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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–75





आखरी सीमा फार्मिंग की सीमा। इसके मध्य में एक बड़ा सा मिलिट्री बंकर था, जहां से हर सीमा की निगरानी से लेकर तरह–तरह के हथियार और बेहतरीन लड़ाका द्वारा पूरे क्षेत्र को नियंत्रण में रखा जाता था। फार्मिंग के इलाके में सैकडों कैदी वेयरवुल्फ थे। उनके खून से नशीले पौधों की सिंचाई की जाती थी। यहां हर वूल्फ को सिल्वर पट्टे डालकर जंजीर से बांधकर जमीन पर लिटा दिया जाता था। उनके नब्ज में 8-10 नीडल घुसकर, 8-10 खुले पाइप खेत के क्यारियों में छोड़ दिया जाता था। हर वूल्फ का ब्लड पाइप के जरिये मिट्टी तक पहुंचती। तीनों टीन वुल्फ फार्मिंग सर्कल के बॉर्डर पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे।


ओजल:- कमाल का वुल्फ साउंड था दोस्तो, वापस साउंड नहीं आया मतलब उन्हें वक़्त चाहिए, तबतक हाथ ना आओ, जबतक बॉस और रूही दीदी की आवाज ना सुनो।


अलबेली:- तो चलो बॉस और रूही वक़्त दिया जाये, जितना हम दे सकते है। आज जो कुछ भी ट्रेनिंग से सीखा है उसका प्रेक्टिकल देने क वक्त आ गया दोस्तों...


इवान:- सोचा था बाद में कभी कह दू, लेकिन मै कहे बिना रह नहीं पाऊंगा, क्या पता सब जब नॉर्मल हो तो मै हिम्मत जुटा पाऊं या नहीं, माझे आयुष्य अलबेली, आई लव यू…


दोनो लड़कियां इवान का मुंह देखने लगी, अलबेली हंसती… "ये कब हुआ, ना कोई सीन बना, ना कोई रोमांटिक-एक्शन मोमेंट क्रिएट हुआ, सीधा लव हो गया। ओजल तुझे कुछ समझ में आया।"..


ओजल:- लगता है एक्शन के एक्साइटमेंट में तुम्हे हग करके किस्स करना चाह रहा है। जल्दी इसे किस्स दे दे और काम पर लग जा, इस बारे में आराम से सोचेंगे।


अलबेली, इवान का कॉलर पकड़ कर अपने ऊपर खींचती.. "एक किस्स के लिए इतनी झिझक"… कहते हुए अलबेली ने इवान के कमर में हाथ डाला और होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगी।


तभी वहां खास किस्म का तेज और लाउड म्यूज़िक प्ले होने लगा। वेयरवोल्फ हंटर द्वारा प्रयोग में लाया जाना वाला एक आधुनिक हथियार। इसके धुन को कुछ इस प्रकार बनाया गया था जिसे सुनकर हर वुल्फ अपना सर पकड़कर वहीं बैठने पर मजबूर हो जाये। म्यूजिक के शुरू होते ही ओजल के चेहरे पर खिंचाव सा गया। ओजल दोनो को एक हाथ मारते… "केवल किस्स ही कर रहे थे ना, हरामियों गुम किधर हो। हमे फसाने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। आंह्हहह !! इनकी ये घटिया म्यूज़िक।"


इवान अपने बैग से इयर कैप निकला, खुद भी लगाया और दोनो को भी पहनने के लिये दिया। तीनों इयर कैप पहनकर वहीं नीचे जमीन पर सर पकड़ कर बैठ गये। थोड़ी ही देर में एक जीप भड़कर वहां शिकारी पहुंचे। शिकारियों ने उन्हें घेर लिया और सभी हंसते हुए जीप से नीचे उतरे… और आपस में बात करते.. "साला एक को पकड़ो और पुरा पैक हाथ लग जाता है। लेकिन ये पहला सर्किल कैसे पार किये।".... "पहले इनमे इलेक्ट्रिक शॉक प्रड्स (वो रॉड जिसके सिरे से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है) घुसा दे, फिर कल इसपर मीटिंग करेंगे।


तीनों के हाथ जमीन पर और हाथ में थी, म्यान के अंदर कैद कटाना। अलबेली ने एक छोटा इशारा किया और तीनों ने पूरी ताकत से, नीचे बैठे-बैठे उन लोगों के टखने पर, काटाने के म्यान से ऐसा हमला किया कि उनका टखना चूर हो गया।


तीनों एक साथ बिल्कुल ऊंचे सुर में लगातार वूल्फ साउंड निकलते.… "वूऊऊऊऊऊऊऊ"… "वऊऊऊऊऊ"… "वूऊऊऊऊऊऊऊऊ"… यह ललकार वाली वुल्फ साउंड थी। तीनो अपने दुश्मनों को चुनौती दे रहे थे। शिकारी और वेयरवुल्फ के बॉस ने जब यह वूल्फ साउंड सुना, बंकर से शिकारी और वोल्फ की पूरी टुकड़ी को आवाज के पीछे भेज दिया। इसके साथ दोनो सीमा के सुरक्षा कर्मी को भी इनके लगा दिया गया।


तीनों के कंधे तिकोने शेप में जुड़े थे जो बीच से एक ट्राइंगल का निर्माण कर रहा था। कटाना अपने म्यान से बाहर आ चुका था और तीनों एक दूसरे को कवर करते धीरे-धीरे अन्दर, उनके फार्मिंग एरिया के ओर बढ़ रहे थे। कुछ दूर चले होंगे तभी रॉस्ले अपनी टीम के साथ पहुंच गया। जानी पहचानी गंध पाकर अलबेली वूल्फ साउंड में दहारी, ऐसा जैसे वहां के बीटा को कंट्रोल कर रही हो। रॉस्ले और उसके साथ आये 10 वुल्फ अपनी जगह रुक गए, जिसमें कोई अल्फा नहीं था।


ओजल:- रॉस्ले हमसे दूर रहो वरना कटाना खुल चुकी है और अब ये दोस्त या दुश्मन नहीं देखेगी। आज रात सब आजाद होंगे।


इधर उस जगह के बॉस का पूरा ध्यान अपने 3 दुश्मनों पर था, जिसने वुल्फ को पागल बनाने वाले म्यूज़िक से खुद को बचाकर अंदर की ओर बढ़ रहे थे। उसके मोशन सेंसर पर तीनों वूल्फ की लोकेशन आ रही थी जो तिकोना बनाकर एक दूसरे को कवर करते हुए चल रहे थे। उस बॉस का पूरा ध्यान सीमा पर था और फार्म के अंदर रूही एक-एक करके बड़ी तेजी के साथ कैदी वूल्फ को खोल रही थी। लगभग 20 वुल्फ को वो छुड़ा चुकी थी, तभी वहां चारो ओर बड़ी-बड़ी लाइट जलनी शुरू हो गई। माईक पर एक खतरनाक अनाउंस…


"तुम्हारा कोई भी पैक हो, उसे तुम ले जाओ, हमे यहां वॉयलेंस नहीं चाहिए। लेकिन यदि तुम तीनों ने लड़ाई नहीं रोकी तो मै यहां कैद सभी वुल्फ को मारने में देर नहीं करूंगा। हम अपने आदमी पीछे कर रहे है, तुम अपना ट्राइंगल छोड़कर अपने पैक को पहचान लो, और यहां से लेकर जाओ।"


ओजल:- क्या करे.. ?


इवान:- टाइम पास ही तो करना है, ध्यान से फ़ैल जाओ और हवा को मेहसूस करो। हम अपने अलग-अलग पैक चुनेंगे। 14, 16 और 14 का पैक। साले को शॉक्ड दे दो।


तीनों ने ट्राइंगल तोड़ा और ऐतिहात से आगे बढ़ने लगे। बंकर के अंदर बैठा बॉस जैसे ही तीनों को रौशनी में देखा… "ये तो टीन वुल्फ है, कसिके पैक के वोल्फ है।"


साथ काम करने वाला एक अल्फा वुल्फ… "तीनों अल्फा है बॉस।"


बॉस शॉक्ड होते… "लेकिन 3 अल्फा वुल्फ एक साथ कैसे आ गये।"


अल्फा वुल्फ:- शायद अलग-अलग आये हो। अंदर के किसी ने मदद की हो और तीनों को साथ मिलकर लड़ने के लिये भेजा हो।


बॉस:- लड़ाई करके क्यों नुकसान बढ़ना जब खुद फसने चले आ रहे है। वुल्फ पॉयजन का ट्रनकुलाइजर तैयार करो, और तीनों को बेहोश करो, जल्दी।


बॉस का हुक्म मिलते ही अल्फा वुल्फ का इशारा हुआ और लगभग 20 ट्रंकुलाइजर एक साथ अलबेली, इवान और ओशुन के ओर बढ़ने लगे। तीनों की आंखें तो खुली थी लेकिन मन तो हवा की तरह बह रहा था। सामने से आ रही ट्रक्यूलाइजर को तीनों स्लो मोशन में बढ़ते हुये देख रहे थे, जबतक वो बुलेट शरीर तक पहुंचती, कटाना को इतनी तेज गति से आगे ओर घुमाया सभी ट्रानकलाइजर बर्बाद होकर भूमि पर गिर गया।


तीनों उस माहौल को थर्राते हुए एक बार फिर ऊंची-लंबी वोल्फ साउंड निकालते… "तूने क्या हमे शिकार समझ रखा है जो झांसे में आयेंगे।.. इस दहाड़ पर तो केवल थर्राया होगा, कहीं हमारे बॉस ने अपनी दहार सुनाई, फिर तुम शिकारियों का पेशाब निकल जायेगा।".. इवान ने धमकाया


ओजल:- बस कर इवान कहीं डर से ना मर जाये..


उस फार्म का बॉस.… "अभी तक तो मैंने सोचा था कि तुम्हे केवल बेहोश करके गुलाम बनाऊंगा, लेकिन तुम्हारी किस्मत में मरना लिखा है। सिल्वर बुलेट लोड करो और पूरी एक मैगजीन खाली होने पर ये तीनों नहीं मरे तो फार्म से किसी भी 3 वूल्फ की लाश गिरा देना। पिलर में फिट किये बड़ी–बड़ी नली वाले 20 हैवी गन बंकर में लगा था। एक मैगजीन मतलब लगभग 1000 राउंड का बड़ा सा चटाई लोड हो रहा था।


इधर बातचीत का दौर शुरू होते ही रूही अपने काम पर और तेज़ी से लग गयी। तभी फार्म में मौजूद हर वूल्फ को भूमि की सतह पर कुछ होने का एहसास होने लगा। चारो ओर जो हरे पौधे और उसके ऊपर का फूल लगा था, मुरझा कर झुलस गया। आर्यमणि खेत की मिट्टी में पूरा पंजा घुसाकर वहां के पूरे पोषण के साथ उसके अंदर के टॉक्सिक को भी खींच चुका था। मिट्टी के साथ–साथ पौधों के जड़ों से भी आर्यमणि पूरा पोषण खींच चुका था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर में फैले इस फार्म की पूरी फसल झुलस गयी।


कहानी यहां 2 हिस्सों में चल रही थी। एक ओर तीनों टीन वूल्फ, अलबेली, ओजल और इवान जंगल के शिकारी और वूल्फ को सामने से चुनौती दे रहे थे, वहीं रूही यहां कैद वूल्फ को करंट दौड़ रही चांदी कि जंजीर से आज़ाद करने में लगी हुई थी। यहां का बॉस तो बंकर में था और उसकी नजरें स्क्रीन पर तीनों टीन वूल्फ को ही मॉनिटर कर रही थी, इसलिए उसने सीधा अलबेली, ओजल और इवान पर हमला करवा दिया।


और इधर इवान, ओजल और अलबेली भी पूरा तैयार थे। तीनो ही पूर्ण रूप से जैसे वातावरण में समा गये थे। वहां के कण–कण को मेहसूस कर रहे हो जैसे। हवा के परिवर्तन को मेहसूस करते तीनो बिलकुल हवा की भांति लहराते, जब अपने कटना को चलाने लगे.… फिर तो बॉस के स्क्रीन पर न तो ठीक से तीनो टीन वुल्फ नजर आ रहे थे और काटना को तो नंगी आंखों से देखा ही नहीं जा सकता था, बस ऊसके लहर को मेहसूस किया जा सकता था।

"बॉस जल्दी काम ख़त्म करो। हमे यदि सिल्वर बुलेट छु भी लेती है तो हम इमर्जेंसी साउंड भेजेंगे। अभी हमें नहीं मरना।".. इवान ने आर्यमणि के गुप्त संदेश भेजा


तीनों टीन वूल्फ पर सिल्वर बुलेट की फायरिंग हो रही थी। रूही की चिंता सातवे आसमान पर पहुंच गयी। टीन वूल्फ अभी थे तो बच्चे ही। रूही जल्दी-जल्दी अपना काम समेट रही थी। तभी हवा का झोंका सा आर्यमणि, रूही के पास से गुजरा, जो कहता गया.… "तुम जल्दी से सभी कैदी को छुड़ाकर किनारे करो। बंकर की बुलेट फायरिंग मै रोकता हूं।"


रूही थोड़ा और समय ली। बचे हुये वुल्फ की बेड़ियां खुल चुकी थी और इधर सिल्वर बुलेट तो चल रही थी, लेकिन तीनों लहराते हुये क्या ही कटाना चला रहे थे। बुलेट तो जैसे कटना के आगे सरेंडर कर चुकी थी। जैसा कि शिकारियों के बॉस ने पहले कहा था... "सिल्वर बुलेट फायर करो, यदि पूरी मैगज़ीन खाली होने के बाद भी टीन वूल्फ नहीं मरे तो फार्म में कैद किसी भी 3 वूल्फ को मार देने।"… बंकर से इनकी सिल्वर बुलेट टीन वूल्फ पर फायरिंग हो रही थी। सभी सिल्वर बुलेट कटाना की धार को मज़ा चखने के बाद दम तोड़कर टीन वूल्फ के कदमों में बिछ जाते।


पूरे मगजिंन खत्म भी नहीं हुआ था कि एक तेज दहाड़ उस जंगल में गूंजी… किसी शक्तिशाली और आक्रमक वेयरवुल्फ की दिल दहला देने वाली, हमला करने की तेज दहाड़। बंकर में बैठा शिकारियों के बॉस के पास वाला अल्फा वुल्फ बिल्कुल शांत होकर अपना सर पकड़ लिया। इधर चोट खाये और कैद में फंसे वूल्फ जो खुद को जल्दी हील कर सकते थे, आर्यमणि की एक आवाज पर बंकर के अंदर दौड़ लगा चुके थे। लेकिन बंकर माउंटेन एश से घिरी हुई थी। बौखलाये कयी वेयरवुल्फ माउंटेन एश की खींची लाइन के बाहर खड़े होकर अपने गुस्से की दहाड़ से शिकारियों के बॉस को जाता रहे थे कि आज उनका दिन है।


आर्यमणि भी उन चोट खाये वेयरवुल्फ की मनोदशा को भांपकर माउंटेन एश की रेखा को मिटा दिया। रेखा मिटते ही सभी गुस्साए वूल्फ बंकर में घुसे। आर्यमणि सबसे आगे रहकर सीधा शिकारियों के बॉस को पकड़ा और उसके शर्ट के कॉलर को दीवार के खूंटी से टांग दिया। तकरीबन 40 शिकारी और 20 वुल्फ वहां बंकर में थे और आर्यमणि के साथ उनके विरुद्ध लड़ने के लिए कुल 20 गुस्साए वेयरवुल्फ ही पहुंचे थे, बांकी के कैदी वूल्फ लड़ने क्या उठने की हालत में भी नहीं थे।


आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"


आर्यमणि ने ओके करके अपने दोनो हाथ खड़े कर दिये और बाकी कैद किये गये गुस्साये वूल्फ को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहने लगा.…. "तुम लोगो के जो भी शिकार है, आज छोड़ना मत। बस केवल याद रहे मै जबतक खड़ा हूं कोई अपने दांत लगाकर खून नहीं पियेगा और मांस नहीं नोचेगा।"..


नीचे रूही अब भी कई कैद वुल्फ को छुड़ाने में लगी थी। वहीं कुछ और वुल्फ रूही की मदद कर रहे थे। तीनो टीन वुल्फ तो आज जैसे कहर का पर्यावाची शब्द बन गये थे। शिकारियों और वुल्फ की टीम इनके आस पास में ही थे। बुलेट फायरिंग रुकते ही तीनो सैकड़ों दुश्मन के बीच घिरे थे। रूही दूर से जब यह नजारा देखी, पूरे तेजी से भागना शुरू की। और जितनी तेज वो दौड़ना शुरू की थी, धीरे–धीरे गति अपने आप ही कम होने लगी।


रूही जब दौड़ना शुरू की तब भी भीड़ लगा ही हुआ था। बस बीच से हवा में कटे हुये हाथ, पाऊं और सर ही नजर आ रहे थे। चारा काटने की मशीन में जैसे चारा को कुतरा–कुतरा कर के काट देते हैं ठीक उसी प्रकार तीनो की कटाना लहरा रही थी। और लहराने की गति का तो कोई आकलन ही नहीं था। जब तक रूही वहां पहुंची तब तक तीनो ने मिलकर लाशें बिछा दी थी। बस एक टीम थोड़ी दूर बैठकर यह पूरा तमाशा देख रही थी। रूही के हाथ कुछ न लगा तो वो लास्की और उसके साथ खड़े 4 वुल्फ पर ही कहर बनकर बरसने वाली थी।


अलबेली उसे बीच मे ही रोकती... "रूको, ये अपने साथ में है।"


रूही:– हुंह… ये भी उनके साथ है और मेरा शिकार है...


ओजल:– क्ला और फेंग से मरोगी तो बॉस को क्या जवाब दोगी...


रूही:– बॉस बंकर में एक्शन कर रहा तुम तीनो ने यहां सबका सफाया कर दिया। मेरे लिये कुछ तो छोड़ा होता।समाज सेवा के काम पर लगा दिये। अब क्या मैं इन बचे लोगों का भी शिकार न करूं?


अलबेली, चिल्लाती हुई... "बस करो.. हमने कहा न वो अपने साथ है।"


रूही:– ये हरामी डॉक्टर और उसकी बीवी तो न है साथ में... और ये एक नया आदमी भी दिख रहा... क्या मैं इन्हे मार दूं...


इवान:– बस दीदी क्यों इतना पैनिक हो रही... ये डॉक्टर और उसकी बीवी तो मुख्य साजिशकर्ता है इन्हे आराम से मारेंगे... और वो आदमी बॉब भला मानस है। अभी सब बंकर चलते है, क्या पता वहां आपके लिये कोई शिकार बचा हो?


इधर बंकर में सामने डरे हुए शिकारी और कुछ घबराये से वुल्फ। ऊपर दीवार से टंगा शिकारियों का बॉस। फिर तो वहां उस बंकर में रक्त ही रक्त था। गुस्साये कैदी वूल्फ ने पूरा रक्त चरित्र दिखाते हुये हर एक शिकारी और उसका साथ देने वाले वूल्फ को अपने क्लॉ से फाड़कर रक्त स्नान कर रहे थे।…


"वो डॉक्टर और उसकी बीवी कहां है।"… आर्यमणि गुस्से से पूछने लगा।


"यहां है दोनो, चुपके से भाग रहे थे।"… पीछे से बॉब, लोस्की और लोस्की के सभी साथी, डॉक्टर माइक और उसकी पत्नी लिली को पकड़ कर ला रहे थे। हा लेकिन एक आवाज ने आर्यमणि का ध्यान पूरा खींचा, वो चौंकरकर आवाज़ के ओर मुड़ा.. आश्चर्य से आर्यमणि की आखें फ़ैल गई… "बॉब तुम यहां।"


बॉब:- हां मुझे भी उतनी ही हैरानी हुई थी, उस रात जब तुमने इस मदरचोद को बचाया था।


आर्यमणि:- तो तुमने इसे जहर दिया था..


बॉब:- हां और तुम समझ सकते हो क्यों जहर दिया होगा। पैसे के लिये जब ये अपने जान बचाने वाले को बेच सकता है, तब कितना गिरा होगा ये हरामि। तुम्हे देखकर सोच नहीं सकते मै कितना खुश हूं। मै आया था तुमसे मिलने। लेकिन उससे पहले ही डॉक्टर तुमसे मिलने पहुंच गया और पता नहीं कैसे तुम्हे झांसे में ले लिया।


आर्यमणि:- इस धूर्त की सच्चाई का पता तो हम दोनो को इसके इमोशन से ही हो गया था... तुम रूही को तो जानते हो ना...


बॉब:- हां तुम्हारे पूरे पैक को देखा हूं। कमाल की क्षमता है और तुमने उन्हें ये एहसास करवाया है कि वो भी एक इंसान है, जिन्हे खास बनाया गया है...


आर्यमणि:- सब तुम्हारे ज्ञान का नतीजा है बॉब, वरना मै भी भटका हुआ था। रूही और मुझे पहली मुलाकात से ही भनक थी, ये धूर्त है। हम तो इसकी मनसा समझने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों तो बस यही सोचकर आये थे कि देखे यहां क्या होता है और ये किस तरह का संगठन है, जहां शिकारियों के साथ वूल्फ भी काम कर रहे।


बॉब:- इसलिए तो मै भी पीछे-पीछे चला आया। लगा कहीं हेल्प की जरूरत ना पड़े।


आर्यमणि:- बॉब तुम पीछा कर रह थे और तुम्हारी गंध मुझ तक नहीं आयी?


