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★☆★ Xforum | Ultimate Story Contest 2022 ~ Reviews Thread ★☆★

Destiny

Will Change With Time
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कहानी- बुरी किस्मत
रचनाकार- Destiny महोदय

वाह वाह महोदय जी। कमाल कर दिया आपने। मान गए आपकी लेखनी को। एक साधारण सी प्रेम कहानी को जिसमें कोई भी उत्तेजक दृश्य नहीं हैं बहुत ही सरलता, शालीनता और नपे तुले शब्दों में पाठकों के सामने पेश किया। कहानी शुरू से अंत तक उसी प्रवाह में चलती रही। पाठक पूरी कहानी के दौरान कहानी से जुड़े रहने पर विवश हो जाएंगे। अद्भुत लेखनशैली का प्रदर्शन किया है आपने महोदय।।।

प्रभू। बहुत ही बढ़िया नाम है नायक का। नायक का केवल नाम ही प्रभु है लेकिन उसकी घर मे कोई इज्जत नहीं है।
कहने का मतलब ये है कि वो धोबी का कुत्ता की तरह है न घर का है न घाट का।😜😀 घर में छोटा होने के बहुत फायदे हैं। अब प्रभु की किस्मत ही खराब थी तो उसमें कोई क्या कर सकता है। घर मे छोटे को जितनी प्यार और मोहब्बत मिलती है उतनी किसी को नहीं मिलती, क्योंकि वो घर में सबका लाडला जो होता है।।

प्रभु भले ही घर मे सबसे छोटा है लेकिन उसे कभी अपनी बहन और माँ से छोटे होने का प्यार और दुलार नहीं मिला। ऐसा नहीं है कि उसकी बहन और माँ उसे प्यार नहीं करती थी। हर इंसान का प्यार जताने के तरीका अलग अलग होता है। अपने लंगोटिया यार बिलाल के साथ शादी समारोह में खुशी के हाथों बेइज़्ज़त होने के बाद प्रभु को बहुत पछतावा हुआ अपने बर्ताव पर,
अक्सर ऐसा होता है। सरीफ और अच्छे लड़कों का पहला प्रभाव लड़कियों पर हमेशा ही गलत पड़ता है। क्योंकि शरीफ और अच्छे लड़के लड़कियों से बातें करने में डरते हैं साथ ही अगर कोई सुंदर लड़की अचानक से सामने आ जाती है तो वो थोड़ा अवाक होकर उसे देखते हैं जिसका लड़की बुरा मान जाती है।।

प्रभु के साथ भी यही हुआ। खुशी उसके अपलक उसे देखने का बुरा मान गई।। वो कहते हैं न कि किस्मत में जिसको जब मिलना होता है तभी मिलता है। प्रभु के लाख ढूंढने के बाद भी खुशी शादी समारोह में नहीं मिली और मिली भी तो प्रभु के गाड़ी से दुर्घटना भी हो गई।। प्रभु ने इंसानियत दिखाते हुए खुशी को अस्पताल में भर्ती किया और पैसे जमा भी किये इलाज के।। प्रभु की हिम्मत नहीं हुई खुशी का सामना करने की जिसकी शिकायत खुशी ने ठीक हो जाने के बाद प्रभु से की।। प्रभु ने बिल्कुल सही निर्णय लिया जो वक्त रहते खुशी को अपने दिल की बात बता दी, नहीं तो कभी कभी वक्त पर सही निर्णय न ले पाने पर वही होता है जो उसने दूरदर्शन में देखा था।।
Bahut bahut shukriya 🙏 Mahi Maurya ji

Iske alawa mere pas kahne ko kuch bacha hi nehi.
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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कहानी- एहसास
रचनाकार- Baban महोदय


बहुत ही शानदार और लाजवाब कहानी है महोदय।


आप सच मे एक बहुत ही मंझे हुए रचनाकार है। आपकी सभी कहानियाँ बहुत ही उम्दा होती हैं पिछली बार दोस्ती और इस बार एहसास। मज़ा आ गया पढ़कर।।

प्यार क्या है, इस सवाल का जवाब समुंदर में कील ढूंढने जैसा है। हर इंसान के लिए प्यार का मतलब अलग अलग होता है। किसी का प्यार जिस्मानी होता है तो किसी का प्यार रूहानी होता है।। रूहानी प्यार तो आजकल बस किस्से कहानियों में ही देखने को मिलते हैं।। तन्मय और माया का प्यार भी जिस्मानी न होकर रूहानी ही है।।

