Lucky..
“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
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Awesome superb updateUpdate 2
MEHRA HOUSE
किरदार - (1) Mr. Subat mehra (forest officer)
(2) Mrs. Tania mehra
(3) Jishant mehra/jishu (bsc 2nd year)
सुबाह के 7 बजे । वॉल क्लॉक पूरे सात बार घंटी बजा के शांत हो गया । टांग टांग टांग टांग टांग टांग टांग
" इस घड़ी को में किसी दिन तोड़ के गांड में घुसा दूंगा जिसने इसे खरीदा..........." तभी उसे याद आया उसके बाप ने ही उसके बर्थडे पे गिफ्ट दिया था लेट लतीफ के टैग लगा के ......" ओह सॉरी पापा "
जिशांत अलस से उठ गया । कमरे में खिड़की खुली और परदे उठे हुए थे जिससे सूरज की मीठी किरण उसके चेहरे पर छा गया । उसकी मुस्कान निकल गई ये सोच के " ये मम्मी भी ना मुझे उठने के लिए रोज यही बहाना धुंदती हे "
वो बिस्तर से उठा । रोज की तरह उसका लन्ड आज भी खड़ा था । वो मुस्कुरा के अपने आप से बोला ।" साले तुझे किसकी याद आत हे जो रोज रोज सुबह ऐसे बिन बुलाया मेहमान की तरह खड़ा हो जाता है । कभी बताता भी नही किसी को याद आती है तुझे " और अपने लंड पे थपकी लगाई ।" शांत हो जा हरामी कही के..."
उसे कुछ अलग सा एहसास हुआ आज । उसने ट्राउजर के उभार को देखा और खुद से कहा " आजा कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया है लगता है तू" और उसने इलास्टिक खींच के देखा और सांक गया ..." आइया मम्मी । ये क्या "
उसका लन्ड की लंबाई और मोटाई मानो दुगनी हो गई है बिलकुल किसी गधे या घोड़े के जैसे । वो हक्का बक्का रह गया अपने ही लंड को देख के की उसके साथ ये कैसा माया हो गया हे । वो सोचने लगा ये अनोखा चीज आखिर हुआ कैसे एक रात में ही किसी का इतना बड़ा कैसे हो सकता है । कही ये सपना तो नही कही वो अभी भी किसी भ्रम में तो नही है ।
तभी कमरे के बाहर से किसी की आवाज सुनाई दी और चलने की आहट " जिशु बेटा अभी भी सो रहे हो क्या "
" ओह चिट मम्मी ।"
जिशांत दौर के बाथरूम की तरफ भागा लेकिन उसे ध्यान ही नही रहा की बाथरूम का दरवाजा बंद है और सीधा दरवाजे से तड़का गया । उसकी नाक टूटी तो टूटी साथ ही लंड ने भी ऐसा ठोकर मारा दरवाजे पे की उसका लन्ड मानो टूट गया । किसी तरह दरवाजा खोल के बॉथरूम के अंदर पोहोचा ।
और लंड पकड़ के बैठ गया ।" उफ्फ मम्मी मर गया । आह्ह्ह्ह "
दरवाजे की उधर से आवाज आई जो फिक्र कर रही थी उसकी ." जिशू बेटा क्या हुआ .। दरवाजा खोलो बेटा । क्या हुआ बेटा "
जिशु किसी तरह अपने दर्द को पी गया और बोला ।" कुछ नही मम्मी वो घुटना लग गया नल में "
तानिया." ओह बेटा ध्यान रखा करो । ज्यादा लगी तो नही ना बेटा । दरवाजा खोलो जरा में देखती हूं"
जिशु ." नही मम्मी ज्यादा नही लगी आपको तो पता ही है घुटने पे हल्की सी लगने पर भी दर्द होता है । मै ठीक हूं मम्मी । आप जाओ मेरे लिए नाश्ता लगाओ ।"
तानिया." ठीक है तू कह रहा है तो चली जाती हूं. कोई दवाई लगा लेना .।"
ये था जिशांत के वरदान के बाद हाल ।
TALPADE HOUSE
किरदार - (1) Mr. Jatin talpade (banker)
(2) Mrs. Shital talpade
(3) Tapan talpade (bsc 2nd year)
सुबाह के आठ बजे का दृश्य ।
तपन सुबाह सुबाह ही गुस्से में लग रहा था आज । वैसे तो वो कभी अपने मां बाप से लड़ाई नही करता लेकिन कोई दिनों से वो किसी बात से बात बात पे अपनी मां बाप से लड़ाई करने लगा हे ।
कारण - pulsar 250f (two wheeler)
तपन ।" आपने कहा था पापा की 12 वि अच्छे मार्क से पास हुआ तो आप मुझे बाइक देंगे "
जतिन (काफी गुस्से और नाराज थे और बोहोत भड़के हुए ) हा तो दे तो रहा हूं । माना थोड़ी की हे मैने ।
तपन." हा तो मेरी पसंद का दो ना । बाइक आप चलाओगे या में । कहा बुड्ढे की splender दे रहे हो आप । वो बाइक कोई फोकट में भी दे तो भी ना चलाऊ में ."
