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Incest Didi jija or sala

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आज मैं आपके सामने भाई बहन की चुदाई कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं जो पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है.

मैं मुंबई में रहता हूं और इधर मेरे पिताजी का बिजनेस है. मेरी एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है.

जब रात को मैं अपने कमरे में लैपटॉप पर गेम खेल रहा था, तभी मेरे मोबाइल पर जीजा जी का कॉल आया. मैंने उनका नाम स्क्रीन पर देखा तो झट से कॉल उठाया.

मैं- हां बोलिए जीजा जी.
जीजा जी- क्या कर रहे हो?
मैं- बस यूं ही गेम खेल रहा था.
जीजा जी- कॉलेज की पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैं- एकदम बढ़िया.

जीजा जी- इधर कब आने वाले हो?
मैं- तीन दिन बाद जब कॉलेज पर छुट्टी होगी … तब आपके पास आने की सोच रहा था. यदि कोई विशेष बात हो तो कहिएगा, मैं कल ही आ जाऊंगा.
जीजा जी- नहीं तुम अपने प्लान से ही आना. मगर सुन ना … मुझे तुम्हारी मदद चाहिए राज.
मैं- हुकुम कीजिए.
जीजा जी- राज एक तुम ही हो, जो हमारी मदद कर सकते हो.
मैं- जीजा जी पहले आप बताओ तो सही.

जीजा जी- हमारी शादी को दो साल हो गए हैं. लेकिन बात कुछ ऐसी है, जो तुम्हें नहीं पता है.
मैं- क्या बात है जीजा जी?
जीजा जी- मेरी कमी की वजह से मेरी और तुम्हारी दीदी सेक्स लाइफ अच्छी नहीं चल रही है.

मैं- जीजा जी आप क्या बोल रहे हो?
जीजा जी- देखो राज, तुम मेरे साले के साथ अच्छे दोस्त भी हो … इसलिए बात को ना घुमाते हुए डायरेक्ट पॉइंट पर आता हूं. मैं और तेरी दीदी, हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं लेकिन मैं तुम्हारी दीदी को सेक्स के मामले में अपनी कुछ खामियों की वजह से खुशी नहीं दे पा रहा हूं. इसलिए मैं चाहता हूं कि उसको वो खुशी तुमसे मिले.

मैं सन्न रह गया और उनसे बोला- जीजा जी आप क्या बोल रहे हो?
जीजा जी- मैं जो बोल रहा हूं, वो सोच समझ कर बोल रहा हूं.
मैं- आप मजाक अच्छा करते हैं.

जीजा जी- में मजाक नहीं कर रहा हूं. हर किसी की लाइफ सेक्स जरूरी होता है और यह खुशी मैं तुम्हारी दीदी को नहीं दे सकता हूँ, इसलिए तुम हमारी मदद करो.
मैं- जीजा जी, आप जो बोल रहे हो, वो संभव ही नहीं है.

जीजा जी- अपनी दीदी के खुशी के लिए इतना नहीं कर सकते हो.
मैं- दीदी के खुशी के लिए अपनी जान भी दे सकता हूं … लेकिन यह बिल्कुल गलत है.
जीजा जी- मुझे लगा तुम हमारी मदद जरूर करोगे … लेकिन चलो … कोई बात नहीं.

मैं- जीजा जी मुझे माफ करना और आप जो सोच रहे हैं, वो बिल्कुल गलत है. दीदी भी इसके लिए कभी राजी नहीं होंगी.
जीजा जी- तुम्हारी दीदी भी किसी दूसरे के साथ करने के लिए तैयार तो है … लेकिन वो सिर्फ तुम्हारे साथ ही राजी है.

मैं ये सुनकर एकदम से चौंक गया कि दीदी मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार है. दीदी की ऐसी मर्जी जानकर मैं कुछ सोचने पर मजबूर हो गया और दीदी के बारे में सोचने लगा.

तभी जीजा ने फिर से पूछा- हैलो राज … तुम लाइन पर ही हो न?
मैंने जबाव दिया- हां जीजा जी … मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा हूँ.

जीजा जी- देख राज, कई बार हमें अपनों की खुशी के लिए ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं. मैं अपने दोस्तों की मदद नहीं ले सकता हूं क्योंकि इससे तुम्हारी दीदी का करेक्टर डाउन होगा. साथ ही किसी और को इसका पता चलने का रिस्क भी है. प्लीज़ राज, अपनी दीदी की खातिर हां कह दो.
मैं- मुझे सोचने का टाइम चाहिए जीजा जी.
जीजा जी- ठीक है.

इसके बाद जीजा जी ने कॉल कट कर दिया और मैं सोचने पर मजबूर हो गया. मैंने सदैव अपनी दीदी का बहुत सम्मान किया है. मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि ऐसी नौबत भी आएगी. अब मैं क्या करूं, मेरी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि दीदी ऐसा भी सोचेंगी.

बेचारी दीदी भी क्या करें, शादी के बाद हर औरत को सेक्स की जरूरत होती है. अभी दीदी को मेरी जरूरत है. लेकिन यह गलत भी है. दूसरी तरफ मैं दीदी को ऐसे परेशान नहीं देख सकता था. मैंने सोच लिया कि यह गलत जरूर है, लेकिन अब मुझे दीदी की मदद तो करनी ही होगी.

दीदी के बारे में सोच कर मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था. क्योंकि अभी तक मैं वर्जिन था और मुझे अपनी सेक्स लाइफ की शुरुआत अपनी सगी बहन के साथ सेक्स करने से ही शुरू करनी होगी.

मैं उस रात ठीक से सो ही न सका. बहुत सोचने के बाद मैंने जीजा जी को मैसेज करके अपनी हामी भर दी.

उसके बाद मैंने दीदी के बारे में पहली बार गलत नजरिए से सोचना शुरू कर दिया.

मेरी दीदी का नाम नायरा है और उसकी उम्र 26 साल है. वो मुझसे छह साल बड़ी है.

नायरा दीदी दिखने में बड़ी ही खूबसूरत हैं. उनका भरा हुआ फिगर, कातिलाना अंदाज, सेक्सी स्माइल, मॉडर्न स्टाइलिश और उनके चेहरे के एक्सप्रेशन को देखकर कोई भी घायल हो जाए … या यूं कहूँ कि नायरा दीदी दिखने में एकदम तमन्ना भाटिया जैसी सुंदर और नमकीन हैं. उनके मादक जिस्म को सोचते हुए ही मैं सो गया.

मेरे जीजा जी और दीदी दिल्ली में रहते हैं जीजा जी का बिजनेस कई शहरों में है. दिल्ली में भी उनका एक होटल और रेस्टोरेंट का बिजनेस है. एक होटल मुंबई में भी है. जीजा जी उच्च धनी परिवार से हैं और मेरी बहन की खूबसूरती ही उनको रिझा गई थी.
मेरे पापा ने भी उनका बड़ा बिजनेस देख कर नायरा दीदी की शादी उनके साथ कर दी थी. शायद जीजा जी भी दीदी से पहले से ही परिचित थे.

तीन दिन बाद मैं दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गया था. मेरे मॉम-डैड को यह लग रहा था कि मैं दिल्ली कुछ दिन दीदी के पास बिताने जा रहा हूं, लेकिन उनको नहीं पता था कि मैं इस बार एक अलग इरादे से जा रहा हूं. वो इरादा सही था या गलत … मुझे खुद नहीं पता था.

मैंने मुंबई से दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट ली और करीब सात बजे दिल्ली एयरपोर्ट से एक प्रीपेड कैब से जीजा जी के घर पहुंच गया. जब मैं जीजा जी के घर जाने लगा, तो मैंने फोन पर उनको घर पहुंचने की सूचना दे दी.

मैं उनके बंगले के सामने पहुंचा, तो मैंने कैब के ड्राईवर से हॉर्न देने का कहा. उसने हॉर्न दिया … तो गेट का खुल गया. कैब मुझे अन्दर छोड़ कर वापस चली गई.

मैंने देखा कि जीजा जी मेरे सामने ही खड़े थे और हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्करा दिए. मैंने जीजा जी के साथ हाथ मिलाया. मेरे हाथ में मेरा बैग था, जिसे लेने के लिए उनका एक स्टाफ आ गया.
फिर मैं जीजा के साथ घर में अन्दर आ गया.

जीजा जी ने दीदी को आवाज लगाई, तो दीदी किचन से बाहर आती दिखीं. दीदी ने मुझे देखकर स्माइल किया और मेरी तरफ अपनी बांहें फैला दीं. हम दोनों गले मिल गए. अभी दीदी ने एक शॉर्ट टी-शर्ट और शॉर्ट हाफ पैंट ही पहनी थी, जिसमें दीदी बहुत हॉट माल लग रही थीं. उनकी फिगर इतनी ज्यादा फिट है कि वो उम्र से बीस इक्कीस साल की ही दिखती हैं.

दीदी- राज तुम फ्रेश हो जाओ … तब तक खाना भी बन जाएगा. आज मैंने खुद ही खाना बनाया है.
मैं- ठीक है.

फिर मैं बैग लेकर अपने लिए फिक्स कमरे में गया. ये कमरा मेरी दीदी के कमरे के पास वाला ही था. मैं जब भी यहां पर आता हूं, तब इसी कमरे में रहता हूं. मैं अक्सर छुट्टी पर यहां आता रहता हूं … लेकिन इस बार मुझे अजीब सी फीलिंग हो रही थी.

मैं अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चला गया. शॉवर के नीचे नहाकर मैं बाथरूम से बाहर आ गया और एक लोअर व टी-शर्ट पहन कर कमरे से बाहर निकल आया. मैं हॉल में जीजा जी के पास सोफे पर बैठ गया और टीवी देखने लगा.

हम जीजा-साले इधर-उधर की बातें करने लगे, तभी दीदी ने खाना खाने के लिए आवाज दे दी. हम दोनों टीवी बंद करके डाइनिंग टेबल तरफ आ गए और कुर्सी पर बैठ गए.

दीदी ने खाना सर्व किया और हम तीनों ने खाना शुरू कर दिया.

दीदी- मॉम-डैड कैसे हैं?
मैं- एकदम ठीक.
दीदी- तुम्हारे एग्जाम कब शुरू हो रहे हैं?
मैं- एक महीने बाद.
जीजा जी- कॉलेज खत्म करने के बाद क्या सोचा है?
मैं- डैड को बिजनेस में मदद करूंगा.
जीजा जी- गुड.

खाना खाते समय मेरी निगाह बार बार दीदी के रसीले होंठों और उसके कातिलाना मम्मों पर ही जा रही थी. उनकी गहरे गले वाली इस छोटे से टॉप से उनकी दूधिया घाटी मेरा लंड खड़ा किए दे रही थी. उनकी चूचियों को देख कर मेरा मन तो कर रहा था कि अभी दीदी के होंठों को चूम लूं.

दीदी का फिगर इतना मस्त था कि कोई भी उनको देखकर अपनी नीयत खराब कर ले.

खाना खाने के बाद हम जीजा-साले दोनों घर के पीछे जाकर सोफे पर बैठ गए, जहां पर एक स्विमिंग पूल भी था. जीजा जी फोन पर बिजनेस के काम से बात कर रहे थे और मैं इन्स्टाग्राम इस्तेमाल कर रहा था.

तभी दीदी शराब की बोटल और गिलास लेकर आ गईं. दीदी मेरी ओर देखकर मुस्कराते हुए सोफे पर बैठ गईं. वहां पर चार सोफे और बीच में कांच की छोटी सी टेबल थी. दीदी ने बोटल वहीं पर रख दी. जीजा जी ने भी बात खत्म करके फोन रख दिया.

दीदी हम तीनों के लिए पैग बनाने लगीं. अगले कुछ पलों बाद हम तीनों के हाथ में गिलास थे.

जीजा जी- आज का जाम एक नई शुरूआत के लिए … चियर्स.

मैंने और दीदी ने भी गिलास हवा में उठाते हुए चियर्स किया और गिलास होंठों से लगा लिए.

फिर हम तीनों पैग मारने लगे. मैं दीदी के बदन को निहार रहा था.

जीजा जी ने सिगरेट सुलगाते हुए पूछा- राज सच बताना, पहले कभी सेक्स किया है.
मैं- नहीं.
जीजा जी- मतलब आज तुम अपनी दीदी के साथ पहला मैच खेलने वाले हो.

दीदी- शटअप.
जीजा जी अपनी ही धुन में कहते जा रहे थे- आज से पहले तुम दोनों भाई-बहन मस्ती मजाक करते थे … और आज बेड पर मस्ती करोगे.
दीदी- आकाश स्टॉप इट.
जीजा जी- अब इसमें क्या शर्माना जान … वैसे राज थैंक्स, जो तुमने हमारी बात मान ली.

मुझे जीजा जी की बात सुनकर अजीब ख्याल आ रहे थे. फिर जीजा जी मेरे लिए दूसरा पैग बनाने लगे, लेकिन मैंने मना कर दिया.

जीजा जी- ले लो साले साहेब आज यही तुम्हें एनर्जी देगा.
दीदी- राज, तुमने यह बात किसी को बताई तो नहीं है न!
मैं- नहीं बताई.

जीजा जी- देख राज, अब तुम्हें शर्माने की जरूरत नहीं है. तुम जितने दिन भी यहां रुको, खुलकर मजा ले सकते हो. बस बाहर स्टाफ और आने जाने वालों का ख्याल रखना. मैं नहीं चाहता हूँ कि यह बात किसी को पता चले. नायरा अब तुम बहन-भाई अन्दर कमरे में जा सकते हो … क्योंकि मैं अभी यहीं पर बैठना चाहूँगा.

जीजा जी की बात खत्म हुई तो मैंने दीदी की ओर देखा. दीदी मेरी ओर प्यार से देखने लगीं. मैंने जीजा जी की ओर फिर से एक बार देखा.

