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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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174
UPDATE 60


नया परिचय

कोमल का परिवार
पापा - रमेश ,अब जिन्दा नही है
मा - विमला , पूर्व परिचित
भाई - मनोज 19 साल
बडे चाचा - महेश उम्र 45 एक नं का कमीना इन्सान
बड़ी चाची - अनिता 44 साल , मोटी और भारी शरीर लेकिन मन से बहुत ही कुटिल औरत
बेटा - गुलशन , 20 साल
छोटे चाचा - सुरेश 44 साल , हमेशा बडे भाई महेश के साथ घटिया कामो मे लगा रहता है
छोटी चाची - महिमा 42 साल सुन्दर और सुशील इसके विचार अच्छे है लेकिन पति कि आदतो से परेसान होकर काफी सालो से मायके मे ही रहती है ।
बेटी- जिया अभी काफी छोटी है और मा के साथ ही नाना के यहा रहती है ।


(सभी किरदार के डिटेल वर्तमान समय के है पाठक इस बात का खास ध्यान रखे)

कोमल के दोनो चाचा एक साथ अलग घर मे रहते है जो कि कोमल के घर से सटा हुआ है । लेकिन कोमल का घर उसके चाचाओ के घर से काफी बड़ा था
मै 10 बजे तक टहलता हुआ कोमल के घर पहूचा और मेन गेट खुला ही था और मै चुप चाप घर मे घुसा और कुछ दुर बरामदे से होते हुए हाल मे गया
वहा भी सन्नाटा था तभी मुझे पास के कमरे से किसी के गुनगनाने की आवाज आई और मै उसी तरफ गया।
फिर मै खिडकी से कमरे मे झाका तो मेरी जीभ टपकने लगी अब सीन ही कुछ ऐसा था
अंदर कमरे मे विमला मौसी नहा कर आई थी और अपना पेतिकोट बान्ध रही थी जिससे उनके खुले चुचे हिल रहे थे ।
उन भूरे घुंडीयो वाली भीगी रसिली मुलायम और दूध सी गोरी चुचीयो को देख कर मेरा लण्ड पैंट उछलना शुरू कर दिया और कब मै उसे सहलाने लगा मुझे पता ही नही चला ।

तभी मेरे खुशीयो को नजर लग गई क्योकि विमला ने अपने चुचो पर ब्लाउज चढा लिये और बटन बंद करते हुए बोली - कोमल बेटा राज कितने बजे आने वाला है
तभी उस कमरे के बगल वाले कमरे से आवाज आई जो कोमल की थी

कोमल - 11 बजे बोला है मा
विमला - ठीक है , मै भी तैयार हो लेती हू

मै सोचा अब तो यहा कुछ देखने को मिलेगा नही तो क्यू ना कोमल से कुछ मस्ती करू
मै चुपचाप वहा से हट गया और बगल के कमरे मे जाने को हुआ तो देखा

मै मन मे - अरे ये तो किचन है इसका मतलब कोमल अभी खाना बना रही है । मै धीरे धीरे कमरे की खिडकी की तरफ गया जो खुली हुई थी
अंदर झाका तो कोमल अंदर टीशर्त स्कर्ट पहने पनीर काट रही थी और सामने के टेबल पर रखे चूल्हे पर मसल भुन रही थी ।
कमरे मे मेरे मन पसंद मसालो की खुस्बु आ रही थी ।

मै अब चुपचाप जहा था वही बैठ गया फिर घुटनो और हाथ के बल धीरे धीरे झुक कर चलता हुआ किचन के दरवाजे से होकर अंदर कोमल के बगल मे आ गया ।

कोमल अपने काम मे मगन थी और मै सांसो तक को रोके हुए उसके पीछे धीरे से खड़ा हुआ और उनके कान मे हौले से बोला - सरप्राइज़ज्ज्ज

कोमल झट से पलती और मुझे देख कर चिल्लाने को हुई लेकिन मैने तुरंत उसके मुह पर हाथ रख कर चुप रहने का इशारा किया

मै - याररर चुप रहो मौसी सुन लेगी
कोमल - लेकिन तुम तो 11 वजे आने वाले थे ना
मै उसके कमर मे दोनो तरफ से हाथ डाल कर अपनी तरफ खिचते हुए - क्यू पहलें नही आ सकता
कोमल मेरी बाहो मे आते ही शर्मा गयी - क्यू नहीं आ सकते हो
मै उसके गुलाबी होते गालो को चूमते हुए - बहुत दिनो से मौका नही मिल रहा था और आज मिला है तो ।
कोमल शर्मा कर - कैसा मौका राज
मै उसके गाड़ पर हाथ फिराते हुए - अभी बताता हू

कोमल - नही अभी नही मुझे खाना वनाना है राज
मै उसको किचन डेस्क की तरफ घुमा कर उसको पीछे से पकड कर अपना लण्ड अन्दर से ही उसकी गाड़ पर रगड़ते हुए - तू बनाओ ना अपना खाना मै तुमको नही रोकूगा

कोमल - ठीक है ,,, लेकिन परेशान मत करना प्लीज
फिर कोमल अपने काम मे लग गई और मै उसके पीछे वही घूटनो के बल बैठ गया और उसके चुतडो पे अपना चेहरा रख दिया

कोमल निचे मेरे तरफ देखते हुए - पागल उठो ना मम्मी है बगल मे पलीज

मै नही माना और उसके आँखो मे देखते हुए उसके स्कर्ट को उपर किया अन्दर अपना चेहरा डाल दिया ।
उसकी ब्लू रंग की फुल पैंटी मे उसके चुतड सब तरफ भरे हुए थे और मुझे उसके चुतड और चुत की खुस्बु के नशे मे डुबो रही थी
वही मेरा स्पर्श पाकर कोमल सिहर उठी और उसके मुलायम जांघो के रोए खडे हो गये । जैसे जैसे मेरा चेहरा उन्के चुतडो की दरार मे पैंटी के उपर से रगड़ खाता वैसे वैसे कोमल किचन टेबल को पकडे अपनी एड़ी उचका कर सिस्क देती थी ।
मैने अपने दोनो हाथ भी अन्दर लेके गया और उसकी पैंटी को स्कर्ट के अन्दर से ही निचे उतारने लगा और जल्द ही उसकी पैंटी पैरो मे आ गई और मेरे जीभ उसकी चुतडो की दरारो मे ,,,,जब जब मै अपनी जीभ को कोमल के गाड़ के पाटो से उसकी गहरी दरारो मे ले जाता वो अपनी गाड़ को सिकोड़ कर अपने पाटो को सख्त कर लेती और जैसे ही मेरे हाथ उसके नंगे कूल्हो पर सरकते वो अपनी गाड़ को ढिला कर देती
मै धीरे धीरे कोमल की मुलायम गाड़ के फैलाते हुए छेद तक गया और गरदन को उचका कर लपालप उसे चाटना शुरू कर दिया
जैसे जैसे मेरे जीभ उसके सुराख को छुते कोमल सिस्क कर एड़ी उठा देती
कोमल - उम्म्ंम राज क्या कर रहे हो अह्ह्ह मा बस करो उम्म्ं इस्स्स्स उफ्फ्फ

