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Romance Ek Duje ke Vaaste..

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Adirshi

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Update 20



“क्या चल रहा है यहा” एकांश ने कहा और उसने अपनी कडक और रौबदार आवाज से सबका ध्यान अपनी ओर खिच लिया था सब उसके चेहरे को देख रहे थे जो एकदम ईमोशनलेस था....

“एकांश अच्छा हुआ तुम आ गए, सब तुम्हारी ही राह देख रहे थे” एकांश को देख उसकी मा ने मुसकुराते हुए उसके पास आते हुए कहा

“मेरी राह दकह रहे थे और कीसी ने मुझे फोन भी नहीं किया?” एकांश ने थोड़े रुडली कहा और उसके ऐसे रुडली बात करने से उसकी मा थोड़ा चौकी

“मॉम क्या चल रहा है यहा?” एकांश ने वहा मौजूद सभी को इग्नोर कर कहा

“मेहतास् हमसे मिलने आए है बेटा” उसकी मा ने आराम से कहा

“और वो क्यू?”

अब एकांश के पिता अपनी जगह से उठे उन्होंने बोलने के लिए अपना गला साफ किया और सबका ध्यान उसकी ओर गया वही अमर, रोहन और स्वरा को वहा उस फॅमिली मीटिंग मे थोड़ा ऑक्वर्ड लग रहा था

“एकांश, तुम तो जानते ही हो मैं और मेहता कितने अच्छे दोस्त है, तुमने बचपन से देखा और तुम और श्रेया भी काफी अच्छे दोस्त हो तो मैंने दोस्ता क्यू ना इस दोस्ती को रिश्तेदरी मे बदला जाए” एकांश ने पिता ने उससे मुसकुराते हुए कहा

“और वो कैसे?” एकांश ने आराम से नीचे देखते हुए पूछा

एकांश की शांत आवाज ने अमर को डरा दिया था, वो समझ गया था के ये तूफान के पहले की शांति है

“तुम दोनों का रिश्ता जोड़ कर, शादी करवा कर” एकांश ने पिताजी ने कहा

“और आपने इस बारे मे मुझे बताना या मुझसे पूछना भी जरूरी नहीं समझा” एकांश ने कहा

“नहीं बेटे, हम तुम्हारे आने का ही इंतजार कर रहे थे ताकि तुमसे इस बारे मे बात करे” अब एकांश की मा बोली

एकांश ने एक नजर श्रेया को देखा, जो नीचे देख रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था के क्या करे

“श्रेया, तुमको मुझसे शादी करनी है?” एकांश ने डायरेक्ट श्रेया से पूछा

श्रेया ने उसे चौक कर देखा उसे ऐसे डायरेक्ट सवाल की उम्मीद नहीं थी, उसने अपने पेरेंट्स को देखा जो उसे ही देख रहे थे

“नहीं और तुम्हें?” श्रेया ने अपनी मर्जी बताई और एकांश से पूछा

“नहीं!” एकांश ने भी कहा

और उनदोनों ने अपने पेरेंट्स को देखा जो उनके इस डिसिशन पर थोड़ा हैरान थे

“लेकिन क्यू? तुम दोनों तो एकदूसरे को पसंद करते हो ना?” ये मिस्टर मेहता थे, श्रेया के पिताजी

“हा मैं एकांश को पसंद करती हु बट एज अ फ्रेंड ओन्ली और मैं अभी शादी के लिए तयार ही नहीं हु, मेरा पूरा फोकस अभी पेरिस के फैशन वीक पर है और मुझे अभी अपने करिअर पर फोकस करना है” श्रेया ने अपने पेरेंट्स से कहा और उन्होंने फिर एकांश के पेरेंट्स को देखा

“ठीक है अगर यही तुम दोनों की मर्जी है तो फिर हमलोग कौन होते है तुम्हें फोर्स करने वाले जैसी तुमदोनों की मर्जी” एकांश के पापा ने स्माइल के साथ कहा जिसपर श्रेया भी अब थोड़ी खुश हो गई थी वही एकांश ने अपनी मा को देखा जो थोड़ी उदास थी

“आप इतनी उदास क्यू लग रही है मॉम?” एकांश ने उनके सामने खड़े होकर पूछा और फिर आगे बोला “ओह समझ गया, मुझे दोबारा अक्षिता से दूर रखने का चांस मिस हो गया इसीलिए” एकांश ने कहा

अब चौकने की बारी एकांश की मा की थी वही अमर के अलावा बाकी सभी वहा कन्फ्यूज़ लग रहे थे

“तुम ये क्या कह रहे हो एकांश?”

“मॉम, मैं ना थक गया हु और अब मुझमे जरा बिह पैशन्स नहीं बचा है और आज मुझे हर कीमत पर जवाब चाहिए” एकांश ने वापिस से रुडली कहा

“तुम किस बारे मे बात कर रहे हो कौनसे जवाब” उसकी मा ने कहा वही बाकी सब लोग वह शॉक और कन्फ्यूज़ खड़े थे क्युकी आज से पहले कीसी ने भी एकांश को अपनी मा से इस टोन मे बात करते नहीं सुना था

“अक्षिता के बारे मे” एकांश ने कहा और उसकी मा का चेहरा सफेद पड गया था “अक्षिता कहा है मॉम” एकांश ने आगे पूछा वही उसकी मा चुप चाप नीचे देखते हुए खड़ी थी

“मॉम बताओ कहा है वो, उसने जॉब से रिजाइन कर दिया है उसका घर बंद है वो चली गई है तो अब और मेरा पैशन्स टेस्ट मत करो और बताओ” एकांश ने कहा वही उसकी बात से उसकी मा भी थोड़ा चौकी थी

“मुझे कुछ नहीं पता है”

“मॉम प्लीज बात दो कहा है वो? मुझे बात करनी है उससे, आपने उसे जाने के लिए कहा?” एकांश ने उनके हाथ पकड़ कर उनसे पूछा

“नहीं एकांश, मैं ऐसा क्यू करूंगी” उन्होंने कहा, अब उनकी आँखों मे भी पानी था

“क्युकी आप नहीं चाहती के हम दोनों साथ रहे” एकांश ने चिल्ला कर कहा

“एकांश! तुम अपनी मा से इस आवाज मे बात नहीं कर सकते, और बात क्या है वो बताओ पहले” एकांश के पिता ने कहा

“मॉम, आज मुझे सच जानना है, आप अक्षिता को जानती है ना?”

