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Incest ससुराल की नयी दिशा

prkin

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prkin

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Sir/ma'am aap apni Puja krva rhe hai update ke liye pr koi baat nahi vo bhi kr hi rhe hai.
Sir hi hoon, par sir mat bulaiye.

75% Update likh Diya hai. samay mila to kal post kar dunga.
Thanks for waiting.
 
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prkin

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Will try to post tonight.
 
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prkin

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Today.
 
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ससुराल की नयी दिशा
अध्याय ३८: दिशा का लव

अब तक:

दिशा और लव ने एक बार चुदाई कर ली थी. ललिता ने उनके इस संगम को वीडियो में उतार लिया था. ललिता ने जाने से पूर्व ये दर्शा दिया था कि वो लौटेगी. दिशा ने अपनी गांड मरवाने के लिए अपनी सास के आने की इच्छा जताई. लव ने इस बार उसे घोड़ी बनाकर चोदने की इच्छा बताई.

अब आगे:
**************
दिशा:

“मम्मीजी की यही योजना होगी. अच्छा है. पर अब मैं सोच रही हूँ कि तुझसे गांड मरवाने के लिए उनके लौटने की प्रतीक्षा करना ठीक होगा.”
“इतनी देर!”
“क्यों, मेरी चूत से तेरा मन एक एक बार ही में भर गया?”
“ओह दीदी. बस कुछ ही देर में, पर इस बार प्लीज़ घोड़ी बनाकर चोदुँगा।”
“ठीक है, पर अभी पहले मैं बाथरूम होकर आती हूँ.” दिशा ने उठते हुए कहा और चली गई.
दिशा बाथरूम में गयी तो सोचने लगी कि ललिता अब कब लौटेंगी. उसका अनुमान था कि उन्हें लगभग ढाई घंटे तक लग सकता है. और इतने समय लव को रोकना कठिन होगा. अगर अभी चुदाई कर ली तो लव शीघ्र ही गांड मारने का आग्रह करने लगेगा. उसने कुछ देर विचार किया और एक निर्णय लिया. बाहर आई तो देखा कि लव बैठा हुआ था, पर उसका लंड सामान्य था. दिशा को अपनी योजना सफल होते दिखी.
“भाई, क्यों नहीं एक एक बियर हो जाये. कुछ बातें भी कर लेंगे फिर मुझे घोड़ी बनाकर चोदना।” दिशा समझती थी कि लव बियर के लिए मना नहीं करेगा.
“ठीक है दी, जैसा आप कहो.” ये कहकर लव ने दो बियर के कैन निकाले और एक दिशा को थमा दिया.
“अब बता क्या क्या चलता है अपने घर में?” दिशा ने पूछा. उसे अपनी माँ की जीवन शैली भी जानने की इच्छा थी. अगर वो उन्हें यहाँ रोकना चाहती है तो वो जानना भी आवश्यक है.
“मम्मी की तो कोई विशेष नहीं है. सप्ताह में एक या दो दिन वो मौसी के घर चली जाती हैं, या यूँ कहूं कि जाती थीं. मैं या तो साथ जाता था या बाद में.”
“दोनों के एक साथ भी चोदा है तूने?”