मै बिना कुछ बोले उसके जांघो को फैलाये हुए उसके चुत के निचले हिस्से से गाड़ के उपरी सिरे तक लकीरो मे जीभ को नचा रहा था ।

इस दौरान कोमल सिस्क रही थी कि तभी विमला मौसी ने किचन के बाहर खिडकी से देखते हुए आवाज लगा दी

विमला - कोमल क्या कर रही है , मसाला जला देगी क्या
विमला की आवाज सुनते ही हम दोनो की फट गयी और मै कुछ पल के लिए रुक गया
और इधर हड़बड़ी मे कोमल ने झट से काराही मे पानी डाल कर मसाले को चलाने लगी

विमला कोमल को पसीना पसीना होते देख - तू ठीक है ना बेटी,,,कही वो गुलशन आया तो नही था न आज

कोमल भावों को छिपाए हुए - नही मा मै ठीक हू वो गैस के पास हू न ती गर्मी है

विमला - ठीक है मै ये कपडे डाल कर आती हू ,, वैसे क्या क्या तैआर हो गया है

कोमल नोर्मल होते हुए - मा सब कुछ तैयार है बस पनीर ऊबालना है

मै कोमल को नोर्मल होता देख वापस से अपने काम मे लग गया और चुत के निचले हिस्से में जीभ को घुमाने लगा जिससे कोमल टेबल को थामे अकड़ने लगी

विमला - क्या हुआ है तुझे आज
कोमल - वो बस कबसे खड़ी हू ना तो पैर दर्द हो रहे हैं बस

विमला - ठीक है मै आती हू उपर से
फिर विमला के जाने पर उसके चप्प्ल की आहट दुर होती समझ आई और यहा कोमल ने मेरा सर पकड़ कर अपनी गाड़ मे तेज़ी से दबाने लगी
मै कोमल को उत्तेजित देख उसे अपनी तरफ घुमा कर सीधा उसके चुत पर मुह लगा दिया और होठो से उसके मुलायम दाने को चुबलाने लगा

कोमल की आहे अब खुल कर बाहर आने लगी और वो अब वो मेरे सर को अपनी चुत पर दबाते हुए अपनी गाड़ हिलाने लगी
कोमल - आह्ह्ह राजज तुम तो जादुगर हो उफ्फ्फ मा इस्स्स अह्ह्ह और चुसो और अह्ह्ज ऐसा लग रहा है मै उड़ रही हू और चाटो इसे अह्ह्ह

मै कोमल मे चुत मे जीभ घुसाये अपने उपर के होठ को उसके चुत के उपरी चमडीयो पर रगड़ रहा था

कोमल - अह्ह्ह राअज्ज उफ्फ्फ मेरा निकलेगा राज्ज्ज अह्ह्ह मा रुको मत आह्ह आह्ह औसे ही ओफ्फ्फ मा उह्ह्ह
कोमल तेजी से गाड़ हिलाते हुए मेरे सर को अपनी चुत पर जोर लगाकर दबाते हुए अपनी कमर को झटकने लगी और उसके चुत का नमकीन पानी मेरे जीभ से होकर मुह मे जाने लगा
जब कोमल ने झटका देना बंद किया और मेरे सर से पकड को हल्का किया तो मै भी एक गहरी सास लेते हुए वापस से चुत को चाट कर साफ किया और कोमल को उसकी पैंटी पहना दी और चुत के उपर अपना मुह रगड़ के साफ किया

कोमल हाफते हुए हस रही थी
मै खड़ा हुआ और खुद के कपड़े ठीक किये

कोमल - अब जाओ हाल मे बैठो मै ये पनीर डाल के आती हू
मै उसे एक किस्स किया बाहर हाल मे आकर बैठा ही था की तभी विमला हाल मे लगे सीढ़ी से निचे आती हुई दिखी

मै उठ कर उसके पैर छूने गया
विमला ने मुझे रोक लिया और बोली - अरे नही लल्ला मुझ अभागन के पैर ना छू ,,,मै क्या दे सकती हू तुझे

मै थोड़ा गुस्से मे - खबरदार मौसी आज के बाद ऐसे लफ्ज अपनी मुह से निकाला तो ,,, मै कभी भी आपसे बात नही करूँगा

विमला - माफ कर दे मेरे बच्चे ,,और विमला ने मेरे माथे को चूम लिया

विमला - तू बैठ मै पानी लेके आती हू
मै मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाते हुए वापस सोफे पे बैठ गया
फिर विमला कमर मटकाते हुए किचन मे गयी और एक ट्रे मे पानी और गुलाबजामुन लेके आई
मै - अरे मौसी यही से तो आ रहा हू इसकी क्या जरुरत है
मौसी मेरे बगल के सोफे पर बैठते हुए - ले पानी पी फिर कुछ बोल

मै एक गुलाबजामुन लेके मुह मे डाला और पानी पिया
विमला - अकेले क्यू आया रागिनी क्यू नही आई
मै - वो मै आपको घर लिवा जाने के लिए ही आया हू
विमला अचरज से सोच भरी अवस्था मे - मुझे लेने ,,, लेकिन क्यू
मै ह्सते हुए - वही से आपको भगा ले जाऊंगा हिहिहिही
विमला हस्ते हुए - बदमाश बहुत बिगड गया है तू

मै - क्यू नही भागोगी मेरे साथ हिहिही
विमला मुस्कराते हुए - हम्म्म्म्म्ं सोच रही हू मै भी हिहिहिही

इतने मे कोमल किचन से आई और मुझसे ऐसे मिली मानो अभी हमारे बीच कुछ हुआ ही नही

कोमल - हाय राज
मै - और कोमल कैसी हो
कोमल मुस्करा कर - मै ठीक हू और आंटी कैसी है
मै - सब मस्त है आओ बैठो
फिर कोमल मेरे बगल मे बैठ गयी

विमला - अच्छा अब बता क्यू आया यहा
मै थोडा शांत हुआ और बोला - वो मा ने बुलाया है आपको
विमला ह्सते हुए - अरे कुछ तो बताया होगा ना
मै - नही बस बोली है अगर ना नुकुर करे तो मुझसे बात करवा देना