“हा” उन्होंने आँखों मे आँसू लिए कहा

“आप उसको पहले से जानती है ना, मेरी अससिस्टेंट बनने के पहले से?” एकांश ने आगे पूछा और उन्होंने नीचे देखते हुए बस हा मे गर्दन हिला दी एकांश ने अपने हाथों की मुट्ठीया भींच ली और वो अपने अंदर उबलते गुस्से को कंट्रोल करने मे लगा हुआ था

“आप उसे कैसे जानती है?” एकांश ने अगला सवाल किया

“मैं उससे बस एक बार मिली हु” उन्होंने ऊपर एकांश को देखते हुए कहा और अब उनके गालों से आँसू बह रहे थे

एकांश अपनी मा को इस तरह हर्ट करके ये बात नहीं करना चाहता था लेकिन इस वक्त ये उनके दिल मे उठ रहे दर्द के आगे कुछ नहीं था

“तो आप मिली थी उससे... आपही ने उसे जाने के लिए कहा था? आपकी ही वजह से उसने मेरे साथ ब्रेकअप किया था??” एकांश का आवाज वापिस चढ़ने लगा था

“नहीं! नहीं नहीं, एकांश ये सच नहीं है” उन्होंने कहा लेकिन एकांश ने ये बात सुनी ही नहीं

“आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है मॉम, आप जानती है मैं उससे कितना प्यार करता था और जब वो मुझे छोड़ कर चली गई थी तब मेरी क्या हालत थी” अब एकांश भी रोने लगा था

“एकांश अपने आप को संभालो बेटा, मुझे बताओ क्या हुआ है” एकांश ने पिताजी ने उसे शांत करने की कोशिश की

“आइ लव हर पापा, वो चली गई है मुझे छोड़ कर, मैं उसके बिना नहीं रह सकता” एकांश अपने पिता के गले लग रो रहा था

वहा मौजूद कीसी से भी एकांश की हालत नहीं देखि जा रही थी, रोहन और स्वरा ने भी एकदूसरे को देखा था क्युकी उनदोनों को भी उस पार्टी के बाद क्या हो रहा है इसका आइडीया हो गया था

“एकांश बेटा, मेरी बात सुनो, मैं जानती थी अक्षिता को मैं मिली भी थी उससे लेकिन उसके तुमसे अलग होने मे मेरा कोई हाथ नहीं है” एकांश की मा ने उसे समझाना चाहा और एकांश ने उन्हे देखा, उसकी आंखे उन्हे दोषी ठहर रही थी

“मेरा यकीन करो बेटा”

“अगर इस सब के पीछे आप नहीं है तो फिर और क्या रीज़न है?’ एकांश ने अपने आँसू पोंछते हुए पूछा

“मुझे नहीं पता” उन्होंने कहा लेकिन एकांश से नजरे नहीं मिलाई

“आप झूठ बोल रही है, आप अक्षिता से मिली थी, आप ही ने उसे मेरी जिंदगी से मुझसे दूर जाने के लिए कहा और इसीलिए उसने उस दिन मुझसे कहा था के वो मुझसे प्यार नहीं करती और मुझे छोड़ गई थी और आज भी वो रिजाइन करके सबकुछ छोड़ छाड़ के चली गई है और आज की आपको मेरी श्रेया के साथ शादी करवाने का खयाल आया?” एकांश ने गुस्से मे चीख कर कहा

“और ये सब कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता मॉम” एकांश के गुस्से को देख सब जहा थे जम गए थे वही उसकी मा अब भी उससे नजरे नहीं मिला रही थी और वो भी रो रही थी

“साधना ये सब क्या हो रहा है? एकांश जो कह रहा है क्या वो सच है? जवाब दो साधना अपने बेटे को देखो टूट गया है वो” एकांश ने पिता ने कहा लेकिन उसकी मा वैसी ही रोती हुई खड़ी रही

“मॉम प्लीज बताइए मुझे”

“मैं नहीं बता सकती” उन्होंने धीमी आवाज मे कहा

“क्यू”

“मैं कुछ नहीं बता सकती बस इतना कह सकती हु के अक्षिता के जाने के लिए ना मैं तब जिम्मेदार थी ना अब हु”

“झूठ, एक और झूठ लेकिन आज मैं बस सच सुनने के मूड मे हु” एकांश ने कहा

“यही सच है एकांश”

“तो मुझे बताइए आप उस दूँ अक्षिता से क्यू मिली थी और उसने मुझसे ब्रेकअप क्यू किया था?”

“एकांश मैं सच कह रही हु मेरा यकीन करो बेटा, मेरा तुम्हारे और अक्षिता के ब्रेकअप से कुछ लेना देना नहीं है मैं उससे उस घटना के एक महीने बाद मिली थी” अब एकांश की मा का भी आवाज चढ़ने लगा था

“तो उसने मेरे साथ ब्रेकअप क्यू किया था?” एकांश ने पूछा लेकिन वो चुप रही, “मॉम, आप उससे क्यू मिली थी?” एकांश ने पूछा और उन्होंने एक लंबी सास छोड़ी

“जब तुमने मुझे बताया था के तुम कीसी से प्यार करते की कीसी को पसंद करते हो तब मैं बहुत खुश थी एकांश, हा पहले मझे तुम्हारे पापा की चिंता थी के वो इस बारे मे क्या कहेंगे लेकिन जब मैंने तुम्हारी आँखों मे खुशी देखि तो उसके आगे बाकी सब फीका था और फिर अचानक मैंने तुम्हें टूटते हुए देखा, तुम्हारा ब्रेकअप होने के बाद तुम टूट से गए थे लग रहा था मानो तुम्हारे शरीर से प्राण खिच लिए गए हो, पहले मुझे लगा के तुम कुछ दिनों मे ठीक हो जाओगे लेकिन तुम्हारी हालत और भी खराब हो रही थी तुमने कीसी से भी मिलना बात करना ही बंद कर दिया था बस अपने कमरे मे रहते थे और ये मुझसे नहीं देखा जा रहा था इसीलिए मैंने उससे मिलने का फैसला लिया था जिसकी वजह से ये सब हो रहा था, मैंने उसका पता निकलवाया था और इसीलिए उससे मिली थी” उन्होंने एकांश के गालों को अपने हाथों मे थामते हुए उससे कहा

“फिर? क्या हुआ आगे?”

