- 3,851
- 4,646
- 159
हैरान हूँ तुम्हारी
हसरतों पर मैं ,
हर चीज माँगी तुमने
मुझसे बस "मुझे" छोड़कर ...
हसरतों पर मैं ,
हर चीज माँगी तुमने
मुझसे बस "मुझे" छोड़कर ...
वाह! बहुत खूब भाई,,,,,,यूँ हीं अचानक आ जाओ कभी..
"दिल के दौरे" की तरह...
वाह! बहुत खूब,,,,,,दर्द-ए-दिल खुल के आज सुना दूँ सबको,
जी चाहता है कुछ ऐसा लिखूं के रुला दूँ सबको
वाह! बहुत खूब भाई,,,,,,
Shukriya Shubham bhai..वाह! बहुत खूब,,,,,,