:हाँ, पर पहले मौसी मम्मी को चुदवाने नहीं देतीं थीं. केवल मेरा लंड और अपनी चूत और गांड चटवाने तक ही सीमित रखती थीं. पर कुछ समय पहले, उन्हें चुदवाने भी देने लगीं थीं.”
“ओह!”
“वैसे मौसी के लिए कोई कमी नहीं है. पर वो घर में केवल हम दोनों और इस बार रितेश और जयेश भैया से ही चुदवाई हैं. अन्यथा वो अपनी सहेली ममता मौसी के घर ही जाती हैं.”
“ममता मौसी, ये कौन? वो उनके साथ कॉलेज वाली? वो तो थोड़ी मोटी है न?”
“अब नहीं हैं. अब तो बिलकुल छरहरी हो गई हैं. बहुत व्यायाम जो करती हैं.”
“अच्छा कौन सा व्यायाम करती हैं?”
“चुदाई. मेरे अनुमान से वो जब कॉलेज में नहीं होती हैं तो किसी के लंड पर उछल रही होती हैं.”
“ओह! कहाँ से मिल जाते हैं उन्हें लंड?” दिशा ने आश्चर्य दिखाया.
“कॉलेज के लड़के, और कौन. तीन चार शिक्षिकाओं का समूह है जो लड़कों से चुदने में रूचि रखती हैं और एक दूसरे के साथ उन्हें साझा करती हैं. मौसी भी उनमें ही हैं. पर अधिकतर वो उन तीनों के पटाये लड़कों से ही चुदवाती हैं.”
“ओके.” दिशा सच में चकित थी.
“मम्मी के बारे में ये सब सुनकर भी अचरज होता है.” दिशा ने कहा.
“मैं कभी ममता मौसी के घर गया तो नहीं, पर उनके किस्से बहुत सुने हैं. जहाँ तक मुझे पता है, मौसी उनके स्तर के निकट भी नहीं हैं.”
“पर उनके तो पति भी हैं न? वो कहाँ हैं.”
“दुबई में, वर्ष में दो सप्ताह के लिए दो बार आते हैं. पर मुझे लगता है वो जानते हैं. न उन्होंने ममता मौसी को कभी आने के लिए कहा, न ही ममता मौसी ने इसके कोई रूचि दिखाई. अब तो वो आगंतुक (विजिटिंग) प्रोफेसर बन गई हैं तो कॉलेज दो ही घंटे के लिए आती हैं. अन्य समय अपने अन्य कार्य कलापों में ही व्यस्त रहती हैं.”
“कल मम्मी से उनके बारे में जानना होगा.” दिशा ने सोचते हुए कहा. “पर अब मेरे घोड़ी बनने का समय भी आ गया है, देखूं मेरा घुड़सवार कैसी सवारी करता है.”
ये सुनते ही लव के लंड ने अंगड़ाई ली तो दिशा का मन भी बल्लियों उछल गया. अगर उसकी सास वीडियो न बना रही होतीं तो उसकी गांड में जो जलन सी हो रही थी उसका उपचार वो लव से करवा लेती. इस दूसरी चुदाई के बाद लव को भी कुछ समय लगने वाला था जो उसके लिए नितांत आवश्यक था गांड मारने के लिए. परन्तु दिशा को विश्वास था कि लव सक्षम है. उसका ध्यान एक बार अपनी माँ की ओर गया तो नानियों के साथ थीं. और फिर अपने पति देवेश की ओर जो इस समय रिया और उसकी सास संध्या के कमरे में उनके साथ लिप्त था.
अचानक दिशा को उसकी सास के इस वीडियो बनाने का प्रयोजन भी समझ आ गया और उसका महत्व भी. कल अवश्य उन्हें कुछ नया देखने और सीखने को मिलने वाला है. ये सोचते हुए उसकी चूत कुलबुलाने लगी और उसने लव को मुस्कुराकर देखा और पलंग पर जाकर घोड़ी बन गई. लव फुदक कर खड़ा हुआ और अपनी दीदी के सुंदर पृष्ठ भाग को निहारने लगा.
