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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Mind blowing writing hai sir, super duper hit Update tha aapka, waise ye loren kristy ko apne boyfriend ke baare me batana kyu nahi chahti??? Ye jaroor janna chahenge hum🙂
Uske boyfriend ki aankh me suar ka baal hai bhai, mujhe lagta hai, ki kuch locha jaroor hai udhar, thanks for your amazing support bhai ❤️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Alex ki to mittii hi paleet kar di kristi ne😀 bechara, 20 $ west ho gaye uske, kristi ne ghaas tak nahi daali use, too good Update sir 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Alex ke L-lag gaye bhaiya, or bhi bura hoga uske sath, sath bane raho, thanks for your valuable review ❣️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Are sir, interpol, Apradhi, criminals, crime, ye sab to thriller ki or isare kar rahe hai, or aap mystery title de rakhe ho? Iska raaj kya hai? Or kya sach me supreme per koi aatankwadi tatva ghus aaye hai?
Superb update again :claps: :claps: :claps: :claps:
Mysterious thriller samajh lo ise😀
Thanks for your wonderful review and support ❣️❣️
 
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# 7.
26 दिसम्बर 2001, बुधवार 15:00; “सुप्रीम”

“क्या बात है तौफीक?“ जेनिथ ने धीरे से अपना हाथ तौफीक के हाथ पर रखते हुए कहा-

“तुम मुझसे इतना अलग-अलग सा रहने की कोशिश क्यों करते हो ? ठीक तरह से बातें भी नहीं करते।“ तौफीक ने धीरे से अपना हाथ जेनिथ के हाथ के नीचे से निकालते हुए, कोल्ड ड्रिंक का गिलास उठाया, और होठों से लगा कर धीरे-धीरे चुस्कियां लेने लगा । जब थोड़ी देर तक तौफीक ने कोई जवाब नहीं दिया, तो जेनिथ फिर से पूछ बैठी-

“तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तौफीक।“

“जिस आदमी की जिंदगी खुद एक सवाल बन गई हो, वह भला किसी की बात का क्या जवाब दे सकता है।“ तौफीक ने बड़े उलझे हुए शब्दों में कहा ।

“क्या मतलब?“ जेनिथ ने तौफीक से पूछा।

“मतलब तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।“ तौफीक ने सपाट स्वर में कहा- “जो तुम सोच रही हो। वह कभी संभव नहीं हो सकता।“

“मैं क्या सोच रही हूं?“ एका एक जेनिथ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरी ।

“यही कि मैं तुमसे प्यार करूं। तुम्हारे साथ शादी कर लूं।“ तौफीक ने एका एक थोड़ा सा उत्तेजित हो कर कहा- “और तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताऊँ।“

“थैंक गॉड! कि तुम्हें यह एहसास है कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं।“ जेनिथ ने चेहरे पर क्रास बनाते हुए, खुशी भरे स्वर में कहा-

“लेकिन इसमें आखिर बुराई क्या है? क्या तुम किसी और से प्यार करते हो ? या मैं तुम्हें पसंद नहीं .. ...या.......या फिर ......कोई और बात है।“

“बार-बार एक ही बात को मत दोहराओ जेनिथ।“ तौफीक ने झुंझलाते हुए कहा-

“मुझे एहसास है, कि तुम क्या सोच और समझ रही हो। पर तुम इस बात को नहीं जानती, कि मैं इस समय सस्पेंड चल रहा हूं और फिर मेरी जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं है। हर कदम पर हजारों दुश्मन घूम रहे हैं। क्या पता, कब किधर से एक गोली आए और ............।“

लेकिन इससे पहले की तौफीक उसके आगे और कुछ बोल पाता, जेनिथ ने आगे बढ़कर, अपना हाथ तौफीक के होठों पर रख दिया । जेनिथ के चेहरे को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वह अभी रो देगी ।

“बस! इसके आगे कुछ मत बोलना।“ जेनिथ एका एक भावुक हो गई-

“तुम्हारे ऊपर आई हर गोली के आगे, मैं अपना शरीर कर दूंगी । पर तुम्हें आंच नहीं आने दूंगी ।“

“मैं तुम्हारे भावनाओं की कद्र करता हूं।“ तौफीक ने जेनिथ का कोमल हाथ अपने मुंह के ऊपर से हटाते हुए कहा-
“पर मैं अपनी जिंदगी के साथ-साथ, तुम्हारी जिंदगी को भी खतरे में नहीं डाल सकता।“

“जब मैं खतरा उठाने को तैयार हूं, तो फिर तुम्हें क्या परेशानी है?“ इस बार जेनिथ ने थोड़ा रोष में आते हुए कहा।

“परेशानी है........ क्यों कि........ क्यों कि......।“ तौफीक एका एक कुछ कहते- कहते चुप हो गया।


“हां......हां......बोलो.....बोलो...... तुम्हें क्या परेशानी है तौफीक?“ जेनिथ ने शायद उसके आगे के शब्द समझ लिए और तौफीक की आंखों में अपने लिए प्यार की भाषा भी पढ़ ली। इसी लिए वह तौफीक को जोश दिलाते हुए बोली। अचानक तौफीक के चेहरे के भाव परिवर्तित हुए और वह फिर उत्तेजित नजर आने लगा-

“क्यों कि मेरे डिक्शनरी में प्यार नाम का, तब तक कोई शब्द नहीं आएगा, जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता।“

“तुम किस काम की बात कर रहे हो? मैं समझी नहीं।“ जेनिथ ने उलझे स्वर में तौफीक से पूछा ।

“तुम समझोगी भी नहीं । फिलहाल तो मैं इतना बता दूं, कि मुझे एक बहुत जरूरी काम को सरअंजाम देना है। और इस काम के पहले मैं तुम्हारे बारे में सोच भी नहीं सकता।“ तौफीक ने जवाब दिया ।

“ठीक है! अगर तुम मुझे उस बात के बारे में नहीं बताना चाहते। तो मैं तुम्हें इसके लिए बाध्य नहीं करुंगी। मेरे जिंदा रहने के लिए इतना ही काफी है, कि कभी न कभी तुम मेरे होकर ही रहोगे।“ जेनिथ ने कहा।

“वैसे तब तक के लिए हम एक अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं, या नहीं ।“ जेनिथ ने पुनः मुस्कुराते हुए तौफीक की आंखों में आंखें डालकर, अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा।

“बेशक!“ तौफीक ने जेनिथ का हाथ थामते हुए कहा-
“लेकिन कब तक? ........पता नहीं ।“

“अच्छा ! अब जब हम अच्छे दोस्त बन ही गए हैं, तो तुम्हारी हर परेशानी मेरी ।“ जेनिथ ने खुश हो कर कहा-

“अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?“ कहकर जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी । कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी -

“ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त होने के नाते, कम से कम अपने सस्पेंड होने का कारण तो बता सकते हो । और वैसे भी तुमको पता नहीं है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कह कर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करुंगी।“

“अब कोई चाहकर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता । क्यों कि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार, अभी तक इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक.........सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा ?“ तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी ।


“अच्छा छोड़ो इन बातों को।“ जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक को चेंज करते हुए कहा-

“आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।“ यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई। जेनिथ का हाथ तौफीक के हाथ में देखकर, किसी के चेहरे पर एक कड़वी मुस्कुराहट आई और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट के बाहर निकल गयी।


चैपटर-3
27 दिसम्बर 2001, गुरुवार, 10:15;
आज मौसम काफी खुशगवार था। परंतु ऐलेक्स के ऊपर मौसम का, आज कोई भी प्रभाव नहीं दिख रहा था। वह बहुत परेशान था, क्यों कि आज तीसरा दिन था, जबसे उसकी क्रिस्टी से बात नहीं हुई थी। वह इन बीते हुए 3 दिनों से क्रिस्टी के पीछे भाग-भाग कर परेशान हो गया था।

पहली बात तो वह जल्दी अपने रूम से निकलती नहीं थी, और अगर निकल भी गयी, तो किसी न किसी के पास खड़े हो कर बातें करने लगती। ऐलेक्स को वह अकेले कभी मिल ही नहीं रही थी।

आज ऐलेक्स सुबह से ही उसके कमरे के बाहर इधर-उधर टहल रहा था। उसने यह निश्चय कर लिया था कि आज वह क्रिस्टी से बात करके ही रहेगा, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उसे गैलरी में टहलते हुए काफी देर हो गई थी।

तभी ‘खटाक्‘ की आवाज के साथ क्रिस्टी के कमरे का दरवाजा खुला और क्रिस्टी कमरे से निकलकर बाहर आयी। उसने चाबी से रूम को लॉक किया और चाभी को अपनी चुस्त जींस की जेब के हवाले कर दिया । दरवाजा लॉक करने के बाद, उसने सरसरी तौर पर एक नजर गैलरी में डाली । उसकी नजर कुछ दूर खड़े ऐलेक्स पर पड़ी, जो कि लगातार उसी को देख रहा था ।

ऐलेक्स को देख क्रिस्टी ने अजीब सा मुंह बनाते हुए, कुछ बड़बड़ाया । पर ऐलेक्स को वह बातें, दूरी अधिक होने के कारण सुनाई नहीं दी । लेकिन इतना तो वह समझ चुका था कि क्रिस्टी ने उसके लिए कुछ विशेष ‘इटैलियन मंत्र‘ पढ़ा था।

तभी क्रिस्टी गैलरी के दूसरी ओर से डेक की ओर चल दी । ऐलेक्स ने जब उसे दूसरी तरफ जाते देखा, तो वह तेज कदमों से उसके पीछे चल दिया । क्रिस्टी कई गलियों को पार करती हुई, सीढ़ियां चढ़कर डेक पर आ गयी। ऐलेक्स अभी भी उसके पीछे था।

क्रिस्टी ने धीरे से पीछे से आ रहे ऐलेक्स पर एक नजर डाली और फिर किसी की तलाश में, अपनी नजर इधर-उधर घुमाने लगी। ऐलेक्स अब उस से कुछ ही दूरी पर था। तभी क्रिस्टी की नजर सामने खड़े तौफीक व लोथार पर पड़ी। जो कि आपस में बातें कर रहे थे। वह ऐलेक्स से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से तेजी से उन दोनों की तरफ बढ़ गई।

“हैलो मिस्टर तौफीक! हैलो मिस्टर लोथार!“ क्रिस्टी ने दोनों के पास पहुंचते हुए उन्हें संबोधित किया।


“हैलो !“ दोनों ने समवेत स्वर में क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“आप दोनों का निशाना तो गजब का है। क्रिस्टी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा-

“बाई द वे! मेरा नाम क्रिस्टीना जोन्स है।“ यह कहते हुए क्रिस्टी ने बारी-बारी दोनों से हा थ मिलाया ।

“मैं तो आप लोगों के निशाने की फैन हो गई। क्या आप मुझको भी निशाना लगाना सिखा सकते हैं?“ यह कहकर क्रिस्टी, सिर्फ दिखावे के लिए, दोनों से बात करने में मशगूल हो गई। उधर ऐलेक्स, क्रिस्टी को तौफीक व लोथार की तरफ जाते देख एक जगह रुक गया।

क्रिस्टी की पीठ ऐलेक्स की तरफ थी। ऐलेक्स गुस्से के कारण मन ही मन में अपने आप पर बड़बड़ाने लगा। उसकी बड़बड़ाहट सुनकर पास से जाती हुई लॉरेन, उसके पास आ गई। “आपने मुझसे कुछ कहा क्या ? मिस्टर....... !“
इतना कहकर लॉरेन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

“ऐलेक्स!......मुझे ऐलेक्स कहते हैं।“ ऐलेक्स ने एका एक घबरा कर कहा ।

“ऐलेक्स!..... गुड नेम!.... आप शायद रूस से हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा।

“जी हां ! मिस लॉरेन! आपने बिल्कुल सही कहा।“ ऐलेक्स ने एक नजर लॉरेन पर डालते हुए कहा- “मैं रुस से ही हूं।“

“वाह! आप तो मेरा नाम भी जानते हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की भूरी-भूरी आंखों में झांकते हुए कहा ।

“जी हाँ ! आपको मैंने जेनिथ के साथ डांस करते हुए देखा था।“ ऐलेक्स ने तुरंत क्रिस्टी व लॉरेन की मुलाकात का जिक्र गोल करते हुए कहा।

“वैसे आप काफी हैंडसम हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की तारीफ करते हुए कहा।

“आपके कहने से क्या होता है?“ ऐलेक्स ने उलझे-उलझे से स्वर में कहा- “जिसको समझना चाहिए, वह तो नहीं समझती।“

“क्या मतलब?“ इस बार लॉरेन ने ऐलेक्स की नजरों का पीछा करते हुए, क्रिस्टी पर नजर डाली।

“ओऽऽऽऽऽ मैं समझ गई।“ लॉरेन ने होंठों को गोल करते हुए, समझने वाले अंदाज में कहा-

“वैसे, उसका नाम क्रिस्टी है। .....मेरी दोस्त है...... आप कहें तो मैं उससे आपकी दोस्ती करवा सकती हूं।“ इस बार पहली बार ऐलेक्स ने गहरी निगाहों से लॉरेन को देखा और मुस्कुराते हुए कहा-

“क्या आप सचमुच उससे मेरी दोस्ती करवा सकती हैं?“

“क्यों नहीं ! यह तो मेरे बांए हाथ का खेल है। पर यह सब करने से मेरा क्या फायदा ?........ मतलब कि यह सब करने से मुझे क्या मिलेगा ?“ लॉरेन ने कहा।

“आपको ! ...... “ ऐलेक्स ने लॉरेन को आश्चर्य से देखते हुए कहा-

“आपको क्या चाहिए?“

“चलिए! ..... मेरी छोड़िए।“ लॉरेन ने एका एक टॉपिक चेंज करते हुए कहा-


“मैं आपकी दोस्ती तो क्रिस्टी से करवा सकती हूं, पर वह अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। इसलिए आपको थोड़ा सा नाटक करना पड़ेगा।“

“नाटक! ...... कैसा नाटक?“ ऐलेक्स ने ना समझने वाले भाव से कहा।

“कोई खास नहीं.......। बस आपको ये शो करना होगा कि आप मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“ठीक है। अगर बात सिर्फ इतनी सी है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।“ ऐलेक्स ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है। मैं उसे अभी बुलाती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने पलट कर क्रिस्टी को आवाज लगाई-

