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अपडेट- 16…………


दृशय - कांचन का एक सपना या हकीकत आखरी भाग जारी रखते हुए…….॥



अब आगे……॥


कंचन के लगातार लंड चूसने की वजह से बलदेव मदहोशी की हालत मे आवाजे निकाल रहा था और बड़बड़ा रहा था पर कंचन तो हवस मे टूट चुकी थी, उसे परवाह नहीं थी की बलदेव क्या बोल रहा था वो तो बस अब लंड के टट्टो को चूसने मे मगन थी। कंचन की चूत का रस उत्तेजना की वजह से जमीन पर टपक रहा था, उसकी जांघों को गीला कर रहा था पर कंचन का पूरा ध्यान विशाल लंड की सेवा मे लगा हुआ था।

कंचन बारी बारी दोनों टट्टो को अपने मुँह के अंदर लेकर चूस रही थी और जीब से कुरेद रही थी, दोनों टट्टो को एक साथ मुँह मे लेना आसान नहीं था एक टट्टे का आकार ही इतना बड़ा था की कंचन के पूरे मुँह को भर देता था पर कंचन आकार से डरने के बजे और उत्तेजित हो गई थी और शिदत्त से वीर्य से भरे टट्टो की सेवा मे लगी थी।

कंचन ने अब अपने दोनों हाथों से लंड को पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों को सुपाड़े से लेकर नीचे तक चलाने लगी, लन्ड इतना बड़ा था की कंचन के दोनों हाथों मे भी नहीं आ रहा था, उसके हाथ की दोनों मुठिया मे भी लंड पूरा नहीं समा रहा था, कंचन ने मुठिया कसते हुए अपने हाथों को ऊपर नीचे चालना शुरू कर दिया, और लंड के नीचे अपने मुँह से दोनों टट्टो को बारी बारी चूसना जारी रखा।

अब सीन देखने लायक था पूरा लंड कंचन के मुँह के ऊपर था जिसके ऊपर कंचन के हाथ चल रहे थे और नीचे कंचन के कोमल गुलाबी होंठ टट्टो को चूसने मे लगे हुए थे, कंचन के दोनों होंठ सूज कर फूल गए थे, कंचन ने ये ५ मिनट तक ऐसे लंड चूसा और उसके बाद अपने बाये हाथ से दोनों टट्टो को उनकी जड़ से पकड़ कर अपने हाथ की मुट्ठी को दबा दिया जिससे बलदेव के हल्की दर्द से भारी आह निकाल गई “आह्ह आह आह्ह “, पर जल्दी ही कंचन योनिदेवी उस दर्द को आनन्द मे बदलने वाली थी, दोनों टट्टो के ऊपर कंचन ने अपने होंठ और जीब रगड़नी शुरू कर दी, जिससे बलदेव को पहले गुदगुदी और फिर आनंद आने लगा। फिर दोनों टट्टो को फिर से बारी बारी चूसना शुरू कर दिया।

कंचन के थूक हर जगह फैल गया था, जिसकी वजह से चिकनाई भरपूर मजा दे रही थी।

कंचन का मुँह जैसे जैसे एक एक टट्टे को मुँह से निकलता मुँह से पक पक की मादक आवाज निकाल जाती थी, कंचन नारीपन के गर्व से भर चुकी थी, उसे बिलकुल परवाह नहीं थी की जिस लंड की चुसाई वो कर रही है वो भीमकारी लंड उसकी चूत को चोद चोद कर भोंसड़ा बना देगा और शायद उसके चूत के मुँह को हमेशा के फैला दे।

कंचन की साँसे लंड के टट्टो को चूस चूस कर फूल गई थी, कंचन के शरीर की हवस मे उसको बेकाबू बना दिया था, कंचन का थूक अब उसके होंठों से सट कर ठोड़ी से लगते हुए उसके नीचे टपक कर भारी भारी स्तनों पर लगाना शुरू हो गया था, कंचन के दोनों मोटे चूचे थूक से चमकते हुए कामुक लग रहे थे।

