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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Update 63



मै पापा को बोलकर खुशी खुशी कोमल के घर की तरफ जाने लगा ।
घर पहुचा तो मेन गेट पहले की तरह खुला ही था लेकिन कोई नजर नही आ रहा था आज भी ।
मै हाल से होते हुए आस पास के सभी कमरे देखे जिसमे से सिर्फ एक कमरा खुला था तो मै उस तरफ गया और कमरे मे देखा तो वहा भी कोई नही था , और कमरे की हालत देख कर साफ पता चल रहा था कि ये मनोज का कमरा है , बेड पर मनोज का बैग ही पडा था ।

मै फिर कमरे से बाहर होकर हाल के आगे आगन मे गया जहा से किसी के कपडे धुलने की आवाज आ रही थी साथ मे सरफ की भीनी भीनी खुशबू फैली हुई थी ।

मै मन मे - वहा कौन हो सकता है आगन मे , कही विमला मौसी कपडे धुल तो नही रही है । अगर वो धुल रही है तो क्या पहनी होगी , उनकी सरफ के झाग से भीगी चुचिया और गोरी पिंडलि कैसी दिख रही होगी ।
ये सब सोच कर मेरा लण्ड टनटनाने लगा ।

मै दबे पाव धीरे धीरे गैलरी से होकर पीछे आगन की तरफ जाने लगा और जैसे ही मै गैलरी के मुहाने पर पहुंचा मेरी नजर एक लडके पर गयी जो नल के आगन की चारदिवारी से लग कर एक मोके से अंदर देखते हुए अपना लण्ड हिला रहा था ।

मै मन मे - अरे तो मनोज है और ये किसको देख कर हिला रहा है

मै मुस्कुरा कर मन मे - यार सारे घर के लडके अब ऐसे ही होते है , मै तो सोचता था कि एक मै ही मादरचोद हू लेकिन देख रहा हू आजकल सब अपने घर की माल को घर मे ही चोदने को बेताब हैं ।

मैने मनोज के लण्ड पर गौर किया तो वो 6 इन्च के करीब लम्बा था लेकिन मोटा ज्यादा नही था , तभी उसके मुह से सिसकियाँ निकलने लगी और वो आंखे बंद करके झडने लगा - आह्ह मा अह्ह्ह अह्ह्ह आह्ह

मै गैलरी से ही अंदर की तरफ देख रहा था
उसकी सिस्कियो से आगन मे बैठी विमला ब्लाउज पेतिकोट मे बाहर आई , उसका पेतिकोट निचे से पुरा भीगा हुआ था और हाथ भी गीले थे

विमला गुस्से से मनोज को देखते हूए - तू आज फिर से उसी गंदी चीज़ मे लग गया ,, अभी परसो मुझसे वादा किया था ना

मनोज की जैसी फत कर हाथ मे आ गई और मै भी चौक गया कि विमला को पता है कि उसका बेटा उसको देख कर अपना लण्ड हिलाता है

मनोज अपना सर निचे कर लिया
विमला थोडा भावुक होकर - बेटा अब तू ही तो एक सहारा है मेरा ,,और तू अगर अपने चाचाओ जैसे मुझसे पेश आयेगा तो मेरा जीना बेकार है,,इससे अच्छा है कि मै मर जाऊ

मनोज झट से विमला के पैर पकड कर रोने लगा - मा प्लीज ऐसा मत कहो , मै भी मर जाऊंगा आपके बिना

फिर विमला ने मनोज को खड़ा किया - बेटा तू समझता क्यू नही , ये सब गलत है मै मा हू तेरी , कल को किसी को पता चला तो क्या मुह दिखाऊंगी मै किसी को

मनोज सर झुकाये खड़ा रहा और उसका लण्ड पूरी तरह से मुरझा गया था लेकिन अभी भी पैंट की चैन से बाहर लटका हुआ था ।

विमला मनोज के आखो से बहते आसुओ को देख कर पिघल गयी , आखिर एकलौता बेटा था वो उसका
विमला मनोज की तरफ मुस्कुरा कर देखी और बोली - तू खुद देख अभी ढंग से तेरा छुटकू बड़ा भी नही हुआ और तू ऐसे ऐसे काम करता है
विमला मनोज के मुरझाए लण्ड की तरफ इशारा करते हुए बोली

मनोज को भी हसी आई - मा वो आप डांट रही हो तो छोटा हो गया है
विमला हसते हुए - चल उसे अन्दर कर अभी
मनोज मुस्कुरा कर अपने आसू पोछे और अपना लण्ड अन्दर कर लिया

विमला - अब आगे से ये सब मत करना बेटा , खा मेरी कसम
मनोज निराश मन से - मा बहुत तकलीफ होती है सोने मे रात को

