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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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sunoanuj

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बहुत ही शानदार और रोमांचकारी अपडेट है! रोजर के साथ क्या हुआ होगा !
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Nice 👍 Blue Whale 🐳 bechari nirash hokar chali gayi uska khelna ka sapna tut gaya.
Roger ne aisa kya dekh liya jo itna Darr gaya??
Kya Agle update mein iska answer milega let's see!

Kya Suyash ka decision sahi sabit hoga jo usne liya hai???
Aapke sawalo ka jabaab aage ke updates me hi milega, bas ye samajh lo rojer ne jo dekha wo mysterious tha.. thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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बहुत ही शानदार और रोमांचकारी अपडेट है! रोजर के साथ क्या हुआ होगा !
Lagta to aisa hai ki rojer nipat gaya, baaki aage ke updates me hi pata lagega, thank you for your valuable review bhai :thanx:
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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# 18 .
चैपटर-6 1 जनवरी 2002, मंगलवार, 08:30;

सुप्रीम एक विशालकाय शिप था। इसलिए इस पर कुल 18 डेक थे। 16 डेक यात्रियों के लिए थे। सिर्फ 2 डेक शिप के चालक दल के पास थे।

हेली पैड उनमें से ही एक डेक पर बना था। इसलिए इसकी ऊँचाई बाकी डेक के हिसाब से कुछ कम थी । इस डेक पर भी एक वर्गाकार आकृति में, लगभग 100 स्क्वायर फीट का स्विमिंग पूल बना था।

सुयश का केबिन भी इस डेक के नीचे की तरफ ही था। सुयश, असलम, लारा, ब्रैंडन और जेम्स हुक इसी डेक पर खड़े थे। चूंकि यात्रियों को इधर आने की मनाही थी। इसलिए सुबह हो जाने के बाद भी इस डेक पर काफी शांति थी।

रोजर को हेलीकॉप्टर लेकर निकले अभी बा-मुश्किल 5 मिनट ही हुए थे। अभी तक उसकी तरफ से कोई मैसेज नहीं मिला था। ब्रैंडन ने अपने हाथों में एक शक्तिशाली दूरबीन को पकड़ रखा था। वह बीच- बीच में दूरबीन को आँखों से लगा कर इधर-उधर देख रहा था। सभी लोग डेक की रेलिंग के पास खड़े थे।


“कैप्टेन!“ अचानक से ब्रैंडन ने सुयश को आवाज लगायी- “ब्लू व्हेल!“

ब्रैंडन की आवाज सुनकर सभी का ध्यान उस दिशा में गया, जिधर ब्रैंडन देख रहा था। उधर देखने पर, उन्हें पानी की सतह पर, लगभग 50 मीटर लम्बी ब्लू व्हेल दिखायी दी।

“ये ब्लू व्हेल तो, बाकियों से आकार में कुछ बड़ी लग रही है।“ असलम ने कहा।

“सही कह रहे हो असलम।“ सुयश ने भी असलम की बात का समर्थन किया-

“नार्मल ब्लू व्हेल का आकार 30 से 35 मीटर तक ही होता है। पर ये तो लगभग 50 मीटर के आस-पास दिख रही है।“

“ये तो इसी तरफ आ रही है।“ लारा ने घबरा ये स्वर में कहा- “हमें इससे किसी प्रकार का खतरा तो नहीं होगा कैप्टेन?“

“नहीं लारा।“ सुयश ने लारा के शक को दूर करते हुए कहा- “इससे घबराने की कोई जरुरत नहीं है। हमारे शिप का आकार 250 मीटर है। ये अकेली हमारे शिप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती।“

तब तक ब्लू व्हेल थोड़ा और पास आ चुकी थी। वह बीच-बीच में पानी के बाहर आकर साँस भी ले रही थी जिसकी वजह से उसके सिर के ऊपर से गर्म हवा का फव्वारा भी निकल रहा था।

अब वह रुके हुए ‘सुप्रीम’ के बिल्कुल पास आ गयी थी। ब्लू व्हेल अब ध्यान से विशालकाय सुप्रीम को देख रही थी। शायद इससे पहले उसने अपने से बड़ी कोई चीज नहीं देखी थी।