विमला - फिर लगा फोन मै बात करती हू
मै दीदी के मोबाइल पर फोन किया
फोन पर
दीदी - ओए होए हीरो अभी तो गया है न घर से इतनी जल्दी याद आ गई हा
मै दीदी की बात सुन के झेप गया और थोडी हड़बड़ी मे
मै - हा वो वो जरा मा को फोन देना विमला मौसी बात करेंगी
दीदी - तू वहा कब चला
मै - दो ना दीदी मा को जरुरी है
दीदी - रुक निचे जा रही हू ,,ऐसे भडक रहा है जैसे खा जायेगा हुउह

फिर मा के पास पहुच कर फोन मा को देते हुए उसकी आवाज आई- मा राज फोन किया है

मा - हा तू जा उपर
मा - हा बोल बेटा कहा है
मै - मै विमला मौसी के यहा हू लो बात करो
मा - हा दे


फिर विमला और मा के बीच बाते चली जिसमे सिर्फ विमला के बोले अल्फ़ाज से मै समझ गया कि मा उनको डाट कर घर बुला रही है

विमला - चल ठीक है मै अभी आ जाउंगी
फिर विमला ने फोन काट दिया

मै - बोला था ना चलने को खामखा डाट सुनी आप हिहिहिही
विमला - अरे कोई बात नही चलता है रे हमारे बिच ये सब , चल उठ अब खाना खा लेते है ।
फिर मै डायनिग टेबल पे गया और कोमल ने हम तीनो के लिए खाना लगाया
पनीर , गुलाब जामुन , पुलाव , पापड़ , भिन्दी की सुखी सब्जी , दाल फ्राई , पूरी और रायता
आह्ह मज़ा ही आ गया खाने मे ।

खाने के बाद कोमल थाली सब किचन मे ले जाने लगी और इधर
मै - चलो मौसी अब चलते है
मौसी - अरे रुक बेटा थोडा तैयार हो लेने दे ना

मै मौसी को एक नजर उपर से निचे घूरा , मौसी ने ब्लैक रंग की सिफान सारी पहनी थी जिसमे उसके बदन का हर कटाव निखर कर बाहर आ रहा था और होठो पे महरुन लिपस्टिक,,, कयामत थी विमला क्यामत

मुझे ऐसा देखता देख विमला - अरे क्या हुआ ऐसे क्या घुर रहा है
मै - देख रहा हू ऐसी कौन सी कमी है जिसके लिए आप फिर से तैयार होने जा रही हो

विमला शर्मा गयी - अच्छा ठीक है बाबा नही जाती बस
मै - हम्म्म ठीक है चलो

विमला - कोमल बेटा मै जा रही हू अभी एक दो घन्टे मे आ जाऊंगी

मै - अरे तो कोमल अकेले रहेगी यहा
विमला - अरे अभी मनोज आता होगा स्कूल से 12 बजे तक आ जाता है ।

मै थोडा आशवस्त हुआ फिर हम दोनो घर से निकल गये
मेन रोड पर आकर हमने एक ई-रिक्शा किया और निकल गये मेरे दुकान की तरफ

विमला - अरे बेटा कहा लिवा जा रहा है मुझे
मै ह्स्ते हुए - बोला था ना भगा के ले जाऊंगा हिहिहिही
विमला झेप कर ह्सते हुए - ओह्ह ये लड़का भी ना ,
विमला थोडा अपनी भौहो को चढा कर गुस्सा दिखाते हुए मुस्कुरा कर - अरे बता ना बेटा , क्यू परेशान कर रहा है
मै उसके चेहरे को देख के हस्ते हुए - हिहिहिही आपको तो गुस्सा करना भी नही आता । अरे सबर करो अभी जान जाओगी
विमला इससे पहले कुछ बोलती की हमारा मार्केट वाला दुकान आ गया

मै - बस बस भैया यही रोक दो
फिर मैं और विमला बाहर आये और मैने उस रिक्सेवाले को पैसे दिये

विमला मेरे दुकान को देख के - पागल दुकान पर क्यू लाया
मै - अरे मौसी , मा यही आई है ना

फिर हम दोनो दुकान की तरफ बढ़े जहा गल्ले पर पापा बैठे हुए थे और हमे साथ आता देख खडे हुए और विमला का स्वागत किया ।

जारी रहेगी
अपडेट कैसा लगा पढ कर अपना रेवियू जरुर दे आपके महत्वपूर्ण विचारों को इन्तजार रहेगा ।
धन्यवाद
 

Nevil singh

Well-Known Member
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नया परिचय

कोमल का परिवार
पापा - रमेश ,अब जिन्दा नही है
मा - विमला , पूर्व परिचित
भाई - मनोज 19 साल
बडे चाचा - महेश उम्र 45 एक नं का कमीना इन्सान
बड़ी चाची - अनिता 44 साल , मोटी और भारी शरीर लेकिन मन से बहुत ही कुटिल औरत
बेटा - गुलशन , 20 साल
छोटे चाचा - सुरेश 44 साल , हमेशा बडे भाई महेश के साथ घटिया कामो मे लगा रहता है
छोटी चाची - महिमा 42 साल सुन्दर और सुशील इसके विचार अच्छे है लेकिन पति कि आदतो से परेसान होकर काफी सालो से मायके मे ही रहती है ।
बेटी- जिया अभी काफी छोटी है और मा के साथ ही नाना के यहा रहती है ।


(सभी किरदार के डिटेल वर्तमान समय के है पाठक इस बात का खास ध्यान रखे)

कोमल के दोनो चाचा एक साथ अलग घर मे रहते है जो कि कोमल के घर से सटा हुआ है । लेकिन कोमल का घर उसके चाचाओ के घर से काफी बड़ा था
मै 10 बजे तक टहलता हुआ कोमल के घर पहूचा और मेन गेट खुला ही था और मै चुप चाप घर मे घुसा और कुछ दुर बरामदे से होते हुए हाल मे गया
वहा भी सन्नाटा था तभी मुझे पास के कमरे से किसी के गुनगनाने की आवाज आई और मै उसी तरफ गया।
फिर मै खिडकी से कमरे मे झाका तो मेरी जीभ टपकने लगी अब सीन ही कुछ ऐसा था
अंदर कमरे मे विमला मौसी नहा कर आई थी और अपना पेतिकोट बान्ध रही थी जिससे उनके खुले चुचे हिल रहे थे ।
उन भूरे घुंडीयो वाली भीगी रसिली मुलायम और दूध सी गोरी चुचीयो को देख कर मेरा लण्ड पैंट उछलना शुरू कर दिया और कब मै उसे सहलाने लगा मुझे पता ही नही चला ।