चार मिनट की ऐसे चुसाई के बाद कंचन ने अपने डाए हाथ से टट्टो को चोद दिया और उस हाथ से उसने लंड को पकड़ लिया और बाये था से लंड को छोड़ते हुए उसने अपने चेहरे पर लगा बलदेव का गाढ़ा वीया अपने बाये गाल से साफ करते हुए खा लिया, और फिर से कितना वीर्य बलदेव के लंड के सुपाड़े पर लग गया था। हर बार जब जब कंचन बलदेव का वीर्य खाती थी तो उसके शरीर मे अजीब से स्फूर्ति और ताकत आज जाती थी।

कंचन ने अब बलदेव की और देखा जो की सीधा कंचन को ही देख रहा था, की कैसे इतनी सुंदर औरत घुटनों पर बैठी हुई उसके विशाल लंड की चुसाई कर रही है।

कंकहन बोलती है – हे पतिदेव आपका वीर्य बहुत ह गाढ़ा और स्वादिष्ट है हम आपकी पत्नी होते हुए इसको जमीन पर नहीं लगाने देंगे और इसको अपने शरीर के अंदर ही पहुचा देंगे चाहे हमारी नीचे के छेद के जरिए या ऊपर के छेद के जरिए, आपका लंड इतना बड़ा है की इसकी हर तरीके से सेवा होनी चाहिए, बस हम वही कर रहे है, एक लिंगदेव का अवतार होने के वास्ते आपके लंड को हर तरीके का आनंद मिलन चाहिए और हम आपकी पत्नी आपको अपने शरीर का हर आनंद देने को तैयार है।

बलदेव- कंचन हम हैरान है की तुम्हें हमारे लंड से डर नहीं लग रहा है और बलकी तुम इसकी जबरदत चुसाई करे जा रही हो, हमारे टट्टो की चुसाई से बहुत आनंद दिया है, तुम सच मे योनिदेवी हो, और हमारा लंड और हमारा शरीर तुमको हर तरीके से आनंद देगा इसका वचन हम लेते है।

कंचन- हमें क्यू डर लगेगा आपके लंड से आपके लंड पर तो हमें बहुत प्यार आ रहा है, इसकी सेवा करने का मन कर रहा है, आपका लंड चाहे कितना ह भीमकाय हो पर हम आपकी पत्नी है और आपके लंड की सेवा करना हमारा धर्म और सोभाग्य है और जब लिंगदेव से संभोग के लिए बोला ही है तो हम अब किसी भी तरीके से पीछे नहीं हटेंगे।

बलदेव – हम भी तुम्हारी बात से सहमत है, पर हमे नहीं पता था की तुम्हें हमारा लंड इतना पसंद आ जाएगा

कंचन- क्यू नहीं आएगा पसंद इतना बड़ा और मोटा लंड और इस पर ये मोटी नसें और नीचे वीर्य से भरे हुए बड़े बड़े लटके टट्टे ये सब तो एक औरत का सपना होता है, और अब आप मिले हो तो हम बिल्कुल नहीं डरेंगे बल्कि जितना हो सके इसकी सारी हसरते और जरूरते पूरी करेंगे। इतना बड़ा लंड हुमने कभी नहीं देखा, ये तो दुनिया का सबसे मोटा लंबा लंड होगा।

बलदेव मुसकुराते हुए -कंचन तुम्हारी बातों पर हुमए बहुत प्यार आ रहा है, हम बहुत खुश है की तुम ये सब कह रही हो, हमने कभी सोचा भी नहीं था की काबी कोई औरत हमारे लंड को इतना प्यार करेगी

कंचन- आपका सिर्फ लंड ही नहीं आपका पूरा शरीर प्यार और पूजा के लायक है, आप पूरन रूप से सच्चे मर्द हो, बेशक आपका लंड बहुत लंबा और मोटा है और हमारे इस जीवन के पट्टी से दुगना मोटा और लंबा है, पर हम जानते है की औरत का शरीर किसी भी आकार के लंड को अपने अंदर समा लेता है। बेशक इतना लंबा लंड हमारी चूत को फाड़ सकता है, पर आपको बिल्कुल भी नहीं रोकेंगे, ये आपको हम वचन देते है।