“क्रिस्टी ऽऽऽऽ“ क्रिस्टी जो कि तौफीक से बातें कर रही थी, अपना नाम किसी को पुकारते देख, उधर पलट गयी। लॉरेन को देखकर क्रिस्टी ने वहीं से हाथ हिलाया। तभी लॉरेन ने इशारे से क्रिस्टी को वहां बुलाया। क्रिस्टी , तौफीक व लोथार से इजाजत लेकर लॉरेन की तरफ आ गयी। तभी उसकी निगाह, लॉरेन के साथ खड़े ऐलेक्स पर पड़ी। ऐलेक्स को वहां देख वह आश्चर्य से भर उठी।

“हैलो ! कैसी हो ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी से हाथ मिलाते हुए कहा। क्रिस्टी ने जैसे लॉरेन की बात सुनी ही ना हो। उसकी निगाहें अभी भी लगातार ऐलेक्स पर थी।

“ओऽऽऽऽ सॉरी-सॉरी ! मैं तुम दोनों को तो मिलवाना ही भूल गई।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर इशारा करते हुए कहा-

“ये हैं..... मेरे पुराने ब्वायफ्रेंड- ऐलेक्स। जिनके बारे में मैं तुम्हें अक्सर बताया करती थी। जिनकी फोटो देखने के लिए तुम मुझसे जिद कर रही थी।“ क्रिस्टी ने आश्चर्य से ऐलेक्स को देखते हुए कहा-

“ये हैं वो ऽऽऽ!“

"जी हाँ ! यही हैं वो।“ लॉरेन के चेहरे पर एक खोखली मुस्कान उभरी। जिसे उसने तुरंत नियंत्रित किया।

ऐलेक्स भी लॉरेन की बात सुनकर आश्चर्य से भर उठा। क्यों कि लॉरेन ने उससे यह नहीं बोला था कि वह उसे ब्वायफ्रेंड बना कर, क्रिस्टी से मिलाने वाली है। पर अब कुछ नहीं हो सकता था। इसलिए ऐलेक्स ने भी क्रिस्टी की ओर अनमने भाव से हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा -

“हाय! ......“ क्रिस्टी ने भी धीरे से हाथ बढ़ाकर ऐलेक्स से हाथ मिलाया। परंतु उसके चेहरे पर भी आश्चर्य व उलझन के भाव थे।

“क्या हुआ? तुम्हें इनसे मिलकर खुशी नहीं हुई क्या ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी के उलझे हुए चेहरे को देख कर कहा-

“वैसे तो तुम मुझसे बहुत पूछा करती थी।“

“नहीं -नहीं ..... वो बात नहीं है।“ एका एक क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया और फिर धीरे से ऐलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया। जिसे कि वह अब भी कोई कीमती चीज समझ कर पकड़े हुए था।

“अच्छा, अब तुम लोग बातें करो। मैं अभी आती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने धीरे से ऐलेक्स को आँख मारकर क्रिस्टी की तरफ इशारा किया और वहां से उस दिशा की ओर बढ़ गई, जिधर उसने अभी-अभी तौफीक व जेनिथ को जाते हुए देखा था।


“आपने पहले बताया नहीं कि आप ही लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं।“ क्रिस्टी ने लॉरेन के जाते ही शंका भरे स्वर में ऐलेक्स से पूछा।

“मुझे भी कहां पता था ?“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी के पूछते ही एका एक बौखला कर कहा।

“क्या मतलब?“ क्रिस्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

“म ...म ... मेरा मतलब है कि मुझे ही कहां पता था कि आप लॉरेन की बेस्ट फ्रेंड हैं।“ ऐलेक्स ने पुनः घबरा कर अपनी बात को सुधारते हुए कहा।

“शायद हमें कहीं बैठकर बातें करनी चाहिए।“ क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“वो देखिए, उधर स्विमिंग पूल के पास की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। चलिए उधर ही चलते हैं।“ ऐलेक्स ने पास पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा करते हुए कहा। दोनों पूल के पास पहुंचकर खाली पड़ी दो कुर्सियों पर बैठ गये।

क्रिस्टी की निगाहें अभी भी, किसी एक्सरे मशीन की तरह, ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेने में लगी थी।
ऐलेक्स बार-बार, इधर-उधर देखने का बहाना बना कर, क्रिस्टी से नजरें चुराने की कोशिश कर रहा था।

“क्या बात है मिस्टर ऐलेक्स?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स के चेहरे पर नजरें गड़ाए- गड़ाए ही पूछा-

“आप कुछ परेशान दिख रहे हैं।“

“नहीं-नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर छलक आए पसीने को रुमाल से पोंछते हुए कहा-

“वो मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है।“

“क्या हुआ आपकी तबीयत को ? अभी कुछ देर पहले तो आप बिल्कुल सही थे।“ क्रिस्टी ने पुनः ऐलेक्स को टटोलते हुए कहा -

“अच्छा छोड़िये। आप यह बताइए कि आपकी लॉरेन से पहली मुलाकात कब और कहां हुई? आप उसे इतने पहले से जानते हैं, फिर भी आपने अभी तक उससे शादी क्यों नहीं की ? पहले आप उससे शिप पर क्यों नहीं मिलना चाहते थे? आपके शिप पर कौन से दुश्मन हैं? जिनकी वजह से आप लॉरेन से पहले बात भी नहीं करना चाहते थे। और फिर एकाएक आज सामने आकर आप मुझसे भी मिल लिए। आप जब लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं, तो इतने दिनों से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? वगैरह-वगैरह.....।“

क्रिस्टी ने एक साथ ऐलेक्स पर प्रश्नों की बौछार कर दी। ऐलेक्स इतने प्रश्नों को सुनकर अब पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी के प्रश्नों का क्या उत्तर दे? अगर वह सच बोलता है, तो इस बार क्रिस्टी का रिएक्शन क्या होगा ? और झूठ बोलने के लिए उसके पास जवाब ही नहीं हैं ।

वह कुछ देर सोचता रहा । पर जब उसे कुछ समझ में नहीं आया । तो वह धीरे से खड़ा होता हुआ बोला-

“माफ कीजिएगा मिस क्रिस्टी ! अचानक मेरी तबियत कुछ ज्यादा गड़बड़ लग रही है। मैं आपके प्रश्नों का उत्तर, फिर कभी दूंगा। अभी तो मुझे चलकर पहले दवा लेनी होगी।“ यह कहकर ऐलेक्स वहां से चलने लगा।

“एक्सक्यूज मी मिस्टर ऐलेक्स! क्रिस्टी ने ऐलेक्स को पीछे से टोकते हुए कहा-

“अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब हो, तो मैं आपको आपके रूम तक छोड़ दूं।“

“नहीं-नहीं । आप बिल्कुल परेशान मत होइए।“ ऐलेक्स ने लगभग जान छुड़ाते हुए, भागने वाले अंदाज में कहा- “मैं धीरे-धीरे चला जाऊंगा।“

“वैसे आपका रूम नंबर क्या है?“ क्रिस्टी ने पीछे से पुकारते हुए कहा-

“मैं आपसे फोन करके, आपकी तबियत पूछ लूंगी।“

“465“ ऐलेक्स ने एक बार पीछे मुड़कर जवाब दिया, और फिर इससे पहले कि क्रिस्टी और कुछ कह पाती, वह तेज-तेज__________ कदमों से चलता हुआ, उसकी आँखों से ओझल हो गया। क्रिस्टी, ऐलेक्स को जाते हुए, अंत तक देखती रही, और फिर उसके होठों पर एक रहस्यमई मुस्कान उभरी।





जारी रहेगा……....:writing:
Awesome update 👌🏻 surprise kar diya aapne to, kya shandaar story hai, maja aaraha hai padhkar👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
 
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# 8.
27 दिसम्बर 2001, गुरुवार, 20:20; “सुप्रीम”

जैक और जॉनी मुंह लटका कर, बियर बार में बैठकर शराब पी रहे थे। “जॉनी !“ जैक ने जॉनी को संबोधित करते हुए कहा।

“हाँ !“ जॉनी ने जैक की आवाज सुन हुंकारी भरी। और फिर व्हिस्की का गिलास होंठों से लगाकर, पीने में मशगूल हो गया।

“यार! हम लोगों ने सोचा था कि शिप पर खूब ऐश करेंगे।“ जैक ने काजू का एक टुकड़ा मुंह में डालते हुए निराशा भरे स्वर में कहा-


“पर यहां तो कहानी ही उल्टी हो गयी। उस कमीने कैप्टन ने तो, उस घटना के बाद से, हम पर नजर रखने के लिए, सिक्योरिटी के आदमी भी लगा दिए। अब तो हम लोग चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते।“

“क्यों.... नहीं कर स..क..ते।“ जॉनी ने लड़खड़ाती आवाज में कहा-

“वो सा ऽऽऽला ऽऽऽ कैप्टन हमा... रा ऽऽ क्या बिगा ऽऽड़ लेगाऽऽ और ये सिक्योरिटी वाले.... इनकी तो......।“ यह कहकर जॉनी खड़ा होने का प्रयास करने लगा पर तुरंत जैक ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वापस कुर्सी पर बैठा दिया।

“पागल हो गए हो क्या ?“ जैक ने गुस्से में जॉनी को फटकारते हुए कहा-

“अभी तक कम से कम, अपने कमरों से निकलकर, हम लोग घूम तो सकते हैं। पर तुम्हारी यह हरकत हम लोगों को इंटरपोल के हवाले करवा देगी।“

“पुलिस की भी.....।“ जॉनी ने एक गंदी गाली मुंह से निकालते हुए जवाब दिया-

“मैं किसी....से भी नहीं.... डरता ऽऽऽ। मैं जो ऽऽऽ भी चाऽऽहूं ....आज भी .....उसको हाऽऽसिल कर सकता ऽऽ हूं।“

“हासिल कर सकता हूं...।“ जैक ने जॉनी का मखौल उड़ाते हुए कहा-

“हुंह ...! बड़ा आया हासिल करने वाला । वो दिन याद है, जब जेनिथ के कमरे में तुम कैप्टन के सामने हाथ जोड़े, गिड़गिड़ा कर माफी मांग रहे थे। उस दिन क्यों नहीं हासिल कर लिया जेनि थ को। गए थे बड़े जोश के साथ, पर कैप्टन को देखकर सारी हवा क्यों निकल गई?“ जैक के व्यंग भरे शब्द सुनकर जॉ नी का चेहरा नशे और गुस्से के का रण ला ल हो गया ।

“अबे तू .... क्या ऽऽ समझता ऽऽ है, मैं उस दिन कैप्टन.... से डर गया ऽऽ था ऽऽ।“ जॉ नी ने कहा-

“मैं किसी के बाऽऽप से भी नहीं... डरता ऽऽ। और रही बात जेनिथ की .... तो उसे...तो मैं किसऽऽ करके ...दिखा ऽऽ सकता हूं।“

“अबे बैठ जा-बैठ जा।“ जैक ने जॉनी का मजाक उड़ाते हुए कहा-

“ये तू नहीं तेरी शराब बोल रही है। जब उतर जाएगी, तो तू अपने आप लाइन पर आ जाएगा।“

“अबे! तू मुझे शराऽऽबी समझताऽऽ है क्या ऽ?“ जॉनी ने किसी तरह खड़े होते हुए कहा-

“इतनी थोड़ी सी शरा ऽऽब...से मुझ पर कोऽऽई फर्क...नहीं पड़ने वाला ऽऽ। मैं आज भी...जो चाहूं, वो.... कर सकता ऽऽ हूं।“ जॉनी ने जैक को पकड़कर झकझोरते हुए कहा-

“समझ...गया ऽऽ ना ऽऽ मैं कु....छ भी कर...सकता ऽऽऽ हूं।“ जैक ने जॉनी को कुर्सी पर बैठाते हुए कहा-

“अबे वीरान जंगल की गिरी हुई इमारत। पहले ढंग से खड़ा हो ना तो सीख ले, फिर कुछ करने की सोचना।“

“तू मु...झ...से शर्त लगा ऽऽ ले।“ जॉनी ने जैक की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा- “मैं सबके...सा ऽमने... जेनिथ को... किस क..र..के दिखा ऽऽसकता ऽऽ हूं।“

“और अगर तू ऐसा न कर पाया तो....। “ जैक ने जॉनी का हाथ थामते हुए कहा।

“तो मैं तुम्हें ‘दस हजा ऽऽऽर डॉलर‘ दूंगा.....नहीं तो ऽऽ तुम... मुझे दे देना ऽ।“

“मंजूर।“ दोनों ने हाथ मिला कर एक शर्त की रूपरेखा तैयार कर ली। अगर उन्हें यह मालूम होता, कि उनकी यह छोटी सी शर्त, आगे जा कर कितना बड़ा हंगामा करेगी । तो शायद आज वह शर्त ना लगाते। हाथ मिलाने के बाद जॉनी धीरे से खड़ा होने लगा।

“अबे, शराब के गोदाम। कहां जा रहा है?“ जैक ने जॉनी को संबोधित करते हुए कहा।

“सोचता हूं....एक पैग और....पी लूं ...क्यों कि इ..तने में तो मेरा ऽ दिमा...ग ही नहीं चल रहा ऽऽ है।“ इतना कहकर जॉनी लड़खड़ाते कदमों से बार काउंटर की ओर बढ़ गया।

“लो , इतने से तो चला नहीं जा रहा है और अब एक पैग और लेंगे।“ जैक ने जॉनी पर कमेंट मारा। जैक की निगाहें अब हॉल में इधर-उधर घूम रहीं थीं। तब तक जॉनी एक पैग और लेकर लड़खड़ाते कदमों से अपनी टेबल पर पहुंच गया। वह जैक को इधर-उधर देखते हुए, देख कर बोला-

“इधर-उधर क्या देख रहे हो?“

“बाकी के तीन आदमी ढूंढ रहा हूं।“ जैक की निगाहें अभी भी आसपास घूम रही थी।

“कौ..न से ती..न आऽदमी ?“ जॉनी ने ना समझने वाले भाव से लड़खड़ाते हुए पूछा।

“अबे एक तो मैं हूं। पर बाकी के तीन और चाहिए ना, तुझे उठा कर ले चलने के लिए। क्यों कि एक और पैग पीने के बाद, तू कुर्सी पर तो बैठ नहीं पाएगा।“

“कुछ नहीं....होगा ऽऽ मु..झे। अ...भी इसके...बा ऽद तो मैं... दो, ती..न पैग ..और पी सक..ता हूं।“ जॉनी ने लगभग कुर्सी पर बिछते हुए कहा।