बॉब:- मैंने ही सिखाया था और मै ही गंध कवर ना कर सकूं। वैसे मै तुम्हे निराश नहीं करना चाहता, लेकिन शायद कुछ देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। उस कमजरब (शिकारियों के बॉस) की आंख और हाथ निकाल कर लाओ अभी दिखता हूं।


आर्यमणि बिना कोई देर किये उसका हाथ और आंख निकाल लाया। बॉब ने आंख और हाथ से फ्लोर पर बायोमेट्रिक कमांड दिया और नीचे खुफिया सेक्शन का दरवाजा खुल गया। बाकी सबको ऊपर रहने के लिये बोलकर आर्यमणि नीचे उतर गया।


नीचे की पूरी जगह खाली नजर आ रही थी। वहां केवल एक मेडिकल बेड लगा हुआ था जो हैरानी और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ था। उस बेड पर कोई लड़की लेटी हुई थी। उसके दोनो हाथ नीचे झूल रहे थे। जहां बेड लगा था वहां नीचे फर्निस फ्लोर नही था, बल्कि मिट्टी की जमीन थी। लड़की के दोनों हाथ पर जड़ें के रेशे जैसे पूरा लिपटा था जो जमीन से निकलकर उसके हाथ की नब्जों पर फैला हुआ था। उसके चेहरे के ऊपर कोई कैप चढ़ा था क्यूंकि चेहरे के ऊपर रखा कपड़ा किसी के सर की आम ऊंचाई से काफी ऊंचा था।


आर्यमणि:- ऐसे किसे लिटा कर रखा है।


बॉब:- खुद को संभालना…


बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Haan maine padha tha uss review me .. lekin tab kah na saka kyonki aage to aap ki hi baat sach honi thi... Baki bahurupiyon ki barat jara dhum se hi niklegi .... Thanks for your so Lovely comment :hug:
Us barat me apne Sk. Bhai se jara pipdi bajvaiyega :D

Thanks a lot xabhi bhai... Beautiful review with superbly skill... Kabhi kabhi mujhe samjh nahi aata ki itna pyara review likh kaise dete hain... Jaise likhte waqt update ko samne me rakh kar har jaroori baat par apne vichar dete hain...

Dekhiye ab aage ke kahani me kya likha hai aur aise hi pyare review dete rahen
Are Bhai jb aap Jaise writers apna wakt lgakr itne jabarjast tarike se muft me hame interten kar sakte hain to mai kya unko protsahit karne ke liye thoda sa bhi apna Samay nhi de sakta or mere ko to dimag bhi nhi lgana hai... To Sukriya Bhai hame interten karne ke liye... :applause:
 

nain11ster

Prime
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Bhai Maine padhi hai isqe risk dono, mujhe hi pta hai Kaise us Bhanvar se bahar aaya hu or uske baad Mai Bhanvar me ja nhi paya sidhe yhi aa gya...

Kya bhanvar na padhe ab tak :yikes:

मित्र
आप राज खोलते बाद में हो पहले कोई नया राज बनाते हो फिर कोई पुराना राज खोलते हो
बिल्कुल harshit1890 भाई की कहानी haunted trilogy की तरह

Ab thoda thoda suspense na bana kar chalun fir pathak intzar na karte .. waise bhu mere pathak shayad intzar nahi hi karte hai update ka... Warna 3 din gape me bhi log waiting ke ek comment na dalte aur main sochte rahta ki iss baar to alag-alag reader ke 1000, 2000 waiting comment to aa hi jane hai...

भाई सहाब
मैं तो फिलहाल nain11ster भाई की अभी यही कहानी पढ़ कर भंवर में फंसा हूँ 🤣
इस से निकलू तब किसी और कहानी पर जाऊँ 😁
Hahaha... Baki story jayegi kahan... Jab bhi waqt mile padh lijiye...
 

Anubhavp14

Deku Aka 'Usless'
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Review for Update 70 & 71
नजारा अकल्पनीय था। आर्यमणि जितना तेज हो सकता था उतना तेज हमला करता और वह लड़का उस से भी तेज बचते हुये जवाबी हमला करता। तेजी के साथ लगातार पड़ते मुक्कों की आवाज चारो ओर गूंज रही थी। एक तो दम से मारा गया मुक्का उसमे भी बिजली की रफ्तार। आर्यमणि के जिस अंग पर मुक्का लगता वह हिस्सा 4 इंच तक धंस जाता। कुछ ही पल में आर्यमणि का पूरा बदन सूज चुका था। हांफते और बदहाली में वह पीछे हटा और खड़ा होकर अपने दर्द से उबरने की कोशिश करने लगा। शरीर में इतनी क्षति हुई थी कि अब वह हाथों से हील नही हो पा रहा था। आंख की रौशनी बिलकुल धुंधली हो गयी थी और दिमाग अब गहरी निद्रा में जाने के लिये तड़प रहा था। फिर भी आर्यमणि खुद को संभाले अपने नए दुश्मन को समझने की कोशिश कर रहा था, जो अपनी जगह से एक कदम भी इधर–उधर नही हुआ था।


खुद से उम्र में कहीं छोटे एक तिल्लिश्मी बालक को आर्यमणि ने एक बार और ध्यान से देखने की कोशिश की। लेकिन नजर इतनी साफ नही थी कि अब उस बालक का चेहरा अच्छे से देख पाये। फिर निकली आर्यमणि के मुंह से दिल दहला देने वाली आवाज। यूं तो इस आवाज का दायरा सीमित था, लेकिन सीमित दायरे में गूंजी ये आवाज किसी भयंकर तूफान से कम नही था।बवंडर सी आंधी जिस प्रकार आती है, आर्यमणि की दहाड़ ठीक वैसी ही बवंडर तूफान उठा रहा थे।


आर्यमणि अपना शेप पूर्ण रूप से बदल चुका था। हीरे की भांति चमकीला बदन, विशाल और कठोर। ऐसा लग रहा था चमरी के जगह सीसा रख दिया हो, जिसके नीचे पूरे बदन पर फैले रक्त नलिकाओं को देखा जा सकता था, जिसमे बिलकुल गहरे काला रंग का खून बह रहा था। आर्यमणि अपने विकराल रूम में आ चुका था। उसका बदन पूरी तरह से हील हो चुका था तथा अपनी दहाड़ से उठे बवंडर के बीच एक बार फिर आर्यमणि उस लड़के के सामने खड़ा था।


एक बार फिर मारने की कोशिश अपने चरम पर थी। आर्यमणि पूरी रफ्तार से हमला किया और नतीजा फिर से वही हुआ, काफी तेज रिफ्लेक्स और जवाबी मुक्का उतने ही रफ्तार से लगा। फिर से खेल शुरू हो चुका था, लेकिन इस बार उस लड़के का मुक्का जब भी पड़ता पहले के मुकाबले कमजोर होता। अब तक आर्यमणि उस लड़के को छू भी नहीं पाया था, लेकिन फिर भी इस बार वह लड़का धीमा पड़ता जा रहा था।


आर्यमणि ने हथेली से जितने भी दर्द लिये। जितने भी टॉक्सिक उसने आज तक समेटा था, सब के सब उसके रक्त कोशिकाओं में बह रहा था। जब भी वह लड़का आर्यमणि के बदन पर मुक्का चलाता, ऐसा लगता उसका मुक्का 4 इंच तेजाब में घुस गया हो। ऐसा तेजाब जिसका असर बाद में भी बना रहता। और यही वजह थी कि वह लड़का धीरे–धीरे कमजोर पड़ने लगा था। एक वक्त ऐसा भी आया जब मुक्का तो पड़ रहा था लेकिन अब मानो आर्यमणि के शरीर को मात्र स्पर्श जैसा महसूस हो रहा हो। हां उस लड़के के रिफ्लेक्स अब भी काफी तेज थे। आर्यमणि उसे छू नही पा रहा था लेकिन जवाबी मुक्का भी अब बेअसर सा दिख रहा था।


कुछ वक्त बिताने के बाद आर्यमणि के हाथ अब मौका आ चुका था। पूर्ण रूप से तैयार आर्यमणि ने पूरे दहाड़ के साथ एक तेज हमला किया। आर्यमणि के हमले से बचने के लिये वह लड़का मुक्के के दिशा से अपने शरीर को किनारे किया और जैसे ही अपना मुक्का चलाया, ठीक उसी वक्त आर्यमणि ने अपना दूसरा मुक्का उस लड़के के मुक्के पर ही दे मारा। लागातार टॉक्सिक से टकराने के कारण उस लड़के का मुक्का पहले ही धीमा पड़ गया था, और उसके पास इस बार आर्यमणि के मुक्के से बचने का कोई काट नही था।


एक सम्पूर्ण जोरदार मुक्का ही तो पड़ा था और वह कहावत सच होती नजर आने लगी... "100 चोट सोनार की, एक चोट लोहार की"…. ठीक उसी प्रकार आर्यमणि के एक जोरदार मुक्के ने उस लड़के को हक्का बक्का कर दिया। वो तो शुक्र था कि उस लड़के ने ना तो सामने से मुक्का में मुक्का भिड़ाया था और न ही आर्यमणि का जब मुक्का उसके कलाई के आस–पास वाले हिस्से में लगा, तो उस हिस्से के ठीक पीछे कोई दीवार या कोई ऐसी चीज रखी हो जो रोकने का काम करे। यदि आर्यमणि के मुक्के और किसी दीवार के बीच उस बालक का वो कलाई का हिस्सा आ गया होता, तब फिर सबूत न रहता की उस हाथ में पहले कभी कलाई या उसके नीचे का पंजा भी था।


आर्यमणि का मुक्का पड़ा और उस लड़के का हाथ इतनी तेजी से हवा में लहराया की उसके कंधे तक उखड़ गये। हवा में लहराने से उसकी सारे नशे खींच चुकी थी। दवाब के कारण उसके ऊपरी हाथ में कितने फ्रैक्चर आये होंगे ये तो उस लड़के का दर्द ही बता रहा होगा लेकिन जिस हिस्से में आर्यमणि का मुक्का लगा वह पूरा हिस्सा झूल रहा था। दर्द और पीड़ा से वह लड़का अंदर ही अंदर पागल हो चुका था। एक हाथ ने पूरा काम करना बंद कर दिया था, लेकिन जज्बा तो उसका भी कम नही था। बिना दर्द का इजहार किये वह लड़का अब भी अपने जगह पर ही खड़ा था। न तो वह अपनी जगह से हिला और न ही लड़ाई रोकने के इरादे से था।


आर्यमणि हमला करना बंद करके 2 कदम पीछे हुआ... "जितना वक्त लेना है, लेकर खुद को ठीक करो।"..


वह लड़का अपने कमर से एक खंजर निकालते.... "तुम्हारी तरह खुद को मैं ठीक नही कर सकता लेकिन तैयार हूं।"… इतना कहकर उस लड़के ने आर्यमणि को आने का इशारा किया। फिर से वही तेज–तेज हमले का सिलसिला शुरू हो गया। अब वह लड़का खंजर थाम ले या बंदूक। उसके दोनो हाथ के मुक्के ने आर्यमणि के बदन का इतना टॉक्सिक छू लिया था कि अब वह काम करने से तो रहा। मात्र एक पंच का तो मामला था, आर्यमणि जाते ही एक मुक्का घूमाकर दे दिया। उस लड़के का दूसरा हाथ भी पूरा बेकार हो चुका था।
Khair bhaiya agar aap webseries ya kuch dekhte honge ya fir shauk hai to ek baar My Hero Academia dekhna ye ladai ne yaad dila di uski nhi to youtube pr bus search kar lena fighting between midoriya and todoroki ....
maja aa jayegi apko
Khair kuch bhi kaho bhot hi shandar ladai dikhai apne apsyu aur aarya ke bich aur aarya ki ek aur nayi combat ability ke baare me pata chala jisme wo apne andar store kiye huye toxic ka use karta hai uske body ke through aur blood ke lekin ek ciz puchna chahunga ki Werewolf ka ese blood ka use karna galat nhi like filmon me ya kahi hota hai ki kisi ke blood ke sample se try kar kr ke log kya se kya bana dete hai wese hi .... jese nischal ke case me hua tha ansh uska blood ke sample lekr nikal gaya tha aur pata kr liya tha wesa hi kuch ya fir ye toxic wala hi nikalta hai ese mtlb usne agar apni indriya jaagrit kr li hogi to sayad control hoga lekin wo meko sambhav hi nhi lagta ..... ne mene mythology me esa padha ya kuch
acha attack tha
Nishant aur shivam ji ka waha pohchna ek dum se ye portal se aaye ya wohi chip ke dekh rahe the aur aarya ko kese nhi pata chala ki ye log hai wohi... khashkar nishant ka shivam ji ka to me maan bhi sakta hu ...

आर्यमणि:– समझना क्या है यार... कभी किसी जानवर का दर्द लो और उसे सुकून में देखो। तुम्हारी अंतरात्मा तक खुश हो जायेगी। वो एहसास जब तुम बेजुबानों के आंखों में अपने प्रति आभार मेहसूस करते देखते हो। मुख से कुछ बोल नही सकते लेकिन अपने रोम–रोम से वह धन्यवाद कहते है। जान लेना आसान है, पर जान बचाने वाले से बढ़कर कोई नही...
wese undono ko heal karne ke bad aarya ka reaction bhot hi acha laga jo usne lines kahi bhot hi achi jo ki me maanta hu
Apsyu ke character ki sabse best baat lagti hai ki humesha mushkurate huye andar uske kitna bhi gum dard kyu na ho wo juban pr aane nhi deta... na kisi ko jahir karta hai ..... aur yahi mere saath hai logo ko bus me mushkurate huye dikhta hu aur wo puchte hai ki tu humesha mushkurate kyu rehta hai ...
To Guru Nishi ji ke pratham student hone ke karan aur fir uski adhbhut chammta ko dekhte huye use Guru banna pad gaya jab ki uski aur guru nishi ki chahat thi ki aur uski bhi ki wo rakshak bane aur iska upay usne dhund liya tha aarya ko guru ki padvi dekr aur isi ki laalsa ne use uski jagah se hilne nhi diya aur esi situation me le aaya ki wo marne tak ki halat me aa gaaya aur usko dekhr uski priyashi amy bhi tak ki behosh ho gayi kitni pyaari bonding hai dono me .... aarya bhi maana is baat ko khair is mamle me to aarya ki qismat nainu bhaiya ne achi nhi likhi

lekin ye kesi baat huyi ki bina chhal ke ladna aur harana isme ye kaha se aaya ki hilunga bhi nhi....hil to sakta hi tha... to sayad aur bhi dilchasp fighting hoti

बताओ उस लिलिपुटियन (अपस्यु) ने मुझे ऐसा मारा की मेरे शरीर के पुर्जे–पुर्जे हिला डाले। यदि मैंने दिमाग न लगाया होता तब तो वह मुझे पक्का घुटनों पर ला दिया होता।
Lilliputain apsyu :lotpot:ne aarya ko shape shift krne pr majboor kr diya tha..lekin meko ye dono ko ek saath villian ka khaatma karte dekhna hai majja hi aa jayega
आर्यमणि:– हो ही नही सकता... मैने रूही से वादा किया है कि ज्ञान पाने के लिये कोई शॉर्टकट नही...


आचार्य जी:– तुम्हारे पास जो है वो अलौकिक वरदान है। इस से समाज कल्याण के लिये ज्ञान दे रहा हूं। तुम्हारी मर्जी हो तो भी ठीक, वरना जब तुम्हे ज्ञान होगा तब खुद ही समझ जाओगे की क्यों हमने जबरदस्ती किया?
wese me bhi ye tarika galat hi maanta hu bhale hi aacharya ji ne bol diya ho kyu ki aarya k pass ye chammta hai to Secret prahriyon ke pass bhi hai wo knowledge ka galat tarha se bhi upyog kar sakte hai bhali aakhiri me achhai jeet jaye lekin us bich kitna kuch tabahi laa sakte hai
isiliye is tarha se knowledge lena fir wo baat na rahegi kyu ki swayam krshn ji tak aur ram ji ne bhi shiksha grahan kari thi

और छोटे गुरु जी अपने साथ मुझे भी फसा दिये।"..
अपस्यु:– बड़े गुरु जी मुझे लगा अब मैं रक्षक बन जाऊंगा। लेकिन आचार्य जी ने हम दोनो को फसा दिया। खैर अच्छा लगा आपसे मिलकर। मात्र कुछ महीनो के ध्यान में अपने कुंडलिनी चक्र को जागृत कर लेना कोई मामूली बात नही है। आप प्रतिभा के धनी है।


आर्यमणि:– तारीफ तो तुम्हारी भी होनी चाहिए छोटे, इतनी कम उम्र में गुरु जी। खैर अब इस पर चर्चा बंद करते हैं। क्या तुम मुझे हवा की तरह तेज लहराना सिखाओगे...


अपस्यु:– हां क्यों नही बड़े गुरु जी। बहुत आसान है.. और आपके लिये तो और ज्यादा आसान होगा..
Ye Chote aur Bade ki jodi mera fav duo ho gaya jodi to dhoom aur dhamal machane wali hai aur isme koi do raye nhi hai aur me bhi soch raha tha kaha apsyu kaha rakshak banne aya tha aur aarya ko guru banane na wo rakshak bana aur jesa aacharya ji soch rahe the wo bhi na hua aarya ko bhi guru banwa diya.. Apsyu ki to love story aur heroine jaan gaya arya ....aarya bhi to apni heroine ka naam bataye ya
Aarya ko bhi bolo wo bhi apni comedy love story bataye palak ke saath wali :winknudge::lol1:

आर्यमणि मुस्कुराते हुये कहने लगा.… "धीरे बच्चे.. मैं बड़ा और तुम छोटे।"..
isse kya samjhna tha me samjha hi nhi kuch batane wala tha apsyu hum sabko jo aarya ne batane nhi diya ye bol ke ki meri story hai tumhari nhi me lead role me hu tumhara cameo hai
आर्यमणि:– "ठीक है छोटे फिर तुम जो ये अपनो को समेट कर खुद में सक्षम होने का काम कर रहे थे, उसे करते रहो। कुछ साल का वक्त लो ताकि दिल का दर्द और हल्का हो जाये। ये न सिर्फ तुम्हारे लिये बेहतर होगा बल्कि तुम्हारी टीम के लिये भी उतना ही फायदेमंद होगा। जिसने तुम्हारे आंखों के सामने तुम्हारे परिवार को मारा, वो तुम्हारा हुआ। मारना मत उन्हे... क्योंकि मार दिये तो एक झटके में मुक्ति मिल जायेगी। उन्हे सजा देना... ऐसा की मरने से पहले पल–पल मौत की भीख मांगे।"

"परदे के पीछे वाला जो नालायक है वो मेरा हुआ। मेरे पूरे परिवार को उसने बहुत परेशान किया है। मेरे ब्लड पैक को खून के आंसू रुलाये हैं। इनका कृतज्ञ देखकर मैं आहत हूं। निकलने से पहले मै उनकी लंका में सेंध मारकर आया था। संन्यासी शिवांश से आग्रह भी कर आया था कि मेरे परिवार की देखभाल करे।"
Yaha to batwara ho raha hai aur wo ye bade guru ji ne kaha tha tabhi apsyu ne unsab ko jameen ke niche jinda chod diya .... aur sahi tha ye kyu ki apne haath gande kare ese logo ke khoon se
Ye update mujhe bhot acha laga bhot jagah quote kar ke pehle likh raha tha fir mene kaha log pagal samjhenge isiliye bhot jagah se hataya
bhi
To apsyu ka mentor aarya hai
apsyu ne bhot kuch aarya se seekha aur aarya ko bhi kuch sikhaya pehli hi mulakat me acha dosti ho gayi
bhale hi guru bana diya gaya ho apsyu ko lekin kuch jagah innocent aur immature laga jo dekh kr acha laga jese jab wo tantrik udhyaan ke bare me baat krte huye ye kehna ki hum pichad rahe hai ya fir paiso to hai lekin kya krna hai pata nhi acha laga jo dekh kr

आर्यमणि:– हम्म् सब मिलकर मुझे ही बाप बना दो.. वो तीन टीनएजर कम थे जो तुम्हारा भी एक ग्रुप आ गया।
Ye sahi tha guru .... aarya baap aur ruhi maa :lol1:
kuch character dilo me ek aisa chaap chodh jaate hai jisse ek rishta sa ban jata hai
aur esa hi apsyu ke saath tha aur ab aarya ke saath ho gaya hai jese nischal tha jisme koi bhi chal nhi tha wesa hi aarya
bhot emotional scence tha jab wo amy, arav, parth aur swasthika ka dard apne nabj me kheechta hai aur fir aarya ko apna chota bhai kehte huye uske haath se apne haath mila kar ek khoon ka rishta na hote huye bhi usse bhi atut rishta bana liya aur saath saath amy arav parth aur swasthika se bhi sahi me bhot hi acha scene tha

kuch log zindagi ke mod pr yuhi mil jaate hai
milne ki khushi de na de bichadne ke gum jaroor de jaate hai ...