विमला - क्यू तकलीफ कैसी
मनोज - वो रात मे खड़ा होता है ना
विमला - क्या सोचता है तू ऐसा , कही तू गंदी फिल्मे तो नही देख रहा है ना

मनोज - नही मा मै नही देखता
विमला - फिर कैसे तुझे दिक्कत हो रही है या तो तू किसी के बारे मे सोचता होगा , कोई लडकी मे दोस्त वोस्त है तेरी

मनोज - नही मा ऐसा कुछ नही है वो तो मै
विमला - बोल कुछ आगे
मनोज - वो मुझे आपकी याद आती है रात मे इसलिये
विमला हस के - मेरी याद क्यू ,मै तो इसीघर मे हू
विमला थोडा सोचने के भाव मे - कही तू मुझे लेके वो सब गंदी हरकते नही सोचता है ना

मनोज एक दम चूप था
विम्ला थोडे गुस्से मे - हे राम अभी क्या कम तकलीफ थी मेरी जिन्दगी मे जो आप उसे और नर्क बना रहे है
विमला - अभी तू जा यहा से मेरा सर घूम रहा है मै बाद मे बात करती हू तुझसे

मै भी समझ गया कि मुझे यहा से हट जाना चाहिये और मै वापस हाल मे आकर बैठ गया ।
तभी सामने गैलरी से मनोज आता हुआ दिखा और मुझे देख कर सहम गया

मै हस्ते हुए - और मनोज भाई कैसा है
मनोज थोडा सहम कर - ठी ठी ठीक हू भाइया ,,आप यहा कैसे

मै - अरे वो मै मौसी को मिलने आया था तो यहा कोई दिखा नही , तो सोचा यही बैठ कर इन्तेजार कर लेता हू

मै - कहा है सब कोई दिख नही रहा है
मनोज थोडा शांत हो कर - वो दीदी बगल मे सिलाई कढ़ाई सेंटर गयी होगी और मा तो अन्दर नहा रही है

इतने मे अन्दर से विमला की आवाज आई - कौन आया है मनोज

मनोज गैलरी की तरफ मुह करके - राज भैया आये है मा

तभी गैलरी से दौड़ते हुए विमला आई , वो ब्लाउज मे हिलते चुचे देखकर वापस मेरा लण्ड खडा होने लगा

विमला मुझे देख के खुश होते हुए - अरे राज बेटा तू
मै उठ कर उसके पाव छुए और उसके कपड़ो से अब भी सरफ की खुशबू आ रही थी

विमला खुशी से- खुश रह मेरे लाल
विमला - वो मै थोडे कपडे धुल रही थी तो ऐसे ही चली आई ,मनोज तू इसे बिठा कर पानी पिला मै आती हू
मनोज - जी मा

फिर मनोज किचन मे चला गया और विमला घूम कर गैलरी की तरफ गयी , ओह्ह उसके चुतड भीगी हुई पेतिकोट से चिपके हुए थे और पूरी घाटी का दिदार मेरे सामने था

मै वापस सोफे पर बैठ गया
मनोज मेरे लिए पानी लेके आया इधर हम दोनो थोडी बहुत बाते किये । कि विमला हाल मे वापस आ गई उसने काटन की एक मैकसी पह्नी हुई थी लेकिन उसमे भी उसका भरा गदराया बदन खुल कर दिख रहा था और उपर के बटन खुले थे तो छातियो की घाटी साफ दिख रही थी ।
विमला - और बता बेटा कैसे है सब घर पर
मै - सब ठीक है मौसी आप बताओ
विमला एक नजर मनोज को देख कर - जो भी है बेटा अब ठीक ही है क्या कर सकते है
वही अपनी मा की बात सुन कर मनोज का चेहरा मुरझा गया ।

मै मुस्करा कर - अरे मौसी चिन्ता ना करो जल्द ही सारी तकलीफे दूर जायेगी
विमला चेहरे पर खुशी का भाव लाकर - हा बेटा हो जाये तो अच्छा ही हैं

मै - मौसी मुझे आपसे जरुरी बात करनी है
मै मनोज को देख कर बोला
विमला - मनोज तू जा नहा ले मुझे राज के साथ कुछ जरुरी बात करनी है आ बेटा कमरे मे जाते है ।

मनोज थोडा गंभीर होकर कुछ सोचने लगा तो मैने उसके कन्धे पर हाथ रख कर- भाई चिन्ता मत कर , ये सब तेरे लिए ही हो रहा है और समय आने पर तुझे मौसी बता देंगी ।

मनोज खुश होकर - जी भैया
फिर हम दोनो कमरे मे चले गए और विमला मे सारे खिडकी दरवाजे बंद कर दिये