लव को इस समय जो सबसे आकर्षित कर रहा था वो था उसकी दीदी की गांड का लुपलुपता हुआ भूरा छेद. अब चूँकि उसे उसके भीतर जाने के लिए रोक दिया गया था, उसी उत्सुकता और भी बढ़ गई थी. लंड से न सही वो अपनी जीभ से तो उसका आनंद ले ही सकता था. ये विचार आते ही वो आगे बढ़ा. दिशा ने सोचा कि वो अब उसे चोदने के लिए आ रहा है तो उसने अपनी दोनों टाँगे कुछ और फैला दीं. पर इससे उसकी गांड और भी उभर गई और लव को लगा कि मानो उसे उसके मन की सुन ली गई हो.
उसने जब दिशा के नितम्ब पर जीभ फिराई तो दिशा सिहर गई. ये अकस्मात जो था. पर लव उसके दोनों गोल गोल नितम्बों को बारी बारी से चाटने लगा तो उसे एक बात याद आई.
“लव, मेरी चूत में अभी भी तेरा पानी है, मेरे भाई.” दिशा ने लव को ये इसीलिए बताया कि कहीं लव उसकी चूत न चाटने लगे.
“कोई बात नहीं, दी. मेरा लक्ष्य दूसरा है. ये कहते हुए लव ने दिशा की गांड के चारों ओर ऊँगली घुमाई.
“गांड मत मारना अभी. मम्मीजी आ जाएँ, तब.”
“उम्म्म, पर स्वाद ही सकता हूँ न दी. आपकी गांड देखकर अब सहन नहीं हो रहा है. कितनी सुंदर और सुडोल है आपकी गांड.”
दिशा को ये आकर्षण समझ आ गया. उसका बेचारा भाई अब तक केवल अपनी माँ और मौसी की ही गांड देखा था, जो कुछ भी हो, आयु के चक्र से उतनी सुडोल नहीं थीं जितनी उसकी.
“ठीक है, भाई. कर ले अपने मन की.” ये कहते हुए दिशा ने अपने हाथों को पीछे किया और अपनी गांड के छेद को फैला दिया. लव की आँखें लालच से फ़ैल गयीं और उसने भूखे कुत्ते के समान दिशा की गांड को चाटना आरम्भ कर दिया.
दिशा मन ही मन हंस पड़ी. कितना उतावला था उसका भाई उसकी गांड के पीछे. और अभी उसका पाला न ही पल्लू से ही पड़ा था न रिया से. पर वो अपनी गांड में होने वाले संवेदन से आल्हादित थी. दिशा ने ये भी सोचा कि लव को अनिल से मिलकर गांड से प्रेम करने का प्रशिक्षण दिलाना उत्तम रहेगा. अभी ये युवा था और अगर अनिल के स्तर तक पहुंच गया तो उसे जीवन भर आनंद ही आनंद मिलेगा. लव की जीभ अब उसकी गांड के अंदर विचरण कर रही थी और दिशा को एक गुदगुदी भी हो रही थी. पर जो प्रेम लव दिखा रहा था वो अभूतपूर्व था.
जब लव का मन दिशा की गांड चाटने से भर गया तो वो हट गया.
“कैसा लगा रे?” दिशा ने पूछा.
“बहुत मस्त, दी. मन नहीं कर रहा था छोड़ने का पर लंड भी अब रुकने के लिए नहीं मान रहा. तो अब आपकी चुदाई करना है.” लव ने उत्तर दिया.
“तो आजा मेरे भाई और चढ़ जा इस घोड़ी पर.” दिशा ने गांड मटकाते हुए उसे निमंत्रण दिया.
लव ने अपने लंड को थामा और दिशा की चूत पर रखते हुए एक शक्तिशली झटके के साथ पेल दिया. दिशा इस आक्रमण से आगे गिर गई, पर फिर अपने पूर्व आसन में लौट आई.
“इतनी भी क्या जल्दी है? थोड़ा धीरे धक्का नहीं मार सकता था क्या?” दिशा ने कुछ आक्रोश से कहा.