तभी मेरे खुशीयो को नजर लग गई क्योकि विमला ने अपने चुचो पर ब्लाउज चढा लिये और बटन बंद करते हुए बोली - कोमल बेटा राज कितने बजे आने वाला है
तभी उस कमरे के बगल वाले कमरे से आवाज आई जो कोमल की थी

कोमल - 11 बजे बोला है मा
विमला - ठीक है , मै भी तैयार हो लेती हू

मै सोचा अब तो यहा कुछ देखने को मिलेगा नही तो क्यू ना कोमल से कुछ मस्ती करू
मै चुपचाप वहा से हट गया और बगल के कमरे मे जाने को हुआ तो देखा

मै मन मे - अरे ये तो किचन है इसका मतलब कोमल अभी खाना बना रही है । मै धीरे धीरे कमरे की खिडकी की तरफ गया जो खुली हुई थी
अंदर झाका तो कोमल अंदर टीशर्त स्कर्ट पहने पनीर काट रही थी और सामने के टेबल पर रखे चूल्हे पर मसल भुन रही थी ।
कमरे मे मेरे मन पसंद मसालो की खुस्बु आ रही थी ।

मै अब चुपचाप जहा था वही बैठ गया फिर घुटनो और हाथ के बल धीरे धीरे झुक कर चलता हुआ किचन के दरवाजे से होकर अंदर कोमल के बगल मे आ गया ।

कोमल अपने काम मे मगन थी और मै सांसो तक को रोके हुए उसके पीछे धीरे से खड़ा हुआ और उनके कान मे हौले से बोला - सरप्राइज़ज्ज्ज

कोमल झट से पलती और मुझे देख कर चिल्लाने को हुई लेकिन मैने तुरंत उसके मुह पर हाथ रख कर चुप रहने का इशारा किया

मै - याररर चुप रहो मौसी सुन लेगी
कोमल - लेकिन तुम तो 11 वजे आने वाले थे ना
मै उसके कमर मे दोनो तरफ से हाथ डाल कर अपनी तरफ खिचते हुए - क्यू पहलें नही आ सकता
कोमल मेरी बाहो मे आते ही शर्मा गयी - क्यू नहीं आ सकते हो
मै उसके गुलाबी होते गालो को चूमते हुए - बहुत दिनो से मौका नही मिल रहा था और आज मिला है तो ।
कोमल शर्मा कर - कैसा मौका राज
मै उसके गाड़ पर हाथ फिराते हुए - अभी बताता हू

कोमल - नही अभी नही मुझे खाना वनाना है राज
मै उसको किचन डेस्क की तरफ घुमा कर उसको पीछे से पकड कर अपना लण्ड अन्दर से ही उसकी गाड़ पर रगड़ते हुए - तू बनाओ ना अपना खाना मै तुमको नही रोकूगा

कोमल - ठीक है ,,, लेकिन परेशान मत करना प्लीज
फिर कोमल अपने काम मे लग गई और मै उसके पीछे वही घूटनो के बल बैठ गया और उसके चुतडो पे अपना चेहरा रख दिया

कोमल निचे मेरे तरफ देखते हुए - पागल उठो ना मम्मी है बगल मे पलीज

मै नही माना और उसके आँखो मे देखते हुए उसके स्कर्ट को उपर किया अन्दर अपना चेहरा डाल दिया ।
उसकी ब्लू रंग की फुल पैंटी मे उसके चुतड सब तरफ भरे हुए थे और मुझे उसके चुतड और चुत की खुस्बु के नशे मे डुबो रही थी
वही मेरा स्पर्श पाकर कोमल सिहर उठी और उसके मुलायम जांघो के रोए खडे हो गये । जैसे जैसे मेरा चेहरा उन्के चुतडो की दरार मे पैंटी के उपर से रगड़ खाता वैसे वैसे कोमल किचन टेबल को पकडे अपनी एड़ी उचका कर सिस्क देती थी ।
मैने अपने दोनो हाथ भी अन्दर लेके गया और उसकी पैंटी को स्कर्ट के अन्दर से ही निचे उतारने लगा और जल्द ही उसकी पैंटी पैरो मे आ गई और मेरे जीभ उसकी चुतडो की दरारो मे ,,,,जब जब मै अपनी जीभ को कोमल के गाड़ के पाटो से उसकी गहरी दरारो मे ले जाता वो अपनी गाड़ को सिकोड़ कर अपने पाटो को सख्त कर लेती और जैसे ही मेरे हाथ उसके नंगे कूल्हो पर सरकते वो अपनी गाड़ को ढिला कर देती
मै धीरे धीरे कोमल की मुलायम गाड़ के फैलाते हुए छेद तक गया और गरदन को उचका कर लपालप उसे चाटना शुरू कर दिया
जैसे जैसे मेरे जीभ उसके सुराख को छुते कोमल सिस्क कर एड़ी उठा देती
कोमल - उम्म्ंम राज क्या कर रहे हो अह्ह्ह मा बस करो उम्म्ं इस्स्स्स उफ्फ्फ

मै बिना कुछ बोले उसके जांघो को फैलाये हुए उसके चुत के निचले हिस्से से गाड़ के उपरी सिरे तक लकीरो मे जीभ को नचा रहा था ।

इस दौरान कोमल सिस्क रही थी कि तभी विमला मौसी ने किचन के बाहर खिडकी से देखते हुए आवाज लगा दी

विमला - कोमल क्या कर रही है , मसाला जला देगी क्या
विमला की आवाज सुनते ही हम दोनो की फट गयी और मै कुछ पल के लिए रुक गया
और इधर हड़बड़ी मे कोमल ने झट से काराही मे पानी डाल कर मसाले को चलाने लगी

विमला कोमल को पसीना पसीना होते देख - तू ठीक है ना बेटी,,,कही वो गुलशन आया तो नही था न आज

कोमल भावों को छिपाए हुए - नही मा मै ठीक हू वो गैस के पास हू न ती गर्मी है

विमला - ठीक है मै ये कपडे डाल कर आती हू ,, वैसे क्या क्या तैआर हो गया है

कोमल नोर्मल होते हुए - मा सब कुछ तैयार है बस पनीर ऊबालना है

मै कोमल को नोर्मल होता देख वापस से अपने काम मे लग गया और चुत के निचले हिस्से में जीभ को घुमाने लगा जिससे कोमल टेबल को थामे अकड़ने लगी

विमला - क्या हुआ है तुझे आज
कोमल - वो बस कबसे खड़ी हू ना तो पैर दर्द हो रहे हैं बस

विमला - ठीक है मै आती हू उपर से
फिर विमला के जाने पर उसके चप्प्ल की आहट दुर होती समझ आई और यहा कोमल ने मेरा सर पकड़ कर अपनी गाड़ मे तेज़ी से दबाने लगी
मै कोमल को उत्तेजित देख उसे अपनी तरफ घुमा कर सीधा उसके चुत पर मुह लगा दिया और होठो से उसके मुलायम दाने को चुबलाने लगा