माया की तीन पापियों ने इज़्ज़त लूट ली थी, जिसकी सज़ा उन्हें माया ने दी। या यूं कहें कि उसकी भटकती हुई रूह ने दी। आज तन्मय बहुत उदास है और वो माया को याद कर रहा है दिल से।। तन्मय और माया साथ मे पढ़े जहां पर तन्मय को माया से प्यार हो गया, लेकिन माया शायद तन्मय को अपना अच्छा दोस्त समझती थी, बलात्कार वाली घटना के बाद सबकुछ लगभग बदल सा गया हो।
इस घटना के बाद भी तन्मय के प्यार में कोई कमी नहीं आई बल्कि वो और भी गहरा होता चला गया।। बलात्कारियों को माया ने जो सज़ा दी वो बहुत सही थी। हर बलात्कारी के साथ ऐसा ही होना चाहिए।

आज माया भले ही तन्मय के पास नहीं है लेकिन फिर भी तन्मय माया को बेपनाह प्यार करता है और यही कारण है कि माया उसकी सोच के जरिये उससे मिलने के लिए रोज उसकी बालकनी में आती है।।।
 
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Yug Purush

सादा जीवन, तुच्छ विचार
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Wishmaster by Adirshi

This story really fulfilled all my wishes of reading... Plot se lekar characters tak... Ambition se lekar treachery tak... Fir sad ending.. Aaaahhhhhhhhhhhh:blush: jo ekdum kuch pal ke liye udas kar de ki.. Bc ye kyu hua.. Iski maa kaa.. :angry++:

Wa ise Jaise hee Nilesh ne kaha ki wo patent nahi karwana chahta apun samajh gaya ki ye manager, bajaj aur Shanaya lawdi milke dhokha degi... :smarty: par kaise.. Ab wo jyada romanchak tha... Aur ummid thi ki at the end kuch bhi karke Nilesh baji jeetega.. Par afsos aisa nahi hua :verysad:

Awesome emotional story with sci fi elements 💥💥 aur yadi ye non competitive nahi hoti toh awashya hee top 3 me se ek sthan kaayam karti.. Level hee aisa hai.. Aur sath hee sath ek dhansu sequel ka bhi marg khul jaata hai, jis hisab se ending hui hai :blush:

8/10
Tumhe kya laga tha main tum jaise langde se shadi karungi?
Randi.. Sali.. चोदरी, लड़चट
 
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SultanTipu40

🐬🐬🐬🐬🐬🐬🐬
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कहानी- परिवार की शान बेटियाँ
रचनाकार- SultanTipu40 महोदय

बहुत ही बेहतरीन और जबरदस्त महोदय।।

कहानी बिल्कुल शीर्षक के इर्द गिर्द ही बुनी गई है। लड़कियाँ वास्तव में परिवार की शान होती है। वो अगर चाहें तो परिवार को स्वर्ग बना सकती हैं और अगर चाहें तो परिवार को नरक भी बना सकती हैं।
एक बात और आपने इस कहानी के माध्यम से उन लड़कियों को आइना दिखाया है जो चार दिन के प्यार के लिए अपने माँ बाप भाई बहन के प्यार और स्नेह को तिलांजलि देकर घर छोड़कर भाग जाती है।।

राधिका जो अपने माँ-बाप, भाई और भाभी की बहुत प्यारी और दुलारी थी। राधिका की खुशी के लिए उसके बाप और भाई ने सारे गांव वालों के खिलाफ जाकर न कभी राधिका के पहनावे पर रोक लगाई और न ही कहीं आने जाने में।। लेकिन वो कहते हैं न कि हर चीज़ की अति हमेशा बुरी होती है। यही राधिका के माँ बाप भाई और भाभी के साथ भी हुआ। राधिका ने उनके प्यार और विश्वास की तिलांजलि देकर शादी के कुछ दिन पहले भाग कर एक लड़के के साथ शादी कर ली।।

लड़कियां घर से भागने को तो भाग जाती हैं लेकिन वो ये नहीं सोच पाती की उनके द्वारा उठाया गया ये कदम अपने पीछे कितनी जिंदगियों के साथ खेलने वाला है।।
जब कोई लड़की घर से भाग जाती है वो भी तब जब उसकी बारात को आने में कुछ ही दिन बचे होते हैं तो ये समाज लड़की के माँ बाप भाई बहन को जीने नहीं देता। ताना मारकर, कटाक्ष करके, जली कतई सुनाकर उन्हें तिल टिल कर घुट घुट कर मरने के लिए विवश कर देता है। राधिका के इस कदम से एक हंसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया।