जीजा जी- नायरा, तुम कमरे में जाओ, राज अभी आता है. मुझे इससे थोड़ी बात करनी है.

फिर दीदी, जीजा जी को स्माइल देकर चली गईं. दीदी के जाते ही जीजा जी मुझे देखने लगे.

जीजा जी- आर यू एक्साइटेड? (तुम उत्साहित हो?)
मैं- अभी भी अजीब लग रहा है.

जीजा जी- देख राज, अब तुम्हें शर्माने की कोई जरूरत नहीं है … और ना ही तुम कोई गलत काम कर रहे हो. तुम तो बस तुम्हारी दीदी की मदद कर रहे हो. वो तुम्हारी दीदी बाद में है, पहले एक औरत है. अब तो तुम भी जवान हो गए हो. जितनी जरूरत तुम्हारी दीदी को तुम्हारी है, इतनी ही जरूरत तुम्हें भी एक लड़की की है.

जीजू आगे बोले- मैं तुम्हारी दीदी को वो खुशी नहीं दे पा रहा हूँ … वरना तुम्हारी दीदी को भरपूर खुशी देता. आज ये सब छोड़ … कमरे में जा, तुम्हारी दीदी तुम्हारा इन्तजार कर रही है. और हां नायरा को अच्छी तरह से खुश करना … अब जाओ.

मैं अन्दर चला गया और जीजा जी पैग बनाने लगे. मैंने दीदी के कमरे के दरवाजे को नॉक किया और दीदी ने मुझे अन्दर आने को कह दिया. मैं अन्दर गया और दरवाज़ा बंद कर दिया. जब मैं पलटा तो मेरे सामने दीदी खड़ी थीं.

दीदी- तुम्हारे जीजा जी ने क्या कहा?
मैंने दीदी के मम्मे देखते हुए कहा- उन्होंने बोला है कि मैं आपका अच्छे से ख्याल रखूं.

दीदी ने मेरी नजरों का पीछा किया और मुस्कराते हुए मेरे पास आ गईं. दीदी ने मेरे कंधे पर दोनों हाथ रख दिए- राज सच बताना … तुम इसके लिए राजी तो हो न?
मैं- दीदी, मैं आपके लिए जान भी दे सकता हूं.

भाई बहन की चुदाई की शुरुआत
मेरी ये बात दीदी के दिल को छू गई और उसी पल दीदी मेरे होंठों को चूमने लगीं. मैं एकदम सकपका गया. मगर कुछ सेकंड यूं ही होने के बाद मैं भी दीदी का साथ देने लगा.

अब हम भाई-बहन हीरो-हीरोइन की किस कर रहे थे. मैंने अपने दोनों हाथ दीदी के कमर पर रख दिए. दीदी मुझसे उम्र में दस साल बड़ी हैं लेकिन हाईट में मेरी जितनी हैं … क्योंकि मेरी हाईट और फिट बॉडी, टाइगर श्रॉफ जैसी थी. इसकी वजह मेरा नियमित जिम जाना था.

हम दोनों की गरम श्वासें एक दूसरे को छू रही थीं. ऐसी फीलिंग मुझे पहली बार अपनी गर्लफ्रेंड से किस करने में आया था. जीजा जी बाहर ड्रिंक्स एन्जॉय कर रहे थे और इधर हम भाई-बहन किस करने में मशगूल थे.

दीदी- आई लव यू भाई.
मैं- आई लव यू टू दीदी.

हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूम रहे थे. मैं इतना मदहोश हो गया था कि यह भी भूल गया कि अभी मैं जिनके होंठों को चूम रहा हूं, वो मेरी दीदी हैं. हम पांच मिनट तक ऐसे किस करते रहे. अब हम दोनों के अन्दर वासना की आग बढ़ने लगी थी.
 
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दीदी मेरे खड़े लंड को अपनी कमर से दबाते हुए मेरी ओर देखकर मुस्कराने लगीं.

मैं- दीदी कमरे में चलें?
दीदी ने इठलाते हुए मुझे चूमा और पूछा- कमरे में क्या काम है?

दीदी को पता था कि मेरा कहने का मतलब क्या है, लेकिन वो मेरे साथ खेल कर रही थीं.

मैं- जिसके लिए में यहां पर आया हूं … वहीं करेंगे.
दीदी- तुम किसके लिए आए हो.
मैंने उनकी चूचियों को दबाते हुए कहा- वो कमरे में पता चल जाएगा.
दीदी ने मेरे लंड को मसलते हुए कहा- करने से पहले कहने में क्या गांड फट रही है?

मैं समझ गया कि आज दीदी मूड में हैं. मैंने उनके गालों को चूमते हुए उनके कान में फुसफुसाहट भरी आवाज में कहा- मुझे आपकी चुत चोदना है.

दीदी ने भी कहा- मेरी चुत कैसे चोदोगे?
मैंने कहा- खड़े लंड से.
दीदी बोलीं- किसके खड़े लंड से?
मैंने कहा- अपने खड़े लंड से.

दीदी- तुम मेरे कौन हो?
मैंने कहा- आपका भाई अपनी बहन की चुत चुदाई करना चाहता है. बहन की चुत में अपना लंड पेल कर उसको खुश करना चाहता है.

दीदी- हां अब सही बोले हो राज. मैं भी अपने भाई के खड़े लंड से चुत चुदवाना चाहती हूँ. मैं तुम्हारे कमरे में जा रही हूं तुम जल्दी से मेरे कमरे से प्रोटेक्शन लाकर आ जाओ.
मैं- प्रोटेक्शन लेने जाना पड़ेगा?
दीदी- अपनी बहन के साथ बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करोगे?
मैं- ठीक है … आप जैसा चाहो, मैं अभी आया.

दीदी मुस्कुरा दीं और मेरी गोद से उठ कर मेरे कमरे में चली गईं. फिर मैं दबे पांव से दीदी के कमरे में गया क्योंकि अन्दर जीजा जी सो रहे थे. मैंने दराज को ओपन किया और कंडोम का एक पैकेट निकाल कर अपने कमरे में आ गया.

दीदी बेड पर बैठी सिगरेट पी रही थीं. मैं उन्हें सिगरेट पीते देख कर उत्तेजित हो गया.

मैंने उनसे कहा- दीदी अकेली सिगरेट! व्हिस्की नहीं चलेगी क्या?

कंडोम के पैकेट को मैंने बेड के पास डेस्क पर रख दिया.

दीदी ने मेरी तरफ देखा और ‘एक मिनट में आई …’ कह कर बाहर जाने लगीं. मैंने उनके हाथ से सिगरेट ले ली और दीदी ने मुझे आंख मार दी.

अगले ही मिनट में दीदी कमरे में एक ट्रे में दारू की बोतल, गिलास और नमकीन के साथ अन्दर आ गईं.

उसके बाद दीदी ने एक गिलास में दारू डाली और दूसरे में जैसे ही डालने लगीं मैंने उन्हें रोक दिया.

दीदी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने कहा- एक ही गिलास से दोनों ले लेंगे.
तो दीदी मुस्कुरा दीं- गुड आइडिया.

वो गिलास में पानी डालने लगीं.

फिर वो गिलास लेकर मेरी गोद में बैठ गईं और हम दोनों किस करने लगे. दीदी ने मेरे होंठों से गिलास लगा दिया मैंने एक लम्बा घूँट लेकर दीदी से गिलास लेकर नीचे रख दिया और किस करते हुए मैंने दीदी के मुँह में शराब उगल दी. दीदी की आंखों में मदहोशी छा गई और हम दोनों एक दूसरे के मुँह में शराब का आदान-प्रदान करते हुए मजा लेने लगे.

फिर मैंने दीदी की टी-शर्ट को निकाल दी और अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. अभी दीदी ने ब्लैक रंग की ब्रा पहनी थी. हम दोनों भाई-बहन प्रेमी-प्रेमिका की तरह रोमांस कर रहे थे. फिर मैंने दीदी की ब्रा को भी निकाल दिया और दीदी की कमर पर हाथ रखकर दीदी को वासना से देखा.

मैं- दीदी आज मुझे …
दीदी- क्या.
मैं- वो आज मुझे आपकी गांड मारनी है.
दीदी- अरे ये तुम क्या बोल रहे हो?
मैं- हां … जो आपने सुना.
दीदी- नहीं … ये मुझसे नहीं होगा.
मैं- प्लीज़ दीदी.
दीदी- नहीं.
मैं- प्लीज़ दीदी मैंने आपके लिए इतना किया है, आप मेरे लिए इतना नहीं कर सकतीं.

दीदी ने एक पल सोचा और गिलास उठा कर पूरी व्हिस्की को एक ही सांस में हलक के नीचे उतार ली और बोलीं- राज अभी नहीं … फिर कभी.
मैं- ठीक है … लेकिन दीदी मेरी एक और इच्छा भी है कि आप मेरा लंड मुँह में लो … प्लीज़ दीदी … इस बार मना मत करना.

दीदी ने सिगरेट जलाते हुए कहा- हम्म … एक ही दिन में तुम्हारी डिमांड बहुत बढ़ गई हैं.
मैंने कहा- तो क्या हुआ आज मेरी इच्छा पूरी कर दो न.

मैंने गिलास में फिर से व्हिस्की भरी और पानी मिला कर गिलास उठा लिया.

दीदी ने मेरी गोद से नीचे उतरते हुए मुस्कराया और घुटने के बल बैठकर मेरी पेन्ट की जिप खोलने लगीं. उनके होंठों में सिगरेट दबी थी और वो उंगलियों से मेरे लौड़े को सहलाते हुए पेन्ट निकाल रही थीं. मैंने उनके मुँह से सिगरेट खींच ली और तब तक दीदी ने मेरी चड्डी भी निकाल दी.

अब दीदी ने मेरी ओर कातिलाना अंदाज से देखकर लंड को हाथ में ले लिया. दीदी के स्पर्श से ही मेरा लंड खड़ा हो गया. दीदी ने मेरे लंड को तीन बार हाथ से सहलाया और मुँह में ले लिया. लंड अपनी बहन के मुँह में देते ही मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ पड़ी.

पहली बार में दीदी को अजीब सा लगा लेकिन वो लंड को धीमे धीमे से चूसने लगीं. उन्होंने मेरी उंगलियों से सिगरेट ले ली थी और एक पफ ले कर धुंआ मेरे लंड पर छोड़ दिया. मेरे मुँह से कामुक आवाज़ निकलने लगी. दीदी ने फिर से लंड मुँह में ले लिया और मैंने दीदी के बाल पकड़ लिए.

दीदी मेरे लंड को मुँह में अन्दर बाहर कर रही थीं और मेरे लंड पर उनका थूक लग गया था. दीदी इस समय बहुत अच्छा ब्लो-जॉब दे रही थीं, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थीं.

कुछ ही मिनट तक दीदी ने मेरा लंड चूसा होगा कि मुझसे ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैं सोचने लगा कि दीदी इसी तरह से ज्यादा देर तक लंड चूसेंगी, तो शायद मेरे लंड का सारा वीर्य दीदी के मुँह में ही निकल जाएगा. इसलिए मैंने दीदी को रोक दिया.

दीदी ने सिगरेट को ट्रे में बुझा दिया और मेरी तरफ नशीली आंखों से देखने लगीं.

मैं- दीदी प्लीज़ रुको न … अब मैं आपको चोदने के लिए गर्म हो गया हूँ.

दीदी भी चुत में आग लगने से गर्म हो गई थीं. वे खड़ी हो गईं. अभी हम दोनों पूरे नग्न अवस्था में थे. मैंने उनको आंख मारी तो दीदी मेरा इशारा समझकर बेड पर चित लेट गईं. मैं कंडोम का पैकेट खोल कर कंडोम लंड पर पहनने लगा.

फिर मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को चूमने लगा. दीदी भी पूरा साथ दे रही थीं. दो मिनट किस करने के बाद अब समय दीदी की मस्त चुत में लंड घुसाने का आ गया था. इसलिए मैंने दीदी की मस्त चुत पर लंड सैट कर दिया.

मैंने सुपारा चुत की फांकों में फंसाया और उनसे पूछा- दीदी आप चुदने के लिए तैयार हो न?
दीदी- यस … पेलो.

तभी मैंने धक्का लगा दिया और चुत में लंड घुस गया. दीदी के मुँह से कामुक आवाज निकल गई और मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए. पहले में धीमे से धक्के लगा रहा था, लेकिन धीमे धीमे करके मेरी स्पीड बढ़ गई और साथ में दीदी भी जोरों से कामुक आवाज़ करने लगीं.

दीदी- आहह ओहह भाई … ओहह यस याह उहह उम्म कितना मजा आ रहा है … आह चोदो अपनी बहन की चुत फाड़ दो … आह!

हम दोनों धकापेल चुदाई में लगे ही थे कि किसी ने बाहर से दरवाज़ा नॉक किया. इस आवाज से हम दोनों डर गए. उसी पल मैं दीदी के ऊपर से हट गया.

तभी बाहर से जीजा जी की आवाज सुनाई दी. मैंने दीदी की तरफ देखा, तो दीदी ने हंस कर आंख दबा दी. मैंने बेड से नीचे उतर कर दरवाजा खोल दिया. जीजा जी के हाथ में फोन था और हम दोनों भाई बहन जीजा जी के सामने नंगे थे.

जीजा जी- डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी. नायरा तुम्हारी सहेली नेहा का कॉल है उसे कुछ जरूरी बात करनी है.
दीदी ने अपने हाथ में फोन लिया और जीजा जी को स्माइल देकर फोन पर बात करने लगीं.

जीजा जी कमरे से बाहर जाते हुए एक बात कहते हुए मुझे आंख मार गए.

जीजा जी- गुड जॉब … गुड गोइंग … कैरी ऑन.
मैं- थैंक्स जीजा जी.