बलदेव देखता है की कंचन ने पहली बार अपने इस जीवन के पति के बारे मे बात करी थी पर उसको नहीं पता था की कंचन बलदेव के पूछने पर क्या बोलेगी तो उसने उस बात को बाद के लिए चोद लिया, उसने सोच लिया जब वो कंचन से असल ज़िंदगी मे मिलेगा तब तो उससे पूछेगा, पर अभी के लिए वो संभोग को पूरा करने के लिए कंचन को किसी भी तरीके रोकना नहीं चाहता था।

बलदेव- ये आप सच कह रही है, पर हमे लगता है आप हमारा लण्ड झेल लेंगी, और आपको हम भी तकलीफ नहीं होने देंगे

कंचन-हमे आप पर पूरा विश्वास है, इसलिए हमने आपको अपना पूरा शरीर सोप दिया है।

कंचन अब बातचीत से ध्यान हटा कर फिर से लंड चुसाई पर ध्यान देना शुरू करती है, कंचन और बलदेव ये सब बाते कर रहे थे, पर बातों के बीच भी कंचन ने लंड को छोड़ नहीं था और बलदेव का हाथ अभी भी कंचन के सर पर था और उसके काले बालों को सहला रहा था, एक सुंदर गोरी भरे हुए बदन की औरत, औरत नहीं बल्कि एक अप्सरा, जिसकी ३८ इंच की चूचिंया और ३८ इंच के मोठे भारी चौड़े चूतर जिसके बीच मे कंचन की गदराई फूली हुई चूत जिसका मुँह उत्तेजना से खुल बंद हो रहा था, घुटनों के बल एक लंबे चोड़े मर्द का भारी मोटा लंड चूस रही थी।

बलदेव का लंड भले ही १५ इंच लंबा और ५ इंच से ज्यादा मोटा था, पर कंचन ने अपने देवर रामू, भी विकी और बाप का लंड अच्छे से चूसा था, और तीनों का ही लंड भरा पूरा मोटा और लंबा था, तो बहुरानी को पता था मोठे लंबे लंडों को कैसे चूसा जाता है और कैसे उनको आनंद दिया जाता है, और वो ये भी जानती थी की वो जितनी चूसई अच्छे से करेगी उतना ह बलदेव जोश मे कंचन के ऊपर चढ़ कर उसकी चुदाई करेगा, और उतना ही उसका लंड उसकी फूली हुई चूत का मर्दन करेगा।

अब कंचन ने अपने दोनों हाथों की हथेलिओ को मुट्ठी बनाते हुए भीमकारी लंड को पकड़ लिया था, और सुपाड़े से नीचे तक मुठियाना शुरू कर दिया था, लंड चुसाई मे १५ मिनट हो चुके थे, और कंचन को इसका अंदाज नहीं था वो तो बस वासना मे लीन थी, बलदेव का ध्यान अभी भंग नहीं हुआ था उसका शरीर बेशक वासना मे डूब चूक था और कंचन से लंड चुसवाने का आनंद ले रहा था पर उसे समय का पूरा आभास था, पर वो भी कंचन की लंड चुसाई से उत्सुक था और देखना चाहता था की वो आगे क्या करेगी।