थोड़ी देर तक शिप को देखते रहने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने पानी में गुलाटियां मारनी शुरु कर दीं। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शिप को कोई बड़ा जीव समझ कर खुश करने में लगी है।

शिप पर मौजूद सभी लोगों को उसकी यह हरकत बहुत अच्छी लग रही थी। थोड़ी देर तक गुलाटियां मारने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने अपनी पूंछ से शिप पर पानी फेंकना शुरु कर दिया।

डेक का यह हिस्सा थोड़ा नीचा होने की वजह से पानी के कुछ छींटे, डेक पर खड़े लोगों पर भी पड़ रहे थे। ब्लू व्हेल के करतब देख कर, थोड़ी देर के लिए सभी शिप की परेशानियों को कुछ क्षण के लिए भूल गये। तभी ब्लू व्हेल ने बहुत ताकत लगा कर शिप पर पानी फेंका, जो कि तेजी से आकर डेक के किनारे पर खड़े सुयश को पूरा भिगा गया।

बाकी के लोग सुयश से थोड़ा दूर थे। इसलिए वह भीगने से बच गये सुयश का यह हाल देखकर एक बार सभी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी।

सभी को मुस्कुराते देख सुयश भी ना चाहते हुए मुस्कुरा दिया। ब्लू व्हेल अब वहां से जा रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह समझ गयी हो कि सुप्रीम एक निर्जीव वस्तु है और वह उसके साथ नहीं खेलेगी। सुयश ने एक नजर अपने भीगे हुए कपड़ों पर मारी और वहां डेक पर खड़े अपने एक कर्मचारी को दूसरे कपड़े लाने का इशारा किया।

वह कर्मचारी सुयश का खास था। उसे पता था कि सुयश के कपड़े केबिन में कहां पर हैं। वह बिना देर किए कपड़े लाने चला गया।

सभी की नजर फिर से वॉकी टॉकी सेट पर गयी। लगभग 15 मिनट बीत चुके थे, लेकिन अभी तक रोजर का कोई मैसेज नहीं आया था। मुश्किल से 3 से 4 मिनट में ही कर्मचारी सुयश के कपड़े लेकर आ गया। सुयश कपड़े लेकर, स्विमिंग पूल के बगल बने चेंजिंग रुम की तरफ चल दिया।

“बहुत देर हो चुकी है, पर अभी तक रोजर सर की तरफ से कोई मैसेज नहीं आया।“ ब्रैंडन ने असलम की ओर देखते हुए कहा- “क्या हमें अपनी तरफ से उन्हें कॉल करना चाहिए?“

“5 मिनट और इंतजार करते हैं।“ असलम ने जवाब दिया- “अगर फिर भी कोई कॉल नहीं आया तो हम अपनी तरफ से कॉल कर लेंगे।“

लेकिन इससे पहले कि कोई और कुछ कह पाता वॉकी टॉकी सेट से ‘खर्र-खर्र‘ की आवाज आयी। ब्रैंडन तुरंत यह सब सुयश को बताने के लिए चेंजिंग रुम की ओर भागा। ब्रैंडन ने चेंजिंग रुम के बाहर से ही आवाज लगा कर सुयश को मैसेज के बारे में बता दिया। उधर वॉकी टॉकी सेट पर रोजर की आवाज गूंजी-

“हैलो-हैलो कैप्टन! क्या आप मेरी आवाज सुन रहे हैं? ओवर।“

“यस रोजर सर!“ हमें आपकी आवाज सुनाई दे रही है। ओवर!“ असलम ने रोजर की बात का जवाब देते हुए कहा। तब तक सुयश सिर्फ पैंट पहने, उधर भाग कर आता दिखाई दिया। जल्दी-जल्दी में उसे शर्ट पहनने का टाइम ही नहीं मिला।
“यस रोजर! बताओ, क्या कहना चाहते हो तुम? ओवर!“ सुयश ने वॉकी टॉकी सेट को असलम से लेते हुए, रोजर को संबोधित करते हुए कहा। रोजर ने सुयश की आवाज पहचान ली। वह बोला-