ye tatkal varnan se kya mtlb tha thoda batao to smjha nhi mein


अपस्यु वहां रुक कर सबको हवा को परखने और पूर्ण रूप से वातावरण में खो कर उसके कण–कण को मेहसूस करने की ट्रेनिंग दे रहा था। और इधर आर्यमणि, अपस्यु और उसकी टीम को धीरे–धीरे ज्ञान से प्रकाशित कर रहा था। स्वस्तिका को डॉक्टर और मेक अप आर्टिस्ट वाला ज्ञान मिल रहा था। ऐमी को कंप्यूटर और फिजिक्स का। आरव को वाणिज्य और केमिस्ट्री। पार्थ को फिजिक्स, और केमिस्ट्री। इन सब के दिमाग में किसी याद को समेटने की क्षमता काफी कम थी। मात्र 5% यादें ही एक दिन में ट्रांसफर हो सकती थी।


वहीं अपस्यु के साथ मामला थोड़ा अलग था। उसका दिमाग एक बार में ही सभी विद्वानों के स्टोर डेटा को अपने अंदर समा लिया। चूंकि अपस्यु आश्रम का गुरु भी था। इसलिए आर्यमणि ने सीक्रेट प्रहरी के उन 350 कितना के आखरी अध्याय को साझा कर दिया जिसमे साधु को मारने की विधि लिखी थी। साथ ही साथ 50 मास्टर क्लास बुक जिसमे अलग–अलग ग्रह पर बसने वाले इंसानों और वहां के पारिस्थितिकी तंत्र तंत्र का वर्णन था, उसे भी साझा कर दिया।


खैर इन सब का संयुक्त अभ्यास काफी रोमांचकारी था। आर्यमणि ने अपस्यु और उसके पूरे टीम को तरह–तरह के हथियार चलाना सिखाया। ट्रैप वायर लगाना और शिकार को फसाने के न जाने कितने तरीके। जिसमे पहला बेहद महत्वपूर्ण सबक था धैर्य। किसी भी तरीके से शिकार पकड़ना हो उसके लिये सबसे ज्यादा जरूरी था धैर्य। उसके बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात, शिकार फसाने का तरीका कोई भी हो, लेकिन किसी भी तरीके में शिकार को शिकारी की भनक नहीं होनी चाहिए।


खैर संयुक्त अभ्यास जोरों पर था और उतने ही टीनएजर के झगड़े भी। कभी भी कोई भी टीनएजर किसी के साथ भी अपना ग्रुप बनाकर लड़ाई का माहोल बना देते थे। कभी–कभी तो आर्यमणि को अपने बाल तक नोचने पड़ जाते थे। हां लेकिन एक अलबेली ही थी जिसके कारनामों से घर में ठहाकों का माहोल बना रहता था। अलबेली तो अपने नाम की तर्ज पर अलबेली ही थी। इवान को चिढ़ाने के लिये वह पार्थ के साथ कभी–कभी फ्लर्ट भी कर देती और इवान जल–बूझ सा जाता। सभी टीनएजर ही थे और जो हाल कुछ दिन पहले अल्फा पैक का था, वैसा ही शोक तो इनके खेमे में भी था। दुनिया में कोई ऐसा शब्द नही बना जो किसी को सदमे से उबार सके, सिवाय वक्त के। और जैसे–जैसे सभी टीनएजर का वक्त साथ में गुजर रहा था, वो लोग भी सामान्य हो रहे थे।


अपस्यु की टीम को सबसे ज्यादा अच्छा जंगल में ही लगता। जब अल्फा पैक किसी जानवर या पेड़ को हील करते, वो लोग अपना हाथ उनके हाथ के ऊपर रख कर वह सबकुछ मेहसूस कर सकते थे, जो अल्फा पैक मेहसूस करता था। अपस्यु और उसके टीम की जिदंगी जैसे खुशनुमा सी होने लगी थी। अल्फा पैक के साथ वो लोग जीवन संजोना सिख रहे थे।


इसी बीच आर्यमणि अपने छोटे (अपस्यु) के काम में भी लगा रहा। अपने पहचान के मेयर की लंका तो खुद आर्यमणि लगा चुका था। इसलिए ग्रीन कार्ड के लिये किसी और जुगाड़ू को पकड़ना था। साथ ही साथ अपस्यु एंड टीम ने जो अपने दुश्मन के पैसे उड़ाये थे, उन्हे भी ठिकाने लगाना था। आर्यमणि कुछ सोचते हुये अपस्यु से लूट का अमाउंट पूछ लिया। अपस्यु ने जब कहा की उसने हवाला के 250 मिलियन उड़ाये हैं, आर्यमणि के होश ही उड़ गये। उस वक्त के भारतीय रुपए से तकरीबन 1000 करोड़ से ऊपर।


आर्यमणि:– ये थोड़ा रुपया है...


अपस्यु:– हमे क्या पता। हमारा तो लूट का माल है। जिनका पैसा है वो जाने की ऊसको कितना नुकसान हुआ।


आर्यमणि:– हम्मम रुको एक से पूछने दो। डील सेट हो गया तो पैसे ठिकाने लग जायेंगे...


आर्यमणि ने पार्किनसन को कॉल लगाया। कॉल लगाते ही सबसे पहले उसने यही पूछा की उसका हवाले का धंधा तो नही। उसने साफ इंकार कर दिया। उसने बताया की वह केवल वेपन, कंस्ट्रक्शन और गोल्ड के धंधे में अपना पैसा लगाता है। बाकी वह हर वो धंधा कर लेगा जिसमे कमीशन अच्छा हो। आर्यमणि ने 250 मिलियन का डील पकड़ाया, जिसे यूरोप के किसी ठिकाने से उठाना था। पार्केनसन एक शर्त पर इस डील को आगे बढ़ाने के लिये राजी हुआ... "जब कभी भी पैसे के पीछे कोई आयेगा, वह सीधा आर्यमणि के पीछे भेज देगा और कमीशन के पैसे तो भूल ही जाओ।" आर्यमणि ने जैसे ही उसके शर्त पर हामी भरी, डील सेट हो गया। 30% कमीशन से पार्किनसन ने मामला शुरू हुआ और 23% पर डील लॉक।


आधे घंटे में लोग ठिकाने पर पहुंच चुके थे। पूरे पैसे चेक हो गये। जैसे ही सब सही निकला अपस्यु के अकाउंट में पैसे भी ट्रांसफर हो गये। अपस्यु इस कमाल के कनेक्शन को देखकर हैरान हो गया। एक काम हो गया था। दूसरा काम यानी की ग्रीन कार्ड के लिये जब आर्यमणि ने पूछा तब पार्किनसन ने उसे या तो मेयर की बीवी से मिलने कह दिया, जो अपने पति को हटाकर खुद एक मेयर बन चुकी थी, या फिर शिकागो चले जाने कहा।


अपस्यु के दोनो समस्या का हल मिल गया था। लगभग 60 दिन साथ बिताने के बाद सभी ने विदा लिया। इस बीच आर्यमणि नए मेयर से मिला। यानी की पुराने मेयर की बीवी, जो अपने पति को हटाकर खुद अब मेयर थी। आर्यमणि ने पहले तो अपना पहचान बताया। आर्यमणि से मिलकर मानो वो मेयर खुश हो गयी हो। उसे भी 50 हजार यूएसडी का चंदा मिला और बदले में अपस्यु और आरव के ग्रीन कार्ड बन गये। स्वस्तिका अपनी अलग पहचान के साथ भारत वापस लौट रही थी। ऐमी की तो अपनी पहचान थी ही और पार्थ पहले से एक ब्रिटिश नागरिक था।


हर कोई विदा लेकर चल दिया। अपस्यु अपनी टीम को सदमे से उबरा देख काफी खुश नजर आ रहा था। नम आंखों से अपने दोनो हाथ जोडकर आर्यमणि से विदा लिया।
Hmm to amy swasthika arav aur parth sabne hi aarya aur uske pack se seekha matlb ek tarha se inka guru aarya hi hua....
aur apsyu ke guru to wese guru nishi hi huye lekin aarya ne bhi use bhot kuch sikhaya to wo bhi sahi mayno me uska guru hi hua....
Kya sukhad ehsaas raha hoga team devil ke liye janwaron ko heal hote huye mehsus karna sayad unka dard jo hoga bacha kuch wo isse hi kum ho gaya hoga
Team Devil+Alpha Pack


wese meko na bhavnr ka ek scene yaad aaya wo jab drish ek mission kr ke laut ta hai aur waha wo haar ke aata hai fir apsyu use up me ek RN sharma kuch kar ke unke pass jaane ki kehta hai wo konsi story ka character hai ?


Super Duper Ultimate Ultra Max Pro Update tha..... :declare:
aur me apse se chota hu bhai :dost: to hu hi to ye anubhav bhai na bola karo chotu bol lo ya kuch bhi .... ajeeb sa lagta hai
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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भाग:–75





आखरी सीमा फार्मिंग की सीमा। इसके मध्य में एक बड़ा सा मिलिट्री बंकर था, जहां से हर सीमा की निगरानी से लेकर तरह–तरह के हथियार और बेहतरीन लड़ाका द्वारा पूरे क्षेत्र को नियंत्रण में रखा जाता था। फार्मिंग के इलाके में सैकडों कैदी वेयरवुल्फ थे। उनके खून से नशीले पौधों की सिंचाई की जाती थी। यहां हर वूल्फ को सिल्वर पट्टे डालकर जंजीर से बांधकर जमीन पर लिटा दिया जाता था। उनके नब्ज में 8-10 नीडल घुसकर, 8-10 खुले पाइप खेत के क्यारियों में छोड़ दिया जाता था। हर वूल्फ का ब्लड पाइप के जरिये मिट्टी तक पहुंचती। तीनों टीन वुल्फ फार्मिंग सर्कल के बॉर्डर पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे।


ओजल:- कमाल का वुल्फ साउंड था दोस्तो, वापस साउंड नहीं आया मतलब उन्हें वक़्त चाहिए, तबतक हाथ ना आओ, जबतक बॉस और रूही दीदी की आवाज ना सुनो।


अलबेली:- तो चलो बॉस और रूही वक़्त दिया जाये, जितना हम दे सकते है। आज जो कुछ भी ट्रेनिंग से सीखा है उसका प्रेक्टिकल देने क वक्त आ गया दोस्तों...


इवान:- सोचा था बाद में कभी कह दू, लेकिन मै कहे बिना रह नहीं पाऊंगा, क्या पता सब जब नॉर्मल हो तो मै हिम्मत जुटा पाऊं या नहीं, माझे आयुष्य अलबेली, आई लव यू…


दोनो लड़कियां इवान का मुंह देखने लगी, अलबेली हंसती… "ये कब हुआ, ना कोई सीन बना, ना कोई रोमांटिक-एक्शन मोमेंट क्रिएट हुआ, सीधा लव हो गया। ओजल तुझे कुछ समझ में आया।"..


ओजल:- लगता है एक्शन के एक्साइटमेंट में तुम्हे हग करके किस्स करना चाह रहा है। जल्दी इसे किस्स दे दे और काम पर लग जा, इस बारे में आराम से सोचेंगे।


अलबेली, इवान का कॉलर पकड़ कर अपने ऊपर खींचती.. "एक किस्स के लिए इतनी झिझक"… कहते हुए अलबेली ने इवान के कमर में हाथ डाला और होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगी।


तभी वहां खास किस्म का तेज और लाउड म्यूज़िक प्ले होने लगा। वेयरवोल्फ हंटर द्वारा प्रयोग में लाया जाना वाला एक आधुनिक हथियार। इसके धुन को कुछ इस प्रकार बनाया गया था जिसे सुनकर हर वुल्फ अपना सर पकड़कर वहीं बैठने पर मजबूर हो जाये। म्यूजिक के शुरू होते ही ओजल के चेहरे पर खिंचाव सा गया। ओजल दोनो को एक हाथ मारते… "केवल किस्स ही कर रहे थे ना, हरामियों गुम किधर हो। हमे फसाने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। आंह्हहह !! इनकी ये घटिया म्यूज़िक।"


इवान अपने बैग से इयर कैप निकला, खुद भी लगाया और दोनो को भी पहनने के लिये दिया। तीनों इयर कैप पहनकर वहीं नीचे जमीन पर सर पकड़ कर बैठ गये। थोड़ी ही देर में एक जीप भड़कर वहां शिकारी पहुंचे। शिकारियों ने उन्हें घेर लिया और सभी हंसते हुए जीप से नीचे उतरे… और आपस में बात करते.. "साला एक को पकड़ो और पुरा पैक हाथ लग जाता है। लेकिन ये पहला सर्किल कैसे पार किये।".... "पहले इनमे इलेक्ट्रिक शॉक प्रड्स (वो रॉड जिसके सिरे से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है) घुसा दे, फिर कल इसपर मीटिंग करेंगे।


तीनों के हाथ जमीन पर और हाथ में थी, म्यान के अंदर कैद कटाना। अलबेली ने एक छोटा इशारा किया और तीनों ने पूरी ताकत से, नीचे बैठे-बैठे उन लोगों के टखने पर, काटाने के म्यान से ऐसा हमला किया कि उनका टखना चूर हो गया।


तीनों एक साथ बिल्कुल ऊंचे सुर में लगातार वूल्फ साउंड निकलते.… "वूऊऊऊऊऊऊऊ"… "वऊऊऊऊऊ"… "वूऊऊऊऊऊऊऊऊ"… यह ललकार वाली वुल्फ साउंड थी। तीनो अपने दुश्मनों को चुनौती दे रहे थे। शिकारी और वेयरवुल्फ के बॉस ने जब यह वूल्फ साउंड सुना, बंकर से शिकारी और वोल्फ की पूरी टुकड़ी को आवाज के पीछे भेज दिया। इसके साथ दोनो सीमा के सुरक्षा कर्मी को भी इनके लगा दिया गया।


तीनों के कंधे तिकोने शेप में जुड़े थे जो बीच से एक ट्राइंगल का निर्माण कर रहा था। कटाना अपने म्यान से बाहर आ चुका था और तीनों एक दूसरे को कवर करते धीरे-धीरे अन्दर, उनके फार्मिंग एरिया के ओर बढ़ रहे थे। कुछ दूर चले होंगे तभी रॉस्ले अपनी टीम के साथ पहुंच गया। जानी पहचानी गंध पाकर अलबेली वूल्फ साउंड में दहारी, ऐसा जैसे वहां के बीटा को कंट्रोल कर रही हो। रॉस्ले और उसके साथ आये 10 वुल्फ अपनी जगह रुक गए, जिसमें कोई अल्फा नहीं था।


ओजल:- रॉस्ले हमसे दूर रहो वरना कटाना खुल चुकी है और अब ये दोस्त या दुश्मन नहीं देखेगी। आज रात सब आजाद होंगे।


इधर उस जगह के बॉस का पूरा ध्यान अपने 3 दुश्मनों पर था, जिसने वुल्फ को पागल बनाने वाले म्यूज़िक से खुद को बचाकर अंदर की ओर बढ़ रहे थे। उसके मोशन सेंसर पर तीनों वूल्फ की लोकेशन आ रही थी जो तिकोना बनाकर एक दूसरे को कवर करते हुए चल रहे थे। उस बॉस का पूरा ध्यान सीमा पर था और फार्म के अंदर रूही एक-एक करके बड़ी तेजी के साथ कैदी वूल्फ को खोल रही थी। लगभग 20 वुल्फ को वो छुड़ा चुकी थी, तभी वहां चारो ओर बड़ी-बड़ी लाइट जलनी शुरू हो गई। माईक पर एक खतरनाक अनाउंस…


"तुम्हारा कोई भी पैक हो, उसे तुम ले जाओ, हमे यहां वॉयलेंस नहीं चाहिए। लेकिन यदि तुम तीनों ने लड़ाई नहीं रोकी तो मै यहां कैद सभी वुल्फ को मारने में देर नहीं करूंगा। हम अपने आदमी पीछे कर रहे है, तुम अपना ट्राइंगल छोड़कर अपने पैक को पहचान लो, और यहां से लेकर जाओ।"


ओजल:- क्या करे.. ?


इवान:- टाइम पास ही तो करना है, ध्यान से फ़ैल जाओ और हवा को मेहसूस करो। हम अपने अलग-अलग पैक चुनेंगे। 14, 16 और 14 का पैक। साले को शॉक्ड दे दो।


तीनों ने ट्राइंगल तोड़ा और ऐतिहात से आगे बढ़ने लगे। बंकर के अंदर बैठा बॉस जैसे ही तीनों को रौशनी में देखा… "ये तो टीन वुल्फ है, कसिके पैक के वोल्फ है।"


साथ काम करने वाला एक अल्फा वुल्फ… "तीनों अल्फा है बॉस।"


बॉस शॉक्ड होते… "लेकिन 3 अल्फा वुल्फ एक साथ कैसे आ गये।"


अल्फा वुल्फ:- शायद अलग-अलग आये हो। अंदर के किसी ने मदद की हो और तीनों को साथ मिलकर लड़ने के लिये भेजा हो।


बॉस:- लड़ाई करके क्यों नुकसान बढ़ना जब खुद फसने चले आ रहे है। वुल्फ पॉयजन का ट्रनकुलाइजर तैयार करो, और तीनों को बेहोश करो, जल्दी।


बॉस का हुक्म मिलते ही अल्फा वुल्फ का इशारा हुआ और लगभग 20 ट्रंकुलाइजर एक साथ अलबेली, इवान और ओशुन के ओर बढ़ने लगे। तीनों की आंखें तो खुली थी लेकिन मन तो हवा की तरह बह रहा था। सामने से आ रही ट्रक्यूलाइजर को तीनों स्लो मोशन में बढ़ते हुये देख रहे थे, जबतक वो बुलेट शरीर तक पहुंचती, कटाना को इतनी तेज गति से आगे ओर घुमाया सभी ट्रानकलाइजर बर्बाद होकर भूमि पर गिर गया।


तीनों उस माहौल को थर्राते हुए एक बार फिर ऊंची-लंबी वोल्फ साउंड निकालते… "तूने क्या हमे शिकार समझ रखा है जो झांसे में आयेंगे।.. इस दहाड़ पर तो केवल थर्राया होगा, कहीं हमारे बॉस ने अपनी दहार सुनाई, फिर तुम शिकारियों का पेशाब निकल जायेगा।".. इवान ने धमकाया


ओजल:- बस कर इवान कहीं डर से ना मर जाये..


उस फार्म का बॉस.… "अभी तक तो मैंने सोचा था कि तुम्हे केवल बेहोश करके गुलाम बनाऊंगा, लेकिन तुम्हारी किस्मत में मरना लिखा है। सिल्वर बुलेट लोड करो और पूरी एक मैगजीन खाली होने पर ये तीनों नहीं मरे तो फार्म से किसी भी 3 वूल्फ की लाश गिरा देना। पिलर में फिट किये बड़ी–बड़ी नली वाले 20 हैवी गन बंकर में लगा था। एक मैगजीन मतलब लगभग 1000 राउंड का बड़ा सा चटाई लोड हो रहा था।


इधर बातचीत का दौर शुरू होते ही रूही अपने काम पर और तेज़ी से लग गयी। तभी फार्म में मौजूद हर वूल्फ को भूमि की सतह पर कुछ होने का एहसास होने लगा। चारो ओर जो हरे पौधे और उसके ऊपर का फूल लगा था, मुरझा कर झुलस गया। आर्यमणि खेत की मिट्टी में पूरा पंजा घुसाकर वहां के पूरे पोषण के साथ उसके अंदर के टॉक्सिक को भी खींच चुका था। मिट्टी के साथ–साथ पौधों के जड़ों से भी आर्यमणि पूरा पोषण खींच चुका था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर में फैले इस फार्म की पूरी फसल झुलस गयी।


कहानी यहां 2 हिस्सों में चल रही थी। एक ओर तीनों टीन वूल्फ, अलबेली, ओजल और इवान जंगल के शिकारी और वूल्फ को सामने से चुनौती दे रहे थे, वहीं रूही यहां कैद वूल्फ को करंट दौड़ रही चांदी कि जंजीर से आज़ाद करने में लगी हुई थी। यहां का बॉस तो बंकर में था और उसकी नजरें स्क्रीन पर तीनों टीन वूल्फ को ही मॉनिटर कर रही थी, इसलिए उसने सीधा अलबेली, ओजल और इवान पर हमला करवा दिया।


और इधर इवान, ओजल और अलबेली भी पूरा तैयार थे। तीनो ही पूर्ण रूप से जैसे वातावरण में समा गये थे। वहां के कण–कण को मेहसूस कर रहे हो जैसे। हवा के परिवर्तन को मेहसूस करते तीनो बिलकुल हवा की भांति लहराते, जब अपने कटना को चलाने लगे.… फिर तो बॉस के स्क्रीन पर न तो ठीक से तीनो टीन वुल्फ नजर आ रहे थे और काटना को तो नंगी आंखों से देखा ही नहीं जा सकता था, बस ऊसके लहर को मेहसूस किया जा सकता था।

"बॉस जल्दी काम ख़त्म करो। हमे यदि सिल्वर बुलेट छु भी लेती है तो हम इमर्जेंसी साउंड भेजेंगे। अभी हमें नहीं मरना।".. इवान ने आर्यमणि के गुप्त संदेश भेजा


तीनों टीन वूल्फ पर सिल्वर बुलेट की फायरिंग हो रही थी। रूही की चिंता सातवे आसमान पर पहुंच गयी। टीन वूल्फ अभी थे तो बच्चे ही। रूही जल्दी-जल्दी अपना काम समेट रही थी। तभी हवा का झोंका सा आर्यमणि, रूही के पास से गुजरा, जो कहता गया.… "तुम जल्दी से सभी कैदी को छुड़ाकर किनारे करो। बंकर की बुलेट फायरिंग मै रोकता हूं।"


रूही थोड़ा और समय ली। बचे हुये वुल्फ की बेड़ियां खुल चुकी थी और इधर सिल्वर बुलेट तो चल रही थी, लेकिन तीनों लहराते हुये क्या ही कटाना चला रहे थे। बुलेट तो जैसे कटना के आगे सरेंडर कर चुकी थी। जैसा कि शिकारियों के बॉस ने पहले कहा था... "सिल्वर बुलेट फायर करो, यदि पूरी मैगज़ीन खाली होने के बाद भी टीन वूल्फ नहीं मरे तो फार्म में कैद किसी भी 3 वूल्फ को मार देने।"… बंकर से इनकी सिल्वर बुलेट टीन वूल्फ पर फायरिंग हो रही थी। सभी सिल्वर बुलेट कटाना की धार को मज़ा चखने के बाद दम तोड़कर टीन वूल्फ के कदमों में बिछ जाते।


पूरे मगजिंन खत्म भी नहीं हुआ था कि एक तेज दहाड़ उस जंगल में गूंजी… किसी शक्तिशाली और आक्रमक वेयरवुल्फ की दिल दहला देने वाली, हमला करने की तेज दहाड़। बंकर में बैठा शिकारियों के बॉस के पास वाला अल्फा वुल्फ बिल्कुल शांत होकर अपना सर पकड़ लिया। इधर चोट खाये और कैद में फंसे वूल्फ जो खुद को जल्दी हील कर सकते थे, आर्यमणि की एक आवाज पर बंकर के अंदर दौड़ लगा चुके थे। लेकिन बंकर माउंटेन एश से घिरी हुई थी। बौखलाये कयी वेयरवुल्फ माउंटेन एश की खींची लाइन के बाहर खड़े होकर अपने गुस्से की दहाड़ से शिकारियों के बॉस को जाता रहे थे कि आज उनका दिन है।


आर्यमणि भी उन चोट खाये वेयरवुल्फ की मनोदशा को भांपकर माउंटेन एश की रेखा को मिटा दिया। रेखा मिटते ही सभी गुस्साए वूल्फ बंकर में घुसे। आर्यमणि सबसे आगे रहकर सीधा शिकारियों के बॉस को पकड़ा और उसके शर्ट के कॉलर को दीवार के खूंटी से टांग दिया। तकरीबन 40 शिकारी और 20 वुल्फ वहां बंकर में थे और आर्यमणि के साथ उनके विरुद्ध लड़ने के लिए कुल 20 गुस्साए वेयरवुल्फ ही पहुंचे थे, बांकी के कैदी वूल्फ लड़ने क्या उठने की हालत में भी नहीं थे।


आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"


आर्यमणि ने ओके करके अपने दोनो हाथ खड़े कर दिये और बाकी कैद किये गये गुस्साये वूल्फ को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहने लगा.…. "तुम लोगो के जो भी शिकार है, आज छोड़ना मत। बस केवल याद रहे मै जबतक खड़ा हूं कोई अपने दांत लगाकर खून नहीं पियेगा और मांस नहीं नोचेगा।"..