जो माँ बाप कभी सीना तानकर समाज के सामने चलते थे उन्हें मुंह छुपाकर जीने के लिए विवश होना पड़ा। जान से ज्यादा प्यार करने वाले भाई को जेल जाना पड़ा, बहन की तरह प्यार करने वाली भाभी को तिल तिल कर जीना पड़ा। आर्यन पागलपन का शिकार हो गया।। राधिका के इस कदम ने सब कुछ तहस नहस कर दिया। आरती अगर अपने दोस्तों के साथ घूमने का कार्यक्रम न बनाती तो उसे कभी पता नहीं चलता। राधिका की आंखें खोलने और उसे उसकी गलती का एहसास करवाने के लिए आरती ने अपनी शादी के दिन घर से भागने का नाटक किया। जिससे राधिका की आंखे तो खुल गई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।।
अब चाहे राधिका लाख मांफी मांगे, लाख दुहाई दे, लेकिन जो गुनाह उसने किया था वो बदल नहीं जाएगा। उसके माँ बाप भाई भाभी कभी लौटकर नहीं आएंगे।। इसलिए घर से भागने वाले सभी लड़के लड़कियां एक बार ये जरूर सोच लें कि उनके इस कदम से उनके परिवार वालों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।।
Thanks mahi ji

bahut se ayese ladkiyan hai jo ayesa kar rahi hai ... Our apne parivar ko sharminda kar rahi hai main bas wahi likhne ki koshish ki hai

sukriya mahi ji aap ko achha laga story
 
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harshit1890

" End Is Near "
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A well researched concept. I liked the way author has integrated code and other technical things in the story to make everything feel genuine. I would say the best story so far in the contest. harshit1890 bhai, ab lag raha hai ek time loop waali apan bhi likh daalein ;)
Thanks bhai :hug: Bilkul likho :goteam:
कहानी- फ्लाइट
रचनाकार- harshit1890 महोदय

अब क्या ही कहें आपकी लेखनी को।

आप sci fi श्रेणी की कहानियों के उत्तम लेखक हैं लेकिन अफसोस कि बात ये है कि मुझे इस तरह की कहानियां बिल्कुल भी समझ नहीं आती। इस पूरी कहानी के दौरान बस यही समझ आया कि कोई इंसान फ्लाइट में बैठा, हवाई सुंदरियों के रूप का दीदार किया, जूस पिया और फिर कोई प्रकाश हुआ। उसके बाद की कहानी कहाँ से कहाँ पहुँची कब दोबारा हवाई जहाज में पहुँची कुछ भी समझ नहीं आया।

वो महिला कौन थी जिसने इस इंसान को अपने हुश्न के जाल में फंसाकर उसके साथ थ्रीसम करना चाहा और एक लड़के से उसके साथ गे सेक्स करने के लिए उसका रही थी। मुझे ऐसा लगता है कि ये समय के साथ भ्रमण करने वाले किसी यंत्र द्वारा तो संभव नहीं हुआ जो एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचा देता है, और आखिर में वो इंसान कौन था जिसने पहले इंसान की हत्या की थी और उससे कुछ छीन लिया था।

इसलिए कहानी के बारे में क्या टिप्पणी करें समझ मे नहीं आ रहा है।।
A bit complicated, understandable, But its a Multiverse Travel, Starting mein jo banda flight mein enter karta hai vo ek multiverse mein travel karne ke liye jaa raha hota hai but travelling through multiverse in not an easy and achievable task isliye time use bar bar alag-alag multiverse mein bhej raha tha na ki wahan jahan use jana tha. Then he reached it to the multiverse jahan par vo ladka milta hai jiske sath apne threesome wala jikr kaha, Vo main Villian tha kahani ka aur usi ne ye sab planed kiya tha taki Time Vault ko hassil kar sake. Time vault ek tarah ka Time Travel Organization tha jiski madad se protagonist Multiverse mein travel karne ka rasta easy way mein bana dena chahta tha. Yahi kahani ka point tha. Hope apko thoda samjh aya hoga. Thanks for reading :hug:
 
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Rkarya7979

Member
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139
कहानी- कशमकश
रचनाकार- Rkarya7979 महोदय


बहुत ही बढ़िया कहानी महोदय।।

आपने लीक से हटकर कुछ लिखने का प्रयाश किया है और आपका प्रयाश काफी हद तक सफल भी रहा है। आपकी ये कहानी उन पतियों के लिए है जो अपने काम की व्यस्तता के चलते अपनी पत्नियों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और अंत में उनके रिश्ते में दरार आ जाती है।।

