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Incest हाय रे ज़ालिम.....

Rakesh1999

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देवा और पप्पू बात करते है।
 
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Rakesh1999

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यह कहानी हिंदी सेक्स कहानियों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय कहानियों में से एक है।ये कहानी shamskhan द्वारा लिखी गई थी। इस कहानी के xossip पर 1 करोड़ 75 लाख views थे।आप समझ सकते हैं यह कहानी कितनी लोकप्रिय हुई थी।

ये कहानी लेखक ने hinglish में लिखी थी और उसे अधूरा छोड़ दिया था।मैं इसे पूरा हिन्दी में लिख रहा हूँ।इस कहानी में कुछ इडिटिंग भी की गई है लेकिन कहानी के साथ कोई छेड़ छाड़ नहीं की गई है।



ये कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव अम्बेटकली की।एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत गांव में रहता है ।

देवा

२० साल का ये गबरू जवान।।अपने १० एकड के खेत में खूब दिल लगा के मेहनत करता है । उसे न शराब का शौक है न चरस गांजे का।
बचपन से उसे कसरत और कुश्ती का बहुत शौक रहा है पर सबसे ज़्यादा चाह है उसे चूत की हालाँकि अभी तक उसे ये मिला नहीं है।।
देवा।अपनी माँ रत्ना और छोटी बहन ममता के साथ रहता है।
बाप का साया देवा के सर से पांच साल पहले ही उठ गया था।



रत्ना


एक गदराई हुई ४० साल की खूबसूरत औरत जो पिछले 5 साल से अपनी चूत की आग अपनी उँगलियों से तो कभी बैगन मूली से शांत करते आ रही है।।पति तो उसका रहा नहीं और बाहर वालो को वो देना नहीं चाहती।।

अपने बेटे देवा को खेती बाड़ी में हाथ बटाने वाली रत्ना बहुत हँसमुख है पर उसकी हँसी के पीछे के दर्द को कोई नहीं समझता उसका अपना बेटा देवा भी नही।
 

Rakesh1999

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ममता


एक 18 साल की चंचल खुबसुरत कुँवारी लड़की है जो अपना समय दिन भर अपने सहेलीयों के साथ बातें करने में गुजारती है उन बातों में सिर्फ सेक्स की बाते होती है।।जल्द से जल्द लंड लेने की उसकी चाह ने उसके दोनों आमो को वक़्त से पहले ही पका दिया है।

देवा का एक दोस्त है।।


पप्पु



18 साल के पप्पू को बचपन में बैल ने ऐसा लात मारा की उसके पप्पू में हिलने डुलने की ताकत नहीं रही।जीस्म तो अपनी उम्र के हिसाब से बढ़ता गया पर औज़ार छोटा का छोटा रह गया।

पप्पू की माँ

शालु



एक गरम खून वाली 38 साल की औरत है।जिसका पति तो है पर किसी काम का नहीं। चोदता तो है पर ठीक से नहीं । दिन रात नशे में पड़ा रहने वाला शालु का पति जब घर आता है तो पहले गाली देता है और फिर दो चार धक्के उसके बाद सारी रात शालू अपनी चूत मसलती रहती है या ऊँगली से अपने आप को शांत करती है।

शालु की दो और बेटियां है।
एक रश्मि

उमर 18 साल अपनी माँ की तरह मदमस्त रहने वाली लड़की।



दूसरी बेटी
नीलम



एक खामोश तबियत वाली। अपनी दुनिया में जीने वाली लड़की को जब भी कोई देखता है यही कहता है ये साली शालु के पति की नहीं हो सकती।
 

Rakesh1999

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इसी गांव में एक जागिरदार की हवेली है।जिसमें रहते है।

सेठ हिम्मत राव

हिम्मत राव इस गांव के जमींदार है उसकी गांव में बहुत चलती है। वो गांव में जो चाहे वो कर सकता है। सभी गांव वाले हिम्मत राव से डरते है। हिम्मत राव ने कुछ गुंडे भी पाल रखे है और उसके पास बंदूके भी है।




उनकी पत्नी - रुक्मणि


रंग तो इसका जानदार है पर चूत बड़ी नमकीन है।।
ये सेठ हिम्मत राव की दूसरी पत्नी है पहली वाली इस दुनिया में नहीं रही।
रुक्मणी के शादी को 3 साल हो चुके है पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।

सेठ हिम्मत राव को पहली वीवी से एक बेटी है।

रानी- उम्र 19 साल है पर नखरे और अदायें किसी तरह भी 19 वाली के नहीं लगते।घर के लोग इसे परी भी बुलाते है यानि इसका घर का नाम परी भी है।
बाप के पैसों को पानी की तरह बहाना इसका शौक है।।घमन्डी नकचढी जो कहना है इसे कह सकते है। बस एक ही चीज़ इस में अच्छी है वो छुपी है बेचारी की जांघों के बीच में।