“कैप्टन हम लोग इस समय शिप से काफी दूर आ चुके हैं। पर अभी दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा है। लगता है कि हम वास्तव में भटक गए हैं।“ सभी का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ वॉकी-टॉकी सेट पर था। रोजर का बोलना जारी रहा-

“अब हम लोग और आगे बढ़ रहे हैं सर। हर तरफ सिर्फ समुद्र की लहरें ही नजर आ रही हैं। नीला समुद्र ...... पानी ही पानी “


कुछ देर रुक कर आवाज फिर से आनी शुरू हुई- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।“

थोड़ी देर बाद आवाज पुनः आयी -

“हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं , बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है। इसके आसपास हल्की सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज्यादा ही गर्म है। क्यों कि इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकरा कर, धुंध के रूप में आस पास फैल रही हैं, जो कोहरे के रूप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही हैं।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है।
दूर से देखने पर यह कोई क्राऊन पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है....... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्वा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो............. अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफी सुंदर लग रहा है सर।.......... ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति लिए हुए दिखाई दे रहा है। ..... पर यह क्या सर? ....ओऽऽऽ नो ऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?.......“


एका एक रोजर की आवाज अत्यंत विस्मय से भर गई। खौफ उसकी आवाज में साफ नजर आने लगा।

“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?“ सुयश ने घबरा ये स्वर में पूछा।

“मैं समझ.....नहीं पा......रहा हूं सर! कि मैं......आपको कैसे बताऊं? ..........मैं इस समय ... ..बड़ा अजीब सा....महसूस कर रहा हूं। ऐसा लगता है जैसे धुंध....... बड़ी तेजी से बढ़ गई है....। आसमान का रंग........ समझ में .. ..नहीं आ ....रहा है। ......पानी भी ......जैसा दिखना चाहिए .......वैसा नहीं दिख रहा है.....और ये क्या ? ...... ये.... ये.....यहां ये.....मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम....... ..... ..........।“


“खट्....खट्.....खटाक।“ और इसी के साथ सुयश से रोजर का संपर्क टूट गया।

“रोजर ... रोजर....! क्या हुआ रोजर?....... तुम बोलते क्यों नहीं ? क्या दिखाई दे रहा है तुम्हें?“

सुयश लगातार वॉकी-टॉकी सेट पर पागलों की तरह चीख रहा था। जेम्स हुक ने धीरे से, सुयश के हाथों से वॉकी-टॉकी सेट ले लिया-

“आपका संपर्क रोजर से कट चुका है कैप्टन। शायद वह किसी खतरे का शिकार हो चुका है।“ सुयश अभी भी सकते की सी हालत में खड़ा शून्य में घूर रहा था। लारा ने धी र से सुयश को हिला कर शून्य से बाहर किया-

“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टन ? हेली कॉप्टर जाने के बाद, अब हमारी आखिरी उम्मीद भी टूट गई है।“ सुयश मानों सोते से जागा हो।


“रोजर ने मेरे साथ, आज तक के सफर में, ना जाने कितने खतरे देखे थे। पर आज तक मैंने उसे कभी, इतना घबराया हुआ नहीं देखा। ना जाने उसने ऐसा क्या देख लिया ? जो वह इतना घबरा गया ?“

सुयश ने धीमी आवाज में कहा। धीरे-धीरे जब सुयश सामान्य हुआ तो उसने अपने आस-पास खड़े लोगों पर नजरें डालीं । सभी के चेहरे पर दहशत और आँखों में खौफ के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।


“अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, शिप को अन्जानी दिशा में आगे बढ़ाने के सिवा।“

सुयश ने बारी -बारी सभी के चेहरों को देखते हुए कहा-
“इसलिए जिस दिशा में हेलीकॉप्टर गया था। शिप को उसकी विपरीत दिशा में मोड़कर तब तक आगे बढ़ने दिया जाये जब तक हमें वास्तविक रास्ते का पता ना चल जाए। किसी को कोई आपत्ति हो तो वो मुझे बता सकता है?“