विमला - हा अब बोल बेटा क्या बात है
मै ह्स्ते हुए - ऐसे थोडी ना पहले चुम्मी दो मुझे
मै उसके तरफ गाल करते हुए कहा
विमला खुश होकर मेरे एक गाल पे किस्स की
विमला - हा अब बोल
मै दुसरा गाल आगे कर - इसपर भी
विमला मुस्कुरा कर मेरे चेहरे को थामा और मेरे दुसरे गाल को चूम लिया फिर मेरे चेहरे को सीधा करके लिप टू लिप किस्स दिया और फिर मेरे लिलार पर किस्स करके - देख हो गया सब अब बता

मै हस कर अपने होठो को साफ करते हुए - अरे वाह मौसी आप बहुत मीठी चुम्मी देती हो
विमला शर्मा गयी - धत्त बदमाश, चल अब बता क्या बात है

मै - खुशखबरी है मौसी खुशखबरी
विमला खुश होकर - अरे तो बता ना क्या हुआ , भाईसाहब ने कुछ किया क्या
मै - अरे कुछ नही मौसी बहुत कुछ,, आज दोपहर मे ही पापा को आपके घर के कागज मिल गये ।

विम्ला खुशी से आसू छलका दी - सच कह रहा है तू बेटा

मै खुसी से - हा मौसी सच है और मै पापा से मिलकर और आपके कागज की फ़ाईल देख कर ही आया हू
विमला खुशी से मेरे माथे को चूम लेती है और मुझे अपने सीने से लगा लेती है
उसके सीने से लगते ही मुझे आभास हो जाता है कि मैक्सि के अन्दर विमला ने कुछ नही पहना था और मै भी उसके मुलायम चुचो मे अपना चेहरा घिस लेता हू

मै - अरे बस करो और सुनो पापा ने कुछ कहा है आपसे
विमला मुझसे अलग होकर - हा बोल ना बेटा

फिर मै विमला को पापा ने आज जो मुझे बताया वो सब मैने उसे बताया और इस बात की चेतावनी भी दी कि भूल से भी इस बात की चर्चा अपने देवरो के सामने ना करे ।

विमला - अरे वाह बेटा तेरे पापा तो बहुत छिपारुस्तम निकले हिहिही
मै - हा लेकिन मैने जो बताया उसको ध्यान रखना और अपने हिसाब से ही मनोज को कुछ बताना

विमला - और कोमल को
मै - उसे तो सारी बाते बता देना , आखिर उसी की पहल से ही सब हुआ है न

विमला - नही बेटा इसमे सबसे बड़ा योगदान तेरा है तू ना होता तो शायद मेरी बेटी भी किसी और से ये बाते ना कहती

मै - अब सारी टेनसन छोडो और कुछ ही दिनो मे हमारा प्लान काम करना शुरू हो जायेगा

विमला - वैसे भाईसाहब ने अच्छी तरकिब लगाई है
मै - हम्म्म तब मेरा इनाम हिहिहिही
विमला - बोल ना क्या चाहिये तुझे
मै - आपके मीठी पप्पी का स्वाद हाहाहाहहा
विमला - बद्माश कही का , चल आ देती हू तुझे
फिर विमला मेरे चेहरे को थामी और उपरी होठ को चुसने लगी , जिससे मेरे होठो की पकड मे विमला के मोटे रसिले निचले होठ आ गये और मै उन्हे चूसने लगा ।
फिर हम अलग हुए और हस्ते हुए अपने होठ पोछ रहे थे

विमला - अब खुश
मै - हा अभी के इतना ठीक है आगे फिर कभी मन किया तो
विमला - जब कहेगा तब तुझे अपने मीठी चुम्मी दूँगी मेरे लाल

मै - सबके सामने भी
विमला - हा तो , अपने बेटे को प्यार करने मे मुझे कोई दिक्कत नही हिहिहिही
फिर हम हसने लगे
फिर मै उनसे विदा होकर घर वापस आ गया और मा को सारी बाते बताई जिससे मा भी खुश हो गयी ।
आज शाम लेट होने की वजह से मेरी कोचिंग छूट गयी थी और अभी 5 वज रहे थे

मै - मा चलो ना आज का कोटा पूरा कर के
मा मुस्कुरा कर - धत्त पागल शाम हो गयी है और अभी सोनल आती होगी

मै - मा भी 5 ब्जे है मै अनुज को बुला देता हू फिर हम छत पर जाकर

मा मुस्कुरा कर - ठीक है बुला फिर
मै अनुज को बुलाने छत पर गया और निचे जाने को बोला

मै - छोटे निचे जा और मा को भेज दे मुझे भूख लगी है
अनुज - ठीक है भैया
फिर अनुज निचे दुकान मे गया और मा उपर आई और उपर कमरे मे जाकर मा ने झटपट अपनी साडी पेतिकोट उठा कर अपनी पैंटी निकालने लगी
मा की जल्दबाजी देख कर हस्ते हुए - अरे आराम से मा इत्नी भी क्या जल्दी है