“सॉरी दी, रहा नहीं गया. फिर अभी तो आपकी प्रेम से चुदाई की ही थी, तो सोचा इस बार जैसी मौसी चाहती हैं वैसी करूँ.” लव ने झिझकते हुए कहा.
“कोई बात नहीं. बस मुझे पता होता तो मैं सम्भल जाती. अब चोद मुझे जैसे मौसी को चोदता है.” दिशा ने उसे बोला तो लव को संतोष हुआ कि दिशा क्रोधित नहीं है.
इसके बाद दिशा की चूत में लव ताबड़तोड़ धक्के लगाने में जुट गया. दिशा भी उसके सामर्थ्य पर गर्व किये बिना न रह सकी. दोनों भाई बहन इस आसन में लगभग बीस मिनट तक चुदाई करते रहे. दिशा और लव दोनों को अपूर्व आनंद मिल रहा था. दिशा दो बार झड़ने के बाद इस चीत्कार के साथ झड़ी और ढीली पड़ गई. लव नो कुछ देर और धक्के मारे और फिर न जाने क्या सोचकर झड़ने से पहले लंड की गति रोकी.
“दी, कहाँ छोड़ूँ ?”
“इधर ला. मुंह में.” दिशा ने लरजते हुए कहा.
लव ने लंड को चूत से निकाला और दोनों के प्रेम रस में मिश्रण से सने लंड को दिशा के मूँह के पास ले गया. दिशा ने उसे मुंह में लेकर चूसना आरम्भ किया और कुछ ही पलों में लव ने उसके मुंह में रस की धार छोड़ दीं. दिशा ने निःसंकोच उसे पिया और फिर लंड को मूँह से निकालकर उसे चाटा और चूम लिया.
“तेरी पत्नी भाग्यशाली होगी. अच्छी चुदाई करता है. और अपने घर जाने के पहले इतना सीख लेगा कि हर स्त्री तुझसे चुदने में सुख पायेगी.”
लव दिशा के पास लेट गया और दोनों भाई बहन चुपचाप कुछ देर तक यूँ ही लेटे रहे.
फिर लव ने पूछा, “कब तक रुकना होगा?”
दिशा की हँसी छूट गई.
“बड़ी ललक है तुझे मेरी गांड मारने की! क्यों चोदने में आनंद नहीं आया क्या?”
“नहीं दीदी, बहुत. पर क्या करूँ, मम्मी और मौसी की गांड मारने के बाद जब काव्या दी की गांड मारने को मिली तो कुछ अधिक आनंद आया था. इसीलिए….”
“हाँ समझ सकती हूँ. पर तुझे तो अभी यहाँ सब महिलाओं की गांड मारने मिलेगी. अपनी नानियों की भी. और सच कहूं तो सारे लड़के उन दोनों के पीछे पागल रहते हैं.” दिशा ने समझाया.
लव के लंड ने एक झटका लिया. सरिता और पंखुड़ी को देखकर उसका भी मन मचला था. इस आयु में भी उन दोनों में एक ऐसा आकर्षण था जो समझ के परे था. हाँ, दोनों के शरीर अब ढल गए थे, परन्तु इतने भी नहीं कि आकर्षित न रहें हों. दिशा ने उसके लंड के इस उछाल को देख लिया था.
“लगता है, तेरे लंड को भी उन दोनों को नापने की उत्सुकता है. वैसे आज तेरी मौसी और नानियों के साथ तेरे दोनों भाई रितेश और जितेश हैं.”
“दोनों डबलिंग कर रहे होंगे फिर तो.” लव ने कहा.
“वो तो सामान्य सी बात है अब हमारे परिवार में.” दिशा बोली.
लव, “वैसी नहीं. दीदी. आपको पता है? मौसी एक साथ दो दो लौड़े अपनी चूत में लेकर भी चुदवाती हैं. और गांड में भी. मम्मी को भी उन्होंने दो भाइयों से चुदवाया था, लेकिन केवल चूत में. अब तक मम्मी ने गांड में दो लंड नहीं लिए हैं. पर मुझे लगता है कि अवश्य मौसी ने सरिता नानी की तो अवश्य ऐसी चुदाई करवा ही दी होगी. या आज करवा देंगी.”