कंचन के दोनों हाथ लंड को मुठिया रहे थे, लंड और टट्टे कंचन के मुँह के थूक से लथपथ हो चुके थे लंड पर थूक की पूरी चिकनआई थी, कंचन के दोनों होंठ सूज कर फैल गए थे, ऐसा लग रहा था एक चूत उसके मुँह पर लग गई है, अब कंचन ने मोटे मशरूम जैसे सुपपड़े को दोनों होंठ लगाकर चूमना शुरू कर दिया, वो दोनों हाथों को तेजी से चल रही थी और आधे लंड को सुपाड़े से लेकर नीचे तक दोनों होंठ लगाकर कहूं रही थी और चाट रही थी, और एक दम से कंचन ने दोनों हाथ चलाने बंद कर दी और लंड को कसकर थामकर मोठे सुपाड़े जो की ढाई इंच लंबा और ऊपर से २ इंच मोटा था, उसके चारों और अपनी गुलाबी लंबी जीभ चलाने लगी, बलदेव बस कंचन की लंड चुसाई का आनंद लेते हुए मुँह सी “आह हम्म आह्ह ऊह ओओह ईशह हम्म” की जोर जोर से उची आवाजे निकाल रहा था, एक सुंदर अप्सरा उसके लंड की चुसाई कर रही थी, वो बस आनंद ही ले सकता था, कंचन की जीब सुपाड़े के नीचले सिरे जहा पर लंड की खयाल जुड़ी होती है वह चारों और अपनी जीब नुकीली करते हुए चल रही थी, और ऐसा कुछ देर करने के बाद उसने मोटे सुपाड़े के ऊपर मूत्र छेद को चाटना शुरू कर दिया, उसकी पूरी जीब फैल कर सुपाड़े को चाटने लगी और फिर एक दम से कंचन ने अपने जीब को नुकीली करते हुए मोठे लंबे सुपाड़े के मूत्र छेद के अंदर डाल दिया, बलदेव कंचन का ऐसा करने से उत्तेजना से भर गया उससे अपने अंदर एक वासना के जवालमुखी फटने जैसा महसूस हुआ, उसे ऐसा लगा जैसे उसका लंड फूल कर फट जाएगा, उसके मुँह से बड़ी सिसकारी निकाल गई “आआह्ह आह आआह्ह “ और उसने एक झटके से साथ छोटी सी एक वीर्य की धार अपने लंड से छोड़ दी।





कंचन को बलदेव का लंड चूसते हुए अंदाज हो गया था, और उससे लंड के फूलने के बाद वीर्य निकालने का आभास हो गया था, और उसने लंड को पकड़े हुए वीर्य का निकालना और झटका महसूस हुआ, उसने जल्द ही अपनी जीब को मूत्र छेद से निकाल लिया और गाढ़ा चिपचिपा नमकीन मलाई सीधा अपने मुँह के अंदर ले लिया , कंचन ने वीर्य का स्वाद लेते हुए जीब से वीर्य को अपने मुँह मे फैलाया और फिर गले से नीचे उतार दिया, कंचन बलदेव की आखों की और दकहते हुए मुसकुराते हुए फिर से अपने गुलाबी होंठों को लंड के सुपाड़े पर रख देती है, और अपनी मादक मरदखोर हवस का परिचय देते हुए होंठों पर कातिल मुस्कान बिखेर देती है।

बलदेव कंचन को देख कर सोचता है आज कंचन हमारे प्राण लंड से निकाल देगी, हमे लंड चुसाई के आनंद से मार डालेगी, मुखमथुन इतना सुखदायी होगा हमे मालूम नहीं था।

कंचन जानती थी एक लंबे मोटे लंड को पूरा मुँह के अंदर बेशक आसानी से नहीं लिया जा सकता हो, पर लंड का सुपाड़े और उसके ऊपर के मूत्र छिद्र का आनंद एक मर्द को आनंद से तड़पा सकता है, कंचन से फिर से लंड के मूत छेद मे जीब चलाना शुरू कर दिया, और जितना हो सके अंदर डाल कर कंचन जीब को घूम देती, बलदेव हैरान होकर कंचन की लंड चुसाई का आनंद लेते हुए मुह से सिसकारी निकालते हुए उसके सिर पर उसके बालों को सहलाते हुए लंड चूसने का बढ़ावा देता, कंचन ने कुछ देर लंड को ऐसे ही लंड को दोनों हाथों से पकड़े हुए अपनी जीब से सुपाड़े के छेद के साथ खेला, उसके बाद उसके जीब को छेद से हटाते हुए फिर से सुपरे के ऊपर चलाना शुरू कर दिया, और उसके साथ ही दोनो हाथों से लंड को मुठियाना शुरू कर दिया, अब कंचन ने ठोड़ी देर ऐसा किया, बलदेव की हालत खराब होने लगी थी, लंड चुसाई अब २० मिनट तक चल चुकी थी, अब कंचन क्या करने वाली है बलदेव सोच रहा था।



