Update 8
भाभी जी - कहां चले गए आप जीजू?
शायद मेरी सलहज चाहती थी कि मैं उसकी बेहतरीन गांड़ कि तारीफ करूं, उसे बताऊं कि उसकी मस्त गांड़ की पिक्चर देख कर मेरा लन्ड तन गया है और मैं उसकी गांड़ की दरार में अपना लोड़ा डालना चाहता हूं लेकिन मेरे लिए अभी ये सब कहना मुमकिन नही था,
मैं - बस आपकी ननद को थोड़ा प्यार करने में बीजी हो गया था क्योंकि आप ऑफलाइन हो गए थे
भाभी जी - hehehe प्यार करने या उनसे मिठाई खाने?
मैं - hmm सही कहा आपने
भाभी जी - लेकिन मिठाई खाने के बाद क्या करने लगे थे जो अपनी भाभी जान की याद नही आई?
मैं - कही भी तो नहीं, अभी तो मिठाई खाने का कार्यक्रम पूरा हुआ है
भाभी जी -
मैं - क्या
भाभी जी - मेरी ननद रानी को इतना मत सताया करो।
मैं - सताया मैंने नही आपने है,
भाभी जी - मैंने कैसे सताया?
मैं - क्योंकि आपकी पिक देख कर मुझे महसूस हुआ कि मुझे भी मिठाई खानी चाहिए
भाभी जी - छोड़ो ये सब और कुछ बताइए
मैं - वैसे पिक्चर मैं काफी सुंदर दिख रहे हो,
अब मैं यही गलती कर बैठा था क्युकी जो pic भाभी ने भेजी थी उसमे उनके चहरे से ज्यादा उनकी गांड़ पर फोकस था और ये बात भाभी जी को भी पता थी
भाभी जी - झूठ नहीं बोलना चाहिए, अभी आपके भाई उठ गए हैं कल बात करती हूं,good night जीजू
मैं - good night माय स्वीट भाभी जान
और फिर हम सो गए,
सुबह उठते ही मैंने मोबाइल चैक किया तो भाभी जी का एक msg था
भाभी जी - hi good morning जीजू जान, उठे नही अभी तक महाराज
मैं - hmm महाराज को रात उसके छोटे सिपाही ने बहुत परेशान किया क्योंकि किसी ने कल एक पिक भेजी थी जिसमे एक बहुत ही खूबसूरत और विशालकाय मैदान था जिसमे मेरा सिपाही दौड़ लगाना चाहता है
अब मैं एक कदम और आगे बढ़ चुका था और मैने उसको बता दिया था कि उसकी गांड़ कि पिक ने मेरे लन्ड को खड़ा रखा क्योंकि मैं अपना लन्ड उसकी गांड़ में डालना चाहता हूं
अब मुझे मेरी भाभी जान के रिप्लाई का इंतजार था...
भाभी जी - जीजू आप अपने सिपाही को समझाओ कि जिस मैदान में वो दौड़ लगाना चाहता है उस मैदान में किसी और का सिपाही दौड़ लगाता है
मैं - मैंने समझाया है भाभी जी मगर इसे लगता है कि ये उस सिपाही से ज्यादा ताकतवर है तो मैदान ये जीत लेगा।
भाभी जी - जी नहीं जीजू आपके भाई का"सिपाही" भी काफी बड़ा है
ये मेरे लिए एक झटका था क्योंकि अगर साले का लन्ड बड़ा और ताकतवर है तो दीप्ति मेरे लोड़े पर नही बैठेगी आराम से,,,,
मैने थोड़ा मायूस होकर जवाब दिया
मैं - फिर मैदान के मालिक को तो वो सिपाही पसंद होगा
भाभी जी - पसंद है सिपाही मगर वो दौड़ता कभी कभी है
अब मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि दीप्ति ने मुझे बता दिया कि उसकी चू त कि सर्विस रोज नही होती।
और इसलिए दीप्ति मेरे साथ इतना आगे आई है शायद उसका भी अंतिम लक्ष्य चुदाई कराना ही था
अब मैंने बात आगे बढ़ाई
मैं - रोज दौड़ने वाला सिपाही बहुत ज्यादा बड़ा है क्या?
भाभी जी - बहुत
मैं - कितना
भाभी जी - इतना कि मैदान कि पूरी गहराई नाप देता है
अब मैं क्या बोलता मेरा लन्ड तो बस 7 इंच का ही था
मैं - फिर भी, क्या मैं अंदाजा लगा सकता हूं
अब मुझे पता नहीं क्यों मैदान के बारे में पूछना चाहिए था लेकिन मैं सिपाही के लिए बोल रहा था शायद मेरे कॉन्फिडेंस के लिए जरूरी था
मैं इंतजार कर रहा था भाभी जी के रिप्लाई का मगर कोई रिप्लाई नही आया शाम तक, रात में रिप्लाई आया
भाभी जी - 5
मैं - 5 क्या है ये
भाभी जी - जो सुबह पूछा था
मुझे बड़ी खुशी हुई फिर मैंने शरारत की
मैं - 5 सिपाही?
भाभी जी - इंच
Omg भाभी मुझे मेरे साले के लन्ड का साइज बता रही थी
मैने लन्ड को मसला और रिप्लाई किया
मैं - 5 इंच क्या भाभी जी?
भाभी जी अब खुल रही थी
भाभी जी - आपके साले साब का सिपाही मेरे प्यारे जीजू, डर गए क्या?
मैं भी अब खुलना चाहता था
मैं - मेरे पास 7 इंच का सिपाही हैं मेरी प्यारी भाभी जी।
और मैने अपने लन्ड का साइज भाभी जी को बता दिया।
भाभी जी - झूट बोले कौआ काटे
फिर मैंने वो स्टेप लिया जो बहुत खतरनाक साबित हो सकता था