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ekansh ki maa se baat nahi hi krni hai aisa nahi hai, baat bas abhi nhi karni hai, as yadi unki galti na rahi to bas ye sawal rahega ke baat kyu chhipayi gayi wahi abhi confront karna yani sidhe hi unko ek tarah se doshi manne wali baat hai. baki confrontation to hona hi hai wo to kismat me hai inkeएक अंधा भी स्पष्ट महसूस कर सकता है अक्षिता की भावनाओं को । और जहां तक मुझे पता है कि एकांश साहब के दोनो आंख टन टनाटन है ।
एक अपना ही आप के दर्द को समझ सकता है , महसूस कर सकता है , आप की गलती पर आप को फटकार सकता है , आप के दर्द और पीड़ा से दुखित हो सकता है और आपके लिए रो सकता है ।
अगर अब भी एकांश साहब को किसी प्रकार का भ्रम है तो फिर कोई क्या कर सकता है !
लेकिन अमर भाई साहब की सलाह मुझे बिल्कुल ही समझ नही आई । यह दो लोग की जिंदगी से जुड़ा हुआ सवाल है । यह किसी के लिए जीवन मरण का सवाल हो सकता है ।
एकांश साहब की माता जी बुरा मान जायेगी , उनके ह्रदय को आघात लगेगा , उनकी भावनाएं आहत होंगी इसलिए अक्षिता के बारे मे उनसे किसी भी तरह की बात नही की जायेगी । यह बिल्कुल वाहियात और तथ्य से परे की बात है ।
हंड्रेड पर्सेंट एकांश की माता श्री से बात होनी चाहिए । अगर उन्होने कुछ गलत किया भी हो तो वह सबके सामने आना चाहिए । और अगर कुछ गलत किया ही नही है तो फिर किस बात का डर !
बहुत खुबसूरत अपडेट आदि भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

Thank you for the review bade bhai