“नहीं !“ सभी ने समवेत स्वर में कहा। तभी ब्रैंडन की निगाह सुयश की पीठ पर बने एक टैटू पर गयी। सूर्य के निशान वाला काले रंग का बिल्कुल गोल वह टैटू लगभग 8 इंच डाया मीटर का था। टैटू में बनी सूर्य की आग उगलती आकृति, सूरज की रोशनी में बहुत तेज चमक रही थी।

“आपकी पीठ पर बना टैटू बहुत शानदार है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा- “आपकी शर्ट की वजह से आज तक, यह हम लोगों को दिखायी नहीं दिया।





जारी
रहेगा..........✍️
बोला था न कि हेलीकॉप्टर से भी कोई ज्यादा काम नहीं बनेगा, और साथ ही साथ शायद रोजर भी जा चुका है इस कहानी से।

बहरहाल, कोशिश जारी रहनी चाहिए। लेकिन एक बात बताओ भाई, अभी तो दिन है, मतलब सूर्य की स्थिति से कुछ तो दिशा ज्ञान हो सकता है, फिर??
 

Raj_sharma

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बोला था न कि हेलीकॉप्टर से भी कोई ज्यादा काम नहीं बनेगा, और साथ ही साथ शायद रोजर भी जा चुका है इस कहानी से।

बहरहाल, कोशिश जारी रहनी चाहिए। लेकिन एक बात बताओ भाई, अभी तो दिन है, मतलब सूर्य की स्थिति से कुछ तो दिशा ज्ञान हो सकता है, फिर??
Bilkul ho sakta hai bhai, lekin jahaaj bhavar me se nikal kar kaha khada hai ye pata nahi, ho sakta hai suraj ko dekh kar aage badhe or raaste me or kuch gadbad ho jaye to? Khair, thank you for your wonderful review and support bhai :hug:
 

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
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सुप्रीम पर आई विपत्ति अकेली नहीं आई है, बल्कि अपनी चाची, मामी, ताई, के साथ और न जाने कौन कौन को ले कर आई है।
एक बार तो लगा कि सुयश के प्लान के कारण शायद जहाज़ वापस अपने मार्ग पर चल पड़े, लेकिन बात बनी नहीं। भंवर ने एक स्लिंग-शॉट का काम किया और जहाज़ को अपने मार्ग से पूरी तरह से भटका दिया। उम्मीद की एक और किरण बची हुई थी और वह थी हवाई सर्वेक्षण कर के रास्ता पता लगाने की। लेकिन जैसा कि रोजर की स्थिति के बारे में हम अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि अब उससे भी संपर्क टूटने के बाद कोई चारा नहीं है। खतरनाक हो सकता है, यह सोच कर सुयश ने उसके विपरीत जाने का सोचा है।
लेकिन एक और तरीक़ा हो सकता है - रोजर के कहे अनुसार इतना तो लग रहा है कि टापू का निर्माण किसी इंटेलीजेंट प्रजाति ने करा है। क्यों न वहीं चला जाए? वैसे अभी सुप्रीम में कितना ईंधन है, उसका पता नहीं। खाने पीने की कितनी व्यवस्था है, वो भी पता नहीं। ऐसे में कितने समय तक अनजान दिशा में जा सकते हैं, कह नहीं सकते।
अंत में सुयश की पीठ पर बने काले सूर्य के टैटू की कोई महत्ता है इस कहानी में? वो आगे पता चलेगा।
बहुत ही रोचक अपडेट्स भाई। इस कहानी को पढ़ने का आनंद ही अलग है।
 