“इससे आगे मैं नहीं बता सकती बेटे प्लीज मुझसे मत पूछो” उन्होंने एकांश से दूर सरकते हुए कहा

“क्यू? आप पूरी बात क्यू नहीं बता सकती?” एकांश ने वापिस फ्रस्ट्रैशन मे चिल्ला कर सवाल किया

“क्युकी मैंने उससे वादा किया है के मैं इस बारे मे तुम्हें कुछ नहीं बताऊँगी” साधनाजी ने भी चिल्ला कर कहा

“वादा?? मॉम मुझे कुछ नहीं सुनना है मुझे बस आज पूरी बात जननी है, कौनसा वादा कैसा वादा क्या वादा लिया था उसने और आपने उसे कुछ नहीं कहा?” एकांश वापिस चीखा

सभी लोग जहा थे वही जम गए थे और ये सारा सीन देख रहे थे, अमर तो स्तब्ध सा खड़ा था वही रोहन और स्वरा टेंशन मे थे के अगर एकांश ने उनसे पुछ लिया तो वो क्या करेंगे

“एकांश बेटा प्लीज मुझसे कुछ मत पूछो” साधनाजी ने अपने दोनों हाथों से अपना मुह छिपाते हुए कहा

“नहीं मॉम आज आपको बताना ही होगा”

“मैं नहीं बता सकती”

एकांश को समझ नहीं आ रहा था के क्या करे उसने फ्रस्ट्रैशन मे वहा रखे कांच के vase पर हाथ दे मार जो शीशे के टूटने के आवाज के साथ चकनाचूर हो गया, थोड़ी चोट एकांश के हाथ पर भी लगी और जब वहा मौजूद लोग उसकी ओर बढ़ने लगे तब

“नहीं! कोई मेरे पास नहीं आएगा”

स्वरा ने पनियाई आँखों से रोहन को देखा और उसे कुछ इशारा किया और वो एकांश की ओर बढ़ी और एकांश के सामने जाकर रुकी और एकांश ने उसे देखा, तब तक घर का एक मौकार फर्स्ट ऐड ले आया था स्वरा ने एकांश के साथ से खून साफ करना शुरू किया

“अक्षिता कभी नहीं चाहती के आपको कोई तकलीफ हो” स्वरा ने एकांश की आँखों मे देखते हुए कहा और उसके हाथ पर पट्टी बांध दी और वो बस उसे ही देख रहा था

“तुम भी सब कुछ जानती हो ना? उसके जाने के पीछे का रीज़न?” एकांश ने पूछा और स्वरा ने बस हा मे गर्दन हिला दी

“तो बताओ फिर” एकांश ने उम्मीद से पूछा

“हम नहीं बता सकते” रोहन ने कहा और उसकी इस बात पर एकांश हसा

“समझ गया! उसने तुम लोगों से भी वादा लिया होगा ना, ठीक है”

“वो नहीं चाहती के आपकोसच पता चले” स्वरा ने कहा

“ओके, लेकिन मैं तो पता करके रहूँगा और वो भी आज ही” इतना बोल कर एकांश अपनी मा की ओर बढ़ा

“आप उससे वादा किया है ना मॉम” एकांश ने पूछा और साधनाजी ने हा मे गर्दन हिलाई और एकांश ने उनका हाथ पकड़ा और उठा कर अपने सर पर रखा

“आपको मेरे सर की कसम है मॉम आप मुझे सब कुछ सच बताएंगी, आप आप पर है वादा निभाना है या बेटे को खोना है” एकांश ने कहा और उसकी बात सुन सभी लोग वहा एकदम शॉक थे

“एकांश! पागल हो गए हो क्या?” साधनाजी चीखी और उन्होंने अपना हाथ एकांश के सर से हटाया

“हा ऐसा हि कुछ समझ लो अब ये आपके ऊपर है या तो अक्षिता से किया वादा तोडो या अपने बेरे के सर ली कसम” एकांश ने कहा

“तुम सच नहीं सुन पाओगे बेटा” बोलते हुए साधनाजी की आँखों से आँसू की बंद गिरी

एकांश का दिल जोरों से धडक रहा था

“मैं फिर भी सुनना चाहता हु मॉम”

“ठीक है”

रोहन ने स्वरा का हाथ पकड़ लिया था वही अमर और श्रेया अब क्या नया खुलासा होने वाला है इसपर कान टिकाए थे ये उनके दोस्त की लव स्टोरी का मामला था वही बाकी सब भी क्या बात है जानने के बेचैन थे

साधनाजी ने एक गहरी सास ली, अपनी आंखे बंद की और वो बात बोल ही दी जो एकांश की दुनिया हिलाने वाली थी

“वो मरने वाली है और वो नहीं चाहती थी ये बात तुम्हें कभी पता चले........”



क्रमश:
 

Adirshi

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I know this is not upto mark, I have been experimenting with my writing, I never wrote such intense emotional scenes before my story were always light hearted wanted to try something new with this one dekhte hai kitna safal hote hai :D
Thank you fro your constant support guys :thanx:
 

avsji

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dhparikh

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“क्या चल रहा है यहा” एकांश ने कहा और उसने अपनी कडक और रौबदार आवाज से सबका ध्यान अपनी ओर खिच लिया था सब उसके चेहरे को देख रहे थे जो एकदम ईमोशनलेस था....

“एकांश अच्छा हुआ तुम आ गए, सब तुम्हारी ही राह देख रहे थे” एकांश को देख उसकी मा ने मुसकुराते हुए उसके पास आते हुए कहा

“मेरी राह दकह रहे थे और कीसी ने मुझे फोन भी नहीं किया?” एकांश ने थोड़े रुडली कहा और उसके ऐसे रुडली बात करने से उसकी मा थोड़ा चौकी

“मॉम क्या चल रहा है यहा?” एकांश ने वहा मौजूद सभी को इग्नोर कर कहा

“मेहतास् हमसे मिलने आए है बेटा” उसकी मा ने आराम से कहा

“और वो क्यू?”

अब एकांश के पिता अपनी जगह से उठे उन्होंने बोलने के लिए अपना गला साफ किया और सबका ध्यान उसकी ओर गया वही अमर, रोहन और स्वरा को वहा उस फॅमिली मीटिंग मे थोड़ा ऑक्वर्ड लग रहा था

“एकांश, तुम तो जानते ही हो मैं और मेहता कितने अच्छे दोस्त है, तुमने बचपन से देखा और तुम और श्रेया भी काफी अच्छे दोस्त हो तो मैंने दोस्ता क्यू ना इस दोस्ती को रिश्तेदरी मे बदला जाए” एकांश ने पिता ने उससे मुसकुराते हुए कहा

“और वो कैसे?” एकांश ने आराम से नीचे देखते हुए पूछा

एकांश की शांत आवाज ने अमर को डरा दिया था, वो समझ गया था के ये तूफान के पहले की शांति है

“तुम दोनों का रिश्ता जोड़ कर, शादी करवा कर” एकांश ने पिताजी ने कहा

“और आपने इस बारे मे मुझे बताना या मुझसे पूछना भी जरूरी नहीं समझा” एकांश ने कहा

“नहीं बेटे, हम तुम्हारे आने का ही इंतजार कर रहे थे ताकि तुमसे इस बारे मे बात करे” अब एकांश की मा बोली

एकांश ने एक नजर श्रेया को देखा, जो नीचे देख रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था के क्या करे