इस हवेली में एक नौकरानी काम करती है।

पदमा



रुक्मणी की जायज़ और नाजायज़ हर काम पदमा ही करती है।

और भी लोग है इस गांव में धीरे धीरे वो सभी आपके सामने आयेंगे।
 

Rakesh1999

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अपडेट 1


देवा;अपने खेत में अपने दोस्त पप्पू के साथ बैठा हुआ था।
सामने पप्पू की कुछ बकरियाँ और बैल चारा खा रहे थे।

आज देवा का मूड कुछ उदास सा था।

पप्पू;क्या बात है देवा बड़ा गुमसुम सा बैठा है।

देवा;अरे यार साली ये भी कोई ज़िन्दगी है सुबह खेत में जाओ दिन भर काम करो और रात को खाना खाके सो जाओ।
इससे अच्छा तो मै कोई बकरा होता कम से कम दिन रात किसी न किसी की बकरी को ले रहा होता।

ओ देख सामने तेरा बकरा कैसे बकरी के ऊपर चढ के घूस्सा रहा है।

पप्पू;उदास मत हो देवा हर कुत्ते का टाइम आता है
अपना भी आयेंगा।

देवा;ये बात सुनके खिलखिलाके हंसने लगता हैं।
साले तू बहुत बड़ा गांडु है।
चल ये बता वो हिम्मत राव की लौंडिया कैसी है।
सुना है कल ही शहर से पढ़ के गांव आई है।
बचपन में देखा था उसे साली बडी चिकनी दिखती थी।
एक दो बार तो छुपा छुपी के खेल में मैंने उसे कस के निचोड़ा था।

पता नहीं उसे याद भी होंगा की नही।

पप्पू;माल तो एक से एक है गांव में पर साली कोई भाव नहीं देती।

देवा;दिल ही दिल में ।
तेरी माँ कम गदराया हुआ माल है क्या।
साली एक बार दे दे बस तो मजा आ जाए।

देवा;वैसे तू क्या करेंगा किसी लड़की को पटा के।
साले तेरा तो इतना छोटा है की किनारे से घुम के वापस आ जाए।

पप्पू;अपना चेहरा इधर उधर घुमाने लगता है।
मुझे जाना है वरना माँ ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ जाएगी।

देवा;पप्पू;के कमर पे हाथ फेरने लगता है।
आज बड़ा दिल कर रहा है पप्पु।
 

Rakesh1999

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शालू देवा और पप्पू को गलत हरकत करते हुए देखती है।
 
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Rakesh1999

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शालु तेजी से अपने घर की तरफ चल देती है।
 
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Rakesh1999

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उसे यक़ीन ही नहीं हो रहा था की उसका बेटा ऐसे काम भी कर सकता है।
पर उसका दिल देवा के लंड को सोच सोच के उछल रहा था।

पप्पू अपने पेंट को पहन के लडख़ड़ाता हुआ अपने घर की तरफ चलने लगता है।

देवा उसे देख के हंसने लगता है।
अब्बे ठीक से तो चल।

पप्पू कुछ नहीं बोलता वो बोलने की हालत में नहीं था।

तभी देवा भी अपना ट्रेक्टर लेके आ जाता है और पप्पू उसमें बैठ जाता है दोनों चुप चाप पप्पू के घर की तरफ चले जाते है।

जब दोनों पप्पू के घर पहुंचते है तो शालु उन्हें दरवाज़े पे खड़े मिलती है।
उसके चेहरे पे मुसकान थी पर वो किस चीज़ की थी ये तो सिर्फ वो खुद जानती थी।

पप्पू लंगड़ाता हुआ घर में चला जाता है।

शालू :अरे बेटा क्या हुआ कहीं दर्द हो रहा है क्या किसी ने मारा क्या तुझे।

देवा;वो काकी पप्पू नीचे गिर गया था आम के पेड़ से शायद मोच आ गई है।

शालु;हाँ बेटा अब बड़े बड़े पेड़ पे चढेगा तो लगेंगा ही। देवा तू अंदर आ ना मै कुछ नाश्ता बनाती हूँ तेरे लिये।

देवा;इसकी कोई ज़रूरत नहीं काकी।

शालु;अरे थक गया होगा न कितनी मेहनत करता है तू
चल बैठ।

देवा बैठ जाता है।
काकी काका कहीं नज़र नहीं आ रहे।

शालु;वो दोनों बच्चीयों के साथ शहर गए है रात तक आ जाएंगे।

देवा;शालू के मोटे मोटे ब्रैस्ट देखने लगता है।


शालु : देखता क्या है पी ले ना।

देवा;क्या।

शालु :अरे बाबा चाय ठन्डी हो जाएंगी पी ले।

देवा; चाये की चुस्की लेते हुए काकी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो।

शालु;हल्के से मुस्कूराते हुए चल हट बदमाश कही के।

देवा;चाय का कप नीचे रख देता है और जाने के लिए उठता ही है की शालु उसके एकदम सामने आ जाती है।