नीचे रूही अब भी कई कैद वुल्फ को छुड़ाने में लगी थी। वहीं कुछ और वुल्फ रूही की मदद कर रहे थे। तीनो टीन वुल्फ तो आज जैसे कहर का पर्यावाची शब्द बन गये थे। शिकारियों और वुल्फ की टीम इनके आस पास में ही थे। बुलेट फायरिंग रुकते ही तीनो सैकड़ों दुश्मन के बीच घिरे थे। रूही दूर से जब यह नजारा देखी, पूरे तेजी से भागना शुरू की। और जितनी तेज वो दौड़ना शुरू की थी, धीरे–धीरे गति अपने आप ही कम होने लगी।


रूही जब दौड़ना शुरू की तब भी भीड़ लगा ही हुआ था। बस बीच से हवा में कटे हुये हाथ, पाऊं और सर ही नजर आ रहे थे। चारा काटने की मशीन में जैसे चारा को कुतरा–कुतरा कर के काट देते हैं ठीक उसी प्रकार तीनो की कटाना लहरा रही थी। और लहराने की गति का तो कोई आकलन ही नहीं था। जब तक रूही वहां पहुंची तब तक तीनो ने मिलकर लाशें बिछा दी थी। बस एक टीम थोड़ी दूर बैठकर यह पूरा तमाशा देख रही थी। रूही के हाथ कुछ न लगा तो वो लास्की और उसके साथ खड़े 4 वुल्फ पर ही कहर बनकर बरसने वाली थी।


अलबेली उसे बीच मे ही रोकती... "रूको, ये अपने साथ में है।"


रूही:– हुंह… ये भी उनके साथ है और मेरा शिकार है...


ओजल:– क्ला और फेंग से मरोगी तो बॉस को क्या जवाब दोगी...


रूही:– बॉस बंकर में एक्शन कर रहा तुम तीनो ने यहां सबका सफाया कर दिया। मेरे लिये कुछ तो छोड़ा होता।समाज सेवा के काम पर लगा दिये। अब क्या मैं इन बचे लोगों का भी शिकार न करूं?


अलबेली, चिल्लाती हुई... "बस करो.. हमने कहा न वो अपने साथ है।"


रूही:– ये हरामी डॉक्टर और उसकी बीवी तो न है साथ में... और ये एक नया आदमी भी दिख रहा... क्या मैं इन्हे मार दूं...


इवान:– बस दीदी क्यों इतना पैनिक हो रही... ये डॉक्टर और उसकी बीवी तो मुख्य साजिशकर्ता है इन्हे आराम से मारेंगे... और वो आदमी बॉब भला मानस है। अभी सब बंकर चलते है, क्या पता वहां आपके लिये कोई शिकार बचा हो?


इधर बंकर में सामने डरे हुए शिकारी और कुछ घबराये से वुल्फ। ऊपर दीवार से टंगा शिकारियों का बॉस। फिर तो वहां उस बंकर में रक्त ही रक्त था। गुस्साये कैदी वूल्फ ने पूरा रक्त चरित्र दिखाते हुये हर एक शिकारी और उसका साथ देने वाले वूल्फ को अपने क्लॉ से फाड़कर रक्त स्नान कर रहे थे।…


"वो डॉक्टर और उसकी बीवी कहां है।"… आर्यमणि गुस्से से पूछने लगा।


"यहां है दोनो, चुपके से भाग रहे थे।"… पीछे से बॉब, लोस्की और लोस्की के सभी साथी, डॉक्टर माइक और उसकी पत्नी लिली को पकड़ कर ला रहे थे। हा लेकिन एक आवाज ने आर्यमणि का ध्यान पूरा खींचा, वो चौंकरकर आवाज़ के ओर मुड़ा.. आश्चर्य से आर्यमणि की आखें फ़ैल गई… "बॉब तुम यहां।"


बॉब:- हां मुझे भी उतनी ही हैरानी हुई थी, उस रात जब तुमने इस मदरचोद को बचाया था।


आर्यमणि:- तो तुमने इसे जहर दिया था..


बॉब:- हां और तुम समझ सकते हो क्यों जहर दिया होगा। पैसे के लिये जब ये अपने जान बचाने वाले को बेच सकता है, तब कितना गिरा होगा ये हरामि। तुम्हे देखकर सोच नहीं सकते मै कितना खुश हूं। मै आया था तुमसे मिलने। लेकिन उससे पहले ही डॉक्टर तुमसे मिलने पहुंच गया और पता नहीं कैसे तुम्हे झांसे में ले लिया।


आर्यमणि:- इस धूर्त की सच्चाई का पता तो हम दोनो को इसके इमोशन से ही हो गया था... तुम रूही को तो जानते हो ना...


बॉब:- हां तुम्हारे पूरे पैक को देखा हूं। कमाल की क्षमता है और तुमने उन्हें ये एहसास करवाया है कि वो भी एक इंसान है, जिन्हे खास बनाया गया है...


आर्यमणि:- सब तुम्हारे ज्ञान का नतीजा है बॉब, वरना मै भी भटका हुआ था। रूही और मुझे पहली मुलाकात से ही भनक थी, ये धूर्त है। हम तो इसकी मनसा समझने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों तो बस यही सोचकर आये थे कि देखे यहां क्या होता है और ये किस तरह का संगठन है, जहां शिकारियों के साथ वूल्फ भी काम कर रहे।


बॉब:- इसलिए तो मै भी पीछे-पीछे चला आया। लगा कहीं हेल्प की जरूरत ना पड़े।


आर्यमणि:- बॉब तुम पीछा कर रह थे और तुम्हारी गंध मुझ तक नहीं आयी?


बॉब:- मैंने ही सिखाया था और मै ही गंध कवर ना कर सकूं। वैसे मै तुम्हे निराश नहीं करना चाहता, लेकिन शायद कुछ देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। उस कमजरब (शिकारियों के बॉस) की आंख और हाथ निकाल कर लाओ अभी दिखता हूं।


आर्यमणि बिना कोई देर किये उसका हाथ और आंख निकाल लाया। बॉब ने आंख और हाथ से फ्लोर पर बायोमेट्रिक कमांड दिया और नीचे खुफिया सेक्शन का दरवाजा खुल गया। बाकी सबको ऊपर रहने के लिये बोलकर आर्यमणि नीचे उतर गया।


नीचे की पूरी जगह खाली नजर आ रही थी। वहां केवल एक मेडिकल बेड लगा हुआ था जो हैरानी और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ था। उस बेड पर कोई लड़की लेटी हुई थी। उसके दोनो हाथ नीचे झूल रहे थे। जहां बेड लगा था वहां नीचे फर्निस फ्लोर नही था, बल्कि मिट्टी की जमीन थी। लड़की के दोनों हाथ पर जड़ें के रेशे जैसे पूरा लिपटा था जो जमीन से निकलकर उसके हाथ की नब्जों पर फैला हुआ था। उसके चेहरे के ऊपर कोई कैप चढ़ा था क्यूंकि चेहरे के ऊपर रखा कपड़ा किसी के सर की आम ऊंचाई से काफी ऊंचा था।


आर्यमणि:- ऐसे किसे लिटा कर रखा है।


बॉब:- खुद को संभालना…


बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..
:woohoo: :woohoo: kya hi amazing adventures update diya hai Nainu bhaya padh kr dil garden garden ho gya mera, kya hi traiyal kiya hai arya ne in sikariyo or werewolf pr...

आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"
Evan ne to Albeli ko prapose hi mar diya Vahi Albeli ne ek hug or kiss me mamla nipta liya...

Aaj to Accha khasha jauhar dikhaya Albeli Evan or Ojal ne, kya hi maar kaat machai hai bahar tino ne maza aa gya padh kr bhai ruhi ka care bhi kya khoob dikhaya aapne sath hi uski comedy bhi jb sab ke Kat Jane pr uske liye na bache sikar ke chalte kiya...

Bob visky vale ne hi arya ko kafi kuchh sikhaya hai ye kuchh nya tha or aage bhi iska jikar hota rahega yah jankr khusi Hui Lagta hai ab yahi kahani sunayega Aryan ke journey ki...

Ye prahariyo ke boss ka hath or ankh nikal kr lane ko Bob NE hi kaha tha pr mujhe yah Janna hai ki Bob ko ye secret door ke bare me kaise pta chla...

Kya ye ladki Osun thi Jo bed pe leti hui hai, akhir Bob NE ye kyo kaha ki arya ko vo sab pasand nhi aayega, ya fir kahi vo maitri to nhi thi, arya uska chehra dekh ladkhda gya pr apne pack ko aata dekh thoda sambhal gya...

Superb bhai lajvab amazing update awesome writing skill
 

Tiger 786

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भाग:–74





4 के विरूद्ध 1, लौडो के तो इज्जत पर बात आ गयी। 20 बार कोशिश कर चुके थे। सब थक कर बैठ गये और कोच ने फाइनल विसेल बजा दिया। उसे तो पहला ऑफर बॉयज की टीम से ही आ गया। ओजल सबको हाथ जोड़कर कहने लगी, वो सिर्फ 1 या 2 साल के लिये यहां आयी है और कोशिश कर रहे लोग कई सालों से कोशिश कर रहे है। वो टीम में सामिल नहीं होगी लेकिन जेरी और नताली को कुछ-कुछ स्किल सीखा सकती है।


फोर्स तो बहुत हुआ लेकिन ओजल नहीं मानी। कुछ देर में मैदान खाली हो गया। नताली और जेरी आमने-सामने। जेरी अपने घुटने पर बैठ गया और नताली को परपोज कर दिया। नताली ऐटिट्यूड दिखती… "नहीं, तुम मुझे पसंद नहीं।"..


ओजल हंसती हुई… "ये क्या ईगो सेटिस्फेक्शन था।"..


नताली हंसती हुई… "हां.. अपने परिचित को बोलो दोबारा परपोज करे।"..


शर्त सामने थी, और जेरी ने दोबारा परपोज कर दिया। दोनो ने एक्सेप्ट भी किया और एक दूसरे को चूमने भी लगे। लेकिन इन सब के बीच अचानक से ओजल लाइम लाइट में आ गयी। स्कूल में चारो ओर उसी की चर्चा और लोग उस से दोस्ती करने के लिये बेताब। शाम को तीनो ड्राइविंग स्कूल पहुंचे। आज तो वहां भी इनको क्लीन चिट मिल गया और साथ में कुछ कंडीशंस वाले ड्राइविंग लाइसेंस। तीनों बहुत खुश थे और आते ही… "बॉस, रूही… दोनो के लिये सरप्राइज है।"


दोनो अपने कमरे से बाहर निकलते… "क्या हुआ क्या सरप्राइज है।"


तीनों एक साथ…. "हमे ड्राइविंग लाइसेंस मिल गया.. वुहु।"


रूही:- कार खरीदकर ही आना था ना। और हां हमारी तरह फाइनेंस पर उठाना कार।


इवान:- वो क्यों भला..


आर्यमणि:- क्योंकि वक़्त कब बदले और कौन सा शहर हमे बुला रहा हो किसे पता। वैसे एक सरप्राइज और भी है, जो 50-50 में है।


ओजल:- कैसा सरप्राइज..


आर्यमणि:- सुनिश्चित नहीं है, लेकिन हो सकता है हम लोग जल्द ही एक्शन करते नजर आयेंगे। बहुत दिनों से लगता है तुमलोग भी बोर हो गये हो।


तीनों एक साथ… "कार छोड़ो चलो पहले एक्शन की तैयारी करते है।"


रूही:- नहीं-नहीं चलो पहले कार लेते है। वैसे कैसी कार चाहिए तुम तीनो को, कुछ सोचा है।


तीनों एक ही वक़्त में आगे पीछे लगभग एक ही बात कहे… सेवर्लेट" की वो चार सीटर मिनी पिक अप आती है ना वही।"


आर्यमणि:- तीनों थोड़े कम फिल्में देखा करो। चलो चलते है।


कार लेने के बाद पारंपरिक ढंग से स्वागत करके उसे गराज में लाकर लगाया गया। तीनों ऊपर बैठकर बातें कर रहे थे, रूही सबके लिए कुछ पका रही थी इसी बीच वो डॉक्टर अपनी पत्नी के साथ आ गया।.... "हमे तुम्हारा प्रस्ताव मंजूर है। मैंने सोचा वीकेंड टूर प्लान कर रहे है और साथ में अपनी हॉट वाइल लिली (डॉक्टर की पत्नी) भी हो तो सफ़र का आनंद ही कुछ और होगा। तुम्हारे 1 मिलियन कौन से अकाउंट में ट्रांसफर करने है वो बताओ।"..


पैसों की लेनदेन पूरे होने के बाद आर्यमणि, डॉक्टर माईक और उसकी पत्नी से उसका मोबाइल लेकर… "आगे का सफर आप हमारे हिसाब से करेंगे डॉक्टर।"


डॉक्टर:- जैसी तुम्हारी मर्जी।


आर्यमणि ने रूही को उनके साथ एयरपोर्ट भेजकर ऊपर आया और तीनों को अकेले एयरपोर्ट पहुंचकर, साथ मैक्सिको चलने के लिये कहा। उनका काम था बिना खुद को जाहिर किये पीछा करना और नजर बनाये रखना की कोई हमारा पीछा तो नहीं कर रहा। यदि कोई हमारा पीछा कर रहा हो तो उसे सफाई से, रास्ते से हटा देना। उसके बाद किसी जंगल में शिकारी और वुल्फ जो मिलकर काम करते है, उनसे जाकर पहले मैं और रूही मिलने जायेंगे। तुमलोग 12 घंटे बाद जंगल के लिये निकलोगे। रास्ते में हम फूट प्रिंट छोड़ते जायेंगे, उसी हिसाब से आगे बढ़ना और हमारे सिग्नल का इंतजार करना। जैसे ही एक्शन शुरू होते है, तुम तीनो जंगल में फैले हुये दुश्मनों को लिटा देना और यदि तुम पर कोई खतरा आता है तब तुरंत आवाज़ लगाना।


सारी बातें क्लियर हो गयी और इधर तीनों ऑनलाइन टिकिट बुक करके जब रास्ते में थे…. "बॉस तो सिम्पल प्लान बता रहे है। देखो अगर ड्रग का धंधा करते है तो इनके पास कैश पैसा भी उतना ही होगा। इसलिए हमे प्लान में थोड़ी तब्दीली लानी होगी।"… इवान ने कहा..


अलबेली:- बॉस चमरी उधेड़ देंगे यदि पता चला कि हम पैसों को उड़ाने के बारे में सोच रहे थे।


ओजल:- कौन सा वो मेहनत का पैसा कमा रहे है। ज़हर का कारोबार करके कमाया है।


इवान:- और कौन सा हम बुरे काम करते है, हमारे खर्च के लिए भी तो पैसे ऐसे ही लोगों के पास से आये है। सो इन पैसे से हम कुछ लोगों के लिये कुछ ना कुछ अच्छा कर सकते है।


अलबेली:- गधों, तुम एक गैंग का पैसा लोगे और इन पैसों के पीछे 4 गैंग वाले पड़ जायेंगे। फिर रोज लफड़े, फिर रोज झगड़े और अंत में यहां से जाना होगा।


ओजल:- हां लेकिन कहीं हमे कैश लेकर आना पड़ा तो, उसकी तैयारी तो करनी होगी ना। बॉस ने नहीं सोचा तो क्या हुआ, हम एक ट्रक लेकर चलेंगे, बॉस के पास प्रस्ताव रखेंगे। मान गये तो ठीक नहीं तो कोई बात नहीं।


अलबेली:- दोनो भाई बहन मिलकर चुरण तो नहीं दे रहे। कोई बेवकूफी मत करना, अपनी मर्जी से खुलकर जीने का मौका मिला है, मै इसे ट्रैवलिंग में बर्बाद नहीं करना चाहती।


इवान:- तुम्हारे बिना पत्ता भी नहीं हिलेगा, अब खुश।


अलबेली:- हां बहुत खुश।


पांचों एक ही प्लेन में उड़ान भर रहे थे लेकिन अलग-अलग। 360⁰ की आंखें थी सबकी और चारो ओर नजर दिये हुए थे। फ्लाइट मैक्सिको लैंड हुई और सब अपने-अपने रास्ते। इवान, ओजल और अलबेली सीधा पहुंचे मैक्सिको के काला बाजार। वहां से उन्होंने 4 कटाना खरीदा और आर्यमणि के लिए 2 सई वैपन। एक वैन में ट्विंस सवार हो गए और एक पिकअप लेकर अलबेली उनके पीछे बढ़ी।


तीनों जाकर रात के लिये होटल में रुके, और अगली सुबह आर्यमणि के मार्क रास्ते पर चल दिये… एक बड़े सा पाऊं का निशान आर्यमणि और रूही ने बनाया था। तीनों समझ गये उन्हें इस पॉइंट पर रुकना है।


दोनो गाड़ी पार्क करने के बाद तीनों साथ हुये… "ये सुपरनैचुरल और शिकारी की भिड़ंत ऐसे घने जंगलों के बीच क्यों होता है? यहां का माहौल देखकर ही लोगों को हार्ट अटैक आ जाये।"… जंगल के शांत और खौफनाक माहौल को मेहसूस करती, अलबेली कहने लगी।


ओजल:- ऐसा लग रहा है वो.. "दि रिंग".. मूवी में चुड़ैल के कुएं के पास जैसा हॉरर इफेक्ट डाला था, वैसा ही यहां भी डाले है। कहीं सच में कोई चुड़ैल हुई तो?


इवान:- काम पर ध्यान दे, बॉस और रूही रात से यहां है?


"रुको, एक मिनट, ऐसे आगे मत बढ़ो।"… इवान ने दोनो को रोकते हुये कहा।


ओजल:- अब क्या हुआ, काम पर ही ध्यान देने जा रहे है?


इवान:- पाऊं के निशान देखी हो, दोनो ने ऐड़ी से गड्ढे बनाये है, इसका मतलब है रुको, आगे कुछ खतरा है। खतरे को भांपकर फिर आगे बढ़ो।


अलबेली:- हम्मम ! चलो हम फ़ैल जाते है और इस सीमा के बाहर रहकर देखते है आगे कोई खतरा है कि नहीं.…


ओजल:- फुट साइन देखो, क्रॉस है, मतलब आगे बढ़ना ही नहीं है। बॉस ऐसा कैसे कर सकते है।


"वो कर सकता है।".… पिछे से एक आवाज आयी और तीनों चौंककर देखने लगे.. ओजल और अलबेली उसे घेरती.. "तुम कौन हो।"..