Raj_sharma

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सुप्रीम पर आई विपत्ति अकेली नहीं आई है, बल्कि अपनी चाची, मामी, ताई, के साथ और न जाने कौन कौन को ले कर आई है।
एक बार तो लगा कि सुयश के प्लान के कारण शायद जहाज़ वापस अपने मार्ग पर चल पड़े, लेकिन बात बनी नहीं। भंवर ने एक स्लिंग-शॉट का काम किया और जहाज़ को अपने मार्ग से पूरी तरह से भटका दिया। उम्मीद की एक और किरण बची हुई थी और वह थी हवाई सर्वेक्षण कर के रास्ता पता लगाने की। लेकिन जैसा कि रोजर की स्थिति के बारे में हम अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि अब उससे भी संपर्क टूटने के बाद कोई चारा नहीं है। खतरनाक हो सकता है, यह सोच कर सुयश ने उसके विपरीत जाने का सोचा है।
लेकिन एक और तरीक़ा हो सकता है - रोजर के कहे अनुसार इतना तो लग रहा है कि टापू का निर्माण किसी इंटेलीजेंट प्रजाति ने करा है। क्यों न वहीं चला जाए? वैसे अभी सुप्रीम में कितना ईंधन है, उसका पता नहीं। खाने पीने की कितनी व्यवस्था है, वो भी पता नहीं। ऐसे में कितने समय तक अनजान दिशा में जा सकते हैं, कह नहीं सकते।
अंत में सुयश की पीठ पर बने काले सूर्य के टैटू की कोई महत्ता है इस कहानी में? वो आगे पता चलेगा।
बहुत ही रोचक अपडेट्स भाई। इस कहानी को पढ़ने का आनंद ही अलग है।
आनंद तो आपका रिव्यू पढकर आया भाई जी, इसमे कोई दोराय नही है की अपनी देवनागरी भाषा की बात ही अलग है। इसके शब्दों मैं जो अपनेपन की झलक दिखाई देती है, जो आनंद आता है, वो कहीं नही । अब बात करते है, सुप्रीम की, तो जैसा आपने भी कहा है अभी तो सबकी हालत वही है की, धोबी का कुत्ता, ना घर का ना घाट का, मेरा भी मानना है की सुयश को जहाज टापू की ओर ही लेना चाहिए, अब क्यूं ओर कैसे, इसका जबाव अभागे आने वाले अध्याय ही देंगे।
इस प्यारे मन्तव्य के लिए बोहोत बोहोत आभार :hug:
 

Raj_sharma

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सुप्रीम पर आई विपत्ति अकेली नहीं आई है, बल्कि अपनी चाची, मामी, ताई, के साथ और न जाने कौन कौन को ले कर आई है।
एक बार तो लगा कि सुयश के प्लान के कारण शायद जहाज़ वापस अपने मार्ग पर चल पड़े, लेकिन बात बनी नहीं। भंवर ने एक स्लिंग-शॉट का काम किया और जहाज़ को अपने मार्ग से पूरी तरह से भटका दिया। उम्मीद की एक और किरण बची हुई थी और वह थी हवाई सर्वेक्षण कर के रास्ता पता लगाने की। लेकिन जैसा कि रोजर की स्थिति के बारे में हम अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि अब उससे भी संपर्क टूटने के बाद कोई चारा नहीं है। खतरनाक हो सकता है, यह सोच कर सुयश ने उसके विपरीत जाने का सोचा है।
लेकिन एक और तरीक़ा हो सकता है - रोजर के कहे अनुसार इतना तो लग रहा है कि टापू का निर्माण किसी इंटेलीजेंट प्रजाति ने करा है। क्यों न वहीं चला जाए? वैसे अभी सुप्रीम में कितना ईंधन है, उसका पता नहीं। खाने पीने की कितनी व्यवस्था है, वो भी पता नहीं। ऐसे में कितने समय तक अनजान दिशा में जा सकते हैं, कह नहीं सकते।
अंत में सुयश की पीठ पर बने काले सूर्य के टैटू की कोई महत्ता है इस कहानी में? वो आगे पता चलेगा।
बहुत ही रोचक अपडेट्स भाई। इस कहानी को पढ़ने का आनंद ही अलग है।
Bhai aapke review ka jabaab roman me dena acha nahi laga is liye hindi me hi diya😊
 

Luckyloda

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# 18 .
चैपटर-6 1 जनवरी 2002, मंगलवार, 08:30;