शालु;अरे पसीना तो पोंछ लिया कर की बस दिन रात काम काम।
ओ देवा का पसीना पोंछने लगती है और साथ ही साथ अपने ब्रैस्ट देवा की छाती से रगडने लगती है।

देवा की ऑखें बंद हो जाती है और वो दोनों हाथ पीछे ले जाके शालु के कमर को ज़ोर से मसल देता है।


शालु; उई माँ क्या करता है बदमाश।
और वो चाय का कप उठाके किचन में चली जाती है।

देवा;दिल ही दिल में मुस्कराता हुआ वहां से अपने घर की तरफ चल देता है।
 

Rakesh1999

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अपडेट 2






देवा;जब घर पहुंचा तो शाम के 5 बज रहे थे।

समने चारपाई पे देवा की माँ रत्ना और एक औरत जिसकी पीठ दरवाज़े के तरफ थी बैठी हुए थे।

देवा;उनके पास जाता है।
रत्ना;आ गये बेटा हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाके लाती हूँ।

वो औरत जो सेठ हिम्मत राव के घर की नौकरानी पदमा थी।
सर घुमा के देवा की तरफ देखती है।

गोरा चिट्टा भरा भरा बदन।
पदमा;देवा मुझे जागिरदार साहब ने भेजा है तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए । कुछ काम है सेठ को शायद तुमसे।

देवा;ठीक है काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।

पदमा की नज़रें किसी एक्स रे मशीन की तरह थी वो देवा को पहली नज़र में ही पहचान गई थी के लौंडा काम का है।

देवा घर में चला जाता है।

रत्ना;उसके पीछे पीछे अंदर आ जाती है।
क्या बात है देवा जागिरदार साहब को क्या काम आ गया तुझसे।

देवा;पता नहीं माँ देख के आता हूँ तभी पता चलेंगा ना।

रत्ना;मुझे तो वो हवेली और वहां के लोगों से बड़ा डर लगता है बडी गंदी नज़र हैं उन लोगों की तू जल्दी घर आ जाना बेटा।

देवा;अपनी माँ रत्ना के तरफ देखता है ।
सफेद साडी में उसके ब्रैस्ट सामने की तरफ तने हुए थे
पेट एकदम गोरा गोरा और उसमें क़यामत मचाते हुए उसकी नाभी।

देवा;की नियत आज कल हर किसी पे इसी तरह ख़राब हो जाती थी वो ये भी नहीं सोचता की सामने उसकी माँ खडी है।
 

Rakesh1999

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अरे माँ डरने की क्या बात है जागिरदार मुझे खा थोड़ी जायेगा।

रत्ना;शुभ शुभ बोल बेटा। वो देवा के मुंह पे हाथ रख देती है और इस वजह से वो देवा से एकदम चिपक सी जाती है।

रत्ना;के बदन से आती भीनी भीनी पसीने की खुशबु जब देवा के नाक तक पहुँचती है तो उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है ऊपर से नरम नरम जिस्म जो उसके इतने पास होकर भी दूर था।

वो एक हाथ रत्ना के कमर पे रख के उसके पेठ को हलके से दबाता है।
और अपने मुंह पे लगा हुआ रत्ना का हाथ हटा के धीरे से कहता है।
कुछ नहीं होगा माँ डरो मत।

दोनो एक दूसरे के ऑंखों में देखने लगते है।

ये नज़रों का खेल था या जिस्म की भूख दोनों एक दूसरे से अलग होने को तैयार नहीं थे।
तभी बाहर से पदमा के खाँसने की आवाज़ से दोनों होश में आते है और देवा बहार चला जाता है।

थोड़ी देर बाद रत्ना चाय का कप ले के बाहर आती है
और देवा चाय का कप ले तो लेता है पर उसकी कुछ उँगलियाँ रत्ना के हाथ से अनजाने में टकरा जाती है।

इस थोड़े से छुवन से ही रत्ना के जिस्म में सरसराहट पैदा हो जाती है।

बेचारी रत्ना कई सालो से अपने बेटे को देख देख कर आहें भर रही थी।
पर देवा उसपे कोई ध्यान नहीं देता था।
ये पिछले एक महिने से देवा के रवैये में थोड़ा बहुत बदलाव आया था।
जबसे उसने रत्ना को नहाते हुए देखा था।

देवा;चाय पीने के बाद पदमा के साथ पैदल सेठ के हवेली की तरफ निकल जाता है।

पदमा;कमर मटकाते हुए सामने चल रही थी।
रास्ता बिलकुल सुनसान था। गांव का रहन सहन ही कुछ इस तरह का होता है शाम ढले सभी अपने अपने घर को लौट जाते है और कोई गली मोहल्ले में नज़र नहीं आता।

देवा;की नज़र पदमा के हिलते कमर पे ही थी।
आगे आगे चलते हुए पदमा आज थोड़ा ज़्यादा ही कमर मटका रही थी।

कुछ देर बाद दोनों हवेली पहुँच जाते है।
 
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