कोमल की आहे अब खुल कर बाहर आने लगी और वो अब वो मेरे सर को अपनी चुत पर दबाते हुए अपनी गाड़ हिलाने लगी
कोमल - आह्ह्ह राजज तुम तो जादुगर हो उफ्फ्फ मा इस्स्स अह्ह्ह और चुसो और अह्ह्ज ऐसा लग रहा है मै उड़ रही हू और चाटो इसे अह्ह्ह

मै कोमल मे चुत मे जीभ घुसाये अपने उपर के होठ को उसके चुत के उपरी चमडीयो पर रगड़ रहा था

कोमल - अह्ह्ह राअज्ज उफ्फ्फ मेरा निकलेगा राज्ज्ज अह्ह्ह मा रुको मत आह्ह आह्ह औसे ही ओफ्फ्फ मा उह्ह्ह
कोमल तेजी से गाड़ हिलाते हुए मेरे सर को अपनी चुत पर जोर लगाकर दबाते हुए अपनी कमर को झटकने लगी और उसके चुत का नमकीन पानी मेरे जीभ से होकर मुह मे जाने लगा
जब कोमल ने झटका देना बंद किया और मेरे सर से पकड को हल्का किया तो मै भी एक गहरी सास लेते हुए वापस से चुत को चाट कर साफ किया और कोमल को उसकी पैंटी पहना दी और चुत के उपर अपना मुह रगड़ के साफ किया

कोमल हाफते हुए हस रही थी
मै खड़ा हुआ और खुद के कपड़े ठीक किये

कोमल - अब जाओ हाल मे बैठो मै ये पनीर डाल के आती हू
मै उसे एक किस्स किया बाहर हाल मे आकर बैठा ही था की तभी विमला हाल मे लगे सीढ़ी से निचे आती हुई दिखी

मै उठ कर उसके पैर छूने गया
विमला ने मुझे रोक लिया और बोली - अरे नही लल्ला मुझ अभागन के पैर ना छू ,,,मै क्या दे सकती हू तुझे

मै थोड़ा गुस्से मे - खबरदार मौसी आज के बाद ऐसे लफ्ज अपनी मुह से निकाला तो ,,, मै कभी भी आपसे बात नही करूँगा

विमला - माफ कर दे मेरे बच्चे ,,और विमला ने मेरे माथे को चूम लिया

विमला - तू बैठ मै पानी लेके आती हू
मै मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाते हुए वापस सोफे पे बैठ गया
फिर विमला कमर मटकाते हुए किचन मे गयी और एक ट्रे मे पानी और गुलाबजामुन लेके आई
मै - अरे मौसी यही से तो आ रहा हू इसकी क्या जरुरत है
मौसी मेरे बगल के सोफे पर बैठते हुए - ले पानी पी फिर कुछ बोल

मै एक गुलाबजामुन लेके मुह मे डाला और पानी पिया
विमला - अकेले क्यू आया रागिनी क्यू नही आई
मै - वो मै आपको घर लिवा जाने के लिए ही आया हू
विमला अचरज से सोच भरी अवस्था मे - मुझे लेने ,,, लेकिन क्यू
मै ह्सते हुए - वही से आपको भगा ले जाऊंगा हिहिहिही
विमला हस्ते हुए - बदमाश बहुत बिगड गया है तू

मै - क्यू नही भागोगी मेरे साथ हिहिही
विमला मुस्कराते हुए - हम्म्म्म्म्ं सोच रही हू मै भी हिहिहिही

इतने मे कोमल किचन से आई और मुझसे ऐसे मिली मानो अभी हमारे बीच कुछ हुआ ही नही

कोमल - हाय राज
मै - और कोमल कैसी हो
कोमल मुस्करा कर - मै ठीक हू और आंटी कैसी है
मै - सब मस्त है आओ बैठो
फिर कोमल मेरे बगल मे बैठ गयी

विमला - अच्छा अब बता क्यू आया यहा
मै थोडा शांत हुआ और बोला - वो मा ने बुलाया है आपको
विमला ह्सते हुए - अरे कुछ तो बताया होगा ना
मै - नही बस बोली है अगर ना नुकुर करे तो मुझसे बात करवा देना

विमला - फिर लगा फोन मै बात करती हू
मै दीदी के मोबाइल पर फोन किया
फोन पर
दीदी - ओए होए हीरो अभी तो गया है न घर से इतनी जल्दी याद आ गई हा
मै दीदी की बात सुन के झेप गया और थोडी हड़बड़ी मे
मै - हा वो वो जरा मा को फोन देना विमला मौसी बात करेंगी
दीदी - तू वहा कब चला
मै - दो ना दीदी मा को जरुरी है
दीदी - रुक निचे जा रही हू ,,ऐसे भडक रहा है जैसे खा जायेगा हुउह

फिर मा के पास पहुच कर फोन मा को देते हुए उसकी आवाज आई- मा राज फोन किया है

मा - हा तू जा उपर
मा - हा बोल बेटा कहा है
मै - मै विमला मौसी के यहा हू लो बात करो
मा - हा दे


फिर विमला और मा के बीच बाते चली जिसमे सिर्फ विमला के बोले अल्फ़ाज से मै समझ गया कि मा उनको डाट कर घर बुला रही है

विमला - चल ठीक है मै अभी आ जाउंगी
फिर विमला ने फोन काट दिया

मै - बोला था ना चलने को खामखा डाट सुनी आप हिहिहिही
विमला - अरे कोई बात नही चलता है रे हमारे बिच ये सब , चल उठ अब खाना खा लेते है ।
फिर मै डायनिग टेबल पे गया और कोमल ने हम तीनो के लिए खाना लगाया
पनीर , गुलाब जामुन , पुलाव , पापड़ , भिन्दी की सुखी सब्जी , दाल फ्राई , पूरी और रायता
आह्ह मज़ा ही आ गया खाने मे ।

खाने के बाद कोमल थाली सब किचन मे ले जाने लगी और इधर
मै - चलो मौसी अब चलते है
मौसी - अरे रुक बेटा थोडा तैयार हो लेने दे ना

मै मौसी को एक नजर उपर से निचे घूरा , मौसी ने ब्लैक रंग की सिफान सारी पहनी थी जिसमे उसके बदन का हर कटाव निखर कर बाहर आ रहा था और होठो पे महरुन लिपस्टिक,,, कयामत थी विमला क्यामत

मुझे ऐसा देखता देख विमला - अरे क्या हुआ ऐसे क्या घुर रहा है
मै - देख रहा हू ऐसी कौन सी कमी है जिसके लिए आप फिर से तैयार होने जा रही हो

