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Thank youहां मेहनत बहुत मेहनत बिना ये आश लगाए जिसके लिए कर रहा हैं किया वो कभी उससे बेपनाह मोहब्बत कर पाएगा। पर इसको कौन समझाए जिसे पाने के लिए इतना कुछ किया वो तो उसका हो चुका हैं हाव भाव केयर करने का तरीका सब बदल चुका हैं। ये सोनल भी पुरी की पुरी झल्ली हैं। कोई इसके दिमाग को एक टपली मारो जिससे उसकी दिमाग सही ठिकाने पर आए। क्या कहीं रहीं थीं मैं राज के सीने पर क्यों सोई हूं राज देखेंगे तो क्या कहेंगे। अरे झल्ली कहेगा कुछ नहीं उल्टा ओर कस के सीने से चिपका लेगा और मस्त kiss ले लेगा। पगली पाती के छीन पर नहीं सोएगी तो क्या पड़ोसी के सीने पर सोएगी। चल हट झल्ली कहीं की।
ये सीन लाइफ में कभी भी हों सकता हैं। मोमेंट खुशी वाला हों या दुःख वाला। यही तो उतार चढ़ाव हैं जीवन का कब किया हों जाए कहा नहीं जा सकता कितने खुश थे दोनों लेकिन लग गया ग्रहण खुशी को, ये खुशी भी एक चंचल मुस्कान की तरह हैं कब आएं और चाली जाएं कहा नहीं जा सकता।
खुबसूरत शब्द ओर लेखक जबरदस्त तभी तो मन करता हैं कहूं अप्रतिम अपने स्टाइल में चश्मा लगाके पूरा हीरो माफिक।
Sonal jhalli toh hai hi. Par isme uski galti nhi hai. Kyoki pehle bhi uska dil ek baar toot chuka hai jab usko pata chala tha ke Raj Megha se pyaar karta hai. Isiliye woh ab risk nhi lena chahti.