शीतल मंदिर से पूजा कर के आ रही थी । सबसे पहले अपने पति की आरती उतारी टीका कर के फिर अपने लाडले के पास आई । लेकिन तपन ने माना कर दिया । पर एक मां कभी हार मानी है भला । बेटे को पकड़ के जबरदस्ती टिका लगा के बोली ." क्यू जिद कर रहा है । क्या बुराई हे उस बाइक पे खरसा कम होगा और सेफ्टी भी होगी । क्या pulsar bulsar बाईक लेना चाहता है उसका सीट कितना ऊंचा है में कहा उसपे बैठ पाऊंगी इस उम्र में । तेरा मन नही है क्या अपनी मम्मी को बाइक पे बिठाने का हुंह ।"
तपन झुलझुलते हुए बोले ।" आप भी । मुझे तो लगता है आप ही ने पापा को माना किया हे वो बाइक देने का ।"
शीतल ।" हां मैने किया हे अब खुश । क्यों में नही चाहती तेरे मामा के लड़के को जैसी हालत हो । दो साल पहले एक्सीडेंट हुआ आज भी बिस्तर पे पड़ा रहता है । हगने मूतने के लिए भी खड़ा नही हो पाता हे । इस उम्र में तेरे मामा मामी कितनी दुख झेल रहे है तुझे क्या पता ।"
तपन ।" वो उसकी किस्मत थी भैया की । अगर मेरे किस्मत में भी ऐसा होगा तो वैसे भी सड़क पार करते वक्त हो सकता है । क्या भरोसा कब दुघटना घट जाए । "
शीतल सीधा हाथ उठा देती है अपने लाडले बेटे के ऊपर ।" चुप कर कुछ भी बोलता हे । जा कॉलेज जा देर हो रही है ।"
तपन गुस्से से पेड़ पटकता हुआ घर से बाहर निकल जाता हे और बाहर लोहे की गेट पर जोर से मुक्का मारता है । मुक्का इतना जोरदार था की लोहे रोड ही बेंड हो गया ।
तपन ने देखा और मेहसूस किया की उसे जरा भी हाथों में दर्द का एहसास नही था । बल्कि एक ऊर्जा मेहसूस होने लगा । वो कभी अपने हाथ के बंद मुट्ठी को देखता तो कभी बैंड रोड को । एसा नही था कोई पतला हल्का लोहे का गेट था कमसेकम 90 किलो का गेट था लोहे का ।
तपन सोचने लगा क्या सच में मेरे शरीर में कोई अंदुरनी ताकत आ गई हे । क्या सच में । वो खुश हो जाए या फिर इस बदलाओ से भय भीत हो जाए । आखिर एक मांस खून से बने इंसान में इतनी ताकत कैसे आ सकती है भला की लोहा ही बैंड हो जाए ।
ये था इस वरदान के बाद तपन का प्रतिक्रिया ।
BHARGAV HOUSE
किरदार - (1) Mr. Ratan bhargav (head master)
(2) Mrs. Dipali bhargav
(3) Shetan bhargav (bsc 2nd year)
सुबाह के 9 बजे का दृश्य
दीपाली अपनी घर में ही अपना क्लीनिक बैठ लि थी । सीटी रोड के पास घर होने के कारण उसका डेनिस क्लिनिक बोहोत अच्छा चल रही थी । और वो भी कही योग्य थी हर रोगी का 99 % दांतो की बीमारी ठीक भी करती थी ।
वो पहली पेशेंट देखने के लिए तैयार थी । अपने डेस्क पे बैठ चुकी थी और अपॉयनमेंट लिस्ट उठा के पहली पेशेंट बुलाने ही वाली थी की तभी उसका लाडला बेटा उसके क्लिनिक में घुस आए ।
दीपाली गुस्से में बोली ।" What nonsense ..... कितनी बार कहा हे की इजाजत नही तो कमसे कम नोक कर के आया करो । तेरी ये बेद मैनर्स कब जायेगा नालायक "
शेतन ।" ओह हो मम्मी । छोड़ो ना । अच्छा मुझे आज कैंटीन में कुछ भूखे दोस्तो को टिप्स देना है । आज मेरा टर्न हे कुछ खरसा पानी दो ना "
दीपाली ।" अच्छा । लेकिन मैथ्स में तेरी नंबर अच्छे नही आए । इलाइए इस बार 1000 की जगह 500 मिलेगा ।"
शेतन ।" आप ना जलती हे मुझसे । मुझे पता हे आपकी भी मैथ्स में अच्छे मार्क नही आते थे मैने चेक किया आपकी ग्रेडसीट ."