फिर जीजा जी अपने कमरे में चले गए और मैंने दरवाजा बंद कर दिया. अभी मैं सोचने लगा कि मैं जीजा जी की बीवी को पेल रहा था और वो मुझे शाबाशी दे रहे थे. मैं मंद मंद मुस्कुराने लगा.

मेरे सामने बेड पर मेरी दीदी एकदम नंगी चुत खोले हुए नेहा से बात कर रही थीं. मैं दीदी के पास जाकर एक हाथ से उनके मम्मों को दबाने लगा.

दीदी ने मुझे इशारे से रोका, लेकिन मैं दूसरे हाथ से दीदी की जांघ को सहलाते हुए उनकी पनीली चुत को छूने लगा. दीदी मुझे इशारे से मना कर रही थीं, लेकिन मैंने मस्ती जारी रखी.

फिर दीदी ने नेहा से कहा- मैं तुमसे थोड़ी देर में बात करती हूँ.
उन्होंने फोन रख दिया.

दीदी ने उठते हुए कहा- तुम थोड़ी देर भी शांत नहीं रह सकते थे.
मैं- नहीं …

इतना कहकर मैंने दीदी को फिर से लेटा दिया और उनके फोन को बाजू की डेस्क पर रख कर बिना देर किए लंड को चुत में घुसा दिया. दीदी की एक तेज आह निकल गई और मैंने लंड पूरा अन्दर तक पेल दिया. इस बार मैं अपनी बहन की तेजी से चुदाई करने लगा.

दीदी- ओहह बहनचोद … धीमे चोद साले.

मैं अपनी दीदी के मुँह से पहली बार गाली सुन रहा था. मुझे दीदी के मुँह से गाली अच्छी लगी. मैं पूरे जोश से आकर दीदी की चुत चोदने लगा. वो भी लंड के झटके झेलते हुए सीत्कार कर रही थीं.

अभी कमरे में दीदी की कामुक आवाज़ और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. इस समय दोनों भाई-बहन चुदाई के खेल में मस्त थे और मैं पूरे जोश में दीदी की चुदाई कर रहा था.
मुझे अपनी बहन को चोदते समय अभी ऐसा लग रहा था कि मैं तमन्ना भाटिया को चोद रहा हूं … क्योंकि दीदी उसी की तरह खूबसूरत और हॉट हैं.

कोई दस मिनट की चुदाई के बाद दीदी हांफते हुए झड़ गईं, लेकिन मैं अभी भी बहन की चुदाई कर रहा था. कोई पांच मिनट बाद मैं भी हांफते हुए झड़ गया.

कुछ पल तक मैं धीमे धीमे धक्के लगाता रहा और फिर लंड निकाल लिया. मैंने वीर्य वाले कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया और दीदी के पास लेट गया.
इस तरह मैंने अपनी बहन को चोदा.

मैं- आई लव यू दीदी.
दीदी- आई लव यू टू भाई.

मैं- दीदी सच में आपका सेक्सी फिगर देखकर मेरा लंड बेकाबू हो जाता है.
दीदी मुस्करा कर बोलीं- फिगर या चुत.
मैं- दोनों … वैसे प्यार करने में कोई कमी रही गयी हो, तो बोल देना.
दीदी- कोई कमी नहीं … बल्कि तुम तो मुझे आकाश से भी ज्यादा प्यार करते हो.

मैं- दीदी एक बात पूछूँ?
दीदी- पूछ ना.
मैं- जीजा जी सेक्स के मामले में आपको खुशी नहीं दे सकते हैं, ये आपको शादी से पहले पता था.
दीदी- हां.

मैं- फिर भी आपने शादी की.
दीदी- तब मैंने सेक्स को इतना महत्वपूर्ण नहीं समझा था. हां मैं दो साल से सेक्स लाइफ में खुश नहीं थी, लेकिन यह आईडिया तुम्हारे जीजा जी का था … क्योंकि वो मुझे इस हालत में नहीं देख सकते हैं.

मैंने मजाक करते हुए कहा- आप नसीब वाली हो जो आपको मेरा जैसा भाई मिला.
दीदी- ओहो … नसीब वाला तो तू है साले … जो तुझे मेरे साथ सेक्स करने का मौका मिला. कॉलेज टाइम पर मुझे छह लड़कों ने प्रपोज किया था.

मैं- तो क्या हुआ … मेरी गर्लफ्रेंड होने पर भी अभी एक लड़की मुझे लाइन मारती है.
दीदी- वैसे तूने दिशा के साथ कभी सेक्स करने के बारे में सोचा है?
मैं- बहुत बार … अब आपके साथ प्रैक्टिस कर ली है … अगला मैच उसी के साथ खेलूंगा.

दीदी- हां कमीने … तूने मेरी चुत की वाट लगा दी है और कह रहा है कि अभी प्रैक्टिस कर रहा है.
मैं- आप हो ही इतनी हॉट.

फिर मैं दीदी को किस करने लगा और किस करते हुए उनके मम्मों भी मसल रहा था. हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे को चिपककर सो गए.

जब मेरी सुबह नींद खुली, तब दीदी कमरे में नहीं थीं. मैं फ्रेश होकर कमरे से बाहर आ गया. लेकिन हॉल में भी कोई नहीं था, इसलिए मैं किचन में आ गया, जहां पर दीदी ब्रेकफास्ट बना रही थीं.

मैं- गुड मॉर्निंग दीदी.
दीदी- गुड मॉर्निंग.

मैंने पानी पीकर दीदी को पीछे से बांहों में ले लिया. दीदी भी एक प्यारी सी नजर से मेरी ओर देखने लगीं.

मैं- जीजा जी नहीं दिख रहे हैं.
दीदी- तुम्हारे जीजा जी काम से बाहर गए हैं … वो शाम को आएंगे.
मैं- मतलब शाम तक सिर्फ हम दोनों भाई बहन हैं.
दीदी- हां … चल छोड़ ये सब … नाश्ता बन गया है.
मैं- पहले मॉर्निंग किस.
दीदी- बाद में.

फिर मैंने दीदी को छोड़ दिया और हम दोनों किचन से बाहर आकर डाइनिंग टेबल पर नाश्ता रखकर कुर्सी पर बैठ गए. हम दोनों बगल बगल में बैठे हुए नाश्ता कर रहे थे, तभी मैंने दीदी से मस्ती की. मैं दीदी की गोरी जांघ को सहलाने लगा, इस समय दीदी ने एक शॉर्ट और झीनी से टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें दीदी की ब्रा साफ़ दिख रही थी.

मेरे हाथ फेरने से दीदी मुस्कुराने लगीं.

उन्होंने भी जांघें खोल दीं और मैंने उनकी चुत पर हाथ रख दिया. कुछ देर यूं ही मस्ती करते हुए नाश्ता खत्म किया और दीदी उठ कर किचन में चली गईं. मैं हॉल में आकर टीवी देखने लगा.

अन्दर दीदी घर के काम कर रही थीं क्योंकि कामवाली बाई एक हफ्ते के लिए छुट्टी पर थी.

आधे घंटे बाद दीदी तैयार होकर कमरे से बाहर आ गईं.

दीदी- राज, मैं नेहा के घर पर जा रही हूं … दोपहर तक आ जाऊंगी.
मैं- ओके.

दीदी चली गईं और अभी मैं ही घर में अकेला रह गया था. मैं बोर हो रहा था इसलिए में टीवी बंद करके अपने कमरे में आ गया. मैंने दिशा को कॉल किया.

एक घंटे तक मैंने दिशा से बात की. अभी ग्यारह बजे थे और अभी दीदी नहीं आई थीं.

मैं सोच ही रहा था कि क्या करूं कि तभी दीदी का कॉल आ गया.

मैं- हां दीदी?
दीदी- सुनो राज … मुझे आने में देर लगेगी, इसलिए तुम खाने के लिए बाहर से कुछ ऑर्डर कर लेना.
मैं- ओके.

फिर मैंने खाना ऑर्डर किया और करीब बारह बजे के आसपास खाना आ गया.

मैं अकेला खाना खाने लगा, इस समय मुझे दीदी की याद रही थी क्योंकि मेरी अन्दर चुदाई की प्यास बढ़ रही थी.

दोस्तो, मैंने अभी दो तीन ही बार बहन को चोदा. लेकिन मुझे उनकी चुत की याद बेहद सताने लगी थी. लेकिन दीदी के आने के बाद ही चुत लंड को नसीब होगी. इसलिए मैं बस लंड हिला कर उनकी चुदाई को याद करने लगा.
 

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दीदी कमरे में जाते हुए बड़बड़ा रही थीं- ओह गॉड … साला कितना पागल है … मगर बड़ा मजा देता है.

उनके जाते ही मैं सोफे पर थककर बैठ गया.

उस दिन मैं अपने कमरे में जाकर सो गया. जब शाम को दीदी किचन में खाना बना रही थीं. तब मैं किचन में गया और पीछे दीदी की गांड को सहला कर उनसे पीछे से चिपक गया.

दीदी- क्या बात है … आजकल अपनी दीदी पर बहुत प्यार आ रहा है.
मैं- आप हो ही इतनी सेक्सी कि आपको देखकर मेरा दिल जोरों से धड़कने लगता है.
दीदी- ज्यादा मक्खन मत लगा, मैं अच्छी तरह से तेरे इरादे समझती हूं. वैसे अभी मेरा मूड नहीं है … इसलिए आज तुमको अपनी दीदी के बिना ही सोना पड़ेगा … आज नो सेक्स.

मैं- डोन्ट वरी दीदी … मैं दो मिनट में आपका मूड फर्स्ट क्लास कर दूंगा.
दीदी ने स्माइल करके कहा- आज की रात तो अपनी दीदी को आराम करने दो … कल जितना मन करे, दीदी को चोद लेना.
मैं- आपका हुकुम आंखों पर.
दीदी- चल अब बाहर जा … मुझे खाना बनाने दे.

फिर मैं अपनी दीदी की गांड पर धीमे से चपत मारके बाहर चला गया और जीजा जी के पास सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा.

हम सभी ने रात का खाना साथ में खाया और उसके बाद में अपने कमरे में आ गया.

दीदी और जीजा जी अपने कमरे में एक दूसरे की बांहों में लेटे हुए बातें कर रहे थे.

आकाश जीजा जी- नायरा अब तो तुम खुश हो न!
नायरा दीदी- बहुत ज्यादा.

आकाश- वैसे राज को मानना पड़ेगा, साला चुदाई के मामले में गुरू है.
नायरा- इन दो तीन दिन में राज ने मुझे सेक्स का आदी बना दिया. पता नहीं उसके जाने के बाद मेरा क्या होगा.

आकाश- देख नायरा, मुझे तुम दोनों भाई-बहन से कोई आपत्ति नहीं है. तुम जब चाहो, उसके साथ सेक्स के मजे कर सकती हो. वैसे भी मुम्बई इतना दूर नहीं है. बस इस सेक्स लाइफ की वजह से हमारी जिंदगी में कभी कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए … और हां ये बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.

नायरा- डोन्ट वरी मेरे प्यारे पति … किसी को नहीं पता चलेगा. थैक्स फॉर एवरीथिंग.
आकाश- क्या बात है … आज राज अपनी दीदी से मिलने नहीं आया.
नायरा- आज मैंने उसको मना कर दिया था … क्योंकि आज मैं आराम करना चाहती हूं.

जीजा जी ने हामी भरते हुए उनको अपनी बांहों में समेट लिया और वे दोनों सो गए.

फिर दूसरे दिन सुबह हम तीनों साथ में ब्रेकफास्ट कर रह थे. मैंने कल ही जीजा जी को हम भाई-बहन की फैन्टेसी के बारे में बता दिया था, जिसमें जीजा जी को कोई आपत्ति नहीं थी.

जीजा जी- राज ब्रेकफास्ट के बाद हम घूमने जाएंगे, इसलिए तुम तैयार हो जाना.
मैं- ओके.

ब्रेकफास्ट करके हम तीनों तैयार होने के लिए अपने कमरे में आ गए. उसके बाद में बाथरूम में नहाकर तैयार होकर बाहर आ गया. मैं और जीजा जी बस दीदी के आने का इन्तजार कर रहे थे. करीब बीस मिनट बाद दीदी तैयार होकर बाहर आ गईं. इस समय दीदी इस ड्रेस में खूबसूरत लग रही थीं मानो धरती पर अप्सरा उतर आई हो.

मैं- दीदी, इस ड्रेस में आप बहुत खूबसूरत लग रही हो.
जीजा जी- एकदम तमन्ना भाटिया की तरह सुंदर और सेक्सी.
दीदी- तारीफ़ के तुम दोनों को थैंक्स.
जीजा जी- नायरा आज का दिन बहुत लंबा होने वाला है.
दीदी- क्यों?
जीजा जी- क्योंकि आज तुम्हारी इच्छा पूरी हो जाएगी.

दीदी ने इस बात पर मेरी ओर घूरकर देखा. मैंने उनको आंख मार दी.

फिर हम तीनों कार में बैठ गए और घर से निकल गए. जीजा जी कार चला रहे थे. मैं और दीदी पीछे बैठे थे. कार में म्यूजिक भी चल रहा था. दीदी का इतना हॉट अंदाज देखकर मेरा मन विचलित हो रहा था. दीदी फोन इस्तेमाल कर रही थीं. मैंने दीदी को अपने पास खींचा. जैसे दीदी ने मेरी ओर देखा, मैंने दीदी के होंठों पर किस कर दिया.

दीदी- ये क्या था?
मैं- अपने आपको कन्ट्रोल नहीं कर पाया.
जीजा जी- क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं.

दीदी को देखकर मेरा चुदाई का मन कर रहा था, लेकिन अभी सही समय नहीं था. हम सभी पहले होटल गए … क्योंकि जीजा जी को वहां पर कुछ काम था. आधे घंटे बाद हम वहां से निकल गए और उसके बाद हम दिल्ली शहर घूमने लगे.

