TheBlackBlood मित्र तूसी दी लिखने दी कला बेमिसाल है.. समय बदलता है व रात के बाद दिन आता ही है.. खुशियो को मेहसूस दर्द के उपरान्त ही किया जाता है.. खाने का अप्रतिम आनंद भूखे रहने के उपरान्त ही लिया जा सकता है...
यहि जीवन में होता है...
विगत सभी अध्याय अद्भुत रहे भावनाओं को आहत होते हुए षड्यंत्ररो की कई कहानियां व ठाकुरों पर साहूकारों की ढेरो भयंकर रूप किए गए प्रहार पीठ मे छुरा मरना व विभिन्न परिस्थितियों को बनाना.. कई हत्याएं... अपनों का खोना....
देखते हैं अब क्या होता है कसे वैभव In षडयंत्रों का सामना कर इनको उत्तर देता है..
अगले अंक के प्रेक्षण के इंतजार में..