दिशा आश्चर्य से अपनी माँ के इस विकृत सम्भोग के बारे में सुनकर लव को देखने लगी.
“सच कह रहा है क्या तू? मम्मी दो दो लंड गांड में लेती हैं?”
“और क्या, अभी आपकी सासू माँ आएंगी, उनसे पूछ लेना. अगर मेरा अनुमान सही है तो आज नानी की गांड फट चुकी होगी. अब बताओ न, कितना रुकना है?”
दिशा ने घड़ी देखी, “लगभग ४५ मिनट. अनुमान ही है, कुछ आगे पीछे हो सकता है. हम तब आरम्भ कर देंगे। मम्मीजी, जब आएंगी तब से रिकॉर्ड कर लेंगी. वैसी अब तुझे भी समय लगेगा, तो अधिक देर तक चोद पायेगा.”
“जी दीदी.”
दोनों लेटे हुए ही अपने विचारों में खोये रहे. दिशा अपनी माँ के बारे में सोच रही थी, तो लव अब नानियों के बारे में.
दिशा का अनुमान लगभग सही था. ललिता इस समय पल्लू और काम्या के कमरे में प्रविष्ट हुई थी. वहाँ सत्या से चुदने के बाद उसने अपनी बेटी का धन्यवाद किया कि उसने उसे आज चुदने का अवसर दिया. अपनी चूत को सहलाते हुए उसने सत्या के रज को अपनी उँगलियों में लेकर चाटा और उस कमरे के खिलाडियों से विदा ली. बैठक में आकर उसने अपने लिए एक पेग बनाया. काव्या का कथन कि नियम कोई पत्थर पर नहीं लिखें हैं, उसे भा गई. उसने कुछ समय में दिशा के कमरे की ओर जाने का निर्णय लिया.
उधर लव अब बेचैन हो चुका था. दिशा के समय के अनुमान बताये हुए आधा घंटा हो ही चुका था. उसने धीरे से अपनी उँगलियों से दिशा की चूत को छेड़ना आरम्भ किया. दिशा ने एक आह भरी. और अपने चूतड़ उठा दिए.
“मैं जानती हूँ तेरा लक्ष्य कहाँ है.” दिशा बोली. ये कहते हुए उसने पलटी मारी और फिर घुटनों के बल घोड़ी बन गई. “अब तुझे नहीं रोकूँगी”
लव की तो मानो लॉटरी लग गई. वो तुरंत दिशा के पीछे आ गया और उसकी चिकनी सुडोल गांड को निहारने लगा. अब वो अपनी दीदी की गांड मारने वाला था और इसकी उसे फिल्म भी बनानी थी. तो वो स्वयं को किसी पोर्न स्टार के समकक्ष मान रहा था. उसने दिशा के नितम्बों को सहलाते हुए उनकी गोलाई और चिकनाई का अनुभव किया. सच में इतने कठोर और मखमली नितम्ब उसे लालायित कर रहे थे. उसने दिशा की गांड को फैलाया और फिर कुछ सोचकर उठा और जाकर एक ट्यूब ले आया. आखिर भाई था दीदी की गांड मारने का अर्थ ये नहीं था कि उन्हें कष्ट दे.
दिशा ने भी ये देखा और उसे लव के इस भाव को देखकर उसके प्रति प्रेम और बढ़ गया. दिशा ने सोचा था कि लव उसकी गांड में ट्यूब का अंश डालेगा, पर ऐसा हुआ नहीं. लव ने फिर से दिशा की गांड चाटने का कार्य आरम्भ कर दिया.