तभी हॉल में जेनिथ ने प्रवेश किया। उसकी निगाह पहले हॉल में इधर-उधर घूमी, उसके बाद जैक और जॉनी पर पड़ी। जेनिथ ने जैक और जॉनी को देखकर ऐसे मुंह बनाया, जैसे उसके मुंह में किसी ने कुनैन की गोली रख दी हो। फिर वह एक खाली टेबल पर जा कर बैठ गई। उसकी निगा हें दरवाजे पर थीं।

थोड़ी देर बाद हॉल में तौफीक ने भी प्रवेश किया। तौफीक, सफेद शर्ट और ब्लैक ट्राउजर पहने था। तौफीक ने भी इधर-उधर नजर दौड़ाई। उसकी निगाहें एक टेबल पर अकेले बैठी जेनिथ पर पड़ीं। तौफीक ने हाथ के इशारे से जेनिथ को वहीं रुकने को कहा और फिर वह बार काउंटर की ओर बढ़ गया। पर जैसे ही वह जॉनी की टेबल के पास से गुजरा। जॉनी ने हाथ बढ़ा कर तौफीक का हाथ पकड़ लिया और बोला-


“ऐ वे.ट.र मेरे लि..ए एक पैग और...ले..क..र आओ।“ तौफीक ने पहले एक नजर जॉनी पर डाली फिर उसके उस हाथ पर जो अब भी तौफीक का दाहिना हाथ पकड़े था।

“सु..ना ऽऽई नहीं दे..ता क्या ? जो अ..भी तक.. यहीं प..र खड़ा ऽऽ है?“ जॉनी ने पुनः मिचमिचाती आँखों से तौफीक को देखने की असफल कोशिश करते हुए कहा। इससे पहले कि और को ई कुछ समझ पाता, तौफीक का बांया हाथ बहुत तेजी से चला और ‘धड़ाक ऽऽऽ‘ की आवाज के साथ, जॉनी के चेहरे का पोस्टर बना गया। जॉनी कुर्सी समेत वहीं फर्श पर गिर पड़ा।

सभी कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जैक को कुछ भी समझने का मौका नहीं मिला। जॉनी के गिरने की आवाज सुनकर हर आदमी उधर देखने लगा। जेनिथ भी यह देखकर दौड़कर तौफीक के पास आ गई। उधर देख रहा हर आदमी वहां के हालात को समझने की कोशिश कर रहा था।

“ये आदमी तुम्हारे साथ है मिस्टर जैक।“ तौफीक ने इस बार सामने की कुर्सी पर बैठे जैक को संबोधित करते हुए कहा। जैक ने सहमति से सिर हिलाया।

“ये जब होश में आ जाए, तो इसे समझा देना कि इतना ना पिये कि आदमी ना पहचान पाये।“ यह कहकर तौफीक, जेनिथ का हाथ पकड़कर वहां से दूर हट गया।

तौफीक के जाते ही जैक झटके के साथ, अपनी कुर्सी से उठा और गिरे पड़े, बेहोश जॉनी को उठाने की कोशिश करने लगा। “अब तो लगता है, सचमुच ही 3 आदमी की और व्यवस्था करनी पड़ेगी।“ वह मन ही मन बुदबुदाया।

28 दि सम्बर 2001, शुक्रवार, 11:10;
इस समय और जैक और जॉनी दोनों ही अपने कमरे में बैठे थे। जॉनी की नाक पर मल्टी प्लाई का निशान बनाती हुई, 2 ‘बैंड-एड‘ लगी हुई थी। तौफीक के मुक्के से, जॉनी का गाल भी अंदर से कट गया था।

“अब आया समझ में।“ जैक ने जॉनी को समझाते हुए कहा-

“मैं तो पहले ही कह रहा था, कि कम पी। पर मेरी बात तब तुम्हारी समझ में नहीं आई थी। अब तो हो गई तसल्ली। पड़ गई दिल को ठंडक।“ जैक ने एक क्षण रुककर जॉनी के गुस्से भरे लाल चेहरे को देखा और फिर बोलना शुरू किया–

“और एक बात और ठीक से सुन ले। वो जो तौफीक है ना, वो जेनिथ का ब्वायफ्रेंड है। अब तक जेनिथ ने उसे पहली वाली घटना के बारे में भी बता दिया होगा। और तुमने उसका निशाना तो देखा ही है। अगर अंधेरे में भी गोली मारेगा तो सीधी तेरी खोपड़ी में ही लगेगी। इसलिए अब भूल जा जेनिथ को और चुपचाप मुझे दस हजार डॉलर दे दे।
क्यों कि अगर तू शर्त पूरी करने में लगा तो मुझे पूरा विश्वास है, कि तू फिर कभी जमीन नहीं देख पाएगा। और मुझे तेरी लाश भी समुद्र के हवाले करनी पड़ेगी। फिर तेरे बाद तेरे सारे रुपए भी मेरे हो जाएंगे। इसलिए ये ले बोतल और पूरी पीकर चुपचाप सो जा। क्यों कि अब ये शर्त पूरी करना, तेरे बस के बाहर की बात हो गयी है।“

यह कहकर जैक ने जॉनी की ओर बोतल बढ़ा दी। जॉनी कुछ देर तक शून्य में देखता रहा। फिर उसने बोतल उठा कर उसका ढक्कन खोला और मुंह से लगा कर गटा गट, नीट ही सारी शराब अपने हलक में उतार ली।

“बस! खत्म हो गई तेरी बकवास। तू क्या समझता है कि जॉनी अब बेकार हो गया। उसमें आऽज भी वही.. दि..माग और ताक..त है...जो पहले थी। इसलिए पीछे नहीं हटूंगा ऽऽ। शर्त तो ऽऽ मैं पूरी...करके ही रहूंगा। और बहुत...अच्छा ऽऽ हुआऽ जो ..तूने..मुझे.. यह...बताऽऽ दिया ऽऽ कि जेनिथ, तौफी...क की गर्लफ्रेंड है। अब...तो सा ऽऽऽले तौफीक से भी...तो... ब..दला लेना ऽ है।“ यह कहकर जॉनी खड़ा होने लगा, पर लहरा कर, वह ठिठक गया। जैक ने यह देखकर तुरंत जॉनी को सहारा दिया।

“अबे क्यों अपनी जान का दुश्मन बना हुआ है।“ जॉनी ने कहा- “कह रहा हूं ना, कि तुझसे नहीं होगा।“

“होगाऽऽऽ। जरूऽऽऽर होगा ऽऽ।“ यह कहकर जॉनी इस बार जोश के साथ खड़ा हो गया और फिर धीरे-धीरे कमरे के दरवाजे की ओर बढ़ा। इस बार जैक ने भी उसे नहीं रोका। जॉनी के कदमों में लड़खड़ाहट थी। लेकिन फिर भी वह दरवाजा खोल कर बाहर निकल गया। उसके बाहर निकलते ही जैक के चेहरे पर एक मुस्कुराहट उभरी-

“जा भाई जा। देखें तो आखिर कौन सी तरकीब लगा रहे हो तुम?“




जारी रहेगा...…….. :writing:
Jony ja to 2 peg mehi kaam tamaam ho jata hai bhai, baat tak to nahi ki ja rahi uase,:khallas:wo bas hawa ka bulbula lag raha hai, super episode again👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻✨✨✨✨
 
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# 9.
28 दिसम्बर 2001, शुक्रवार, 11:30;

जॉनी कमरे से लड़खड़ाता हुआ बाहर निकला, गैलरी में कुछ दूर तक, वह धीरे-धीरे लड़खड़ाता हुआ चला, पर गैलरी को पार करते ही, वह आश्चर्यजनक रूप से एकदम सही चलने लगा। अब ना तो उसके कदमों में लड़खड़ाहट थी और ना ही वह शराब पिए हुए दिखाई दे रहा था। अब उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट दिखाई दे रही थी।


“बेवकूफ है जैक। जो यह सोचता है कि जॉनी की ताकत और दिमाग खत्म हो गया है।“ जॉनी मन ही मन बुदबुदाया। गैलरी से निकलकर, धीरे-धीरे कदमों से चलते हुए, उसने डायनिंग हॉल में प्रवेश किया।

अब उसकी तिरछी निगाह, अपने पीछे आ रहे, एक सिक्योरिटी के आदमी पर थी। उसने एक बार पूरे हॉल में नजर दौड़ाई और फिर धीरे से टॉयलेट की ओर बढ़ गया।

सिक्योरिटी मैन, जॉनी को टॉयलेट में घुसते देख, इत्मीनान से वहीं खड़ा हो गया। उसे पता था कि टॉयलेट में दूसरी तरफ से कोई दरवाजा नहीं है। अंदर पहुंचकर जॉनी एक छोटे टॉयलेट में घुस गया। उसने सिक्योरिटी मैन को बाहर रुकते देख लिया था।

अंदर पहुंचकर, जॉनी ने सिटकनी अंदर से बंद कर ली। अब उसने तेजी से अपनी टी-शर्ट और पैंट को उतारकर, उसे उल्टा कर के दोबारा पहन लिया। दूसरी तरफ से कपड़ों का कलर चेंज था। उसने पैंट व जींस में रखे पर्स व अन्य जरुरी सामान को, अब पैंट की आगे वाली जेब में डाल लिया। जिससे सामान की जरूरत पड़ने पर पैंट उतारने की नौबत ना आ जाये।

जॉनी ने अब अपने सूखे बालों को पानी से भिगोया और जेब से कंघी निकाल कर तुरंत अपना हेयर स्टाइल चेंज कर लिया। फिर अपने नाक पर लगे ‘बैंड-एड‘ को हटाकर, जेब से काला चश्मा निकालकर, अपनी आंखों पर चढ़ा लिया। अब उसका गेटअप पूरी तरह चेंज हो गया था। एक नजर में उसे कोई नही पहचान पाता। अब जॉनी ने अपने आप को एक बार ध्यान से शीशे में देखा और पूर्ण रूप से संतुष्ट होते ही सिटकनी हटा कर दरवाजा खोल दिया।

अब वह टॉयलेट से निकलकर, लापरवाह कदमों से, गाना गाते हुए सिक्योरिटी मैन के बगल से होता हुआ बाहर निकल गया। बाहर निकल कर कुछ दूर चलने के बाद, जॉनी ने एक बार फिर सिक्योरिटी मैन पर नजर डाली। उसे अब भी अपने स्थान पर खड़ा देख, जॉनी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। अब वह धीरे-धीरे एक दिशा की ओर बढ़ गया। कई गैलरियों को पार करता हुआ, जॉनी वहां से सीधा शिप के रिकॉर्ड रूम में पहुंच गया।

‘रिकॉर्ड रूम‘ वह रूम होता है। जहां शिप में काम करने वाले छोटे-बड़े सभी लोगों का नाम व उनकी ड्यूटी का ब्यौरा रहता है। जॉनी, रिकॉर्ड रूम के रिसेप्शन पर जा कर रुक गया।

“मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं?“ रिसेप्शन के पीछे से एक लड़की ने निकलकर, जॉनी को संबो धित किया।

“मिस!.....“ इतना कहकर जॉनी ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।

“फ्रेजी ! मुझे फ्रेजी कहते हैं।“ फ्रेजी ने जॉनी का आशय समझ कर अपना नाम बताया ।

“मिस फ्रेजी ! मेरे एक दोस्त का भाई ‘सुप्रीम ‘ में ही, आपके इलेक्ट्रिक विभाग में काम करता है। मेरे दोस्त ने मुझे उससे मिलने को कहा था। पर मेरे पास से उसका कार्ड खो गया है। अब मुझे उसका नाम भी याद नहीं आ रहा। तो क्या आप रजिस्टर से देखकर, मुझे उसका नाम और रुम नं0 दे सकती हैं?“

“लेकिन मुझे क्या पता कि आपके दोस्त के भाई का क्या नाम है?“ फ्रेजी ने उलझे स्वर में कहा।

“आप मुझे बस अपने इलेक्ट्रिक रुम वाले वर्कर्स का रजिस्टर दिखा दीजिए। मैं उस में लगी फोटो से उसे पहचान लूंगा। क्यों कि मेरे दोस्त ने मुझे उसकी एक फोटो दिखाई थी ।


“ जॉनी ने निवेदन करने वाले अंदाज में कहा। “लेकिन बाहरी आदमी को रिकॉर्ड रूम का रजिस्टर नहीं दिखाया जाता।“ फ्रेजी ने जॉनी की ओर देखते हुए कहा।

“प्लीज मिस फ्रेजी !“ जॉनी ने पुनः अनुनय करते हुए, अपना दाहिना हाथ आगे कर दिया -

“बस 2 मिनट की ही तो बात है।“ फ्रेजी ने ना समझते हुए भी, अपना हाथ आगे बढ़ा कर जॉनी से मिला लिया। हाथ मिलाते ही उसे यह एहसास हुआ कि उसके और जॉनी के हाथ के बीच में कुछ है। और वह ची ज जो भी थी, उसे वह क्या सारी दुनिया खूब समझती है। वह चीज एक 100 डॉलर का नोट था, जिसे फ्रेजी ने तुरंत अपने वस्त्रों में छिपा लिया। अब उसका स्वर थोड़ा चेंज हो गया।

उसने पीछे से इलेक्ट्रिक रूम वाला रजिस्टर उठा कर उसे रिसेप्शन पर रख दिया। लेकिन इससे पहले कि जॉनी उस रजिस्टर को अपनी तरफ घुमा पाता, किसी ने रिकॉर्ड रूम में प्रवेश किया। उसे देखते ही फ्रेजी के चेहरे पर दहशत के भाव उभरे।

आने वाला शख्स ब्रैंडन था। लारा का दाहिना हाथ, उसका असिस्टेंट और सिक्योरिटी का सबसे खतरनाक स्तंभ। जॉनी ने आहट सुनते ही अपना हाथ रजिस्टर से तुरंत हटा लिया। फ्रेजी के चेहरे को देख वह समझ गया था कि आने वाला किसी ऑफिसर रैंक का है। चूंकि जॉनी की पीठ दरवाजे की तरफ थी। इसलिए ना तो वह आने वाले को देख पा रहा था और ना ही आने वाले ने उसका चेहरा देखा था। फ्रेजी को तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने चेहरे के भावों को सामान्य किया।

“मिस फ्रेजी !“ ब्रैंडन ने फ्रेजी को संबोधित करते हुए कहा-

“क्या यहाँ पर लारा सर आए थे?“ फ्रेजी ने तुरंत नकारात्मक अंदाज में सिर हिलाया और जवाब दिया -