मा मेरे करीब आकर पैंट के उपर से लण्ड को सहलाते हुए - तेरे मोटे मुसल को जितना जल्दी अपनी चुत मे लेलू उतना ही मज़ा आता है ।

मै मा को बिस्तर पर धकेल दिया और मा ने अपनी साड़ी पेतिकोट कमर तक उठा कर जन्घे खोल दी जिससे उनकी हलकी झाटो वाली चुत मेरे सामने आ गई
मै झट से अपना पैंट और अंडरवियर निकाल कर मा के भोस्डी को देखते हुए अपना लण्ड आगे पीछे करते हुए बिस्तर पर आ गया और लेट चुत पर मुह लगा दिया
मा अपने चुत के होठो पर मेरे होठो का स्पर्श पाकर उत्तेजना से अपनी कमर उचकाने लगी

मा - ओह्ह्ह बेटा तू तो एक नं का खिलाडी है तेरे चुत चाटने मे एक अलग ही नशा होता है अह्ह्ह्ह मेरे लाल उह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं सीईईई इसस अह्ह्ह अह्ह्ह

मै अपना मुह मा की पिचपिचाती चुत मे दबाए उन्के दाने पर जीभ घुमा रहा था और बीच बीच में आइसक्रीम की तरह चुत को नीचे से उपर की तरफ चाट रहा था ।
फिर मै अपना लण्ड हिलाते हुए मा के सीने पर बैठ गया और उन्के मुह पर अपना मोटा मुसल पटकने लगा

मा मुह खोल कर जीभ से मेरे लण्ड को झपटती लेकिन वो मेरे सुपाडे से सरक जाती
फिर मै खुद को पीछे कर मा के मुह लण्ड को उतार दिया मानो चुत मे उतारा हो और गले तक ले जाने के बाद अपने हाथो के बल आगे झुक कर कमर हिलाते हुए मुह मे पेलना सुरु कर दिया

मा मेरे आड़ो को सहलाते हुए लण्ड को मुह मे भरने लगी और गुउउउऊ गुउउऊ करनें लगी । जब मा को घुटन हुई तो वो मेरे पेड़ू पर हाथ रख कर धकेली और मै लण्ड निकाल कर बगल मे आ गया

मा थोडा खासने के बाद मुस्कुरा कर - अह्ह्ह बेटा अब ऐसे ही बेरहमी से मेरे चुत मे भी पेल दे

मै झुक कर मा के होठो को चूम कर उसके खुले जांघो के बीच आ गया और लण्ड को बुर पर लगा कर एक तेज धक्के से अन्दर की तरफ पेल दिया

मा - अह्ह्ह बेटा उह्ह्ह उह्ह्ह अब रुका क्यू है चोद ना मेरे लाल अह्ह्ह आह्ह ऐसे ही आह्ह उम्म्ं मा ह्य्य्य्य मज़ा आ रहा है अह्ह्ह बेटा आह्ह
फिर मै तेजी को चोदने लगा और मा मेरे लण्ड को निचोडना शुरू कर दी
मै - अह्ह्ह मा ऐसे ना करो मै जल्दी झड़ जाऊंगा
मा - हय्य अह्ह्ह आह्ह तो झड़ जा नाअह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ आह्ह मा आह्ह मा देखह्ह मै झड़ रही हहह अह्ह्ह अह्ह्ह पेल मेरे बच्चे अप्नी मा को आह्ह और और अह्ह्ह आह्ह हय्य्य मा

मा तेजी से गाड़ पटकने लगी
और मै तेजी से मा की चुत मे घ्प घप घपा घ्प घपा घ्प पेलने लगा

मै - आह्ह मा मै आ रहा हू अह्ह्ह
मा - जल्दी से मेरे मुह मे भर देते बेटा ला
मै झट से लण्ड निकाला और मेरा लण्ड झटके खाते हुए मा के पुरे बदन और कपडे पर वीर्य गिरने लगा और मा के मुह तक जाते जाते सारा माल मा की चुचियो और गरदन तक ही गिर गया लेकिन फिर भी मा ने मेरे लण्ड को मुह मे लेके अच्छे से चुस कर साफ किया और फिर हम लेट गये

मा हसकर हाफते हुए - आज फिर तुने मेरे कपड़े खराब कर दिये
मै हाफ्ते हुए - सॉरी मा वो मै बस झडने के करीब था तो ..