दिशा ने मन में सोचा, “गांड का रसिया है मेरा भाई. इसे अनिल से सही प्रशिक्षण मिला तो ये बहुत आगे निकल जायेगा. उसने कल अनिल से इस विषय में बात करने का निश्चय किया. पर हम में से किसे अनिल इस शिक्षण के लिए चुनेगा?” तभी दिशा को अपनी गांड में एक तपती हुई जीभ का आभास हुआ. और वो जीभ उसकी गांड में चारों ओर घूमने का प्रयास कर रही थी. इतनी तंग गली में ये सम्भव न था, पर प्रयत्न करने वाला भी अपने निश्चय पर अडिग ही था.
दूसरी ओर ललिता का पेग समाप्त हो चुका था. उसने कुछ सोचा और अपने कमरे में गई जहाँ पर रागिनी और माधवी की चुदाई चल रही थी. परन्तु ललिता ने उस ओर जैसे देखा भी नहीं. उसने एक स्थान से कैमरे को खड़े रखना का स्टैंड लिया और एक बार उस समूह को देखते हुए निकल गई. उसे यहाँ लौटना ही था. पर अभी समय किसी और कमरे में जाने का था. वो बैठक से निकलते हुए दिशा के कमरे में चली गई जहाँ लव अपनी दीदी दिशा की गांड में जीभ डाले हुए था.
स्टैंड पर कैमरे को व्यवस्थित करने के बाद उसने निश्चित किया कि उसे सही कोण से बिस्तर दिखाई दे रहा है. दिशा क्योंकि घोड़ी बनी थी और लव का मुंह उसकी गांड में छुपा हुआ था तो उन दोनों को उसके आने का आभास नहीं हुआ. ललिता ने लव के तने हुए लंड को देखा और मुस्कुरा दी.
“लगता है मैं सही समय पर पहुंची हूँ.” उसने घोषणा की तो दिशा और लव उसकी और देखने लगे. दिशा को ये आश्चर्य हुआ कि उसकी सास इस समय नग्न ही थी, जो उसका सामान्य स्वभाव नहीं था. देखने पर उसे ललिता की जांघ पर कुछ बहता हुआ दिखा जो उसकी चूत की और से आ रहा था.
“लगता है मम्मीजी ने एक डुबकी लगा ही ली.” उसने मन में सोचा.
“दिशा तेरे भाई का लंड तो बहुत आकर्षक है, क्या सोचा है?” ललिता ने पूछा.
“मम्मीजी, ये मेरी गांड मारने को आतुर है, पर मैंने कहा था कि आपके आने पर ही मारने दूँगी।” दिशा ने उत्तर दिया.
“हम्म्म, अगर में उसे थोड़ा चूस लूँ तो तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा न?” ललिता ने एक अच्छी सास के समान अपनी बहू की स्वीकृति ली.
“बिलकुल नहीं, मम्मीजी.”
ललिता ने बिना उन दोनों के आसन को बदले हुए निचे बैठकर लव के लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने में जुट गई.
“हम्म्म, दिशा. तेरी चूत का ही स्वाद आ रहा है. क्या छुड़ने के बाद तुमने इसे यूँ ही छोड़ दिया था?”
“जी मम्मीजी. हम दोनों यूँ ही लेटे हुए बात करने लगे थे. फिर ध्यान ही नहीं रहा.”
“सम्भवतः मेरे लिए ही बच गया. वैसे लंड बहुत कड़क है तेरे भाई का.”
लव को बार बार मात्र दिशा के भाई के नाम से पुकारा जाना भा नहीं रहा था. पर मानो ललिता ने उसके मन की भावनाओं को पढ़ लिया.
“वैसे लव, आज तो तुम अपनी बहन को चोद लो, पर एक दिन मुझे भी अकेले चोदना, सच में तुम्हें इतना आनंद दूँगी कि अपनी माँ और मौसी को भूल जाओगे.”
“जरूर, मम्मीजी. मुझे भी अच्छा लगेगा.”
ललिता लंड चूस चुकी थी और समय नहीं गँवाना चाहती थी, उसे अगले कमरे में समय से जो पहुंचना था. लंड मुंह से निकालकर वो खड़ी हो गई.