“श्रेया, तुमको मुझसे शादी करनी है?” एकांश ने डायरेक्ट श्रेया से पूछा

श्रेया ने उसे चौक कर देखा उसे ऐसे डायरेक्ट सवाल की उम्मीद नहीं थी, उसने अपने पेरेंट्स को देखा जो उसे ही देख रहे थे

“नहीं और तुम्हें?” श्रेया ने अपनी मर्जी बताई और एकांश से पूछा

“नहीं!” एकांश ने भी कहा

और उनदोनों ने अपने पेरेंट्स को देखा जो उनके इस डिसिशन पर थोड़ा हैरान थे

“लेकिन क्यू? तुम दोनों तो एकदूसरे को पसंद करते हो ना?” ये मिस्टर मेहता थे, श्रेया के पिताजी

“हा मैं एकांश को पसंद करती हु बट एज अ फ्रेंड ओन्ली और मैं अभी शादी के लिए तयार ही नहीं हु, मेरा पूरा फोकस अभी पेरिस के फैशन वीक पर है और मुझे अभी अपने करिअर पर फोकस करना है” श्रेया ने अपने पेरेंट्स से कहा और उन्होंने फिर एकांश के पेरेंट्स को देखा

“ठीक है अगर यही तुम दोनों की मर्जी है तो फिर हमलोग कौन होते है तुम्हें फोर्स करने वाले जैसी तुमदोनों की मर्जी” एकांश के पापा ने स्माइल के साथ कहा जिसपर श्रेया भी अब थोड़ी खुश हो गई थी वही एकांश ने अपनी मा को देखा जो थोड़ी उदास थी

“आप इतनी उदास क्यू लग रही है मॉम?” एकांश ने उनके सामने खड़े होकर पूछा और फिर आगे बोला “ओह समझ गया, मुझे दोबारा अक्षिता से दूर रखने का चांस मिस हो गया इसीलिए” एकांश ने कहा

अब चौकने की बारी एकांश की मा की थी वही अमर के अलावा बाकी सभी वहा कन्फ्यूज़ लग रहे थे

“तुम ये क्या कह रहे हो एकांश?”

“मॉम, मैं ना थक गया हु और अब मुझमे जरा बिह पैशन्स नहीं बचा है और आज मुझे हर कीमत पर जवाब चाहिए” एकांश ने वापिस से रुडली कहा

“तुम किस बारे मे बात कर रहे हो कौनसे जवाब” उसकी मा ने कहा वही बाकी सब लोग वह शॉक और कन्फ्यूज़ खड़े थे क्युकी आज से पहले कीसी ने भी एकांश को अपनी मा से इस टोन मे बात करते नहीं सुना था

“अक्षिता के बारे मे” एकांश ने कहा और उसकी मा का चेहरा सफेद पड गया था “अक्षिता कहा है मॉम” एकांश ने आगे पूछा वही उसकी मा चुप चाप नीचे देखते हुए खड़ी थी

“मॉम बताओ कहा है वो, उसने जॉब से रिजाइन कर दिया है उसका घर बंद है वो चली गई है तो अब और मेरा पैशन्स टेस्ट मत करो और बताओ” एकांश ने कहा वही उसकी बात से उसकी मा भी थोड़ा चौकी थी

“मुझे कुछ नहीं पता है”

“मॉम प्लीज बात दो कहा है वो? मुझे बात करनी है उससे, आपने उसे जाने के लिए कहा?” एकांश ने उनके हाथ पकड़ कर उनसे पूछा

“नहीं एकांश, मैं ऐसा क्यू करूंगी” उन्होंने कहा, अब उनकी आँखों मे भी पानी था

“क्युकी आप नहीं चाहती के हम दोनों साथ रहे” एकांश ने चिल्ला कर कहा

“एकांश! तुम अपनी मा से इस आवाज मे बात नहीं कर सकते, और बात क्या है वो बताओ पहले” एकांश के पिता ने कहा

“मॉम, आज मुझे सच जानना है, आप अक्षिता को जानती है ना?”

“हा” उन्होंने आँखों मे आँसू लिए कहा

“आप उसको पहले से जानती है ना, मेरी अससिस्टेंट बनने के पहले से?” एकांश ने आगे पूछा और उन्होंने नीचे देखते हुए बस हा मे गर्दन हिला दी एकांश ने अपने हाथों की मुट्ठीया भींच ली और वो अपने अंदर उबलते गुस्से को कंट्रोल करने मे लगा हुआ था

“आप उसे कैसे जानती है?” एकांश ने अगला सवाल किया

“मैं उससे बस एक बार मिली हु” उन्होंने ऊपर एकांश को देखते हुए कहा और अब उनके गालों से आँसू बह रहे थे

एकांश अपनी मा को इस तरह हर्ट करके ये बात नहीं करना चाहता था लेकिन इस वक्त ये उनके दिल मे उठ रहे दर्द के आगे कुछ नहीं था

“तो आप मिली थी उससे... आपही ने उसे जाने के लिए कहा था? आपकी ही वजह से उसने मेरे साथ ब्रेकअप किया था??” एकांश का आवाज वापिस चढ़ने लगा था

“नहीं! नहीं नहीं, एकांश ये सच नहीं है” उन्होंने कहा लेकिन एकांश ने ये बात सुनी ही नहीं

“आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है मॉम, आप जानती है मैं उससे कितना प्यार करता था और जब वो मुझे छोड़ कर चली गई थी तब मेरी क्या हालत थी” अब एकांश भी रोने लगा था

“एकांश अपने आप को संभालो बेटा, मुझे बताओ क्या हुआ है” एकांश ने पिताजी ने उसे शांत करने की कोशिश की

“आइ लव हर पापा, वो चली गई है मुझे छोड़ कर, मैं उसके बिना नहीं रह सकता” एकांश अपने पिता के गले लग रो रहा था

वहा मौजूद कीसी से भी एकांश की हालत नहीं देखि जा रही थी, रोहन और स्वरा ने भी एकदूसरे को देखा था क्युकी उनदोनों को भी उस पार्टी के बाद क्या हो रहा है इसका आइडीया हो गया था

“एकांश बेटा, मेरी बात सुनो, मैं जानती थी अक्षिता को मैं मिली भी थी उससे लेकिन उसके तुमसे अलग होने मे मेरा कोई हाथ नहीं है” एकांश की मा ने उसे समझाना चाहा और एकांश ने उन्हे देखा, उसकी आंखे उन्हे दोषी ठहर रही थी

“मेरा यकीन करो बेटा”

“अगर इस सब के पीछे आप नहीं है तो फिर और क्या रीज़न है?’ एकांश ने अपने आँसू पोंछते हुए पूछा