रोहन और शीतल एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। कुछ दिनों से रोहन काम की वजह से अपनी पत्नी पर ध्यान नहीं दे पाता, तो शीतल को लगता है कि रोहन को उससे प्यार नहीं रह गया है। जिसके निवारण के लिए उसने एक गहरी चाल चली और अपनी बहन शिखा को शेखर बनाकर घर मे ले आई। फिर शुरू हुआ रोहन को जलाने का काम।
वैसे भी ये सही बात है कि पति कुछ भी करता फिरे बाहर लेकिन अगर घर में उसकी पत्नी किसी पड़ोसी या दोस्त से बात कर ले तो पति की जलने लगती है।

हद तो तब हो गई जब रोहित ने शीतल के चरित्र पर ही लांछन लगा दिया। वो तो भला हो शीतल का जो उसकी बात का ज्यादा बुरा नहीं माना और घर छोड़कर नहीं गई। बाकी अपनी सास की बात सुनकर रोहन को अपनी गलती का एहसास हो गया कि वो शीतल को वो प्यार नहीं दे पा रहा है जिसकी वो हकदार है। फिर उसने अपनी गलती स्वीकार की और दोनों अच्छा जीवन जीने लगे।। इसमें शिखा का बहुत बड़ा हाथ है अगर वो सही समय पर शीतल का साथ नहीं देती तो हो सकता है उनका रिश्ता भी टूट सकता था
Apka Review dene k liye dhanyawad...
Leek se hat kar Kuchh alag cheej likhna chahta tha... So likh diya...

Halaki aap k jese sirf kuchh hi readers ko ye story pasand ayi hogi... Q ki isme garma garm mirch masala nhi he...

Lekin jin ko bhi ye pasand ayi unka tahe dil se shukrguzar hun...

Thank you once again
 
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avsji

..........
Supreme
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21,012
159
कहानी- लोकल
रचनाकार- avsji महोदय


बहुत ही बढ़िया महोदय।

कहानी मुम्बई की लोकल की पृष्टभूमि पर आधारित है।। मुम्बई जैसे शहर में एक सामान्य व्यक्ति का जीवन यापन कर पाना बहुत मुश्किल है। अगर कोई नौकरी करता है तो उसे अपने कार्यालय पहुंचने में कम से कम 1 घंटे से ज्यादा का समय लगता है। मुम्बई की लोकल ट्रेन के कहने ही क्या। यही है जिसने मुम्बई की आधी आबादी को समय से कार्यालय या कहीं भी आने जाने का जिम्मा उठाया हुआ है वरना मुम्बई की भीड़ भाड़ भारी जिंदगी में इंसान जाम में ही फंसकर रह जाए।।

अक्सर ऐसा होता है कि जिस दिन अति महत्वपूर्ण कार्य होता है उसी दिन कुछ न कुछ अनहोनी हो ही जाती है।। आज कार्यालय में किसी मुद्दे पर अपनी राय रखनी थी नायक को लेकिन उसे ओला ने धोखा दिया। मजबूरन उसे लोकल से सफर करना पड़ा।
ये बात तो सही है कि अगर आप लोकल से सफर कर रहे हैं तो आपको चढ़ने और उतरने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। बस एक बार कूपे के दरवाजे के सामने खड़े हो जाइए बाकी का काम भीड़ कर देती है।😜😀 लोकल में सफर करना आज नायक के लिए फायदेमंद रहा क्योंकि आज उसे एक लड़की ने पसन्द कर लिया शायद लड़की को पहली नजर का प्यार हो गया लड़के से तभी उसने शाम को मिलने का वादा किया, लड़का भी पीछे रहने वालों में नहीं था। उसने भी लगे हाथ झूठ बोल दिया। आखिर ऐसा मौका छोड़ता कौन है।😜
बहुत बहुत धन्यवाद मित्र 🙏😊
आपको कहानी पढ़ कर कुछ आनंद मिल सका, बस मेरी कोशिश कामयाब रही।
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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कहानी- घोड़ों को नहीं मिल रही घास और गधे खा रहे हैं चमनप्रास
रचनाकार- Sangeeta Maurya मैडम

बहुत ही बेहतरीन और लाजवाब संगीता जी।।

आपने जो लिखा है वो कोई कहानी नहीं है बल्कि 100 सच है ये वो काला सच है जिससे प्रशासन भाग रहा है। जिसे मानने के लिए प्रशासन तैयार ही नहीं है।। आपने बिल्कुल सही कहा कि लोमड़ पार्टी और लड़ाकू पार्टी ने फोरम की छवि सुधारने के लिए ही ये चुनाव लड़ा था। वैसे तो लोमड़ पार्टी के अध्यक्ष बहुत ही अनुभवी थे और लड़ाकू पार्टी के अध्यक्ष अभी नए थे। लेकिन दोनों का मुख्य एजेंडा मिलता जुलता था और वो किसी से छुपा नहीं है। तीसरी पार्टी के बारे में हम कुछ कहना ही नहीं चाहते हैं।।