दीपाली ." अच्छा तो डॉक्टर ऐसी ही बनी हूं में । "
शेतन जोश में छाती ठोक के बोला ..." देखना इस बार 75 आउट ऑफ 75 लेके दिखाऊंगा "
दीपाली मुंह बना के बोली ." अच्छा । ऐसे के रहा हे जैसे तू ही आखरी रामानुजन बनेगा ।"
शेतन ." विश्वास नही हे तो आजमा के देख लो । मैथ्स का कोई भी कोई भी कोई भी सवाल पूछ लो "
दीपाली ऐसे ही बोली ." 200÷5×67–26 कितना हुआ बता ।"
शैतान ."(आधे सेकंड) 2,654"
दीपाली कुछ सोचा फिर कैलकुलकटर निकल के इक्वल किया तो जवाब सही था ।
अच्छा बता " 4790×689×678 "
" 2,266,838,760"
दीपाली ऐसे कोई सवाल किए और शेतन ने मिनी सेकंड के ही सही जवाब दिए । दीपाली हैरान थी अपने बेटे को को अदभुत आई क्यू लेवल देख के और शेतन को भी एहसास हो चुका था की वो कैसे इतनी आसानी से सही जवाब दे सकता हे बिना कोई कैलकुलेट किए वो भी हाफ सेकंड में ही ।
वो परेशान बौखलाया हुआ क्लिनिक से निकल गया । दीपाली उसे रोकने की कशिश करी लेकिन तब तक शेतन तेजी से निकल गया था । दीपाली शीर पकड़ के बैठ गई और सोचने लगी की ये कैसे हो सकता हे कोई इतना सटीक जवाब कैसे दे सकता है बिना कैलकुलेट किए वो भी एक पल में ।
तो ये था शेतन का वरदान । देखते हे आगे क्या होता है ।
PATHAK HOUSE
किरदार - (1) Mr. Harilal pathak (do petrol pump ke owner)
(2) Tarali pathak
(3) Biswas pathak (bsc 2nd year)
सुबह के 10 बज रहे थे । महाषय बड़ी सुस्ती ले के उठे नींद से । और उठते ही गलियां ।
तरली ।" कमबख्त अब जा के उठा तू । जब तक सूरज शिर पे ना गिरे तब तक तू उठेगा नही ना । कितनी आवाज लगाई कान में घुसे तब ना ।"
बिस्वास ।" ओहो मम्मी आज क्लास 11 बजे से हे इलसिए देर से उठा । क्यू खमखा गजल सुना रही हो । देखना पोरस के मिश्रा अंकल आपकी गजल सुन के आपकी दीवाना ना हो जाए ।"
तरली ।" कमबख्त । रूक तू शर्म नही आती अपनी मम्मी से ऐसे अभद्र बाते करते हुए "
तराली चप्पल उठा के अपने बेटे के पीछे भागा । बिस्वास भी भागा अपने कमरे में तेजी से और अपनी मम्मी को मुंह पे ही दरवाजा बंद कर दिया । फिर हस्ता हुआ अपने कमरे की खिड़की से दो मंजिल से कूदा ।
यही नहीं कूद के आसानी देर दौर लगा के घर के 6 फीट ऊंची बाउंड्री के दीवार फांद लिया । और तब जा के उसे एहसास हुआ कि उसने क्या किया अभी अभी । गली के बच्चे उसे तक लगाते बस देखते रहे । कुछ आवारा कुत्ते भी भाऊ भाऊ कर के उसके पीछे पड़े । बिस्वास को कुत्तों से एलर्जी था इलसीए वो भागा और कुत्ते भी उसके पीछे । वो दुगनी स्पीड से भागते हुए सोचने लगा । क्या वाकई में उसे कोई शक्ति मिली है ।
और ये था आखिरी बरदान बिस्वास का । इन चारो का घर एक ही सिटी में था एक दो किलोमीटर की एरिया में आस पास । चारों ही चड्डी बड्डी यार था । बचपन से ले के कॉलेज तक आज भी एक थाली में खाना खाता है । बोलते तो एक चड्डी के पट्ठे ।
अगली भाग में जानेंगे की ये लोग कॉलेज में एक दूसरे के बारे में बताते हैं या नहीं । आज के लिए इतना ही दोस्तो ।