“मुझे नहीं पता” उन्होंने कहा लेकिन एकांश से नजरे नहीं मिलाई

“आप झूठ बोल रही है, आप अक्षिता से मिली थी, आप ही ने उसे मेरी जिंदगी से मुझसे दूर जाने के लिए कहा और इसीलिए उसने उस दिन मुझसे कहा था के वो मुझसे प्यार नहीं करती और मुझे छोड़ गई थी और आज भी वो रिजाइन करके सबकुछ छोड़ छाड़ के चली गई है और आज की आपको मेरी श्रेया के साथ शादी करवाने का खयाल आया?” एकांश ने गुस्से मे चीख कर कहा

“और ये सब कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता मॉम” एकांश के गुस्से को देख सब जहा थे जम गए थे वही उसकी मा अब भी उससे नजरे नहीं मिला रही थी और वो भी रो रही थी

“साधना ये सब क्या हो रहा है? एकांश जो कह रहा है क्या वो सच है? जवाब दो साधना अपने बेटे को देखो टूट गया है वो” एकांश ने पिता ने कहा लेकिन उसकी मा वैसी ही रोती हुई खड़ी रही

“मॉम प्लीज बताइए मुझे”

“मैं नहीं बता सकती” उन्होंने धीमी आवाज मे कहा

“क्यू”

“मैं कुछ नहीं बता सकती बस इतना कह सकती हु के अक्षिता के जाने के लिए ना मैं तब जिम्मेदार थी ना अब हु”

“झूठ, एक और झूठ लेकिन आज मैं बस सच सुनने के मूड मे हु” एकांश ने कहा

“यही सच है एकांश”

“तो मुझे बताइए आप उस दूँ अक्षिता से क्यू मिली थी और उसने मुझसे ब्रेकअप क्यू किया था?”

“एकांश मैं सच कह रही हु मेरा यकीन करो बेटा, मेरा तुम्हारे और अक्षिता के ब्रेकअप से कुछ लेना देना नहीं है मैं उससे उस घटना के एक महीने बाद मिली थी” अब एकांश की मा का भी आवाज चढ़ने लगा था

“तो उसने मेरे साथ ब्रेकअप क्यू किया था?” एकांश ने पूछा लेकिन वो चुप रही, “मॉम, आप उससे क्यू मिली थी?” एकांश ने पूछा और उन्होंने एक लंबी सास छोड़ी

“जब तुमने मुझे बताया था के तुम कीसी से प्यार करते की कीसी को पसंद करते हो तब मैं बहुत खुश थी एकांश, हा पहले मझे तुम्हारे पापा की चिंता थी के वो इस बारे मे क्या कहेंगे लेकिन जब मैंने तुम्हारी आँखों मे खुशी देखि तो उसके आगे बाकी सब फीका था और फिर अचानक मैंने तुम्हें टूटते हुए देखा, तुम्हारा ब्रेकअप होने के बाद तुम टूट से गए थे लग रहा था मानो तुम्हारे शरीर से प्राण खिच लिए गए हो, पहले मुझे लगा के तुम कुछ दिनों मे ठीक हो जाओगे लेकिन तुम्हारी हालत और भी खराब हो रही थी तुमने कीसी से भी मिलना बात करना ही बंद कर दिया था बस अपने कमरे मे रहते थे और ये मुझसे नहीं देखा जा रहा था इसीलिए मैंने उससे मिलने का फैसला लिया था जिसकी वजह से ये सब हो रहा था, मैंने उसका पता निकलवाया था और इसीलिए उससे मिली थी” उन्होंने एकांश के गालों को अपने हाथों मे थामते हुए उससे कहा

“फिर? क्या हुआ आगे?”

“इससे आगे मैं नहीं बता सकती बेटे प्लीज मुझसे मत पूछो” उन्होंने एकांश से दूर सरकते हुए कहा

“क्यू? आप पूरी बात क्यू नहीं बता सकती?” एकांश ने वापिस फ्रस्ट्रैशन मे चिल्ला कर सवाल किया

“क्युकी मैंने उससे वादा किया है के मैं इस बारे मे तुम्हें कुछ नहीं बताऊँगी” साधनाजी ने भी चिल्ला कर कहा

“वादा?? मॉम मुझे कुछ नहीं सुनना है मुझे बस आज पूरी बात जननी है, कौनसा वादा कैसा वादा क्या वादा लिया था उसने और आपने उसे कुछ नहीं कहा?” एकांश वापिस चीखा

सभी लोग जहा थे वही जम गए थे और ये सारा सीन देख रहे थे, अमर तो स्तब्ध सा खड़ा था वही रोहन और स्वरा टेंशन मे थे के अगर एकांश ने उनसे पुछ लिया तो वो क्या करेंगे

“एकांश बेटा प्लीज मुझसे कुछ मत पूछो” साधनाजी ने अपने दोनों हाथों से अपना मुह छिपाते हुए कहा

“नहीं मॉम आज आपको बताना ही होगा”

“मैं नहीं बता सकती”

एकांश को समझ नहीं आ रहा था के क्या करे उसने फ्रस्ट्रैशन मे वहा रखे कांच के vase पर हाथ दे मार जो शीशे के टूटने के आवाज के साथ चकनाचूर हो गया, थोड़ी चोट एकांश के हाथ पर भी लगी और जब वहा मौजूद लोग उसकी ओर बढ़ने लगे तब

“नहीं! कोई मेरे पास नहीं आएगा”

स्वरा ने पनियाई आँखों से रोहन को देखा और उसे कुछ इशारा किया और वो एकांश की ओर बढ़ी और एकांश के सामने जाकर रुकी और एकांश ने उसे देखा, तब तक घर का एक मौकार फर्स्ट ऐड ले आया था स्वरा ने एकांश के साथ से खून साफ करना शुरू किया

“अक्षिता कभी नहीं चाहती के आपको कोई तकलीफ हो” स्वरा ने एकांश की आँखों मे देखते हुए कहा और उसके हाथ पर पट्टी बांध दी और वो बस उसे ही देख रहा था

“तुम भी सब कुछ जानती हो ना? उसके जाने के पीछे का रीज़न?” एकांश ने पूछा और स्वरा ने बस हा मे गर्दन हिला दी

“तो बताओ फिर” एकांश ने उम्मीद से पूछा

“हम नहीं बता सकते” रोहन ने कहा और उसकी इस बात पर एकांश हसा

“समझ गया! उसने तुम लोगों से भी वादा लिया होगा ना, ठीक है”

“वो नहीं चाहती के आपकोसच पता चले” स्वरा ने कहा

“ओके, लेकिन मैं तो पता करके रहूँगा और वो भी आज ही” इतना बोल कर एकांश अपनी मा की ओर बढ़ा