कंचन ने अब दोनों हाथों से मुठिया हुए लंड को पकड़ कर सुपाड़े को अपने मुँह के अंदर भर लिया, और उससे मुँह मे दबाकर चूसने लगी, कंचन अब पूरे जोर से पूरे सुपाड़े को चूसे जा रही थी, बलदेव को कंचन के मुँह की गर्माहट और चूसने का खीचाव महसूस हो रहा था, कंचन का मुँह सुपाड़े से भर गया था, उसने अब पूरा मुँह खोलकर जोर से चूसना शुरू कर दिया, और मुँह को धीरे धीरे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, लंड का ३-४ इंच का हिस्सा कंचन के मुँह मे जा रहा था, और कंचन के दोनों हाथ जोर से लंड को मुठिया रहे थे, बलदेव कंचन का जोश देखकर वासना से भर दिया उससे ऐसा लगने लगा जिस उसका पूरा खून का बहाव लुंड की चलना शुरू हो गया है, और उसके लंड के सुपाड़े से होकर उसके प्राण सीधा कंचन मुँह मे चले जाएंगे, बलदेव ने अब अपना दूसरा हाथ भी कंचन के सिर पर रख दिया। कंचन जो की लंड चुसाई मे मगन थी उसे बलदेव का हाथ सिर पर महसूस होता है, और वो समझ जाती है आगे क्या होने वाला है, वो अपनी आखे ऊपर बलदेव की और करती है, और बलदेव की आखों मे देखते हुए आगे बढ़ने का इशारा करती है।

बलदेव अब दोनों हाथों से कंचन का सिर पकड़ लेता है, और कंचन एक दम रुक जाती है, उसके हाथ अब बलदेव की जांघों को थाम लेते है, और उसका मुँह पूरा खुलकर लंड को पनाह देता है, अब धीरे धीरे बलदेव कंचन के मूह मे धक्के लगाने शुरू करता है, कंचन का मुँह चोंड़ा हो कर फैल गया था उसके होंठ अपनी पूरी सीमा तक फैल जाते है, और लंड अब थूक की चिकनाई के साथ ५ इंच अंदर बाहर होना शुरू हो जाता है, कंचन का गल और मुँह लंड से भर चूक था, पर वो हवस मे लंड की सेवा मे लगी हुई थी, उसकी आखों मे पानी भर आया था, बलदेव कंचन की हालत देख रहा था और कंचन जैसा सुंदर औरत के मुँह मे गले तक लंड डालकर उससे मर्दानगी का भरपूर आनंद मिल रहा था। कंचन ने अपने हाथों से बलदेव की जांघों को मजबूती से पकड़ लिया था और अपने नाखून बलदेव मे माशपेशिओ मे गढ़ा दिए थे, और वो भी दर्द को भूलते हुए बलदेव को बढ़ावा द्दे रही थी, बलदेव अब धीरे धीरे लंड को आगे पीछे कर रहा था, उसके ऐसा करने से उसके भारी आटते आगे पीछे झूल रहे थे, और नीचे कंचन के मुँह से उसकी लार टपकते हुए उसकी मोटे भारी स्तनों पर गिर रही थी, भारी फूले हुए स्तन भी धक्कों के साथ हिल रहे थे, क्या ही जानलेवा मादक नजर था, दोनों के शरीर चमकते हुए वासना की आग मे तपते हुए एक दूसरे के शरीर को भोगने मे लीन थे।