सुप्रीम एक विशालकाय शिप था। इसलिए इस पर कुल 18 डेक थे। 16 डेक यात्रियों के लिए थे। सिर्फ 2 डेक शिप के चालक दल के पास थे।

हेली पैड उनमें से ही एक डेक पर बना था। इसलिए इसकी ऊँचाई बाकी डेक के हिसाब से कुछ कम थी । इस डेक पर भी एक वर्गाकार आकृति में, लगभग 100 स्क्वायर फीट का स्विमिंग पूल बना था।

सुयश का केबिन भी इस डेक के नीचे की तरफ ही था। सुयश, असलम, लारा, ब्रैंडन और जेम्स हुक इसी डेक पर खड़े थे। चूंकि यात्रियों को इधर आने की मनाही थी। इसलिए सुबह हो जाने के बाद भी इस डेक पर काफी शांति थी।

रोजर को हेलीकॉप्टर लेकर निकले अभी बा-मुश्किल 5 मिनट ही हुए थे। अभी तक उसकी तरफ से कोई मैसेज नहीं मिला था। ब्रैंडन ने अपने हाथों में एक शक्तिशाली दूरबीन को पकड़ रखा था। वह बीच- बीच में दूरबीन को आँखों से लगा कर इधर-उधर देख रहा था। सभी लोग डेक की रेलिंग के पास खड़े थे।


“कैप्टेन!“ अचानक से ब्रैंडन ने सुयश को आवाज लगायी- “ब्लू व्हेल!“

ब्रैंडन की आवाज सुनकर सभी का ध्यान उस दिशा में गया, जिधर ब्रैंडन देख रहा था। उधर देखने पर, उन्हें पानी की सतह पर, लगभग 50 मीटर लम्बी ब्लू व्हेल दिखायी दी।

“ये ब्लू व्हेल तो, बाकियों से आकार में कुछ बड़ी लग रही है।“ असलम ने कहा।

“सही कह रहे हो असलम।“ सुयश ने भी असलम की बात का समर्थन किया-

“नार्मल ब्लू व्हेल का आकार 30 से 35 मीटर तक ही होता है। पर ये तो लगभग 50 मीटर के आस-पास दिख रही है।“

“ये तो इसी तरफ आ रही है।“ लारा ने घबरा ये स्वर में कहा- “हमें इससे किसी प्रकार का खतरा तो नहीं होगा कैप्टेन?“

“नहीं लारा।“ सुयश ने लारा के शक को दूर करते हुए कहा- “इससे घबराने की कोई जरुरत नहीं है। हमारे शिप का आकार 250 मीटर है। ये अकेली हमारे शिप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती।“

तब तक ब्लू व्हेल थोड़ा और पास आ चुकी थी। वह बीच-बीच में पानी के बाहर आकर साँस भी ले रही थी जिसकी वजह से उसके सिर के ऊपर से गर्म हवा का फव्वारा भी निकल रहा था।

अब वह रुके हुए ‘सुप्रीम’ के बिल्कुल पास आ गयी थी। ब्लू व्हेल अब ध्यान से विशालकाय सुप्रीम को देख रही थी। शायद इससे पहले उसने अपने से बड़ी कोई चीज नहीं देखी थी।

थोड़ी देर तक शिप को देखते रहने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने पानी में गुलाटियां मारनी शुरु कर दीं। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह शिप को कोई बड़ा जीव समझ कर खुश करने में लगी है।

शिप पर मौजूद सभी लोगों को उसकी यह हरकत बहुत अच्छी लग रही थी। थोड़ी देर तक गुलाटियां मारने के बाद, अब ब्लू व्हेल ने अपनी पूंछ से शिप पर पानी फेंकना शुरु कर दिया।

डेक का यह हिस्सा थोड़ा नीचा होने की वजह से पानी के कुछ छींटे, डेक पर खड़े लोगों पर भी पड़ रहे थे। ब्लू व्हेल के करतब देख कर, थोड़ी देर के लिए सभी शिप की परेशानियों को कुछ क्षण के लिए भूल गये। तभी ब्लू व्हेल ने बहुत ताकत लगा कर शिप पर पानी फेंका, जो कि तेजी से आकर डेक के किनारे पर खड़े सुयश को पूरा भिगा गया।