आदमी:- मुसाफिर, इस जंगल का मुसाफिर..


इवान:- ये भी हमारे साथ फ्लाइट में था। हमारे साथ ही चला था बर्कले (कारलीफॉर्निया) से।


आदमी:- मेरा नाम बॉब इवानविस्की है, यहां आते–जाते रहता हूं। तुम तीनों चाहो तो मेरे साथ अंदर तक चल सकते हो, या आगे जाने का खतरा मोल लोगे मना करने के बावजूद, ये तुम्हारी मर्जी है।


तीनों आपस में कुछ बातें की और उसके साथ जाने के लिए हामी भर दी। वो आदमी बॉब वहां खड़ा होकर किसी को कॉल लगाया और थोड़ी देर बाद 2 जीप वहां पहुंच गई। उस जीप में तीनों सवार होकर निकल गये। बॉब किसी रॉस्ले नाम के आदमी से मिला, उसने एक बैग बॉब को थमा दिया। बॉब बाग को अपने पास रखते... "रॉस्ले, ये कुछ नए लोग धंधा करना चाहते है, इन्हे धंधा समझा दो। जो भी माल लेंगे कैश लेंगे, बस धंधा पहली बार कर रहे है।"..


रॉस्ले:- थैंक्स बॉब…. क्यों किड्स क्या बेचना पसंद करोगे।


ओजल:- जो सबसे ज्यादा नसिला हो, एक कश और दुनिया हील जाये।


रॉस्ले:- हाहाहाहा… तुम्हारा पैक कहां है।


इवान:- हमे पैक की जरूरत नहीं, हम पहले से ही पैक में है। दि अल्फा पैक। लेकिन पैक और वुल्फ वो ताकत नहीं देते जो ये पैसा देता है।


रॉस्ले:- धंधे में तुम जैसे ही सोच वाले लोग तो चाहिए। सुनो बॉब इतने शानदार लोगो से मिलवाने के लिए आज रात का जश्न मेरे ओर से। तुम तीनों रेस्ट करो, मै कुछ लोगो से बात करके तुम लोगो को धंधे के बारे में सब बताता हूं, वैसे माल कितने का लोगे।


अलबेली:- एक दिन में कितने का बिक जाता है।


रॉस्ले:- कोई लिमिट नहीं है, यहां हम बिलियन का माल सेकंड में बेच देते है।


अलबेली:- ठीक है 1 मिलियन का माल शुरवात के लिये।


रॉस्ले:- धंधा नया शुरू कर रहे हो ना..


इवान:- कम है क्या, ठीक है 5 मिलियन का खरीद लेंगे।


रॉस्ले, उन्हें गन प्वाइंट पर लेते… "9 एमएम सिल्वर बुलेट, इधर गोली अंदर और जान बाहर। बॉब के कारण अपन तुम्हारा इंक्वायरी नहीं किया और तुम फिरकी ले रहा है।


ओजल अपना अकाउंट स्टेटस दिखती… "तुम्हारी औकात नहीं हमरे साथ धंधा करने की। चलो सब"..


बॉब:- अरे बेवकूफों रॉस्ले कह रहा है पहले 10 हजार का माल लो, रिस्क और मार्केट देखो, फिर धीरे-धीरे धंधा बढ़ाओ। पहली बार आये हो। धंधा पहली बार कर रहे हो और तुम्हे 5 मिलियन का माल चाहिए, कोई भी चौंक जायेगा।


रॉस्ले:- ये किड्स बहुत आगे तक जायेगा बॉब। आज तूने अपनी बिरादरी वालो को अपने पास लाकर दिल खुश कर दिया है। रात यही रुक और आराम से पार्टी करके जाना।


बॉब:- रॉस्ले तुम जानते हो मै रुक नहीं सकता..


ओजल:- बॉब हमारे लिये रुक जाओ।


रुक गया बॉब। चारो हाथ में बियर लिये जंगल में भटक रहे थे, तभी ओजल बॉब से उसकी पहचान पूछने लगी। उसने कुछ नहीं बताया सिर्फ इतना ही कहा वो अपने काम के वजह से यहां है, अगर वो तीनो अपने साथी को छुड़ाकर यहां से निकलने में कामयाब हो गये, तो उसके पते पर आकर मिले। बॉब इसके आलवा कोई जानकारी नहीं दिया और उन्हें जंगल घुमाते-घुमाते एक और सीमा तक ले आया…


"इस रास्ते पर चलते जाओगे तो आगे तुम्हे फार्मिंग दिखेगी, वहीं तुम्हारे साथी कैद है। एक बात याद रहे इसके अंदर यदि तुम पकड़े गये, फिर कभी वापस लौटकर नहीं आ सकते। रॉस्ले अच्छा आदमी है, लेकिन मजबूर। यदि सबको बचाते हो तो उसे भी निकाल लेना। वो जितने लोगो को निकालना चाहे उसकी मदद कर देना। तुम्हारे हथियार तुम्हारे कमरे में पहुंच गये है, बेस्ट ऑफ लक।"


इसके ठीक पूर्व रात के समय छिपते-छिपाते जैसे ही रूही और आर्यमणि वहां पहुंचे उन्हें ट्रैप कर लिया गया। गले में सिल्वर का पट्टा, जिसके अंदर करंट। एक बार करंट का कमांड दिया उन लोगो ने, तो रूही और आर्यमणि गला पकड़ कर बैठ गये और रहम की भीख मांगने लगे। उन्हें बेबस देखकर वो शिकारी हंसे और, हाथ और पाऊं में भी ठीक वैसा ही पट्टा लगा दिया। ये डॉक्टर माइक और लीली का बिछाया जाल था जिसमे दोनो जान बूझकर फंस चुके थे।


डॉक्टर माईक और लिली को वहां रुकना पड़ा, क्योंकि एक पुरा दिन आर्यमणि और रूही का काम देखने के बाद ही उनको रात में पेमेंट मिलती। वहां वुल्फ का काम देखकर आर्यमणि दंग था। कई किलोमीटर तक का फैला फार्म, और नशे के पौधों को पानी की जगह वुल्फ ब्लड से सीचते थे। एक रात में वुल्फ ब्लड से सींचकर पुरा पौधा तैयार कर लेते थे।… दोनो ने जब यहां का हाल देखा, आखों के सामने हैवानियत का ऐसा नजारा देखकर दंग थे…. "बॉस ऐसा भी होता है क्या?"..


आर्यमणि:- दुनिया इनोवेटिव हो गयी है रूही। ये नया अनुभव भी करो और दिमाग को पूरा काबू में रखकर ये देखने की कोशिश करो, इन लाचारों को कैसे बचाएं।


एक रात से अगले दिन का शाम के 5 बज रहे थे। शाम का वक्त था, लेकिन जंगल के अंदर घनघोर अंधेरा, ऐसा लग रहा था अमवस्या की रात थी। रूही और आर्यमणि दोनो आसपास लेटे थे। रूही बेसुध कोई होश ही नहीं, उसी की तरह बाकियों की भी हालत थी। उस बड़े से फार्म में सकड़ो वेयरवॉल्फ थे, जिनके हाथ, पाऊं, और गले में चांदी के पट्टे लगे थे। हर पट्टे मोटी जंजीर से लगा हुआ था। कोई अपनी मर्जी से खून बहाता तो ठीक वरना पट्टे के अंदर लगे हाई वोल्टेज वाले करेंट को जैसे ही ट्रिगर किया जाता, वुल्फ मिर्गी के रोगी समान छटपटाते बेहोश हो जाते। बेहोश वुल्फ के हाथ से खून निकलना कौन सी बड़ी बात थी। उनके शरीर से कतरा-कतरा खून का निचोड़ लिया जाता था।


आर्यमणि बड़ी सफाई से अपना पट्टा खोल चुका था। अपने दांत से होंठ को काटकर खून निकाला और रूही के होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगा। जैसे ही खून का कतरा रूही के अंदर गया, गहरी श्वांस लेती वो अपने आखें खोल ली और पागलों की तरह खून चूसने लगी। होश ही नहीं कुछ भी बस चूसती रही। तभी रूही के कान में वुल्फ साउंड सुनाई दिया। यह आवाज ओजल, इवान, और अलेबली की थी। इधर बॉब ने जैसे ही आर्यमणि और रूही का पता बताया। तीनों अपने कमरे से हथियार निकालकर उस सीमा तक पहुंच चुके थे जिसके आगे फार्मिंग शुरू होती थी और वहीं से खड़े होकर वुल्फ साउंड दे रहे थे।


रूही होंठ छोड़कर जैसे ही वुल्फ साउंड का जवाब देने के लिए मुंह खोली… "नहीं, मत आवाज़ दो, उनको निपटने दो। हमे वक़्त मिल गया है इन सबको बचाने का। जबतक ये लोग टीन्स के साथ उलझे है, तुम सबको खोलो। तुम्हे सिल्वर एलर्जी तो नहीं।"..


रूही:- आर्यमणि, तुम्हारी हालत जारा भी ठीक नहीं, तुम्हारे बिना हम यहां से कैसे निकलेंगे?


आर्यमणि, रूही को घूरते.… "ओय पागल मैं मारने वाला नही जो इतने शोक में डूबकर बातें कर रही हो। अब जो कहा है वो करो, या डर लग रहा है सिल्वर एलर्जी का।


रूही मस्ती में आर्यमणि के होंठ चूमती… "तुमने कहा है ना… एलर्जी होगी भी, तो भी करूंगी। जल्दी से रिकवर हो जाओ, सब साथ घर चलेंगे।"


वुल्फ साउंड जैसे ही आया… बॉब अपना सर पीटते… "ये टीन, एंट्री तो बहुत समझदारी वाली मारे थे लेकिन ये क्या बेवकूफी कर गये।


यहां की जगह व्यूह जैसी बनी थी। ड्रग्स माफिया के इलाके में घुसते ही पहला दायरा 200 मीटर का था। ये दायरा प्रवेश द्वार पर खड़े सुरक्षा कर्मी के अंदर आता था। इनका काम था किसी बाहर वाले को 200 मीटर के आगे न जाने दे। 200 मीटर के आगे सुरक्षा कर्मी की सीमा थी। ये लोग वहां से अंदर 300 मीटर की सुरक्षा देखते थे। कोई भटका हुआ उनकी से सीमा में आ जाये तो उन्हे प्रवेश द्वार वाले सुरक्षा कर्मी के पास पहुंचाना इनका काम था। हां लेकिन कोई इनकी बात न माने तो सीधा गोली मार देते थे। कुल 500 मीटर के दायरे में 2 सुरक्षा कर्मी की टीम तैनात थी। और उसके आगे फार्मिंग का इलाका शुरू होता था जो मिलो फैला था और वहां की सुरक्षा एक बड़े से मिलिट्री बंकर से करते थे।
Lazwaab update
भाग:–75





आखरी सीमा फार्मिंग की सीमा। इसके मध्य में एक बड़ा सा मिलिट्री बंकर था, जहां से हर सीमा की निगरानी से लेकर तरह–तरह के हथियार और बेहतरीन लड़ाका द्वारा पूरे क्षेत्र को नियंत्रण में रखा जाता था। फार्मिंग के इलाके में सैकडों कैदी वेयरवुल्फ थे। उनके खून से नशीले पौधों की सिंचाई की जाती थी। यहां हर वूल्फ को सिल्वर पट्टे डालकर जंजीर से बांधकर जमीन पर लिटा दिया जाता था। उनके नब्ज में 8-10 नीडल घुसकर, 8-10 खुले पाइप खेत के क्यारियों में छोड़ दिया जाता था। हर वूल्फ का ब्लड पाइप के जरिये मिट्टी तक पहुंचती। तीनों टीन वुल्फ फार्मिंग सर्कल के बॉर्डर पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे।


ओजल:- कमाल का वुल्फ साउंड था दोस्तो, वापस साउंड नहीं आया मतलब उन्हें वक़्त चाहिए, तबतक हाथ ना आओ, जबतक बॉस और रूही दीदी की आवाज ना सुनो।


अलबेली:- तो चलो बॉस और रूही वक़्त दिया जाये, जितना हम दे सकते है। आज जो कुछ भी ट्रेनिंग से सीखा है उसका प्रेक्टिकल देने क वक्त आ गया दोस्तों...


इवान:- सोचा था बाद में कभी कह दू, लेकिन मै कहे बिना रह नहीं पाऊंगा, क्या पता सब जब नॉर्मल हो तो मै हिम्मत जुटा पाऊं या नहीं, माझे आयुष्य अलबेली, आई लव यू…


दोनो लड़कियां इवान का मुंह देखने लगी, अलबेली हंसती… "ये कब हुआ, ना कोई सीन बना, ना कोई रोमांटिक-एक्शन मोमेंट क्रिएट हुआ, सीधा लव हो गया। ओजल तुझे कुछ समझ में आया।"..


ओजल:- लगता है एक्शन के एक्साइटमेंट में तुम्हे हग करके किस्स करना चाह रहा है। जल्दी इसे किस्स दे दे और काम पर लग जा, इस बारे में आराम से सोचेंगे।


अलबेली, इवान का कॉलर पकड़ कर अपने ऊपर खींचती.. "एक किस्स के लिए इतनी झिझक"… कहते हुए अलबेली ने इवान के कमर में हाथ डाला और होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगी।


तभी वहां खास किस्म का तेज और लाउड म्यूज़िक प्ले होने लगा। वेयरवोल्फ हंटर द्वारा प्रयोग में लाया जाना वाला एक आधुनिक हथियार। इसके धुन को कुछ इस प्रकार बनाया गया था जिसे सुनकर हर वुल्फ अपना सर पकड़कर वहीं बैठने पर मजबूर हो जाये। म्यूजिक के शुरू होते ही ओजल के चेहरे पर खिंचाव सा गया। ओजल दोनो को एक हाथ मारते… "केवल किस्स ही कर रहे थे ना, हरामियों गुम किधर हो। हमे फसाने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। आंह्हहह !! इनकी ये घटिया म्यूज़िक।"


इवान अपने बैग से इयर कैप निकला, खुद भी लगाया और दोनो को भी पहनने के लिये दिया। तीनों इयर कैप पहनकर वहीं नीचे जमीन पर सर पकड़ कर बैठ गये। थोड़ी ही देर में एक जीप भड़कर वहां शिकारी पहुंचे। शिकारियों ने उन्हें घेर लिया और सभी हंसते हुए जीप से नीचे उतरे… और आपस में बात करते.. "साला एक को पकड़ो और पुरा पैक हाथ लग जाता है। लेकिन ये पहला सर्किल कैसे पार किये।".... "पहले इनमे इलेक्ट्रिक शॉक प्रड्स (वो रॉड जिसके सिरे से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है) घुसा दे, फिर कल इसपर मीटिंग करेंगे।


तीनों के हाथ जमीन पर और हाथ में थी, म्यान के अंदर कैद कटाना। अलबेली ने एक छोटा इशारा किया और तीनों ने पूरी ताकत से, नीचे बैठे-बैठे उन लोगों के टखने पर, काटाने के म्यान से ऐसा हमला किया कि उनका टखना चूर हो गया।


तीनों एक साथ बिल्कुल ऊंचे सुर में लगातार वूल्फ साउंड निकलते.… "वूऊऊऊऊऊऊऊ"… "वऊऊऊऊऊ"… "वूऊऊऊऊऊऊऊऊ"… यह ललकार वाली वुल्फ साउंड थी। तीनो अपने दुश्मनों को चुनौती दे रहे थे। शिकारी और वेयरवुल्फ के बॉस ने जब यह वूल्फ साउंड सुना, बंकर से शिकारी और वोल्फ की पूरी टुकड़ी को आवाज के पीछे भेज दिया। इसके साथ दोनो सीमा के सुरक्षा कर्मी को भी इनके लगा दिया गया।


तीनों के कंधे तिकोने शेप में जुड़े थे जो बीच से एक ट्राइंगल का निर्माण कर रहा था। कटाना अपने म्यान से बाहर आ चुका था और तीनों एक दूसरे को कवर करते धीरे-धीरे अन्दर, उनके फार्मिंग एरिया के ओर बढ़ रहे थे। कुछ दूर चले होंगे तभी रॉस्ले अपनी टीम के साथ पहुंच गया। जानी पहचानी गंध पाकर अलबेली वूल्फ साउंड में दहारी, ऐसा जैसे वहां के बीटा को कंट्रोल कर रही हो। रॉस्ले और उसके साथ आये 10 वुल्फ अपनी जगह रुक गए, जिसमें कोई अल्फा नहीं था।


ओजल:- रॉस्ले हमसे दूर रहो वरना कटाना खुल चुकी है और अब ये दोस्त या दुश्मन नहीं देखेगी। आज रात सब आजाद होंगे।


इधर उस जगह के बॉस का पूरा ध्यान अपने 3 दुश्मनों पर था, जिसने वुल्फ को पागल बनाने वाले म्यूज़िक से खुद को बचाकर अंदर की ओर बढ़ रहे थे। उसके मोशन सेंसर पर तीनों वूल्फ की लोकेशन आ रही थी जो तिकोना बनाकर एक दूसरे को कवर करते हुए चल रहे थे। उस बॉस का पूरा ध्यान सीमा पर था और फार्म के अंदर रूही एक-एक करके बड़ी तेजी के साथ कैदी वूल्फ को खोल रही थी। लगभग 20 वुल्फ को वो छुड़ा चुकी थी, तभी वहां चारो ओर बड़ी-बड़ी लाइट जलनी शुरू हो गई। माईक पर एक खतरनाक अनाउंस…


"तुम्हारा कोई भी पैक हो, उसे तुम ले जाओ, हमे यहां वॉयलेंस नहीं चाहिए। लेकिन यदि तुम तीनों ने लड़ाई नहीं रोकी तो मै यहां कैद सभी वुल्फ को मारने में देर नहीं करूंगा। हम अपने आदमी पीछे कर रहे है, तुम अपना ट्राइंगल छोड़कर अपने पैक को पहचान लो, और यहां से लेकर जाओ।"


ओजल:- क्या करे.. ?


इवान:- टाइम पास ही तो करना है, ध्यान से फ़ैल जाओ और हवा को मेहसूस करो। हम अपने अलग-अलग पैक चुनेंगे। 14, 16 और 14 का पैक। साले को शॉक्ड दे दो।


तीनों ने ट्राइंगल तोड़ा और ऐतिहात से आगे बढ़ने लगे। बंकर के अंदर बैठा बॉस जैसे ही तीनों को रौशनी में देखा… "ये तो टीन वुल्फ है, कसिके पैक के वोल्फ है।"


साथ काम करने वाला एक अल्फा वुल्फ… "तीनों अल्फा है बॉस।"


बॉस शॉक्ड होते… "लेकिन 3 अल्फा वुल्फ एक साथ कैसे आ गये।"


अल्फा वुल्फ:- शायद अलग-अलग आये हो। अंदर के किसी ने मदद की हो और तीनों को साथ मिलकर लड़ने के लिये भेजा हो।


बॉस:- लड़ाई करके क्यों नुकसान बढ़ना जब खुद फसने चले आ रहे है। वुल्फ पॉयजन का ट्रनकुलाइजर तैयार करो, और तीनों को बेहोश करो, जल्दी।


बॉस का हुक्म मिलते ही अल्फा वुल्फ का इशारा हुआ और लगभग 20 ट्रंकुलाइजर एक साथ अलबेली, इवान और ओशुन के ओर बढ़ने लगे। तीनों की आंखें तो खुली थी लेकिन मन तो हवा की तरह बह रहा था। सामने से आ रही ट्रक्यूलाइजर को तीनों स्लो मोशन में बढ़ते हुये देख रहे थे, जबतक वो बुलेट शरीर तक पहुंचती, कटाना को इतनी तेज गति से आगे ओर घुमाया सभी ट्रानकलाइजर बर्बाद होकर भूमि पर गिर गया।


तीनों उस माहौल को थर्राते हुए एक बार फिर ऊंची-लंबी वोल्फ साउंड निकालते… "तूने क्या हमे शिकार समझ रखा है जो झांसे में आयेंगे।.. इस दहाड़ पर तो केवल थर्राया होगा, कहीं हमारे बॉस ने अपनी दहार सुनाई, फिर तुम शिकारियों का पेशाब निकल जायेगा।".. इवान ने धमकाया


ओजल:- बस कर इवान कहीं डर से ना मर जाये..