मा मुस्कुरा कर - कोई बात न्ही बेटे मै अभी जाकर कपड़े बदल लुंगी और साफ कर लुंगी ।

फिर मा चली गयी और मै भी अपने कपडे पहन कर वही चादर ओध कर सो गया ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

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सोनल को उसका बाप का लंड चुस्वाओ तो मज़ा आ जाए।
कोमल और विमला का भी मस्ती

आज का अपडेट बढ़िया था
मनोज को भी राज के साथ दोस्ती करवाओ और फिर उसको कोमल को पटा कर चुदाई करवा दो


Apki pratikriya k liye dhanywaad bhai
Sb hoga sabr ke sath pdhte rhe
 

Nevil singh

Well-Known Member
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Update 63



मै पापा को बोलकर खुशी खुशी कोमल के घर की तरफ जाने लगा ।
घर पहुचा तो मेन गेट पहले की तरह खुला ही था लेकिन कोई नजर नही आ रहा था आज भी ।
मै हाल से होते हुए आस पास के सभी कमरे देखे जिसमे से सिर्फ एक कमरा खुला था तो मै उस तरफ गया और कमरे मे देखा तो वहा भी कोई नही था , और कमरे की हालत देख कर साफ पता चल रहा था कि ये मनोज का कमरा है , बेड पर मनोज का बैग ही पडा था ।

मै फिर कमरे से बाहर होकर हाल के आगे आगन मे गया जहा से किसी के कपडे धुलने की आवाज आ रही थी साथ मे सरफ की भीनी भीनी खुशबू फैली हुई थी ।

मै मन मे - वहा कौन हो सकता है आगन मे , कही विमला मौसी कपडे धुल तो नही रही है । अगर वो धुल रही है तो क्या पहनी होगी , उनकी सरफ के झाग से भीगी चुचिया और गोरी पिंडलि कैसी दिख रही होगी ।
ये सब सोच कर मेरा लण्ड टनटनाने लगा ।

मै दबे पाव धीरे धीरे गैलरी से होकर पीछे आगन की तरफ जाने लगा और जैसे ही मै गैलरी के मुहाने पर पहुंचा मेरी नजर एक लडके पर गयी जो नल के आगन की चारदिवारी से लग कर एक मोके से अंदर देखते हुए अपना लण्ड हिला रहा था ।

मै मन मे - अरे तो मनोज है और ये किसको देख कर हिला रहा है

मै मुस्कुरा कर मन मे - यार सारे घर के लडके अब ऐसे ही होते है , मै तो सोचता था कि एक मै ही मादरचोद हू लेकिन देख रहा हू आजकल सब अपने घर की माल को घर मे ही चोदने को बेताब हैं ।

मैने मनोज के लण्ड पर गौर किया तो वो 6 इन्च के करीब लम्बा था लेकिन मोटा ज्यादा नही था , तभी उसके मुह से सिसकियाँ निकलने लगी और वो आंखे बंद करके झडने लगा - आह्ह मा अह्ह्ह अह्ह्ह आह्ह

मै गैलरी से ही अंदर की तरफ देख रहा था
उसकी सिस्कियो से आगन मे बैठी विमला ब्लाउज पेतिकोट मे बाहर आई , उसका पेतिकोट निचे से पुरा भीगा हुआ था और हाथ भी गीले थे

विमला गुस्से से मनोज को देखते हूए - तू आज फिर से उसी गंदी चीज़ मे लग गया ,, अभी परसो मुझसे वादा किया था ना

मनोज की जैसी फत कर हाथ मे आ गई और मै भी चौक गया कि विमला को पता है कि उसका बेटा उसको देख कर अपना लण्ड हिलाता है

मनोज अपना सर निचे कर लिया
विमला थोडा भावुक होकर - बेटा अब तू ही तो एक सहारा है मेरा ,,और तू अगर अपने चाचाओ जैसे मुझसे पेश आयेगा तो मेरा जीना बेकार है,,इससे अच्छा है कि मै मर जाऊ

मनोज झट से विमला के पैर पकड कर रोने लगा - मा प्लीज ऐसा मत कहो , मै भी मर जाऊंगा आपके बिना

फिर विमला ने मनोज को खड़ा किया - बेटा तू समझता क्यू नही , ये सब गलत है मै मा हू तेरी , कल को किसी को पता चला तो क्या मुह दिखाऊंगी मै किसी को

मनोज सर झुकाये खड़ा रहा और उसका लण्ड पूरी तरह से मुरझा गया था लेकिन अभी भी पैंट की चैन से बाहर लटका हुआ था ।

विमला मनोज के आखो से बहते आसुओ को देख कर पिघल गयी , आखिर एकलौता बेटा था वो उसका
विमला मनोज की तरफ मुस्कुरा कर देखी और बोली - तू खुद देख अभी ढंग से तेरा छुटकू बड़ा भी नही हुआ और तू ऐसे ऐसे काम करता है
विमला मनोज के मुरझाए लण्ड की तरफ इशारा करते हुए बोली

मनोज को भी हसी आई - मा वो आप डांट रही हो तो छोटा हो गया है
विमला हसते हुए - चल उसे अन्दर कर अभी
मनोज मुस्कुरा कर अपने आसू पोछे और अपना लण्ड अन्दर कर लिया

