे मल ली उनको तो यकीन ही नहीं हो रहा था और वही राघव और नेहा पूरे घर में इधर उधर दौड़ रहे थे उन्हे बाकी दुनिया की फिक्र ही नहीं थी

राघव- नेहा देखो मेरी बात मान लो वरना...

लेकिन नेहा ने उसकी एक बात नहीं सुनी और दौड़ते हुए पीछे वाली बगीचे की तरफ आई

नेहा- हॉ!! मैं तो आपसे डर गई

नेहा ने डरने वाले एक्सप्रेशन बनाए फिर हसते हुए कहा और उसे ऐसे हसता देख राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई ऐसी बड़ी सी स्माइल जिसे उसके चेहरे पर देखे घरवालों को अरसा हो गया था एकदम सच्ची

विवेक- ये सही मे भाभी है?

विवेक ने शेखर से पूछा जो उल्लू की तरह उन्हे ही देख रहा था जब वो पीछे की साइड आए थे

स्वाती- ये क्या कोई गेम खेल रहे है क्या?

स्वाती ने रिद्धि से पूछा जो अपनी पलके झपकते हुए इन सीन को पचाने की कोशिश कर रही थी

आकाश- राघव भाई? स्माइल करते हुए? ये सपना तो नहीं है ना?

लेकिन वहा एक ऐसा भी शक्स था जिसे इन दोनों की नजदीकिया पसंद नहीं आ रही थी, और वो थी रितु, साफ था उसे नेहा से जलन हो रही थी.... लेकिन क्यू...??
Ritu ki jalan jaljala layegi
 

PRAVAS DALEI

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‘ये मेरी ही बीवी है ना? अच्छा हुआ यार इसको चैलेंज दिया मैंने वरना इतना बढ़िया डांस देखने ही नहीं मिलता’ 😂😂😂🤣🤣🤣

‘ये कमर जान ले लेगी मेरी एक दिन’ lusty boy ☺️☺️☺️


इसको लगता है मरने की बहुत जल्दी है’ very jealous husband 🤣🤣
 

PRAVAS DALEI

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इसको लगता है मरने की बहुत जल्दी है’ very jealous husband 🤣🤣
 
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