वैसे तो मैं कई बार दिल्ली शहर घूम चुका हूं … लेकिन आज दिल्ली शहर की बात ही कुछ और लग रही थी. अभी ऐसा लग रहा था कि मानो दीदी के साथ पति और ब्वॉयफ्रेंड दोनों साथ में हैं.

दिल्ली में हम पूरा दिन अलग-अलग जगह पर घूमते रहे. उसके बाद हम शाम के छह बजे मूवी देखने के लिए थियेटर में गए. दीदी के पास जीजा जी बैठे थे मैं उनके पास बड़ी शालीनता से बैठा था ताकि किसी को कोई गलत शक ना हो.

मूवी देखकर बहुत मजा आया फिर रात के नौ बजे फिल्म खत्म करके हम जीजा जी के रेस्टोरेंट पर खाना खाने आ गए. आज पूरे दिन मैं दीदी की चुत चुदाई के लिए तड़पता रहा था.

जब हम रात को दस बजे डिनर करके घर आने लगे, तब मैं दीदी की जांघ को सहलाने लगा. इस समय हम दोनों के अन्दर आग लगी हुई थी … इसलिए दीदी और मैं एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे. जीजा जी को पता था कि अब आगे क्या (दीदी की चुदाई) होने वाला है, इसलिए उन्होंने एक रोमांटिक गाना बजा दिया. किस करते हुए दीदी मेरे लंड को सहलाने लगीं और मैं उनके मम्मों को सहला रहा था.

दस मिनट तक हम दोनों भाई-बहन रोमांस करते रहे. तभी दीदी ने मेरे पैंट की चैन खोलकर पैंट और चड्डी खिसकाकर मेरे लंड को हाथ में ले लिया. उसके बाद दीदी स्माइल करके मेरे लंड को चूसने लगीं.

हम जीजा साले एक दूसरे को देखकर स्माइल करने लगे और मैं अपनी बहन से लंड चुसवाते हुए धीमे से सीत्कार करने लगा.

कार की खिड़कियों के ऊपर काले सन कवर लगे थे, इसलिए बाहर से कोई भी हमें नहीं देख सकता था. जीजा जी ने भी अन्दर की लाइट लो करके जला दी थी. पांच मिनट तक दीदी मजे से मेरे लंड को चूसती रहीं, फिर दीदी अपनी सेक्सी ड्रेस उतारने लगीं और मैंने भी अपनी पैंट निकाल दी.

उसके बाद दीदी ने अपनी पैंटी भी उतार दी. दीदी को कार में ड्रेस उतारने में मैंने उनकी मदद की … ताकि वो पूरी नग्न हो सकें. अब वो सिर्फ लाल रंग की ब्रा पहने हुए मेरे सामने थीं. उसके बाद दीदी मेरे ऊपर गोद में बैठ गईं और मेरे होंठों को चूमने लगीं.

दो-तीन किस करने के बाद मैंने दीदी को थोड़ा ऊंचा किया ताकि मैं अपना खड़े लंड को अपनी बहन की चिकनी चुत पर सैट कर सकूं. दीदी ने भी कार में ही मेरा लंड चुत में लेकर अपनी पोजिशन बनाई और मजे लेकर धीमे से चुदने लगीं.

मेरे दोनों हाथ दीदी की मस्त गांड को मसल रहे थे. दीदी की इच्छा थी कि वो एक बार चलती कार में सेक्स करना चाहती हैं … और आज उनकी चुदाई की इच्छा पूरी हो गई.

हम भाई बहन चुदाई करते हुए एक दूसरे के होंठों को भी चूम रहे थे. हम भाई बहन कार में थे इसलिए धीमी गति से सेक्स कर रहे थे. जीजा जी कार चलाते हुए हम दोनों की चुदाई का खेल देख रहे थे. मैं दीदी की चिकनी चुत में लंड घुसाते हुए दीदी के मम्मों को ब्रा के ऊपर से सहला रहा था.

चुदाई का मजा लेते हुए हम सभी घर पर पहुंच गए. वॉचमेन ने गेट ओपन किया. उसके बाद जीजा जी कार अन्दर लेकर गए. हम दोनों भाई-बहन चुदाई में इतने मशगूल हो गए थे कि पता ही नहीं चला, कब घर पर पहुंच गए.

जीजा जी ने कहा- हम लोग घर पर पहुंच गए हैं.

तभी दीदी ने इधर उधर देखा और वो मेरे लंड के ऊपर से चुत हटाते हुए उतर गईं. उसके बाद हम दोनों बड़ी होशियारी से बाहर निकले कि वॉचमेन को पता ना चले.

जीजा जी ने मेनगेट का लॉक खोला और हाथ के थम्ब से इशारा किया. हम दोनों भाई बहन लगभग नंगे थे. इसलिए दौड़ कर घर में घुस गए.

घर में जाते ही मैंने दीदी को अपने बांहों में उठा लिया और उनको अपने कमरे में ले गया. कमरे की लाइट को ऑन किया और दीदी को बेड पर पटक दिया. दीदी मेरी और देखकर मुस्कराने लगीं. मैंने जल्दी से दराज ओपन करके वायग्ररा की टेबलेट ले ली.

दीदी- अरे वाह, आज अपनी दीदी की चुदाई के लिए वायग्ररा की जरूरत पड़ गई?
मैं- इसलिए ताकि मैं अपनी प्यारी नायरा बहन की अच्छे से चुदाई कर सकूं.

मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और उनके दोनों पैर ऊंचे कर दिए.
तभी जीजा जी कमरे में आ गए- राज तुम्हारे फोन पर तुम्हारे डैड का कॉल है.

जीजा जी फोन देकर चले गए और मैंने लंड हिलाते हुए फोन कान में लगा लिया.

मैं- हैलो डैड.
डैड- हाई … क्या कर रहे हो.

मैंने दीदी की ओर देखकर कहा- बस मैं और दीदी फिल्म देख रहे हैं और जीजा जी कमरे में जरूरी काम कर रहे हैं.
डैड- राज सुनो … तुम्हें कल मुंबई आना है.
मैं- क्यों.

मैंने फोन स्पीकर में रखकर दीदी को भी उनकी बात सुनाना ठीक समझा.

डैड- एक बहुत जरूरी काम है.
मैंने संकोच के साथ कहा- डैड क्या हुआ … आप और मॉम ठीक तो हो न!
डैड- हम दोनों ठीक हैं. तुम कल सुबह की फ्लाईट से मुंबई आ जाओ.

मैंने मायूस चेहरे के साथ कहा- ओके डैड.
डैड- जरा अपनी दीदी को फोन देना.

हम दोनों भाई-बहन नग्न अवस्था में थे और फोन स्पीकर पर था. मैं थोड़ा मायूस हो गया था. हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे की ओर देख रहे थे.

दीदी- हैलो डैड आप कैसे हो!
डैड- एकदम बढ़िया और तुम!
दीदी- आई एम आलसो फाइन … वैसे कल राज को मुंबई क्यों बुलाया जा रहा है?
डैड- उसके लिए एक जरूरी काम है, जो मैं अभी फोन पर नहीं बता सकता. वैसे राज ज्यादा तंग तो नहीं करता है न!
दीदी ने मजाकिया मूड में कहा- उसकी मजाक करने की आदत कभी कम हुई ही नहीं है … बल्कि अब तो वो और ज्यादा मजाकिया हो गया है.

इधर मेरे अन्दर वायग्ररा की गोली का असर होने लगा था और लंड पर आग बरस रही थी. इसलिए मैंने दीदी को फोन रखने का इशारा किया, लेकिन दीदी मेरी ऐसी हालत देखकर मुझे तड़पा रही थीं.

तभी मैंने बीच में डैड को कह दिया- डैड हमें फिल्म देखनी है.
ये सुनकर डैड ने बात खत्म करके कॉल रख दिया.

दीदी मेरी और सेक्सी अंदाज से देखने लगीं और फोन से तस्वीर लेने लगीं. फिर दीदी ने मजाक करते कहा- राज, अब तुम्हारे पास आखिरी रात बची है.
मैं- कोई बात नहीं … यह आखिरी रात सबसे लंबी होगी.
दीदी- मतलब?
मैंने दीदी को लेटाकर कहा- क्योंकि आज पूरी रात मैं आपको चोदने वाला हूं.

दीदी- तुम्हारे अन्दर इतना दम है!
मैं- हम दोनों में से जिसने पहले हार मान ली, वो जीतने वाले की एक बात मानेगा.
दीदी- ओके … अगर तुम जीते, तो तुम जो बोलेगे, वो मैं करूंगी … और अगर मैं …

ये कह कर दीदी स्माइल करने लगीं और मैं दीदी के ऊपर चढ़कर दीदी को किस करने लगा.

इन तीन-चार दिन में हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे के हो गए थे. मेरा लंड दीदी की चुत के लिए आदी हो गया था. जब तक दीदी की चुत में लंड नहीं डाल लेता, तब तक मुझे नींद नहीं आती थी. ऐसा ही हाल दीदी का भी हो गया था. वो भी मेरे लंड को चुत में लेने के लिए आदी हो गई थीं.

दीदी के बदन को चूमने के बाद मैंने उनकी चुत में लंड घुसा दिया. दीदी ने भी पूरी चुत खोल कर अपने भाई के लंड का स्वागत किया. मैं पूरे जोश में दीदी की चुत में धक्के लगाने लगा. आज की रात हम दोनों के लिए आखिरी चुदाई की रात थी. फिर पता नहीं कब सेक्स करने का मौका मिले, इसलिए हम दोनों पूरे मजे से चुदाई का आनन्द ले रहे थे.

दीदी- आहह उहह ओह यस फक फक ओह यस आहह ओह भाई चोद … उहह यू आर गुड फकर.
मैं- ओहह दीदी यू वांट हार्ड फकिंग!
दीदी- यस मेरे राजा.

मैं इस वक्त तेज़ी से दीदी की चुदाई कर रहा था. अलग-अलग पोजीशनों में मैं दीदी की चुदाई करता रहा. करीब बीस मिनट बाद दीदी मेरे ऊपर चढ़ गईं और अब वो खुद गांड उछाल कर अपनी चुत में लंड ले रही थीं. मैं दीदी की गांड को सहलाते हुए धक्के लगा रहा था.

फिर मैंने दीदी को घोड़ी बनने को इशारा किया. दीदी मुस्कराकर झट से घोड़ी बन गईं. मैं दीदी की कमर को पकड़कर जोर से धक्का लगाने लगा. मेरा पूरा लंड दीदी की मस्त गांड में अन्दर बाहर होने लगा था.

दीदी- ओहह राज उहह ओह यस फक यह आहह ओहह याह यस.

उस आखिरी चुदाई की रात में मैंने अलग-अलग आसनों में एक घंटे तक दीदी को चोदा और आखिर में दीदी की चुत को चोदते हुए उनके ऊपर ही हांफते हुए गिर गया. मेरा लंड कंडोम में ही झड़ गया था.

उसके बाद दीदी के पास थककर लेट गया. हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कराने लगे. दीदी खड़ी होकर बाथरूम में चली गईं.

मैं बहुत खुश था कि दीदी जैसी हॉट खूबसूरत सेक्सी औरत के साथ मुझे सेक्स करने का मौका मिला.

करीब पांच मिनट बाद दीदी बाथरूम से बाहर आ गईं और मेरे लंड को सहलाते हुए मुँह में ले लिया. कुछ देर लंड चूसने के बाद हम दोनों ने किस किया और सो गए. रात को करीब एक बजे हम दोनों ने चुदाई का दूसरा राऊंड शुरू कर दिया. ऐसे पूरी रात हम दोनों भाई बहन ने तीन बार चुदाई का मजा लिया.

फिर सुबह नौ बजे जब मैं दीदी और जीजा जी साथ में ब्रेकफास्ट कर रहा था.

तब जीजा जी पूछने लगे- वैसे कल रात अंकल का कॉल क्यों आया था?
नायरा- आज राज मुंबई जाना वाला है क्योंकि डैड राज को कोई सरप्राइज देने वाले हैं.
जीजा जी- मतलब कल रात तुम दोनों भाई-बहन बहुत मजे किए होंगे.
नायरा- यस.

जीजा जी- अब तो तुम्हें मजा नहीं आएगा.
नायरा- क्यों?
जीजा जी- क्योंकि आज तो तुम्हारा भाई चला जाने वाला है.
नायरा- इधर तुम तो हो?
जीजा जी- हां यह बात भी सच है.
जीजा जी- राज कबकी फ्लाइट है.
मैं- ग्यारह बजे की.

जीजा जी- मुंबई जाकर अपनी दीदी को बहुत मिस करोगे.
मैं- बहुत ज्यादा … वहां जाकर दो-तीन दिन बहुत मुश्किल से कटेंगे.

फिर दस बजे मैं अपना बैग लेकर बाहर आ गया, जहां कार के पास दीदी और जीजा जी मेरा इन्तजार कर रहे थे. मैंने दीदी को हग किया और हम दोनों एक बार लम्बा किस करने लगे.

दीदी- मिस यू भाई.
मैं- मैं भी आपको बहुत मिस करूंगा. थैंक्यू दीदी फॉर एवरीथिंग.
दीदी- सेम टू यू … तेरी वजह से आज मेरी लाइफ की एक कमी दूर हो गई.

फिर मैं कार में बैठ गया. जीजा जी मुझे एयरपोर्ट तक छोड़ने आए. यह थी हम दोनों भाई-बहन की चुदाई की कहानी जो यहां पर खत्म होती है.
 

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अब तक आपने पढ़ा कि मेरे जीजा जी ने मुझसे मेरी सगी बहन की चुदाई करने के लिए कहा. मैं दीदी के कमरे में चला गया. उधर वो मुझे किस करने लगी थीं.

अब आगे पढ़ें कि कैसे पहली बार भाई ने बहन को चोदा:

तभी दीदी ने मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया और मेरे सामने ही दीदी अपनी टी-शर्ट निकालने लगीं. अगले ही पल मेरी हॉट बहन मेरे सामने एक ब्रा में अपने उफनते मम्मों को बड़ी मुश्किल से जकड़े हुए खड़ी थी.