उस फार्म का बॉस.… "अभी तक तो मैंने सोचा था कि तुम्हे केवल बेहोश करके गुलाम बनाऊंगा, लेकिन तुम्हारी किस्मत में मरना लिखा है। सिल्वर बुलेट लोड करो और पूरी एक मैगजीन खाली होने पर ये तीनों नहीं मरे तो फार्म से किसी भी 3 वूल्फ की लाश गिरा देना। पिलर में फिट किये बड़ी–बड़ी नली वाले 20 हैवी गन बंकर में लगा था। एक मैगजीन मतलब लगभग 1000 राउंड का बड़ा सा चटाई लोड हो रहा था।


इधर बातचीत का दौर शुरू होते ही रूही अपने काम पर और तेज़ी से लग गयी। तभी फार्म में मौजूद हर वूल्फ को भूमि की सतह पर कुछ होने का एहसास होने लगा। चारो ओर जो हरे पौधे और उसके ऊपर का फूल लगा था, मुरझा कर झुलस गया। आर्यमणि खेत की मिट्टी में पूरा पंजा घुसाकर वहां के पूरे पोषण के साथ उसके अंदर के टॉक्सिक को भी खींच चुका था। मिट्टी के साथ–साथ पौधों के जड़ों से भी आर्यमणि पूरा पोषण खींच चुका था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर में फैले इस फार्म की पूरी फसल झुलस गयी।


कहानी यहां 2 हिस्सों में चल रही थी। एक ओर तीनों टीन वूल्फ, अलबेली, ओजल और इवान जंगल के शिकारी और वूल्फ को सामने से चुनौती दे रहे थे, वहीं रूही यहां कैद वूल्फ को करंट दौड़ रही चांदी कि जंजीर से आज़ाद करने में लगी हुई थी। यहां का बॉस तो बंकर में था और उसकी नजरें स्क्रीन पर तीनों टीन वूल्फ को ही मॉनिटर कर रही थी, इसलिए उसने सीधा अलबेली, ओजल और इवान पर हमला करवा दिया।


और इधर इवान, ओजल और अलबेली भी पूरा तैयार थे। तीनो ही पूर्ण रूप से जैसे वातावरण में समा गये थे। वहां के कण–कण को मेहसूस कर रहे हो जैसे। हवा के परिवर्तन को मेहसूस करते तीनो बिलकुल हवा की भांति लहराते, जब अपने कटना को चलाने लगे.… फिर तो बॉस के स्क्रीन पर न तो ठीक से तीनो टीन वुल्फ नजर आ रहे थे और काटना को तो नंगी आंखों से देखा ही नहीं जा सकता था, बस ऊसके लहर को मेहसूस किया जा सकता था।

"बॉस जल्दी काम ख़त्म करो। हमे यदि सिल्वर बुलेट छु भी लेती है तो हम इमर्जेंसी साउंड भेजेंगे। अभी हमें नहीं मरना।".. इवान ने आर्यमणि के गुप्त संदेश भेजा


तीनों टीन वूल्फ पर सिल्वर बुलेट की फायरिंग हो रही थी। रूही की चिंता सातवे आसमान पर पहुंच गयी। टीन वूल्फ अभी थे तो बच्चे ही। रूही जल्दी-जल्दी अपना काम समेट रही थी। तभी हवा का झोंका सा आर्यमणि, रूही के पास से गुजरा, जो कहता गया.… "तुम जल्दी से सभी कैदी को छुड़ाकर किनारे करो। बंकर की बुलेट फायरिंग मै रोकता हूं।"


रूही थोड़ा और समय ली। बचे हुये वुल्फ की बेड़ियां खुल चुकी थी और इधर सिल्वर बुलेट तो चल रही थी, लेकिन तीनों लहराते हुये क्या ही कटाना चला रहे थे। बुलेट तो जैसे कटना के आगे सरेंडर कर चुकी थी। जैसा कि शिकारियों के बॉस ने पहले कहा था... "सिल्वर बुलेट फायर करो, यदि पूरी मैगज़ीन खाली होने के बाद भी टीन वूल्फ नहीं मरे तो फार्म में कैद किसी भी 3 वूल्फ को मार देने।"… बंकर से इनकी सिल्वर बुलेट टीन वूल्फ पर फायरिंग हो रही थी। सभी सिल्वर बुलेट कटाना की धार को मज़ा चखने के बाद दम तोड़कर टीन वूल्फ के कदमों में बिछ जाते।


पूरे मगजिंन खत्म भी नहीं हुआ था कि एक तेज दहाड़ उस जंगल में गूंजी… किसी शक्तिशाली और आक्रमक वेयरवुल्फ की दिल दहला देने वाली, हमला करने की तेज दहाड़। बंकर में बैठा शिकारियों के बॉस के पास वाला अल्फा वुल्फ बिल्कुल शांत होकर अपना सर पकड़ लिया। इधर चोट खाये और कैद में फंसे वूल्फ जो खुद को जल्दी हील कर सकते थे, आर्यमणि की एक आवाज पर बंकर के अंदर दौड़ लगा चुके थे। लेकिन बंकर माउंटेन एश से घिरी हुई थी। बौखलाये कयी वेयरवुल्फ माउंटेन एश की खींची लाइन के बाहर खड़े होकर अपने गुस्से की दहाड़ से शिकारियों के बॉस को जाता रहे थे कि आज उनका दिन है।


आर्यमणि भी उन चोट खाये वेयरवुल्फ की मनोदशा को भांपकर माउंटेन एश की रेखा को मिटा दिया। रेखा मिटते ही सभी गुस्साए वूल्फ बंकर में घुसे। आर्यमणि सबसे आगे रहकर सीधा शिकारियों के बॉस को पकड़ा और उसके शर्ट के कॉलर को दीवार के खूंटी से टांग दिया। तकरीबन 40 शिकारी और 20 वुल्फ वहां बंकर में थे और आर्यमणि के साथ उनके विरुद्ध लड़ने के लिए कुल 20 गुस्साए वेयरवुल्फ ही पहुंचे थे, बांकी के कैदी वूल्फ लड़ने क्या उठने की हालत में भी नहीं थे।


आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"


आर्यमणि ने ओके करके अपने दोनो हाथ खड़े कर दिये और बाकी कैद किये गये गुस्साये वूल्फ को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहने लगा.…. "तुम लोगो के जो भी शिकार है, आज छोड़ना मत। बस केवल याद रहे मै जबतक खड़ा हूं कोई अपने दांत लगाकर खून नहीं पियेगा और मांस नहीं नोचेगा।"..


नीचे रूही अब भी कई कैद वुल्फ को छुड़ाने में लगी थी। वहीं कुछ और वुल्फ रूही की मदद कर रहे थे। तीनो टीन वुल्फ तो आज जैसे कहर का पर्यावाची शब्द बन गये थे। शिकारियों और वुल्फ की टीम इनके आस पास में ही थे। बुलेट फायरिंग रुकते ही तीनो सैकड़ों दुश्मन के बीच घिरे थे। रूही दूर से जब यह नजारा देखी, पूरे तेजी से भागना शुरू की। और जितनी तेज वो दौड़ना शुरू की थी, धीरे–धीरे गति अपने आप ही कम होने लगी।


रूही जब दौड़ना शुरू की तब भी भीड़ लगा ही हुआ था। बस बीच से हवा में कटे हुये हाथ, पाऊं और सर ही नजर आ रहे थे। चारा काटने की मशीन में जैसे चारा को कुतरा–कुतरा कर के काट देते हैं ठीक उसी प्रकार तीनो की कटाना लहरा रही थी। और लहराने की गति का तो कोई आकलन ही नहीं था। जब तक रूही वहां पहुंची तब तक तीनो ने मिलकर लाशें बिछा दी थी। बस एक टीम थोड़ी दूर बैठकर यह पूरा तमाशा देख रही थी। रूही के हाथ कुछ न लगा तो वो लास्की और उसके साथ खड़े 4 वुल्फ पर ही कहर बनकर बरसने वाली थी।


अलबेली उसे बीच मे ही रोकती... "रूको, ये अपने साथ में है।"


रूही:– हुंह… ये भी उनके साथ है और मेरा शिकार है...


ओजल:– क्ला और फेंग से मरोगी तो बॉस को क्या जवाब दोगी...


रूही:– बॉस बंकर में एक्शन कर रहा तुम तीनो ने यहां सबका सफाया कर दिया। मेरे लिये कुछ तो छोड़ा होता।समाज सेवा के काम पर लगा दिये। अब क्या मैं इन बचे लोगों का भी शिकार न करूं?


अलबेली, चिल्लाती हुई... "बस करो.. हमने कहा न वो अपने साथ है।"


रूही:– ये हरामी डॉक्टर और उसकी बीवी तो न है साथ में... और ये एक नया आदमी भी दिख रहा... क्या मैं इन्हे मार दूं...


इवान:– बस दीदी क्यों इतना पैनिक हो रही... ये डॉक्टर और उसकी बीवी तो मुख्य साजिशकर्ता है इन्हे आराम से मारेंगे... और वो आदमी बॉब भला मानस है। अभी सब बंकर चलते है, क्या पता वहां आपके लिये कोई शिकार बचा हो?


इधर बंकर में सामने डरे हुए शिकारी और कुछ घबराये से वुल्फ। ऊपर दीवार से टंगा शिकारियों का बॉस। फिर तो वहां उस बंकर में रक्त ही रक्त था। गुस्साये कैदी वूल्फ ने पूरा रक्त चरित्र दिखाते हुये हर एक शिकारी और उसका साथ देने वाले वूल्फ को अपने क्लॉ से फाड़कर रक्त स्नान कर रहे थे।…


"वो डॉक्टर और उसकी बीवी कहां है।"… आर्यमणि गुस्से से पूछने लगा।


"यहां है दोनो, चुपके से भाग रहे थे।"… पीछे से बॉब, लोस्की और लोस्की के सभी साथी, डॉक्टर माइक और उसकी पत्नी लिली को पकड़ कर ला रहे थे। हा लेकिन एक आवाज ने आर्यमणि का ध्यान पूरा खींचा, वो चौंकरकर आवाज़ के ओर मुड़ा.. आश्चर्य से आर्यमणि की आखें फ़ैल गई… "बॉब तुम यहां।"


बॉब:- हां मुझे भी उतनी ही हैरानी हुई थी, उस रात जब तुमने इस मदरचोद को बचाया था।


आर्यमणि:- तो तुमने इसे जहर दिया था..


बॉब:- हां और तुम समझ सकते हो क्यों जहर दिया होगा। पैसे के लिये जब ये अपने जान बचाने वाले को बेच सकता है, तब कितना गिरा होगा ये हरामि। तुम्हे देखकर सोच नहीं सकते मै कितना खुश हूं। मै आया था तुमसे मिलने। लेकिन उससे पहले ही डॉक्टर तुमसे मिलने पहुंच गया और पता नहीं कैसे तुम्हे झांसे में ले लिया।


आर्यमणि:- इस धूर्त की सच्चाई का पता तो हम दोनो को इसके इमोशन से ही हो गया था... तुम रूही को तो जानते हो ना...


बॉब:- हां तुम्हारे पूरे पैक को देखा हूं। कमाल की क्षमता है और तुमने उन्हें ये एहसास करवाया है कि वो भी एक इंसान है, जिन्हे खास बनाया गया है...


आर्यमणि:- सब तुम्हारे ज्ञान का नतीजा है बॉब, वरना मै भी भटका हुआ था। रूही और मुझे पहली मुलाकात से ही भनक थी, ये धूर्त है। हम तो इसकी मनसा समझने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों तो बस यही सोचकर आये थे कि देखे यहां क्या होता है और ये किस तरह का संगठन है, जहां शिकारियों के साथ वूल्फ भी काम कर रहे।


बॉब:- इसलिए तो मै भी पीछे-पीछे चला आया। लगा कहीं हेल्प की जरूरत ना पड़े।


आर्यमणि:- बॉब तुम पीछा कर रह थे और तुम्हारी गंध मुझ तक नहीं आयी?


बॉब:- मैंने ही सिखाया था और मै ही गंध कवर ना कर सकूं। वैसे मै तुम्हे निराश नहीं करना चाहता, लेकिन शायद कुछ देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। उस कमजरब (शिकारियों के बॉस) की आंख और हाथ निकाल कर लाओ अभी दिखता हूं।


आर्यमणि बिना कोई देर किये उसका हाथ और आंख निकाल लाया। बॉब ने आंख और हाथ से फ्लोर पर बायोमेट्रिक कमांड दिया और नीचे खुफिया सेक्शन का दरवाजा खुल गया। बाकी सबको ऊपर रहने के लिये बोलकर आर्यमणि नीचे उतर गया।


नीचे की पूरी जगह खाली नजर आ रही थी। वहां केवल एक मेडिकल बेड लगा हुआ था जो हैरानी और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ था। उस बेड पर कोई लड़की लेटी हुई थी। उसके दोनो हाथ नीचे झूल रहे थे। जहां बेड लगा था वहां नीचे फर्निस फ्लोर नही था, बल्कि मिट्टी की जमीन थी। लड़की के दोनों हाथ पर जड़ें के रेशे जैसे पूरा लिपटा था जो जमीन से निकलकर उसके हाथ की नब्जों पर फैला हुआ था। उसके चेहरे के ऊपर कोई कैप चढ़ा था क्यूंकि चेहरे के ऊपर रखा कपड़ा किसी के सर की आम ऊंचाई से काफी ऊंचा था।


आर्यमणि:- ऐसे किसे लिटा कर रखा है।


बॉब:- खुद को संभालना…


बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..
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Battu

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भाग:–75





आखरी सीमा फार्मिंग की सीमा। इसके मध्य में एक बड़ा सा मिलिट्री बंकर था, जहां से हर सीमा की निगरानी से लेकर तरह–तरह के हथियार और बेहतरीन लड़ाका द्वारा पूरे क्षेत्र को नियंत्रण में रखा जाता था। फार्मिंग के इलाके में सैकडों कैदी वेयरवुल्फ थे। उनके खून से नशीले पौधों की सिंचाई की जाती थी। यहां हर वूल्फ को सिल्वर पट्टे डालकर जंजीर से बांधकर जमीन पर लिटा दिया जाता था। उनके नब्ज में 8-10 नीडल घुसकर, 8-10 खुले पाइप खेत के क्यारियों में छोड़ दिया जाता था। हर वूल्फ का ब्लड पाइप के जरिये मिट्टी तक पहुंचती। तीनों टीन वुल्फ फार्मिंग सर्कल के बॉर्डर पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे।


ओजल:- कमाल का वुल्फ साउंड था दोस्तो, वापस साउंड नहीं आया मतलब उन्हें वक़्त चाहिए, तबतक हाथ ना आओ, जबतक बॉस और रूही दीदी की आवाज ना सुनो।


अलबेली:- तो चलो बॉस और रूही वक़्त दिया जाये, जितना हम दे सकते है। आज जो कुछ भी ट्रेनिंग से सीखा है उसका प्रेक्टिकल देने क वक्त आ गया दोस्तों...


इवान:- सोचा था बाद में कभी कह दू, लेकिन मै कहे बिना रह नहीं पाऊंगा, क्या पता सब जब नॉर्मल हो तो मै हिम्मत जुटा पाऊं या नहीं, माझे आयुष्य अलबेली, आई लव यू…


दोनो लड़कियां इवान का मुंह देखने लगी, अलबेली हंसती… "ये कब हुआ, ना कोई सीन बना, ना कोई रोमांटिक-एक्शन मोमेंट क्रिएट हुआ, सीधा लव हो गया। ओजल तुझे कुछ समझ में आया।"..


ओजल:- लगता है एक्शन के एक्साइटमेंट में तुम्हे हग करके किस्स करना चाह रहा है। जल्दी इसे किस्स दे दे और काम पर लग जा, इस बारे में आराम से सोचेंगे।


अलबेली, इवान का कॉलर पकड़ कर अपने ऊपर खींचती.. "एक किस्स के लिए इतनी झिझक"… कहते हुए अलबेली ने इवान के कमर में हाथ डाला और होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगी।


तभी वहां खास किस्म का तेज और लाउड म्यूज़िक प्ले होने लगा। वेयरवोल्फ हंटर द्वारा प्रयोग में लाया जाना वाला एक आधुनिक हथियार। इसके धुन को कुछ इस प्रकार बनाया गया था जिसे सुनकर हर वुल्फ अपना सर पकड़कर वहीं बैठने पर मजबूर हो जाये। म्यूजिक के शुरू होते ही ओजल के चेहरे पर खिंचाव सा गया। ओजल दोनो को एक हाथ मारते… "केवल किस्स ही कर रहे थे ना, हरामियों गुम किधर हो। हमे फसाने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। आंह्हहह !! इनकी ये घटिया म्यूज़िक।"


इवान अपने बैग से इयर कैप निकला, खुद भी लगाया और दोनो को भी पहनने के लिये दिया। तीनों इयर कैप पहनकर वहीं नीचे जमीन पर सर पकड़ कर बैठ गये। थोड़ी ही देर में एक जीप भड़कर वहां शिकारी पहुंचे। शिकारियों ने उन्हें घेर लिया और सभी हंसते हुए जीप से नीचे उतरे… और आपस में बात करते.. "साला एक को पकड़ो और पुरा पैक हाथ लग जाता है। लेकिन ये पहला सर्किल कैसे पार किये।".... "पहले इनमे इलेक्ट्रिक शॉक प्रड्स (वो रॉड जिसके सिरे से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है) घुसा दे, फिर कल इसपर मीटिंग करेंगे।


तीनों के हाथ जमीन पर और हाथ में थी, म्यान के अंदर कैद कटाना। अलबेली ने एक छोटा इशारा किया और तीनों ने पूरी ताकत से, नीचे बैठे-बैठे उन लोगों के टखने पर, काटाने के म्यान से ऐसा हमला किया कि उनका टखना चूर हो गया।


तीनों एक साथ बिल्कुल ऊंचे सुर में लगातार वूल्फ साउंड निकलते.… "वूऊऊऊऊऊऊऊ"… "वऊऊऊऊऊ"… "वूऊऊऊऊऊऊऊऊ"… यह ललकार वाली वुल्फ साउंड थी। तीनो अपने दुश्मनों को चुनौती दे रहे थे। शिकारी और वेयरवुल्फ के बॉस ने जब यह वूल्फ साउंड सुना, बंकर से शिकारी और वोल्फ की पूरी टुकड़ी को आवाज के पीछे भेज दिया। इसके साथ दोनो सीमा के सुरक्षा कर्मी को भी इनके लगा दिया गया।


तीनों के कंधे तिकोने शेप में जुड़े थे जो बीच से एक ट्राइंगल का निर्माण कर रहा था। कटाना अपने म्यान से बाहर आ चुका था और तीनों एक दूसरे को कवर करते धीरे-धीरे अन्दर, उनके फार्मिंग एरिया के ओर बढ़ रहे थे। कुछ दूर चले होंगे तभी रॉस्ले अपनी टीम के साथ पहुंच गया। जानी पहचानी गंध पाकर अलबेली वूल्फ साउंड में दहारी, ऐसा जैसे वहां के बीटा को कंट्रोल कर रही हो। रॉस्ले और उसके साथ आये 10 वुल्फ अपनी जगह रुक गए, जिसमें कोई अल्फा नहीं था।


ओजल:- रॉस्ले हमसे दूर रहो वरना कटाना खुल चुकी है और अब ये दोस्त या दुश्मन नहीं देखेगी। आज रात सब आजाद होंगे।


इधर उस जगह के बॉस का पूरा ध्यान अपने 3 दुश्मनों पर था, जिसने वुल्फ को पागल बनाने वाले म्यूज़िक से खुद को बचाकर अंदर की ओर बढ़ रहे थे। उसके मोशन सेंसर पर तीनों वूल्फ की लोकेशन आ रही थी जो तिकोना बनाकर एक दूसरे को कवर करते हुए चल रहे थे। उस बॉस का पूरा ध्यान सीमा पर था और फार्म के अंदर रूही एक-एक करके बड़ी तेजी के साथ कैदी वूल्फ को खोल रही थी। लगभग 20 वुल्फ को वो छुड़ा चुकी थी, तभी वहां चारो ओर बड़ी-बड़ी लाइट जलनी शुरू हो गई। माईक पर एक खतरनाक अनाउंस…


"तुम्हारा कोई भी पैक हो, उसे तुम ले जाओ, हमे यहां वॉयलेंस नहीं चाहिए। लेकिन यदि तुम तीनों ने लड़ाई नहीं रोकी तो मै यहां कैद सभी वुल्फ को मारने में देर नहीं करूंगा। हम अपने आदमी पीछे कर रहे है, तुम अपना ट्राइंगल छोड़कर अपने पैक को पहचान लो, और यहां से लेकर जाओ।"


ओजल:- क्या करे.. ?


इवान:- टाइम पास ही तो करना है, ध्यान से फ़ैल जाओ और हवा को मेहसूस करो। हम अपने अलग-अलग पैक चुनेंगे। 14, 16 और 14 का पैक। साले को शॉक्ड दे दो।


तीनों ने ट्राइंगल तोड़ा और ऐतिहात से आगे बढ़ने लगे। बंकर के अंदर बैठा बॉस जैसे ही तीनों को रौशनी में देखा… "ये तो टीन वुल्फ है, कसिके पैक के वोल्फ है।"


साथ काम करने वाला एक अल्फा वुल्फ… "तीनों अल्फा है बॉस।"


बॉस शॉक्ड होते… "लेकिन 3 अल्फा वुल्फ एक साथ कैसे आ गये।"


अल्फा वुल्फ:- शायद अलग-अलग आये हो। अंदर के किसी ने मदद की हो और तीनों को साथ मिलकर लड़ने के लिये भेजा हो।


बॉस:- लड़ाई करके क्यों नुकसान बढ़ना जब खुद फसने चले आ रहे है। वुल्फ पॉयजन का ट्रनकुलाइजर तैयार करो, और तीनों को बेहोश करो, जल्दी।


बॉस का हुक्म मिलते ही अल्फा वुल्फ का इशारा हुआ और लगभग 20 ट्रंकुलाइजर एक साथ अलबेली, इवान और ओशुन के ओर बढ़ने लगे। तीनों की आंखें तो खुली थी लेकिन मन तो हवा की तरह बह रहा था। सामने से आ रही ट्रक्यूलाइजर को तीनों स्लो मोशन में बढ़ते हुये देख रहे थे, जबतक वो बुलेट शरीर तक पहुंचती, कटाना को इतनी तेज गति से आगे ओर घुमाया सभी ट्रानकलाइजर बर्बाद होकर भूमि पर गिर गया।


तीनों उस माहौल को थर्राते हुए एक बार फिर ऊंची-लंबी वोल्फ साउंड निकालते… "तूने क्या हमे शिकार समझ रखा है जो झांसे में आयेंगे।.. इस दहाड़ पर तो केवल थर्राया होगा, कहीं हमारे बॉस ने अपनी दहार सुनाई, फिर तुम शिकारियों का पेशाब निकल जायेगा।".. इवान ने धमकाया


ओजल:- बस कर इवान कहीं डर से ना मर जाये..