बाकी के लोग सुयश से थोड़ा दूर थे। इसलिए वह भीगने से बच गये सुयश का यह हाल देखकर एक बार सभी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी।

सभी को मुस्कुराते देख सुयश भी ना चाहते हुए मुस्कुरा दिया। ब्लू व्हेल अब वहां से जा रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह समझ गयी हो कि सुप्रीम एक निर्जीव वस्तु है और वह उसके साथ नहीं खेलेगी। सुयश ने एक नजर अपने भीगे हुए कपड़ों पर मारी और वहां डेक पर खड़े अपने एक कर्मचारी को दूसरे कपड़े लाने का इशारा किया।

वह कर्मचारी सुयश का खास था। उसे पता था कि सुयश के कपड़े केबिन में कहां पर हैं। वह बिना देर किए कपड़े लाने चला गया।

सभी की नजर फिर से वॉकी टॉकी सेट पर गयी। लगभग 15 मिनट बीत चुके थे, लेकिन अभी तक रोजर का कोई मैसेज नहीं आया था। मुश्किल से 3 से 4 मिनट में ही कर्मचारी सुयश के कपड़े लेकर आ गया। सुयश कपड़े लेकर, स्विमिंग पूल के बगल बने चेंजिंग रुम की तरफ चल दिया।

“बहुत देर हो चुकी है, पर अभी तक रोजर सर की तरफ से कोई मैसेज नहीं आया।“ ब्रैंडन ने असलम की ओर देखते हुए कहा- “क्या हमें अपनी तरफ से उन्हें कॉल करना चाहिए?“

“5 मिनट और इंतजार करते हैं।“ असलम ने जवाब दिया- “अगर फिर भी कोई कॉल नहीं आया तो हम अपनी तरफ से कॉल कर लेंगे।“

लेकिन इससे पहले कि कोई और कुछ कह पाता वॉकी टॉकी सेट से ‘खर्र-खर्र‘ की आवाज आयी। ब्रैंडन तुरंत यह सब सुयश को बताने के लिए चेंजिंग रुम की ओर भागा। ब्रैंडन ने चेंजिंग रुम के बाहर से ही आवाज लगा कर सुयश को मैसेज के बारे में बता दिया। उधर वॉकी टॉकी सेट पर रोजर की आवाज गूंजी-

“हैलो-हैलो कैप्टन! क्या आप मेरी आवाज सुन रहे हैं? ओवर।“

“यस रोजर सर!“ हमें आपकी आवाज सुनाई दे रही है। ओवर!“ असलम ने रोजर की बात का जवाब देते हुए कहा। तब तक सुयश सिर्फ पैंट पहने, उधर भाग कर आता दिखाई दिया। जल्दी-जल्दी में उसे शर्ट पहनने का टाइम ही नहीं मिला।
“यस रोजर! बताओ, क्या कहना चाहते हो तुम? ओवर!“ सुयश ने वॉकी टॉकी सेट को असलम से लेते हुए, रोजर को संबोधित करते हुए कहा। रोजर ने सुयश की आवाज पहचान ली। वह बोला-

“कैप्टन हम लोग इस समय शिप से काफी दूर आ चुके हैं। पर अभी दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा है। लगता है कि हम वास्तव में भटक गए हैं।“ सभी का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ वॉकी-टॉकी सेट पर था। रोजर का बोलना जारी रहा-

“अब हम लोग और आगे बढ़ रहे हैं सर। हर तरफ सिर्फ समुद्र की लहरें ही नजर आ रही हैं। नीला समुद्र ...... पानी ही पानी “


कुछ देर रुक कर आवाज फिर से आनी शुरू हुई- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।“