दीदी की लाल रंग की ब्रा को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. दीदी अभी बहुत ही हॉट सेक्सी माल लग रही थीं. मैं आगे बढ़ कर दीदी को किस करने लगा. मैंने दीदी को अपनी बांहों में भर लिया और उनको मस्ती से चूमने लगा. इस समय मैं अपने सीने पर दीदी के मम्मों को अच्छे से महसूस कर रहा था.

मैं दीदी की पीठ पर हाथ घुमाया और ब्रा की स्ट्रिप खोल दी. इसके बाद दीदी को घुमाकर उनकी ब्रा निकाल दी. उसके बाद दीदी के पीछे से चिपककर पहली बार किसी औरत के नंगे मम्मों को मसलने लगा.

इससे मैं और उत्तेजित होने लगा था. मैं दीदी के मम्मों को दबाने लगा तो मेरी दीदी भी मदहोश होने लगीं.

दीदी के मम्मे इतने मस्त थे कि मैं अपने होश को काबू में ही नहीं कर पाया और जोरों से दूध भींचने लगा. दीदी की सीत्कार निकलने लगी और इससे में और अधिक उत्तेजित हो गया.

कुछ ही पलों बाद दीदी मेरी ओर घूम गईं और सेक्सी स्माइल करके मुझे किस करने लगीं. मैंने दीदी को किस करते हुए बेड पर धकेल दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.

दीदी अपनी बांहें पसारे मेरी ओर कातिलाना नजर से देख रही थीं. तभी मैं दीदी के होंठों को चूमने लगा. दीदी भी मेरा पूरा साथ देने लगीं. इस समय हम दोनों के अन्दर बराबर की आग लगी हुई थी.

मैं धीरे धीरे करके दीदी के बदन को चूमने लगा और दीदी के मुँह से कामुक आवाज़ निकालने लगीं. फिर मैं दीदी की शॉर्ट निकाल दी. सामने छोटी सी पैंटी में दीदी का मदमस्त जिस्म मेरी आंखों में वासना के डोरे भर रहा था. उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी यानि वो सेक्स के लिए तैयार हो चुकी थीं.

दीदी ने मेरी ओर देख कर आंखें नचाईं, तो मैं उनका मतलब समझ गया और मैंने उनकी पैंटी निकाल दी. अब मेरे सामने दीदी पूरी नंगी लेटी हुई थीं. दीदी की चिकनी चुत को देखकर मैं अपना होश खो बैठा और अगले ही पल दीदी की मस्त फूली हुई चुत को चाटने लगा.

दीदी की चुत अभी भी एकदम टाइट थी और उनकी चुत का दाना बार बार फुदक सा रहा था. मैंने अपने होंठों से चुत के दाने को पकड़ा और खींच दिया. दीदी चादर पकड़कर एकदम से सीत्कार करने लगीं.

अभी कुछ ही पल चुत को जीभ से चाटा होगा कि उनकी गांड उठने लगी और उनके फूली हुई चुत का भरपूर मजा मिलने लगा. मैं चुत चूसने में इतना पागल हो गया था कि यह भूल ही गया था कि ये मेरी अपनी दीदी की चुत है. मैंने आज से पहले कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन भी आएगा.

अभी हम भाई-बहन सेक्स के खेल में आगे बढ़ रहे थे और पता नहीं जीजा जी उस समय क्या कर रहे थे. दीदी की कामुक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं. तभी दीदी ने मेरे बाल पकड़ लिए और उनकी गांड ने बेहद कामुक तरीके से चुत को मेरे मुँह पर मारना शुरू कर दिया था. मैं इस सबसे बेखबर चुत चाटने में मशगूल था.

हालांकि मैंने आज तक कभी सेक्स नहीं किया था लेकिन सेक्स वीडियो देखकर मुझे इसका पूरा अंदाजा था कि चुत चाटने का मजा कैसे लिया जाता है.

इस समय हम दोनों भाई-बहन उत्तेजना की चरम सीमा पर थे.

तभी दीदी की दबे स्वर में बेहद मस्त आवाज आई- राज रुक जा … अब मत कर आह … मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. अब लंड डाल कर मजा दे.

उनकी आवाज सुनकर मैंने चुत चाटना बंद कर दिया और फिर खड़े होकर अपना लोवर और चड्डी निकाल दी.

दीदी मेरे खड़े लंड की ओर हैरानी से देख रही थीं. तभी मैं दीदी के ऊपर आ गया.

दीदी- राज पहले प्रोटेक्शन तो लगा लो. मैं अभी प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती. कंडोम उस दराज में है, निकाल लो.

मैंने दराज ओपन किया, तो उसमें कंडोम के कई सारे पेकैट थे. कंडोम के साथ में पिल्स (गर्भ निरोधक) और वायग्ररा की टेबलेट भी रखी थीं.

मैंने उसमें से एक कंडोम का पैकेट फाड़कर कंडोम लंड पर पहन लिया. दीदी मेरी ओर देख रही थीं.

उसके बाद मैंने दीदी के ऊपर चढ़कर चुत पर लंड सैट किया और फिर धक्का लगा दिया … लेकिन मेरा लंड फिसल गया.

दीदी की चुत टाइट थी, जिसकी वजह से लंड फिसल गया था. दीदी मेरी ओर देखते हुए मुस्कुरा दीं. मैंने वापस लंड चुत पर सैट किया और इस बार थोड़ा जोर से धक्का लगा दिया. जिससे मेरा लंड दीदी की टाइट चुत में थोड़ा सा घुस गया.

लंड का घुसना क्या हुआ, दीदी एकदम से चिल्ला उठीं- उई मां मर गई!

मैंने डर गया और मैंने फट से लंड निकाल लिया.

दीदी- ओहह राज!
मैं- सॉरी दीदी.
दीदी- क्यों निकाला … फिर से लगा.

मैंने दीदी को किस किया और फिर वापस चुत पर लंड सैट करके धक्का दे मारा. इस बार मैंने धीमे से धक्का लगाया था. दीदी को दर्द तो हुआ, पर वो इस बार चिल्लाई नहीं. मैं थोड़े से लंड को ही दीदी की चुत में अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ ही धक्कों के बाद दीदी कामुक आवाजें करने लगीं. मैंने दीदी को देखकर स्माइल किया. दीदी ने अपने हाथ से अपनी चूचियां दबा कर मुझे आंख मार दी. उनकी इस अदा को देखकर मेरा जोश बढ़ गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. कुछ तेज गति से चुदाई शुरू हो गई. दीदी की मादक आवाजें भी बढ़ गईं.

मैं पूरे जोश से धक्का मारने में लगा था. इस समय मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत में घुस चुका था. दीदी चिल्लाने लगीं, लेकिन मैंने अपनी स्पीड को कम नहीं किया.

दीदी- ओहह आह ओह … राज धीमे करो … राज तुम्हारा बहुत बड़ा है … आह … तुम बहुत तेज भी कर रहे हो … आह स्लो … उम्मह.

मैंने उनकी आवाजों को अनसुना किया और तेज़ी से दीदी को चोदने में लगा रहा. दीदी अब और जोरों से कामुक आवाजें निकाल रही थीं. दीदी आवाज़ कमरे से बाहर तक जा रही थीं और मैं समझ गया कि जीजा जी भी आवाजें सुन रहे होंगे.

दीदी लगातार दर्द के मारे जोरों से कामुक आवाजें निकाल रही थीं और मुझे धीमे करने को कह रही थीं … लेकिन मैं तेज़ी से दीदी की चुदाई कर रहा था. दीदी ने दर्द के मारे चादर पकड़ लिया.

दीदी- ओहह भाई प्लीज़ स्लो करो … यू आर सो हार्ड … उहह आहह राज मुझे दर्द हो रहा है … उहह आहह मैं तुम्हारी बहन हूं.

अभी कमरे में घमासान चुदाई से फच फच फच की आवाज़ गूंजना शुरू हो गई थीं. मैं अपनी सगी बहन को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था. वो अपने दांतों से होंठों को दबाए हुए मेरे लंड के झटके झेल रही थीं. दीदी को भी समझ आ गया था कि अब मैं रुकने वाला नहीं हूं.

दस मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया और दीदी को भी थोड़ी राहत मिल गई.

फिर मैंने दीदी के ऊपर से हटकर, वीर्य भरे कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया और दीदी के पास लेट गया.

आज मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार इतना बढ़िया अनुभव किया था. एक भाई ने बहन को चोदा था.

मेरे बाजू में दीदी दर्द के मारे सिसियाते हुए अपनी चुत को सहला रही थीं. मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था कि आज मैंने अपनी सगी दीदी के साथ सेक्स किया है … वो भी जीजा जी की मर्जी से.

कुछ पल बाद मैंने अपने लंड को टिश्यू पेपर से साफ किया और दीदी को टिश्यू पेपर दे दिया.

मैं- सॉरी दीदी.
दीदी मुझसे कुछ नहीं बोलीं और चुपचाप बेड पर लेटी हुई चुत सहलाती रहीं. मुझे लगा शायद दीदी मुझसे नाराज हो गई हैं.

मैं- सॉरी दीदी अपने आपको कन्ट्रोल नहीं कर पाया.

दीदी ने मेरी तरफ देखकर हल्के से आंखें खोलते हुए कहा- इट्स ओके … मैं समझ सकती हूं … लेकिन तुमने बहुत ज्यादा दर्द दिया.
मैं- सॉरी दीदी.
दीदी- वैसे तुमको कैसा लग रहा है?
मैं- बहुत अच्छा और आपको!
दीदी- मुझे दो साल में पहली बार इतना मजा आया है.

हम दोनों अपनी सांसें नियंत्रित करते हुए मौन हो गए.

अभी मैं सिर्फ चुदाई के बारे में सोच रहा था. साथ ही मैंने फिर से अपने लंड सहलाने लगा.

दीदी- राज अब हमें सो जाना चाहिए.

मेरा मन अभी फिर से चुदाई करने का था, लेकिन मैंने ओके कह दिया. तब भी आज हम दोनों भाई-बहन खुश हो चुके थे.

फिर दीदी ने कमरे की बड़ी लाइट ऑफ़ कर दी और नाइट लैंप ऑन कर दिया. मैंने दीदी के बदन पर अपना हाथ रख दिया.

मैं- दीदी एक बात पूछूँ?
दीदी- क्या?
मैं- जीजा जी को क्या प्रॉब्लम है.
दीदी- एक तो उनका लंड बहुत छोटा है. दूसरे तुम्हारे जीजा जी को एक बिमारी है जिसकी वजह से और वो ज्यादा देर टिक भी नहीं पाते हैं. वैसे तुम्हें देखकर लग नहीं रहा था कि तुम पहली बार सेक्स कर रहे हो.
मैं- तारीफ के लिए थैंक्यू दीदी.

दीदी- आज तुमने मेरा यह हाल कर दिया, तो तुम अपनी गर्लफ्रेंड दिशा का क्या हाल करोगे.
मैं- पता नहीं … मुझे उसके साथ सेक्स करने का मौका कब मिलेगा.
दीदी- हम्म … अब सो जा.

फिर दीदी सो गईं और मैं अपनी आंखें बंद करके दिशा के बारे में सोचने लगा. फिर न जाने मेरी आंख कब लग गई और मैं गहरी नींद में सो गया.

जब मैं सुबह उठा, तब दीदी कमरे में मौजूद नहीं थीं. मैं कपड़े पहनकर अपने कमरे में गया, फिर बाथरूम में नहाने चला गया. उसके बाद बीस मिनट बाद तैयार होकर बाहर आया, तो जीजा जी और दीदी नाश्ता कर रहे थे. मैं भी नाश्ता करने के लिए बैठ गया.

जीजा जी- गुड मॉर्निंग.
मैं- गुड मॉर्निंग.
जीजा जी- कैसी रही कल की रात?
मैं- अच्छी रही.
जीजा जी- कल रात अपनी दीदी को बहुत प्यार किया … कमरे से बाहर आवाज़ सुनाई दे रही थी. भाई ने बहन को चोदा जमकर?

जीजा जी की बात सुनकर में थोड़ा सा शर्मा गया और दीदी की ओर देखने लगा. दीदी भी मुस्कुराते हुए मेरी ओर देख रही थीं.

जीजा जी- राज, हम अभी घूमने जाने वाले हैं.
मैं- गुड आईडिया.

फिर नाश्ता खत्म करके मैं और जीजा जी हॉल में बैठ गए और दीदी नहाने के लिए कमरे में चली गईं.

जीजा जी- तो साले साहेब … कैसा लगा पहली बार सेक्स का अनुभव करके?
मैं- बहुत बढ़िया … ये मेरी जिंदगी का सबसे मस्त दिन था.
जीजा जी- इस बार नायरा तुम्हारी है. अपनी दीदी को अच्छी तरह से खुश करना.

मैं- जरूर … वैसे आप कल कब सोए थे.
जीजा जी- जब तुम अपनी दीदी को पेल रहे थे, तब मैं नशे में तुम्हारे कमरे जाकर सो गया था. मेरा मन तो कर रहा था कि तुम दोनों को देखने कमरे में आऊं, लेकिन बाद में सोचा कि इससे तुम दोनों डिस्टर्ब हो जाओगे.

हम जीजा-साले इधर उधर की बातें कर रहे थे, थोड़ा बहुत मजाक भी कर रहे थे. तभी दीदी तैयार होकर आ गईं. इस समय दीदी इस ड्रेस में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थीं.

फिर कुछ देर बाद हम तीनों घर से बाहर निकल गए. कार में दीदी और जीजा जी आगे बैठ गए और मैं पीछे बैठ गया.