“नहीं !“

“ठीक है! मैं चलता हूं पर जब वो आएं, तो उन्हें बता देना कि मैं उन्हें पूछ रहा था।“ ब्रैंडन ने फ्रेजी से कहा। यह सुनकर जॉनी और फ्रेजी दोनों ने ही राहत की सांस ली, कि अच्छा हुआ ब्रैंडन जल्दी में है, नहीं तो ना जाने कितने सवालों का जवाब देना पड़ता। पर वह मुसीबत ही क्या जो इतनी आसानी से टल जाए।

दरवाजे से निकलते-निकलते एका -एक ब्रैंडन ठिठका और मुड़कर जॉनी पर नजर डाली। अब वह दोबारा रिकार्ड रुम में आ गया। फ्रेजी के चेहरे के भाव तो सामान्य थे, पर उसका दिल अब जोरों से उछलने लगा था। उछलता भी क्यों ना ? आखिर उसने जॉनी से 100 डॉलर जो लिए थे। अगर जॉनी से सवाल-जवाब होते, और वह उसका नाम ले लेता तो उसकी तो नौकरी चली जानी थी। क्यों कि बाकी सारे अपराध तो माफ हो सकते हैं, पर रिकॉर्ड रूम की सीक्रेसी लीक करना तो बहुत बड़ा अपराध है। जिसे कैप्टन कभी माफ नहीं करता।

उधर जॉनी भी ब्रैंडन की आवाज पहचान चुका था। उसकी आंखों के आगे तुरंत जेनिथ के कमरे वाला सीन आ गया। जैक की कॉलर पकड़े, उसे कैलेंडर के समान टांगे हुए जल्लाद ब्रैंडन नजर आने लगा।

“कौन है ये?“ ब्रैंडन ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए फ्रेजी से पूछा “य... य..... ये मेरा दोस्त है।“ फ्रेजी ने एका एक घबराए स्वर में कहा-

“इसी शिप पर सफर कर रहा है। मुझसे मिलने आया है।“

“वो तो ठीक है पर........ ।“ कहते हुए ब्रैंडन थोड़ा और आगे आ गया

“पर क्या ?“ फ्रेजी के चेहरे पर अब आतंक के भाव साफ दिखाई देने लगे। जॉनी के भी दिल की धड़कन अब बहुत तेज हो गई थी। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था।

“ये तुम्हारा दोस्त है पर.........।“ ब्रैंडन ने एक बार पुनः अपने शब्द दोहराए-

“पर...... ये रिकार्ड रुम में काला चश्मा क्यों लगाए है? यहाँ तो धूप भी नहीं है।“ जॉनी व फ्रेजी दोनों की ही तुरंत जान में जान आ गई। वह समझ गए, कि वह गलत समझ रहे थे। ब्रैंडन सिर्फ काले चश्मे को देखकर रुका है।

“वो ... वो ..... सर! दरअसल इसकी आंखें कंजेक्टि-वाइटिस हो जाने के कारण, इस समय सूजी हुई हैं।“ फ्रेजी ने जॉनी के बोलने से पहले ही बात को संभाला-

“इसी वजह से ये रिकॉर्ड रूम में भी काला चश्मा पहने है।“

“ओ.के. फ्रेजी ! मैं अब चलता हूं। पर हाँ, ये याद रहे कि अपने दोस्तों से ड्यूटी टाइम में और रिकॉर्ड रूम में मत मिला करो।“ ब्रैंडन ने हंसकर फ्रेजी से कहा, और बाहर निकल गया। ब्रैंडन के जाते ही दोनों ने राहत की साँस ली।

“थैंक्स!...... थैंक्स मिस फ्रेजी।“ जॉनी ने आभार प्रकट करने वाले अंदाज में कहा-

“आपने सिचुएशन को बड़ी अच्छी तरह से हैंडल कर लिया। वरना मैं तो डर ही गया था।“ फ्रेजी ने उसे खा जाने वाली निगाहों से घूरा क्यों कि उसी के कारण आज उसकी इतनी शानदार नौकरी से उसे हाथ धोना पड़ता।

“आपको अब रजिस्टर में जो भी देखना है, उसे जल्दी से देखिए और यहां से जाइए।“ फ्रेजी का लहजा अब तीखा था। जॉनी ने हालात को भांपते हुए, तेजी से रजिस्टर अपनी ओर खींचा, और उसका पहला पृष्ठ खोल दिया। उस पृष्ठ पर एक व्यक्ति का नाम, उसकी फोटो, उसका पद और इस महीने उसकी ड्यूटी किस दिन कहां लगी है, इसका विवरण दिया हुआ था।

तुरंत जॉनी की निगाह, ड्यूटी वाले कॉलम पर केंद्रित हो गई। वह तेजी से पन्ने पलट रहा था। फ्रेजी की निगाहें बार-बार रिकॉर्ड रूम के दरवाजे की ओर उठ रही थी। तभी जॉनी, पन्ने पलटते-पलटते एक जगह रुक गया। उसकी निगाहें पन्ने पर लगी फोटो व उसके विवरण पर चिपक गयी।

“नाम- आर्थर, पद- इलेक्ट्रिक सर्विसमैन, ड्यूटी- 31 दिसंबर, नाइट शिफ्ट, जेनरेटर रूम।“ जॉनी को एक पन्ने पर रुकते देख, फ्रेजी ने भी उस पन्ने पर निगाह डाली।

जॉनी ने एक बार गहरी निगाहों से आर्थर की फोटो को देखा और रजिस्टर बंद कर के, थैंक्स बोलते हुए, उसे फ्रेजी की ओर बढ़ा दिया। फिर वह काउंटर से हटा और चुपचाप रिकॉर्ड रूम से बाहर निकल गया।

उसके बाहर निकलते ही फ्रेजी ने एक गहरी सांस ली और रजिस्टर को उठा कर, पीछे मुड़कर रैक में लगाने लगी। रजिस्टर को रैक में लगा कर, जैसे ही वह पलटी, उसकी साँस हलक में अटक गयी। क्यों कि ठीक उसके सामने खड़ा ब्रैंडन, जहरीले भाव से उसी को देख रहा था।

फ्रेजी के होंठ, जैसे उसके तालू से चिपक गए। वह भयभीत निगाहों से लगातार ब्रैंडन को देखने लगी।






जारी रहेगा…....... :writing:
Superb update again sir ji :claps: :claps: :claps::claps::claps::claps::claps: bolne ko sabt hi nahi bache, shandaar👌🏻👌🏻
 
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# 11.
चैपटर-4 31 दिसम्बर 2001, सोमवार, 20:00;

“दोस्तों ! आज एक खुशियों भरी रात है।“ सुयश ने माइक संभाल कर बोलना शुरू किया-

“अब से ठीक 4 घंटे के बाद हमारे लिए एक नए वर्ष की शुरुआत होगी। हमारा “सुप्रीम” भी एक नए वर्ष में कदम रख रहा है। आज हम धरती से हजारों किलोमीटर दूर, अनंत सागर में हैं। लेकिन मैंने अपने इस शिप पर किसी चीज की कमी नहीं होने दी है। मैं यह चाहता हूं, कि आज की रात, आप अपनी जिंदगी में एक नया अध्याय शुरू करें और आज की तारीख को अपने अनमोल जिंदगी का एक इतिहास बना दें। एक ऐसा इतिहास, जिस के पन्ने आप जब भी पलटें, तो आपको गर्व हो, आज के दिन पर और इस यादगार लम्हे पर। कल एक नई सुबह, एक नई ‘सुप्रीम’ हमारा इंतजार कर रही है। ‘सो लेट्स इंजॉय दिस नाइट‘।“

इतना कहकर सुयश स्टेज से उतर गया। सभी इस रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले रहे थे। तभी स्टेज पर, प्रोफेसर अलबर्ट डिसूजा चढ़ गए। उनके साथ सुयश भी था। स्टेज पर पहुंचकर, सुयश ने अलबर्ट को माइक की ओर आने का इशारा किया। अलबर्ट ने धीरे से माइक संभाल लिया। पुनः अब सभी का ध्यान स्टेज की ओर केंद्रित हो गया।

“दोस्तों ! कृपया ध्यान दें।“ अलबर्ट ने बोलना शुरू किया- “मेरा नाम अलबर्ट डिसूजा है। मैं एक अमेरिकन साइंटिस्ट हूं। मेरा सारा जीवन सिर्फ अविष्कार और खोज करने में ही चला गया। यहां तक कि मैं अपनी बीवी मारिया को आज तक कोई यादगार खुशी नहीं दे सका।“ सभी व्यक्ति बहुत ध्यान से अलबर्ट की बा त सुन रहे थे।

“मुझे इस बात का बहुत दुख है, कि मैं उसके लिए आज तक कुछ न कर सका। पर दोस्तों आज की रात को मैं भी, अपने जीवन में यादगार बनाना चाहता हूं। दरअसल बात यह है, कि आज हमारी 40वीं मैरिज एनिवर्सरी है। और मैं चाहता हूं कि इस खुशी के मौके पर, आप लोग भी हमारी खुशी में शामिल होइये। इसलिए आज की रात सभी को मेरी तरफ से शैम्पेन फ्री में बांटा जाएगा। तो दोस्तों मेरी इस यादगार एनिवर्सरी में सभी लोग मेरे साथ मिलकर खुशियां बांटेंगे।“

इतना कहकर अलबर्ट चुप हो गया। तभी एक व्यक्ति ने हाथ में शैंपेन की बोतल लाकर अलबर्ट को दे दिया। अलबर्ट ने उसे तेजी से ऊपर-नीचे हिलाया और फिर एक झटके से उसका कार्क खोल दिया और हवा में बोतल को उठा कर कहा –

“मेरी खूबसूरत और जीवन भर साथ देने वाली बीवी मारिया के नाम।“ चारों तरफ से तालियां बजने लगीं। मारिया की भी आंखों में आंसू आ गए। लेकिन यह आंसू खुशी के थे। अलबर्ट उसके बाद धीरे से स्टेज से उतरकर, मारिया के पास आकर खड़ा हो गया और मारिया का हाथ, अपने हाथ में इस तरह ले लिया, मानों अब वह उसे पूरी जिंदगी ना छोड़ने वाला हो।

तभी धीरे-धीरे सभी लोग आकर उन्हें कां ग्रेचुलेट करने लगे। इस भीड़ में माइकल, मारथा और शैफाली भी थे।

“इधर सभी लोग न्यू ईयर सेलिब्रेट कर रहे हैं, तो क्यों ना थोड़ी देर के लिए कहीं और चलें। आइये शिप के कंट्रोल रूम में चलें। जरा यहां भी तो देखें, यहां का चालक दल न्यू ईयर के बारे में क्या सोच रहा है?“

“यार रोजर!“ असलम जो कि रोजर का हमउम्र होने के कारण उसे नाम से संबोधित करता था, रोजर से मुखातिब होकर बोला - “आज न्यू ईयर की रात है। 12 बजे के बाद से न्यू ईयर शुरू हो जाएगा। बाहर हॉल में तो सभी सेलिब्रेट कर रहे हैं। पर हम क्या ऐसे सूखे-सूखे ही नया साल मनाएंगे।“

“क्या मतलब है तुम्हारा ?“ रोजर ने समझ कर भी, ना समझने वाले भाव से कहा। “अरे अगर आप आर्डर दें, तो थोड़ा गला हम लोग भी तर कर लें।“ असलम ने रोजर को मनाते हुए कहा।

“तुम्हारा मतलब है, कि ड्यूटी टाइम पर ड्रिंक।“ रोजर ने धीरे से अपने कानों को हाथ लगाते हुए कहा-

“ना बाबा ना। अगर कैप्टन को यह पता चल गया कि, हम लोगों ने ड्यूटी टाइम पर ड्रिंक किया था, तो वह हंगामा खड़ा कर देगा। और वैसे भी तुम्हें मालूम है कि वह नियम और कानून का कितना पक्का है। भाई मुझे तो यह रिस्क लेना मंजूर नहीं है।“ उनकी बातें सुन चालक दल के अन्य सदस्य भी उस ओर आ गए और उनकी बातें सुनने लगे।

“अरे यार! मैं थोड़े से की तो बात कर रहा हूं। कौन सा हमें पूरी बोतल पीनी है। एक-दो पैग से कैप्टेन को क्या पता चलेगा ?“ असलम ने रोजर को उकसाते हुए कहा- “और वैसे भी कैप्टन तो इस समय हॉल में है। उसकी निगाहें तो अपराधी को खोज रही हैं। वह भला इस समय यहां क्या करने आएगा ?“

असलम के शब्द सुनकर रोजर सोच में पड़ गया। असलम रोजर को सोचते देख, उसके मन की दशा भांपकर, एक चोट और की।

“अब मान भी जाओ यार। वैसे अगर तुम कहो, तो थोड़ी देर के लिए, कंट्रोल रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर देते हैं। अगर कोई आएगा भी, तो पहले दरवाजे पर नॉक करेगा। इतने में तो हम बोतलें छिपा लेंगे।“

इतना कहकर असलम फिर चुप हो गया और रोजर का चेहरा देखने लगा। तभी बाकी के चालक दल के लोग, जो अब तक उनकी बातें सुन रहे थे वह भी रोजर को मनाने में लग गए।

“अब मान भी जाइए रोजर सर, असलम सर बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। एक दो पैग में कोई नहीं जान पाएगा।“

“अच्छा ठीक है, अगर तुम सभी लोग इतना कह रहे हो, तो ठीक है पर कोई भी आदमी दो पैग से ज्यादा नहीं पियेगा।“ रोजर ने लगभग हथियार डालते हुए जवाब दिया।

“हुर्रेऽऽऽऽऽ!“ सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“श्श्श्श्श्श्!“ पर तुरंत ही असलम ने मुंह पर हाथ रखकर सबको चुप रहने का इशारा किया। फिर क्या था । आनन-फानन ड्रिंक की व्यवस्था हुई, और कंट्रोल रूम के दरवाजे को अंदर से लॉक कर लिया गया। ये जाम वर्ष 2002 के नाम। चियर्स .....।“ रोजर ने असलम के जाम से जाम टकराया और जोर का जयकारा लगाते हुए चियर्स किया।

“चलिए यहां भी नए साल की पार्टी आखिरकार हो ही गई। आइए अब वापस हॉल में चलते हैं। देखें तो वहां की पार्टी किस तरह परवान चढ़ रही है।“