विमला - अब आगे से ये सब मत करना बेटा , खा मेरी कसम
मनोज निराश मन से - मा बहुत तकलीफ होती है सोने मे रात को

विमला - क्यू तकलीफ कैसी
मनोज - वो रात मे खड़ा होता है ना
विमला - क्या सोचता है तू ऐसा , कही तू गंदी फिल्मे तो नही देख रहा है ना

मनोज - नही मा मै नही देखता
विमला - फिर कैसे तुझे दिक्कत हो रही है या तो तू किसी के बारे मे सोचता होगा , कोई लडकी मे दोस्त वोस्त है तेरी

मनोज - नही मा ऐसा कुछ नही है वो तो मै
विमला - बोल कुछ आगे
मनोज - वो मुझे आपकी याद आती है रात मे इसलिये
विमला हस के - मेरी याद क्यू ,मै तो इसीघर मे हू
विमला थोडा सोचने के भाव मे - कही तू मुझे लेके वो सब गंदी हरकते नही सोचता है ना

मनोज एक दम चूप था
विम्ला थोडे गुस्से मे - हे राम अभी क्या कम तकलीफ थी मेरी जिन्दगी मे जो आप उसे और नर्क बना रहे है
विमला - अभी तू जा यहा से मेरा सर घूम रहा है मै बाद मे बात करती हू तुझसे

मै भी समझ गया कि मुझे यहा से हट जाना चाहिये और मै वापस हाल मे आकर बैठ गया ।
तभी सामने गैलरी से मनोज आता हुआ दिखा और मुझे देख कर सहम गया

मै हस्ते हुए - और मनोज भाई कैसा है
मनोज थोडा सहम कर - ठी ठी ठीक हू भाइया ,,आप यहा कैसे

मै - अरे वो मै मौसी को मिलने आया था तो यहा कोई दिखा नही , तो सोचा यही बैठ कर इन्तेजार कर लेता हू

मै - कहा है सब कोई दिख नही रहा है
मनोज थोडा शांत हो कर - वो दीदी बगल मे सिलाई कढ़ाई सेंटर गयी होगी और मा तो अन्दर नहा रही है

इतने मे अन्दर से विमला की आवाज आई - कौन आया है मनोज

मनोज गैलरी की तरफ मुह करके - राज भैया आये है मा

तभी गैलरी से दौड़ते हुए विमला आई , वो ब्लाउज मे हिलते चुचे देखकर वापस मेरा लण्ड खडा होने लगा

विमला मुझे देख के खुश होते हुए - अरे राज बेटा तू
मै उठ कर उसके पाव छुए और उसके कपड़ो से अब भी सरफ की खुशबू आ रही थी

विमला खुशी से- खुश रह मेरे लाल
विमला - वो मै थोडे कपडे धुल रही थी तो ऐसे ही चली आई ,मनोज तू इसे बिठा कर पानी पिला मै आती हू
मनोज - जी मा

फिर मनोज किचन मे चला गया और विमला घूम कर गैलरी की तरफ गयी , ओह्ह उसके चुतड भीगी हुई पेतिकोट से चिपके हुए थे और पूरी घाटी का दिदार मेरे सामने था

मै वापस सोफे पर बैठ गया
मनोज मेरे लिए पानी लेके आया इधर हम दोनो थोडी बहुत बाते किये । कि विमला हाल मे वापस आ गई उसने काटन की एक मैकसी पह्नी हुई थी लेकिन उसमे भी उसका भरा गदराया बदन खुल कर दिख रहा था और उपर के बटन खुले थे तो छातियो की घाटी साफ दिख रही थी ।
विमला - और बता बेटा कैसे है सब घर पर
मै - सब ठीक है मौसी आप बताओ
विमला एक नजर मनोज को देख कर - जो भी है बेटा अब ठीक ही है क्या कर सकते है
वही अपनी मा की बात सुन कर मनोज का चेहरा मुरझा गया ।

मै मुस्करा कर - अरे मौसी चिन्ता ना करो जल्द ही सारी तकलीफे दूर जायेगी
विमला चेहरे पर खुशी का भाव लाकर - हा बेटा हो जाये तो अच्छा ही हैं

मै - मौसी मुझे आपसे जरुरी बात करनी है
मै मनोज को देख कर बोला
विमला - मनोज तू जा नहा ले मुझे राज के साथ कुछ जरुरी बात करनी है आ बेटा कमरे मे जाते है ।

मनोज थोडा गंभीर होकर कुछ सोचने लगा तो मैने उसके कन्धे पर हाथ रख कर- भाई चिन्ता मत कर , ये सब तेरे लिए ही हो रहा है और समय आने पर तुझे मौसी बता देंगी ।

मनोज खुश होकर - जी भैया
फिर हम दोनो कमरे मे चले गए और विमला मे सारे खिडकी दरवाजे बंद कर दिये