जीजा जी कार ड्राईव कर रहे थे. तभी मुझे रात में दीदी की चीखें याद करके ख्याल आया कि इधर वॉचमैन भी मौजूद होता है, उसने भी आवाजें सुनी होंगी. लेकिन फिर अंदाजा लगाया कि मेनगेट और घर के बीच की दूरी थोड़ी ज्यादा है और वैसे भी घर इतना बड़ा था कि आवाज़ यहां तक नहीं आई होगी.

मेरे आने से पहले दीदी ने काम वाली बाई को भी एक हफ्ते की छुट्टी पर भेज दिया था.

तभी मेरे मोबाइल पर दिशा का कॉल आया और मैं उससे बात करने लगा. करीब बीस मिनट तक बात करने के बाद मैंने कॉल रख दिया.

जीजा जी के साथ हम तीनों, पूरा दिन घूमे … थोड़ी सी शॉपिंग भी की. एक पल ऐसा आया जब जीजा जी हमसे कुछ पीछे रह गए थे. मैं दीदी को देखने लगा. आज मैं दीदी को बड़ा खुश देख रहा था. उसी समय दीदी ने भी मेरी तरफ देखा और हंस कर उन्होंने मुझे गाल पर किस भी कर दी. लेकिन बाद में जीजा जी आ गए, इसलिए मैं दीदी को रिटर्न गिफ्ट नहीं दे सका.

उसके बाद दीदी ने घर का सामान, सब्जी और दूसरी जरूरी चीजें खरीद लीं. फिर हम तीनों ने डिनर बाहर करने का प्लान किया.

जीजा जी बोले- चलो, आज अपने रेस्टोरेंट में ही डिनर करते हैं.

हम सब उनके रेस्टोरेंट में आ गए. रेस्टोरेंट एकदम आलीशान बना हुआ था. ये रेस्टोरेंट जीजा जी के फाइव स्टार होटल की तरह ही था. फिर हम तीनों डिनर करके घर आ गए. घर आकर मैं और जीजा जी टीवी पर फिल्म देखने लगे. दीदी सारा सामान रखने लगीं और उसके बाद वो नहाने चली गईं.

करीब आधे घंटे बाद दीदी मेरे पास आकर बैठ गईं. इस समय दीदी ने एक लोवर और टी-शर्ट पहना हुआ था, जिसमें दीदी का हॉट फिगर एकदम मस्त लग रहा था.

रात के ग्यारह बज गए थे. जीजा जी को नींद आ रही थी, इसलिए वो सोने के लिए अपने कमरे में चले गए.

मैं और दीदी टीवी देख रहे थे. तभी सामने टीवी पर फिल्म में एक रोमांटिक सीन आ गया और मैंने दीदी की जांघ पर हाथ रख दिया. दीदी ने भी कुछ रिएक्ट नहीं किया.

मैंने दीदी की जांघ में अपना हाथ उनकी चुत की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया. दीदी ने भी अपनी जांघों को खोल दिया और मुझे उनकी चुत की फूली हुई फांकें फड़फड़ाती हुई महसूस होने लगीं.

उसके बाद दीदी ने वासना भरी निगाहों से मेरी तरफ देखा और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे. तभी दीदी ने आगे बढ़ कर मेरे होंठों पर किस कर दिया और मैं भी दीदी का साथ देने लगा.
एक पल से भी कम समय में हम दोनों किस करने में मशगूल हो गए थे.

मुझे इस वक्त दीदी की चुदाई सर पर सवार हो गई थी. मैंने रिमोट उठा कर टीवी बंद कर दिया और उसी पल दीदी लपक कर मेरी गोदी में आ गईं. इस वक्त दीदी की चूचियां मेरे सीने की तरफ थीं, उनकी टांगें मेरे दोनों तरफ फैली हुई थी.

वो मुस्कराते हुए मुझे चूमने और चाटने लगीं. हम दोनों भाई-बहन बड़ी मस्ती से किस कर रहे थे. मेरे दोनों हाथ दीदी की मस्त गांड पर जमे थे. हम दोनों ब्वॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह किस कर रहे थे. मेरा लंड खड़ा होकर दीदी को छूने लगा था. दीदी समझ गईं कि मैं उनको चोदना चाहता हूं.
 

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मैं खाना खाने के बाद फोन पर पोर्न देखते हुए सो गया और करीब पांच बजे मेरी नींद खुली. मैं मुँह धोकर दीदी के कमरे में गया.

लेकिन दीदी कमरे में नहीं थीं और ना ही किचन में मौजूद थीं. इसलिए मैं घर के पीछे गया, जहां पर दीदी स्विमिंग पूल में नहा रही थीं. वो मेरी और देखकर मुस्करा दीं और मैं भी अपनी शर्ट और लोअर उतार कर स्विमिंग पूल में उतर गया. मैं तैरता हुआ दीदी के पास आ गया.

मैं दीदी के होंठों पर चूमने लगा और दीदी भी मेरा साथ देने लगीं. हम दोनों भाई बहन किस करने में मशगूल थे.

तभी जीजा जी की आवाज़ सुनाई दी- क्या बात है इधर तो भाई बहन की चुदाई की तैयारी हो रही है.
मैं और दीदी जीजा जी की ओर देखने लगे.

तभी जीजा जी भी अपने शर्ट पैंट उतार कर स्विमिंग पूल में आ गए और वे दीदी के पास आकर उन्हें किस करने लगे.

अभी मेरे सामने वे दोनों किस कर रहे थे. तभी मैं दीदी को पीछे से गर्दन को चूमने लगा. हम थ्री-सम किसिंग करने लगे थे. पीछे से मैं दीदी की गर्दन को चूम रहा था और आगे से जीजा जी अपनी बीवी को किस कर रहे थे. फिर दीदी मेरे होंठों को चूमने लगीं और जीजा जी दीदी के बदन को चूमने लगे.

हम जीजा-साले मिलकर दीदी को प्यार कर रहे थे. जीजा जी दीदी के होंठों को चूमने लगे और मैं दीदी की मस्त गांड को सहलाने लगा.

इस तरह करीब आधे घंटे तक हम तीनों रोमांस करते रहे. फिर स्विमिंग पूल से बाहर निकल आए. उसके बाद हम कमरे में चले गए. मैंने दूसरे कपड़े पहन लिए.

रात को डिनर करने के बाद करीब दस बजे हम तीनों टीवी बंद करके अपने कमरे में चले गए. मैं सुबह से दीदी को चोदने के लिए तड़प रहा था, लेकिन अभी हम दोनों भाई-बहन अलग-अलग कमरे में थे.

मुझे नींद नहीं आ रही थी. आखिर में मैं खड़ा होकर दीदी के कमरे की ओर चला गया. मैंने दरवाजा नॉक किया. जीजा जी ने दरवाज़ा खोला. वो मेरे सामने नग्न अवस्था में थे और दीदी भी बेड पर नग्न अवस्था में लेटी थीं.

जीजा जी का लंड सच में मेरे लंड से बहुत छोटा था, मानो कोई छोटे से बच्चे का लंड हो. जीजा जी को समझ आ गया था कि मैं इधर क्यों आया हूं.

जीजा जी- क्यों साले साहेब, अपनी दीदी की याद आ गई.
मैं- हां .. लेकिन मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ. डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी.
जीजा जी- अरे यार अन्दर आ जा, मेरा काम जल्दी खत्म हो जाएगा. बाद में तुम अपनी दीदी के साथ मजा करते रहना.

दीदी ने भी कहा- हां राज अन्दर आ जाओ.
फिर मैं अन्दर आ गया और दीदी ने मुझे सेक्सी स्माइल दी.

मैं सामने कुर्सी पर बैठ गया और जीजा जी लंड पर कंडोम पहनने लगे. लंड पर कवर चढ़ा कर जीजा जी दीदी के ऊपर चढ़ गए और मेरी बहन को किस करने लगे. उसके बाद जीजा जी ने अपना छोटा सा लंड दीदी की चुत पर सैट किया और धक्का लगा दिया. जिससे उनका टुन्नू लंड चुत में घुस गया.

दीदी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मैंने इनमें दो दिन में दीदी की चुत की अच्छी तरह से फैला दिया था.

अभी मेरे सामने जीजा जी दीदी को चोद रहे थे और जीजा जी के धक्के मारने की स्पीड भी कम थी. दीदी जीजा जी से चुदते हुए मेरी ओर देख रही थीं.

मैंने देखा जीजा जी मुश्किल से तीन चार मिनट तक ही दीदी चोद पाए और हांफते हुए झड़ गए. उसके बाद वो दीदी के ऊपर से हट गए.

जीजा जी हांफते हुए बोले- राज अब नायरा तुम्हारी है. अपनी दीदी को अच्छे से खुश करना.
मैं- आज तो दीदी की अच्छी तरह से सेवा करूंगा.

दीदी- तुम दोनों मुझे रांड समझते हो, जो जब मन किया, चोद लिया.
जीजा जी- ऐसा बिल्कुल नहीं है नायरा. ये मैं तुम्हारी ख़ुशी के लिए ही करता हूँ.
ये कह कर जीजा जी बाथरूम में चले गए.

मैं खड़ा होकर अपने कपड़े निकालने लगा और दीदी की ओर देखकर मैंने फ्लाइंग किस की.

फिर मैं पूरा नंगा होकर कंडोम पहनकर दीदी के ऊपर चढ़कर किस उन्हें करने लगा. दीदी तो इस समय पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं लेकिन मैं अपने हथियार को चुदाई के लिए तैयार कर रहा था. हम दोनों भाई-बहन किस कर रहे थे.

उसी समय जीजा जी बाथरूम से बाहर आ गए और उन्होंने अपना कैमरा निकाल कर भाई बहन की चुदाई को रिकॉर्ड करना शुरू कर दी.

दीदी- आकाश, ये तुम क्या कर रहे हो?
जीजा जी- तुम भाई बहन की चुदाई की फिल्म बना रहा हूं. चल राज, जल्दी से अपनी दीदी की प्यास बुझा दे, कब से तेरी बहन तुम्हारा लंड चुत में लेने के लिए तड़प रही है.
दीदी- शटअप आकाश.

फिर वो जीजा जी को जलाने के लिए मुझसे बोलीं- चल भाई, जल्दी से लंड डाल दे अपनी बहन की चुत में … और फाड़ डाल चुत को.
मैं- जो हुकुम मेरी प्यारी सेक्सी बहना.

फिर मैंने दीदी की चुत पर लंड रखकर धक्का लगा दिया. मेरा सरसराता हुआ दीदी की चुत में सरक गया और मैं धीमे धीमे करके दीदी की चुदाई करने लगा. मैं अपनी दीदी को मजे से चोद रहा था और दीदी चुदते हुए कामुक आवाज़ निकाल रही थीं. सामने जीजा जी हम दोनों भाई-बहन के चुदाई के खेल को रिकॉर्ड कर रहे थे.

कुछ देर मिशनरी पोज में दीदी को चोदने के बाद मैंने दीदी के दोनों पैर ऊंचे करके चुत चौड़ी कर दी. फिर चुत पर लौड़ा टिका आकर अन्दर तक पेल दिया. दीदी मदहोश होकर अपने भाई के लंड से चुद रही थीं. पहली बार मैं ऊपर चढ़ कर दीदी को पेल रहा था और अब सन्नी लियोनी की उनकी टांगें हवा में उठा कर तरह दीदी को पेलने लगा था.

दीदी- ओहहह याह आहह ओह उहह ओहहह राज फक फक याह यस.
जीजा जी- कम ऑन राज … फक फास्ट योर सिस्टर.

कुछ देर यूं ही चोदने के बाद मैंने दीदी को घोड़ी बना दिया और दीदी की मस्त गांड पर चपत लगाकर पीछे से उनकी गांड में लंड घुसा कर जोरों से कमर पकड़कर धक्के मारने लगा.

दीदी की तेज कराहें निकलने लगीं. शायद दीदी को गांड मराने की आदत थी, इसलिए मेरा लंड गांड में लेने से उनको बहुत ज्यादा तकलीफ नहीं हुई थी.

मैं धकापेल दीदी की गांड मारने में लगा था.

जीजा जी- क्या बात है राज … तूने तो नायरा की गांड भी मार ली.
दीदी सिसियाते बोलीं- यह सिर्फ राज के लिए है … मेरी गांड पर तुम नजर भी मत डालना … ओहहह उह आह यह ओह यस.
मैंने दीदी से पूछा- आपने गांड किससे खुलवाई थी?

दीदी हंस दीं. फिर जीजा जी इस रहस्य से पर्दा हटाते हुए बताया कि डिल्डो से इसने अपनी गांड खोली है.
मैं समझ गया और फिर से दीदी की गांड मारने लगा.

जीजा जी को हम भाई बहन की चुदाई देखने में मजा आ रहा था. करीब बीस मिनट लगादार चुदाई के बाद मैं जब थक गया तो तीन-चार धक्के मारके मैंने लंड निकाल लिया और वीर्य भरे कंडोम को डस्टबिन में फेंक कर खड़ा होकर बाथरूम में चला गया. उधर पेशाब करके मैंने लंड को साफ किया और बाथरूम से बाहर आ गया.

तब जीजा जी दीदी के पास लेटे हुए कैमरे में रिकॉर्ड की हुई भाई बहन की चुदाई फिल्म को चैक कर रहे थे. मैं दीदी की दूसरी ओर लेट गया. उसके कुछ देर बाद हम तीनों सोने लगे. इस समय हम तीनों नग्न थे, जिसमें दीदी के एक ओर पति थे, तो दूसरी ओर उनका नंगा भाई लेटा था.

मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैं सोचने लगा था. पहली बार दीदी मुझसे चुदते हुए दर्द से चिल्ला रही थीं और अब वो मेरे लंड को चुत में लेने के लिए आदी हो गई थीं.

मैंने यही सब सोचते हुए दीदी के मम्मों पर अपने हाथ रख दिए और उन्हें सहलाते हुए सोने की कोशिश करने लगा. मुझे न जाने कब नींद आ गई, कुछ पता ही न चला.