हॉल में बहुत ही धूमधाम से पार्टी का आयोजन चल रहा था। सभी लोग अपने- अपने दोस्तों के साथ सेलिब्रेट कर रहे थे। वक्त भी “सुप्रीम” की मानिंद मंथर गति से चल रहा था।

इस समय रात के 11:30 बज रहे थे। 10 मिनट के बाद जेनिथ का डांस शुरू हो गया। हॉल की लाइट अब धीमी कर दी गई थी। जेनिथ अपनी सहेली लॉरेन के साथ स्टेज पर प्रकट हुई। स्वर लहरियां बज उठीं। धीमी गति से डांस शुरू हो गया। इस समय हॉल के हर कोने में लाउडस्पी कर लगे होने के कारण पूरे हॉल में मध्यम संगीत गूंज रहा था।

सभी की आंखें, जैसे इस यादगार लम्हे को कैमरे की मानिंद शूट कर रहीं थीं। सभी की निगाहें अपने-अपने लक्ष्य पर थीं। जैसे डांस करती हुई, जेनिथ की निगाहें रह-रह कर तौफीक की ओर जा रहीं थीं।

उसने सोच रखा था कि जैसे ही 12:00 बजे लाइट ऑफ होगी। उसे भागकर तौफीक के पास पहुंचना है। जेनिथ, तौफीक के साथ ही न्यू ईयर सेलिब्रेट करना चाहती थी। तौफीक की भी निगाहें स्टेज पर ही थीं। लॉरेन की निगाहें, अपने बॉयफ्रेंड पर थीं। सुयश पूरे हॉल में नजरें दौड़ा कर, अपराधी को ढूंढने की कोशिश कर रहा था। ऐलेक्स की नजरें क्रिस्टी पर और क्रिस्टी की नजरें लॉरेन पर थीं। लारा अपने सिक्योरिटी के इंतजाम को चेक करने में व्यस्त था। ब्रैंडन की नजर सिर्फ और सिर्फ जॉनी पर थी। अलबर्ट डिसूजा, मारिया के साथ व्यस्त थे। उनसे कुछ दूरी पर खड़े माइकल, मारथा व शैफाली भी अपने आप में व्यस्त थे।

उधर जॉनी ने जैक को पहले ही बता दिया था, कि लाइट ऑफ होते ही वह जेनिथ की ओर जाएगा और उसे किस करके दिखाएगा। जॉनी का यह सोचना था कि 1 मिनट के अंधेरे में वह जेनिथ को किस करके वापस आ जा एगा। इसलिए वह स्टेज के पास खड़ा था और उसकी निगाहें लगातार जेनिथ की ओर थीं।

जैक, जॉनी का यह कारनामा देखना चाहता था, इसलिए उसने अपनी जेब में अंधेरे में देख सकने वाला चश्मा डाल डाल रखा था। उसकी निगाहें, जॉनी पर व एक हाथ अपनी जेब में था। फिलहाल हर आदमी का लक्ष्य निश्चित था। पार्टी जोरों से चल रही थी। घड़ी की सुईयां भी टिक-टिक करती हुई अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहीं थीं।

और आखिरकार वह समय भी आ गया। जब घड़ी की तीनों सुइयां एकाकार होने के लिए मचल उठीं। “15....14.... 13....12.....11....“ उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी- “5.....4.....3.....2............1“ जैसे ही तीनों सुइयों ने एक-दूसरे को अपने आलिंगन में लिया। तुरंत पूरे हॉल की लाइट ऑफ हो गयी।

हर तरफ शोर शराबे का माहौल था। जॉनी लाइट के ऑफ होते ही स्टेज की ओर भागा। लेकिन उसे यह नहीं पता था, कि जेनिथ लाइट के ऑफ होते ही तौफीक की तरफ जा चुकी है। अंधेरा होते देख, जैक ने तुरंत आंखों पर चश्मा लगा लिया। चश्मा लगाते ही उसे जेनिथ स्टेज से गायब दिखी।

उधर जॉनी भाग कर, लॉरेन को जेनिथ समझ, उसके पास पहुंच गया। यह देख के जैक के मुंह से एक ही शब्द निकला-

“अब तू मरा जॉनी ।“

इस भारी शोर-शराबे के बीच, एक शख्स ऐसा भी था, जिसे इस अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ना था, और वह थी केवल शैफाली। सुयश की निगाहें, अपनी रेडियम युक्त घड़ी की सुईयों पर थी। 10 सेकेंड्स के बाद उसके चेहरे पर बेचैनी साफ झलकने लगी। ना जाने क्यों उसे ऐसा लगने लगा कि 30 सेकेंड्स के लिए, लाइट ऑफ की छूट देकर उसने गलती कर दी।

तभी पूरे हॉल में एक फॅायर की आवाज गूंजी- “धां यऽऽऽऽऽऽ।“ और इसी के साथ, एक चीख की आवाज सुनाई दी।

सुयश सहित सभी सिक्योरिटी के आदमी तुरंत हरकत में आ गए। हर तरफ से अब तेज शोर सुनाई दे रहा था। एका एक पूरे हॉल में सनसनी का माहौल हो गया।

“लाइट-जलाओ! लाइट-जलाओ!“ कई जगह से आवाजें उभरीं । तभी लाइट आ गई। सुयश भागकर स्टेज पर पहुंच गया। वहां पहुंचकर वह हक्का-बक्का रह गया ।

क्यों कि स्टेज पर लॉरेन की लाश पड़ी थी। उसके माथे के बीच में गोली लगी थी। लाश का चेहरा गोली लगने के कारण विकृत हो गया था। जॉनी, स्टेज पर, लॉरेन की लाश के बगल में खड़ा, थर-थर कांप रहा था। उसकी नजरें कभी लॉरेन की लाश पर, तो कभी उसे घूरते सुयश पर पड़ रही थी। सुयश ने अपनी सिक्योरिटी के द्वारा हॉल के सभी दरवाजे बंद करवादिए। अब हॉल में पिन ड्रॅाप साइलेंट था। उधर जेनिथ जो अभी तक रास्ते में थी, भागकर तौफीक के पास पहुंच गयी।

“सभी लोग कृपया ध्यान दें।“ सुयश ने माइक संभालते हुए सभी को संबोधित करते हुए कहा-

“देखिए जैसा की आप सभी देख रहे हैं, कि यहां पर एक मर्डर हो गया है। इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं, कि कृपया थोड़ा सा हमें सहयोग दें। जिसने भी हत्या की है, वह अभी यहीं पर होगा। इसलिए जो जहां पर है। कृपया वहीं पर खड़ा रहे।“

यह कहकर सुयश ने सभी सिक्योरिटी के आदमियों को अपने पास बुला कर, सभी की तलाशी लेने की बात की। सबसे पहले तलाशी जॉनी की ली जाती है। जॉनी का चेहरा डर के कारण बिल्कुल सफेद पड़ चुका था। उसकी तलाशी में कोई हथियार बरामद नहीं हुआ।




जारी रहेगा..........
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# 12.

“हाँ तो मिस्टर जॉनी !“ सुयश ने जॉनी के सीने पर, अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से, चोट करते हुए कहा-

“सबसे पहले आप ये बताइए कि आप स्टेज पर लाश के बगल में क्या कर रहे हैं। और देखिए अगर मुझे लगा कि आप झूठ बोल रहे हैं, तो समझ लीजिए अब आपकी खैर नहीं।“

जॉनी समझ गया, कि यदि उसने अब झूठ बोला, तो वह और भी फंस जाएगा। इसलिए उसने टेपरिकार्डर की तरह ऑन हो कर सब कुछ सही-सही बता दिया। कहानी वही थी, जिसके बारे में सुयश को पहले से ही पता था। बस नहीं पता था, तो यह कि जॉनी किसे ‘किस‘ करना चाहता था। लेकिन अब जेनिथ का नाम उसके सामने था।

“तो तुम्हारा यह कहना है, कि तुम एक छोटी सी शर्त पूरी करने के लिए, यहां आए थे।“ सुयश ने जॉनी के चेहरे पर अपनी नजरें, एक्स-रे मशीन की तरह, गड़ाते हुए कहा।

जॉनी ने अपना सिर किसी हैंडपंप की तरीके से ऊपर-नीचे किया। चूंकि जॉनी की तलाशी में उनके हाथ कुछ नहीं लगा। इसलिए सुयश ने फिलहाल जॉनी को छोड़ इधर-उधर नजरें दौड़ाना शुरू कर दिया। अब सुयश की निगाहें जेनिथ पर थीं।

“मिस जेनिथ!“ सुयश ने जेनिथ को देखते हुए कहा- “आपको तो इस समय स्टेज पर होना चाहिए था। आप वहां कैसे पहुंच गयीं। सुयश की आवाज सुन, जेनिथ धीरे-धीरे चलती हुई स्टेज तक आ गई। एक बार उसकी नजरें लॉरेन की लाश पर पड़ी। लाश का चेहरा अब बड़ा डरावना लग रहा था।

लॉरेन की लाश देखकर, जेनिथ की आंखें भर आयीं। जेनिथ ने भी सुयश को तौफीक के पास पहुंचने तक की स्टोरी बतादी। तभी ब्रैंडन की नजर कालीन पर पड़े एक रिवाल्वर पर पड़ी-

“सर वह देखिए, वहां एक रिवाल्वर पड़ी है।“ सुयश सहित सभी का ध्यान उस रिवाल्वर की ओर चला गया। सुयश धीरे-धीरे चलता हुआ, उस रिवाल्वर तक पहुंचा और फिर जेब से रूमाल निकालकर, उस रिवाल्वर को रुमाल से पकड़कर हाथ में उठा लिया।

“इस रिवाल्वर की नाल गरम है।“ सुयश ने ऊंची आवाज में बोलते हुए कहा-

“इसका मतलब मर्डर इसी से हुआ है। यानी कि हथियार तो मिल गया। अब हमें तलाशी लेने की कोई जरूरत नहीं है।“

“कैप्टेन!“ लारा ने आगे आते हुए कहा- “हमें इस रिवाल्वर से फिंगरप्रिंट उठा लेने चाहिए। उससे अपराधी का पता चल सकता है।“

“मुझे नहीं लगता कि फिंगरप्रिंट उठाने से कोई फायदा होगा।“ सुयश ने रिवाल्वर को ध्यान से देखते हुए कहा।

“क्या मतलब?“ लारा ने हैरानी से सुयश को देखकर बोला।

“मतलब यह, कि मर्डर प्रीप्लान है।“ सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा-

“और वैसी स्थिति में जबकि ये रिवाल्वर यहां पड़ा हुआ मिला है, तो मेरा दावा है, कि इस पर किसी प्रकार का कोई फिंगरप्रिंट नहीं होगा। यह तो मैंने वैसे ही सावधानी वश इसे रुमाल से उठाया था।“ लारा ने समझने वाले भाव से सिर हिलाया।

“फिर भी हमें एक बार, इस रिवाल्वर से फिंगरप्रिंट उठाने की कोशिश करनी होगी। क्या पता कोई सुराग मिल ही जाए?“ सुयश ने धीरे से खड़े होते हुए कहा। सुयश ने अब रिवाल्वर को फिर एक बार ध्यान से देखा। रिवाल्वर पर अमेरिकन कंपनी ‘कोल्ट‘ का लोगो लगा था। सुयश ने एक झटके से उसे खोल दिया। वह एक सिक्स राऊन्डर, लेटेस्ट रिवाल्वर थी। जिसमें 0.22 एम.एम. की गोलियां लगती थीं। रिवाल्वर के चेम्बर में 5 गोलियां अभी भी भरी थीं। जब रिवाल्वर से और कोई भी क्लू नहीं मिला तो सुयश ने रुमाल सहित वह रिवाल्वर लारा की ओर बढ़ाते हुए कहा-

“फिलहाल इसे लैब में भेज कर टेस्ट करवाइये। शायद कुछ हाथ लग ही जाए।“

“सर एक तरीका और है।“ लारा ने पुनः जोश में आकर सुयश से मुखातिब होकर कहा-
“कातिल को पकड़ने का। क्यों ना हम सबका पैरा फिन टेस्ट कर लें।“ सुयश ने ना समझने वाले भाव से लारा की ओर देखा।

“सर! पैराफिन टेस्ट यह जानने के लिए किया जाता है, कि किसने फायर आर्म चलाया है। जब गोली चलती है, तो उससे छिटकने वाले बारूद के कण, गोली चलाने वाले के हाथ पर भी आ जाते हैं। जो कि खाल में इस कदर पैवस्त हो जाते हैं, कि एक बार तो हाथ धोने से भी साफ नहीं होते। ऐसे हाथ को लिक्विड पैराफिन में डुबाया जाता है। पैराफिन सूख जाने पर, हाथ पर एक झिल्ली जैसी पतली पर्त बना देता है। जिसे हाथ पर से उतार लिया जाता है। इस तरह से खाल में जमे बारूद के सूक्ष्म कण, खाल से निकलकर पैराफिन में आ जाते हैं। बाद में पैराफिन से बनी उस झिल्ली को लैबोरेटरी में चेक किया जाता है। अगर उसमें बारुद के कण मिलते हैं, तो इसका मतलब जिसके भी हाथ का एग्जामिन किया गया है। उसने कोई फायर आर्म चलाया था। और विशेष बात है कि पैराफिन हमारी लैब में आसानी से मिल जाएगा।“

इतना कहकर लारा, कुछ क्षणों के लिए रुक कर, सुयश का चेहरा देखने लगा। सुयश, जो इतनी देर से लारा की सारी बातें ध्यान से सुन रहा था, उसने एक लंबी सांस छोड़ी और फिर बोल उठा-

“तुम्हारी बतायी ये पैराफिन टेस्ट वाली थ्योरी तो बहुत अच्छी है। लेकिन अगर किसी का पैराफिन टेस्ट पॉजिटिव रहा, तो यह कैसे पता चलेगा कि उसने फायर आर्म अभी हैंडल किया है या फिर चार-पांच घंटे पहले। क्यों कि यहां तो अक्सर निशानेबाजी के लिए लोग फायर आर्म हैंडल करते रहते हैं। और तुम्हारा यह कहना है, कि एक बार साबुन से हाथ धोने पर भी यह बारूद के कण हाथ से नहीं जाते हैं। फिर इससे समय का ठीक-ठीक अंदाजा कैसे लगेगा कि यह l रिवाल्वर कब चलाई गई थी।“

लारा के पास सुयश के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। अतः वह निरुत्तर हो चुप हो गया।