विमला - हा अब बोल बेटा क्या बात है
मै ह्स्ते हुए - ऐसे थोडी ना पहले चुम्मी दो मुझे
मै उसके तरफ गाल करते हुए कहा
विमला खुश होकर मेरे एक गाल पे किस्स की
विमला - हा अब बोल
मै दुसरा गाल आगे कर - इसपर भी
विमला मुस्कुरा कर मेरे चेहरे को थामा और मेरे दुसरे गाल को चूम लिया फिर मेरे चेहरे को सीधा करके लिप टू लिप किस्स दिया और फिर मेरे लिलार पर किस्स करके - देख हो गया सब अब बता

मै हस कर अपने होठो को साफ करते हुए - अरे वाह मौसी आप बहुत मीठी चुम्मी देती हो
विमला शर्मा गयी - धत्त बदमाश, चल अब बता क्या बात है

मै - खुशखबरी है मौसी खुशखबरी
विमला खुश होकर - अरे तो बता ना क्या हुआ , भाईसाहब ने कुछ किया क्या
मै - अरे कुछ नही मौसी बहुत कुछ,, आज दोपहर मे ही पापा को आपके घर के कागज मिल गये ।

विम्ला खुशी से आसू छलका दी - सच कह रहा है तू बेटा

मै खुसी से - हा मौसी सच है और मै पापा से मिलकर और आपके कागज की फ़ाईल देख कर ही आया हू
विमला खुशी से मेरे माथे को चूम लेती है और मुझे अपने सीने से लगा लेती है
उसके सीने से लगते ही मुझे आभास हो जाता है कि मैक्सि के अन्दर विमला ने कुछ नही पहना था और मै भी उसके मुलायम चुचो मे अपना चेहरा घिस लेता हू

मै - अरे बस करो और सुनो पापा ने कुछ कहा है आपसे
विमला मुझसे अलग होकर - हा बोल ना बेटा

फिर मै विमला को पापा ने आज जो मुझे बताया वो सब मैने उसे बताया और इस बात की चेतावनी भी दी कि भूल से भी इस बात की चर्चा अपने देवरो के सामने ना करे ।

विमला - अरे वाह बेटा तेरे पापा तो बहुत छिपारुस्तम निकले हिहिही
मै - हा लेकिन मैने जो बताया उसको ध्यान रखना और अपने हिसाब से ही मनोज को कुछ बताना

विमला - और कोमल को
मै - उसे तो सारी बाते बता देना , आखिर उसी की पहल से ही सब हुआ है न

विमला - नही बेटा इसमे सबसे बड़ा योगदान तेरा है तू ना होता तो शायद मेरी बेटी भी किसी और से ये बाते ना कहती

मै - अब सारी टेनसन छोडो और कुछ ही दिनो मे हमारा प्लान काम करना शुरू हो जायेगा

विमला - वैसे भाईसाहब ने अच्छी तरकिब लगाई है
मै - हम्म्म तब मेरा इनाम हिहिहिही
विमला - बोल ना क्या चाहिये तुझे
मै - आपके मीठी पप्पी का स्वाद हाहाहाहहा
विमला - बद्माश कही का , चल आ देती हू तुझे
फिर विमला मेरे चेहरे को थामी और उपरी होठ को चुसने लगी , जिससे मेरे होठो की पकड मे विमला के मोटे रसिले निचले होठ आ गये और मै उन्हे चूसने लगा ।
फिर हम अलग हुए और हस्ते हुए अपने होठ पोछ रहे थे

विमला - अब खुश
मै - हा अभी के इतना ठीक है आगे फिर कभी मन किया तो
विमला - जब कहेगा तब तुझे अपने मीठी चुम्मी दूँगी मेरे लाल

मै - सबके सामने भी
विमला - हा तो , अपने बेटे को प्यार करने मे मुझे कोई दिक्कत नही हिहिहिही
फिर हम हसने लगे
फिर मै उनसे विदा होकर घर वापस आ गया और मा को सारी बाते बताई जिससे मा भी खुश हो गयी ।
आज शाम लेट होने की वजह से मेरी कोचिंग छूट गयी थी और अभी 5 वज रहे थे

मै - मा चलो ना आज का कोटा पूरा कर के
मा मुस्कुरा कर - धत्त पागल शाम हो गयी है और अभी सोनल आती होगी

मै - मा भी 5 ब्जे है मै अनुज को बुला देता हू फिर हम छत पर जाकर

मा मुस्कुरा कर - ठीक है बुला फिर
मै अनुज को बुलाने छत पर गया और निचे जाने को बोला

मै - छोटे निचे जा और मा को भेज दे मुझे भूख लगी है
अनुज - ठीक है भैया
फिर अनुज निचे दुकान मे गया और मा उपर आई और उपर कमरे मे जाकर मा ने झटपट अपनी साडी पेतिकोट उठा कर अपनी पैंटी निकालने लगी
मा की जल्दबाजी देख कर हस्ते हुए - अरे आराम से मा इत्नी भी क्या जल्दी है