जब सुबह मैं उठा, तब कोई बाथरूम में नहा रहा था इसलिए मैंने कन्फर्म करने के लिए जीजा जी का नाम लिया.

दीदी- राज उठ गए, अन्दर मैं हूँ. तुम्हारे जीजा जी बाहर हैं.
मैं- दीदी मुझे भी आपके साथ नहाना है. प्लीज़ दरवाजा खोलो ना.

दीदी ने दरवाज़ा खोल दिया और मैं अन्दर घुस गया. दीदी ने दरवाज़ा बंद कर दिया और मैं दीदी को किस करने लगा.
दीदी को सुबह सुबह ताजगी भरे बदन से मस्ती करने का मन कर रहा था. मैं दीदी के बदन से खेलने लगा. दीदी भी मुझे साथ देने लगीं.

फिर मैंने दीदी की कमर पर अपने दोनों हाथ रखकर उनकी आंखों में देखा.

मैं- दीदी.. क्यों ना हम अब कुछ नया करें.
दीदी- मतलब!
मैं- नया मतलब.. हम दोनों एक दूसरे के सेक्स की फैन्टेसी पूरी करते हैं.
दीदी- मतलब अब तुम अपनी दीदी को रांड बनाना चाहते हो.
मैं- आप तो मेरी प्यारी बहना हैं.

दीदी- ठीक है. चल बता मेरे प्यारे भाई की क्या इच्छा है?
मैं- सबसे पहली जब हम तीनों टीवी देख रहे होंगे, तब आपको जीजा जी के सामने मेरा लंड चूसना है.
दीदी- तू अपने जीजा जी के सामने मुझे चोद तो चुका ही है.

मैं- तो अब आप बताओ.
दीदी- मैं चलती कार में सेक्स करना चाहती हूं.
मैं- ओके मैं चाहता हूं कि आप कार में मेरे ऊपर चढ़ कर चुदें.
दीदी- और मैं एक दिन घर में दिन भर नग्न अवस्था में रहना चाहती हूं.
मैं- सेम हियर … और मैं आपको एक बार गर्लफ्रेंड बनाकर शहर में घुमाना चाहता हूं.

ऐसे हम भाई-बहन अपनी इच्छाओं एक दूसरे को बता रहे थे. फिर मैंने बाथरूम में ही दीदी को कुतिया बना कर चोदा और नहाकर मैं अपने कमरे में आ गया.

कुछ देर बाद कपड़े पहनकर मैं बाहर आ गया. उधर हम तीनों ने साथ में ब्रेकफास्ट किया. फिर मैं और जीजा जी टीवी देखने लगे.

आधे घंटे बाद दीदी मेरे पास आकर बैठ गईं. मैंने उनको देखा तो दीदी अपने कोमल हाथ से मेरी जांघ को सहलाने लगीं. मुझे पता था कि दीदी का क्या इरादा है. तभी दीदी ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया और पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगीं.

जीजा जी ये देख रहे थे कि दीदी मेरे लंड को ऊपर से सहला रही थीं.

जीजा जी- साले साहेब लगता है तुम्हारी दीदी फिर से प्यासी हो गई है.
दीदी, जीजा जी ओर देखते बोलीं- हां, आजकल मुझे बहुत प्यास लगती है.

दीदी के छूते ही मेरा लंड लोवर में खड़ा हो गया. दीदी ने अब ऊपर से मेरे लोवर को नीचे कर दिया. मैं उनकी मदद के लिए थोड़ा ऊंचा हो गया जिससे दीदी ने लोवर और मेरी चड्डी को नीचे कर दिया. मेरा लंड हवा में झूलने लगा. दीदी ने लंड को हाथ से पकड़ा और सहलाने लगीं.

दीदी इस समय बेशर्म होकर अपने पति के सामने अपने भाई के लंड को सहला रही थीं.

जीजा जी ये सब देख रहे थे. उन्होंने कहा- कभी इसी तरह से अपने पति की भी सेवा कर लिया करो.

दीदी ने मेरा लंड हिलाया और जीजा को उलाहना देते हुए कहा- इसके लिए इतना बड़ा हथियार होना चाहिए.
मैं- जीजा जी, दीदी ब्लोजॉब बढ़िया करती हैं.
जीजा जी की ठंडी आह निकल गई.

फिर दीदी ने हम दोनों की ओर मुस्कुराकर देखा और मेरे खड़े लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. इससे मैं धीमे से सीत्कार करने लगा. मैं अपनी बहन से लंड चुसवाते हुए जीजा जी की ओर देख रहा था.

तभी जीजा जी ने उंगलियों के इशारे से मुझे सुपर कहते हुए उत्साहित किया.
मैं- उहह आहह … दीदी यू आर सो सेक्सी.

मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और दीदी के बाल को पकड़कर उनके मुँह में लंड अन्दर बाहर करते हुए सीत्कार करने लगा.
तभी दीदी ने भी अपनी टी-शर्ट निकालकर फेंक दी. उन्होंने मेरा पैंट और चड्डी को भी निकाल दिया.

उसके बाद वो मेरे सामने घुटने के बल बैठकर लंड चूसने लगीं. जीजा जी दीदी को लंड चूसते हुए देख रहे थे. तभी उनका फोन बजा और वो बात करने के लिए कमरे में चले गए.

दीदी ने इस समय ब्रा भी नहीं पहनी थी. दीदी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं. इधर में मदहोशी की हालत सीत्कार कर रहा था. दीदी मेरी आंखों में देखते हुए मेरा लंड चूस रही थीं. इधर मेरे अन्दर की आग बढ़ती ही रही थी.

दीदी- ओह गॉड आई एम सकिंग माय ब्रदर्स डिक … सो क्रेजी.
मैं- उहह अह आहह उह.

पांच मिनट तक दीदी मेरे लंड अच्छी तरह से चूसती रहीं, फिर वो खड़ी हो गईं और उन्होंने मेरे सामने अपना लोवर और पैंटी निकाल दी. उसके बाद दीदी मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे किस करने लगीं.

दो-तीन मिनट किस करने के बाद मैंने दीदी की चुत में लंड सैट किया और दीदी घचाक से लंड पर बैठ गई. फिर वो खुद मेरे लंड पर सवार होकर चुदने लगीं. इधर मैं दीदी के चूतड़ों को मसल रहा था और दीदी को ऊपर नीचे कर रहा था.

दीदी- उहह ओहह यस आहह ओहह फक याह आह.
मैं- ओह गॉड … आई एम फकिंग माय सिस्टर.

दीदी मुस्करा कर मुझे किस करने लगीं. मैं दीदी की चिकनी चुत में पूरा लंड डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था.

करीब दस मिनट तक दीदी मेरे ऊपर लंड पर सवार होकर चुदती रहीं. फिर वो ऊपर से हटकर सोफे पर डॉगी स्टाइल में हो गईं. मैंने दीदी की मस्त गांड में लंड पेल कर उनकी गांड मारने लगा. इससे पहले तो मुझे अपनी दीदी को चोदने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता था.. मगर अब लंड आसानी से उनकी गांड चुत में घुसने लगा था.

दीदी- ओहह भाई … फक फक हार्ड योर सिस्टर आहह ओहह … यस याह आहह उहह ओहह मजा आ रहा है.

मैं दीदी के चूतड़ों पर चपत मारते हुए लंबे झटके मारने लगा और दीदी कामुक आवाज निकालने लगी थीं- आहह राज … मेरे चूतड़ों पर चपत मत मार साले.. मैं कोई रांड नहीं हूँ मैं तेरी बहन हूँ कमीने.

मैं उनके चूतड़ों पर और जोर से चपत मारते हुए उनको चोदने लगा- साली रांड बोल … तुम मेरी रांड हो.
दीदी- बहनचोद, धीरे चोद … मां के लौड़े … तेरे जीजा जी पास ही कमरे में हैं.
मैं फिर चपत मारते हुए बोला- जल्दी बोल कुतिया.. मैंने सुना नहीं.
दीदी- ओके साले … मैं तेरी रांड हूँ.

अब मैंने दीदी के चूतड़ों पर चपत मारना रोक दिया. लेकिन अब तक दीदी की गांड लाल हो चुकी थी. करीब बीस मिनट की गांड चुदाई के बाद अब मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया था.

मैं- दीदी मैं झड़ने के लिए तैयार हूँ.
दीदी- अन्दर मत निकलना कुत्ते. मैं मुँह में लूँगी.

ये सुनकर मैंने लंड निकाल लिया और उसी पल दीदी मेरे सामने घुटने के बल बैठ गईं. मैं लंड की मुठ मारने लगा. एक दो पल में ही मेरा वीर्य दीदी के मुँह में गिर गया.

उसके बाद दीदी ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और दो मिनट तक चूसती रहीं. मेरा लंड रस दीदी ने खा लिया था. वो भी एक पक्की रंडी की तरह मम्मे हिलाते हुए खड़ी होकर कमरे में चली गईं.
 

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दीदी कमरे में जाते हुए बड़बड़ा रही थीं- ओह गॉड … साला कितना पागल है … मगर बड़ा मजा देता है.

उनके जाते ही मैं सोफे पर थककर बैठ गया.

उस दिन मैं अपने कमरे में जाकर सो गया. जब शाम को दीदी किचन में खाना बना रही थीं. तब मैं किचन में गया और पीछे दीदी की गांड को सहला कर उनसे पीछे से चिपक गया.

दीदी- क्या बात है … आजकल अपनी दीदी पर बहुत प्यार आ रहा है.
मैं- आप हो ही इतनी सेक्सी कि आपको देखकर मेरा दिल जोरों से धड़कने लगता है.
दीदी- ज्यादा मक्खन मत लगा, मैं अच्छी तरह से तेरे इरादे समझती हूं. वैसे अभी मेरा मूड नहीं है … इसलिए आज तुमको अपनी दीदी के बिना ही सोना पड़ेगा … आज नो सेक्स.

मैं- डोन्ट वरी दीदी … मैं दो मिनट में आपका मूड फर्स्ट क्लास कर दूंगा.
दीदी ने स्माइल करके कहा- आज की रात तो अपनी दीदी को आराम करने दो … कल जितना मन करे, दीदी को चोद लेना.
मैं- आपका हुकुम आंखों पर.
दीदी- चल अब बाहर जा … मुझे खाना बनाने दे.

फिर मैं अपनी दीदी की गांड पर धीमे से चपत मारके बाहर चला गया और जीजा जी के पास सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा.

हम सभी ने रात का खाना साथ में खाया और उसके बाद में अपने कमरे में आ गया.

दीदी और जीजा जी अपने कमरे में एक दूसरे की बांहों में लेटे हुए बातें कर रहे थे.

आकाश जीजा जी- नायरा अब तो तुम खुश हो न!
नायरा दीदी- बहुत ज्यादा.

आकाश- वैसे राज को मानना पड़ेगा, साला चुदाई के मामले में गुरू है.
नायरा- इन दो तीन दिन में राज ने मुझे सेक्स का आदी बना दिया. पता नहीं उसके जाने के बाद मेरा क्या होगा.

आकाश- देख नायरा, मुझे तुम दोनों भाई-बहन से कोई आपत्ति नहीं है. तुम जब चाहो, उसके साथ सेक्स के मजे कर सकती हो. वैसे भी मुम्बई इतना दूर नहीं है. बस इस सेक्स लाइफ की वजह से हमारी जिंदगी में कभी कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए … और हां ये बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.

नायरा- डोन्ट वरी मेरे प्यारे पति … किसी को नहीं पता चलेगा. थैक्स फॉर एवरीथिंग.
आकाश- क्या बात है … आज राज अपनी दीदी से मिलने नहीं आया.
नायरा- आज मैंने उसको मना कर दिया था … क्योंकि आज मैं आराम करना चाहती हूं.

जीजा जी ने हामी भरते हुए उनको अपनी बांहों में समेट लिया और वे दोनों सो गए.

फिर दूसरे दिन सुबह हम तीनों साथ में ब्रेकफास्ट कर रह थे. मैंने कल ही जीजा जी को हम भाई-बहन की फैन्टेसी के बारे में बता दिया था, जिसमें जीजा जी को कोई आपत्ति नहीं थी.

जीजा जी- राज ब्रेकफास्ट के बाद हम घूमने जाएंगे, इसलिए तुम तैयार हो जाना.
मैं- ओके.

ब्रेकफास्ट करके हम तीनों तैयार होने के लिए अपने कमरे में आ गए. उसके बाद में बाथरूम में नहाकर तैयार होकर बाहर आ गया. मैं और जीजा जी बस दीदी के आने का इन्तजार कर रहे थे. करीब बीस मिनट बाद दीदी तैयार होकर बाहर आ गईं. इस समय दीदी इस ड्रेस में खूबसूरत लग रही थीं मानो धरती पर अप्सरा उतर आई हो.

मैं- दीदी, इस ड्रेस में आप बहुत खूबसूरत लग रही हो.
जीजा जी- एकदम तमन्ना भाटिया की तरह सुंदर और सेक्सी.
दीदी- तारीफ़ के तुम दोनों को थैंक्स.
जीजा जी- नायरा आज का दिन बहुत लंबा होने वाला है.
दीदी- क्यों?
जीजा जी- क्योंकि आज तुम्हारी इच्छा पूरी हो जाएगी.

दीदी ने इस बात पर मेरी ओर घूरकर देखा. मैंने उनको आंख मार दी.

फिर हम तीनों कार में बैठ गए और घर से निकल गए. जीजा जी कार चला रहे थे. मैं और दीदी पीछे बैठे थे. कार में म्यूजिक भी चल रहा था. दीदी का इतना हॉट अंदाज देखकर मेरा मन विचलित हो रहा था. दीदी फोन इस्तेमाल कर रही थीं. मैंने दीदी को अपने पास खींचा. जैसे दीदी ने मेरी ओर देखा, मैंने दीदी के होंठों पर किस कर दिया.