“मस्त गांड है न तेरी दीदी की?”
“जी. मैं तो कब से तरस रहा हूँ.”
“दिशा, सुन मैं तेरे सामने आ रही हूँ. मेरी चूत में कुछ रस है उसका भी स्वाद ले ले और अपनी गांड भी मरवा ले अपने भाई से.”
“बिलकुल, मम्मीजी. वैसे किसका रस है?”
“अरे काव्या ने सत्या से चुदवा दिया.”
“ओह! तो आपको आनंद नहीं आया क्या?” दिशा ने उन्हें छेड़ा.
“ऐसा अब तक तो हुआ नहीं. पर मैंने आज सोचा था कि तुम सबको चुदाई करने दूंगी. पर काव्या ने ये हठ तोड़ दिया.”
“वो सच में आपसे बहुत प्रेम करती है मम्मीजी. आपको चुदे बिना कैसे छोड़ देती?”
ललिता दिशा के सामने आकर अधलेटी हो गई और अपनी जांघें खोल दीं, एक सफेद द्रव्य का थक्का उसकी चूत से बाहर बह निकला. दिशा ने जीभ से उसे चाट लिया. फिर पीछे देखकर लव को संकेत दिया कि अब वो गांड मार सकता है. लव ने दीदी की गांड को एक बार फटाफट चाटा और लंड को गांड के छेद पर लगा दिया.
लव ने हल्का सा ही दबाव बनाया और उसके लंड का सुपाड़ा दिशा की गांड में प्रवेश कर गया. दिशा ने गांड हिलाकर उसका स्वागत किया और अपना मुंह अपनी सास की चूत में छुपा लिया. लपलपाती जीभ ने ललिता की चूत पर आक्रमण किया तो ललिता ने भी अपनी टाँगे और फैला दीं. लव ने अपने लंड को दिशा की गांड में डालने का कार्य निर्विरोध रखा और जब तक ललिता की चूत से सत्या के रस को दिशा ने चूसा उसका लंड पूरा अपनी दीदी की गांड में समा चुका था.
“चोद बेटा, अच्छे से मार अपनी दीदी की गांड. काश मैं भी आज ही तुझसे अपनी गांड मरवा पाती पर समय नहीं है मेरे पास.” ये कहते हुए ललिता आँखें घड़ी की सुइयों पर केंद्रित थीं.
लव को किसी अन्य प्रोत्साहन की आवश्यकता तो थी नहीं, उसने भी आज इतनी तंग गांड में अपना लंड डाला था तो उसकी ऊष्मा ने लंड को गरमा दिया था. दिशा की धधकती गांड में लव का लंड मानो जलने लगा था. इसका एक ही उपाय था, लव ने अपने लंड को दिशा की गांड में अंदर बाहर करना आरम्भ किया और इससे उसे कुछ आराम मिला. दिशा भी अपने भाई के लंड को अपनी गांड में जकड़ने की चेष्टा कर रह थी.
ललिता ने अपने हाथों को बढ़ाकर दिशा के मम्मों को मसला तो दिशा का मुंह उसकी चूत से बाहर आ गया. ललिता ने उसके चेहरे को उठाया और दिशा ने उसकी इच्छा समझते हुए अपनी कोहनियों के बल होकर अपनी सास के होंठों से होंठ मिला दिए. सास बहू एक प्रगाढ़ चुंबन में बंध गयीं और बहू की गांड का मंथन अब द्रुत गति से होने लगा.
लव तो मानो एक नए ही धरातल पर था. कुछ दिन पहले अगर उसे कोई कहता किवो अपनी प्यारी दीदी दिशा की गांड भी मारेगा तो वो उसे हंसकर ताल देता. पर उसकी आँखों के सामने उसकी दीदी उसकी सास के साथ मुख मैथुन कर रही थी और वो स्वयं अपनी दीदी की गांड मार रहा था. अवश्य उसकी मौसी और माँ भी यूँ ही कहीं चुदवा रही होंगी.