बाकी अगले अपडेट मे॥ मिलते है कुछ वक्त बाद।।
 

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नया अपडेट पोस्ट हो चुका है , ये मेरा पहली बार हिन्दी मे अपडेट है और आगे सभी पोस्ट हिन्दी मे ही होंगे. मैंने इस पोस्ट मे पिक ऐड नहीं करी है, मुझे बताए की आपको इस कहनी मे पिक्स के साथ जायद मजा आता है या पिक्स के बिना।
अगर अपडेट मे जायद मजा पिक्स के साथ आता है तो मुजे बताना मैं अगले पोस्ट मे पिक्स डाल दूंगा।

कुछ हल्की फुलकी टायपिंग मे गल्तिय होंगी इस पोस्ट मे मैं आशा करता हू आप उनपर ध्यान ना देते हुए, नए अपडेट का आनंद लेंगे।

आपका लेखक - Rockyknows
 
Last edited:

Nasn

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नया अपडेट पोस्ट हो चुका है , ये मेरा पहली बार हिन्दी मे अपडेट है और आगे सभी पोस्ट हिन्दी मे ही होंगे. मैंने इस पोस्ट मे पिक ऐड नहीं करी है, मुझे बताए की आपको इस कहनी मे पिक्स के साथ जायद मजा आता है या पिक्स के बिना।
अगर अपडेट मे जायद मजा पिक्स के साथ आता है तो मुजे बताना मैं अगले पोस्ट मे पिक्स डाल दूंगा।

कुछ हल्की फुलकी टायपिंग मे गल्तिय होंगी इस पोस्ट मे मैं आशा करता हू आप उनपर ध्यान ना देते हुए, नए अपडेट का आनंद लेंगे।

आपका लेखक - Rockyknows
हिंदी में पड़कर तो बहुत मज़ा
आएगा.....👌👍👌👌

और आपका अपडेट बहुत ही
क़यामत लाने वाला
तूफानी था ।

मेने कंचन की जो
स्टोरी पड़ी थी।
उसमें कंचन धोखे
से अपने बाप से सेक्स
करवाती है।
जिसमें साड़ी ब्लाउज
पेटीकोट में होती है

उसके बाद उसके पापा
बाहर के जाते है।

अगर वही से स्टार्ट
करे तो बाप और
कंचन के सेक्स में
और मज़ा आपके
द्वारा मिल सकता है
बाकी

कंचन और ससुर
का सेक्स तो बेस्ट था

बेस्ट रहेगा।

लेकिन कंचन और उसके
बाप का सेक्स आज भी
अधूरा लगता है ।

जब भी स्टोरी पड़ता हु
यही सोचता हूँ
काश कंचन
और उसके बाप का
सेक्स भी
कोई लेखक महोदय
पूर्ण कर।

आपसे बहुत उम्मीदें हैं।
 
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Nasn मुजे बहुत अच्छा लगा की आपने वो स्टोरी पढ़ी और आपको अच्छी लगी, हआ उसमे कंचन और उसके बाप का सेक्स सीन पूरा नहीं है, उसे सस्पेन्स मे छोड़ा हुआ है, बिल्कुल वही चीज ससुर के साथ गांड मारने वाले सीन मे करी हुई है वो भी अधूरा है। असल मे बाप का सीन और ससुर के साथ गांड मराई का सीन मेरे हिसाब से किसी और लेखक ने लिखे है।

पर मैं वादा करता हू, बेशक मैंने स्टोरी ससुर के सीन से शुरू करी है, पर कंचन के माइका का सीन पूरा लिंक होगा और उसको पूरा करूंगा, आपने अगर मेरे पिछले १५ पोस्ट पढे है तो उन्मे भी मैंने हल्का हल्का हिंट दिया हुआ।

कंचन बहू की कहनी मेरी पसंदिता कहनी है। मैं इसको पूरे दिल से लिख रहा हू, और मेरी पूरी कोशिश है की पुरानी कहनी जैसे लिखी हुई है वैसे ही गर्मी कहानी मे रहे है, और बहुत रोमांच बना रहे। मेरी कोशिश यही रहती है ये कहनी पिछली कहानी की तरह सुपर हिट तरीके से मोहक भाव मे लिखी जाए।

आपके फीडबैक का बहुत बहुत शुक्रिया ।
 
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