थोड़ी देर बाद आवाज पुनः आयी -

“हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं , बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है। इसके आसपास हल्की सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज्यादा ही गर्म है। क्यों कि इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकरा कर, धुंध के रूप में आस पास फैल रही हैं, जो कोहरे के रूप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही हैं।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है।
दूर से देखने पर यह कोई क्राऊन पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है....... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्वा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो............. अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफी सुंदर लग रहा है सर।.......... ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति लिए हुए दिखाई दे रहा है। ..... पर यह क्या सर? ....ओऽऽऽ नो ऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?.......“


एका एक रोजर की आवाज अत्यंत विस्मय से भर गई। खौफ उसकी आवाज में साफ नजर आने लगा।

“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?“ सुयश ने घबरा ये स्वर में पूछा।

“मैं समझ.....नहीं पा......रहा हूं सर! कि मैं......आपको कैसे बताऊं? ..........मैं इस समय ... ..बड़ा अजीब सा....महसूस कर रहा हूं। ऐसा लगता है जैसे धुंध....... बड़ी तेजी से बढ़ गई है....। आसमान का रंग........ समझ में .. ..नहीं आ ....रहा है। ......पानी भी ......जैसा दिखना चाहिए .......वैसा नहीं दिख रहा है.....और ये क्या ? ...... ये.... ये.....यहां ये.....मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम....... ..... ..........।“


“खट्....खट्.....खटाक।“ और इसी के साथ सुयश से रोजर का संपर्क टूट गया।

“रोजर ... रोजर....! क्या हुआ रोजर?....... तुम बोलते क्यों नहीं ? क्या दिखाई दे रहा है तुम्हें?“

सुयश लगातार वॉकी-टॉकी सेट पर पागलों की तरह चीख रहा था। जेम्स हुक ने धीरे से, सुयश के हाथों से वॉकी-टॉकी सेट ले लिया-

“आपका संपर्क रोजर से कट चुका है कैप्टन। शायद वह किसी खतरे का शिकार हो चुका है।“ सुयश अभी भी सकते की सी हालत में खड़ा शून्य में घूर रहा था। लारा ने धी र से सुयश को हिला कर शून्य से बाहर किया-

“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टन ? हेली कॉप्टर जाने के बाद, अब हमारी आखिरी उम्मीद भी टूट गई है।“ सुयश मानों सोते से जागा हो।


“रोजर ने मेरे साथ, आज तक के सफर में, ना जाने कितने खतरे देखे थे। पर आज तक मैंने उसे कभी, इतना घबराया हुआ नहीं देखा। ना जाने उसने ऐसा क्या देख लिया ? जो वह इतना घबरा गया ?“

सुयश ने धीमी आवाज में कहा। धीरे-धीरे जब सुयश सामान्य हुआ तो उसने अपने आस-पास खड़े लोगों पर नजरें डालीं । सभी के चेहरे पर दहशत और आँखों में खौफ के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।


“अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, शिप को अन्जानी दिशा में आगे बढ़ाने के सिवा।“

सुयश ने बारी -बारी सभी के चेहरों को देखते हुए कहा-
“इसलिए जिस दिशा में हेलीकॉप्टर गया था। शिप को उसकी विपरीत दिशा में मोड़कर तब तक आगे बढ़ने दिया जाये जब तक हमें वास्तविक रास्ते का पता ना चल जाए। किसी को कोई आपत्ति हो तो वो मुझे बता सकता है?“

“नहीं !“ सभी ने समवेत स्वर में कहा। तभी ब्रैंडन की निगाह सुयश की पीठ पर बने एक टैटू पर गयी। सूर्य के निशान वाला काले रंग का बिल्कुल गोल वह टैटू लगभग 8 इंच डाया मीटर का था। टैटू में बनी सूर्य की आग उगलती आकृति, सूरज की रोशनी में बहुत तेज चमक रही थी।

“आपकी पीठ पर बना टैटू बहुत शानदार है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा- “आपकी शर्ट की वजह से आज तक, यह हम लोगों को दिखायी नहीं दिया।





जारी
रहेगा..........✍️
हमेशा की तरह बहुत ही सुंदर अपडेट...


नए नए खतरे मिल रहे हैं......कुछ भी हो सकता है इस "सुप्रीम" पर


अगले रोमांचक अंक के इंतजार में
 
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