दीदी- ये क्या था?
मैं- अपने आपको कन्ट्रोल नहीं कर पाया.
जीजा जी- क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं.

दीदी को देखकर मेरा चुदाई का मन कर रहा था, लेकिन अभी सही समय नहीं था. हम सभी पहले होटल गए … क्योंकि जीजा जी को वहां पर कुछ काम था. आधे घंटे बाद हम वहां से निकल गए और उसके बाद हम दिल्ली शहर घूमने लगे.

वैसे तो मैं कई बार दिल्ली शहर घूम चुका हूं … लेकिन आज दिल्ली शहर की बात ही कुछ और लग रही थी. अभी ऐसा लग रहा था कि मानो दीदी के साथ पति और ब्वॉयफ्रेंड दोनों साथ में हैं.

दिल्ली में हम पूरा दिन अलग-अलग जगह पर घूमते रहे. उसके बाद हम शाम के छह बजे मूवी देखने के लिए थियेटर में गए. दीदी के पास जीजा जी बैठे थे मैं उनके पास बड़ी शालीनता से बैठा था ताकि किसी को कोई गलत शक ना हो.

मूवी देखकर बहुत मजा आया फिर रात के नौ बजे फिल्म खत्म करके हम जीजा जी के रेस्टोरेंट पर खाना खाने आ गए. आज पूरे दिन मैं दीदी की चुत चुदाई के लिए तड़पता रहा था.

जब हम रात को दस बजे डिनर करके घर आने लगे, तब मैं दीदी की जांघ को सहलाने लगा. इस समय हम दोनों के अन्दर आग लगी हुई थी … इसलिए दीदी और मैं एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे. जीजा जी को पता था कि अब आगे क्या (दीदी की चुदाई) होने वाला है, इसलिए उन्होंने एक रोमांटिक गाना बजा दिया. किस करते हुए दीदी मेरे लंड को सहलाने लगीं और मैं उनके मम्मों को सहला रहा था.

दस मिनट तक हम दोनों भाई-बहन रोमांस करते रहे. तभी दीदी ने मेरे पैंट की चैन खोलकर पैंट और चड्डी खिसकाकर मेरे लंड को हाथ में ले लिया. उसके बाद दीदी स्माइल करके मेरे लंड को चूसने लगीं.

हम जीजा साले एक दूसरे को देखकर स्माइल करने लगे और मैं अपनी बहन से लंड चुसवाते हुए धीमे से सीत्कार करने लगा.

कार की खिड़कियों के ऊपर काले सन कवर लगे थे, इसलिए बाहर से कोई भी हमें नहीं देख सकता था. जीजा जी ने भी अन्दर की लाइट लो करके जला दी थी. पांच मिनट तक दीदी मजे से मेरे लंड को चूसती रहीं, फिर दीदी अपनी सेक्सी ड्रेस उतारने लगीं और मैंने भी अपनी पैंट निकाल दी.

उसके बाद दीदी ने अपनी पैंटी भी उतार दी. दीदी को कार में ड्रेस उतारने में मैंने उनकी मदद की … ताकि वो पूरी नग्न हो सकें. अब वो सिर्फ लाल रंग की ब्रा पहने हुए मेरे सामने थीं. उसके बाद दीदी मेरे ऊपर गोद में बैठ गईं और मेरे होंठों को चूमने लगीं.

दो-तीन किस करने के बाद मैंने दीदी को थोड़ा ऊंचा किया ताकि मैं अपना खड़े लंड को अपनी बहन की चिकनी चुत पर सैट कर सकूं. दीदी ने भी कार में ही मेरा लंड चुत में लेकर अपनी पोजिशन बनाई और मजे लेकर धीमे से चुदने लगीं.

मेरे दोनों हाथ दीदी की मस्त गांड को मसल रहे थे. दीदी की इच्छा थी कि वो एक बार चलती कार में सेक्स करना चाहती हैं … और आज उनकी चुदाई की इच्छा पूरी हो गई.

हम भाई बहन चुदाई करते हुए एक दूसरे के होंठों को भी चूम रहे थे. हम भाई बहन कार में थे इसलिए धीमी गति से सेक्स कर रहे थे. जीजा जी कार चलाते हुए हम दोनों की चुदाई का खेल देख रहे थे. मैं दीदी की चिकनी चुत में लंड घुसाते हुए दीदी के मम्मों को ब्रा के ऊपर से सहला रहा था.

चुदाई का मजा लेते हुए हम सभी घर पर पहुंच गए. वॉचमेन ने गेट ओपन किया. उसके बाद जीजा जी कार अन्दर लेकर गए. हम दोनों भाई-बहन चुदाई में इतने मशगूल हो गए थे कि पता ही नहीं चला, कब घर पर पहुंच गए.

जीजा जी ने कहा- हम लोग घर पर पहुंच गए हैं.

तभी दीदी ने इधर उधर देखा और वो मेरे लंड के ऊपर से चुत हटाते हुए उतर गईं. उसके बाद हम दोनों बड़ी होशियारी से बाहर निकले कि वॉचमेन को पता ना चले.

जीजा जी ने मेनगेट का लॉक खोला और हाथ के थम्ब से इशारा किया. हम दोनों भाई बहन लगभग नंगे थे. इसलिए दौड़ कर घर में घुस गए.

घर में जाते ही मैंने दीदी को अपने बांहों में उठा लिया और उनको अपने कमरे में ले गया. कमरे की लाइट को ऑन किया और दीदी को बेड पर पटक दिया. दीदी मेरी और देखकर मुस्कराने लगीं. मैंने जल्दी से दराज ओपन करके वायग्ररा की टेबलेट ले ली.

दीदी- अरे वाह, आज अपनी दीदी की चुदाई के लिए वायग्ररा की जरूरत पड़ गई?
मैं- इसलिए ताकि मैं अपनी प्यारी नायरा बहन की अच्छे से चुदाई कर सकूं.

मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और उनके दोनों पैर ऊंचे कर दिए.
तभी जीजा जी कमरे में आ गए- राज तुम्हारे फोन पर तुम्हारे डैड का कॉल है.

जीजा जी फोन देकर चले गए और मैंने लंड हिलाते हुए फोन कान में लगा लिया.

मैं- हैलो डैड.
डैड- हाई … क्या कर रहे हो.

मैंने दीदी की ओर देखकर कहा- बस मैं और दीदी फिल्म देख रहे हैं और जीजा जी कमरे में जरूरी काम कर रहे हैं.
डैड- राज सुनो … तुम्हें कल मुंबई आना है.
मैं- क्यों.

मैंने फोन स्पीकर में रखकर दीदी को भी उनकी बात सुनाना ठीक समझा.

डैड- एक बहुत जरूरी काम है.
मैंने संकोच के साथ कहा- डैड क्या हुआ … आप और मॉम ठीक तो हो न!
डैड- हम दोनों ठीक हैं. तुम कल सुबह की फ्लाईट से मुंबई आ जाओ.

मैंने मायूस चेहरे के साथ कहा- ओके डैड.
डैड- जरा अपनी दीदी को फोन देना.

हम दोनों भाई-बहन नग्न अवस्था में थे और फोन स्पीकर पर था. मैं थोड़ा मायूस हो गया था. हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे की ओर देख रहे थे.

दीदी- हैलो डैड आप कैसे हो!
डैड- एकदम बढ़िया और तुम!
दीदी- आई एम आलसो फाइन … वैसे कल राज को मुंबई क्यों बुलाया जा रहा है?
डैड- उसके लिए एक जरूरी काम है, जो मैं अभी फोन पर नहीं बता सकता. वैसे राज ज्यादा तंग तो नहीं करता है न!
दीदी ने मजाकिया मूड में कहा- उसकी मजाक करने की आदत कभी कम हुई ही नहीं है … बल्कि अब तो वो और ज्यादा मजाकिया हो गया है.

इधर मेरे अन्दर वायग्ररा की गोली का असर होने लगा था और लंड पर आग बरस रही थी. इसलिए मैंने दीदी को फोन रखने का इशारा किया, लेकिन दीदी मेरी ऐसी हालत देखकर मुझे तड़पा रही थीं.

तभी मैंने बीच में डैड को कह दिया- डैड हमें फिल्म देखनी है.
ये सुनकर डैड ने बात खत्म करके कॉल रख दिया.

दीदी मेरी और सेक्सी अंदाज से देखने लगीं और फोन से तस्वीर लेने लगीं. फिर दीदी ने मजाक करते कहा- राज, अब तुम्हारे पास आखिरी रात बची है.
मैं- कोई बात नहीं … यह आखिरी रात सबसे लंबी होगी.
दीदी- मतलब?
मैंने दीदी को लेटाकर कहा- क्योंकि आज पूरी रात मैं आपको चोदने वाला हूं.

दीदी- तुम्हारे अन्दर इतना दम है!
मैं- हम दोनों में से जिसने पहले हार मान ली, वो जीतने वाले की एक बात मानेगा.
दीदी- ओके … अगर तुम जीते, तो तुम जो बोलेगे, वो मैं करूंगी … और अगर मैं …

ये कह कर दीदी स्माइल करने लगीं और मैं दीदी के ऊपर चढ़कर दीदी को किस करने लगा.

इन तीन-चार दिन में हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे के हो गए थे. मेरा लंड दीदी की चुत के लिए आदी हो गया था. जब तक दीदी की चुत में लंड नहीं डाल लेता, तब तक मुझे नींद नहीं आती थी. ऐसा ही हाल दीदी का भी हो गया था. वो भी मेरे लंड को चुत में लेने के लिए आदी हो गई थीं.

दीदी के बदन को चूमने के बाद मैंने उनकी चुत में लंड घुसा दिया. दीदी ने भी पूरी चुत खोल कर अपने भाई के लंड का स्वागत किया. मैं पूरे जोश में दीदी की चुत में धक्के लगाने लगा. आज की रात हम दोनों के लिए आखिरी चुदाई की रात थी. फिर पता नहीं कब सेक्स करने का मौका मिले, इसलिए हम दोनों पूरे मजे से चुदाई का आनन्द ले रहे थे.

दीदी- आहह उहह ओह यस फक फक ओह यस आहह ओह भाई चोद … उहह यू आर गुड फकर.
मैं- ओहह दीदी यू वांट हार्ड फकिंग!
दीदी- यस मेरे राजा.

मैं इस वक्त तेज़ी से दीदी की चुदाई कर रहा था. अलग-अलग पोजीशनों में मैं दीदी की चुदाई करता रहा. करीब बीस मिनट बाद दीदी मेरे ऊपर चढ़ गईं और अब वो खुद गांड उछाल कर अपनी चुत में लंड ले रही थीं. मैं दीदी की गांड को सहलाते हुए धक्के लगा रहा था.

फिर मैंने दीदी को घोड़ी बनने को इशारा किया. दीदी मुस्कराकर झट से घोड़ी बन गईं. मैं दीदी की कमर को पकड़कर जोर से धक्का लगाने लगा. मेरा पूरा लंड दीदी की मस्त गांड में अन्दर बाहर होने लगा था.

दीदी- ओहह राज उहह ओह यस फक यह आहह ओहह याह यस.

उस आखिरी चुदाई की रात में मैंने अलग-अलग आसनों में एक घंटे तक दीदी को चोदा और आखिर में दीदी की चुत को चोदते हुए उनके ऊपर ही हांफते हुए गिर गया. मेरा लंड कंडोम में ही झड़ गया था.

उसके बाद दीदी के पास थककर लेट गया. हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कराने लगे. दीदी खड़ी होकर बाथरूम में चली गईं.

मैं बहुत खुश था कि दीदी जैसी हॉट खूबसूरत सेक्सी औरत के साथ मुझे सेक्स करने का मौका मिला.

करीब पांच मिनट बाद दीदी बाथरूम से बाहर आ गईं और मेरे लंड को सहलाते हुए मुँह में ले लिया. कुछ देर लंड चूसने के बाद हम दोनों ने किस किया और सो गए. रात को करीब एक बजे हम दोनों ने चुदाई का दूसरा राऊंड शुरू कर दिया. ऐसे पूरी रात हम दोनों भाई बहन ने तीन बार चुदाई का मजा लिया.

फिर सुबह नौ बजे जब मैं दीदी और जीजा जी साथ में ब्रेकफास्ट कर रहा था.

तब जीजा जी पूछने लगे- वैसे कल रात अंकल का कॉल क्यों आया था?
नायरा- आज राज मुंबई जाना वाला है क्योंकि डैड राज को कोई सरप्राइज देने वाले हैं.
जीजा जी- मतलब कल रात तुम दोनों भाई-बहन बहुत मजे किए होंगे.
नायरा- यस.

जीजा जी- अब तो तुम्हें मजा नहीं आएगा.
नायरा- क्यों?
जीजा जी- क्योंकि आज तो तुम्हारा भाई चला जाने वाला है.
नायरा- इधर तुम तो हो?
जीजा जी- हां यह बात भी सच है.
जीजा जी- राज कबकी फ्लाइट है.
मैं- ग्यारह बजे की.

जीजा जी- मुंबई जाकर अपनी दीदी को बहुत मिस करोगे.
मैं- बहुत ज्यादा … वहां जाकर दो-तीन दिन बहुत मुश्किल से कटेंगे.

फिर दस बजे मैं अपना बैग लेकर बाहर आ गया, जहां कार के पास दीदी और जीजा जी मेरा इन्तजार कर रहे थे. मैंने दीदी को हग किया और हम दोनों एक बार लम्बा किस करने लगे.

दीदी- मिस यू भाई.
मैं- मैं भी आपको बहुत मिस करूंगा. थैंक्यू दीदी फॉर एवरीथिंग.
दीदी- सेम टू यू … तेरी वजह से आज मेरी लाइफ की एक कमी दूर हो गई.

फिर मैं कार में बैठ गया. जीजा जी मुझे एयरपोर्ट तक छोड़ने
 

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