परिस्थिति किसी की अनुकूल नहीं होती सर जी अनुकूल बनानी पड़ती है। बस मौत पर किसी का बस नहीं है। उसे छोड़ दीजिए।अधूरी कहानी की भी अपनी कहानी होती है, परिस्थितियां आपके अनुकूल नहीं होती, जीवन मे ना जाने कब क्या हो जाए, बहुत कुछ निर्भर करता है,
परिस्थिति किसी की अनुकूल नहीं होती सर जी अनुकूल बनानी पड़ती है। बस मौत पर किसी का बस नहीं है। उसे छोड़ दीजिए।अधूरी कहानी की भी अपनी कहानी होती है, परिस्थितियां आपके अनुकूल नहीं होती, जीवन मे ना जाने कब क्या हो जाए, बहुत कुछ निर्भर करता है,
Humm, दिलचस्प बात की आपने थोड़ा विस्तार दीजिए इसे,परिस्थिति किसी की अनुकूल नहीं होती सर जी अनुकूल बनानी पड़ती है। बस मौत पर किसी का बस नहीं है। उसे छोड़ दीजिए।
Aalsi hai vah contest lakar ke gayab rahte vahवो किसलिए दोषी हैं सर जी
Yeah, meri entry update nahi hui ab takAalsi hai vah contest lakar ke gayab rahte vah
Udhar to asli dhama chokari machi padi haiNahi yaar, abhi lauta hun Ladakh se
Jii...jrur...Mera wala bhi dekh lena