“आप उससे वादा किया है ना मॉम” एकांश ने पूछा और साधनाजी ने हा मे गर्दन हिलाई और एकांश ने उनका हाथ पकड़ा और उठा कर अपने सर पर रखा

“आपको मेरे सर की कसम है मॉम आप मुझे सब कुछ सच बताएंगी, आप आप पर है वादा निभाना है या बेटे को खोना है” एकांश ने कहा और उसकी बात सुन सभी लोग वहा एकदम शॉक थे

“एकांश! पागल हो गए हो क्या?” साधनाजी चीखी और उन्होंने अपना हाथ एकांश के सर से हटाया

“हा ऐसा हि कुछ समझ लो अब ये आपके ऊपर है या तो अक्षिता से किया वादा तोडो या अपने बेरे के सर ली कसम” एकांश ने कहा

“तुम सच नहीं सुन पाओगे बेटा” बोलते हुए साधनाजी की आँखों से आँसू की बंद गिरी

एकांश का दिल जोरों से धडक रहा था

“मैं फिर भी सुनना चाहता हु मॉम”

“ठीक है”

रोहन ने स्वरा का हाथ पकड़ लिया था वही अमर और श्रेया अब क्या नया खुलासा होने वाला है इसपर कान टिकाए थे ये उनके दोस्त की लव स्टोरी का मामला था वही बाकी सब भी क्या बात है जानने के बेचैन थे

साधनाजी ने एक गहरी सास ली, अपनी आंखे बंद की और वो बात बोल ही दी जो एकांश की दुनिया हिलाने वाली थी

“वो मरने वाली है और वो नहीं चाहती थी ये बात तुम्हें कभी पता चले........”



क्रमश:
Nice update...
 

Aakash.

sᴡᴇᴇᴛ ᴀs ғᴜᴄᴋ
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Update 20

“वो मरने वाली है और वो नहीं चाहती थी ये बात तुम्हें कभी पता चले........”

Isiliye Akshita ne pahle hi ekansh ke pyaar ko thukra diya tha use pata tha zindagi 4 din ki hai uski or uske baad ekansh tut jaayega :verysad: lekin iska matlab ye nahi hai ki dur ho jaao jitne bhi pal humare paas hai Hum use saath nibha sakte hai pyaar karne ke liye to ek pal ek lamha hi kaafi hota hai :dazed:

Kal kisne dekha hai abhi bhi ummid hai ekaansh ko jaana honga beshaq jina marna hamare haath me nahi hai lekin jo hai use to nibha sakte hai :approve:

kahani ka ye twist bilkul bhi pasand nahi aaya hume bas ab or likha nahi jaata

 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Are you sure ke dare huye hai :D
:thanx:
फिर भाग क्यों रहे हैं आखिर?

या एकांश की मां और अक्षिता के पिताजी ex हैं 😂
 

dhparikh

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Update 20



“क्या चल रहा है यहा” एकांश ने कहा और उसने अपनी कडक और रौबदार आवाज से सबका ध्यान अपनी ओर खिच लिया था सब उसके चेहरे को देख रहे थे जो एकदम ईमोशनलेस था....

“एकांश अच्छा हुआ तुम आ गए, सब तुम्हारी ही राह देख रहे थे” एकांश को देख उसकी मा ने मुसकुराते हुए उसके पास आते हुए कहा

“मेरी राह दकह रहे थे और कीसी ने मुझे फोन भी नहीं किया?” एकांश ने थोड़े रुडली कहा और उसके ऐसे रुडली बात करने से उसकी मा थोड़ा चौकी

“मॉम क्या चल रहा है यहा?” एकांश ने वहा मौजूद सभी को इग्नोर कर कहा

“मेहतास् हमसे मिलने आए है बेटा” उसकी मा ने आराम से कहा

“और वो क्यू?”

अब एकांश के पिता अपनी जगह से उठे उन्होंने बोलने के लिए अपना गला साफ किया और सबका ध्यान उसकी ओर गया वही अमर, रोहन और स्वरा को वहा उस फॅमिली मीटिंग मे थोड़ा ऑक्वर्ड लग रहा था

“एकांश, तुम तो जानते ही हो मैं और मेहता कितने अच्छे दोस्त है, तुमने बचपन से देखा और तुम और श्रेया भी काफी अच्छे दोस्त हो तो मैंने दोस्ता क्यू ना इस दोस्ती को रिश्तेदरी मे बदला जाए” एकांश ने पिता ने उससे मुसकुराते हुए कहा

“और वो कैसे?” एकांश ने आराम से नीचे देखते हुए पूछा

एकांश की शांत आवाज ने अमर को डरा दिया था, वो समझ गया था के ये तूफान के पहले की शांति है

“तुम दोनों का रिश्ता जोड़ कर, शादी करवा कर” एकांश ने पिताजी ने कहा

“और आपने इस बारे मे मुझे बताना या मुझसे पूछना भी जरूरी नहीं समझा” एकांश ने कहा

“नहीं बेटे, हम तुम्हारे आने का ही इंतजार कर रहे थे ताकि तुमसे इस बारे मे बात करे” अब एकांश की मा बोली

एकांश ने एक नजर श्रेया को देखा, जो नीचे देख रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था के क्या करे

“श्रेया, तुमको मुझसे शादी करनी है?” एकांश ने डायरेक्ट श्रेया से पूछा

श्रेया ने उसे चौक कर देखा उसे ऐसे डायरेक्ट सवाल की उम्मीद नहीं थी, उसने अपने पेरेंट्स को देखा जो उसे ही देख रहे थे

“नहीं और तुम्हें?” श्रेया ने अपनी मर्जी बताई और एकांश से पूछा

“नहीं!” एकांश ने भी कहा

और उनदोनों ने अपने पेरेंट्स को देखा जो उनके इस डिसिशन पर थोड़ा हैरान थे

“लेकिन क्यू? तुम दोनों तो एकदूसरे को पसंद करते हो ना?” ये मिस्टर मेहता थे, श्रेया के पिताजी

“हा मैं एकांश को पसंद करती हु बट एज अ फ्रेंड ओन्ली और मैं अभी शादी के लिए तयार ही नहीं हु, मेरा पूरा फोकस अभी पेरिस के फैशन वीक पर है और मुझे अभी अपने करिअर पर फोकस करना है” श्रेया ने अपने पेरेंट्स से कहा और उन्होंने फिर एकांश के पेरेंट्स को देखा

“ठीक है अगर यही तुम दोनों की मर्जी है तो फिर हमलोग कौन होते है तुम्हें फोर्स करने वाले जैसी तुमदोनों की मर्जी” एकांश के पापा ने स्माइल के साथ कहा जिसपर श्रेया भी अब थोड़ी खुश हो गई थी वही एकांश ने अपनी मा को देखा जो थोड़ी उदास थी

“आप इतनी उदास क्यू लग रही है मॉम?” एकांश ने उनके सामने खड़े होकर पूछा और फिर आगे बोला “ओह समझ गया, मुझे दोबारा अक्षिता से दूर रखने का चांस मिस हो गया इसीलिए” एकांश ने कहा

अब चौकने की बारी एकांश की मा की थी वही अमर के अलावा बाकी सभी वहा कन्फ्यूज़ लग रहे थे

“तुम ये क्या कह रहे हो एकांश?”