आपने पूरे चुनाव का बहुत बारीकी से अध्ययन किया है और जो जो बिंदु आपने उठाये हैं वो अच्छा विशेषज्ञ ही उठा सकता है।। साथ ही आपने लवड़े जी का चरित्र चित्रण बिल्कुल सजीव ढंग से किया है। लोमड़ पार्टी के अध्यक्ष सच मे बहुत समझदार और शांत प्रवित्ति के इंसान हैं उन्होंने जरूर आवाज उठाई होगी अन्याय के खिलाफ, लेकिन इस कलयुग में अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले की सुनता ही कौन है।😜 उसकी आवाज को दबा दिया जाता है।। मज़ा आ गया पढ़कर। मेरे हिसाब से तो प्रथम पुरस्कार की हकदार आप ही होनी चाहिए🤣🤣
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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कहानी- लल्लू लाल
रचनाकार- Dead_man महोदय


बहुत ही औसत दर्जे की कहानी है महोदय। पहली कहानी बहुत बढ़िया थी, लेकिन आपकी इस कहानी ने निराश किया। फिर भी आपने कोशिश की लिखने की।।

किसी की अच्छाई और सच्चाई का मजाक बनाना किसी भी नजरिये से सही नहीं है। हर इंसान की अपनी अपनी सोच होती है अपना अपना चरित्र होता है अपना अपना व्यवहार होता है। माना कि रोहित बहुत सीधा सदा लड़का था। वो बस अपने काम से काम रखता थ। किसी को बिना मतलब के परेशान नहीं करता था। किसी से बेवजह लड़ता नहीं था, लेकिन उन लोगों से लाख गुना बढ़िया था जो दूसरों की भावनाओं का मजाक उड़ाते हैं। उन्हें परेशान करते हैं जैसे राज, नैन और नेहा ने किया उसकी भावनाओं से खिलवाड़ करके।।

रोहित का ऐसा होना उसका नैसर्गिग गुण है उसमें कोई बनावट नहीं है। कार्यालय में देर से आने की सज़ा रोहित को ऐसे मिलेगी ये कभी नही सोचा था रोहित ने। रोहित तो मन ही मन उसे पसंद करने लगा था, लेकिन नेहा ने उसके साथ बिल्कुल सही नहीं किया। अगर उसे लगता था कि रोहित लल्लूलाल है और उसे सुधारना है तो इसके बधुत से तरीके थे। नेहा उससे खुलकर इस बारे में बात कर सकती थी। उसे समझा सकती थी, लेकिन उसने जो रास्ता चुना वो मेरी नजर से बिल्कुल भी सही नहीं था। उसके इस कदम से रोहित कितना परेशान हो गया था उसको लेकर।।
 
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Adirshi

Royal कारभार 👑
Staff member
Sr. Moderator
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Adi bhau badhiyaa istory thi..:dost:
Story mee starting mee padhte hue Jo Nilesh ko laga ki shreya usse dekh rahi h..
Waisaa hee har ladke ko lagta h..har ladki usse dekh
Shanaya*
Lekin aisaa hota nahi h.. :D
Bade experienced lagte ho is mamle me :hinthint2:
Jab sherya ne uske saath kaam karne ko boli thi tabhi mere ko doubt thaa ispee..
Lekin bhai bura lagtaa h jab aap ki mehnat ki roti koi aur khaa jaye..
Gussa aata h..
:approve: har kisi ki khawaish hoti hai ke uske uski mehnat ka fal Mile
Mere ko kisi nee bahut pahele ekk baat boli..thi..
Logon kaa istemaal karo aur aage badh jao..
Isse pahele voo tumhara istemal kare..
Aur yee baat sahi bhi hai kahi naa kahi..
Well mere hisab se ye baat puri tarah to nahi but aaj ki duniya ne kayi jagho par sahi baithti hai
Baaki story kaa plot bahut sahi thaa..
Aur writing bhi ekkum bhadiyaa thi baaki ek aadh jagh spelling mistakes thi utnaa too chalta hee h..:D
Meri taraf see.. 8.2 ki rating.. :respekt:
Bahut bahut shukriya bhai itne behtarin review ke liye :hug:
 
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