“और हां ! एक चीज और है।“ सुयश ने थोड़ा रुक कर फिर बोलना शुरु किया-

“जिसने भी रिवाल्वर का इस्तेमाल किया है। उसने गोली चलाकर रिवाल्वर को फेंक दिया है। जिसका सीधा सा मतलब निकलता है, कि रिवॉल्वर पर फिंगरप्रिंट नहीं होंगे और अगर रिवाल्वर पर फिंगरप्रिंट नहीं होंगे तो एक बात तो साफ है, कि रिवाल्वर चलाने वाले ने या तो रबड़ के दस्ताने पहने होंगे, या फिर रिवॉल्वर को रुमाल से पकड़ रखा होगा। और दोनों ही स्थितियों में पैराफिन रिपोर्ट में कुछ नहीं आने वाला। क्यों कि अगर हमारा सोचना सही है, तो बारूद के कण, रबड़ के दस्ताने पर या रुमाल पर गिर होंगे।“

लारा सहित स्टेज पर खड़े सभी लोग मंत्रमुग्ध से सुयश के तथ्यों को सुन रहे थे।

“लारा !“ सुयश कुछ देर सोचते रहने के बाद, लारा से मुखातिब होकर धीरे से बोला-

“सभी की तलाशी लो और अगर किसी के पास रबड़ के दस्ताने हों, तो वह अपने कब्जे में कर लो। और हाल में खड़े सभी लोगों के रुमाल पर उनका नाम लिखकर, उसे जमा करवा लो और उसके बाद सभी को जाने दो।“

सुयश ने बाद के सारे शब्द लारा से धीमे शब्दों में कहे, जिससे कि उसकी बातें सुनकर अपराधी पहले ही अपना रुमाल निकाल कर बाहर ना फेंक दे। लारा ने अपनी सिक्योरिटी के सारे लोगों को तलाशी में लगा दिया। बाहर निकलने वाले 2 दरवाजे खोल दिए गए। लेडीज और जेंट्स सिक्योरिटी वाले, अलग-अलग अपने काम को अंजाम देने लगे। कुछ देर बाद हॉल बिल्कुल खाली हो गया। जैसा कि सुयश ने सोचा था। वैसा ही हुआ, किसी के भी पास से रबड़ के दस्ताने नहीं मिले। अब पूरे हॉल में लारा, ब्रैंडन और सुयश के सिवा कोई नहीं था। क्यों कि सिक्योरिटी के आदमियों को भी सुयश ने जाने के लिए कह दिया था।

“सर!“ ब्रैंडेन ने सुयश की तरफ देखते हुए कहा-
“आपने रुमाल की भी तलाशी ली। यह भी तो हो सकता है, कि अपराधी ने तलाशी के पहले ही अपना रुमाल कहीं फेंक दिया हो।“

“होने को तो कुछ भी हो सकता है।“ सुयश ने ब्रैंडन की ओर देखते हुए कहा- “लेकिन अपराधी इतना बेवकूफ नहीं हो सकता कि इतनी भीड़ में अपना रुमाल निकाल कर फेंके। क्यों कि अगर ऐसा करते हुए किसी की भी नजर उस पर पड़ जाती तो वह समय से पहले ही फंस जाता।“ ब्रैंडन ने सुयश की बातें सुन, अपना सिर सहमति से हिलाया।

“सर, मुझे एक बात समझ में नहीं आई।“ लारा ने उलझन भरे स्वर में कहा।

“क्या ?“ सुयश ने लारा से पूछा।

“जिसने भी गोली चलाई है। उसने अंधेरे में गोली चलाई है। तो इसका मतलब कि वह बहुत बड़ा निशानेबाज है। क्यों कि अंधेरे में किसी पर गोली चलाकर, उसे मारना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन समझ में मुझे यह नहीं आया, कि गोली तो लाइट ऑफ होने के लगभग 20 सेकंड के बाद चली है, तो फिर कातिल को इतना सटीक अंदाजा कैसे हो गया ? कि लॉरेन इस समय वहीं खड़ी है क्यों कि लाइट ऑफ होने से पहले और लाइट ऑफ होने के बाद, लगभग हर आदमी की स्थिति में परिवर्तन हुआ था।“

“क्या मतलब?“ सुयश ने प्रश्न भरी निगाहें लारा पर डाली- “मैं कुछ समझा नहीं ?“

“मतलब साफ है सर या तो गोली किसी और के लिए चलाई गई थी और वह गलती से लॉरेन को लग गई या फिर कोई ऐसी चीज जिससे कि उसको लॉरेन की सही स्थिति का पता चल रहा था।“ लारा ने सुयश को समझाते हुए कहा। इस बार सुयश की आंखों में चमक सी आ गई। वह धीरे-धीरे चलता हुआ पुनः लॉरेन की लाश के पास पहुंच गया और उसे गौर से देखने लगा। कुछ देर देखते रहने के बाद सुयश की निगाह, लॉरेन की लाश के गले में पड़े लॉकेट पर थी। कुछ देर तक वह ध्यान से लॉकेट को देखता रहा। फिर उसने धीरे से आगे बढ़कर लॉकेट को, लॉरेन के गले से निकाल लिया। अब वह लॉकेट को लेकर हॉल के एक कोने में पहुंचा और वहां पर लगे लाइट के बटनों को एक-एक करके ऑफ कर दिया।

एक क्षण के लिए पुनः पूरे हॉल में अंधेरा हो गया। लेकिन उस अंधेरी जगह में भी, वह लॉकेट तेजी से चमक रहा था और अब उसके साथ चमकने लगी थीं, सुयश की आंखें भी। सुयश ने पुनः पूरे हॉल की लाइट को ऑन कर दिया और पलट कर वापस ब्रैंडन और लारा के पास पहुंच गया।






जारी रहेगा.......✍️
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# 13.

“ये था तुम्हारे सवाल का जवाब।“ सुयश ने लारा के सामने लॉकेट को लहराते हुए कहा-
“इस लॉकेट में रेडियम लगा हुआ है, जिसकी वजह से कातिल ने अंधेरे में भी इतना सटीक निशाना लगा लिया। और इससे एक बात यह भी साफ हो गई, कि कातिल का निशाना कोई और नहीं लॉरेन ही थी।“

“लेकिन इससे एक बात और समझ में आयी सर।“ ब्रैंडेन ने लॉकेट को देखते हुए कहा-

“कि कातिल लॉरेन से अच्छी तरह परिचित था और हो ना हो यह लॉकेट भी उसी ने लॉरेन को गिफ्ट किया होगा। क्यों कि लॉरेन किसी अंजान से लिया गया लॉकेट अपने गले में भला क्यों डालेगी “

“अब इसके बारे में तो हमें जेनिथ ही बता सकती है।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि वह लॉरेन की रुम पार्टनर थी।“

सुयश यह कहकर पुनः ध्यान से उस लॉकेट को देखने लगा कि शायद उसे, उसमें कोई और क्लू मिल जाए । लेकिन रेडियम पॉलिश के अलावा उस लॉकेट में और कुछ भी खास नहीं था। काफी देर तक देखने के बाद, सुयश ने उसे अपनी जेब में डाल लिया।

“लारा, अब तुम जरा 3-4 आदमी बुलवालो। जो इस लाश को कोल्ड स्टोर रूम में रख सकें। अगले स्टापेज पर सोचेंगे कि इसका क्या करना है?“ सुयश ने कहा।

लारा ने तुरंत फोन करके चार आदमी बुलवा लिए। वह सभी लॉरेन की लाश को, एक बड़ी सी पॉलीथिन में पैक करने लगे। लॉरेन की लाश को पैक हो जाने के बाद, सुयश ने लारा को लाश ले जाने का इशारा किया। हॉल से निकलते हुए लारा ने ब्रैंडन को भी साथ आने का इशारा किया। सबके जाने के बाद सुयश ने भी पहले एक नजर स्टेज की ओर दौड़ाई और फिर सिर को झटक कर थके कदमों से अपने केबिन की ओर चल दिया।

1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:00;
सुयश इस समय अपने केबिन में था। रात के लगभग 2:00 बज रहे थे। लेकिन सुप्रीम पर मर्डर हो जाने के कारण, किसी की भी आंख में नींद का नामो निशान नहीं था। सुयश के सामने, वह सभी सिक्योरिटी के आदमी लाइन से खड़े थे, जिन्हें लारा ने, निशानेबाजी के सभी 28 प्रतियोगियों के रूम चेक करने के लिए भेजा था।

“क्या अब सभी लोग यहां पर आ चुके हैं?“ सुयश ने लारा से पूछा- “या फिर अभी कोई आना बाकी है?“

“यस सर!“ लारा ने तसल्ली से सभी को देखते हुए जवाब दिया- “अब कोई भी आना बाकी नहीं है।“

“हां ! तो अब आप लोग बताइए।“ सुयश ने इस बार सभी को देखते हुए पूछा- “क्या किसी को तलाशी में कोई गड़बड़ चीज दिखाई दी ? ये ध्यान रहे कि छोटी से छोटी चीज भी, अगर तुम्हें विचित्र लगी हो, तो उसके भी बारे में बता देना।“

“नहीं !“ सभी का समवेत स्वर गूंजा- “हमें तलाशी में कोई भी ऐसी चीज नहीं दिखी, जिससे हमें किसी पर शक हो।“

“1 मिनट कैप्टन!“ सिक्योरिटी के एक आदमी ने लाइन से बाहर निकलते हुए सुयश से कहा-

“मुझे जैक का रुम चेक करने के लिए भेजा गया था। मैं उसका रूम चेक कर रहा था लेकिन अभी मैं आधा रूम ही चेक कर पाया था कि तभी मुझे बगल वाले रूम से कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दीं । मुझे मालूम था कि इस समय सारे यात्री हॉल में है। इसलिए मैं उन अजीब सी आवाजों को सुनकर आश्चर्य में पड़ गया। मैंने कान लगा कर, दूसरे रूम से आती हुई आवाजों को सुनने की कोशिश की। पर मैं यह नहीं समझ पाया की ये आवाजें कैसी हैं?“

“कैसी आवाजें थीं वह?“ सुयश ने लगभग आतुर स्वर में पूछा।

“ठीक से तो नहीं कह सकता सर, पर वो आवाजें ऐसी लग रही थीं, जैसे कोई किसी चीज को खुरच रहा हो।“ सिक्योरिटी मैन ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।

“तुरंत मेरे साथ चलो।“ सुयश ने बाहर निकलते हुए कहा। अब उसकी आंखों में ठीक वैसी ही चमक थी, जैसी एक इनामी अपराधी को पकड़ते समय इंस्पेक्टर के चेहरे पर होती है। लारा , ब्रैंडन सहित सभी लोग तेजी से सुयश के पीछे-पीछे बाहर निकल गए।

1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:30;

“मॉम-डैड, अब मेरा अगला सवाल सुनिये।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।

“अरे बेटा ! अब सो जाओ, रात के 2:30 बज रहे हैं।“ माइकल ने प्यार से शैफाली को समझाते हुए कहा।

“बस डैड! ये अंतिम प्रश्न है। उसके बाद और नहीं पूछूंगी।“ और फिर शैफाली ने बिना उनकी हां इंतजार किए, अपने सवाल का गोला दाग दिया –


“एक मेज पर, एक प्लेट में, तीन अंडे रखे हैं, जबकि खाने वाले चार हैं। बताइए वह इसे कैसे खायेंगे? जबकि शर्त यह है, कि अंडों को काटना नहीं है। और सभी को एक-एक खाना है।“

“यह कैसे संभव है?“ मारथा ने अपना सिर खुजाते हुए, माइकल की ओर देखते हुए कहा-
“अंडे तीन हैं और खाने वाले चार हैं। फिर वह पूरा-पूरा कैसे खा पाएंगे।“ माइकल ने भी ना समझ में आने वाले अंदाज में सिर हिला दिया।

“यह संभव है। अगर आप लोग अपनी हार मानें और मेरे लिए चॉकलेट का पैकेट व ब्रूनो के लिए बिस्किट लाने का वादा करें। तो मैं इसका उत्तर आपको बता सकती हूं।“ शैफाली ने दोनों को अपने गले से लगाते हुए, शरारत भरे स्वर में कहा। माइकल ने पहले मारथा को देखा और फिर हारे हुए स्वर में कहा-


“अच्छा मेरी माँ ! चॉकलेट लाना तो मंजूर। पर ब्रूनो का फेवरेट बिस्किट तो जितना स्टॉक में है। अभी उसी से काम चलाना पड़ेगा। क्यों कि वह इस शिप पर नहीं मिलता .......अब तो उत्तर बता दो।“

“मैं यह कहां कह रही हूं, कि अंडे 3 हैं, अंडे तो चार हैं।“ शैफाली ने अपनी नीली-नीली आंखें, गोल-गोल नचाते हुए कहा-


“एक मेज पर है और बाकी के तीन प्लेट में। तो फिर आप ही बताइए चारों लोग एक-एक अंडा खा सकते हैं या नहीं।“ माइकल ने शैफाली के प्रश्न को एक बार फिर अपने दिमाग में दोहराया और शैफाली का आशय समझ उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। मारथा भी अब मुस्कुराने लगी थी।

“अच्छा ! अब तो सो जाओ। अब तो तुम्हारे सारे प्रश्न कम्प्लीट हो गए।“ माइकल ने प्यार से शैफाली के गालों पर थपकी देते हुए कहा।

लेकिन इससे पहले कि माइकल, शैफाली को और कुछ कह पाता। बाहर लगी डोर बेल, मधुर संगीत बिखेरती हुई बज उठी।

“यह इतनी रात गए, दरवाजे पर कौन हो सकता है?“ माइकल के चेहरे पर असमंजस के भाव आ गये। माइकल ने तुरंत शैफाली को, ब्रूनो को अंदर ले जाने के लिए कहा।

“कौन?“ माइकल ने दरवाजे के पास पहुंचकर तेज आवाज में पूछा।

“सिक्योरिटी मैन!......हमें आपसे कुछ काम है? दरवाजा खोलिए।“

बाहर से आवाज आई। माइकल ने धीरे से एक नजर पीछे मारने के बाद, आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया। बाहर सुयश, ब्रैंडन व लारा सहित, कई सिक्योरिटी के आदमी खड़े नजर आये। दरवाजा खोलते ही सभी तेजी से अंदर आ गए।

“क्या बात है कैप्टन? आप इतनी रात गए। हमारे केबिन में क्या करने आए हैं?“ माइकल के चेहरे पर, अभी तक सोच के भाव थे। सुयश भी माइकल को देख हैरान हो गया।