विमला शर्मा गयी - अच्छा ठीक है बाबा नही जाती बस
मै - हम्म्म ठीक है चलो

विमला - कोमल बेटा मै जा रही हू अभी एक दो घन्टे मे आ जाऊंगी

मै - अरे तो कोमल अकेले रहेगी यहा
विमला - अरे अभी मनोज आता होगा स्कूल से 12 बजे तक आ जाता है ।

मै थोडा आशवस्त हुआ फिर हम दोनो घर से निकल गये
मेन रोड पर आकर हमने एक ई-रिक्शा किया और निकल गये मेरे दुकान की तरफ

विमला - अरे बेटा कहा लिवा जा रहा है मुझे
मै ह्स्ते हुए - बोला था ना भगा के ले जाऊंगा हिहिहिही
विमला झेप कर ह्सते हुए - ओह्ह ये लड़का भी ना ,
विमला थोडा अपनी भौहो को चढा कर गुस्सा दिखाते हुए मुस्कुरा कर - अरे बता ना बेटा , क्यू परेशान कर रहा है
मै उसके चेहरे को देख के हस्ते हुए - हिहिहिही आपको तो गुस्सा करना भी नही आता । अरे सबर करो अभी जान जाओगी
विमला इससे पहले कुछ बोलती की हमारा मार्केट वाला दुकान आ गया

मै - बस बस भैया यही रोक दो
फिर मैं और विमला बाहर आये और मैने उस रिक्सेवाले को पैसे दिये

विमला मेरे दुकान को देख के - पागल दुकान पर क्यू लाया
मै - अरे मौसी , मा यही आई है ना

फिर हम दोनो दुकान की तरफ बढ़े जहा गल्ले पर पापा बैठे हुए थे और हमे साथ आता देख खडे हुए और विमला का स्वागत किया ।

जारी रहेगी
अपडेट कैसा लगा पढ कर अपना रेवियू जरुर दे आपके महत्वपूर्ण विचारों को इन्तजार रहेगा ।
धन्यवाद
Awesome update dost
 

Lutgaya

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UPDATE 60


नया परिचय

कोमल का परिवार
पापा - रमेश ,अब जिन्दा नही है
मा - विमला , पूर्व परिचित
भाई - मनोज 19 साल
बडे चाचा - महेश उम्र 45 एक नं का कमीना इन्सान
बड़ी चाची - अनिता 44 साल , मोटी और भारी शरीर लेकिन मन से बहुत ही कुटिल औरत
बेटा - गुलशन , 20 साल
छोटे चाचा - सुरेश 44 साल , हमेशा बडे भाई महेश के साथ घटिया कामो मे लगा रहता है
छोटी चाची - महिमा 42 साल सुन्दर और सुशील इसके विचार अच्छे है लेकिन पति कि आदतो से परेसान होकर काफी सालो से मायके मे ही रहती है ।
बेटी- जिया अभी काफी छोटी है और मा के साथ ही नाना के यहा रहती है ।


(सभी किरदार के डिटेल वर्तमान समय के है पाठक इस बात का खास ध्यान रखे)

कोमल के दोनो चाचा एक साथ अलग घर मे रहते है जो कि कोमल के घर से सटा हुआ है । लेकिन कोमल का घर उसके चाचाओ के घर से काफी बड़ा था
मै 10 बजे तक टहलता हुआ कोमल के घर पहूचा और मेन गेट खुला ही था और मै चुप चाप घर मे घुसा और कुछ दुर बरामदे से होते हुए हाल मे गया
वहा भी सन्नाटा था तभी मुझे पास के कमरे से किसी के गुनगनाने की आवाज आई और मै उसी तरफ गया।
फिर मै खिडकी से कमरे मे झाका तो मेरी जीभ टपकने लगी अब सीन ही कुछ ऐसा था
अंदर कमरे मे विमला मौसी नहा कर आई थी और अपना पेतिकोट बान्ध रही थी जिससे उनके खुले चुचे हिल रहे थे ।
उन भूरे घुंडीयो वाली भीगी रसिली मुलायम और दूध सी गोरी चुचीयो को देख कर मेरा लण्ड पैंट उछलना शुरू कर दिया और कब मै उसे सहलाने लगा मुझे पता ही नही चला ।

तभी मेरे खुशीयो को नजर लग गई क्योकि विमला ने अपने चुचो पर ब्लाउज चढा लिये और बटन बंद करते हुए बोली - कोमल बेटा राज कितने बजे आने वाला है
तभी उस कमरे के बगल वाले कमरे से आवाज आई जो कोमल की थी

कोमल - 11 बजे बोला है मा
विमला - ठीक है , मै भी तैयार हो लेती हू

मै सोचा अब तो यहा कुछ देखने को मिलेगा नही तो क्यू ना कोमल से कुछ मस्ती करू
मै चुपचाप वहा से हट गया और बगल के कमरे मे जाने को हुआ तो देखा

मै मन मे - अरे ये तो किचन है इसका मतलब कोमल अभी खाना बना रही है । मै धीरे धीरे कमरे की खिडकी की तरफ गया जो खुली हुई थी
अंदर झाका तो कोमल अंदर टीशर्त स्कर्ट पहने पनीर काट रही थी और सामने के टेबल पर रखे चूल्हे पर मसल भुन रही थी ।
कमरे मे मेरे मन पसंद मसालो की खुस्बु आ रही थी ।

मै अब चुपचाप जहा था वही बैठ गया फिर घुटनो और हाथ के बल धीरे धीरे झुक कर चलता हुआ किचन के दरवाजे से होकर अंदर कोमल के बगल मे आ गया ।

कोमल अपने काम मे मगन थी और मै सांसो तक को रोके हुए उसके पीछे धीरे से खड़ा हुआ और उनके कान मे हौले से बोला - सरप्राइज़ज्ज्ज

कोमल झट से पलती और मुझे देख कर चिल्लाने को हुई लेकिन मैने तुरंत उसके मुह पर हाथ रख कर चुप रहने का इशारा किया

मै - याररर चुप रहो मौसी सुन लेगी
कोमल - लेकिन तुम तो 11 वजे आने वाले थे ना
मै उसके कमर मे दोनो तरफ से हाथ डाल कर अपनी तरफ खिचते हुए - क्यू पहलें नही आ सकता
कोमल मेरी बाहो मे आते ही शर्मा गयी - क्यू नहीं आ सकते हो
मै उसके गुलाबी होते गालो को चूमते हुए - बहुत दिनो से मौका नही मिल रहा था और आज मिला है तो ।
कोमल शर्मा कर - कैसा मौका राज
मै उसके गाड़ पर हाथ फिराते हुए - अभी बताता हू