“मॉम, मैं ना थक गया हु और अब मुझमे जरा बिह पैशन्स नहीं बचा है और आज मुझे हर कीमत पर जवाब चाहिए” एकांश ने वापिस से रुडली कहा

“तुम किस बारे मे बात कर रहे हो कौनसे जवाब” उसकी मा ने कहा वही बाकी सब लोग वह शॉक और कन्फ्यूज़ खड़े थे क्युकी आज से पहले कीसी ने भी एकांश को अपनी मा से इस टोन मे बात करते नहीं सुना था

“अक्षिता के बारे मे” एकांश ने कहा और उसकी मा का चेहरा सफेद पड गया था “अक्षिता कहा है मॉम” एकांश ने आगे पूछा वही उसकी मा चुप चाप नीचे देखते हुए खड़ी थी

“मॉम बताओ कहा है वो, उसने जॉब से रिजाइन कर दिया है उसका घर बंद है वो चली गई है तो अब और मेरा पैशन्स टेस्ट मत करो और बताओ” एकांश ने कहा वही उसकी बात से उसकी मा भी थोड़ा चौकी थी

“मुझे कुछ नहीं पता है”

“मॉम प्लीज बात दो कहा है वो? मुझे बात करनी है उससे, आपने उसे जाने के लिए कहा?” एकांश ने उनके हाथ पकड़ कर उनसे पूछा

“नहीं एकांश, मैं ऐसा क्यू करूंगी” उन्होंने कहा, अब उनकी आँखों मे भी पानी था

“क्युकी आप नहीं चाहती के हम दोनों साथ रहे” एकांश ने चिल्ला कर कहा

“एकांश! तुम अपनी मा से इस आवाज मे बात नहीं कर सकते, और बात क्या है वो बताओ पहले” एकांश के पिता ने कहा

“मॉम, आज मुझे सच जानना है, आप अक्षिता को जानती है ना?”

“हा” उन्होंने आँखों मे आँसू लिए कहा

“आप उसको पहले से जानती है ना, मेरी अससिस्टेंट बनने के पहले से?” एकांश ने आगे पूछा और उन्होंने नीचे देखते हुए बस हा मे गर्दन हिला दी एकांश ने अपने हाथों की मुट्ठीया भींच ली और वो अपने अंदर उबलते गुस्से को कंट्रोल करने मे लगा हुआ था

“आप उसे कैसे जानती है?” एकांश ने अगला सवाल किया

“मैं उससे बस एक बार मिली हु” उन्होंने ऊपर एकांश को देखते हुए कहा और अब उनके गालों से आँसू बह रहे थे

एकांश अपनी मा को इस तरह हर्ट करके ये बात नहीं करना चाहता था लेकिन इस वक्त ये उनके दिल मे उठ रहे दर्द के आगे कुछ नहीं था

“तो आप मिली थी उससे... आपही ने उसे जाने के लिए कहा था? आपकी ही वजह से उसने मेरे साथ ब्रेकअप किया था??” एकांश का आवाज वापिस चढ़ने लगा था

“नहीं! नहीं नहीं, एकांश ये सच नहीं है” उन्होंने कहा लेकिन एकांश ने ये बात सुनी ही नहीं

“आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है मॉम, आप जानती है मैं उससे कितना प्यार करता था और जब वो मुझे छोड़ कर चली गई थी तब मेरी क्या हालत थी” अब एकांश भी रोने लगा था

“एकांश अपने आप को संभालो बेटा, मुझे बताओ क्या हुआ है” एकांश ने पिताजी ने उसे शांत करने की कोशिश की

“आइ लव हर पापा, वो चली गई है मुझे छोड़ कर, मैं उसके बिना नहीं रह सकता” एकांश अपने पिता के गले लग रो रहा था

वहा मौजूद कीसी से भी एकांश की हालत नहीं देखि जा रही थी, रोहन और स्वरा ने भी एकदूसरे को देखा था क्युकी उनदोनों को भी उस पार्टी के बाद क्या हो रहा है इसका आइडीया हो गया था

“एकांश बेटा, मेरी बात सुनो, मैं जानती थी अक्षिता को मैं मिली भी थी उससे लेकिन उसके तुमसे अलग होने मे मेरा कोई हाथ नहीं है” एकांश की मा ने उसे समझाना चाहा और एकांश ने उन्हे देखा, उसकी आंखे उन्हे दोषी ठहर रही थी

“मेरा यकीन करो बेटा”

“अगर इस सब के पीछे आप नहीं है तो फिर और क्या रीज़न है?’ एकांश ने अपने आँसू पोंछते हुए पूछा

“मुझे नहीं पता” उन्होंने कहा लेकिन एकांश से नजरे नहीं मिलाई

“आप झूठ बोल रही है, आप अक्षिता से मिली थी, आप ही ने उसे मेरी जिंदगी से मुझसे दूर जाने के लिए कहा और इसीलिए उसने उस दिन मुझसे कहा था के वो मुझसे प्यार नहीं करती और मुझे छोड़ गई थी और आज भी वो रिजाइन करके सबकुछ छोड़ छाड़ के चली गई है और आज की आपको मेरी श्रेया के साथ शादी करवाने का खयाल आया?” एकांश ने गुस्से मे चीख कर कहा

“और ये सब कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता मॉम” एकांश के गुस्से को देख सब जहा थे जम गए थे वही उसकी मा अब भी उससे नजरे नहीं मिला रही थी और वो भी रो रही थी

“साधना ये सब क्या हो रहा है? एकांश जो कह रहा है क्या वो सच है? जवाब दो साधना अपने बेटे को देखो टूट गया है वो” एकांश ने पिता ने कहा लेकिन उसकी मा वैसी ही रोती हुई खड़ी रही

“मॉम प्लीज बताइए मुझे”

“मैं नहीं बता सकती” उन्होंने धीमी आवाज मे कहा

“क्यू”

“मैं कुछ नहीं बता सकती बस इतना कह सकती हु के अक्षिता के जाने के लिए ना मैं तब जिम्मेदार थी ना अब हु”

“झूठ, एक और झूठ लेकिन आज मैं बस सच सुनने के मूड मे हु” एकांश ने कहा

“यही सच है एकांश”

“तो मुझे बताइए आप उस दूँ अक्षिता से क्यू मिली थी और उसने मुझसे ब्रेकअप क्यू किया था?”

