होली हो ली
और होली में मैं भाभियों से बची लेकिन ज्यादा नहीं अंदर ऊँगली डाल डाल के सबने चेक की , मेरे दोनों दोस्तों की खूब मस्ती हुयी और जो उनकी चाहत थी मिसेज खान की टीनेज ननद हुमा, वो भी मिली , दोनों ने फाड़ी एक ने आगे एक ने पीछे,...
और ये सब हुआ छन्दा भाभी और खान भाभी के सौजन्य से , खान अंकल तो छन्दा भाभी के दीवाने थे तो आज एक बार जब तरंग ने उनकी ले ली , फिर तो ,... पूरे डेढ़ घंटे खान अंकल के साथ भाभी ने ' होली खेली; और मैं और मनुज तरंग , हुमा के यहाँ , घर खुलवाया , खान भाभी ने,... उसके बाद तो वो चूतड़ पटकती रही हम तीनो ने मिल के , बाहर की पहरेदारी उसकी भाभी, खान भाभी के जिम्मे , शाम को कम्पनी के काम से खान अंकल को जाना था तो उन दोनों लड़कों की तो चांदी हो गयी , मिसेज खान के यहाँ ' पार्टी' सुलभा भाभी , खान भाभी और वो नयी छोरी , ... और ये दोनों ,
मेरी रात भी , मुझे बिना बताये भाभी ने क्लब की होली में देवेश , दिया और बंटू को भी बुला लिया था , होली में दिल मिल जाते हैं और हम सब ने खूब मस्ती की , रात में छन्दा भाभी ने घर पर पार्टी रखी , मनुज तरंग तो खान भाभी के यहाँ ,... और मेरे पिछवाड़े का भी ताला बंटू ने खोल दिया , रात भर मस्ती , गिले शिकवे भुला के
डिटेल क्या बताऊँ , इत्ती तो होली की कहानियां आप सब पढ़ चुके है तो बस,... मैं एक बार फिर से दिया की बेस्टी हूँ , मनुज तरंग दोनों के चक्कर एक साथ हुमा के साथ , और दोनों हमारे पेइंग गेस्ट है तो मैं और छन्दा भाभी उन्हें बिल दे देते है,... महीने का नहीं हफ्ते हफ्ते या कई बार ,.. रोज रोज भी,...
तो बस आप सब का हर दिन होली और रात दीवाली हो मैं छन्दा भाभी के साथ विदा लेती हूँ।
समाप्त