“यह आपका कमरा है मिस्टर माइकल? सुयश ने आश्चर्य से कहा। उधर ब्रैंडन, सुयश को इस तरह बात करते देख, यह जान गया था, कि सुयश, माइकल से पहले से ही परिचित है।

“क्या बात है कैप्टन कोई परेशानी है? माइकल ने अपने शब्दों को दोबारा से दोहराया-“इतनी रात गए, आप हमारे रूम का दरवाजा क्यों नॉक कर रहे हैं?“

“सॉरी, मिस्टर माइकल, एक्चुली हमारे सिक्योरिटी के कुछ आदमि यों को, आपके रूम से, कुछ अजीब सी आवाज आती हुई सुनाई दी थीं। जिसकी वजह से उन्हें कुछ कनफ्यूजन हो गया था। इसलिए हम सभी आपके कमरे तक आए थे।“ सुयश ने अपनी बात क्लीयर करते हुए कहा।

“कैसी आवाजें?“ माइकल ने पूछा।

“ऐसा लग रहा था जैसे को ई कुछ खुरच रहा हो।“ अपनी बात कहते-कहते अचानक सुयश को कुछ याद आया-
"ब्रूनो कहां है मिस्टर माइकल?“ तभी शैफाली दूसरे रूम से, ब्रूनो को लिए हुए, उस कमरे में दाखिल हुई-
“यह रहा ब्रूनो, कैप्टेन अंकल। यह दूसरे कमरे में मेरे साथ था।“

“अब मैं समझ गया।“ सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा- “शायद मेरे सिक्योरिटी वाले लोगों को ब्रूनो की ही आवाज सुनाई दी होगी।“

“हो सकता है।“ माइकल ने जवाब दिया - “क्यों कि हममें से जब कोई भी ब्रूनो के साथ नहीं रहता है, तो वह अकेला कभी-कभी दरवाजे पर खरोंच मारता है। हो सकता है, वही आवाज सिक्योरिटी के लोगों ने सुनी हो और आपको जा कर बता दी हो।“ बैंडन, आश्चर्य से ब्रूनो को देख रहा था।

“सॉरी मिस्टर माइकल ! इतनी रात में आपको डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी।“ सुयश ने माइकल से माफी मांगते हुए कहा-

“मैं चलता हूं। आप ब्रूनो को कमरे में ही रखिएगा। नहीं तो बाकी के यात्री इसे देखकर डर जाएंगे।“

“ब्रूनो ! कैप्टन अंकल को थैंक यू बोलो।“ शैफाली ने ब्रूनो को इशारा करते हुए कहा- “इन्होंने तुम्हारे लिए इस शिप पर विशेष व्यवस्था की है।“

“भौं-भौं !“ इतना सुनते ही ब्रूनो ने, कि सी सर्कस के जानवर की तरह, दो पैरों पर खड़े हो कर, सुयश को अपनी भाषा में थैंक्यू कहा। उसकी यह हरकत देख, एक बार तो सुयश सहित सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली, और पलटकर दरवाजे की ओर बढ़ने लगा।

“1 मिनट रुकिये कैप्टेन अंकल।“ शैफाली की आवाज ने एकाएक ही सुयश के कदमों पर ब्रेक लगा दिया। वह रुककर पुनः शैफा ली की तरफ देखने लगा ।

“कैप्टेन अंकल! मैं आपको हॉल में हुए मर्डर के बारे में कुछ बताना चाहती हूं।“ शैफाली ने कहा।

“मर्डर के बारे में.......!“ सुयश के चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर आए- “मर्डर के बारे में तुम क्या बताना चाहती हो। तुम तो अंधी हो, फिर तुम मर्डर के बारे में क्या बता सकती हो।“

“अंकल! मैं बचपन से अंधी जरूर हूं। पर मेरी सुनने की शक्ति बहुत तेज है। हॉल में जिस समय मर्डर हुआ, उस समय लाइट ऑफ थी। इसलिए कोई कुछ नहीं देख पाया कि मर्डर किसने किया ? पर मैंने अपने कानों से जो कुछ सुना। मैं आपको वह बताना चाहती हूं।“
अब सुयश, शैफाली की बात सुनकर वापस कमरे में आ गया और उत्सुकता से शैफाली की ओर देखने लगा।

“सबसे पहले मैं आपको यह बता दूं कि हॉल में गोली एक नहीं, बल्कि दो चली थीं।“ शैफाली ने बिल्कुल गंभीर स्वर में कहा।

“व्हाट!“ सुयश आश्चर्य से भर उठा। सुयश सहित सभी के लिए यह शब्द किसी धमाके से कम नहीं थे।

“यह तुम क्या कह रही हो ? गोली तो एक ही चली थी, जो कि लॉरेन के लगी।“ सुयश के शब्दों में आश्चर्य के भाव थे।

“आप लोग नहीं जानते। गोली एक नहीं दो चलीं थीं, और दोनों ही अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा चलाई गई थीं। लेकिन दोनों गोलियां एक ही समय चलने के कारण, और हॉल में अधिक शोर-शराबा होने के कारण, आप लोग यह बात जान नहीं पाए।“ शैफाली बड़े ही निश्चिंत भाव से रुक-रुक कर बोल रही थी-

“अगर आपको मेरी बात का विश्वास ना हो तो हॉल में आप लोग ध्यान से देखिए। कहीं ना कहीं दूसरी गोली लकड़ी में धंसी हुई आपको जरूर मिल जाएगी।“

शैफाली की बात सुनकर, अब सुयश के चेहरे पर उलझन के भाव थे। क्यों कि वह अभी एक ही गोली का रहस्य सुलझा नहीं पाया था। अब दूसरी गोली की बात सुनकर वह और भी परेशान हो गया।

“हम लोगों से गलती हो गई लारा।“ सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा- “यदि शैफाली सही कह रही है, तो हमें उस समय तलाशी के दौरान सबके रिवाल्वर भी चेक करने चाहिए थे। लेकिन हम समझे कि गोली एक ही चली है और एक रिवाल्वर हमें मिल भी गई। इसलिए तलाशी में हमने रिवाल्वर की ओर तो ध्यान ही नहीं दिया। अब तो हमें विश्वास हो रहा है, कि जो रिवाल्वर हमें मिली, उससे लॉरेन का मर्डर नहीं हुआ है। अपराधी हद से ज्यादा चालाक निकला। उसने योजना बना कर यह मर्डर किया और हम लोग मिली हुई रिवाल्वर में ही उलझे रहे। लेकिन इससे एक बात तो कंफर्म हो गई कि अपराधी एक नहीं कई हैं। और वह सभी अलग-अलग रह रहे हैं।“ इतना कहकर सुयश पुनः शैफाली की तरफ घूमा -

“तुम कुछ और बताना चाहती हो ?“

“जी हाँ अंकल!“ शैफाली ने अंदाजे से सुयश की ओर मुंह करते हुए कहा-

“पहली गोली मैं जहां खड़ी थी, उसके 6 मीटर पीछे से किसी ने चलाई थी और दूसरी गोली, मेरे बांए तरफ से 8.5 मीटर की दूरी से किसी ने चलाई थी। अब यह सोचना आपका काम है। कि मेरे 6 मीटर पीछे और 8.5 मीटर बाएं कौन खड़ा था ?” शैफाली की बात सुनकर, माइकल व मारथा को छोड़कर, वहां खड़े सभी लोग हक्का-बक्का रह गए। लारा तो शैफाली को ऐसे देख रहा था, मानो विश्व का आठवां आश्चर्य उसके सामने खड़ा हो।

“लेकिन यह कैसे पता चलेगा कि तुम कहां खड़ी थी ? क्यों कि बिना तुम्हारी स्थिति जाने हुए, हम अगल-बगल खड़े लोगों का अंदाजा कैसे लगाएंगे?“ सुयश ने दिमाग लगाते हुए कहा।

“कैप्टेन अंकल, आप जब स्टेज पर खड़े होकर अनाउंसमेंट कर रहे थे, तो आपकी आवाज एक ही जगह से आ रही थी। इसका साफ मतलब निकलता है कि स्टेज पर जो माइक लगा है, वह एक ही जगह पर फिक्स है। मैं आपकी आवाज उस समय ध्यान से सुन रही थी। अतः आप अगर वापस स्टेज पर जाकर बोलना शुरू करेंगे, तो मैं जिस जगह खड़ी थी, उस जगह पर वापस जा कर खड़ी हो सकती हूं। जिससे आप मेरी जगह के बारे में जान सकते हैं। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा। क्यों कि अपराधी ने फायर के तुरंत बाद, अपनी वास्तविक स्थिति से जगह चेंज कर दी होगी ।“ सुयश भी शैफाली के तर्कों को सुन, उसके दिमाग का लोहा मान गया।

“बेटे, अगर ये सारी बातें, तुमने उसी समय बता दी होतीं, तो शायद कातिल अब तक हमारे शिकंजे में होता।“ ब्रैंडन ने आगे बढ़ते हुए कहा।

“आप क्या मुझे इतना बेवकूफ समझते हैं?“ शैफाली के शब्दों में इस बार थोड़ी तल्खी उभर आई-

“जो मैं इतनी भीड़ में, सबके सामने कातिल का नाम बताती। और वैसे भी असली कातिल के पास उस समय तक रिवाल्वर थी। क्या पता उसका अगला निशाना मैं ही बन जाती ? और उसका निशाना तो आप लोग देख ही चुके हैं।“ ब्रैंडन ने भी हालात को समझ कर सिर हिलाया।

“वैसे आप उस समय कहां थे?“ शैफाली का इशारा, इस बार सीधे ब्रैंडन की ओर था।

“मैं......मैं......तो उस समय सिक्योरिटी के आदमियों के साथ था।“ एकाएक पूछे गए प्रश्न से ब्रैंडन एकदम हड़बड़ा सा गया उसकी हालत का अंदाजा लगाकर, शैफाली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

“उसको छोड़ो।“ सुयश किसी मचलते बच्चे की तरह बोला – “तुम मुझे यह बताओ, कि क्या तुम मुझे कातिल के बारे में भी कुछ बता सकती हो ?“





जारी रहेगा.....….✍️
To wo locket hi tha jiski wajah se uski jaan gai, warna kaatil ko kaise pata lagta ki waha kon khada hai?? Awesome update Sir :claps: :claps: :claps: you are a amazing writer 👌🏻👌🏻👌🏻
 
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# 14.
“कातिल के बारे में तो नहीं बता सकती। पर हां उसकी एक आदत के बारे में जरूर बता सकती हूं।“ शैफाली की बात सुनकर, एक बार फिर सभी का ध्यान शैफाली की तरफ गया। “अंकल, जो पहली गोली चली थी। वह चलाने वाला मेरे 6 मीटर पीछे था। उस हिसाब से गोली चलने के 5 सेकेण्ड के बाद, बारूद की खुशबू, मुझ तक पहुंचनी चाहिए थी। पर बारुद की खुशबू मात्र 3 सेकेण्ड में मुझ तक पहुंच गई थी।“

“क्या मतलब हुआ इसका ?“ सुयश ने व्यग्र स्वर में पूछा।

“इसका साफ मतलब निकलता है, कि गोली चलाने वाली की आदत, गोली चलाने के बाद, रिवाल्वर की नाल से निकलते हुए धुंए को फूंक मारने की है। और ऐसा वही आदमी करता है, जो बहुत अच्छा निशानेबाज होता है और रिवाल्वर हमेशा अपने साथ रखता है।“ शैफाली एक के बाद एक धमाका कर रही थी।

“वेरी गुड!“ सुयश ने शैफाली के तर्कों की तारीफ करते हुए कहा- “क्या दिमाग पाया है!“ सुयश कुछ रुक कर फिर बोला –

“बेटे आप कुछ ऐसा, मर्डर के बारे में बता सकती हो। जिससे हमें कातिल को पकड़ने में कुछ हेल्प मिल सके।“

“यस अंकल! मैं एक बात मर्डर के बारे में और बताना चाहती हूं।“ शैफाली ने धीरे से सांस लेते हुए कहा।

अब सभी का ध्यान सिर्फ और सिर्फ शैफाली की बातों को सुनने में लगा था। पर उन्हें यह एहसास नहीं था, कि कोई दरवाजे के बाहर खड़ा, इन सारी बातों को सुन रहा था।

“अंकल, मेरे पास गोली चलने के बाद, एक अजीब सी खुशबू और आई। जैसे कपड़े पर जब बहुत गर्म प्रेस कर दिया जाता है तो कपड़े से एक अजीब सी, सोंधी सी खुशबू आती है। वह खुशबू ठीक वैसी ही थी। कहने का मतलब यह है कि जिसने भी मेरे पीछे से पहले गोली चलाई थी, उसने रिवाल्वर की नाल पर जरूर कोई कपड़ा रखा था, जो कि निश्चित रूप से को ई रुमाल रहा होगा। जब गोली चली, तो रिवाल्वर की नाल गर्म हो गई होगी, जिससे रुमाल भी हल्का सा जल गया होगा। वह खुशबू जरुर उसी की रही होगी। और उसके साथ में रुमाल से किसी संदल की स्मेल वाले सेंट की, बहुत ही खूबसूरत खुशबू आई।“ यह कहकर शैफाली 1 मिनट के लिए रुकी और फिर बोलना शुरु किया-

“आपने हॉल में खड़े सभी लोगों के रुमाल जमा करवा लिए थे। आप उन सभी रुमालों को ध्यान से देखिए। क्या किसी पर जले का निशान है? और उन सभी रूमालों में से किसमें से संदल स्मेल वाले सेंट की खुशबू आ रही है? इससे आपको कातिल को ढूंढने में आसानी होगी।“

“एक्सीलेंट!“ सुयश ने माइकल की ओर देखते हुए कहा- “आपकी बच्ची बहुत समझदार है। मैंने अपनी पूरी जिंदगी में इतना तेज दिमाग वाला इंसान आज तक नहीं देखा।“

“और हाँ अंकल।“ शैफाली ने पुनः बोलना शुरु किया- “जो व्यक्ति, मेरे 8.5 मीटर बांए था, उसी ने गोली चलाने के बाद, अपनी रिवाल्वर जमीन पर फेंकी थी।“

“यानि की लॉरेन का मर्डर तुम्हारे 6 मीटर पीछे वाले व्यक्ति ने किया है।“ सुयश ने शैफाली की नीली-नीली आँखों में झांकते हुए कहा।

“जी हाँ अंकल! मैं भी यही कहना चाह रही हूं।“ शैफाली ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा- “और मैं बस इतना ही जानती हूं।“