कोमल - नही अभी नही मुझे खाना वनाना है राज
मै उसको किचन डेस्क की तरफ घुमा कर उसको पीछे से पकड कर अपना लण्ड अन्दर से ही उसकी गाड़ पर रगड़ते हुए - तू बनाओ ना अपना खाना मै तुमको नही रोकूगा

कोमल - ठीक है ,,, लेकिन परेशान मत करना प्लीज
फिर कोमल अपने काम मे लग गई और मै उसके पीछे वही घूटनो के बल बैठ गया और उसके चुतडो पे अपना चेहरा रख दिया

कोमल निचे मेरे तरफ देखते हुए - पागल उठो ना मम्मी है बगल मे पलीज

मै नही माना और उसके आँखो मे देखते हुए उसके स्कर्ट को उपर किया अन्दर अपना चेहरा डाल दिया ।
उसकी ब्लू रंग की फुल पैंटी मे उसके चुतड सब तरफ भरे हुए थे और मुझे उसके चुतड और चुत की खुस्बु के नशे मे डुबो रही थी
वही मेरा स्पर्श पाकर कोमल सिहर उठी और उसके मुलायम जांघो के रोए खडे हो गये । जैसे जैसे मेरा चेहरा उन्के चुतडो की दरार मे पैंटी के उपर से रगड़ खाता वैसे वैसे कोमल किचन टेबल को पकडे अपनी एड़ी उचका कर सिस्क देती थी ।
मैने अपने दोनो हाथ भी अन्दर लेके गया और उसकी पैंटी को स्कर्ट के अन्दर से ही निचे उतारने लगा और जल्द ही उसकी पैंटी पैरो मे आ गई और मेरे जीभ उसकी चुतडो की दरारो मे ,,,,जब जब मै अपनी जीभ को कोमल के गाड़ के पाटो से उसकी गहरी दरारो मे ले जाता वो अपनी गाड़ को सिकोड़ कर अपने पाटो को सख्त कर लेती और जैसे ही मेरे हाथ उसके नंगे कूल्हो पर सरकते वो अपनी गाड़ को ढिला कर देती
मै धीरे धीरे कोमल की मुलायम गाड़ के फैलाते हुए छेद तक गया और गरदन को उचका कर लपालप उसे चाटना शुरू कर दिया
जैसे जैसे मेरे जीभ उसके सुराख को छुते कोमल सिस्क कर एड़ी उठा देती
कोमल - उम्म्ंम राज क्या कर रहे हो अह्ह्ह मा बस करो उम्म्ं इस्स्स्स उफ्फ्फ

मै बिना कुछ बोले उसके जांघो को फैलाये हुए उसके चुत के निचले हिस्से से गाड़ के उपरी सिरे तक लकीरो मे जीभ को नचा रहा था ।

इस दौरान कोमल सिस्क रही थी कि तभी विमला मौसी ने किचन के बाहर खिडकी से देखते हुए आवाज लगा दी

विमला - कोमल क्या कर रही है , मसाला जला देगी क्या
विमला की आवाज सुनते ही हम दोनो की फट गयी और मै कुछ पल के लिए रुक गया
और इधर हड़बड़ी मे कोमल ने झट से काराही मे पानी डाल कर मसाले को चलाने लगी

विमला कोमल को पसीना पसीना होते देख - तू ठीक है ना बेटी,,,कही वो गुलशन आया तो नही था न आज

कोमल भावों को छिपाए हुए - नही मा मै ठीक हू वो गैस के पास हू न ती गर्मी है

विमला - ठीक है मै ये कपडे डाल कर आती हू ,, वैसे क्या क्या तैआर हो गया है

कोमल नोर्मल होते हुए - मा सब कुछ तैयार है बस पनीर ऊबालना है

मै कोमल को नोर्मल होता देख वापस से अपने काम मे लग गया और चुत के निचले हिस्से में जीभ को घुमाने लगा जिससे कोमल टेबल को थामे अकड़ने लगी

विमला - क्या हुआ है तुझे आज
कोमल - वो बस कबसे खड़ी हू ना तो पैर दर्द हो रहे हैं बस

विमला - ठीक है मै आती हू उपर से
फिर विमला के जाने पर उसके चप्प्ल की आहट दुर होती समझ आई और यहा कोमल ने मेरा सर पकड़ कर अपनी गाड़ मे तेज़ी से दबाने लगी
मै कोमल को उत्तेजित देख उसे अपनी तरफ घुमा कर सीधा उसके चुत पर मुह लगा दिया और होठो से उसके मुलायम दाने को चुबलाने लगा

कोमल की आहे अब खुल कर बाहर आने लगी और वो अब वो मेरे सर को अपनी चुत पर दबाते हुए अपनी गाड़ हिलाने लगी
कोमल - आह्ह्ह राजज तुम तो जादुगर हो उफ्फ्फ मा इस्स्स अह्ह्ह और चुसो और अह्ह्ज ऐसा लग रहा है मै उड़ रही हू और चाटो इसे अह्ह्ह

मै कोमल मे चुत मे जीभ घुसाये अपने उपर के होठ को उसके चुत के उपरी चमडीयो पर रगड़ रहा था

कोमल - अह्ह्ह राअज्ज उफ्फ्फ मेरा निकलेगा राज्ज्ज अह्ह्ह मा रुको मत आह्ह आह्ह औसे ही ओफ्फ्फ मा उह्ह्ह
कोमल तेजी से गाड़ हिलाते हुए मेरे सर को अपनी चुत पर जोर लगाकर दबाते हुए अपनी कमर को झटकने लगी और उसके चुत का नमकीन पानी मेरे जीभ से होकर मुह मे जाने लगा
जब कोमल ने झटका देना बंद किया और मेरे सर से पकड को हल्का किया तो मै भी एक गहरी सास लेते हुए वापस से चुत को चाट कर साफ किया और कोमल को उसकी पैंटी पहना दी और चुत के उपर अपना मुह रगड़ के साफ किया

कोमल हाफते हुए हस रही थी
मै खड़ा हुआ और खुद के कपड़े ठीक किये

कोमल - अब जाओ हाल मे बैठो मै ये पनीर डाल के आती हू
मै उसे एक किस्स किया बाहर हाल मे आकर बैठा ही था की तभी विमला हाल मे लगे सीढ़ी से निचे आती हुई दिखी

मै उठ कर उसके पैर छूने गया
विमला ने मुझे रोक लिया और बोली - अरे नही लल्ला मुझ अभागन के पैर ना छू ,,,मै क्या दे सकती हू तुझे