उस फार्म का बॉस.… "अभी तक तो मैंने सोचा था कि तुम्हे केवल बेहोश करके गुलाम बनाऊंगा, लेकिन तुम्हारी किस्मत में मरना लिखा है। सिल्वर बुलेट लोड करो और पूरी एक मैगजीन खाली होने पर ये तीनों नहीं मरे तो फार्म से किसी भी 3 वूल्फ की लाश गिरा देना। पिलर में फिट किये बड़ी–बड़ी नली वाले 20 हैवी गन बंकर में लगा था। एक मैगजीन मतलब लगभग 1000 राउंड का बड़ा सा चटाई लोड हो रहा था।


इधर बातचीत का दौर शुरू होते ही रूही अपने काम पर और तेज़ी से लग गयी। तभी फार्म में मौजूद हर वूल्फ को भूमि की सतह पर कुछ होने का एहसास होने लगा। चारो ओर जो हरे पौधे और उसके ऊपर का फूल लगा था, मुरझा कर झुलस गया। आर्यमणि खेत की मिट्टी में पूरा पंजा घुसाकर वहां के पूरे पोषण के साथ उसके अंदर के टॉक्सिक को भी खींच चुका था। मिट्टी के साथ–साथ पौधों के जड़ों से भी आर्यमणि पूरा पोषण खींच चुका था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर में फैले इस फार्म की पूरी फसल झुलस गयी।


कहानी यहां 2 हिस्सों में चल रही थी। एक ओर तीनों टीन वूल्फ, अलबेली, ओजल और इवान जंगल के शिकारी और वूल्फ को सामने से चुनौती दे रहे थे, वहीं रूही यहां कैद वूल्फ को करंट दौड़ रही चांदी कि जंजीर से आज़ाद करने में लगी हुई थी। यहां का बॉस तो बंकर में था और उसकी नजरें स्क्रीन पर तीनों टीन वूल्फ को ही मॉनिटर कर रही थी, इसलिए उसने सीधा अलबेली, ओजल और इवान पर हमला करवा दिया।


और इधर इवान, ओजल और अलबेली भी पूरा तैयार थे। तीनो ही पूर्ण रूप से जैसे वातावरण में समा गये थे। वहां के कण–कण को मेहसूस कर रहे हो जैसे। हवा के परिवर्तन को मेहसूस करते तीनो बिलकुल हवा की भांति लहराते, जब अपने कटना को चलाने लगे.… फिर तो बॉस के स्क्रीन पर न तो ठीक से तीनो टीन वुल्फ नजर आ रहे थे और काटना को तो नंगी आंखों से देखा ही नहीं जा सकता था, बस ऊसके लहर को मेहसूस किया जा सकता था।

"बॉस जल्दी काम ख़त्म करो। हमे यदि सिल्वर बुलेट छु भी लेती है तो हम इमर्जेंसी साउंड भेजेंगे। अभी हमें नहीं मरना।".. इवान ने आर्यमणि के गुप्त संदेश भेजा


तीनों टीन वूल्फ पर सिल्वर बुलेट की फायरिंग हो रही थी। रूही की चिंता सातवे आसमान पर पहुंच गयी। टीन वूल्फ अभी थे तो बच्चे ही। रूही जल्दी-जल्दी अपना काम समेट रही थी। तभी हवा का झोंका सा आर्यमणि, रूही के पास से गुजरा, जो कहता गया.… "तुम जल्दी से सभी कैदी को छुड़ाकर किनारे करो। बंकर की बुलेट फायरिंग मै रोकता हूं।"


रूही थोड़ा और समय ली। बचे हुये वुल्फ की बेड़ियां खुल चुकी थी और इधर सिल्वर बुलेट तो चल रही थी, लेकिन तीनों लहराते हुये क्या ही कटाना चला रहे थे। बुलेट तो जैसे कटना के आगे सरेंडर कर चुकी थी। जैसा कि शिकारियों के बॉस ने पहले कहा था... "सिल्वर बुलेट फायर करो, यदि पूरी मैगज़ीन खाली होने के बाद भी टीन वूल्फ नहीं मरे तो फार्म में कैद किसी भी 3 वूल्फ को मार देने।"… बंकर से इनकी सिल्वर बुलेट टीन वूल्फ पर फायरिंग हो रही थी। सभी सिल्वर बुलेट कटाना की धार को मज़ा चखने के बाद दम तोड़कर टीन वूल्फ के कदमों में बिछ जाते।


पूरे मगजिंन खत्म भी नहीं हुआ था कि एक तेज दहाड़ उस जंगल में गूंजी… किसी शक्तिशाली और आक्रमक वेयरवुल्फ की दिल दहला देने वाली, हमला करने की तेज दहाड़। बंकर में बैठा शिकारियों के बॉस के पास वाला अल्फा वुल्फ बिल्कुल शांत होकर अपना सर पकड़ लिया। इधर चोट खाये और कैद में फंसे वूल्फ जो खुद को जल्दी हील कर सकते थे, आर्यमणि की एक आवाज पर बंकर के अंदर दौड़ लगा चुके थे। लेकिन बंकर माउंटेन एश से घिरी हुई थी। बौखलाये कयी वेयरवुल्फ माउंटेन एश की खींची लाइन के बाहर खड़े होकर अपने गुस्से की दहाड़ से शिकारियों के बॉस को जाता रहे थे कि आज उनका दिन है।


आर्यमणि भी उन चोट खाये वेयरवुल्फ की मनोदशा को भांपकर माउंटेन एश की रेखा को मिटा दिया। रेखा मिटते ही सभी गुस्साए वूल्फ बंकर में घुसे। आर्यमणि सबसे आगे रहकर सीधा शिकारियों के बॉस को पकड़ा और उसके शर्ट के कॉलर को दीवार के खूंटी से टांग दिया। तकरीबन 40 शिकारी और 20 वुल्फ वहां बंकर में थे और आर्यमणि के साथ उनके विरुद्ध लड़ने के लिए कुल 20 गुस्साए वेयरवुल्फ ही पहुंचे थे, बांकी के कैदी वूल्फ लड़ने क्या उठने की हालत में भी नहीं थे।


आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"


आर्यमणि ने ओके करके अपने दोनो हाथ खड़े कर दिये और बाकी कैद किये गये गुस्साये वूल्फ को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहने लगा.…. "तुम लोगो के जो भी शिकार है, आज छोड़ना मत। बस केवल याद रहे मै जबतक खड़ा हूं कोई अपने दांत लगाकर खून नहीं पियेगा और मांस नहीं नोचेगा।"..


नीचे रूही अब भी कई कैद वुल्फ को छुड़ाने में लगी थी। वहीं कुछ और वुल्फ रूही की मदद कर रहे थे। तीनो टीन वुल्फ तो आज जैसे कहर का पर्यावाची शब्द बन गये थे। शिकारियों और वुल्फ की टीम इनके आस पास में ही थे। बुलेट फायरिंग रुकते ही तीनो सैकड़ों दुश्मन के बीच घिरे थे। रूही दूर से जब यह नजारा देखी, पूरे तेजी से भागना शुरू की। और जितनी तेज वो दौड़ना शुरू की थी, धीरे–धीरे गति अपने आप ही कम होने लगी।


रूही जब दौड़ना शुरू की तब भी भीड़ लगा ही हुआ था। बस बीच से हवा में कटे हुये हाथ, पाऊं और सर ही नजर आ रहे थे। चारा काटने की मशीन में जैसे चारा को कुतरा–कुतरा कर के काट देते हैं ठीक उसी प्रकार तीनो की कटाना लहरा रही थी। और लहराने की गति का तो कोई आकलन ही नहीं था। जब तक रूही वहां पहुंची तब तक तीनो ने मिलकर लाशें बिछा दी थी। बस एक टीम थोड़ी दूर बैठकर यह पूरा तमाशा देख रही थी। रूही के हाथ कुछ न लगा तो वो लास्की और उसके साथ खड़े 4 वुल्फ पर ही कहर बनकर बरसने वाली थी।


अलबेली उसे बीच मे ही रोकती... "रूको, ये अपने साथ में है।"


रूही:– हुंह… ये भी उनके साथ है और मेरा शिकार है...


ओजल:– क्ला और फेंग से मरोगी तो बॉस को क्या जवाब दोगी...


रूही:– बॉस बंकर में एक्शन कर रहा तुम तीनो ने यहां सबका सफाया कर दिया। मेरे लिये कुछ तो छोड़ा होता।समाज सेवा के काम पर लगा दिये। अब क्या मैं इन बचे लोगों का भी शिकार न करूं?


अलबेली, चिल्लाती हुई... "बस करो.. हमने कहा न वो अपने साथ है।"


रूही:– ये हरामी डॉक्टर और उसकी बीवी तो न है साथ में... और ये एक नया आदमी भी दिख रहा... क्या मैं इन्हे मार दूं...


इवान:– बस दीदी क्यों इतना पैनिक हो रही... ये डॉक्टर और उसकी बीवी तो मुख्य साजिशकर्ता है इन्हे आराम से मारेंगे... और वो आदमी बॉब भला मानस है। अभी सब बंकर चलते है, क्या पता वहां आपके लिये कोई शिकार बचा हो?


इधर बंकर में सामने डरे हुए शिकारी और कुछ घबराये से वुल्फ। ऊपर दीवार से टंगा शिकारियों का बॉस। फिर तो वहां उस बंकर में रक्त ही रक्त था। गुस्साये कैदी वूल्फ ने पूरा रक्त चरित्र दिखाते हुये हर एक शिकारी और उसका साथ देने वाले वूल्फ को अपने क्लॉ से फाड़कर रक्त स्नान कर रहे थे।…


"वो डॉक्टर और उसकी बीवी कहां है।"… आर्यमणि गुस्से से पूछने लगा।


"यहां है दोनो, चुपके से भाग रहे थे।"… पीछे से बॉब, लोस्की और लोस्की के सभी साथी, डॉक्टर माइक और उसकी पत्नी लिली को पकड़ कर ला रहे थे। हा लेकिन एक आवाज ने आर्यमणि का ध्यान पूरा खींचा, वो चौंकरकर आवाज़ के ओर मुड़ा.. आश्चर्य से आर्यमणि की आखें फ़ैल गई… "बॉब तुम यहां।"


बॉब:- हां मुझे भी उतनी ही हैरानी हुई थी, उस रात जब तुमने इस मदरचोद को बचाया था।


आर्यमणि:- तो तुमने इसे जहर दिया था..


बॉब:- हां और तुम समझ सकते हो क्यों जहर दिया होगा। पैसे के लिये जब ये अपने जान बचाने वाले को बेच सकता है, तब कितना गिरा होगा ये हरामि। तुम्हे देखकर सोच नहीं सकते मै कितना खुश हूं। मै आया था तुमसे मिलने। लेकिन उससे पहले ही डॉक्टर तुमसे मिलने पहुंच गया और पता नहीं कैसे तुम्हे झांसे में ले लिया।


आर्यमणि:- इस धूर्त की सच्चाई का पता तो हम दोनो को इसके इमोशन से ही हो गया था... तुम रूही को तो जानते हो ना...


बॉब:- हां तुम्हारे पूरे पैक को देखा हूं। कमाल की क्षमता है और तुमने उन्हें ये एहसास करवाया है कि वो भी एक इंसान है, जिन्हे खास बनाया गया है...


आर्यमणि:- सब तुम्हारे ज्ञान का नतीजा है बॉब, वरना मै भी भटका हुआ था। रूही और मुझे पहली मुलाकात से ही भनक थी, ये धूर्त है। हम तो इसकी मनसा समझने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों तो बस यही सोचकर आये थे कि देखे यहां क्या होता है और ये किस तरह का संगठन है, जहां शिकारियों के साथ वूल्फ भी काम कर रहे।


बॉब:- इसलिए तो मै भी पीछे-पीछे चला आया। लगा कहीं हेल्प की जरूरत ना पड़े।


आर्यमणि:- बॉब तुम पीछा कर रह थे और तुम्हारी गंध मुझ तक नहीं आयी?


बॉब:- मैंने ही सिखाया था और मै ही गंध कवर ना कर सकूं। वैसे मै तुम्हे निराश नहीं करना चाहता, लेकिन शायद कुछ देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। उस कमजरब (शिकारियों के बॉस) की आंख और हाथ निकाल कर लाओ अभी दिखता हूं।


आर्यमणि बिना कोई देर किये उसका हाथ और आंख निकाल लाया। बॉब ने आंख और हाथ से फ्लोर पर बायोमेट्रिक कमांड दिया और नीचे खुफिया सेक्शन का दरवाजा खुल गया। बाकी सबको ऊपर रहने के लिये बोलकर आर्यमणि नीचे उतर गया।


नीचे की पूरी जगह खाली नजर आ रही थी। वहां केवल एक मेडिकल बेड लगा हुआ था जो हैरानी और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ था। उस बेड पर कोई लड़की लेटी हुई थी। उसके दोनो हाथ नीचे झूल रहे थे। जहां बेड लगा था वहां नीचे फर्निस फ्लोर नही था, बल्कि मिट्टी की जमीन थी। लड़की के दोनों हाथ पर जड़ें के रेशे जैसे पूरा लिपटा था जो जमीन से निकलकर उसके हाथ की नब्जों पर फैला हुआ था। उसके चेहरे के ऊपर कोई कैप चढ़ा था क्यूंकि चेहरे के ऊपर रखा कपड़ा किसी के सर की आम ऊंचाई से काफी ऊंचा था।


आर्यमणि:- ऐसे किसे लिटा कर रखा है।


बॉब:- खुद को संभालना…


बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..
शानदार प्रदर्शन रहा तीनो टिन वुल्फ़स का। आर्यमणि को आखिर ओशुन मिल ही गयी। जैसे ही बॉब को आर्य का मित्र या जानकर दिखया में समझ गया था भाई की अपना हीरो इंडिया से पहले सिर्फ ओशुन एंड टीम से कनेक्टेड रहा था सी बॉब उनमे से ही कोई एक रहा होगा। जब बॉब को यहाँ दिखया है यानी ओशुन कि एंट्री होने वाली है सो आखिर आपने जो लास्ट में सस्पेन्स छोड़ा है वो शायद वही हो सकती है, उसे इस कंडीशन में देख कर आर्य को दुखद झटका लगा हो सकता है। वैसे नाइस अपडेट ब्रदर।
 

Aawara loafer

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भाग:–75





आखरी सीमा फार्मिंग की सीमा। इसके मध्य में एक बड़ा सा मिलिट्री बंकर था, जहां से हर सीमा की निगरानी से लेकर तरह–तरह के हथियार और बेहतरीन लड़ाका द्वारा पूरे क्षेत्र को नियंत्रण में रखा जाता था। फार्मिंग के इलाके में सैकडों कैदी वेयरवुल्फ थे। उनके खून से नशीले पौधों की सिंचाई की जाती थी। यहां हर वूल्फ को सिल्वर पट्टे डालकर जंजीर से बांधकर जमीन पर लिटा दिया जाता था। उनके नब्ज में 8-10 नीडल घुसकर, 8-10 खुले पाइप खेत के क्यारियों में छोड़ दिया जाता था। हर वूल्फ का ब्लड पाइप के जरिये मिट्टी तक पहुंचती। तीनों टीन वुल्फ फार्मिंग सर्कल के बॉर्डर पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे।


ओजल:- कमाल का वुल्फ साउंड था दोस्तो, वापस साउंड नहीं आया मतलब उन्हें वक़्त चाहिए, तबतक हाथ ना आओ, जबतक बॉस और रूही दीदी की आवाज ना सुनो।


अलबेली:- तो चलो बॉस और रूही वक़्त दिया जाये, जितना हम दे सकते है। आज जो कुछ भी ट्रेनिंग से सीखा है उसका प्रेक्टिकल देने क वक्त आ गया दोस्तों...


इवान:- सोचा था बाद में कभी कह दू, लेकिन मै कहे बिना रह नहीं पाऊंगा, क्या पता सब जब नॉर्मल हो तो मै हिम्मत जुटा पाऊं या नहीं, माझे आयुष्य अलबेली, आई लव यू…


दोनो लड़कियां इवान का मुंह देखने लगी, अलबेली हंसती… "ये कब हुआ, ना कोई सीन बना, ना कोई रोमांटिक-एक्शन मोमेंट क्रिएट हुआ, सीधा लव हो गया। ओजल तुझे कुछ समझ में आया।"..


ओजल:- लगता है एक्शन के एक्साइटमेंट में तुम्हे हग करके किस्स करना चाह रहा है। जल्दी इसे किस्स दे दे और काम पर लग जा, इस बारे में आराम से सोचेंगे।


अलबेली, इवान का कॉलर पकड़ कर अपने ऊपर खींचती.. "एक किस्स के लिए इतनी झिझक"… कहते हुए अलबेली ने इवान के कमर में हाथ डाला और होंठ से होंठ लगाकर चूमने लगी।


तभी वहां खास किस्म का तेज और लाउड म्यूज़िक प्ले होने लगा। वेयरवोल्फ हंटर द्वारा प्रयोग में लाया जाना वाला एक आधुनिक हथियार। इसके धुन को कुछ इस प्रकार बनाया गया था जिसे सुनकर हर वुल्फ अपना सर पकड़कर वहीं बैठने पर मजबूर हो जाये। म्यूजिक के शुरू होते ही ओजल के चेहरे पर खिंचाव सा गया। ओजल दोनो को एक हाथ मारते… "केवल किस्स ही कर रहे थे ना, हरामियों गुम किधर हो। हमे फसाने के लिए एक्शन शुरू हो गया है। आंह्हहह !! इनकी ये घटिया म्यूज़िक।"


इवान अपने बैग से इयर कैप निकला, खुद भी लगाया और दोनो को भी पहनने के लिये दिया। तीनों इयर कैप पहनकर वहीं नीचे जमीन पर सर पकड़ कर बैठ गये। थोड़ी ही देर में एक जीप भड़कर वहां शिकारी पहुंचे। शिकारियों ने उन्हें घेर लिया और सभी हंसते हुए जीप से नीचे उतरे… और आपस में बात करते.. "साला एक को पकड़ो और पुरा पैक हाथ लग जाता है। लेकिन ये पहला सर्किल कैसे पार किये।".... "पहले इनमे इलेक्ट्रिक शॉक प्रड्स (वो रॉड जिसके सिरे से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है) घुसा दे, फिर कल इसपर मीटिंग करेंगे।


तीनों के हाथ जमीन पर और हाथ में थी, म्यान के अंदर कैद कटाना। अलबेली ने एक छोटा इशारा किया और तीनों ने पूरी ताकत से, नीचे बैठे-बैठे उन लोगों के टखने पर, काटाने के म्यान से ऐसा हमला किया कि उनका टखना चूर हो गया।


तीनों एक साथ बिल्कुल ऊंचे सुर में लगातार वूल्फ साउंड निकलते.… "वूऊऊऊऊऊऊऊ"… "वऊऊऊऊऊ"… "वूऊऊऊऊऊऊऊऊ"… यह ललकार वाली वुल्फ साउंड थी। तीनो अपने दुश्मनों को चुनौती दे रहे थे। शिकारी और वेयरवुल्फ के बॉस ने जब यह वूल्फ साउंड सुना, बंकर से शिकारी और वोल्फ की पूरी टुकड़ी को आवाज के पीछे भेज दिया। इसके साथ दोनो सीमा के सुरक्षा कर्मी को भी इनके लगा दिया गया।


तीनों के कंधे तिकोने शेप में जुड़े थे जो बीच से एक ट्राइंगल का निर्माण कर रहा था। कटाना अपने म्यान से बाहर आ चुका था और तीनों एक दूसरे को कवर करते धीरे-धीरे अन्दर, उनके फार्मिंग एरिया के ओर बढ़ रहे थे। कुछ दूर चले होंगे तभी रॉस्ले अपनी टीम के साथ पहुंच गया। जानी पहचानी गंध पाकर अलबेली वूल्फ साउंड में दहारी, ऐसा जैसे वहां के बीटा को कंट्रोल कर रही हो। रॉस्ले और उसके साथ आये 10 वुल्फ अपनी जगह रुक गए, जिसमें कोई अल्फा नहीं था।


ओजल:- रॉस्ले हमसे दूर रहो वरना कटाना खुल चुकी है और अब ये दोस्त या दुश्मन नहीं देखेगी। आज रात सब आजाद होंगे।


इधर उस जगह के बॉस का पूरा ध्यान अपने 3 दुश्मनों पर था, जिसने वुल्फ को पागल बनाने वाले म्यूज़िक से खुद को बचाकर अंदर की ओर बढ़ रहे थे। उसके मोशन सेंसर पर तीनों वूल्फ की लोकेशन आ रही थी जो तिकोना बनाकर एक दूसरे को कवर करते हुए चल रहे थे। उस बॉस का पूरा ध्यान सीमा पर था और फार्म के अंदर रूही एक-एक करके बड़ी तेजी के साथ कैदी वूल्फ को खोल रही थी। लगभग 20 वुल्फ को वो छुड़ा चुकी थी, तभी वहां चारो ओर बड़ी-बड़ी लाइट जलनी शुरू हो गई। माईक पर एक खतरनाक अनाउंस…


"तुम्हारा कोई भी पैक हो, उसे तुम ले जाओ, हमे यहां वॉयलेंस नहीं चाहिए। लेकिन यदि तुम तीनों ने लड़ाई नहीं रोकी तो मै यहां कैद सभी वुल्फ को मारने में देर नहीं करूंगा। हम अपने आदमी पीछे कर रहे है, तुम अपना ट्राइंगल छोड़कर अपने पैक को पहचान लो, और यहां से लेकर जाओ।"


ओजल:- क्या करे.. ?