“थैंक्स बेटा !“ सुयश ने शैफाली को आभार प्रकट करते हुए कहा-

“मैं तुम्हारा ये हेल्प हमेशा याद रखूंगा।“ यह कहकर सुयश ने माइकल और मारथा को भी थैंक्स बोला और फिर वहां से जाने के लिए मुड़ा। तभी शैफाली ने उसे फिर से टोक दिया।

“कैप्टेन अंकल! वैसे आपको अगर ब्रूनो की जरूरत पड़े तो आप जरूर बताइएगा। क्यों कि यह भी आपकी काफी मदद कर सकता है।“

“ठीक है बेटे! अगर हमें ब्रूनो की जरूरत पड़ी, तो हम अवश्य बताएंगे।“ यह कहकर सुयश सभी के साथ दरवाजे की ओर बढ़ा। उधर दरवाजे के बाहर खड़ी आकृति, सभी को बाहर आता देख, धीरे से सरक कर गैलरी में गायब हो गई। सुयश के दरवाजे के बाहर निकलते ही, एक सिक्योरिटी का आदमी भागा भागा वहां पहुंचा और बोला-

“माफी चाहता हूं कैप्टन, पर आपको इसी समय तुरंत कंट्रोल रूम में चलना होगा। वहां शायद कुछ गड़बड़ है?“

सुयश यह सुनते ही, सभी के साथ तेज कदमों से कंट्रोल रूम की ओर चल दिया। लेकिन उसका दिल पुनः किसी अंजानी आशंका से तेजी से धड़क रहा था।

चैपटर-5
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 03:00; कंट्रोल रूम के बाहर, सिक्योरिटी के आदमियों और शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की भीड़ लगी थी। कुछ लोग कंट्रोल रुम का दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहे थे।

“क्या हुआ?“ सुयश ने वहां पहुंचकर तेज आवाज में, वहां खड़े लोगों से पूछा।

“पता नहीं कैप्टेन!“ उस भीड़ में से एक व्यक्ति ने आगे निकलकर, सुयश को जवाब दिया - “जब हम लोग शिफ्ट चेंज करने के लिए यहां पहुंचे, तो दरवाजा अंदर से बंद था। ऐसा इसके पहले कभी नहीं हुआ था। हम लोग लगभग 20 मिनट से दरवाजे पर नॉक कर रहे हैं, पर ना तो कोई अंदर से जवाब दे रहा है और ना ही दरवाजा खोल रहा है।“

“तुरंत कंट्रोल रूम का इमरजेंसी डोर खोलो।“ सुयश ने लारा की तरफ मुड़ते हुए, उसे आर्डर दिया।

“यस कैप्टेन!“ लारा तुरंत साइड में लगे इमरजेंसी डोर के कंप्यूटर पर पासवर्ड लगाने लगा।

कुछ ही देर में कंट्रोल रूम का इमरजेंसी डोर खुल चुका था। डोर खुलते ही सुयश ने तेजी से कंट्रोल रूम में प्रवेश किया। उसके साथ लारा भी था। अंदर का नजारा ही कुछ और था।

रोजर व असलम सहित चालक दल के सभी सदस्य, नशे की हालत में धुत इधर-उधर पड़े थे। शराब की कई बोतलें भी फर्श पर बिखरी हुई थीं। लारा ने अंदर आते ही, तुरंत आगे बढ़कर कंट्रोल रूम का मेन दरवाजा खोल दिया

सुयश ने एक नजर पूरे कंट्रोल रुम पर मारी और फिर आगे बढ़ कर रोजर का कॉलर पकड़कर उसे उठाने की कोशिश करने लगा-

“रोजर-रोजर!......उठो। मैंने तुम लोगों को ड्यूटी टाइम में ड्रिंक करने से मना किया था। फिर भी तुम लोगों ने ड्रिंक किया।“

अभी सुयश रोजर को झकझोर ही रहा था, कि तभी कंट्रोल बोर्ड पर लगी, एक लाल बत्ती तेजी सेणस्पार्क करने लगी। जो इस बात का संकेत थी कि ट्रांसमीटर पर कोई मैसेज है। सुयश तुरंत रोजर को छोड़, उस ट्रांसमीटर सेट की ओर भागा और तुरंत वहां रखे हेडफोन को अपने कानों पर चढ़ा कर एक बटन ऑन कर दिया।

“हैलो ! ब्लू क्रॉस कालिंग ‘सुप्रीम’।“ उधर से महीन आवाज सुनाई दी- “कोई हमारी बात सुन रहा है।“

“हैलो ! सुप्रीम कॉलिंग ब्लू क्रॉस।“ मैं सुप्रीम से कैप्टन सुयश बोलरहा हूं।“ सुयश ने कहा।

“कैप्टन! मैं फ्लोरिडा आईलैंड से ‘स्टीफेन‘ बोल रहा हूं।“ दूसरी तरफ से फिर से आवाज आयी-

“थैंक गॉड कि आपने मेरा कॉल रिसीव किया। इससे पहले भी मैंने 4 बार आप लोगों से सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश की। पर किसी ने भी हमारा कॉल रिसीव नहीं किया । वहां सब कुछ ठीक तो है ना ? ओवर।“

सुयश ने यह सुनकर एक नजर वहां बेहोश पड़े लोगों पर मारी फिर बोला –


“यस स्टीफेन! एक छोटी सी प्राब्लम थी, पर अब सब ठीक है। आप बताइये आप ने क्यों कॉल किया ? ओवर“

“कैप्टेन! आपका शिप बारामूडा त्रिकोण के डेंजर जोन की ओर, गलत रास्ते पर जा रहा है।“ आवाज पुनः आयी।

“बारामूडा त्रिकोण!“ सुयश के शरीर में बारामूडा त्रिकोण का नाम सुन कर एक झुरझुरी सी हुई। उधर लारा, अब रोजर व असलम सहित बाकी सभी लोगों को होश में ला चुका था। जो अब सिर झुकाये खड़े थे। सुयश ने भी रोजर को खड़ा होते देख, हेडफोन को हटाकर, फोन कॉल को अब स्पीकर मोड पर डाल दिया, जिससे अब सभी लोग इस वार्तालाप को ध्यान से सुनने लगे। अब स्टीफेन की आवाज बिल्कुल साफ कमरे में गूंज रही थी-

“यस कैप्टेन! बारामूडा त्रिकोण, जो कि पृथ्वी का सबसे डेंजर जोन कहलाता है। आपको मालूम भी है, कि आपका शिप, अपने वास्तविक रूट से 30 डिग्री नॉर्थ ईस्ट में, 80 नॉटिकल माइल, गलत दिशा में जा चुका है। और अब आप की वास्तविक स्थिति 56 डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखाओं के मध्य है। इसके आगे आज तक जो भी शिप गया है, वह बारामूडा त्रिकोण के भयानक जोन में फंसकर गायब हो गया है और उसके वापस आने की संभावना लगभग ना के बराबर रही है। आप समझ रहे हैं ना मैं क्या कह रहा हूं? ओवर।“

“जी हां ! मैं आपकी बातों का मतलब समझ रहा हूं। ओवर।“ सुयश ने तेजी से रोजर के हाथ से कॉपी-पेन लेते हुए शिप की वास्तविक स्थिति को तुरंत कॉपी पर नोट किया।

“कैप्टेन, तुरंत शिप को मोड़िये। जल्दी करिये कहीं ऐसा ना हो कि आप का शिप भी......... खट्......खट्.........खटाक।“

फ्लोरिडा का संदेशवाहक अभी अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था, कि उसका संपर्क ‘सुप्रीम’ से टूट गया

“हैलो -हैलो ! .................।“ सुयश पुनः संपर्क स्थापित करने के लिए, तेजी से बटनों से जूझने लगा । लेकिन अभी इससे पहले कि यह लोग कुछ समझ पाते। पूरा शिप एक अजीब सी नीली रोशनी से भर गया और एक बहुत तेज विचित्र सी ध्वनि सुनाई दी।

“जन्न.....न्..........न्ऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।“ ऐसा लगा जैसे शिप के ऊपर से कोई चीज बहुत तेजी से, नीली किरणें बिखेरती हुई निकली है। उस चीज की आवाज, सुपर सोनिक जहाज की तरीके से तेज, परंतु महीन थी। उसकी स्पीड इतनी ज्यादा थी, कि उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल था कि वह चीज क्या थी ?

“धड़ाम ........धड़ाम .......फटाक ....किर्र ..... किर्र ....खटाक।“

तभी सुप्रीम में लगे सभी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र ‘धड़ाम-धड़ाम‘ की आवाज करते हुए ब्लास्ट हो गए। यहां तक कि पूरे शिप की लाइट भी चली गई। सभी लोग हक्के-बक्के से खड़े रह गए।

तभी ‘खटाक‘ की आवाज के साथ कंट्रोल रुम की इमरजेंसी लाइट ऑन हो गयी। किसी की भी ये समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा है? यहां तक कि इनका दिशा सूचक यंत्र भी खराब हो गया । सभी लोग डरकर इधर-उधर देख रहे थे। एका एक सुयश को जैसे होश आया। उसने तुरंत आर्डर जारी किया ।

“तुरंत शिप को रोक दिया जाए। ये इस समय जहां पर है, इससे आगे नहीं बढ़ना चाहिए।“ सुयश की आवाज में बेचैनी और घबराहट साफ नजर आ रही थी। इस बार सुयश, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर ब्रेव फोर्ड की ओर मुड़ा और उनसे बोला-

“मिस्टर ब्रेव फोर्ड, कंट्रोल रुम की इमरजेंसी लाइट तो अपने आप ऑन हो गयी है, पर पूरे शिप पर, अभी भी अंधेरा है। आप तुरंत पूरे शिप की इमरजेंसी लाइट को ऑन करवा दीजिए।“

“और आप मिस्टर जेम्स हुक!“ सुयश का इशारा इस बार फॉल्ट फाइंडिंग इंजीनियर जेम्स हुक की ओर था- “आप तुरंत अपनी पूरी टीम के साथ जुट जाइये, और ये देखिये कि शिप को कितना नुकसान हुआ है और इसे सही करने की कोशिश कीजिए।“

उधर खतरे को भांप, रोजर ने शिप को रुकवा दिया था। उनका नशा अब पूरी तरह से हिरण हो चुका था। ब्रेव फोर्ड भी आर्डर मिलते ही बाहर निकल गया। जेम्स हुक अपनी पूरी इंजीनियर्स की टीम के साथ, शिप के सारे कंट्रोल्स को चेक करने में लग गया। तभी पूरे शिप की इमरजेंसी लाइट ऑन हो गई। सुयश तुरंत दौड़कर, माइक के पास पहुंच गया।

“दोस्तों ! मैं शिप का कैप्टन, सुयश बोल रहा हूं।“ सुयश ने माइक संभालते हुए, पूरे शिप पर अनाउन्स करना शुरू कर दिया-

“कुछ तकनीकी खराबी आ जाने के कारण, कुछ देर के लिए, हमारी इलेक्ट्रिक लाइन में बाधा आ गई थी। मैं आप सब से इस चीज के लिए माफी मांगता हूं। अब स्थिति सामान्य है अतः कृपया आप लोग अपने-अपने स्थान पर जा कर आराम करें। इनकन्वीनियंस इज रिग्रेटेड।“

सुयश अनाउन्समेंट के बाद अब धीरे-धीरे नॉर्मल हो रहा था। अब उसने शिप की स्थिति पर ध्यान देना शुरू कर दिया। सफाई कर्मचारी तेजी से कंट्रोल रूम में बिखरे कांच को साफ करने में जुटे थे। सुयश इस बार कुछ कहने के लिए लारा की ओर घूमा। पर इससे पहले कि वह उससे कुछ कह पाता, कंट्रोल रूम में भागते हुए, अलबर्ट डिसूजा दाखिल हुए।

“कैप्टेन-कैप्टेन!“ आपने देखा अभी शिप के ऊपर से कोई यान-नुमा चीज, नीली रोशनी बिखेरती हुई, बहुत तेजी से निकली है। क्या वह कोई उड़न तश्तरी थी ?“अलबर्ट ने घबराए अंदाज में सुयश को देखते हुए कहा।

अलबर्ट की बातें सुनकर, सुयश की आंखें सोचने वाली मुद्रा में सिकुड़ गईं। सुयश ने पहले अलबर्ट के पसीने से लथपथ चेहरे को देखा और फिर बोला-

“मिस्टर अलबर्ट, जो भी चीज अभी शिप के ऊपर से निकली है, हम उसके बारे में बाद में बात करेंगे । पर पहले आप यह बताइए कि आपने उस चीज को देखा कहां से?“

“वो....वो...मैं डेक पर खड़ा था। तभी मैंने देखा, कि नीली रोशनी बिखेरता एक तश्तरी नुमा यान, बहुत तेजी से शिप की ओर आया। उसकी स्पीड इतनी तेज थी, कि वह लगभग 1 सेकेण्ड में, शिप के ऊपर से होता हुआ, तेजी से मेरी नजरों से ओझल हो गया। मुझे एक पल के लिए ऐसा लगा, जैसे मेरे सिर के ऊपर से कई सुपर सोनिक यान निकल गए हों। उसके शिप के ऊपर से निकलते ही पूरे शिप की लाइट भी ऑफ हो गई। मैं एकदम से बहुत डर गया। अभी तक मेरे पूरे शरीर के रोंये रोमांच की वजह से खड़े हैं।“

“वो सब तो ठीक है।“ सुयश के माथे पर उभरी सिकुड़न, इस बात का सबूत थी, कि वह कोई चीज, बहुत तेजी से सोच रहा है-

“पर पहले आप यह बताइए, कि आज न्यू ईयर की रात है। रात के लगभग 3:30 बज रहे हैं। शिप पर एक मर्डर भी हो चुका है और आपकी तो आज मैरिज एनिवर्सरी भी है। ऐसी स्थिति में तो आपको इस समय अपने रूम में होना चाहिए था, पर आप इस समय डेक पर क्या कर रहे थे?“

“वो....वो....मैं....सिगरेट पीने के लिए डेक पर गया था।“ अचानक इस तरह का प्रश्न पूछ लेने पर, अलबर्ट थोड़ा हड़बड़ा से गए। पर सुयश को यह महसूस हुआ कि अलबर्ट झूठ बोल रहे हैं। पर क्यों ?.....पता नहीं।






जारी रहेगा.………✍️
Ye shefaali to master peace nikli sir, jaisa socha tha us se bhi badhkar dimaak paya hai isne , just too good Update :claps: :claps: :claps: :claps:
 
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