मै थोड़ा गुस्से मे - खबरदार मौसी आज के बाद ऐसे लफ्ज अपनी मुह से निकाला तो ,,, मै कभी भी आपसे बात नही करूँगा

विमला - माफ कर दे मेरे बच्चे ,,और विमला ने मेरे माथे को चूम लिया

विमला - तू बैठ मै पानी लेके आती हू
मै मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाते हुए वापस सोफे पे बैठ गया
फिर विमला कमर मटकाते हुए किचन मे गयी और एक ट्रे मे पानी और गुलाबजामुन लेके आई
मै - अरे मौसी यही से तो आ रहा हू इसकी क्या जरुरत है
मौसी मेरे बगल के सोफे पर बैठते हुए - ले पानी पी फिर कुछ बोल

मै एक गुलाबजामुन लेके मुह मे डाला और पानी पिया
विमला - अकेले क्यू आया रागिनी क्यू नही आई
मै - वो मै आपको घर लिवा जाने के लिए ही आया हू
विमला अचरज से सोच भरी अवस्था मे - मुझे लेने ,,, लेकिन क्यू
मै ह्सते हुए - वही से आपको भगा ले जाऊंगा हिहिहिही
विमला हस्ते हुए - बदमाश बहुत बिगड गया है तू

मै - क्यू नही भागोगी मेरे साथ हिहिही
विमला मुस्कराते हुए - हम्म्म्म्म्ं सोच रही हू मै भी हिहिहिही

इतने मे कोमल किचन से आई और मुझसे ऐसे मिली मानो अभी हमारे बीच कुछ हुआ ही नही

कोमल - हाय राज
मै - और कोमल कैसी हो
कोमल मुस्करा कर - मै ठीक हू और आंटी कैसी है
मै - सब मस्त है आओ बैठो
फिर कोमल मेरे बगल मे बैठ गयी

विमला - अच्छा अब बता क्यू आया यहा
मै थोडा शांत हुआ और बोला - वो मा ने बुलाया है आपको
विमला ह्सते हुए - अरे कुछ तो बताया होगा ना
मै - नही बस बोली है अगर ना नुकुर करे तो मुझसे बात करवा देना

विमला - फिर लगा फोन मै बात करती हू
मै दीदी के मोबाइल पर फोन किया
फोन पर
दीदी - ओए होए हीरो अभी तो गया है न घर से इतनी जल्दी याद आ गई हा
मै दीदी की बात सुन के झेप गया और थोडी हड़बड़ी मे
मै - हा वो वो जरा मा को फोन देना विमला मौसी बात करेंगी
दीदी - तू वहा कब चला
मै - दो ना दीदी मा को जरुरी है
दीदी - रुक निचे जा रही हू ,,ऐसे भडक रहा है जैसे खा जायेगा हुउह

फिर मा के पास पहुच कर फोन मा को देते हुए उसकी आवाज आई- मा राज फोन किया है

मा - हा तू जा उपर
मा - हा बोल बेटा कहा है
मै - मै विमला मौसी के यहा हू लो बात करो
मा - हा दे


फिर विमला और मा के बीच बाते चली जिसमे सिर्फ विमला के बोले अल्फ़ाज से मै समझ गया कि मा उनको डाट कर घर बुला रही है

विमला - चल ठीक है मै अभी आ जाउंगी
फिर विमला ने फोन काट दिया

मै - बोला था ना चलने को खामखा डाट सुनी आप हिहिहिही
विमला - अरे कोई बात नही चलता है रे हमारे बिच ये सब , चल उठ अब खाना खा लेते है ।
फिर मै डायनिग टेबल पे गया और कोमल ने हम तीनो के लिए खाना लगाया
पनीर , गुलाब जामुन , पुलाव , पापड़ , भिन्दी की सुखी सब्जी , दाल फ्राई , पूरी और रायता
आह्ह मज़ा ही आ गया खाने मे ।

खाने के बाद कोमल थाली सब किचन मे ले जाने लगी और इधर
मै - चलो मौसी अब चलते है
मौसी - अरे रुक बेटा थोडा तैयार हो लेने दे ना

मै मौसी को एक नजर उपर से निचे घूरा , मौसी ने ब्लैक रंग की सिफान सारी पहनी थी जिसमे उसके बदन का हर कटाव निखर कर बाहर आ रहा था और होठो पे महरुन लिपस्टिक,,, कयामत थी विमला क्यामत

मुझे ऐसा देखता देख विमला - अरे क्या हुआ ऐसे क्या घुर रहा है
मै - देख रहा हू ऐसी कौन सी कमी है जिसके लिए आप फिर से तैयार होने जा रही हो

विमला शर्मा गयी - अच्छा ठीक है बाबा नही जाती बस
मै - हम्म्म ठीक है चलो

विमला - कोमल बेटा मै जा रही हू अभी एक दो घन्टे मे आ जाऊंगी

मै - अरे तो कोमल अकेले रहेगी यहा
विमला - अरे अभी मनोज आता होगा स्कूल से 12 बजे तक आ जाता है ।

मै थोडा आशवस्त हुआ फिर हम दोनो घर से निकल गये
मेन रोड पर आकर हमने एक ई-रिक्शा किया और निकल गये मेरे दुकान की तरफ

विमला - अरे बेटा कहा लिवा जा रहा है मुझे
मै ह्स्ते हुए - बोला था ना भगा के ले जाऊंगा हिहिहिही
विमला झेप कर ह्सते हुए - ओह्ह ये लड़का भी ना ,
विमला थोडा अपनी भौहो को चढा कर गुस्सा दिखाते हुए मुस्कुरा कर - अरे बता ना बेटा , क्यू परेशान कर रहा है
मै उसके चेहरे को देख के हस्ते हुए - हिहिहिही आपको तो गुस्सा करना भी नही आता । अरे सबर करो अभी जान जाओगी
विमला इससे पहले कुछ बोलती की हमारा मार्केट वाला दुकान आ गया

मै - बस बस भैया यही रोक दो
फिर मैं और विमला बाहर आये और मैने उस रिक्सेवाले को पैसे दिये

विमला मेरे दुकान को देख के - पागल दुकान पर क्यू लाया
मै - अरे मौसी , मा यही आई है ना

फिर हम दोनो दुकान की तरफ बढ़े जहा गल्ले पर पापा बैठे हुए थे और हमे साथ आता देख खडे हुए और विमला का स्वागत किया ।

जारी रहेगी
अपडेट कैसा लगा पढ कर अपना रेवियू जरुर दे आपके महत्वपूर्ण विचारों को इन्तजार रहेगा ।
धन्यवाद
यदि आपको सिर्फ लेखक कहा जाए तो ये अन्याय होगा मित्र , आप तो कलम के जादूगर हो। बस निरन्तरता बनाए रखना।
 
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