मा मेरे करीब आकर पैंट के उपर से लण्ड को सहलाते हुए - तेरे मोटे मुसल को जितना जल्दी अपनी चुत मे लेलू उतना ही मज़ा आता है ।

मै मा को बिस्तर पर धकेल दिया और मा ने अपनी साड़ी पेतिकोट कमर तक उठा कर जन्घे खोल दी जिससे उनकी हलकी झाटो वाली चुत मेरे सामने आ गई
मै झट से अपना पैंट और अंडरवियर निकाल कर मा के भोस्डी को देखते हुए अपना लण्ड आगे पीछे करते हुए बिस्तर पर आ गया और लेट चुत पर मुह लगा दिया
मा अपने चुत के होठो पर मेरे होठो का स्पर्श पाकर उत्तेजना से अपनी कमर उचकाने लगी

मा - ओह्ह्ह बेटा तू तो एक नं का खिलाडी है तेरे चुत चाटने मे एक अलग ही नशा होता है अह्ह्ह्ह मेरे लाल उह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं सीईईई इसस अह्ह्ह अह्ह्ह

मै अपना मुह मा की पिचपिचाती चुत मे दबाए उन्के दाने पर जीभ घुमा रहा था और बीच बीच में आइसक्रीम की तरह चुत को नीचे से उपर की तरफ चाट रहा था ।
फिर मै अपना लण्ड हिलाते हुए मा के सीने पर बैठ गया और उन्के मुह पर अपना मोटा मुसल पटकने लगा

मा मुह खोल कर जीभ से मेरे लण्ड को झपटती लेकिन वो मेरे सुपाडे से सरक जाती
फिर मै खुद को पीछे कर मा के मुह लण्ड को उतार दिया मानो चुत मे उतारा हो और गले तक ले जाने के बाद अपने हाथो के बल आगे झुक कर कमर हिलाते हुए मुह मे पेलना सुरु कर दिया

मा मेरे आड़ो को सहलाते हुए लण्ड को मुह मे भरने लगी और गुउउउऊ गुउउऊ करनें लगी । जब मा को घुटन हुई तो वो मेरे पेड़ू पर हाथ रख कर धकेली और मै लण्ड निकाल कर बगल मे आ गया

मा थोडा खासने के बाद मुस्कुरा कर - अह्ह्ह बेटा अब ऐसे ही बेरहमी से मेरे चुत मे भी पेल दे

मै झुक कर मा के होठो को चूम कर उसके खुले जांघो के बीच आ गया और लण्ड को बुर पर लगा कर एक तेज धक्के से अन्दर की तरफ पेल दिया

मा - अह्ह्ह बेटा उह्ह्ह उह्ह्ह अब रुका क्यू है चोद ना मेरे लाल अह्ह्ह आह्ह ऐसे ही आह्ह उम्म्ं मा ह्य्य्य्य मज़ा आ रहा है अह्ह्ह बेटा आह्ह
फिर मै तेजी को चोदने लगा और मा मेरे लण्ड को निचोडना शुरू कर दी
मै - अह्ह्ह मा ऐसे ना करो मै जल्दी झड़ जाऊंगा
मा - हय्य अह्ह्ह आह्ह तो झड़ जा नाअह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ आह्ह मा आह्ह मा देखह्ह मै झड़ रही हहह अह्ह्ह अह्ह्ह पेल मेरे बच्चे अप्नी मा को आह्ह और और अह्ह्ह आह्ह हय्य्य मा

मा तेजी से गाड़ पटकने लगी
और मै तेजी से मा की चुत मे घ्प घप घपा घ्प घपा घ्प पेलने लगा

मै - आह्ह मा मै आ रहा हू अह्ह्ह
मा - जल्दी से मेरे मुह मे भर देते बेटा ला
मै झट से लण्ड निकाला और मेरा लण्ड झटके खाते हुए मा के पुरे बदन और कपडे पर वीर्य गिरने लगा और मा के मुह तक जाते जाते सारा माल मा की चुचियो और गरदन तक ही गिर गया लेकिन फिर भी मा ने मेरे लण्ड को मुह मे लेके अच्छे से चुस कर साफ किया और फिर हम लेट गये

मा हसकर हाफते हुए - आज फिर तुने मेरे कपड़े खराब कर दिये
मै हाफ्ते हुए - सॉरी मा वो मै बस झडने के करीब था तो ..

मा मुस्कुरा कर - कोई बात न्ही बेटे मै अभी जाकर कपड़े बदल लुंगी और साफ कर लुंगी ।

फिर मा चली गयी और मै भी अपने कपडे पहन कर वही चादर ओध कर सो गया ।

जारी रहेगी
Nice update dost
 
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