इवान:- टाइम पास ही तो करना है, ध्यान से फ़ैल जाओ और हवा को मेहसूस करो। हम अपने अलग-अलग पैक चुनेंगे। 14, 16 और 14 का पैक। साले को शॉक्ड दे दो।


तीनों ने ट्राइंगल तोड़ा और ऐतिहात से आगे बढ़ने लगे। बंकर के अंदर बैठा बॉस जैसे ही तीनों को रौशनी में देखा… "ये तो टीन वुल्फ है, कसिके पैक के वोल्फ है।"


साथ काम करने वाला एक अल्फा वुल्फ… "तीनों अल्फा है बॉस।"


बॉस शॉक्ड होते… "लेकिन 3 अल्फा वुल्फ एक साथ कैसे आ गये।"


अल्फा वुल्फ:- शायद अलग-अलग आये हो। अंदर के किसी ने मदद की हो और तीनों को साथ मिलकर लड़ने के लिये भेजा हो।


बॉस:- लड़ाई करके क्यों नुकसान बढ़ना जब खुद फसने चले आ रहे है। वुल्फ पॉयजन का ट्रनकुलाइजर तैयार करो, और तीनों को बेहोश करो, जल्दी।


बॉस का हुक्म मिलते ही अल्फा वुल्फ का इशारा हुआ और लगभग 20 ट्रंकुलाइजर एक साथ अलबेली, इवान और ओशुन के ओर बढ़ने लगे। तीनों की आंखें तो खुली थी लेकिन मन तो हवा की तरह बह रहा था। सामने से आ रही ट्रक्यूलाइजर को तीनों स्लो मोशन में बढ़ते हुये देख रहे थे, जबतक वो बुलेट शरीर तक पहुंचती, कटाना को इतनी तेज गति से आगे ओर घुमाया सभी ट्रानकलाइजर बर्बाद होकर भूमि पर गिर गया।


तीनों उस माहौल को थर्राते हुए एक बार फिर ऊंची-लंबी वोल्फ साउंड निकालते… "तूने क्या हमे शिकार समझ रखा है जो झांसे में आयेंगे।.. इस दहाड़ पर तो केवल थर्राया होगा, कहीं हमारे बॉस ने अपनी दहार सुनाई, फिर तुम शिकारियों का पेशाब निकल जायेगा।".. इवान ने धमकाया


ओजल:- बस कर इवान कहीं डर से ना मर जाये..


उस फार्म का बॉस.… "अभी तक तो मैंने सोचा था कि तुम्हे केवल बेहोश करके गुलाम बनाऊंगा, लेकिन तुम्हारी किस्मत में मरना लिखा है। सिल्वर बुलेट लोड करो और पूरी एक मैगजीन खाली होने पर ये तीनों नहीं मरे तो फार्म से किसी भी 3 वूल्फ की लाश गिरा देना। पिलर में फिट किये बड़ी–बड़ी नली वाले 20 हैवी गन बंकर में लगा था। एक मैगजीन मतलब लगभग 1000 राउंड का बड़ा सा चटाई लोड हो रहा था।


इधर बातचीत का दौर शुरू होते ही रूही अपने काम पर और तेज़ी से लग गयी। तभी फार्म में मौजूद हर वूल्फ को भूमि की सतह पर कुछ होने का एहसास होने लगा। चारो ओर जो हरे पौधे और उसके ऊपर का फूल लगा था, मुरझा कर झुलस गया। आर्यमणि खेत की मिट्टी में पूरा पंजा घुसाकर वहां के पूरे पोषण के साथ उसके अंदर के टॉक्सिक को भी खींच चुका था। मिट्टी के साथ–साथ पौधों के जड़ों से भी आर्यमणि पूरा पोषण खींच चुका था। जिसका नतीजा यह हुआ कि कई किलोमीटर में फैले इस फार्म की पूरी फसल झुलस गयी।


कहानी यहां 2 हिस्सों में चल रही थी। एक ओर तीनों टीन वूल्फ, अलबेली, ओजल और इवान जंगल के शिकारी और वूल्फ को सामने से चुनौती दे रहे थे, वहीं रूही यहां कैद वूल्फ को करंट दौड़ रही चांदी कि जंजीर से आज़ाद करने में लगी हुई थी। यहां का बॉस तो बंकर में था और उसकी नजरें स्क्रीन पर तीनों टीन वूल्फ को ही मॉनिटर कर रही थी, इसलिए उसने सीधा अलबेली, ओजल और इवान पर हमला करवा दिया।


और इधर इवान, ओजल और अलबेली भी पूरा तैयार थे। तीनो ही पूर्ण रूप से जैसे वातावरण में समा गये थे। वहां के कण–कण को मेहसूस कर रहे हो जैसे। हवा के परिवर्तन को मेहसूस करते तीनो बिलकुल हवा की भांति लहराते, जब अपने कटना को चलाने लगे.… फिर तो बॉस के स्क्रीन पर न तो ठीक से तीनो टीन वुल्फ नजर आ रहे थे और काटना को तो नंगी आंखों से देखा ही नहीं जा सकता था, बस ऊसके लहर को मेहसूस किया जा सकता था।

"बॉस जल्दी काम ख़त्म करो। हमे यदि सिल्वर बुलेट छु भी लेती है तो हम इमर्जेंसी साउंड भेजेंगे। अभी हमें नहीं मरना।".. इवान ने आर्यमणि के गुप्त संदेश भेजा


तीनों टीन वूल्फ पर सिल्वर बुलेट की फायरिंग हो रही थी। रूही की चिंता सातवे आसमान पर पहुंच गयी। टीन वूल्फ अभी थे तो बच्चे ही। रूही जल्दी-जल्दी अपना काम समेट रही थी। तभी हवा का झोंका सा आर्यमणि, रूही के पास से गुजरा, जो कहता गया.… "तुम जल्दी से सभी कैदी को छुड़ाकर किनारे करो। बंकर की बुलेट फायरिंग मै रोकता हूं।"


रूही थोड़ा और समय ली। बचे हुये वुल्फ की बेड़ियां खुल चुकी थी और इधर सिल्वर बुलेट तो चल रही थी, लेकिन तीनों लहराते हुये क्या ही कटाना चला रहे थे। बुलेट तो जैसे कटना के आगे सरेंडर कर चुकी थी। जैसा कि शिकारियों के बॉस ने पहले कहा था... "सिल्वर बुलेट फायर करो, यदि पूरी मैगज़ीन खाली होने के बाद भी टीन वूल्फ नहीं मरे तो फार्म में कैद किसी भी 3 वूल्फ को मार देने।"… बंकर से इनकी सिल्वर बुलेट टीन वूल्फ पर फायरिंग हो रही थी। सभी सिल्वर बुलेट कटाना की धार को मज़ा चखने के बाद दम तोड़कर टीन वूल्फ के कदमों में बिछ जाते।


पूरे मगजिंन खत्म भी नहीं हुआ था कि एक तेज दहाड़ उस जंगल में गूंजी… किसी शक्तिशाली और आक्रमक वेयरवुल्फ की दिल दहला देने वाली, हमला करने की तेज दहाड़। बंकर में बैठा शिकारियों के बॉस के पास वाला अल्फा वुल्फ बिल्कुल शांत होकर अपना सर पकड़ लिया। इधर चोट खाये और कैद में फंसे वूल्फ जो खुद को जल्दी हील कर सकते थे, आर्यमणि की एक आवाज पर बंकर के अंदर दौड़ लगा चुके थे। लेकिन बंकर माउंटेन एश से घिरी हुई थी। बौखलाये कयी वेयरवुल्फ माउंटेन एश की खींची लाइन के बाहर खड़े होकर अपने गुस्से की दहाड़ से शिकारियों के बॉस को जाता रहे थे कि आज उनका दिन है।


आर्यमणि भी उन चोट खाये वेयरवुल्फ की मनोदशा को भांपकर माउंटेन एश की रेखा को मिटा दिया। रेखा मिटते ही सभी गुस्साए वूल्फ बंकर में घुसे। आर्यमणि सबसे आगे रहकर सीधा शिकारियों के बॉस को पकड़ा और उसके शर्ट के कॉलर को दीवार के खूंटी से टांग दिया। तकरीबन 40 शिकारी और 20 वुल्फ वहां बंकर में थे और आर्यमणि के साथ उनके विरुद्ध लड़ने के लिए कुल 20 गुस्साए वेयरवुल्फ ही पहुंचे थे, बांकी के कैदी वूल्फ लड़ने क्या उठने की हालत में भी नहीं थे।


आर्यमणि का ध्यान उस ओर तब गया जब एक कैदी वुल्फ की दर्द भरी चींख आर्यमणि के कानो तक पहुंची। आर्यमणि अपनी दोनों मजबूत भुजाएं फैलाकर पूरे रफ्तार से दौड़ा। अपनी चौड़ी भुजाओं के बीच 5-6 शिकारियों को एक साथ समेटकर, दौड़ते हुए दीवार से बिल्कुल चिपका दिया और कतार में सबसे आगे खड़े शिकारी के सीने पर एक जोरदार लात दे मारा। ऐसा लग रहा था आर्यमणि जानने कि कोशिश कर रहा कि क्या होगा जब.… 6 मजबूत लोगों कि कतार को एक साथ दीवार से पहले टकरा दिया जाये और फिर उसके ऊपर 1 लात जमाकर चेक किया जाये कि ये मजबूत इंसान कितना चपटा हो सकते है।


आर्यमणि अपने थेओरी पर एक्सपेरिमेंट कर चुका था। परिणाम भी काफी रोचक आये। आर्यमणि की लात कतार में आगे खड़े 3 शिकारी के पेट फाड़कर अंदर घुस गया था। और बचे 3 शिकारी के शरीर के सारे अस्तिपनजर के ऐसे चिथरे हुये की मौके पर ही दम तोड़ दिये। अंत में नतीजा यही आया, मानव शरीर भी उसके दिमाग की तरह बड़ा ही ईगो वाला होता है। मरना या टूटना मंजूर है लेकिन चपटा होना वसूलों के खिलाफ है। तत्काल दूसरी थेओरी भी आर्यमणि के दिमाग में आ गयी, क्या हो जब एक तेज गति से उड़ता नारियल दूसरे नारियल से टकरा जाये? क्या दोनों नारियल को मात्र दर्द होगा या फूट जायेगा? और फूटेगा भी तो फूटने का ब्लास्ट इमापैक्ट कैसा होगा? क्या बस छोटा लाइन मात्र फटकर पानी निकलेगा या चिथरे हो चुके होंगे?


थेओरी दिमाग में थी। एक्सपेरिमेंट में लिए थोड़ा झुक कर एक वूल्फ का पाऊं पकड़ कर खींच दिया। बेचारे का चेहरा धम्मम से फ्लोर पर टकराया। सर नीचे जमीन पर था और आर्यमणि उसका एक पाऊं पकड़कर हवा में किसी मुर्गे की तरह उठाये हुआ था। हां लेकिन इस मुर्गे को छीलकर बिरयानी तो बनानी नहीं थी। नारियल कॉलिजन पर एक्सपेरिमेंट करना था। इसलिए आर्यमणि ने तेज़ी से हाथ घुमाया। वूल्फ का सर ऊपर हवा में और अगले ही पल धैर पैट दूसरे वूल्फ के सर पर पटक दिया...


चीटिंग कर दिया आर्यमणि ने। थेओरी में तो केवल टकराना चेक करना था, लेकिन अमाउंट ऑफ फोर्स को उसने फिक्स ही नहीं किया। अपनी पूरी क्षमता से बूम… टकरा दिया, एक के ऊपर दूसरे का सर। वो टक्कर ऐसी थी मानो विस्फोट हुआ हो। विस्फोट की आवाज सुनकर दुश्मन और दोस्त सभी आवाज के ओर देखने लगे। हर किसी के मुंह पर सर के चिथरों के छीटें आकर पड़े। खैर इस थेओरी का एक्सपेरिमेंट विफल रहा, लेकिन परिणाम देखकर दुश्मन खेमे में ऐसी खामोशी छाई कि वो लोग दोनों हाथ जोड़कर कहने लगे.… "भाई-भाई नो मोर ह्यूमैन ट्रॉयल"


आर्यमणि ने ओके करके अपने दोनो हाथ खड़े कर दिये और बाकी कैद किये गये गुस्साये वूल्फ को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहने लगा.…. "तुम लोगो के जो भी शिकार है, आज छोड़ना मत। बस केवल याद रहे मै जबतक खड़ा हूं कोई अपने दांत लगाकर खून नहीं पियेगा और मांस नहीं नोचेगा।"..


नीचे रूही अब भी कई कैद वुल्फ को छुड़ाने में लगी थी। वहीं कुछ और वुल्फ रूही की मदद कर रहे थे। तीनो टीन वुल्फ तो आज जैसे कहर का पर्यावाची शब्द बन गये थे। शिकारियों और वुल्फ की टीम इनके आस पास में ही थे। बुलेट फायरिंग रुकते ही तीनो सैकड़ों दुश्मन के बीच घिरे थे। रूही दूर से जब यह नजारा देखी, पूरे तेजी से भागना शुरू की। और जितनी तेज वो दौड़ना शुरू की थी, धीरे–धीरे गति अपने आप ही कम होने लगी।


रूही जब दौड़ना शुरू की तब भी भीड़ लगा ही हुआ था। बस बीच से हवा में कटे हुये हाथ, पाऊं और सर ही नजर आ रहे थे। चारा काटने की मशीन में जैसे चारा को कुतरा–कुतरा कर के काट देते हैं ठीक उसी प्रकार तीनो की कटाना लहरा रही थी। और लहराने की गति का तो कोई आकलन ही नहीं था। जब तक रूही वहां पहुंची तब तक तीनो ने मिलकर लाशें बिछा दी थी। बस एक टीम थोड़ी दूर बैठकर यह पूरा तमाशा देख रही थी। रूही के हाथ कुछ न लगा तो वो लास्की और उसके साथ खड़े 4 वुल्फ पर ही कहर बनकर बरसने वाली थी।


अलबेली उसे बीच मे ही रोकती... "रूको, ये अपने साथ में है।"


रूही:– हुंह… ये भी उनके साथ है और मेरा शिकार है...


ओजल:– क्ला और फेंग से मरोगी तो बॉस को क्या जवाब दोगी...


रूही:– बॉस बंकर में एक्शन कर रहा तुम तीनो ने यहां सबका सफाया कर दिया। मेरे लिये कुछ तो छोड़ा होता।समाज सेवा के काम पर लगा दिये। अब क्या मैं इन बचे लोगों का भी शिकार न करूं?


अलबेली, चिल्लाती हुई... "बस करो.. हमने कहा न वो अपने साथ है।"


रूही:– ये हरामी डॉक्टर और उसकी बीवी तो न है साथ में... और ये एक नया आदमी भी दिख रहा... क्या मैं इन्हे मार दूं...


इवान:– बस दीदी क्यों इतना पैनिक हो रही... ये डॉक्टर और उसकी बीवी तो मुख्य साजिशकर्ता है इन्हे आराम से मारेंगे... और वो आदमी बॉब भला मानस है। अभी सब बंकर चलते है, क्या पता वहां आपके लिये कोई शिकार बचा हो?


इधर बंकर में सामने डरे हुए शिकारी और कुछ घबराये से वुल्फ। ऊपर दीवार से टंगा शिकारियों का बॉस। फिर तो वहां उस बंकर में रक्त ही रक्त था। गुस्साये कैदी वूल्फ ने पूरा रक्त चरित्र दिखाते हुये हर एक शिकारी और उसका साथ देने वाले वूल्फ को अपने क्लॉ से फाड़कर रक्त स्नान कर रहे थे।…


"वो डॉक्टर और उसकी बीवी कहां है।"… आर्यमणि गुस्से से पूछने लगा।


"यहां है दोनो, चुपके से भाग रहे थे।"… पीछे से बॉब, लोस्की और लोस्की के सभी साथी, डॉक्टर माइक और उसकी पत्नी लिली को पकड़ कर ला रहे थे। हा लेकिन एक आवाज ने आर्यमणि का ध्यान पूरा खींचा, वो चौंकरकर आवाज़ के ओर मुड़ा.. आश्चर्य से आर्यमणि की आखें फ़ैल गई… "बॉब तुम यहां।"


बॉब:- हां मुझे भी उतनी ही हैरानी हुई थी, उस रात जब तुमने इस मदरचोद को बचाया था।


आर्यमणि:- तो तुमने इसे जहर दिया था..


बॉब:- हां और तुम समझ सकते हो क्यों जहर दिया होगा। पैसे के लिये जब ये अपने जान बचाने वाले को बेच सकता है, तब कितना गिरा होगा ये हरामि। तुम्हे देखकर सोच नहीं सकते मै कितना खुश हूं। मै आया था तुमसे मिलने। लेकिन उससे पहले ही डॉक्टर तुमसे मिलने पहुंच गया और पता नहीं कैसे तुम्हे झांसे में ले लिया।


आर्यमणि:- इस धूर्त की सच्चाई का पता तो हम दोनो को इसके इमोशन से ही हो गया था... तुम रूही को तो जानते हो ना...


बॉब:- हां तुम्हारे पूरे पैक को देखा हूं। कमाल की क्षमता है और तुमने उन्हें ये एहसास करवाया है कि वो भी एक इंसान है, जिन्हे खास बनाया गया है...


आर्यमणि:- सब तुम्हारे ज्ञान का नतीजा है बॉब, वरना मै भी भटका हुआ था। रूही और मुझे पहली मुलाकात से ही भनक थी, ये धूर्त है। हम तो इसकी मनसा समझने की कोशिश कर रहे थे। हम दोनों तो बस यही सोचकर आये थे कि देखे यहां क्या होता है और ये किस तरह का संगठन है, जहां शिकारियों के साथ वूल्फ भी काम कर रहे।


बॉब:- इसलिए तो मै भी पीछे-पीछे चला आया। लगा कहीं हेल्प की जरूरत ना पड़े।


आर्यमणि:- बॉब तुम पीछा कर रह थे और तुम्हारी गंध मुझ तक नहीं आयी?


बॉब:- मैंने ही सिखाया था और मै ही गंध कवर ना कर सकूं। वैसे मै तुम्हे निराश नहीं करना चाहता, लेकिन शायद कुछ देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। उस कमजरब (शिकारियों के बॉस) की आंख और हाथ निकाल कर लाओ अभी दिखता हूं।


आर्यमणि बिना कोई देर किये उसका हाथ और आंख निकाल लाया। बॉब ने आंख और हाथ से फ्लोर पर बायोमेट्रिक कमांड दिया और नीचे खुफिया सेक्शन का दरवाजा खुल गया। बाकी सबको ऊपर रहने के लिये बोलकर आर्यमणि नीचे उतर गया।


नीचे की पूरी जगह खाली नजर आ रही थी। वहां केवल एक मेडिकल बेड लगा हुआ था जो हैरानी और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ था। उस बेड पर कोई लड़की लेटी हुई थी। उसके दोनो हाथ नीचे झूल रहे थे। जहां बेड लगा था वहां नीचे फर्निस फ्लोर नही था, बल्कि मिट्टी की जमीन थी। लड़की के दोनों हाथ पर जड़ें के रेशे जैसे पूरा लिपटा था जो जमीन से निकलकर उसके हाथ की नब्जों पर फैला हुआ था। उसके चेहरे के ऊपर कोई कैप चढ़ा था क्यूंकि चेहरे के ऊपर रखा कपड़ा किसी के सर की आम ऊंचाई से काफी ऊंचा था।


आर्यमणि:- ऐसे किसे लिटा कर रखा है।


बॉब:- खुद को संभालना…


बॉब ने जैसे ही उस कवर के ऊपर का कपड़ा हटाया, अंदर बिल्कुल जमा हुआ चेहरा को देखकर आर्यमणि लड़खड़ा गया। जैसे ही आर्यमणि को उसके पैक ने दर्द में पाया चारो एक साथ वूल्फ साउंड निकालते दौड़े। वो लोग जैसे ही सीढ़ियों पर पहुंचे आर्यमणि अपना हाथ उनकी ओर करते उन्हें रोका… "मै ठीक हूं तुम लोग ऊपर के लोगों की मदद करो।"..
Nice update
 
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