“एकांश मैं सच कह रही हु मेरा यकीन करो बेटा, मेरा तुम्हारे और अक्षिता के ब्रेकअप से कुछ लेना देना नहीं है मैं उससे उस घटना के एक महीने बाद मिली थी” अब एकांश की मा का भी आवाज चढ़ने लगा था

“तो उसने मेरे साथ ब्रेकअप क्यू किया था?” एकांश ने पूछा लेकिन वो चुप रही, “मॉम, आप उससे क्यू मिली थी?” एकांश ने पूछा और उन्होंने एक लंबी सास छोड़ी

“जब तुमने मुझे बताया था के तुम कीसी से प्यार करते की कीसी को पसंद करते हो तब मैं बहुत खुश थी एकांश, हा पहले मझे तुम्हारे पापा की चिंता थी के वो इस बारे मे क्या कहेंगे लेकिन जब मैंने तुम्हारी आँखों मे खुशी देखि तो उसके आगे बाकी सब फीका था और फिर अचानक मैंने तुम्हें टूटते हुए देखा, तुम्हारा ब्रेकअप होने के बाद तुम टूट से गए थे लग रहा था मानो तुम्हारे शरीर से प्राण खिच लिए गए हो, पहले मुझे लगा के तुम कुछ दिनों मे ठीक हो जाओगे लेकिन तुम्हारी हालत और भी खराब हो रही थी तुमने कीसी से भी मिलना बात करना ही बंद कर दिया था बस अपने कमरे मे रहते थे और ये मुझसे नहीं देखा जा रहा था इसीलिए मैंने उससे मिलने का फैसला लिया था जिसकी वजह से ये सब हो रहा था, मैंने उसका पता निकलवाया था और इसीलिए उससे मिली थी” उन्होंने एकांश के गालों को अपने हाथों मे थामते हुए उससे कहा

“फिर? क्या हुआ आगे?”

“इससे आगे मैं नहीं बता सकती बेटे प्लीज मुझसे मत पूछो” उन्होंने एकांश से दूर सरकते हुए कहा

“क्यू? आप पूरी बात क्यू नहीं बता सकती?” एकांश ने वापिस फ्रस्ट्रैशन मे चिल्ला कर सवाल किया

“क्युकी मैंने उससे वादा किया है के मैं इस बारे मे तुम्हें कुछ नहीं बताऊँगी” साधनाजी ने भी चिल्ला कर कहा

“वादा?? मॉम मुझे कुछ नहीं सुनना है मुझे बस आज पूरी बात जननी है, कौनसा वादा कैसा वादा क्या वादा लिया था उसने और आपने उसे कुछ नहीं कहा?” एकांश वापिस चीखा

सभी लोग जहा थे वही जम गए थे और ये सारा सीन देख रहे थे, अमर तो स्तब्ध सा खड़ा था वही रोहन और स्वरा टेंशन मे थे के अगर एकांश ने उनसे पुछ लिया तो वो क्या करेंगे

“एकांश बेटा प्लीज मुझसे कुछ मत पूछो” साधनाजी ने अपने दोनों हाथों से अपना मुह छिपाते हुए कहा

“नहीं मॉम आज आपको बताना ही होगा”

“मैं नहीं बता सकती”

एकांश को समझ नहीं आ रहा था के क्या करे उसने फ्रस्ट्रैशन मे वहा रखे कांच के vase पर हाथ दे मार जो शीशे के टूटने के आवाज के साथ चकनाचूर हो गया, थोड़ी चोट एकांश के हाथ पर भी लगी और जब वहा मौजूद लोग उसकी ओर बढ़ने लगे तब

“नहीं! कोई मेरे पास नहीं आएगा”

स्वरा ने पनियाई आँखों से रोहन को देखा और उसे कुछ इशारा किया और वो एकांश की ओर बढ़ी और एकांश के सामने जाकर रुकी और एकांश ने उसे देखा, तब तक घर का एक मौकार फर्स्ट ऐड ले आया था स्वरा ने एकांश के साथ से खून साफ करना शुरू किया

“अक्षिता कभी नहीं चाहती के आपको कोई तकलीफ हो” स्वरा ने एकांश की आँखों मे देखते हुए कहा और उसके हाथ पर पट्टी बांध दी और वो बस उसे ही देख रहा था

“तुम भी सब कुछ जानती हो ना? उसके जाने के पीछे का रीज़न?” एकांश ने पूछा और स्वरा ने बस हा मे गर्दन हिला दी

“तो बताओ फिर” एकांश ने उम्मीद से पूछा

“हम नहीं बता सकते” रोहन ने कहा और उसकी इस बात पर एकांश हसा

“समझ गया! उसने तुम लोगों से भी वादा लिया होगा ना, ठीक है”

“वो नहीं चाहती के आपकोसच पता चले” स्वरा ने कहा

“ओके, लेकिन मैं तो पता करके रहूँगा और वो भी आज ही” इतना बोल कर एकांश अपनी मा की ओर बढ़ा

“आप उससे वादा किया है ना मॉम” एकांश ने पूछा और साधनाजी ने हा मे गर्दन हिलाई और एकांश ने उनका हाथ पकड़ा और उठा कर अपने सर पर रखा

“आपको मेरे सर की कसम है मॉम आप मुझे सब कुछ सच बताएंगी, आप आप पर है वादा निभाना है या बेटे को खोना है” एकांश ने कहा और उसकी बात सुन सभी लोग वहा एकदम शॉक थे

“एकांश! पागल हो गए हो क्या?” साधनाजी चीखी और उन्होंने अपना हाथ एकांश के सर से हटाया

“हा ऐसा हि कुछ समझ लो अब ये आपके ऊपर है या तो अक्षिता से किया वादा तोडो या अपने बेरे के सर ली कसम” एकांश ने कहा

“तुम सच नहीं सुन पाओगे बेटा” बोलते हुए साधनाजी की आँखों से आँसू की बंद गिरी

एकांश का दिल जोरों से धडक रहा था

“मैं फिर भी सुनना चाहता हु मॉम”

“ठीक है”

रोहन ने स्वरा का हाथ पकड़ लिया था वही अमर और श्रेया अब क्या नया खुलासा होने वाला है इसपर कान टिकाए थे ये उनके दोस्त की लव स्टोरी का मामला था वही बाकी सब भी क्या बात है जानने के बेचैन थे

साधनाजी ने एक गहरी सास ली, अपनी आंखे बंद की और वो बात बोल ही दी जो एकांश की दुनिया हिलाने वाली थी

“वो मरने वाली है और वो नहीं चाहती थी ये बात तुम्हें कभी पता चले........”



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Nice update....
 
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