“अपने भाई से गांड मरवाने का आनंद विलक्षण होता है. है न दिशा? जब पहली बार भानु ने मेरी गांड मारी थी, तब मैंने न जाने अपनी चीख रोकी थी. तू तो अपनी खुली हुई गांड मरवा रही है, पर तब तो मेरी गांड अछूती थी, पर भैया ने बहुत प्रेम से खोली थी. वैसे लव क्या इससे भी अधिक गति से मार सकता है तेरी गांड?” ललिता ने दिशा के मुंह को चाटते हुए पूछा. दिशा का पूरा चेहरा ललिता के थूक से गीला हो गया.
“मैं क्या जानूँ मम्मीजी, आप ही पूछो उससे.” दिशा ने इस बार उनके चेहरे पर जीभ फिराते हुए बोला।
लव सुन चुका था और उसने बिना कुछ कहे ही अपनी गति और बढ़ा दी और लम्बे लम्बे धक्कों के साथ दिशा की गांड मारने लगा.
“लड़का समझदार है.” ललिता बोली तो सास बहू हंस पड़ीं.
“भाई जो है मेरा.” दिशा के स्वर में गर्व था. उसने ये कहते हुए ललिता के बड़े बड़े मम्मों को चाटना आरम्भ कर दिया.
दस मिनट इस आसन में गांड मारने के बाद ललिता ने कहा, “अब इसके लंड पर चढ़कर चुदवा नहीं तो तक जायेगा.”
वो हटी और लव जाकर लेट गया. ललिता ने दिशा को सहारा देकर लव के लंड पर बैठाया और फिर से दिशा की गांड में मंथन होने लगा. चूँकि दिशा की पीठ लव की ओर थी तो उसकी चूत अब सामने थी. ललिता ने घड़ी देखी और अपनी बहू की चूत को चाटने लगी. अब दिशा के लव के लंड पर उछलने से ललिता का मुंह और जीभ उसकी चूत और लव के लंड दोनों पर थिरक रही थी. दिशा की तंग गांड में जिस प्रकार से लव का लंड अंदर बाहर हो रहा था वो उसके लिए बहुत ही आनंददायक था और उसका लंड दो बार झड़ने के बाद भी फिर से फूलने लगा. दिशा को इसका आभास हो गया.
“मम्मीजी, लव का होने ही वाला है. क्या करूँ?”
“झड़ने दे बच्चे को. बेचारा तड़प रहा होगा.” ललिता ने कहा तो लव ने भी हुंकार सी भरी.
“दीदी, अब नहीं रुक सकता.”
“तो छोड़ दे भाई अपना पानी मेरी गांड में.” दिशा ने उसे बोला।
“हाँ, बेटा। निकाल अपना पानी अपनी दीदी की गांड में.” ललिता ने भी हाँ में हाँ मिलायी.
और ये सुनना ही था कि लव के लंड से धारा छूटी और दिशा की गांड को सींचने लगी. दिशा अब भी उसके लंड पर उछल रही थी तो स्वतः ही वो रस उसकी गांड से बाहर भी निकलने लगा. ललिता ने अपनी जीभ नहीं हटाई और दिशा भी अचानक ही रुकी और उसकी चूत से पानी छूटने लगा. ललिता ऐसा अवसर तो खो ही नहीं सकती थी. उसने अपनी प्यारी बहू के रस को पी लिया. दिशा की गांड में पानी जा रहा था और चूत से निकल रहा था.
जब भाई बहन शांत हुए तो दिशा उसके लंड से उतर गई. और एक ओर जा लेटी। ललिता ने तुरंत ही लव के लंड को चाटकर चमकाया और दिशा की गांड को भी चाटकर सुखा दिया. पर अब उसका इस कमरे में समय समाप्त हो चुका था. अगला कमरा उसकी राह देख रहा था.
उसने अपना मुंह पोंछा और दिशा और लव से विदाई ली. कैमरे को स्टैंड से हटाया और दोनों उपकरण लेकर अपने अगले गंतव्य की ओर चल पड़ी.
रात अभी शेष थी.

क्रमशः
 

prkin

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Update Posted.

Enjoy.

Comment and next update will come fast.
 

prkin

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Fabulous story 👌👌👌 extreme incest, incest ka baap 💯🔥🔥🔥🔥🔥🔥
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Raji

Update Posted.

Enjoy.
 
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